*दुकानों पर सजा तिरंगा ध्वज और टोपी*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस की तैयारी नगर समेत ग्रामीण अंचलों में तेज हो गई है। शिक्षण संस्थान हों या सरकारी कार्यालय हर तरफ साफ - सफाई संग पेंटिंग का काम चल रहा है। एक दिन पूर्व बच्चे स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रम का अभ्यास करते नजर आए। हर संस्थान अपने अंदाज में राष्ट्रीय पर्व मनाने को उत्साहित हैं। भदोही शहर, ज्ञानपुर, गोपीगंज, सुरियावां, औराई, उगापुर, जंगीगंज, सीतामढ़ी और मोढ़ समेत हर बाजारों सज गया है।
*20 लाख की आबादी पर एक ईएनटी चिकित्सक, जिला अस्पताल में पद खाली*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले में 20 लाख की आबादी पर सिर्फ एक ईएनटी चिकित्सक है। जिला अस्पताल में बीते छह महीनों से नाक, कान और गला रोग विशेषज्ञ का पद खाली चल रहा है। इससे जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों को वापस लौटना पड़ रहा है। छह माह माह पूर्व ईएनटी चिकित्सक डॉ. दिप्ती पांडेय की तैनाती जरूर थी, लेकिन वे महाराजा बलवंत सिंह राजकीय अस्पताल चली गईं। जिससे जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों की समस्या बढ़ गई।जिले की आबादी 20 लाख के करीब है। महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय में हर दिन बड़ी संख्या में मरीज पहुंचते हैं। जिला अस्पताल में औसतन हर दिन 750 से 800 मरीजों की ओपीडी होती है। वर्तमान में अस्पताल में 17 चिकित्सकों की तैनाती है, लेकिन नाक, कान और गला रोग विशेषज्ञ का पद बीते छह माह से खाली चल रहा है। पूरे जनपद में केवल एक ईएनटी चिकित्सक हैं। जिनकी तैनाती महाराजा बलवंत सिंह राजकीय अस्पताल भदोही में हैं। छह माह पूर्व वे जिला अस्पताल में ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. दिप्ती पांडेय तैनात थीं, लेकिन बाद में उनका स्थानांतरण भदोही एमबीएस में हो गया। जिसके बाद से ही अस्पताल में ईएनटी चिकित्सक का पद खाली चल रहा है। अस्पताल में हर दिन 08 से 10 मरीज नाक, कान और गला से जुड़े भी पहुंचते हैं, पहले यह संख्या और अधिक थी । लेकिन चिकित्सक न होने की दशा में उन्हें वापस लौटना पड़ता है। केस एक- एक सप्ताह पहले स्नान करते वक्त कान में पानी चला गया था। इससे बहुत तकलीफ था। जिला चिकित्सालय में ईएनटी के डाक्टर को दिखाने आया, लेकिन पता चला भदोही एमबीएस में हैं। फिजिशियन से दवा लिया। अभी आराम है। -अमित राव, ज्ञानपुर। केस दो - क्रिकेट मैच खेलते समय गेंद से कान पर चोंट लग गइ्र। दर्द होने पर जिला चिकित्सालय दवा लेने गया। ईएनटी के डाक्टर स्थानांतरण हो गया है। जिससे लौटना पड़ा। जिला अस्पताल में भी ईएनटी की एक चिकित्सक होना चाहिए।- धीरज गौड़, औराई। जिला अस्पताल में छह माह से पद रिक्त चल रहा है। भदोही एमबीएस में ईएनटी चिकित्सक की तैनाती है। उच्चाधिकारियों को सूचना दी गई है। -- डॉ. एसके चक, सीएमओ भदोही।
*जिले में नौ को मनेगी नांग पंचमी*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। श्रावण मास का विशेष पर्व नागपंचमी है। आचार्य पंडित दीनानाथ शुक्ल ने बताया कि इस वर्ष नाग पंचमी का पर्व शुक्रवार नौ अगस्त मनाया जाएगा। श्रावण शुक्ल पक्ष पंचमी बृहस्पतिवार आठ अगस्त को अर्धरात्रि 12.37 मिनट पर लगेगी।
*कोचिंग सेंटरों पर आग से बचाव के इंतजाम न आने-जाने की बेहतर व्यवस्था*



रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। दिल्ली में गत दिनों कोचिंग के बेसमेंट में पानी भरने से परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की मौत हो गई। जिले में भूमिगत तो नहीं, लेकिन गली-मोहल्लों में सुरक्षा मानकों को दरकिनार कर सैकड़ों सेंटर संचालित हैं। शिक्षा विभाग में मात्र 14 कोचिंग पंजीकृत हैं जबकि 450 का संचालन हो रहा है।जिले में माध्यमिक, इंटर, स्नातक और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए करीब 450 कोचिंग संस्थान संचालित हैं। कॉलेजों के साथ ही महाविद्यालयों में पठन-पाठन बेहतर न होने से छात्र-छात्राएं कोचिंग के सहारे अपना कोर्स पूरा करते हैं। ज्ञानपुर,भदोही ,गोपीगंज, सुरियावां, अभोली समेत अन्य क्षेत्रों में खोले गए कोचिंग सेंटरों पर सुरक्षा मानक का ध्यान नहीं रखा गया है। छात्र संख्या के साथ ही आने-जाने का बेहतर इंतजाम न होने के साथ ही अग्निशमन यंत्र भी नहीं लगाए गए हैं।Street buzz News की टीम ने सोमवार को ज्ञानपुर के पुरानी देहाती, पुरानी बाजार, पटेल नगर, दुर्गागंज रोड में करीब 10 संस्थानों की पड़ताल किया। जिसमें सिर्फ तीन सेंटरों पर ही अग्निशमन यंत्र मिला। सेंटरों पर वेंटिलेशन की हालत भी ठीक नहीं मिली। एक ही कमरे में 30 से 40 की संख्या में विद्यार्थियों को बिठाकर पढ़ाया जा रहा है। गोपीगंज, भदोही समेत अन्य क्षेत्रों में भी कमोबेश यही स्थिति देखने को मिली। ई-लाइब्रेरी को लेकर कोई गाइडलाइन नहीं ज्ञानपुर। जिले के विभिन्न नगरों में हाईटेक एवं कंप्यूटरीकृत शिक्षा ग्रहण करने के लिए करीब 10 से 12 ई-लाइब्रेरी है। प्रथम, द्वितीय तल पर स्थित इन सेंटरों में एंटी और एग्जिट प्वाइंट के लिए सिर्फ एक ही दरवाजा है। यही नहीं विद्युतीकरण होने के बाद भी केंद्रों पर अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था नहीं है। जिससे कभी शार्टसर्किट से आग लगी तो स्थिति विकट हो सकती है। शिक्षा विभाग का कहना है कि अभी तक ई-लाइब्रेरी को लेकर कोई गाइडलाइन नहीं आई है।


ये हैं कोचिंग संचालन के मानक कोचिंग का छात्र संख्या के आधार पर पंजीयन। कोचिंग पढ़ाने वाले शिक्षक प्रशिक्षित व विषय विशेषज्ञ होना चाहिए। छात्रों की संख्या के आधार पर कमरों में बैठने की व्यवस्था। सेंटर में अग्नि सुरक्षा व प्राथमिक चिकित्सा आदि की पर्याप्त व्यवस्था।



छह ब्लॉकों में कोचिंग सेंटरों की जांच के लिए प्रधानाचार्य को नामित किया गया है। एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट मांगी गई है। पंजीकरण की संख्या कम है। जांच के बाद सेंटरों को बंद कराया जाएगा। - अंशुमान, डीआईओएस
*रोजगार मेला सात अगस्त को*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही ‌। भदोही ब्लॉक के फत्तूपुर स्थित राजकीय आईटीआई काॅलेज में जिला सेवायोजन संयुक्त तत्वावधान में सात अगस्त को रोजगार मेला आयोजन किया गया है। मेले में बेरोजगार अभ्यर्थियों का चयन करके रोजगार दिया जाएगा। जिला सेवायोजन अधिकारी शिवानी मिश्रा ने बताया कि सात अगस्त को सुबह दस फत्तूपुर आईटीआई काॅलेज में रोजगार मेला है। मेले में प्रतिभाग करने के लिए अभ्यर्थी सेवायोजन पोर्टल पर पंजीयन कराने के बाद आनलाइन आवेदन भी करना होगा। अभ्यर्थी साक्षात्कार के समय अपने बायोडाटा समस्त प्रमाण पत्र के साथ एक फोटो जरुर लेकर आए।
*मचान विधि से करें सब्जी की खेती, बढ़ेगी पैदावार*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। मानसून सीजन में अधिक बारिश से खराब होने वाली सब्जी की फसलों को बचाने के लिए मचान विधि काफी उपयोगी हो सकती है। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक मचान विधि को अपनाकर किसान 35 फीसदी तक पैदावार को बेहतर कर सकते हैं। जिले में 120 हेक्टेयर में सब्जी की खेती ।जिले में किसानों का एक तबका परंपरागत खेती को छोड़कर सब्जियों की खेती की ओर आकर्षित हुआ है। इस साल उद्यान विभाग की ओर से 120 हेक्टेयर में सब्जी की खेती किये जाने का लक्ष्य है। किसानों की समस्या है कि मानसून सीजन में जब अधिक बारिश होती है तो कई सब्जी की फसलें पानी के कारण खराब हो जाती हैं। जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर जाता है। ऐसे में किसान मचान विधि को अपनाकर फसलों को बचा सकते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र बेजवां के फल एवं सब्जी विशेषज्ञ डॉ. एके चतुर्वेदी ने बताया कि इस पद्धति से खेती करने पर सब्जी की ग्रेडिंग, क्वालटी उत्तम होती है। मचान विधि से खेती करने पर पौधे करीब तीन फीट ऊपर हो जाते हैं। इसे मचान बनाकर ऊपर चढ़ा दिया जाता है। इससे सब्जी खराब नहीं होती। इसके अलावा बीमारी और कीड़ों से दूर रहती है। बारिश के मौसम में करेला, तोरई, लौकी, खीरा, नेनुआ आदि की सब्जियों बारिश के चलते गल जाती हैं। बारिश के मौसम में सब्जियों के दाम भी बढ़ जाते हैं। पौधा गल जाने के कारण किसानों को नुकसान भी उठाना पड़ता है। किसान मचान पद्धति से खेती कर पैदावार 35 फीसदी तक बढ़ा सकते हैं। भिदिऊरा के किसान सुबाष दूबे मचान विधि से पांच बिस्वा लौकी की खेती करते हैं। बताया मचान से लेकर बुआई तक कुल 35 से 40 हजार का खर्च आता है। जबकि एक लाख रुपये की लौकी सीजन भर में बेची जाती है। मजदूरी लागत काट कर 50 फिसदी तक किसानों को आमदनी हो जाती है। मचान बनाने के लिए लोहे का तार, प्लास्टिक की रस्सी व बांस, खूंटे की आवश्यकता होती है। एक मचान का उपयोग करीब दो सालों तक किया जाता है।
*नौ को मनाई जाएगी नाग पंचमी*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। नाग पंचमी पर्व जनपद में नौ अगस्त को धूमधाम से मनाया जाएगा। त्यौहार के मद्देनजर ग्रामीणों अंचलों में लोग कुश्ती,दंगल, कूड़ी, कबड्डी,तैराकी समेत अन्य खेलों की तैयारियों को शुरू कर दिए हैं। त्यौहार को लेकर लोगों में उत्साह नजर आ रहा है। ऐसा मान्यता है कि नाग पंचमी पर्व के दिन नाग देवता को दूध व लावा चढ़ाने से न सिर्फ संकट दूर होते हैं। बल्कि नाग देवता परिजनों की सुरक्षा करते हैं। पर्व के मद्देनजर ग्रामीण अंचलों में आयोजित होने वाली खेल प्रतियोगिताओं को लेकर लोगों में उत्साह देखा गया। कबड्डी, तैराकी, कूड़ी, दंगल आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। जिसमें युवा वर्ग अपनी कला कौशल का प्रदर्शन करेंगे। युवाओं में पहले की तरह पर्व को लेकर उत्साह नहीं देखा जा रहा है। नाग पंचमी के दिन महिलाएं सुबह स्नान आदि करके घरों में पूजा करने के बाद नाग देवता को दूध व लावा चढ़ाती है।
*जीआईसी समेत 38 राजकीय स्कूलों में चलेगी स्मार्ट क्लास*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। विभूति नारायण राजकीय इंटर कॉलेज समेत 38 राजकीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लास चलाई जाएगी। इसके लिए शिक्षा विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। संसाधन और सुविधाएं बढ़ाने के लिए विभाग की ओर से प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। स्वीकृति मिलने पर नए शिक्षा सत्र से स्मार्ट क्लास का संचालन शुरू हो जाएगा। जिले में पांच राजकीय इंटर कॉलेज और 33 राजकीय हाईस्कूल संचालित हैं। जिसमें सात हजार से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। राजकीय विद्यालयों में शासन स्तर से लगातार सुविधाएं बढ़ रही हैं। पीएम श्री, कंपोजिट ग्रांट के अलावा अलग-अलग ग्रांट के माध्यम से विद्यालयों में पेयजल, शौचालय समेंत अन्य सुविधांए बेहतर की जा रही हैं।अब परिषदीय विद्यालयों की तरह राजकीय में स्मार्ट क्लास चलाने की कवायद शुरू कर दी गई है। इन विद्यालयों में प्रोजेक्टर से पढ़ाई शुरु कराने के लिए विभाग की ओर से प्रस्ताव तैयार कराया गया था। जिसके लिए शासन स्तर से हरी झंडी मिल गई है।



अक्तूबर-नवंबर में सभी विद्यालयों को एक-एक प्रोजेक्टर मिल जाएगा। जिसके बाद विद्यालयों की तरफ से एक-एक भवन का चयन कर वहां व्यवस्थाएं बेहतर कर स्मार्ट क्लास चलाई जाएगी। जिससे विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को नई-नई जानकारी हासिल होगी। जिला विद्यालय निरीक्षक अंशुमान ने बताया कि स्मार्ट क्लास के लिए विभाग की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा गया था। अक्तूबर-नवंबर में प्रोजेक्टर समेत अन्य जरूरी संसाधन उपलब्ध होने की संभावना है। अगर सुविधाएं मिल जाएगी तो नए सत्र से यह व्यवस्था सभी 38 राजकीय विद्यालयों में शुरू कर दी जाएगी।
*जीआईसी समेत 38 राजकीय स्कूलों में चलेगी स्मार्ट क्लास*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। विभूति नारायण राजकीय इंटर कॉलेज समेत 38 राजकीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लास चलाई जाएगी। इसके लिए शिक्षा विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। संसाधन और सुविधाएं बढ़ाने के लिए विभाग की ओर से प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। स्वीकृति मिलने पर नए शिक्षा सत्र से स्मार्ट क्लास का संचालन शुरू हो जाएगा। जिले में पांच राजकीय इंटर कॉलेज और 33 राजकीय हाईस्कूल संचालित हैं। जिसमें सात हजार से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। राजकीय विद्यालयों में शासन स्तर से लगातार सुविधाएं बढ़ रही हैं। पीएम श्री, कंपोजिट ग्रांट के अलावा अलग-अलग ग्रांट के माध्यम से विद्यालयों में पेयजल, शौचालय समेंत अन्य सुविधांए बेहतर की जा रही हैं।अब परिषदीय विद्यालयों की तरह राजकीय में स्मार्ट क्लास चलाने की कवायद शुरू कर दी गई है। इन विद्यालयों में प्रोजेक्टर से पढ़ाई शुरु कराने के लिए विभाग की ओर से प्रस्ताव तैयार कराया गया था। जिसके लिए शासन स्तर से हरी झंडी मिल गई है।



अक्तूबर-नवंबर में सभी विद्यालयों को एक-एक प्रोजेक्टर मिल जाएगा। जिसके बाद विद्यालयों की तरफ से एक-एक भवन का चयन कर वहां व्यवस्थाएं बेहतर कर स्मार्ट क्लास चलाई जाएगी। जिससे विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को नई-नई जानकारी हासिल होगी। जिला विद्यालय निरीक्षक अंशुमान ने बताया कि स्मार्ट क्लास के लिए विभाग की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा गया था। अक्तूबर-नवंबर में प्रोजेक्टर समेत अन्य जरूरी संसाधन उपलब्ध होने की संभावना है। अगर सुविधाएं मिल जाएगी तो नए सत्र से यह व्यवस्था सभी 38 राजकीय विद्यालयों में शुरू कर दी जाएगी।
*पांच छात्राओं ने प्रदेश के टॉप टेन में पाया स्थान, राज्यपाल करेंगी सम्मानित*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। नगर स्थित केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय द्वारा स्थापित भारतीय कालीन प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईसीटी) में बीटेक कर रही पांच छात्राओं ने कारपेट एंड टेक्सटाइल इंजीनियरिंग ग्रूप में प्रदेश के टाॅप टेन में स्थान बनाया है। जिसमे शेलवी तिवारी की रैकिंग प्रथम है। इसके अलावा रचना यादव तृतीय, माही प्रजापति चतुर्थ, सोनाली चौहान सातवीं तथा प्रियंबदा पाठक को प्रदेश में दसवा स्थान मिला है।डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय से इसका पत्र प्राप्त होने के बाद संस्थान के स्टाफ और सभी छात्रों में खुशी की लहर दौड़ गई है। संस्थान के निदेशक डाॅ. राजीव कुमार वार्ष्णेय ने इसे छात्राओं की लगन और शिक्षकों की मेहनत बताया है। संस्थान में कारपेट एंड टेक्सटाइल इंजीनियरिंग में चार वर्षीय बीटेक कोर्स संचालित होता है।पिछले दिनों कोर्स के अंतिम वर्ष का परिणाम जारी होने के बाद से डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ में दीक्षांत समारोह की तैयारियों के बीच वहां के परीक्षा नियंत्रक प्रो. राजीव कुमार ने इंजीनियरिंग की विभिन्न शाखाओं के प्रदेश के टाॅप टेन की सूची जारी करते हुए बताया कि 13 अगस्त को होने वाले दीक्षांत समारोह में महामहिम राज्यपाल आनंदी बेन पटेल इन छात्रों को सम्मानित करेंगी। संस्थान के निदेशक ने बताया कि टाप टेन में शामिल आईआईसीटी की पांचों छात्राएं हैं।