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Aug 12 2024, 10:40

मानसून में जरूर खाएं अरबी के पत्ते जितने बड़े पत्ते उतने ज्यादा फायदा आइए जानते हैं अरबी के पते खाने के फायदे


मानसून के मौसम में अरबी के पत्तों का सेवन बहुत लाभकारी होता है। अरबी के पत्ते, जिन्हें तारा पत्ता भी कहा जाता है, पोषण से भरपूर होते हैं और हमारे स्वास्थ्य के लिए कई तरह के फायदे प्रदान करते हैं। आइए जानते हैं, मानसून के दौरान अरबी के पत्ते खाने के कुछ प्रमुख फायदे:

1. पाचन में सुधार

अरबी के पत्ते में फाइबर की उच्च मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करती है। यह कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है और पाचन तंत्र को सुचारू रूप से कार्य करने में मदद करता है।

2. वजन घटाने में मददगार

अरबी के पत्ते कम कैलोरी वाले होते हैं और इनमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो लंबे समय तक भूख को नियंत्रित करता है। यह वजन घटाने में मदद कर सकता है, खासकर जब इसे एक संतुलित आहार के रूप में लिया जाता है।

3. रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि

अरबी के पत्तों में विटामिन सी की भरपूर मात्रा होती है, जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। मानसून के दौरान संक्रमण और सर्दी-खांसी जैसी समस्याओं से बचाव में यह विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है।

4. हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी

अरबी के पत्तों में पोटेशियम की अच्छी मात्रा होती है, जो हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी सहायक होता है, जिससे हृदय रोगों का जोखिम कम होता है।

5. त्वचा के लिए फायदेमंद

अरबी के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो त्वचा को चमकदार और स्वस्थ बनाए रखते हैं। यह त्वचा को फ्री रेडिकल्स से बचाता है और त्वचा की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है।

6. हड्डियों को मजबूत बनाता है

अरबी के पत्तों में कैल्शियम और फास्फोरस होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। नियमित सेवन से हड्डियों का घनत्व बढ़ता है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं से बचाव होता है।

7. मधुमेह रोगियों के लिए उपयोगी

अरबी के पत्तों में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसलिए, यह मधुमेह रोगियों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

8. आयरन का अच्छा स्रोत

अरबी के पत्तों में आयरन की भी अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने और एनीमिया से बचाने में सहायक है।

निष्कर्ष:

अरबी के पत्ते मानसून के दौरान स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होते हैं। इसे सब्जी, पकौड़े, या अन्य व्यंजनों के रूप में अपने आहार में शामिल करके आप इसके स्वास्थ्य लाभों का आनंद ले सकते हैं। ध्यान दें कि इसे सही तरीके से पकाना जरूरी है, क्योंकि कच्चे अरबी के पत्तों में कैल्शियम ऑक्सलेट की मात्रा होती है, जो गले में खुजली या जलन पैदा कर सकती है।

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Aug 11 2024, 09:52

हेल्थ टिप्स:हाई ब्लड प्रेशर के मरीज रोज खाएं ये चीजे बिना दवा के कंट्रोल रहने लगेगा बीपी


हाई ब्लड प्रेशर, जिसे हाइपरटेंशन भी कहा जाता है, एक सामान्य लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। इसका सही समय पर इलाज न किया जाए तो यह दिल, किडनी और अन्य अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है। हालांकि दवाइयों के जरिए इसे नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन कुछ प्राकृतिक उपाय और आहार में बदलाव भी आपके बीपी को नियंत्रित रखने में मदद कर सकते हैं।

1. लहसुन (Garlic):

लहसुन को एक प्राकृतिक औषधि के रूप में जाना जाता है जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक है। इसमें एलिसिन नामक तत्व होता है, जो रक्त वाहिकाओं को रिलैक्स करता है और ब्लड प्रेशर को कम करता है। रोज़ाना एक या दो कच्ची लहसुन की कलियाँ खाने से बीपी नियंत्रण में रहता है।

2. मेथी के बीज (Fenugreek Seeds):

मेथी के बीजों में फाइबर और पोटेशियम होता है, जो शरीर से सोडियम को बाहर निकालने में मदद करता है। यह हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मददगार है। मेथी के बीजों को रातभर पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट खाएं।

3. पालक (Spinach):

पालक में पोटेशियम और फाइबर की भरपूर मात्रा होती है, जो रक्तचाप को नियंत्रित रखने में सहायक है। पालक का नियमित सेवन रक्तचाप को संतुलित बनाए रखने में मदद करता है।

4. केला (Banana):

केला पोटेशियम का एक बेहतरीन स्रोत है, जो शरीर में सोडियम के प्रभाव को संतुलित करता है। रोज़ाना एक या दो केले खाने से ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

5. अलसी के बीज (Flaxseeds):

अलसी के बीज ओमेगा-3 फैटी एसिड्स से भरपूर होते हैं, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मददगार हैं। रोज़ाना अलसी के बीजों का सेवन हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रख सकता है।

6. बेर्रीज़ (Berries):

ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी, और अन्य बेर्रीज़ में फ्लेवोनॉइड्स होते हैं, जो रक्तचाप को कम करने में सहायक होते हैं। नियमित रूप से बेर्रीज़ खाने से हृदय स्वास्थ्य भी बेहतर होता है।

7. दही (Yogurt):

दही में कैल्शियम और प्रोटीन होते हैं, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। रोज़ाना एक कटोरी दही खाने से ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रहता है।

समापन

ऊपर बताए गए खाद्य पदार्थ न केवल ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं, बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होते हैं। हालांकि, हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को अपनी दवाइयों को बंद नहीं करना चाहिए, बल्कि डॉक्टर की सलाह के साथ ही प्राकृतिक उपायों को अपनाना चाहिए। स्वस्थ जीवनशैली, नियमित व्यायाम, और संतुलित आहार के साथ आप अपने ब्लड प्रेशर को प्राकृतिक तरीके से नियंत्रित रख सकते हैं।

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Aug 10 2024, 10:27

रोज सुबह खाली पेट पीजिए सौंफ का पानी मिलते है कई फायदे ,आइए जानते है सौंफ का पानी पीने से होने वाले फायदे के बारे में


सौंफ का पानी पीने के कई फायदे होते हैं, और यह हमारी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। सौंफ एक ऐसा मसाला है जिसे भारतीय घरों में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है। इसका उपयोग न केवल खाना पकाने में बल्कि औषधीय रूप में भी किया जाता है। सौंफ का पानी पीने से कई स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। आइए जानते हैं सौंफ का पानी पीने के कुछ महत्वपूर्ण लाभों के बारे में।

1. पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद

सौंफ का पानी पाचन तंत्र को मजबूत करता है। यह गैस, अपच और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में सहायक होता है। रोज सुबह खाली पेट सौंफ का पानी पीने से पेट की जलन और एसिडिटी में भी आराम मिलता है।

2. वजन घटाने में मददगार

सौंफ का पानी वजन घटाने के लिए भी फायदेमंद है। यह शरीर में जमा अनावश्यक वसा को कम करने में सहायक होता है। सौंफ में मौजूद फाइबर की मात्रा भूख को नियंत्रित करने में मदद करती है, जिससे ओवरईटिंग की संभावना कम हो जाती है।

3. त्वचा के लिए लाभकारी

सौंफ का पानी त्वचा के लिए भी बेहद फायदेमंद है। यह त्वचा को चमकदार और स्वस्थ बनाने में मदद करता है। इसके नियमित सेवन से त्वचा के दाग-धब्बे कम होते हैं और त्वचा में निखार आता है।

4. शरीर को डिटॉक्स करता है

सौंफ का पानी शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक होता है। यह लिवर को साफ करता है और किडनी को भी स्वस्थ रखता है, जिससे शरीर का डिटॉक्सिफिकेशन अच्छे से हो पाता है।

5. मासिक धर्म की समस्याओं में राहत

महिलाओं के लिए सौंफ का पानी मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द और अन्य समस्याओं से राहत दिलाने में मददगार है। इसके सेवन से मासिक धर्म के दौरान ऐंठन और दर्द में आराम मिलता है।

6. इम्यूनिटी बढ़ाता है

सौंफ का पानी इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में भी मदद करता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन्स शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं, जिससे शरीर को विभिन्न संक्रमणों से लड़ने में सहायता मिलती है।

7. मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद

सौंफ का पानी मानसिक तनाव और चिंता को कम करने में भी सहायक होता है। इसका नियमित सेवन मानसिक शांति प्रदान करता है और मन को ताजगी का अनुभव कराता है।

कैसे बनाएं सौंफ का पानी?

सौंफ का पानी बनाने के लिए एक गिलास पानी में एक चम्मच सौंफ को रातभर भिगोकर रखें। सुबह इस पानी को छानकर खाली पेट पिएं। यदि चाहें तो इसमें थोड़ा सा शहद मिलाकर भी पी सकते हैं।

निष्कर्ष

सौंफ का पानी पीने के अनेक फायदे हैं। इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करके आप अपनी सेहत में सुधार कर सकते हैं। लेकिन यदि आपको किसी प्रकार की एलर्जी या स्वास्थ्य समस्या है, तो इसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।

इस लेख को पढ़ने के बाद उम्मीद है कि आप भी सौंफ के पानी को अपने दैनिक जीवन में शामिल करेंगे और इसके फायदों का लाभ उठाएंगे।

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Aug 09 2024, 11:23

क्या आपको पता है रोज एक केला खाना हमारे सेहत के लिए कितना फायदेमंद? आईए जानते हैं रोज एक केला खाने से होने वाले फायदे के बारे में।


केला एक अत्यंत पौष्टिक फल है, जिसे "सुपरफूड" भी कहा जाता है। यह न केवल ऊर्जा से भरपूर होता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी कई प्रकार से लाभकारी है। रोज़ाना एक केला खाने से शरीर को कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्राप्त होते हैं, जो समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं। आइए जानते हैं रोज़ केला खाने के कुछ मुख्य फायदे:

1. ऊर्जा का अच्छा स्रोत

केला ऊर्जा का अच्छा स्रोत है। इसमें प्राकृतिक शर्करा जैसे ग्लूकोज, फ्रुक्टोज और सुक्रोज होती हैं, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करती हैं। इसलिए, इसे व्यायाम से पहले या बाद में खाना लाभकारी होता है।

2. पाचन में सुधार

केले में फाइबर की उच्च मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करती है। यह कब्ज की समस्या को दूर करता है और पाचन प्रक्रिया को सुचारू बनाता है। केले में पाए जाने वाले फाइबर आंतों की सफाई करते हैं और अपच जैसी समस्याओं को भी दूर करते हैं।

3. दिल के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी

केला पोटैशियम का एक उत्कृष्ट स्रोत है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है। नियमित रूप से केला खाने से दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है और यह हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

4. मूड और मानसिक स्वास्थ्य

केले में ट्रिप्टोफैन नामक एक अमीनो एसिड पाया जाता है, जो शरीर में सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ाता है। सेरोटोनिन एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो मूड को बेहतर बनाने और तनाव को कम करने में मदद करता है। इसलिए, रोज केला खाने से मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है।

5. हड्डियों को मजबूत बनाए

केले में कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे महत्वपूर्ण खनिज होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं। यह हड्डियों के घनत्व को बनाए रखता है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डियों की बीमारियों से बचाता है।

6. वजन नियंत्रण में मददगार

केला एक कम कैलोरी वाला फल है, जो वजन घटाने में मदद कर सकता है। इसमें फाइबर की उच्च मात्रा होने के कारण यह पेट को लंबे समय तक भरा रखता है, जिससे ओवरईटिंग की संभावना कम हो जाती है।

7. त्वचा के लिए फायदेमंद

केले में एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन सी होते हैं, जो त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखते हैं। यह त्वचा की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है और त्वचा को दाग-धब्बों से मुक्त रखता है।

8. मधुमेह के रोगियों के लिए सुरक्षित

हालांकि केले में शर्करा होती है, लेकिन इसमें लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जिससे यह मधुमेह के रोगियों के लिए भी सुरक्षित है। यह रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर बनाए रखने में मदद करता है।

9. आंखों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा

केले में विटामिन ए पाया जाता है, जो आंखों की रोशनी को बनाए रखने और उम्र से संबंधित आंखों की समस्याओं से बचाव में सहायक है।

10. इम्यूनिटी को बूस्ट करे

केले में पाए जाने वाले विटामिन सी और बी6 इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं, जिससे शरीर विभिन्न बीमारियों से लड़ने में सक्षम होता है।

निष्कर्ष:

केला एक संपूर्ण और पौष्टिक फल है, जिसे रोजाना अपने आहार में शामिल करना स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभकारी हो सकता है। यह न केवल शारीरिक ऊर्जा प्रदान करता है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को भी सुधारता है। नियमित रूप से केला खाने से आप अपने स्वास्थ्य में कई सुधार देख सकते हैं।

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Aug 07 2024, 10:36

अगर सोते समय हाथ या पैर में होती है झुनझुनाहट तो न करे लापरवाही इन बीमारियों के हो सकते है संकेत


सोते समय हाथ या पैर में झुनझुनी महसूस होना एक सामान्य समस्या है, लेकिन अगर यह बार-बार हो रही है, तो यह कुछ गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है। यहां कुछ संभावित कारण और उनसे संबंधित बीमारियों के बारे में जानकारी दी गई है:

1. तंत्रिका दबाव (Nerve Compression)

सोते समय तंत्रिकाओं पर दबाव पड़ने से झुनझुनी हो सकती है। यह सामान्यतः तब होता है जब हाथ या पैर लंबे समय तक एक ही स्थिति में रहते हैं।

2. कार्पल टनल सिंड्रोम (Carpal Tunnel Syndrome)

इस स्थिति में हाथ की माध्यमिक तंत्रिका पर दबाव पड़ता है, जिससे हाथ और उंगलियों में झुनझुनी और सुन्नता होती है। यह विशेष रूप से उन लोगों में पाया जाता है जो लंबे समय तक कंप्यूटर का उपयोग करते हैं।

3. डायबिटिक न्यूरोपैथी (Diabetic Neuropathy)

डायबिटीज से प्रभावित लोगों में रक्त शर्करा के उच्च स्तर के कारण नसें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, जिससे हाथ और पैरों में झुनझुनी, सुन्नता और दर्द होता है।

4. परिधीय न्यूरोपैथी (Peripheral Neuropathy)

यह स्थिति तब होती है जब परिधीय तंत्रिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, जिससे झुनझुनी और सुन्नता होती है। यह विभिन्न कारणों से हो सकता है, जैसे कि शराब का अधिक सेवन, विषाक्त पदार्थों का संपर्क, या कुछ दवाओं का उपयोग।

5. मल्टीपल स्क्लेरोसिस (Multiple Sclerosis)

यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है। इसके लक्षणों में झुनझुनी, सुन्नता, और दृष्टि समस्याएं शामिल हो सकती हैं।

6. विटामिन बी12 की कमी (Vitamin B12 Deficiency)

विटामिन बी12 की कमी से नसों में क्षति हो सकती है, जिससे झुनझुनी और सुन्नता हो सकती है।

7. रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम (Restless Legs Syndrome)

इस स्थिति में सोते समय पैरों में असहजता महसूस होती है और झुनझुनी हो सकती है, जिससे सोने में कठिनाई होती है।

उपचार और समाधान

चिकित्सकीय जांच: नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करवाएं और उनकी सलाह का पालन करें।

स्वस्थ जीवनशैली: संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और तनाव प्रबंधन से लाभ हो सकता है।

दवाइयों का सेवन: डॉक्टर की सलाह पर आवश्यक दवाइयों का सेवन करें।

संतुलित आहार: विटामिन बी12 युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जैसे मांस, मछली, अंडे, और डेयरी उत्पाद।

यदि आपको अक्सर सोते समय हाथ या पैर में झुनझुनी महसूस होती है, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है, इसलिए तुरंत चिकित्सा सलाह लें और आवश्यक जांच और उपचार करवाएं।

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Aug 06 2024, 10:25

हेल्थ टिप्स: रोज सुबह खाली पेट पीएंगे जीरे का पानी तो मिलेंगे कई फायदे, आइए जानते है जीरे का पानी पीने से होने वाले फायदे के बारे

सुबह-सुबह जीरा का पानी पीने से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। यह एक प्राचीन आयुर्वेदिक उपाय है जिसे विभिन्न शारीरिक समस्याओं को ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता है। आइए जानते हैं जीरा के पानी के प्रमुख

 फायदे:

1. पाचन में सुधार

जीरा का पानी पाचन क्रिया को सुधारने में मदद करता है। यह गैस, अपच, और पेट फूलने जैसी समस्याओं को कम करता है। जीरे में थाइमोक्विनोन नामक तत्व होता है, जो पाचन तंत्र के लिए बेहद फायदेमंद होता है।

2. वज़न कम करने में सहायक

जीरा का पानी शरीर के मेटाबॉलिज्म को तेज करता है, जिससे कैलोरी जलने की प्रक्रिया तेज होती है। यह वज़न कम करने में सहायक होता है और शरीर की चर्बी को घटाने में मदद करता है।

3. इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है

जीरे में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन C इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। यह शरीर को विभिन्न संक्रमणों और बीमारियों से बचाने में मदद करता है।

4. त्वचा के लिए फायदेमंद

जीरा का पानी त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है। यह त्वचा को साफ और चमकदार बनाता है और मुंहासों को कम करता है। जीरे में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण त्वचा संक्रमण को रोकते हैं।

5. डिटॉक्सिफिकेशन

जीरा का पानी शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद करता है। यह शरीर से विषैले तत्वों को निकालता है और शरीर को शुद्ध करता है।

6. हाइड्रेशन

जीरे का पानी पीने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है। यह शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है और दिन भर ऊर्जावान बनाए रखता है।

जीरा का पानी बनाने की विधि

एक गिलास पानी में एक चम्मच जीरा रातभर भिगो दें।

सुबह इस पानी को छानकर खाली पेट पिएं।

निष्कर्ष

जीरा का पानी सुबह-सुबह पीना कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। यह एक सरल और प्रभावी उपाय है जिसे आप अपने दैनिक जीवन में शामिल कर सकते हैं। लेकिन किसी भी नई स्वास्थ्य आदत को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना हमेशा अच्छा होता है।

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Aug 05 2024, 12:51

क्या आप जानते हैं आपके उम्र के हिसाब कितना लंबाई और कितना वजन होना चाहिए

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि आपका लाइफस्टाइल और आहार दोनों ठीक रहे। मेडिकल रिपोर्ट्स पर नजर डालें तो पता चलता है कि इन दिनों तेजी से बढ़ रही क्रोनिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए मोटापा एक प्रमुख जोखिम कारक है। वजन अधिक होने से आप डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, लिवर की बीमारी सहित कई अन्य रोगों के शिकार हो सकते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक लगभग सभी बढ़ते वजन की समस्या के शिकार है, वजन को कंट्रोल में रखना बहुत आवश्यक है।

शोधकर्ता बताते हैं, आहार और लाइफस्टाइल को ठीक रखकर वजन को नियंत्रित रखा जा सकता है। सभी लोगों के लिए ये जानना भी जरूरी है कि आपके उम्र और लंबाई के हिसाब से कितना वजन होना सामान्य है और कितना होना अधिक?

बीएमआई से पता लगा सकते हैं स्वस्थ वजन?

बहुत से लोग इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं कि मेरा वजन कितना होना चाहिए? हालांकि ये ध्यान रखना जरूरी है कि सभी के लिए कोई एक आदर्श वजन पैमाना नहीं है। बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) जैसे तरीके आपके वजन की स्थिति के बारे में जानकारी दे सकते हैं, हालांकि इसकी उपयोगिता के बारे में चिकित्सा विशेषज्ञों के बीच असहमति है। आमतौर पर 18.5 से 24.9 के बीच की बीएमआई स्वस्थ वजन का संकेत देती है जबकि 25 से 30 के बीच की बीएमआई को अधिक वजन वाला माना जाता है। हालांकि, रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के विशेषज्ञ कहते हैं, बीएमआई किसी व्यक्ति की शारीरिक संरचना या उसके स्वास्थ्य का आकलन नहीं करता है। यह एक स्क्रीनिंग टूल है जिसका उपयोग लोगों को संभावित स्वास्थ्य जोखिमों को निर्धारित करने के लिए अन्य परीक्षणों और आकलनों के साथ करना चाहिए।

बच्चों के लिए आदर्श वजन

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बच्चों में बढ़ता वजन एक गंभीर समस्या है जिसके कारण कम उम्र में ही डायबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का खतरा भी हो सकता है। बच्चों के लिए, नियमित रूप से लंबाई और इसके अनुसार वजन पर नजर रखना और भी अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे विकासात्मक समस्याओं का समय रहते पता लगाने में मदद मिल सकती है।

एक माह के बच्चा जिसकी लंबाई करीब 53 सेंटीमीटर हो उसके लिए 4.35 किलो वजन आदर्श माना जाता है। 3 महीने का बच्चा जिसकी लंबाई 60 सेंटीमीटर हो उसके लिए 6 किलो वजन स्वस्थ है।

उम्र (वर्ष) लंबाई (सेमी) वजन (किलोग्राम)
4                   62              6.5
6                   64               7.5
9                   70              8.5
12                 74             9-10
डेढ़ साल         80         10-11
दो साल           85      11.75-13


पुरुषों के लिए स्वस्थ वजन

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, मध्यम शारीरिक ढांचे वाले पुरुषों के लिए, 5'4" से 6'0" तक की ऊंचाई होने पर आदर्श वजन 50-73 किलोग्राम है।  वजन जितना ज्यादा नियंत्रित रहेगा आप उतनी ही बीमारियों से बचे रह सकते हैं।

लंबाई (फिट) वजन (किलोग्राम)
4′ 6                    29-34
4′ 8                   34-40
4′ 10                 38-45
5′ 0                   43-53
5′ 2                   48-58
5′ 4                   53-64
5′ 6                   58-70
5′ 8                   63-76
6′ 0                   72-88


महिलाओं  के लिए स्वस्थ वजन

विशेषज्ञों के मुताबिक मध्यम शारीरिक ढांचे वाली महिलाओं के लिए शरीर की लंबाई 4'10" से 5'8" के बीच होने पर आदर्श वजन 45-59 किलोग्राम माना जाता है।

लंबाई (फिट) वजन (किलोग्राम)
4′ 6                  28-34
4′ 8                 32-39
4′ 10               36-44
5′ 0                 40-49
5′ 2                 44-54
5′ 4                 49-59
5′ 6                 53-64
5′ 8                  57-69
6′ 0                 65-79

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Aug 05 2024, 11:30

ज्यादातर लोगों के दिन की शुरुआत चाय से होती है, लेकिन क्या चाय पीना हमारे लिए फायदेमंद है या नुकसानदायक
हम में से ज्यादातर लोगों के दिन की शुरुआत चाय के साथ होती है। चाय पीना फायदेमंद है या नुकसानदायक इसपर लंबे समय से बहस होती रही है। अध्ययनों में भी इसके मिले-जुले परिणाम देखे गए हैं। कुछ शोध बताते हैं दूध वाली चाय की जगह ब्लैक-टी पीने से कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं जबकि कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि चाय में कैफीन होने के कारण इसके नियमित या ज्यादा सेवन से कई साइड-इफेक्टस भी हो सकते हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, वैसे तो सीमित मात्रा में चाय पीना आमतौर पर ज्यादातर लोगों के लिए नुकसानदायक नहीं माना जाता है, लेकिन अगर आप इसका अधिक या दिन में चार-पांच बार चाय पीते हैं तो इससे कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं। ज्यादातर समस्याएं चाय में मौजूद कैफीन और टैनिन के कारण होती हैं। तो अगर चाय छोड़ दी जाए तो इससे क्या लाभ हो सकते हैं? क्या कहती हैं आहार विशेषज्ञ?

एक महीने के लिए अगर चाय छोड़ दी जाए तो इससे शरीर पर क्या असर होता है, इस बारे में जानने के लिए हमने पुणे स्थित आहार विशेषज्ञ गरिमा जयसवाल से संपर्क किया। गरिमा कहती हैं, सीमित मात्रा में चाय पीने को नुकसानदायक तो नहीं कहा जा सकता है।वहीं अगर आप बिना दूध-चीनी वाली काली चाय जिसमें इम्युनिटी बढ़ाने वाले मसाले मिले हों, उसका सेवन करते हैं तो इसके कई लाभ भी हो सकते हैं। पर यदि आप रोजाना 4-5 बार दूध वाली चाय पी रहे हैं तो इससे कुछ दीर्घकालिक नुकसान का खतरा जरूर रहता है।

एक महीने तक चाय छोड़ने से शरीर में स्वस्थ परिवर्तन हो सकते हैं। 30 दिनों तक कैफीन का सेवन कम होने से अच्छी और बेहतर नींद आती है, चिंता कम होती है साथ ही पाचन स्वास्थ्य में भी सुधार देखा जा सकता है।

सुधरने लगती है नींद की समस्या

चाय में प्राकृतिक रूप से कैफीन होता है, इसलिए इसका अधिक सेवन आपके नींद चक्र को बाधित कर सकता है। कुछ शोध बताते हैं कि कैफीन का अधिक सेवन मेलाटोनिन हार्मोन के उत्पादन को बाधित कर सकता है। ये हार्मोन मस्तिष्क को संकेत देता है कि सोने का समय हो गया है। नींद की कमी थकान, याददाश्त की कमी के अलावा मोटापे और ब्लड शुगर नियंत्रित न रहने जैसी दिक्कतें भी बढ़ा सकती है। एक महीने तक चाय न पीने से मेलाटोनिन का स्तर सामान्य होता है और आप नींद की समस्याओं से बच सकते हैं।

छूटने लगती है कैफीन की लत

कैफीन, आदत बनाने वाला उत्तेजक है, यही कारण है कि चाय या कॉफी पीने की आपको बार-बार इच्छा होती है। समय पर चाय न मिलने से सिरदर्द, चिड़चिड़ापन, हृदय गति में वृद्धि और थकान जैसी दिक्कतें भी हो सकती हैं।

एक महीने तक चाय-कॉफी जैसी कैफीन वाली चीजों से दूरी बना लेने से कैफीन की लत भी समय के साथ कम होने लग जाती है। ये शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की सेहत के लिए फायदेमंद है। पाचन की दिक्कतों में आराम

चाय की पत्तियों में मौजूद टैनिन की अधिकता पाचन के लिए दिक्कतें बढ़ाने लगती है यही कारण है कि कुछ लोगों को ज्यादा चाय पीने के कारण गैस बनने, मतली या पेट दर्द जैसे असुविधाजनक लक्षण हो सकते हैं। नियमित रूप से या रोजाना अधिक चाय के कारण आपको पाचन की गंभीर दिक्कतें भी हो सकती हैं।
एक महीने तक चाय या कैफीन वाली चीजों से दूरी बनाने से पाचन की दिक्कतें ठीक होने लगती हैं, कब्ज-अपच का खतरा कम होता है। पाचन में सुधार के लिए भी ये फायदेमंद है।

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Healthcare

Aug 05 2024, 10:52

अगर बुढ़ापे तक रहना चाहते है हेल्दी तो करे संतुलित आहार का सेवन,आइए जानते है कैसी होनी चाहिए संतुलित आहार


आज के भागदौड़ वाली जिंदगी में शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा, जिसका रोजाना का खान-पान बिल्कुल स्वस्थ तरीके से होता हो।स्वस्थ्य जीवन के लिए संतुलित भोजन जरूरी होता है। यह बात हर कोई जानता है. लेकिन संतुलित भोजन (Balanced Diet) किसे कहते हैं ? इस सवाल का जवाब हर किसी के पास नहीं होता है. वैसे तो हर इंसान यही चाहता है कि उसकी सेहत हमेशा अच्छी रहे. अच्छी सेहत के लिए बैलेंस डाइट की जरूरत होती है।

आहार ऐसा होना चाहिए जो शरीर को पोषण देने के साथ विकास में भी सहायक हो। नियमित भोजन में ऐसे पोषक तत्व होने चाहिए जो शरीर को रोगों से लड़ने लायक बनाए. हेल्थ एक्सपर्ट्स के टिप्स हम सभी पढ़ते हैं, सभी यह सलाह देते हैं कि डेली लाइफ में बैलेंस डाइट जरूरी है. कुछ लोगो बैलेंस डाइट चार्ट को भी बनाते हैं।

संतुलित आहार क्या है ?

जब संतुलित आहार की बात होती है तो रोजाना के भोजन में शामिल पोषक तत्वों की बात हो रही होती है। डेली डाइट में सभी प्रकार के पोषक तत्वों का शामिल होना बेहद जरूरी होता है। कैल्शियम, फाइबर, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट जैसे कुछ उदाहरणों से हम समझते हैं कि शरीर के लिए सभी जरूरी हैं। जब संतुलित भोजन की बात होती हैं, तो कौन-कौन से पोषक तत्व कितनी मात्रा में चाहिए यह जानना जरूरी होता है।

जिस डाइट में सभी पोषक तत्व जरूरी मात्रा में शामिल हों उसे बैलेंस डाइट या संतुलित आहार कहा जाता है। संतुलित आहार में फल, सब्जी, दूध, आनाज और अन्य खाद्य सामग्रियों को शामिल किया जा सकता है।

डेली डाइट में सभी प्रकार के पोषक तत्वों का शामिल होना बेहद जरूरी होता है। कैल्शियम, फाइबर, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट जैसे कुछ उदाहरणों से हम समझते हैं कि शरीर के लिए सभी जरूरी हैं. जब संतुलित भोजन की बात होती है तो कौन-कौन से पोषक तत्व कितनी मात्रा में चाहिए यह जानना जरूरी होता है।

Healthcare

Aug 04 2024, 10:46

सुबह खाली पेट कद्दू के बीज खाने से मिलते है कई फायदे,सूजन,अपच, नींद न आने की समस्याएं होती हैं दूर


सेहतमंद रहने के लिए खानपान पौष्टिक और हेल्दी होना बेहद जरूरी है. अनाज, फल, सब्जी, फलियां, डेयरी प्रोडक्ट्स के साथ ही शरीर के लिए बीज यानी सीड्स भी बेहद फायदेमंद होते हैं. कई तरह के बीज होते हैं, जिसमें कद्दू के बीज (Pumpkin seeds) का सेवन शरीर को कई तरह के रोगों से बचाए रख सकता है. 

कद्दू के बीज कद्दू और गार्ड स्क्वैश की अन्य किस्मों से निकाले गए खाने योग्य बीज हैं. इसे रोस्ट करके, सॉल्टेड बतौर स्नैक्स करके खाया जाता है. इसमें ढेरों पोषक तत्व होते हैं जैसे फाइबर, प्रोटीन, विटामिंस, मिनरल्स जैसे फॉस्फोरस, पोटैशियम, मैग्नीशियम, आयरन, कैल्शियम, जिंक, सोडियम, कॉपर, पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स (गुड फैट्स) आदि होते हैं. चलिए जानते हैं सुबह खाली पेट कद्दू के बीज खाने से होने वाले फायदों के बारे में- 

कद्दू के बीज के सेवन के लाभ

1. वेबएमडी में छपी एक खबर के अनुसार, कद्दू के बीजों का सेवन कई तरह की बीमारियों को दूर करने के लिए वर्षों से किया जाता रहा है. इसे यूरिनरी ट्रैक्ट, ब्लैडर इंफेक्शन, हाई ब्लड प्रेशर, हाई ब्लड शुगर, किडनी स्टोन, पेट में कीड़े आदि को दूर करने के लिए फायदेमंद है.

2. कद्दू के बीजों में कई एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर की कोशिकाओं को बीमारियों के कारण होने वाले क्षति से बचाते हैं. शरीर में इंफ्लेमेशन को कम करते हैं. कई स्टडी में ये बात सामने आई है कि एंटी-इंफ्लेमेटरी फूड्स क्रोनिक डिजीज से बचाते हैं जैसे टाइप 2 डायबिटीज, हार्ट डिजीज आदि

3. मैग्नीशियम होने के कारण कद्दू के बीज हाई ब्लड प्रेशर को कम और नॉर्मल बनाए रखने में कारगर हैं. जब आप मैग्नीशियम से भरपूर डाइट लेते हैं तो स्ट्रोक, हार्ट डिजीज होने का जोखिम भी कम हो जाता है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड के स्तर को बढ़ाकर ब्लड वेसल्स को स्मूद, फ्लेक्सिबल, हेल्दी बनाए रखते हैं. इससे ब्लड सर्कुलेशन भी सही से होता है, जो हार्ट डिजीज के जोखिम को कम करता है.

4. रात में सोने से पहले कद्दू के बीजों को भूनकर या स्मूदी आदि में डालकर सेवन करते हैं तो रात में अच्छी नींद आती है. दरअसल, पम्पकिन सीड्स एमिनो एसिड ट्रिप्टोफैन का नेचुरल सोर्स है, जो बेहतर नींद को बढ़ावा देता है. साथ ही इसमें मौजूद जिंक, कॉपर, सेलेनियम भी स्लीप ड्यूरेशन और क्वालिटी को बूस्ट करते हैं.

5. इन बीजों में फाइबर की मात्रा भी अधिक होती है, ऐसे में इसके सेवन से पाचन तंत्र सही रहता है. पेट साफ होता है. कब्ज से बचाव होता है. सुबह खाली पेट कद्दू के बीजों को खाने से अपच, गैस दूर होता है, पाचन शक्ति मजबूत हो सकती है. कद्दू के बीज का सेवन करने से डायबिटीज कंट्रोल में रहता है. आयरन होने के कारण शरीर में हीमोग्लोबिन कम नहीं होता है. इससे आप एनीमिया का शिकार नहीं होते हैं.