इजरायल पर कभी भी हमला कर सकता है ईरान, अमेरिका के दुश्मन की रूस कर रहा मदद, तेहरान में हथियार पहुंचाने का दावा
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इजरायल और ईरान के बीच युद्ध की आशंका प्रबल है। हमास के प्रमुख इस्माइल हानिया की मौत के बाद ईरान ने इजरायल को युद्ध की धमकी दी थी। हानिया की हत्या ईरान की राजधानी तेहरान में उस वक्त की गई जब वो राजकीय मेहमान के तौर पर वहां मौजूद थे। हानिया की मौत के लिए ईरान ने इजराइल को जिम्मेदार ठहराया है। और इजराइल से बदला लेने की धमकी दी है। अंदेशा जताया जा रहा है कि ईरान किसी भी वक्त इजराइल पर हमला कर सकता है। इस बीच खबर आ रहा है कि अमेरिका के दुश्मन ईरान की रूस मदद कर रहा है। रूस ने तेहरान को अपनी एडवांस वायु रक्षा प्रणाली और रडार भेजना शुरू कर दिया है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि ईरान ने इजरायल के खिलाफ हमले की धमकी दी, ऐसे समय रूस ने ये डिलिवरी शुरू की है। हालांकि, एयर डिफेंस सिस्टम का नाम सामने नहीं आया है। कयास हैं कि रूस तेहरान को एस-400 की सप्लाई कर रहा है। वहीं, बीच में ईरानी मीडिया के हवाले से खबर आई थी कि तेहरान ने एयर डिफेंस सिस्टम के लिए अनुरोध किया था। अब रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव सर्गेई शोइगु के तेहरान दौरे के बाद 2 ईरानी अधिकारियों ने न्यूयॉर्क टाइम्स से पुष्टि की है।
सोमवार को रूस के सुरक्षा परिषद के सचिव और पूर्व रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान समेत ईरान के सुरक्षा अधिकारियों के मुलाकात की थी। इस दौरान पेजेश्कियन ने हमास के राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हानिया की हत्या के साथ ही गाजा में इजरायल के हमले पर चर्चा की। ईरान की सरकारी मीडिया ने पेजेश्कियन के हवाले से कहा गया कि ईरान किसी भी तरह से क्षेत्र में युद्ध का विस्तार नहीं करना चाहता है, लेकिन इजरायल को अपने अपराधों और अहंकार के लिए निश्चित रूप से जवाब मिलेगा। मॉस्को ने भी हमास के राजनीतिक नेता हानिया की हत्या की निंदा की है।
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामनेई ने इस्माइल हानिया की हत्या के बाद इजरायल को सजा देने की कसम खाई है। हानिया की मौत के बाद ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह खामेनेई ने इजराइल पर सीधा हमला करने का आदेश दिया था। ईरानी सेना कई दिनों से इस हमले की तैयारी में जुटी हुई है, माना जा रहा है कि यह हमला अप्रैल में इजराइल पर किए गए ईरान के हमले से कहीं ज्यादा बड़ा होगा।
बता दें कि फ़रवरी 2022 में यूक्रेन पर हमले के बाद से ही रूस और ईरान के बीच सैन्य सहयोग मज़बूत होता जा रहा है। रूस और ईरान के बीच कितने हथियारों का सौदा होता है, इसको लेकर कोई आधिकारिक विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं है। हालांकि, यूएन कॉमट्रेड डेटाबेस और रूस के कस्टम सर्विस से मिले आंकड़े एक धुंधली तस्वीर ज़रूर देते हैं। कॉमट्रेड के आंकड़ों के अनुसार परमाणु समझौता होने के एक साल बाद यानी 2016 रूस और ईरान के बीच हथियारों के कारोबार के लिहाज़ से रिकॉर्ड बनाने वाला वर्ष था। 2022 या 2023 में रूस और ईरान के हथियार व्यापार पर कोई व्यापक अनुमान अभी तक नहीं देखने को मिला है।
स्काई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार 2022 में रूस और ईरान के बीच हुआ एक सैन्य समझौता करीब 17 लाख डॉलर का था। इस सौदे में कथित तौर पर गोला-बारूद और रूस निर्मित टी-72 टैंक के पार्ट-पुर्जे शामिल थे। रूस और ईरान का सैन्य सहयोग तब और मज़बूत दिखा जब रूस ने यूक्रेन युद्ध में ईरानी ड्रोनों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। जो ड्रोन इस्तेमाल किए गए उनमें शहीद-131, शहीद-136 और मोहाजिर-6 यूएवी शामिल हैं।
नीदरलैंड्स स्थित संगठन 'एयरवॉर्स' के अनुसार रूस ने सितंबर 2022 से सितंबर 2023 के बीच यूक्रेन में करीब 2000 शहीद ड्रोन इस्तेमाल किए। ईरान और रूस दोनों ने इन आरोपों को खारिज किया है कि यूक्रेन में रूस को समर्थन देने के लिए शहीद ड्रोन की आपूर्ति ईरान ने की। हालांकि, नवंबर 2022 में ईरान के विदेश मंत्री हुसैन आमिर अब्दुल्लाहियां ने ये पुष्टि कर दी कि ईरान ने युद्ध शुरू होने से 'महीनों पहले' रूस को 'सीमित संख्या में' ड्रोन भेजे थे।
Aug 07 2024, 16:37