केंद्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने छत्तीसगढ़ की तरक्की को सराहा

रायपुर-  केंद्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने रायपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस ली. उन्होंने कहा, 28 राज्यों में केंद्रीय वित्त आयोग का दौरा होगा. पूरे देश के मद्देनजर जो आवश्यकता होगी उस पर आयोग विचार करेगा. छत्तीसगढ़ वित्त आयोग का दूसरा पड़ाव है. राज्यों में आंतरिक तौर पर चर्चाएं चल रही है. अलग-अलग जनप्रतिनिधियों से भी आयोग चर्चा करने वाला है. उनसे भी सुझाव लिए जाएंगे. अलग-अलग प्रदेशों के सेंट्रल टैक्स की अनुशंसाएं ली जाएगी. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों सहित डिजास्टर रिलीफ फंड पर भी अनुशंसाएं ली जाएगी. राज्य सरकार ने अपनी समस्याओं को अपने समक्ष प्रस्तुत किया है.

साय मंत्रिमंडल से मुलाकात पर आयोग के अध्यक्ष पनगढ़िया ने कहा, छत्तीसगढ़ से जुड़ी परियोजनाओं की जानकारी दी गई है. छत्तीसगढ़ ने एक अच्छा प्रोग्रेस दिखाया है. चाहे किसी भी क्षेत्र में हो. रेल, रोड और एयर कनेक्टिविटी को कैसे बढ़ाया जाएगा, इस पर विचार हुआ है. छग एक प्रोड्यूसिंग स्टेट है तो उसकी भरपाई कैसे की जाएगी, केंद्रीय वित्त आयोग का क्या फार्मूला होना चाहिए, पॉपुलेशन, डेंसिटी और एसटी एससी पॉपुलेशन के लिए क्या किया जाए, इस पर भी बातें हुई है.

बैठक में राज्यों में टैक्स संबंधित चर्चा पर वित्त आयोग के अध्यक्ष ने कहा, सेंट्रल टैक्स का वर्टिकल डिविजिबल पूल 41% राज्यों के बीच डिवाइड होता है. 41 % को बढ़ाकर 50% करने की मांग रखी जा रही है. राज्य गठन से अब तक प्रोग्रेस का रिपोर्ट प्रस्तुत हुआ है. 15वे वित्त आयोग के ग्रांट के बाद छग में हुए विकास की रिपोर्ट पर उन्होंने कहा, 15वें वित्त आयोग के प्लान पर चर्चा हुई है. राज्य सरकार ने छग गठन के बाद से अब तक की पूरी रिपोर्ट आयोग के समक्ष रखी है.

राज्य सरकार को दिए हुए ग्रांट की मॉनिटरिंग पर पनगढ़िया ने कहा, ग्रांट दिए जाने के बाद मॉनिटरिंग केंद्र सरकार करती है. पंचायतों को एक ग्रांट दिया गया है. नगरीय निकायों को एक ग्रांट दिया गया. तीसरा ग्रांट आपदा के लिए दिया गया था. अब तक का ब्योरा राज्य सरकार ने प्रस्तुत किया है. सेक्रेटेरिएट में आयोग इसकी प्रस्तुति देगी.

विधानसभा अध्यक्ष के नेतृत्व में हुई वित्तीय समितियों की संयुक्त बैठक, डॉ. रमन सिंह ने कहा- संसदीय समितियों का स्वरूप व्यापक, दी जाती है लघु सदन

रायपुर-   विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में वित्तीय समितियों की संयुक्त बैठक विधानसभा सचिवालय में हुई. बैठक में डॉ. रमन सिंह ने कहा कि संसदीय समितियों का दायरा अत्यंत विस्तृत और व्यापक स्वरूप का होता है, इनकी इसी महत्ता के कारण संसदीय समितियों को लघु सदन की संज्ञा दी जाती है. अन्तः सत्र काल में विधायिका समितियों के माध्यम से ही कार्यपालिका पर नियंत्रण बनाए रखती है और इस सत्र में सभी वित्तीय समितियों के सभापति अनुभवी और संसदीय ज्ञान से परिपूर्ण हैं, जिससे कि उनके सुदीर्घ संसदीय ज्ञान और अनुभवों से हमारे सदन की वित्तीय समितियां लाभान्वित होंगी साथ ही परिणाम मूलक सिद्ध होंगी.

डॉ. रमन सिंह ने सभी वित्तीय समितियों के सभापतियों एवं सदस्यों को वर्ष 2024-25 के लिए सभापति एवं सदस्य चुने जाने पर बधाई दी. बैठक में लोक लेखा समिति के सभापति डॉ. चरणदास महंत, प्राक्कलन समिति के सभापति अजय चन्द्राकर, सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति के सभापति अमर अग्रवाल, स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज लेखा समिति के सभापति धरमलाल कौशिक, प्रधान महालेखाकार यशवंत कुमार, वित्त विभाग के सचिव, संचालक, राज्य संपरीक्षा विधानसभा के सचिव दिनेश शर्मा और वित्त सचिव शारदा वर्मा एवं इन वित्तीय समितियों से संबंद्ध अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे.

वित्तीय समितियां का एक अलग महत्व

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने वित्तीय समितियों के महत्व और उनकी उपयोगिता पर चर्चा करते हुए कहा कि संसदीय समितियां में वित्तीय समितियां का एक अपना अलग महत्व है क्योंकि यही वह समितियां होती हैं, जो विधानसभा द्वारा पारित बजट की राशि को विभिन्न शासकीय विभागों में किस तरह से व्यय किया जा रहा है इस पर नजर रखती हैं, उसकी समीक्षा करती हैं और समीक्षा से प्राप्त निष्कर्ष कार्यपालिका पर वित्तीय अनुशासन को बनाये रखने के लिए सुनिश्चित करती है. इसके बाद उन्होंने वित्तीय समितियों में लोक लेखा समिति को सबसे महत्वपूर्ण समितियों में से एक बताते हुए कहा कि इस समिति के माध्यम से भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक के प्रतिवेदन में प्रस्तुत आर्थिक अंकेक्षण से संबंधित कार्यों की समीक्षा होती है और अगर इसमें अनियमितता सामने आती है तो उस आर्थिक अनियमितता से संबंधित सभी कंडिकाओं का मौखिक परिक्षण तथा शेष अन्य कंडिकाओं पर लिखित जानकारी के आधार पर लोक लेखा समिति परीक्षण करती है.

वित्तीय संसदीय समितियों में प्राक्कलन समिति विभागों के प्राक्कलनों पर विचार तथा बजट एवं अनुदान की मांगों को विधानसभा द्वारा पारित करने के बाद कार्यपालिका की ओर से किए गए खर्च पर सभा का वित्तीय नियंत्रण बनाए रखने का कार्य करती है. इस दौरान प्राक्कलन समिति के सदस्यों से विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने विस्तृत चर्चा करते हुए उनके विचार भी प्राप्त किए.

विधानसभा में समितियां करती है प्रतिवेदन प्रस्तुत

इसके उपरांत विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति को एक और महत्वपूर्ण वित्तीय समिति बताते हुए कहा कि इस समिति के माध्यम से राज्य के विभिन्न निगम अथवा मंडलों के लेखों की जांच महालेखाकार की ओर से की जाती है तथा प्रतिवर्ष प्रतिवेदन तैयार कर विधानसभा में यथासमय प्रस्तुत किया जाता है. सभा में प्रस्तुत सार्वजनिक उपक्रमों से संबंधित महालेखाकार के प्रतिवेदन में ऑडिट आपत्तियों पर विभाग एवं सार्वजनिक उपक्रमों से जानकारी प्राप्त कर आवश्यकतानुसार विभागीय सचिव का मौखिक साक्ष्य को लेकर प्रक्रिया को पूर्ण कर अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करती है.

स्थानीय निकायों एवं पंचायती राज संस्थाओं के लेखों की जांच महालेखाकार की ओर से किए जाने के पश्चात् प्रतिवेदन विधानसभा में प्रस्तुत किया जाता है. उसी प्रकार छत्तीसगढ़ राज्य संपरीक्षा की ओर से भी इन संस्थाओं के लेखों का परीक्षण किया जाकर प्रतिवेदन को विधानसभा में प्रस्तुत किया जाता है. इन प्रतिवेदनों का परीक्षण विधानसभा की स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज लेखा समिति की ओर से किया जाकर अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाता है.

उत्कृष्ट कार्यशैली स्थापित करने का कार्य करना है : डॉ. रमन

बैठक में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने अनुरोध करते हुए कहा कि वित्तीय समितियों के सभापति एवं सदस्यों को समिति की बैठकों के प्रति अपनी उपस्थिति के प्रति सदैव गंभीर रहना है क्योंकि बैठकों की निरंतरता और सभापति एवं सदस्यों की उपस्थिति ही समितियों की सार्थकता को सिद्ध कर सकेगी. समितियों के सभापति एवं सदस्यों का यह सामूहिक प्रयास होना चाहिए कि वित्तीय समितियां बेहतर कार्यकरण के लिए अग्रसर हो साथ ही अन्य राज्यों की समितियों की तुलनात्मक समीक्षा करते हुए छत्तीसगढ़ विधान सभा की वित्तीय समितियों की उत्कृष्ट कार्यशैली को स्थापित करने में सफल हो.

अंत में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने समितियों के प्रति शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की यह षष्ठ्म विधान सभा अभी अपने शैशव काल पर है, शेष कार्य अवधि में हमारी वित्तीय संसदीय समितियां बेहतर से बेहतर परिणाम दे पाने में सफल हो और उन्होंने आशा जताई है कि इन सभी महत्वपूर्ण समितियों की अधिक से अधिक बैठकें आयोजित कर मेहनत एवं लगन से कार्य करते हुए सभी सदस्य अपने-अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करेंगे।

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण: बेघर को मिल रहा है खुद का घर

रायपुर- महल हो या झोपड़ी अपना घर अपना होता है, हर व्यक्ति का एक सपना होता है कि छांव के लिए उसका एक खुद का घर हो। स्वयं का घर होने से कई सारे फायदे है, अपना घर व्यक्ति को वित्तीय सुरक्षा देता है। एक घर को अपना घर कहने में जो गौरव की अनुभूति होती है, इसी सपने सरकार द्वारा साकार किया जा रहा है। समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबके की भलाई के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना संचालित की जा रही है।

प्रधानमंत्री आवास योजना का मुख्य लक्ष्य है कि गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले हर परिवार को अपना खुद का घर मिल सके ताकि उन्हे किराया के घर नहीं लेना पड़े। भारत सरकार के इसी उददेश्य को पूर्ण करने की दिशा में छत्तीसगढ़ में भी विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली राज्य शासन द्वारा इस महत्वकांक्षी योजना को शत् प्रतिशत् पूर्ण करने में कोई कसर नहीं छोड़ा है। नगरों व ग्रामीण इलाकों में रहने वाले निर्धन लोगों को उनकी क्रयशक्ति के अनुकूल प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत् घर प्रदान किये जा रहे हैं।

इसी कड़ी में राज्य के जशपुर जिले के दुलदुला विकासखण्ड के ग्राम दुलदुला निवासी केश्वर राम को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अंतर्गत पक्का आवास मिला है। जब इन्हें आवास मिला तो उसने इस योजना की महत्व को समझते हुए आवास को बड़ी ही उत्सुकता लगन के साथ अनुदान राशि और स्वयं के पास के बचत राशि को मिला कर बहुत ही सुंदर एवं समय पर पक्का आवास बनाया। उसने शासन की महत्वकांक्षी योजनाओं को शत् प्रतिशत् पूर्ण कर ग्राम पंचायत एवं शासन का सहयोग कर गौरन्वित का कार्य किया है। केश्वर के परिवार में इनकी पत्नी जुगनी बाई, 1 पुत्र और 2 पुत्री निवासरत है। केश्वर को आवास 2019-20 में स्वीकृत हुई थी जो कि अब पूर्ण हो चुका है। पक्का आवास बन जाने से अब केश्वर का परिवार चिंतामुक्त और खुशाल जीवन यापन कर रहे है। पहले इनका परिवार एक छोटा सा कच्चा एवं जर्जर मकान में रहकर मजदूरी एवं खेती का कार्य करके अपना परिवार का भरण पोषण करते थे। कच्चे मकान में अपने पत्नी और बच्चों के साथ मुश्किल से जीवन यापन कर रहे थे। कच्चे जर्जर मकान में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता था, जैसे बारिश के मौसम में छत से पानी टपकना, जमीन पर सिलन आना, हर साल घर के छत के लकड़ी को बदलना और जहरीली जीव जंतु से डर का भय बना रहता था।

केश्वर प्रसाद और उनका परिवार पक्का मकान मिलने से खुशी-खुशी जीवन यापन कर रहे है। इन्हें स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय, उज्ज्वला योजना के तहत गैस एवं अन्य सरकारी सुविधाओं का भी लाभ मिल रहे है और उन्होंने प्रधानमंत्री एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया।

भीम सिंह कंवर सीएसपीडीसीएल में संचालक एवं प्रबंध संचालक पदस्थ

रायपुर- राज्य शासन के ऊर्जा विभाग द्वारा आज जारी आदेश के तहत छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के कार्यपालक निदेशक (संचालन/संधारण), भीम सिंह कंवर को छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड में संचालक एवं प्रबंध संचालक के पद पर पदस्थ किया गया है।

प्रधानमंत्री आवास योजना से रवींद्र पांडे का पक्का मकान बनाने का सपना हुआ साकार


रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सुशासन की सरकार और संवेदनशील सरकार ने आवासहीन परिवारों को पक्की छत देने के लिए कृतसंकल्पित है। यह योजना न केवल लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में सहायक है, बल्कि उन्हें एक सुरक्षित और स्थिर आवास भी प्रदान करती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन में गरीब परिवारों को उनका खुद का पक्का मकान मिल रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार की इसी पहल से नारायणपुर जिले के कुम्हारपारा निवासी रवींद्र पांडे और उनके बड़े भाई काशीराम पांडे का पक्का मकान बनाने का सपना साकार हुआ है।

रवींद्र पांडे ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना उनके लिए वरदान साबित हुई है। पुराने दिनों की कठिनाइयों को याद करते हुए उन्होंने बताया कि पहले कच्चे घरौंदे में रहना काफी तकलीफदायक था। मौसम के अनुसार विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ता था; कभी छत टपकती थी तो कभी ठंड से रात भर नींद पूरी नहीं होती थी। अब पक्का मकान मिलने से उनकी ये समस्याएं दूर हो गई हैं। उनके परिवार में उनके बड़े भाई और उनके नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत पक्का मकान बना है।

श्री रवींद्र ने बताया कि उनके परिवार को महतारी वंदना योजना के तहत प्रतिमाह 1 हजार रुपए, उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन और इस वर्ष 3100 रुपए समर्थन मूल्य पर धान बिक्री का लाभ मिला है। उन्होंने जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और लाभ पहुंचाने के लिए देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आभार व्यक्त किया।

प्रधानमंत्री आवास योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को पक्का आवास उपलब्ध कराना है, जिससे वे बिना परेशानियों के अपना जीवन व्यतीत कर सकें। आज इस योजना का लाभ सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी मिल रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सुशासन की सरकार और संवेदनशील सरकार ने इस योजना के माध्यम से कई परिवारों की जिंदगी को बदल दिया है। प्रधानमंत्री आवास योजना न केवल लोगों को आवास प्रदान करती है, बल्कि उन्हें एक सुरक्षित और स्थिर जीवन जीने का अवसर भी देती है। यह योजना प्रदेश में उन सभी लोगों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है जो अपने घर का सपना देख रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत सरकार की प्रतिबद्धता और संवेदनशीलता को दर्शाती है, जिससे लाखों लोगों को अपने सपनों का घर मिल रहा है।

प्रवेश एवं प्रतियोगी परीक्षाओं एवं मौसमी बीमारियों के संबंध में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश, मुख्य सचिव श्री जैन ने कलेक्टरों की वर्चुअल बैठक

रायपुर-  मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने आज यहां मंत्रालय महानदी भवन से महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर राज्य के सभी संभागायुक्त और कलेक्टर्स की वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक ली। उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार के विभिन्न संस्थानों में भर्ती परीक्षाओं सहित अन्य रोजगार परीक्षाओं में सुचिता और सुरक्षा को लेकर भारत सरकार द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए सभी जिलो के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक भविष्य में आयोजित होने वाली परीक्षाओं को लेकर सर्तकता एवं संवेदनशीलता से कार्य करें। इस संबंध में मुख्य सचिव ने कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार परीक्षा केन्द्रों पर सतर्कता बरती जाए। इसी तरह से भारत सरकार द्वारा एक जुलाई से 31 अगस्त 2024 तक स्टॉप डायरिया अभियान चलाया जा रहा है। मुख्य सचिव ने डायरिया नियंत्रण के लिए सभी आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए है।

मुख्य सचिव ने आगामी दिनों में आयोजित होने वाली नीट-पीजी, यूजीसीे-नेट सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में अत्यंत सतर्कता बरतने के निर्देश दिए है। उन्होंने प्रत्येक जिले में आयोजित होने वाली परीक्षाओं के लिए जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा है जिले के अंदर आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं के लिए बनाये जाने वाले परीक्षा केन्द्रों पर अत्यंत सुरक्षा और अन्य जरूरी व्यवस्थाएं की जाए। इसी तरह से स्टॉप डायरिया अभियान के अंतर्गत ऐसे संवेदनशील क्षेत्र जहां पिछले वर्षों में डायरिया के प्रकरण हुए है वहां अत्यंत सतर्कता बरती जाए। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को ओआरएस और जिंक की गोलियां घर-घर जाकर मितानिनों के माध्यम से वितरित की जाए। जहां पर कहीं डायरिया के प्रकरण की जानकारी मिलती है तो वहां पर तुरंत मेडिकल टीम भेजकर स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए। डायरिया से पीड़ितों का समुचित इलाज कराया जाए। मुख्य सचिव ने पेयजल के स्त्रोतों की साफ-सफाई, पाइपों के लिकेज होने की शिकायत पर तत्काल पाइपों का सुधार एवं नए पाइप लगाए जाने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए है। बैठक में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, गृह एवं जेल विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, सभी संभागायुक्त एवं कलेक्टर सहित अन्य विभागों के अधिकारी शामिल हुए।

मुख्य सचिव श्री जैन ने छत्तीसगढ़ विजन 2047 के संबंध में संभागायुक्तों और कलेक्टरों की बैठक ली

रायपुर-   मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन और उपाध्यक्ष, राज्य नीति आयोग अमिताभ जैन ने आज यहां मंत्रालय महानदी भवन से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी संभागायुक्तों और जिला कलेक्टरों की महत्वपूर्ण बैठक ली। बैठक में अमृतकाल छत्तीसगढ़ विजन 2047 डाक्यूमेंट पर सभी संभागों, जिलों से सुझावों लिए गए। छत्तीसगढ़ के विकास और भविष्य की योजनाओं पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया। जिला स्तर पर विशिष्ट समस्याओं, आवश्यकताओं और क्षमताओं पर जिला कलेक्टरों से प्राप्त सुझावों पर गहन चर्चा की गई।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्रों की विशिष्ट आवश्यकताओं, क्षमताओं को पहचानें और उन्हें विजन डाक्यूमेंट में शामिल करने जरूरी कार्यवाही करें। उन्होंने विजन डाक्यूमेंट के संबंध में जिलों के जनप्रतिनिधियों, नागरिकों और विद्यार्थियों के सुझाव प्राथमिकता से लिए जाए। जिससे विजन 2047 दस्तावेज वास्तव में समावेशी और हर क्षेत्र की वास्तविक जरूरतों को पूरा कर सके। आगामी दिनों में विजन डाक्यूमेंट 2047 के संबंध में आयोजित संवाद कार्यक्रम में लोगों की जनसहभागिता सुनिश्चित की जाए।

गौरतलब है कि आजादी के अमृतकाल (2047) तक भारत को विकसित बनाने प्रधानमंत्री ने देशवासियों का आह्वान किया है। प्रदेश सरकार द्वारा 2047 तक छत्तीसगढ़ के समग्र विकास व नागरिकों की समृद्धि का रोडमैप तय करने के लिए विजन डाक्यूमेंट तैयार किया जा रहा है, जिसे प्रदेश स्थापना दिवस को नागरिकों को समर्पित किया जाएगा। राज्य शासन ने विजन डाक्यूमेंट तैयार करने का दायित्व राज्य नीति आयोग को सौंपा गया है। सदस्य, राज्य नीति आयोग ने इस अवसर पर बताया कि विजन डाक्यूमेंट का उद्देश्य छत्तीसगढ़ को विकास के नए आयामों तक पहुंचाना है। उन्होंने अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे जनता की आवाज को प्राथमिकता दें और विकास योजनाओं में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करें। बैठक में सभी संभागायुक्तों और जिला कलेक्टरों ने अपने-अपने क्षेत्रों की विशेष जरूरतों और विकास योजनाओं पर अपने विचार प्रस्तुत किए। बैठक में प्राप्त सुझावों और विचारों को विजन 2047 डाक्यूमेंट में सम्मिलित किया जाएगा, जिससे यह डाक्यूमेंट वास्तविक धरातल पर प्रभावी रूप से लागू हो सके। बैठक में आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के सचिव अंकित आनंद, राज्य नीति आयोग की ओर से सदस्य डॉ के सुब्रमणियम, सदस्य सचिव अनूप श्रीवास्तव, संयुक्त संचालक डॉ. नीतू गोरड़िया भी शामिल थे।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के निर्देश पर वनांचल ग्राम चिल्फीघाटी में विशेष स्वास्थ्य शिविर का आयोजन

रायपुर- उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के पहल पर 10 जुलाई को कबीरधाम जिले के बोड़ला विकासखंड के वनांचल क्षेत्र ग्राम चिल्फीघाटी में विशेष स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। उपमुख्यमंत्री द्वारा दिये गये निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह शिविर प्रत्येक माह की 10 और 25 तारीख को 3 माह तक आयोजित किया जाएगा।

ग्राम चिल्फी में आयोजित इस शिविर में 178 लोगों ने विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाया। शिविर में विशेषज्ञ शिशु रोग, हड्डी रोग, स्त्री रोग, नेत्र, दंत, चर्म, फिजियोथेरेपी, मनोरोग और सामान्य सर्दी, खांसी, बुखार संबंधी इलाज की सेवाएं प्रदान की गईं। एनसीडी प्रोग्राम के तहत 70 लोगों की स्क्रीनिंग जांच भी की गई।

बोड़ला बीएमओ डॉ. विवेक चंद्रवंशी ने बताया कि शिविर में 178 मरीजों का जांच कर उपचार किया गया। एनसीडी प्रोग्राम के तहत 70 लोगों की एनसीडी स्क्रीनिंग की गई। 15 लोगों का मलेरिया, 30 लोगों का नेत्र परीक्षण किया गया, जिसमें 9 लोगों को मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए चिन्हित कर जिला चिकित्सालय में ऑपरेशन की सलाह दी गई। स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा 35 महिलाओं का चेकअप किया गया, जिसमें से 1 महिला को जिला अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी गई। शिशु रोग विशेषज्ञ द्वारा 52 मरीजों का इलाज किया गया, जिसमें 2 बच्चों को जिला अस्पताल में भर्ती के लिए चिन्हित किया गया। ऑर्थोपेडिक्स विशेषज्ञ द्वारा 20 मरीजों का, सर्जरी रोग विशेषज्ञ द्वारा 14 मरीजों का उपचार किया गया और मरीजों को सर्जरी के लिए चिन्हांकित किया गया। दंत चिकित्सक द्वारा 9 मरीजों का उपचार किया गया।

यह स्वास्थ्य शिविर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की पहल पर आयोजित किया गया है, जिससे वनांचल क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को सुनिश्चित किया जा सके। इस प्रकार के शिविरों से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को विशेषज्ञ चिकित्सा सेवाएं उनके निकटतम स्थान पर ही उपलब्ध हो रही हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है और वे गंभीर बीमारियों से बचाव कर पा रहे हैं।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ महा वृक्षारोपण अभियान-2024 का किया शुभारंभ

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज नवा रायपुर के अटल नगर स्थित जैव विविधता पार्क में ‘एक पेड़ मां के नाम’ महावृक्षारोपण अभियान-2024 का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने पूर्ण विधि विधान से पूजन कर पीपल के पौधे का रोपण कर महावृक्षारोपण अभियान की शुरुआत की। मुख्यमंत्री द्वारा अभियान का बैनर जारी किया गया। इस अभियान के तहत वन विभाग द्वारा प्रदेशभर में 4 करोड़ वृक्ष लगाये जाएंगे। इसी के अंतर्गत में आज प्रदेश के 33 जिलों में कुल 4 लाख पेड़ लगाए गए। आज महावृक्षारोपण अभियान के शुभारंभ के मौके पर जैव विविधता पार्क में मुख्यमंत्री श्री साय के साथ सभी कैबिनेट मंत्रीगणों, स्कूली बच्चों, सीआरपीएफ के जवानों, पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों ने 20 हजार पेड़ लगाए। मुख्यमंत्री श्री साय ने ओपन जिप्सी में वृक्षारोपण क्षेत्र का भ्रमण कर अभियान में हिस्सा ले रहे लोगों का उत्साह वर्धन किया।

वन मंत्री केदार कश्यप ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि उप मुख्यमंत्री द्वय अरूण साव एवं विजय शर्मा, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, खेल मंत्री टंकराम वर्मा, विधायक इंद्र कुमार साहू एवं गुरु खुशवंत साहेब उपस्थित थे। सभी ने एक पेड़ मां के नाम वृक्षारोपण किया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 140 करोड़ लोगों से आह्वान किया है कि सभी अपनी मां के नाम से एक पेड़ लगाएं। उनके आह्वान पर यह एक आंदोलन बन गया है, हम लोग छत्तीसगढ़ में भी इसको अभियान के रूप में ले रहे हैं और अकेले वन विभाग का 4 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के 33 जिलों में वन विभाग द्वारा 6 लाख पौधे लगाए जा रहे हैं। बहुत सी प्रजातियों के पेड़ लगाएं जा रहे हैं। पीपल का पेड़ जो 24 घंटा ऑक्सीजन देता है, नीम का पेड़, हर्रा बहेड़ा आंवला जैसे गुणकारी पौधे लगाए जा रहे हैं हर किसी को पेड़ लगाना बहुत आवश्यक है आप सब लोग देख रहे हैं कि पेड़ कम होने से गर्मी के दिनों में गर्मी बहुत बढ़ रही है इस साल तो रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पूरे देश में पड़ी है। पारा 50 डिग्री पहुंच गया। पूरे विश्व में गर्मी से मरने वालों की संख्या बहुत बढ़ गई है, ऐसे समय में बहुत आवश्यक हो जाता है कि हम सभी पेड़ लगाएं। आज वृक्षारोपण अभियान में हमारे स्कूली बच्चे शामिल हुए, हमारे सीआरपीएफ के जवान शामिल हुए, हमारे वन और पुलिस विभाग का अमला भी शामिल हुआ। इन सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद। मुख्यमंत्री ने सभी स्कूलों से भी आह्वान किया है कि बच्चे अपने स्कूल परिसर में अपनी मां के नाम पर एक पेड़ अवश्य लगाएं।

महतारी वंदन योजना की बहनों से भी करेंगे पेड़ लगाने की अपील

मुख्यमंत्री ने कहा कि महतारी वंदन योजना की बहनों को राशि वितरण के लिए अगस्त माह में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में वे माता-बहनों से अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगाने की अपील करेंगे। यदि 70 लाख महिलाएं पेड़ लगाएंगी तो लक्ष्य आसानी से पूरा होगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर एक वृक्ष अपने मां के सम्मान में लगाकर उसकी देखभाल करें, उसकी रक्षा करें। यह गौरव का विषय है कि आज हमारे राज्य के सभी वन रेंज में कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने केन्द्रीय वित्त आयोग से मांगा छत्तीसगढ़ के लिए विशेष अनुदान

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज छत्तीसगढ़ के प्रवास पर आए 16वें वित्त आयोग के साथ बैठक में राज्य की विशेष परिस्थितियों एवं आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ को विशेष अनुदान देने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ नवोदित राज्य है, जो जनजातीय बहुल, कठिन भौगोलिक परिस्थितियों से घिरा एवं माओवाद प्रभावित है। छत्तीसगढ़ को विकसित राज्यों की बराबरी में लाने के लिए अधिक वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता होगी।

बैठक में 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया, उप मुख्यमंत्री अरूण साव और विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप, उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, वित्त आयोग के सदस्य अजय नारायण झा, एन्नी जार्ज मैथ्यू, डॉ. मनोज पांडा, डॉ. सौम्यकांति घोष, सचिव रित्विक पांडे सहित दल के सदस्य उपस्थित थे।

बैठक में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से विकास कार्य किए जा रहे हैं, साथ ही माओवाद पर अंकुश लगाने की दिशा में प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। इन क्षेत्रों में कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण अधोसंरचना विकास के कार्यों में अतिरिक्त व्यय भार आता है। नियद नेल्लानार योजना के अंतर्गत इन क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए कार्य किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि केंद्रीय वित्त आयोग से राज्य को अधिक वित्तीय सहायता की अनुशंसा की जाती है, तो निश्चित ही पिछड़े इलाकों में लोकहित के कार्यों को बड़े पैमाने पर किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि देश तेजी से आर्थिक महाशक्ति बन रहा है और इसके लिए छत्तीसगढ़ भी पूरी मेहनत से काम कर रहा है। विकसित भारत के साथ ही विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण हम करेंगे। हमारी अपेक्षा है केंद्रीय वित्त आयोग छत्तीसगढ़ के हमारे विजन को अमल में लाने के लिए अधिक वित्तीय सहायता प्रदान करे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कठिन भौगोलिक परिस्थ्तिियों के कारण रेल, सड़क, दूरसंचार, ऊर्जा, सिंचाई की परियोजनाओं की लागत एवं समय-सीमा में वृद्धि के कारण हमें अतिरिक्त व्यय भार वहन करना पड़ रहा है। खनन गतिविधियों के कारण पर्यावरण को होने वाली क्षति और लोगों पर स्वास्थ्य संबंधी दुष्प्रभावों से निपटने के लिए हमें अतिरिक्त धनराशि खर्च करनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि जीएसटी खपत एवं गन्तव्य आधारित कर प्रणाली के कारण खनन गतिविधियों का वास्तविक लाभ छत्तीसगढ़ को न मिलकर उन राज्यों को मिल रहा है जहां खनिजों का वैल्यू-एडिशन हो रहा है और खनिजों की खपत हो रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ के गठन के समय मात्र 29 हजार 539 करोड़ रुपए की छोटी सी अर्थव्यवस्था के साथ इस राज्य ने शुरूआत की थी। वर्ष 2023-24 में राज्य 5 लाख 9 हजार करोड़ रुपए के जीएसडीपी के लक्ष्य को प्राप्त कर चुका है। आने वाले पांच वर्षों में हम जीएसडीपी के आकार को दोगुना करने के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी योजनाएं जिनका संचालन केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के अंशदान से हो रहा है, उनमें केन्द्र सरकार से मिलने वाली राशि का अनुपात बढ़ाया जाए।

केंद्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविन्द पनगढ़िया ने छत्तीसगढ़ की आर्थिक प्रगति की रफ्तार की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रदेश में तेजी से प्रगति हो रही हैै। नवा रायपुर को बहुत सुन्दर और व्यवस्थित तरीके से बसाया गया है। छत्तीसगढ़ बहुत ही सुन्दर राज्य है। विकसित भारत एवं विकसित छत्तीसगढ़ बनाने के संकल्प को पूरा करने के लिए मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स पर जोर देना होगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में राजकोषीय स्थिरता के साथ आर्थिक वृद्धि एवं सामाजिक सूचकांकों में तेजी से सुधार हुआ है। छत्तीसगढ़ एक नवोदित एवं तेजी से बढ़ता राज्य है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने के संबंध में कहा कि यहां का सबसे बड़ा संसाधन मानव शक्ति है। जिनको मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के लिए स्किल्ड बनाना होगा।

वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने राज्य के वित्तीय परिदृश्य पर प्रस्तुतीकरण देते हुए कहा कि नवा रायपुर को ग्रीन स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां अधोसंरचना विकास के लिए केन्द्र से और अधिक संसाधन मिलने चाहिए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ निर्धारित मापदंडों के अनुसार वित्तीय अनुशासन का पालन कर रहे हैं और आगे भी इसे जारी रखेंगे। कर प्रणाली में आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग कर लीकेज को समाप्त करने का प्रयास कर रहे हैं। वित्त मंत्री ने केन्द्रीय वित्त आयोग द्वारा केन्द्र और राज्यों के बीच करों के बटवारें के मापदंडों के बारे में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उप मुख्यमंत्रियों और मंत्रिगणों ने भी वित्त आयोग के समक्ष अपने विभाग से संबंधित योजनाओं की जानकारी देते हुए अधिक संसाधन उपलब्ध कराने का आग्रह किये।

मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने स्वागत भाषण दिया। पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने पुलिस बल के लिए संसाधनों की आवश्यकताओं पर तथा एनआरडीए के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सौरभ कुमार ने नवा रायपुर की परियोजनाओं के लिए संसाधनों की जरूरतों पर प्रस्तुतीकरण दिया।