रेल संरक्षा आयुक्त, पूर्वोत्तर परिमंडल,  प्रणजीव सक्सेना ने किया नई विद्युतकर्षण लाइन युक्त तीसरी रेल लाइन खण्ड का संरक्षा परीक्षण
लखनऊ। रेलवे प्रशासन द्वारा यात्री सुविधा में उन्नयन एवं परिचालनिक सुगमता के लिए 3 एवं 4 जुलाई 2024 को पूर्वाेत्तर रेलवे लखनऊ मण्डल के तीसरी रेल लाइन निर्माण के प्रथम चरण में गोंडा कचहरी-करनैलगंज खंड (23.65 किमी.) का 25,000 वोल्ट ए.सी क्षमता के नई विद्युतकर्षण लाइन युक्त तीसरी रेल लाइन खण्ड का संरक्षा परीक्षण रेल संरक्षा आयुक्त, पूर्वोत्तर परिमंडल,  प्रणजीव सक्सेना द्वारा किया जायेगा।

इस अवसर पर मुख्यालय के संबंधित प्रमुख विभागाध्यक्ष, मण्डल रेल प्रबन्धक, लखनऊ, श्री आदित्य कुमार एवं शाखाधिकारी उपस्थित रहेंगें।
इस दौरान रेल संरक्षा आयुक्त द्वारा गोंडा कचहरी-करनैलगंज खण्ड के मध्य आने वाले कर्व, आर.यू.बी., पॉइंट्स एवं क्रॉसिंग्स, रेलवे लाइन फिटिंग्स, सिग्नल, समपार फाटक तथा पैनल रूम, रिले रूम आदि का निरीक्षण किया जायेगा। निरीक्षण के पश््चात गोंडा कचहरी-करनैलगंज खण्ड के मध्य स्पेशल टे्न द्वारा स्पीड ट्रायल भी किया जायेगा। सभी क्षेत्रीय जनता एवं विशेषकर रेलवे लाइन के समीपवर्ती इलाकों में रहने वाले निवासियों को सचेत किया जाता है कि निरीक्षण एवं स्पीड ट्रायल के दौरान वह रेलवे लाइन पर गाड़ियों के संचालन के प्रति सतर्कता बरतें तथा अपने मवेशियों को रेलवे लाइन के आस पास खुले में न छोड़ें।
                                                             
स्कूल चलो अभियान के तहत मंडलायुक्त डॉ रोशन जैकब पहुंची प्राथमिक विद्यालय महमूदपुर व कम्पोजिट विद्यालय पहाड़नगर
लखनऊ। मण्डलायुक्त डॉ रोशन जैकब ने सोमवार को प्रवेशोत्सव कार्यक्रम के तहत प्राथमिक विद्यालय महमूदपुर एवं कम्पोजिट विद्यालय पहाड़पुर में नवप्रवेशित बच्चों को फूल माला पहनाकर तथा पाठ्य-पुस्तकें इत्यादि वितरित कर उनका स्वागत किया गया।

प्राथमिक विद्यालय महमूदपुर में प्रवेशोत्सव कार्यक्रम के तहत 25 नवप्रवेशित कक्षा-1 के बच्चों को एनसीईआरटी की नई पाठ्य-पुस्तकें, स्टेशनरी कॉपी, पेन्सिल, रबर, बॉक्स एवं बिस्क्टि, टॉफियां इत्यादि देकर बच्चों को दुलारा और उन्हें नियमित तौर पर स्कूल आने के लिये प्रेरित किया। मण्डलायुक्त द्वारा कक्षा-2 के बच्चों को भी पाठ्य-पुस्तकें वितरित की गयी तथा परिसर को साफ-सुथरा, आकर्षक एवं उत्कृष्ट बनाने के लिये प्रधानाध्यापिका मधु यादव एवं विद्यालय प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष मो जुबेर सहित समस्त स्टाफ की प्रशंसा की।

मंडलायुक्त ने आदर्श, अनामिका एवं दीक्षा आदि बच्चों को उपहार देते समय नियमित तौर पर स्कूल आने की हामी भी भरवायी। कम्पोजिट विद्यालय पहाड़नगर में प्रधानाध्यापक विनोद राय एवं खण्ड शिक्षा अधिकारी रामराज द्वारा मण्डलायुक्त का स्वागत किया गया, जिसके बाद मण्डलायुक्त द्वारा नवप्रवेशित 11 बच्चों का पुष्प माला, चॉकलेट, बिस्किट, खिलौने, स्टेशनरी तथा पाठ्य-पुस्तकें देकर स्वागत किया गया तथा बच्चों एवं उनके अभिभावकों से स्कूल आने एवं उन्हें नियमित स्कूल भेजने के लिए अनुरोध किया गया। मण्डलायुक्त द्वारा कम्प्यूटर लैब का भी निरीक्षण किया गया तथा नामांकन अभिवृद्धि करने के निर्देश उपस्थित समस्त को दिये गये। निरीक्षण के समय मण्डलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) श्याम किशोर तिवारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी, मुख्यालय तथा खण्ड शिक्षा अधिकारी गोसाईंगंज उपस्थित रहे।
सड़क पर शराब पीने पिलाने वालों के खिलाफ आबकारी विभाग ने चलाया विशेष प्रवर्तन अभियान
लखनऊ। उत्तर प्रदेश शासन एवं आबकारी आयुक्त, उप्र के आदेश के क्रम में पुलिस आयुक्त, लखनऊ व जिलाधिकारी, लखनऊ के निर्देशन में चलाए जा रहे विशेष प्रवर्तन अभियान के तहत सोमवार की रात 9 बजे से देर रात्रि तक आबकारी निरीक्षकों की पांच टीमें गठित की गयी। शहर के विभिन क्षेत्रों में सड़क किनारे खुले में शराब पिलाने व पीने वालों तथा रात्रि 10 बजे के बाद मदिरा बेचने वालों के विरुध अभियान चलाया गया। आबकारी निरीक्षक सेक्टर 1 की टीम द्वारा हज़रतगंज तथा दैनिक जागरण चौराहे के आस पास के क्षेत्रों में तथा आबकारी निरीक्षक सेक्टर 8 व आबकारी निरीक्षक सेक्टर 7 की टीम द्वारा केसरबाघ तथा चारबाग़ क्षेत्र में अभियान चलाया गया। इसी क्रम में आबकारी निरीक्षक सेक्टर 2 तथा आबकारी निरीक्षक सेक्टर 9 की टीम द्वारा अलीगंज तथा महानगर क्षेत्र में तथा आबकारी निरीक्षक सेक्टर 6 तथा आबकारी निरीक्षक क्षेत्र 4 द्वारा जानकीपुरम क्षेत्र में गश्त की गयी। गोमती नगर तथा गोमती नगर विस्तार क्षेत्र में आबकारी निरीक्षक सेक्टर 3, आबकारी निरीक्षक सेक्टर 5 तथा आबकारी निरीक्षक सेक्टर 4 द्वारा ओपन एयर बार तथा गुमटी आदि से छुपाकर देर रात तक बिक्री करने वालों के विरुध अभियान चलाया गया। अभियान के दौरान शराब की दुकानों के आस पास लगे ठेलो और ढाबों, स्टेशन व बस अड्डे के आस पास के इलाक़ों को विशेष रूप से चेक किया गया। अभियान के दौरान आबकारी नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुध नियमानुसार कार्यवाही करते हुए आबकारी अधिनियम के अंतर्गत कुल 5 अभियोग पंजीकृत किए गए। सड़क किनारे खुले में शराब पिलाने और पीने वालों तथा देर रात्रि तक शराब बिक्री करने वालों के विरुध चलाया जा रहा अभियान आगे भी जारी रहेगा।
सुरक्षित जीवन का अर्थ : संरक्षा बिना सब व्यर्थः मंडल रेल प्रबंधक
लखनऊ। सुरक्षित जीवन का अर्थ संरक्षा बिना सब व्यर्थ है। यह बात पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के मंडल रेल प्रबंधक आदित्य कुमार व वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी डॉ शिल्पी कनौजिया ने रविवार को बक्शी का तालाब रेलवे स्टेशन के निकट गेट संख्या 16सी तथा अटरिया के निकट समपार संख्या 18ए पर सहायक मंडल संरक्षा अधिकारी एवं संरक्षा सलाहकार(लोको) की उपस्थिति में नुक्कड़ नाटक के माध्यम कही। उन्होंने कहा कि समपार के प्रयोग को लेकर सड़क उपयोग कर्ताओं को अनाधिकृत स्थानों से रेलवे ट्रैक पार न करने, केवल रेलवे समपार से ही ट्रैक पार करने और गेटमैन पर फाटक खोलने के लिए अनाधिकृत दबाव नहीं डालना चाहिए। रेलवे समपार पर सावधानी बरतने एवं रेलवे ट्रैक तथा विद्युत पोल से सुरक्षित दूरी बनाए रखने के संबंध में 300 से अधिक यात्रियों व आम जनमानस को संरक्षा जागरूकता के संबंध में जानकारी भी दी। इस मौके पर वहां से गुजरने वाले राहगीरों को संरक्षा संदेश युक्त पंपलेट का भी वितरण किया गया।
धर्मनिरपेक्ष शासक थे शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंहःउ.प्र. पंजाबी अकादमी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी की ओर से शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह  की पुण्यतिथि के अवसर पर रविवार 30 जून को आलमबाग चंदर नगर गेट के पास स्थित गुरु तेग बहादुर भवन के लाइब्रेरी हॉल में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें वक्ताओं ने कहा कि महाराजा रणजीत सिंह धर्मनिरपेक्ष शासक थे। इस अवसर पर अकादमी के निदेशक के प्रतिनिधि के रूप में कार्यक्रम संयोजक अरविन्द नारायण मिश्र ने संगोष्ठी में उपस्थित विद्वानों को अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित भी किया।

संगोष्ठी में आमंत्रित विद्वान देवेन्दर पाल सिंह बग्गा ने कहा कि महाराजा रणजीत सिंह ने अपने पिता के साथ पहली लड़ाई तब लड़ी थी, जब उनकी आयु केवल दस साल की थी। वह एक धर्मनिरपेक्ष शासक थे। उनकी सेना में हिंदू, मुस्लिम और यूरोपीय योद्धा और जनरल शामिल थे। उनकी सेना में जहां हरि सिंह नलवा, प्राण सुख यादव, गुरमुख सिंह लांबा, दीवान मोखम चंद और वीर सिंह ढिल्लो जैसे भारतीय जनरल थे वहीं फ्रांस के जीन फ्रैंकोइस अलार्ड और क्लाउड ऑगस्ट कोर्ट, इटली के जीन बाप्तिस्ते वेंचुरा और पाओलो डी एविटेबाइल, अमेरिका के जोसिया हरलान और स्कॉट-आयरिश मूल के अलेक्जेंडर गार्डनर जैसे सैन्य ऑफिसर भी शामिल थे।

इस क्रम में नरेन्द्र सिंह मोंगा ने कहा कि महाराजा रणजीत सिंह ने मात्र 18 साल की उम्र में शुकरचकिया मिसल की सरदारी प्राप्त करते हुए अपनी अद्भुत संगठनात्मक शक्ति का परिचय देना शुरू कर दिया था। दो साल में ही बारह सिख मिसलों में विभक्त सिखों को एक सूत्र में पिरो कर, पंजाब के पूर्व अफगान शासक शाह जमान की झेलम नदी में फंस गई तोपें काबुल भिजवा कर और बहुसंख्यक मुस्लिम प्रजा से द्वेषपूर्ण व्यवहार न करके मुस्लिम प्रजा की सद्भावना प्राप्त कर ली थी। 20 साल की आयु में लाहौर की राजगद्दी पर 12 अप्रैल 1801 को गुरु नानक के वंशज बाबा साहेब सिंह बेदी से राज तिलक लगवा कर पंजाब के एकमात्र शासक बन गए थे।

त्रिलोक सिंह बहल के अनुसार सिख धर्म में भगवान के सामने हर किसी को बराबर माना जाता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए जब महाराजा रणजीत सिंह गद्दी पर बैठे तो कभी भी ताज नहीं पहना। एक बार एक अफगान शासक शाह शुजा की पत्नी ने महाराजा से वादा किया कि अगर महाराजा, शाह शुजा को लाहौर सुरक्षित ले आएंगे तो वह उनको कोहिनूर हीरा देगी। इस पार महाराजा ने शाह शुजा को सुरक्षित लाने का वादा पूरा किया। जिसके बाद 1 जून, 1813 को महाराजा को कोहिनूर हीरा भेंट किया गया, जो उनके खजाने की शान बना। अजीत सिंह ने कहा कि जब भी देश के इतिहास में महान राजाओं के बारे में बात होगी तो शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह का नाम इसमें जरूर आएगा। पंजाब पर शासन करने वाले महाराजा रणजीत सिंह ने 10 साल की उम्र में पहला युद्ध लड़ा था और 12 साल की उम्र में गद्दी संभाल ली थी। वहीं 18 साल की उम्र में लाहौर को जीत लिया था। यही नहीं 40 वर्षों तक के अपने शासन में उन्होंने अंग्रेजों को अपने साम्राज्य के आसपास भी नहीं फटकने दिया। दशकों तक शासन के बाद रणजीत सिंह का 27 जून, 1839 को निधन हो गया, लेकिन उनकी वीर गाथाएं आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं।

संगोष्ठी कार्यक्रम में मुख्य रूप से हरपाल सिंह गुलाटी, कमलजीत सिंह टोनी, रविन्दर कौर गाँधी, चरनजीत सिंह, मनमोहन सिंह मोणी, शरनजीत सिंह, राजू सदाना, विनय मनचंदा, कुलवंत कौर, शरणजीत कौर, रणदीप कौर, मनमीत कौर सहित अन्य विद्वतगण उपस्थित रहे।

सपा अंबेडकर वाहिनी के अध्यक्ष मिठाई ने बताया संगोल को राजदण्ड व राजतंत्र का प्रतीक, संसद से हटाने की मांग
लखनऊ। समाजवादी बाबा साहब अम्बेडकर वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिठाई लाल भारती जी ने एक पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि लोकतंत्र का मन्दिर (संसद भवन) में रखे गए संगोल को राजदण्ड व राजतंत्र का प्रतीक है। उसे तत्काल हटाया जाये और सेंगोल के स्थान पर लोकतंत्र का पवित्र ग्रंथ भारतीय संविधान को रखा जाये साथ ही संविधान निर्माता डा बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी की वही पर तस्वीर लगाई जाये।

श्री भारती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई संसद भवन का उद्घाटन करने के दौरान जिस तरह से संविधान का अपमान व अनदेखी करते हुए नई संसद भवन के अन्दर मनमाने ढंग से राजतंत्र के प्रतीक संगोल को स्थापित करना यह दर्शाता है कि नरेन्द्र मोदी संविधान और लोकतंत्र को खत्म करना चाहते है। श्री भारती ने कहा कि हम संवधिान व लोकतंत्र में आस्था रखने वाले उन सभी राजनीतिक दलों व खासकर एससी/एसटी समाज व पीडीए के उन सांसदो से अपील करते है जो डा बाबा साहब अम्बेडकर में आस्था रखते हो। लोकतंत्र के इस मंदिर (संसद भवन) से संगोल को हटाने मे अपनी आवाज बुलन्द करे। श्री भारती ने आगे कहा कि देश और प्रदेश के दलित समाज का मै और मेरी पार्टी सपा हृदय से धन्यवाद करते है, जो सन् 2024 के चुनाव मे संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए इण्डिया गठबंधन का तन-मन-धन से समर्थन किया। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जी व सपा अम्बेडकर वाहिनी यह विश्वास दिलाती है कि गरीब, असहाय, दलित समाज के हितों व अधिकारों क लिए सपा हमेशा लड़ाई लड़ती रहेगी और समाज के उत्थान के लिए काम करती रहेगी।
बिजली कंपनियों में निर्देशकों की अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष करने का फैसला, केंद्र सरकार की गाइडलाइन का उल्लंघन
लखनऊ। वर्ष 2023 में केंद्र सरकार ऊर्जा मंत्रालय द्वारा देश की बिजली कंपनियों की खस्ता हालत पर उसमें सुधार के लिए अनेकों वित्तीय पैरामीटर व प्रबंधन में सुधार के लिए गाइडलाइन जारी की थी। जिसको सभी राज्यों को समयबद्ध तरीके से लागू करना था।
उपभोक्ता परिषद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बिजली कंपनियों की हालत सबसे ज्यादा खस्ता हाल है। फिर भी उच्च प्रबंधन में रिटायर अभियंताओं को भरने की साजिश पावर सेक्टर को तबाह करने की हो रही है।उपभोक्ता परिषद ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है।

उत्तर प्रदेश की बिजली कंपनियों में पावर कॉरपोरेशन के प्रस्ताव के आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्देशकों के चयन के लिए निर्देशकों की अधिकतम आयु सीमा 65 साल निर्धारित की है, जो पहले 62 वर्ष थी। भारत सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के खिलाफ है। देश की बिजली कंपनियों की खस्ता हाल और बिगडती दशा को देखते हुए वर्ष 2023 में केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 27 अप्रैल 2023 को देश के सभी राज्यों के लिए एक रिवाइज गाइडलाइन कॉरपोरेट गवर्नेंस आफ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी जारी की गई थी। जिसमें बिजली कंपनियां में सुधार के लिए भारत सरकार लेवल पर बडे अध्ययन के बाद उपभोक्ता सेवा में सुधार बिजली दर की फाइलिंग वित्तीय पैरामीटर लाइन हानियां  में कमी  सहित अन्य पैरामीटर और मैनेजमेंट में सुधार के लिए एक दिशा निर्देश जारी करते हुए सभी राज्य सरकारों को यह निर्देश दिए गए थे कि इसको समय बद्ध तरीके से लागू किया जाए जिसमें स्पष्ट तौर पर भारत सरकार की गाइड लाइन में कहा गया था कि जो डिस्काम होंगे उनमें 8 से 12 डायरेक्टर होंगे और उनकी नियुक्त के लिए अधिकतम आयु सीमा 58 साल से ज्यादा नहीं होगी और उनका कार्यकाल 2 वर्ष का होगा यानी 60 वर्ष की सेवा के बाद वह रिटायर हो जाएगा। इसके बावजूद भारत सरकार की गाइडलाइन के विपरीत पावर कारपोरेशन के प्रस्ताव पर एक नई गाइडलाइन उत्तर प्रदेश में जारी की गई है, जबकि सबको पता है कि उत्तर प्रदेश में बिजली कंपनियां का घाटा लगभग 1 लाख करोड से ज्यादा है, जो देश के सभी राज्यों के लिए अध्ययन का विषय बना हुआ है।

बिजली कंपनियों की वित्तीय हालत खस्ता है उसमें सुधार के लिए अभिलंब भारत सरकार की इस गाइड लाइन को लागू किया जाना चाहिए। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग उठाई है कि इस बात की गंभीरता से जांच होनी चाहिए कि प्रदेश की बिजली कंपनियों में निर्देशकों की अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष क्यों की गई और उससे किसको लाभ देने की तैयारी है। इसकी गहनता से जांच होने के बाद बडे खुलासे होंगे।


उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा आए दिन पावर कॉरपोरेशन और बिजली कंपनियों के निदेशक मंडल सहित उच्च पदों पर बैठे प्रबंधन द्वारा लगातार नियमों के विपरीत निर्णय लिए जाते हैं। उनको नियमों का ज्ञान नहीं होता जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पडता है। जब भारत सरकार निर्देशकों की अधिकतम आयु सीमा 58 वर्ष करने की बात कर रही है तो उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है जहां 65 वर्ष तक अधिकतम आयु सीमा निर्धारित कर दी गई। देश के किसी भी राज्य में यह व्यवस्था बिजली डिसकामों में नहीं लागू है । उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद में कहां बिजली कंपनियों की खस्ता हालत घाटे और गलत निर्णय की वजह से जो आए दिन एक हास्यपद स्थिति बनी रहती है।
बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की चार छात्राओं का 12 लाख सालाना पैकेज पर हुआ चयन
लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के लिए दो दिवसीय 'कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव' का आयोजन किया गया था। यह प्लेसमेंट ड्राइव 12 लाख रुपए सालाना सैलरी पैकेज पर पांच वर्ष के निश्चित कार्यकाल ऑफिसर (एचआर) (ई-द्वितीय ग्रेड) के पद के लिए आयोजित की गई थी । इसमें एमबीए-एचआर विशेषज्ञता बैच (2022-24) की चंद्र लता, नम्रता सिंह, कुमारी काजल और जिज्ञासा मिश्रा को कंपनी की ओर से चयनित किया गया है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन.एम.पी. वर्मा ने सभी छात्राओं को बधाई दी एवं उनकी इस सफलता को विश्वविद्यालय के लिए गौरव का विषय बताया। 
यूनिवर्सिटी प्लेसमेंट सेल (यूपीसी) की सहायक समन्वयक डॉ. लता बाजपेयी सिंह ने चर्चा के दौरान कहा कि, दो दिनों के प्लेसमेंट ड्राइव के दौरान कंपनी द्वारा प्री प्लेसमेंट टॉक के बाद एक लिखित परीक्षा और व्यक्तिगत साक्षात्कार आयोजित किया गया था। लिखित परीक्षा के बाद 13 विद्यार्थियों को शॉर्टलिस्ट किया गया और व्यक्तिगत साक्षात्कार दौर के बाद चार छात्राओं का चयन किया गया हैं।इसके अतिरिक्त यूनिवर्सिटी प्लेसमेंट सेल के समन्वयक प्रो.अमित कुमार सिंह और सहायक समन्वयक डॉ. मनोज कुमार ने चयन पैनल के साथ बातचीत की और सभी चयनित छात्राओं को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
सीएम ने दिए पुलिस कर्मियों को मिले आवासीय एवं अनावासीय भवनों के निर्माण के लिए 3 करोड़ 43 लाख 56 हजार रूपये
लखनऊउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपदों में तैनात पुलिस कर्मियों के लिये आवासीय व अनावासीय भवनों आदि के निर्माण की स्वीकृति प्रदान करते हुए जनपद श्रावस्ती के अग्निशमन केन्द्र इकौना के आवासीय एवं अनावासीय भवनों के निर्माण हेतु 03 करोड़ 43 लाख 56 हजार रूपये की धनराशि निर्गत कर दी है।

अपर मुख्य सचिव गृह दीपक कुमार ने यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार स्वीकृत भवनों का निर्माण कार्य निर्धारित मानक एवं पूर्ण गुणवत्ता के साथ कराने के निर्देश दिये गये है। उन्होंने यह निर्देश भी दिये है कि निर्माण कार्य निर्धारित समयावधि के अन्दर पूर्ण कराया जाय ताकि यथाशीघ्र निर्माण कार्य पूूर्ण हो जाने के फलस्वरूप निर्मित भवनो का बेहतर उपयोग हो सके। उन्होंने कड़े निर्देश दिये है कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता आदि की कमी पाये जाने पर संबंधित दोषी कर्मियों को बख्शा नहीं जायेगा।
जिलाधिकारी द्वारा कलेक्ट्रेट सभागार में बुलाई गई जिला स्वास्थ्य समिति की महत्वपूर्ण बैठक
लखनऊ। जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार द्वारा आहूत की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने परिवार कल्याण, मातृ स्वास्थ्य, बाल स्वास्थ्य, नवजात स्वास्थ्य, किशोर स्वास्थ्य , आयुष्मान भारत योजना, सहित अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों की गहन समीक्षा की।

इसके साथ ही विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान की जिला टास्क फोर्स की बैठक भी आयोजित हुई । बैठक में जिलाधिकारी ने परिवार कल्याण, मातृ स्वास्थ्य, नवजात स्वास्थ्य, बाल स्वास्थ्य आयुष्मान भारत योजना, नवजात स्वास्थ्य सहित अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों की गहन समीक्षा की । बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि संचारी रोगों सहित स्वास्थ्य के अन्य मुद्दों पर जनसमुदाय में व्यवहांर परिवर्तन के लिए छोटे-छोटे वीडियो बनायें और उन्हें जनसमुदाय में प्रसारित करें क्योंकि लोग जो चीजें देखते हैं उनका पालन वह ज्यादा आसानी से करते हैं न कि जो बातें वह सुनते हैं। इसके साथ ही कहा कि जिन क्षेत्रों में टीकाकरण न कराने वालों की संख्या ज्यदा है, उस क्षेत्र के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक क्षेत्र में जाएँ और टीकाकरण न कराने के कारणों का पता लगायें और उनका निवारण करें जिससे कि वह टीकाकरण करवायें | उन्होंने पंचायती राज अधिकारी को निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई कर्मियों की ज़ूम मीटिंग कर उनकी ट्रेनिग करें और इसका नियमित रूप से फॉलो अप करें। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम, राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय वेक्टर जनित नियंत्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम की भी गहन समीक्षा की गई| इस मौके पर प्रजनन बाल स्वास्थ्य के नोडल अधिकारी डा. आर एन सिंह, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. गोपीलाल, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.निशांत निर्वाण, डा. के.डी.मिश्रा, जिला मलेरिया अधिकारी डा.रितु श्रीवास्तव,जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, जिला समुदाय प्रक्रिया प्रबंधक विष्णु प्रताप, जिला क्षय रोग अधिकारी डा.ए.के.सिंघल जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम, पीएमएमवीवाई के जिला कार्यक्रम समन्वयक सुधीर वर्मा, विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) पाथ के प्रतिनिधि मौजूद रहे।