आज का पंचांग, 2 जुलाई 2024:जानिये पंचांग के अनुसार आज का मुहूर्त और ग्रहयोग

राष्ट्रीय मिति आषाढ़ 11, शक सम्वत् 1946, आषाढ़, कृष्णा, एकादशी, मंगलवार, विक्रम सम्वत् 2081।

 सौर आषाढ़ मास प्रविष्टे 19, जिल्हिजा 25, हिजरी 1445 (मुस्लिम) तदनुसार अंगे्रजी तारीख 02 जुलाई सन् 2024 ई। 

सूर्य दक्षिणायन, उत्तर गोल, वर्षा ऋतु। राहुकाल अपराह्न 03 बजे से 04 बजकर 30 मिनट तक।

एकादशी तिथि प्रातः 08 बजकर 43 मिनट तक उपरांत द्वादशी तिथि का आरंभ।

 कृतिका नक्षत्र अगले दिन तड़के 04 बजकर 40 मिनट तक उपरांत रोहिणी नक्षत्र का आरंभ। 

धृतिमान योग पूर्वाह्न 11 बजकर 17 मिनट तक उपरांत शूल योग का आरंभ।

 बालव करण प्रातः 08 बजकर 43 मिनट तक उपरांत तैतिल करण का आरंभ। 

चन्द्रमा पूर्वाह्न 11 बजकर 14 मिनट तक मेष उपरांत वृष राशि पर संचार करेगा।

आज के व्रत त्योहार योगिनी एकादशी व्रत, सर्वार्थ सिद्धि योग।

सूर्योदय का समय 2 जुलाई 2024 : सुबह 5 बजकर 27 मिनट पर।

सूर्यास्त का समय 2 जुलाई 2024 : शाम में 7 बजकर 23 मिनट पर।

आज का शुभ मुहूर्त 2 जुलाई 2024 :

ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 7 मिनट से 4 बजकर 47 मिनट तक। 

विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 45 मिनट से 3 बजकर 40 मिनट तक रहेगा।

 निशिथ काल मध्‍यरात्रि रात में 12 बजकर 5 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक। 

गोधूलि बेला शाम 7 बजकर 22 मिनट से 7 बजकर 42 मिनट तक। 

अमृत काल सुबह 10 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 25 मिनट तक।

आज का अशुभ मुहूर्त 2 जुलाई 2024 :

राहुकाल दोपहर में 3 बजे से 4 बजकर 30 मिनट तक। 

दोपहर में 12 बजे से 1 बजकर 30 मिनट तक गुलिक काल। सुबह 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक यमगंड। 

दुर्मुहूर्त काल सुबह 8 बजकर 14 मिनट से 9 बजकर 10 मिनट तक। 

इसके बाद 11 बजकर 25 मिनट से 12 बजकर 5 मिनट तक।

उपाय : आज हनुमानजी को चोला चढ़ाएं और बजरंग बाण का पाठ करें।

आज का राशिफल, 2जुलाई 2024:जानिये राशिफल के अनुसार आज आप का दिन कैसा रहेगा...?

मेष राशि- स्वास्थ्य की स्थिति पहले से बेहतर होगी। धन का आवक बढ़ेगा। प्रेम की स्थिति सुदृढ़ होगी। बच्चों की सेहत में सुधार होगा। व्यापार बहुत अच्छा रहेगा। पीली वस्तु पास रखें।

वृषभ राशि- चली आ रही परेशानी दूर होगी। स्वास्थ्य पहले से बेहतर होगा। प्रेम-संतान का साथ होगा। व्यापार भी बहुत अच्छा। पीली वस्तु का दान करें।

मिथुन राशि- खर्च की अधिकता मन को परेशान करेगी। स्वास्थ्य थोड़ा नरम-गरम रहेगा। प्रेम संतान ठीक रहेगा, व्यापार भी अच्छा है। पीली वस्तु का दान करें।

कर्क राशि- रुका हुआ धन वापस आएगा। आय के नवीन साधन बनेंगे। शुभ समाचार की प्राप्ति होगी। आय में सुधार होगा। प्रेम-संतान, व्यापार सब कुछ बहुत अच्छा है। लाल वस्तु पास रखें।

सिंह राशि- व्यापारिक स्थिति सुदृढ़ होगी। कोर्ट-कचहरी में विजय मिलेगी। स्वास्थ्य अच्छा है। प्रेम-संतान अच्छा है। व्यापार बहुत अच्छा है। काली जी को प्रणाम करते रहें।

कन्या राशि- भाग्य साथ देगा। यात्रा में लाभ होगा। धर्म-कर्म में हिस्सा लेंगे। स्वास्थ्य में सुधार होगा। प्रेम, संतान, व्यापार सबकुछ बहुत अच्छा है। पीली वस्तु का दान करें।

तुला राशि- महत्वपूर्ण कार्य दोपहर से पहले निपटा लें, इसके बाद समय खराब हो जाएगा। चोट-चपेट लग सकती है। किसी परेशानी में पड़ सकते हैं। परिस्थितियां प्रतिकूल हो जाएंगी। स्वास्थ्य मध्यम, प्रेम-संतान अच्छा। व्यापार ठीक ठाक रहेगा। भगवान विष्णु को प्रणाम करते रहें।

वृश्चिक राशि- जीवनसाथी का भरपूर सहयोग मिलेगा। रोजी-रोजगार में तरक्की करेंगे। नौकरी-चाकरी की स्थिति अच्छी रहेगी। प्रेमी-प्रेमिका की मुलाकात हो सकती है और शादी-ब्याह तय हो सकता है। स्वास्थ्य, प्रेम व व्यापार बहुत अच्छा है। पीली वस्तु पास रखें।

धनु राशि- शत्रुओं पर विजय पाएंगे। स्वास्थ्य अच्छा है। प्रेम संतान की स्थिति अच्छी है। व्यापार अच्छा है। लेकिन थोड़ी परेशानी बनी रहेगी। पीली वस्तु पास रखें।

मकर राशि- भावुकता पर काबू रखें। स्वास्थ्य करीब-करीब ठीक है। प्रेम संतान की स्थिति थोड़ी मध्यम रहेगी लेकिन खराब नहीं रहेगी। व्यापार अच्छा रहेगा। काली जी को प्रणाम करते रहें।

कुंभ राशि- भौतिक सुख-संपदा में वृद्धि होगी। प्रेम कलह के संकेत हैं लेकिन कुछ अच्छा माहौल भी रहेगा। भूमि, भवन व वाहन की खरीदारी हो सकती है। स्वास्थ्य ठीक ठाक है, प्रेम संतान अच्छा। व्यापार अच्छा। काली जी को प्रणाम करते रहें।

मीन राशि- व्यापारिक स्थिति सुदृढ़ होगी। अपनों का साथ होगा। स्वास्थ्य में सुधार होगा। प्रेम संतान का साथ। व्यापार बहुत अच्छा। पीली वस्तु पास रखें।

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प्रेरक प्रसंग :-समस्याओं से भागना बड़ी समस्याएं बन जाती है, उस से मुकाबला कर ही हम सफलता पा सकते हैं, आइये जानते हैं इस प्रसंग से इन बातों को...

- विनोद आनंद 

जीवन है तो समस्याएं है. समस्याएं से हम पीछा नहीं छुड़ा सकते हैं बस संघर्ष कर सकते हैं. परन्तु जो लोग समस्याओं से डर जाते हैं उन्हें जीवन में कभी सफल नहीं हो पाते हैं. 

 हमें सफलता के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए बाधाओं को पार करना जरूरी है। उसका हम निडर होकर सामना करें तभी उपलब्धियां हासिल हो सकती है.

मेरे एक मित्र जो मेरे साथ पढता था, उसके पिता बड़े पैसे वाले थे. पिता का सपना था बेटा पढ़े, पढ़ लिखकर बड़ा आदमी बने वह स्कूल जाने लगा, शिक्षक का टास्क, उसे पुरा नहीं कर पाने पर शिक्षक की छड़ी , प्रतिदिन किताबों के बोझ तले दबे रहना, यह सब उसके लिए बहुत कठिन था, वाह पिता के डर से स्कूल जाता था, परन्तु स्कूल से भाग जाता था, बच्चों के साथ खेलता था. यह उसकी समस्याओं से भागने की शुरुआत थी. यह सिलसिला चलता रहा, वह जीवन में हर समस्याओं से भगा, किसी भी बोझ को लेकर नहीं चल सका, पिता ने अपने कारोबार में लगाया वहां से भागा, पिता के मृत्यु के बाद कारोबार डूब गयी, शादी होने पर पत्नी ने उसे छोड़ दिया, अपने जमीन घर भी बेच डाला और अंत में पागल होकर मर गया.

समस्याओं से भगाना समस्याएं पैदा करती है जो उसके साथ हुआ समस्याओं से हमें मुकाबला करनी चाहिए तभी उसका हाल निकलता है.समस्या को लेकर मैं एक और लोक कथा सुनाता हुँ.

 पुराने समय की बात है एक व्यापारी समुद्र के रास्ते दूसरे देशों में जाकर व्यापार करता था। व्यापारी जहाज से यात्रा करता था। उसके अच्छे व्यापार को देखकर व्यापारी का एक नया साझेदार बन गया। साझेदार ने भी व्यापारी के साथ धन लगा दिया।

जब समुद्र यात्रा पर जाने का समय आया तो नया साझेदार डर गया। वह सोच रहा था कि अगर बीच समुद्र में तूफान आ गया तो सबकुछ खत्म हो जाएगा। प्राण संकट में फंस जाएंगे। नए साथी ने सेठ से भी कहा कि उन्हें इस समय यात्रा पर नहीं जाना चाहिए। लेकिन, सेठ ने कहा कि यात्रा पर तो जाना होगा, वरना नुकसान हो जाएगा।

जहाज चलाने वाले अन्य लोग भी वहां पहुंच गए। साझेदार ने सोचा कि मैं जहाज चलाने वाले लोगों को डरा देता हूं, जिससे कि ये यात्रा रुक जाएगी। 

उसने एक व्यक्ति से कहा कि तुम्हारे पिता हैं या नहीं। व्यक्ति ने कहा कि एक समुद्री तूफान में उनकी मृत्यु हो गई है। साझेदार ने फिर पूछा कि तुम्हारे दादा? व्यक्ति ने कहा कि दादा भी समुद्र तूफान की वजह से मारे गए। परदादा के साथ भी भी ऐसा ही हुआ था।

साझेदार हंसने लगा!

वह बोला- कि भाई जब तुम्हारे घर में समुद्र की वजह से इतने लोगों की मृत्यु हो गई है तो तुम फिर भी ये काम कर रहे हो और फिर यात्रा पर जा रहे हो?

जहाज चलाने वाले व्यक्ति ने नए साझेदार से पूछा कि आपके पिता मृत्यु कैसे हुई? 

साझेदार ने कहा कि वे आराम से पलंग पर सो रहे थे और उनकी मृत्यु हो गई। मेरे दादा और परदादा भी आराम से पलंग पर सोते-सोते ही मृत्यु को प्राप्त हुए।

जहाज चलाने वाले ने कहा कि साहब, आपके घर में भी पलंग पर सोते-सोते इतने लोग मरे हैं, फिर भी आप रोज पलंग पर सोते हैं, आपको डर नहीं लगता?

 उसने समझाया कि हमें समस्याओं से डरना नहीं चाहिए। डरेंगे तो छोटी सी समस्या भी बड़ी लगने लगेगी।

ये सुनकर साझेदार को समझ आ गया कि उसका डर व्यर्थ है। 

इसके बाद उसने भी साहस दिखाया और समुद्री यात्रा पर जाने के लिए तैयार हो गया।

इस प्रसंग की सीख यह है कि हमें समस्याओं से डरकर रुकना नहीं चाहिए। अगर रुक जाएंगे तो हमारी बाधाएं कभी दूर नहीं हो पाएंगी। बल्कि, छोटी सी समस्या भी बड़ी होती जाएगी।

आज का पंचांग- 1 जुलाई 2024 :

जानिये पंचांग के अनुसार आज का मुहूर्त और ग्रहयोग विक्रम संवत- 2081, पिंगल शक सम्वत- 1946, क्रोधी पूर्णिमांत- आषाढ़ अमांत- ज्येष्ठ तिथि दशमी - 10:26 ए एम तक नक्षत्र अश्विनी - 06:26 ए एम तक योग सुकर्मा - 01:42 पी एम तक सूर्य और चंद्रमा का समय सूर्योदय- 05:26 ए एम सूर्यास्त- 07:23 पी एम चन्द्रोदय- 1:55 ए एम, जुलाई 02 चन्द्रास्त- 2:59 पी एम अशुभ काल राहू- 07:11 ए एम से 08:56 ए एम यम गण्ड- 10:41 ए एम से 12:25 पी एम कुलिक-02:10 पी एम से 03:54 पी एम आडल योग- 05:27 ए एम से 06:26 ए एम दुर्मुहूर्त- 12:53 पी एम से 01:49 पी एम, 03:40 पी एम से 04:36 पी एम वर्ज्यम्- 03:38 पी एम से 05:11 पी एम शुभ काल अभिजित मुहूर्त - 11:57 ए एम से 12:53 पी एम अमृत काल - 12:51 ए एम, जुलाई 02 से 02:23 ए एम, जुलाई 02 ब्रह्म मुहूर्त - 04:06 ए एम से 04:47 ए एम
आज का राशिफल, 01 जुलाई 2024 : जानिये राशि के अनुसार आज आप का दिन कैसा रहेगा...?*

मेष राशि- एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो रहा है। लक्ष्मी का योग बना हुआ है। स्वास्थ्य में बहुत अच्छा बदलाव या एक एनर्जी आ रही है। प्रेम, संतान, व्यापार, परिवार सब कुछ खुशहाल दिख रहा है। काली जी को प्रणाम करते रहें। वृषभ राशि- खर्च बहुत अधिक हो रहा है। स्वास्थ्य थोड़ा सा चिड़चिड़ापन वाला है। प्रेम संतान का साथ है। व्यापार भी लगभग ठीक चल रहा है। लाल वस्तु का दान करें। मिथुन राशि- आय के नए मार्ग बन रहे हैं। रुका हुआ धन भी वापस मिल रहा है। यात्रा का योग बन रहा है। स्वास्थ्य बहुत अच्छा है। प्रेम संतान बहुत अच्छा है, व्यापार बहुत अच्छा है। बजरंगबली की शरण में बने रहें, उन्हें प्रणाम करते रहें अच्छा होगा। कर्क राशि- व्यापार का विस्तार होगा। स्वास्थ्य में सुधार होगा। प्रेम का साथ होगा। संतान आज्ञा का पालन करेगी। शुभ समय। लाल वस्तु पास रखें। सिंह राशि- भाग्य साथ देगा। यात्रा का योग बनेगा। धर्म कर्म में हिस्सा लेंगे। कार्यों की विघ्न बाधा खत्म होगी। स्वास्थ्य में सुधार होगा। प्रेम और संतान सब बहुत अच्छे से रहेंगे। लाल वस्तु पास रखें। कन्या राशि- चोट चपेट लग सकती है। किसी परेशानी में पड़ सकते हैं। परिस्थितियां प्रतिकूल हैं बचकर पार करें। स्वास्थ्य पर ध्यान दें। प्रेम संतान ठीक है। व्यापार भी लगभग ठीक रहेगा। लाल वस्तु का दान करें। तुला राशि- जीवनसाथी के साथ चली आ रही परेशानी दूर होगी। नौकरी चाकरी की स्थिति सुदृढ़ होगी अच्छी होगी। प्रेमी प्रेमिका की मुलाकात संभव है। शादी ब्याह तय हो सकता है कुंवारों के। स्वास्थ्य, प्रेम, व्यापार बहुत अच्छा है। बजरंगबली को प्रणाम करते रहें। वृश्चिक राशि- शत्रु भी मित्र बनने की कोशिश करेंगे। नतमस्तक होंगे। कार्यों की विघ्न बाधा खत्म होगी। स्वास्थ्य थोड़ा नरम गरम, प्रेम संतान अच्छा, व्यापार भी अच्छा। लाल वस्तु पास रखें। धनु राशि- स्वास्थ्य अच्छा है। प्रेम संतान का साथ है। व्यापार बहुत अच्छा है। लिखने पढ़ने में समय व्यतीत करेंगे। शुभ समय है। लाल वस्तु पास रखें। मकर राशि- भूमि भवन वाहन की खरीदारी होगी। भौतिक सुख सुविधा में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य अच्छा है। प्रेम संतान का साथ है। व्यापार बहुत अच्छा है। काली जी को प्रणाम करते रहें। कुंभ राशि- व्यापारिक स्थिति सुदृढ़ होगी। अपनों का साथ होगा। एक नयापन सा रहेगा व्यापार में। स्वास्थ्य अच्छा है, प्रेम संतान का भरपूर सहयोग है। व्यापार तो अच्छा बताया ही है हमने। लाल वस्तु का दान करें। मीन राशि- धन का आवक बढ़ेगा। कुटुंबों में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य में सुधार होगा। प्रेम संतान का साथ होगा। लाल वस्तु पास रखें।
उज्जैन की गढ़कालिका मंदिर, जहाँ होती है पूजा से भक्तों की मनोकामना पूरी, महाकवि कालिदास पर भी थी माँ की कृपा, तभी हुए थे जीवन में सफल

सनातन डेस्क 

महाकाल कि धार्मिक नगरी उज्जैन का नाम आते हीं श्रद्धा से सर झुक जाता है. इस नगरी में शिव सक्षात् विराजमान हैं. उनकी जीवंत शक्तियां को लेकर लोगों में आस्था है जनके दर्शन मात्र से लोगों का कल्याण होता है. वहीँ इस नगरी में शिव के साथ माँ शक्ति भी विराजमान हैं.  

 इसी उज्जैन में महाकवि कालिदास की आराध्य देवी गढ़कालिका का भी मंदिर है। वैसे तो गढ़ कालिका का मंदिर शक्तिपीठ में शामिल नहीं है, किंतु उज्जैन क्षेत्र में मां हरसिद्धि शक्तिपीठ होने के कारण इस क्षेत्र का महत्व बढ़ जाता है.

 पुराणों में उल्लेख मिलता है कि उज्जैन में शिप्रा नदी के तट के पास स्थित भैरव पर्वत पर मां भगवती सती के ओष्ठ गिरे थे। नवरात्रि के समय यहां पर तांत्रिक पूजा का बड़ा महत्व है. अष्टमी और नवमी पर यहां रात्रि में तंत्र मंत्र द्वारा पूजा-पाठ अर्चना की जाती है.

महाकवि कालिदास के संबंध में मान्यता है कि जब से वह इस मंदिर में पूजा-अर्चना करने लगे तभी से उनके प्रतिभाशाली व्यक्तित्व का निर्माण होने लगा. कालिदास रचित 'श्यामला दंडक' महाकाली स्तोत्र एक सुंदर रचना है. ऐसा कहा जाता है कि महाकवि कालिदास के मुख से सबसे पहले यही स्तोत्र प्रकट हुआ था. यहां प्रत्येक वर्ष कालिदास समारोह के आयोजन के पूर्व मां कालिका की पूजा आराधना कर कलश यात्रा निकाली जाती है.

यहां विराजमान मूर्ति सतयुग के समय की मानी जाती है

नवरात्रि में गढ़ कालिका के मंदिर में मां कालिका के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है.

तांत्रिकों की देवी कालिका के इस चमत्कारिक मंदिर की प्राचीनता के विषय में कोई नहीं जानता, फिर भी माना जाता है कि इसकी मूर्ति सतयुग काल के समय की है. बाद में इस प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार सम्राट हर्षवर्धन द्वारा किए जाने का उल्लेख मिलता है.

 बाद यह कहा जाता है कि ग्वालियर के महाराजा ने इसका पुनर्निर्माण कराया।

लिंग पुराण में भी कथा है कि जिस समय रामचंद्रजी युद्ध में विजयी होकर अयोध्या जा रहे थे, वे रुद्रसागर तट के निकट ठहरे थे. इसी रात्रि को भगवती कालिका भक्ष्य की खोज में निकली हुईं इधर आ पहुंचीं और हनुमान को पकड़ने का प्रयत्न किया, परंतु हनुमान ने महान भीषण रूप धारण कर लिया.

तब देवी डरकर भागीं। उस समय अंश गालित होकर पड़ गया. जो अंश पड़ा रह गया, वही स्थान कालिका के नाम से विख्यात है.

इसी मंदिर के निकट लगा हुआ स्थिर गणेश का प्राचीन और पौराणिक मंदिर है. इसी प्रकार गणेश मंदिर के सामने भी एक हनुमान मंदिर प्राचीन है, वहीं विष्णु की सुंदर चतुर्मुख प्रतिमा है. खेत के बीच में गोरे भैरव का स्थान भी प्राचीन है. गणेशजी के निकट ही से थोड़ी दूरी पर शिप्रा की पुनीत धारा बह रही है. इस घाट पर अनेक सती की मूर्तियां हैं। उज्जैन में जो सतियां हुई हैं; उनका स्मारक स्थापित है. नदी के उस पार उखरेश्वर नामक प्रसिद्ध श्मशान-स्थली है.

 

यहां पर नवरा‍त्रि में लगने वाले मेले के अलावा भिन्न-भिन्न मौकों पर उत्सवों और यज्ञों का आयोजन होता रहता है. मां कालिका के दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. 

कालिका माता से क्षम

अगर किसी मानसिक कलह, तनाव या परेशानी से जूझ रहे हैं तो शुक्रवार के दिन मां कालिका के मंदिर में जाकर उनसे अपने द्वारा किए गए सभी जाने-अनजाने पापों की क्षमा मांग लें और फिर कभी कोई बुरा कार्य नहीं करने का वादा कर लें. ध्यान रहे, वादा निभा सकते हों तो ही करें अन्यथा आप मुसीबत में पड़ सकते हैं। यदि आपने ऐसा 5 शुक्रवार को कर लिया तो तुरंत ही आपके संकट दूर हो जाएंगे.

 

11 या 21 शुक्रवार कालिका के मंदिर जाएं और क्षमा मांगते हुए अपनी क्षमता अनुसार नारियल, हार-फूल चढ़ाकर प्रसाद बांटें. 

माता कालिका की पूजा लाल कुमकुम, अक्षत, गुड़हल के लाल फूल और लाल वस्त्र या चुनरी अर्पित करके भी कर सकते हैं. भोग में हलवे या दूध से बनी मिठाइयों को भी चढ़ा सकते हैं.

 

अगर पूरी श्रद्धा से मां की उपासना की जाए तो आपकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं. अगर मां प्रसन्न हो जाती हैं, तो मां के आशीर्वाद से आपका जीवन बहुत ही सुखद हो जाता है.

नियति ने हमारे लिए जो भी निर्धारित किया,हमें उसे यह मान लेना चाहिए कि वह अच्छे के लिए किया है!

विनोद आनंद 

हमारे जीवन में जो कुछ भी होता है उसका निर्धारण नियति ने पहले कर रखा है. इसी लिए किसी भी मुसीबत या घटना के कारण हताश निराश ना हो जाएँ. हमें सभी परिस्थियों का मुकाबला धैर्य और बिना घबराये करना चाहिए. 

क्योंकि नियति के खेल को ना तो हम बदल सकते हैं और नहीं उस से निकल सकते हैं.

 हाँ! यह मान सकते हैं जो कुछ भी हुआ वह भले के लिए हुआ है. हो सकता है इसमें ईश्वर ने मेरे लिए इस में भी कुछ भला सोच रखा हो! जीवन के इस दृष्टांत को अगर हम मान ले तो ना तो हम किसी अप्रत्याशित घटना से घबराकर कोई गलत कदम उठायेंगें और नहीं हम अपने जीवन में किसी मुसीबत से हार जायेंगे.आइये आप को छोटा सा प्रसंग इस कहानी के जरिये बताने की कोशिस करते हैं कि जो कुछ होता है अच्छे के लिए होता है यह सिद्ध हो जाये.

एक राजा अपने मंत्री के साथ आखेट पर निकले। वन में हिरन को देख राजा ने तीर प्रत्यंचा पर चढ़ाया ही था कि जंगल में से एक सूअर निकला और राजा को धक्का देकर भागा।

 इस अप्रत्याशित आघात के कारण तीर की नोक से उनकी उंगली कट गई। रक्त बहने लगा और राजा व्याकुल हो उठे।

राजा की उंगली से खून बहता देखकर मंत्री बोले- 'राजन्! भगवान जो करता है, अच्छे के लिए करता है।

" राजा काफी पीड़ा में थे। मंत्री की बात सुनकर क्रोध से भर उठे। उन्होंने मंत्री को आज्ञा दी कि वो उसी समय उनका साथ छोड़ अन्य राह पकड़ लें। 

मंत्री ने आदेश को सहर्ष स्वीकार किया और भिन्न दिशा में निकल पड़े।

इधर राजा थोड़ा आगे बढ़े ही थे कि उन्हें जंगल में नरभक्षी कबीले के लोगों ने घेर लिया। वे उन्हें पकड़कर अपने सरदार के पास ले चले। राजा को बलि देने की तैयारी हो ही रही थी कि कबीले के पुजारी ने राजा की कटी उंगली देखकर कहा कि "इसका तो अंग भंग है, इसकी बलि स्वीकार नहीं हो सकती।"

राजा को जीवनदान मिला तो उन्हें तुरंत मंत्री की याद आई। सोचने लगे कि मंत्री ठीक कहते थे - भगवान जो करता है, अच्छे के लिए ही करता है। मुझे उनका साथ नहीं छोड़ना चाहिए था ।

ऐसा सोचते वे आगे बढ़ रहे थे कि उन्हें मंत्री नदी किनारे भजन करते दिखाई पड़े। 

राजा ने प्रेमपूर्वक मंत्री को गले लगाया और उन्हें सारा घटनाक्रम कह सुनाया। इसके बाद राजा ने उनसे प्रश्न किया- "मेरी उंगली कटी, इसमें भगवान ने मेरा भला किया, पर तुम्हें मैंने अपमानित करके भगाया, इससे भला तुम्हारा क्या भला हुआ ?"

मंत्री मुस्कराए और बोले - "राजन् ! यदि आपने मुझे भिन्न राह पर न भेजा होता और मैं आपके साथ होता तो अंग भंग के कारण नरभक्षी आपकी बलि न देते, पर मेरी बलि चढ़नी सुनिश्चित थी। इसलिए भगवान जो करते हैं, अच्छा ही करते हैं।"

आज का राशिफल,30 जून 2024 : जानिये राशिफल के अनुसार आज आप का दिन कैसा रहेगा...?

मेष:- शुभ समाचार सुनने को मिल सकता है। नौकरी में परिवर्तन की तलाश में हैं तो अवसर मिल सकता हैं। धन निवेश से अच्छा लाभ मिलेगा। प्रबंधन क्षेत्र के छात्र अच्छा प्रदर्शन करेंगे। त्याग एवं सहयोगात्मक भावना होगी। कुछ तनावपूर्ण रिश्तों का अंत संभव है।

वृष:- नियोजित कार्य बहुत अधिक परिणाम नहीं दिखाएगा। परिणाम जो भी हों, सकारात्मक होंगें। आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए दिन शुभ है। उधार दिया पैसा पाने के लिए सौहार्दपूर्ण समझौता करना श्रेयकर रहेगा। कोर्ट के बाहर मुकदमे का निपटारा होगा।

मिथुन:- नौकरी में बदलाव की उम्मीद कर सकते हैं। विदेश यात्रा भी संभव है। अपनी संभावनाओं के उत्थान की आशा भी कर सकते हैं, क्योंकि वर्तमान नौकरी से अधिक पसंदीदा स्थान पर स्थानांतरित हो सकते हैं। धन में बढ़ोतरी होगी। छात्र पढ़ाई में अच्छा करेंगे।

कर्क:- व्यवसायियों को नए रुझान और रास्ते मिलेंगे, जो उनकी नकदी में वृद्धि करेंगे। वित्तीय स्थिति बहुत मजबूत होगी। आपके द्वारा की गई बचत, परिवार के लिए लाभकारी साबित होगी। बुजुर्ग बच्चों को सफलता प्राप्त करते हुए देख खुश होंगे। नशा से दूर रहें।

सिंह:- दिन कुछ परेशानी लिए हो सकता है। काम के दौरान वैचारिक मतभेदों को लेकर सहयोगियों के साथ संघर्ष में आ सकते हैं। इसलिए व्यावहारिक रहने की जरूरत है। कुछ दोस्त और रिश्तेदार आपके बारे में अलग राय रखेंगे। दूसरों का पक्ष ले सकते हैं।

कन्या:- अधीनस्थ या सहयोगी को संवेदनशील मुद्दों को समझाने में मदद कर सकते हैं। व्यापारी वर्ग ग्राहकों की पसंद में दिलचस्पी लेंगे। आसानी से आर्थिक लाभ अर्जित कर पाएंगे। अविवाहित युवक और युवतियों को जीवनसाथी मिल सकता है। अच्छी ख़बरें मिलेगीं।

तुला:- आर्थिक पक्ष अस्थिर हो सकता है। आलोचक और शत्रु आपके लिए समस्याएं पैदा करेंगे। कूटनीति के प्रयोग से उन्हें चुप करा सकते हैं। दैनिक कार्यक्रम व्यस्त रहेगा। नौकरीपेशा पूर्व में अपने द्वारा किए गए शुभ कृत्यों के लिए मान्यता प्राप्त करेंगे।

वृश्चिक:- जोखिम लेने की क्षमता पर अंकुश लगाना बेहतर होगा। पहले से भी जोखिम उठाए हैं तो उन्हें उपयुक्त रूप से पुरस्कृत किया जाएगा। निवेश समझदारी से करें अन्यथा आर्थिक पक्ष अस्थिर हो सकता है। काम की वजह से यात्रा पर जाना पड़ सकता है।

धनु :-प्रेम संबंधों में लिप्त जातक अपने साथी के साथ भावनात्मक परिवेश में एक नया समीकरण विकसित कर पाएंगे। व्यावसायिक और व्यापारी सभी गतिविधियों में काफी प्रगति होने की संभावना है। आर्थिक रूप से भी समय उत्कृष्ट है। सेहत का ख्‍याल रखें।

मकर :- व्यापारिक सन्दर्भ में विलय हो सकते हैं। कठिन समय है। कार्य स्थल पर बार-बार परिवर्तन भ्रमित कर सकता है। प्रेम संबंधों के लिए अच्छा समय है। बुजुर्ग अपनी संस्कृति, जीवन शैली और तीर्थयात्रा के प्रति अधिक रुचिवान होंगें। विवाहितों को जीवनसाथी से तनाव मिल सकता है।

कुंभ:- व्यापारिक एव व्यावसायिक सन्दर्भ में महत्वपूर्ण निर्णय ले सकते हैं। अपने प्रयासों से चौतरफा सफलता प्राप्त करेंगे। किए गए किसी भी निवेश में लाभ प्राप्त करेंगे। मन संतुष्ट एव शांत रहेगा। यदि जीवनसाथी की खोज कर रहे हैं, तो यह समय अच्छा है।

मीन:- दिन शानदार साबित होगा। कठिन समय के बाद आखिरकार अपने चेहरे पर मुस्कान के साथ सुकून देख सकेंगे। कड़ी मेहनत और श्रम के लिए इनाम की उम्मीद कर सकते हैं। नौकरी में पदोन्नति मिलेगी। प्रेम संबंधों में सावधानी बरतें। स्वास्थ्य लाभ होगा।

आज का पंचांग, 30 जून 2024: आइए जानते हैं आज पूजा का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय


आज आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि है। साथ ही आज पंचक भी समाप्त हो रहे हैं। आइए जानते हैं आज पूजा का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय कब से कब तक रहने वाला है।  

राष्ट्रीय मिति आषाढ़ 09, शक सम्वत् 1946, आषाढ़, कृष्ण, नवमी, रविवार, विक्रम सम्वत् 2081। सौर आषाढ़ मास प्रविष्टे 17, जिल्हिजा 23, हिजरी 1445 (मुस्लिम) तदनुसार अंगे्रजी तारीख 30 जून सन् 2024 ई। सूर्य दक्षिणायन, उत्तर गोल, वर्षा ऋतु। राहुकाल सायं 04 बजकर 30 मिनट से 06 बजे तक। नवमी तिथि मध्याह्न 12 बजकर 20 मिनट तक उपरांत दशमी तिथि का आरंभ।

रेवती नक्षत्र प्रातः 07 बजकर 34 मिनट तक उपरांत अश्विनी नक्षत्र का आरंभ। अतिगण्ड योग सायं 04 बजकर 14 मिनट तक उपरांत सुकर्मा योग का आरंभ। गर करण मध्याह्न 12 बजकर 20 मिनट तक उपरांत विष्टि करण का आरंभ। चन्द्रमा प्रातः 07 बजकर 34 मिनट तक मीन उपरांत मेष राशि पर संचार करेगाआज के व्रत त्योहार पंचक समाप्त प्रातः 07 बजकर 34 मिनट तक। गण्डमूल विचार।

सूर्योदय का समय 30 जून 2024 : सुबह 5 बजकर 26 मिनट पर।

सूर्यास्त का समय 30 जून 2024 : शाम में 7 बजकर 23 मिनट पर।

आज का शुभ मुहूर्त 30 जून 2024 :

ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 6 मिनट से 4 बजकर 46 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 44 मिनट से 3 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। निशिथ काल मध्‍यरात्रि रात में 12 बजकर 5 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम 7 बजकर 22 मिनट से 7 बजकर 42 मिनट तक। अमृत काल सुबह 10 बजकर 40 मिनट से 12 बजकर 25 मिनट तक।

आज का अशुभ मुहूर्त 30 जून 2024 :

राहुकाल शाम में 4 बजकर 30 मिनट से 6 बजे तक। दोपहर में 3 बजकर 30 मिनट से 4 बजकर 30 मिनट तक गुलिक काल। दोपहर में 12 बजे से 1 बजकर 30 मिनट तक यमगंड। दुर्मुहूर्त काल सुबह 5 बजकर 32 मिनट से 6 बजकर 27 मिनट तक। भद्राकाल का समय रात में 11 बजकर 21 मिनट से अगले दिन सुबह 5 बजकर 27 मिनट तक। पंचक काल सुबह 5 बजकर 27 मिनट से 7 बजकर 34 मिनट तक।

उपाय : आज सूर्यदेव को जल रोली और चावल मिलाकर चढ़ाएं।