क्राई ने बालिकाओं की 12वीं तक की शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया राष्ट्रव्यापी अभियान


संतोष देव गिरि ,मिर्ज़ापुर। हर लड़की की 12वीं तक की शिक्षा सुनिश्चित करने की तत्काल आवश्यकता को संबोधित करते हुए, भारत में अग्रणी बाल अधिकार संगठन क्राई - चाइल्ड राइट्स एंड यू ने सोमवार को 'पूरी पढ़ाई देश की भलाई' अभियान शुरू किया।

भारत भर में लाखों लड़कियां अभी भी स्कूल से बाहर हैं, और कई माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा तक पहुंच नहीं पा रही हैं। इस गतिशील सात सप्ताह के राष्ट्रव्यापी पहल का उद्देश्य लड़कियों की शिक्षा के प्रति जन जागरूकता और सामाजिक दृष्टिकोण में क्रांतिकारी बदलाव लाना है। हितधारकों को शामिल करके और लक्षित हस्तक्षेप लागू करके, क्राई का लक्ष्य शिक्षा की बाधाओं को दूर करना और लड़कियों के लिए एक उज्जवल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करना है।

उत्तर प्रदेश में यह अभियान राज्य के विभिन्न जिलों के साथ-साथ भारत के 20 राज्यों में क्राई के हस्तक्षेप परियोजनाओं में सोमवार को शुरू किया गया। इस राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत क्राई और उसके साथी संगठन जन जागरूकता रैलियां, हस्ताक्षर अभियान और विभिन्न आउटरीच कार्यक्रम आयोजित करेंगे।

क्राई की मुख्य कार्यकारी अधिकारी पूजा मारवाहा ने अभियान के अत्यंत महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा "बालिकाओं के लिए उच्च माध्यमिक शिक्षा सुनिश्चित करना न केवल उनके सशक्तिकरण के लिए अपरिहार्य है, बल्कि यह राष्ट्र के समग्र विकास का भी अनिवार्य अंग है। प्राथमिक शिक्षा से आगे बढ़कर, लड़कियों की शैक्षिक यात्रा को सुदृढ़ करने हेतु सुनियोजित लक्ष्यों और कार्य-योजनाओं के साथ लक्षित हस्तक्षेप अत्यावश्यक है।

इस दिशा में कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान देना होगा, जिनमें बालिका शिक्षा के लिए पर्याप्त सार्वजनिक संसाधन, वित्तीय प्रोत्साहन, उन्नत अधोसंरचना, सामुदायिक सहभागिता, एवं बाल विवाह निरोधक कानूनों का कठोर क्रियान्वयन प्रमुख हैं। परंतु, यह सब कुछ तभी साकार हो सकेगा जब बालिका शिक्षा के प्रति व्यापक जन-जागरूकता उत्पन्न हो और समाज में इसकी गहरी अनुगूँज हो।"

क्राई की क्षेत्रीय निदेशक सोहा मोइत्रा ने इस पहल की तत्काल आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, "2009 का नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम 14 वर्ष की आयु तक के भारतीय बच्चों के लिए सार्वभौमिक शिक्षा की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम था। इस अप्रैल में जब हम इस अधिनियम की 15वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, तो हम मानते हैं कि कई लड़कियों की अभी भी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा तक पहुंच नहीं है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 ने 18 वर्ष की आयु तक सार्वभौमिक, नि:शुल्क और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का विस्तार करने का मार्ग प्रशस्त किया, जो 2030 तक समान शिक्षा के लिए सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी लक्ष्य-4) के अनुरूप है।

हालांकि, नवीनतम यूडीआईएसई+ 2021-22 के आंकड़े बताते हैं कि भारत में केवल पांच में से तीन लड़कियां ही उच्च माध्यमिक स्तर तक पहुंचती हैं। इसका मतलब है कि वर्तमान में केवल 58.2% लड़कियां ही उच्च माध्यमिक शिक्षा में नामांकित हैं।"

क्राई द्वारा इसी डेटाबेस का गहन विश्लेषण करने पर और भी चिंताजनक तथ्य प्रकाश में आए हैं। एडजसटेड नेट एनरोलमेंट रेट (एएनईआर) के आधार पर की गई गणना दर्शाती है कि संबंधित आयु वर्ग की प्रत्येक तीन बालिकाओं में से एक (35%) माध्यमिक स्तर पर विद्यालय से बाहर है। इसके अतिरिक्त, इसी आयु वर्ग की प्रत्येक आठ छात्राओं में से एक (12.25%) अपनी शिक्षा अधूरी छोड़ देती है, परिणामस्वरूप वे माध्यमिक शिक्षा पूर्ण करने में असफल रहती हैं।

उत्तर प्रदेश में क्राई के जमीनी अनुभवों से पता चलता है कि सामाजिक-आर्थिक चुनौतियां, सांस्कृतिक मान्यताएं, लिंग भेदभाव, बाल विवाह, अपर्याप्त स्कूल सुविधाएं, स्कूल दूर होना और सुरक्षा संबंधी चिंताएं लड़कियों की शैक्षिक यात्रा में बाधा डालती हैं, जो उच्च माध्यमिक शिक्षा पूरी करने में महत्वपूर्ण बाधाएं पैदा करती हैं। ये बाधाएं उच्च ड्रॉपआउट दर का कारण बनती हैं और लड़कियों को बाल श्रम, कम उम्र में विवाह, किशोरावस्था में गर्भधारण, दुर्व्यवहार, शोषण और यहां तक कि बाल तस्करी के प्रति अधिक असुरक्षित बनाती हैं।

इन बाधाओं के परिणामस्वरूप न केवल स्कूल ड्रॉपआउट की दर को बढ़ाती है, अपितु ये छात्राओं को अन्य गंभीर खतरों के प्रति भी अतिसंवेदनशील बना देती हैं। इनमें बाल श्रम, अल्पवयस्क आयु मे विवाह, किशोरावस्था में गर्भधारण, दुर्व्यवहार, शोषण एवं बाल तस्करी जैसी ज्वलंत समस्याएँ सम्मिलित हैं।

इन मुद्दों से सीधे निपटने के लिए, क्राई ने 'पूरी पढ़ाई देश की भलाई' अभियान शुरू किया है, जो 24 जून से शुरू होकर 15 अगस्त, भारत के स्वतंत्रता दिवस तक चलेगा। यह अभियान शिक्षा में लैंगिक असमानताओं को दूर करने के लिए सभी हितधारकों को शामिल करने का प्रयास करता है।

क्राई और उसके साझेदार संगठन अपने परिचालन क्षेत्रों में प्राथमिक, उच्च-प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा में लड़कियों के नामांकन और प्रतिधारण को बढ़ाने का प्रयास करेंगे। क्राई का लक्ष्य बच्चों और उनके परिवारों, शिक्षकों, समुदाय के सदस्यों, प्रभावशाली व्यक्तियों, राज्य अधिकारियों, विभिन्न शैक्षिक स्तरों के छात्रों, मीडिया हाउस, कॉरपोरेट्स और आम जनता के साथ जुड़कर व्यापक जागरूकता पैदा करना है। इन मुद्दों से सीधे निपटने के लिए, क्राई ने 'पूरी पढ़ाई देश की भलाई' अभियान शुरू किया है, जो 24 जून से शुरू होकर 15 अगस्त, भारत के स्वतंत्रता दिवस तक चलेगा। यह अभियान शिक्षा में लैंगिक असमानताओं को दूर करने के लिए सभी हितधारकों को शामिल करने का प्रयास करता है।

क्राई और उसके साथी संगठन अपने परिचालन क्षेत्रों में प्राथमिक, उच्च-प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा में लड़कियों के नामांकन और रिटेन्शन को बढ़ाने का प्रयास करेंगे। क्राई का लक्ष्य बच्चों और उनके परिवारों, शिक्षकों, समुदाय के सदस्यों, प्रभावशाली व्यक्तियों, राज्य अधिकारियों, विभिन्न शैक्षिक स्तरों के छात्रों, मीडिया हाउस, कॉरपोरेट्स और आम जनता के साथ जुड़कर व्यापक जागरूकता पैदा करना है।

सोशल मीडिया पर छेड़छाड़ करना पड़ा महंगा, मिजार्पुर के युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर भेजा जेल

संतोष देव गिरी,मिजार्पुर। यदि आप सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं और किसी की छवि के साथ खिलवाड़ करने की कुचेष्टा करने की कोशिश करते हैं तो आप सीधे हवालात जा सकते हैं। जैसा की मीरजापुर के लालगंज में हुआ है। यहां फेसबुक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण को तोड़ मरोड़कर एवं आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में लालगंज निवासी एक युवक को एसडीएम गुलाबचंद्र ने सोमवार को चौदह दिन के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

जानकारी के मुताबिक लालगंज थाने की पुलिस ने सोशल मीडिया फेसबुक पर पोस्ट के जरिए कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि खराब करने का जान बूझकर प्रयास करने के आरोप में एक व्यक्ति के खिलाफ 151 में मामला दर्ज किया है। लालगंज थाने के नवागत थाना प्रभारी संजय सिंह ने बताया कि लालगंज निवासी आरोपी मेराज पुत्र मदार फेसबुक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट के बारे में रविवार की रात में मिली शिकायत के आधार पर गिरफ्तार कर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर चालान कर दिया गया। आरोपी को जमानत के लिए तहसील पर एसडीएम के समक्ष प्रस्तुत होने पर एसडीएम गुलाबचंद्र ने प्रधानमंत्री पर आपत्ति जनक टिप्पणी के आरोपी युवक को न्यायिक हिरासत में 14 दिन के लिए जेल भेज दिया।

रेलवे स्टेशन पर मंदिर गिराए जाने से आक्रोश, बताया गया दूसरे स्थान पर किया गया है नवनिर्मित

मीरजापुर। रेलवे स्टेशन परिसर में मौजूद वर्षो पुराना शिव मंदिर ध्वस्त कर दिया गया। इसको लेकर आक्रोश बढ़ गया है। हालांकि इसे नव निर्माण के चलते गिराया जाना बताकर पल्ला झाड़ लिया गया है। बताते चलें कि मीरजापुर रेलवे स्टेशन के मुख्य प्रवेश द्वार के बाहर वर्षों पुराना शिव मंदिर स्थापित रहा है। जिसे बीती रात के अंधेरे में जेसीबी मशीन से गिराया दिया गया है। जेसीबी से मन्दिर गिराने से हिंदू समाज में भारी नाराजगी देखी जा रही है। लोग बोले कि आस्था पर चोट की गई है।

लोगों ने मंदिर के पुजारी पर भी मिलीभगत का आरोप लगाया है। वहीं मामले पर रेलवे ने सफाई दी है। स्टेशन अधीक्षक रविंद्र कुमार का बयान है कि मंदिर को दूसरी जगह स्थापित की कर मूर्ति को भी उसी मंदिर में स्थापित कर दिया गया है। नवनिर्मित मन्दिर में मूर्ति की स्थापना कराकर कराई गई है प्राण प्रतिष्ठा। फिलहाल मामले को लेकर प्रबुद्ध जन समझाने बुझाने में जुटे हुए थे।

मिजार्पुर के शास्त्री सेतु पर आवागमन बाधित होते ही लगा जाम, कई राज्यों से आने वाले वाहनों का लगा लंबा रेल

मीरजापुर। बीती रात्रि बालू लदे ट्रक से टूटे शास्त्री सेतु के पाथ-वे को देखते हुए सोमवार को दोपहर बाद से आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिए जाने को लेकर जहां लोगों को परेशान देखा गया वही दोनों तरफ वाहनों का लंबा कतार भी लग गया था। यूपी और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों को जोड़ने में अहम भूमिका अदा करने वाला शास्त्री सेतु पर पुल बंद होने की खबर से लोग हलकान हो उठे थे। बाद में नगर विधायक की पहल पर बाइक और छोटे वाहनों के लिए आवागमन प्रारंभ कराया गया है। 

जब तक फूल की मरम्मत नहीं हो जाती है बड़े वाहनों का आवागमन पूरी तरह से ठप रहेगा। बताते चलें कि शास्त्री पुल का पाथ-वे क्षतिग्रस्त होने पर अवागमन पर लगे रोक के बाद पुल पर भीषण जाम लग गया था, पुल के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गई थी। भीषण जाम की सूचना पर शास्त्री पुल पर पहुंचे नगर विधायक, नगर विधायक रत्नाकर मिश्रा ने सेतु निगम के अधिकारियों से बात करने के बाद आवागमन चालू करवाया है। छोटी गाड़ी, चार पहिया वाहनों के लिऐ चालू कराया गया पुल जबकि सभी बड़े वाहनों को रोक दिया गया है। इससे लोगों की समस्याओं में एक बार फिर से इजाफा हो गया है।

रेलवे स्टेशन पर मंदिर गिराए जाने से आक्रोश, बताया गया दूसरे स्थान पर किया गया है नवनिर्मित

मीरजापुर। रेलवे स्टेशन परिसर में मौजूद वर्षो पुराना शिव मंदिर ध्वस्त कर दिया गया। इसको लेकर आक्रोश बढ़ गया है। हालांकि इसे नव निर्माण के चलते गिराया जाना बताकर पल्ला झाड़ लिया गया है। बताते चलें कि मीरजापुर रेलवे स्टेशन के मुख्य प्रवेश द्वार के बाहर वर्षों पुराना शिव मंदिर स्थापित रहा है। जिसे बीती रात के अंधेरे में जेसीबी मशीन से गिराया दिया गया है। जेसीबी से मन्दिर गिराने से हिंदू समाज में भारी नाराजगी देखी जा रही है। लोग बोले कि आस्था पर चोट की गई है।

लोगों ने मंदिर के पुजारी पर भी मिलीभगत का आरोप लगाया है। वहीं मामले पर रेलवे ने सफाई दी है। स्टेशन अधीक्षक रविंद्र कुमार का बयान है कि मंदिर को दूसरी जगह स्थापित की कर मूर्ति को भी उसी मंदिर में स्थापित कर दिया गया है। नवनिर्मित मन्दिर में मूर्ति की स्थापना कराकर कराई गई है प्राण प्रतिष्ठा। फिलहाल मामले को लेकर प्रबुद्ध जन समझाने बुझाने में जुटे हुए थे।

MIRZAPUR : भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुके शास्त्री सेतु का पाथ-वे ट्रक चढ़ने से टूटा, हो सकता है बड़ा हादसा

संतोष देव गिरि ,मीरजापुर। दुद्धि-लुम्बिनी मार्ग को जोड़़ने वाले गंगा नदी पर बने मिर्जापुर का शास्त्री पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़़ कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकता है। शास्त्री सेतु पुल एक बार फिर किनारे से टूट गया है। बीती रात बालू लदे ओवरलोड ट्रक मिर्ज़ापुर की ओर से जाते समय पाथ-वे पर चढ़ गया जिससे वह टूट कर गड्ढे का रूप ले लिया है।

पुल के टूटे पाथ-वे की का अभी तक मरम्मत कार्य भी नहीं हो पाया है। बताते चलें कि वर्ष 2020 से 3 बार करोड़ो की लागत लगाकर पुल का मरम्मत कराया जा चुका है। ओवर लोड बालू के ट्रक चढ़ने से पथवे का हिस्सा किनारे से टूटा है। 6 महीने पहले ही मरम्मत कराकर शास्त्री सेतु पुल को बड़े वाहनों के लिए चालू किया गया था। 45 साल पुराना बने पुल पर हर वर्ष मरम्मत का खेल होता है। पूर्व में मुंबई की कंपनी में आरएंडएम इंटरनेशनल को मरम्मत का ठेका दिया गया था। जर्जर पुल पर हर दिन हजारों वाहन गुजरते है। मिर्जापुर का शास्त्री सेतु पुल दुद्धि-लुम्बिनी मार्ग को जोड़ता है। 1अगस्त 1976 को तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने इस सेतु का उद्घाटन किया था।

बदलते ज़माने के साथ ही पुल पर न केवल आवागमन बढ़ा है बल्कि वाहनों की खेप भी बढ़ी है ऐसे में क्षमता से अधिक भार बढ़ने से पुल पर जहां असर पड़ा है वहीं रखरखाव में जमकर लापरवाही भी बरती गई है। जिसका खामियाजा यह हुआ है कि पुल के किनारे लगी लोहे की सरिया सड़-गल चुकी है। जगह-जगह दरार और जर्जर सरिया पुल के कमजोर होने की ओर इसारा करते हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल भी मरम्मत के नाम पर खर्च हुए रुपये के जांच के लिए पत्र लिख चुकी हैं। गौर करें तो वर्ष 2020 में 8 करोड़, 2021- 22 में 5.64 करोड़ और 2023 में 7.48 करोड़ मरम्मत के नाम पर खर्च हो चुके है। मरम्मत के नाम पर शास्त्री सेतु में करोड़ो का खेल होना बताया जा रहा है। फिलहाल शास्त्री सेतु पुल का टूटा हुआ पाथ-वे बड़ी दुर्घटना को दावत दे रहा टूटा है।

मिर्जापुर में दिव्यांगों ने प्रदर्शन कर दिव्यांगों के साथ अनदेखी का लगाया आरोप

संतोष देव गिरी ,मीरजापुर। दिव्यांगिता की मार सहने वाले दिव्यांग जनों को नगर पालिका परिषद मिर्जापुर के कर्मचारियों की उदासीनता के चलते दोहरी मार सहनी पड़ रही है।

उन्हें दिव्यांगजन पेंशन के सत्यापन के लिए नगर पालिका परिषद मिर्जापुर के कर्मचारियों द्वारा परेशान किया जा रहा है। नगर पालिका परिषद के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण नगर पालिका परिषद प्रांगण में दिव्यांग जनों को घसीटते हुए आने जाने के लिए विवश कर दिया जा रहा है, जिससे इस भीषण गर्मी में पेंशन सत्यापन के लिए दिव्यांग जनों का घर से नगर पालिका परिषद कार्यालय का दौड़ लगाना उनके जीवन पर भारी पड़ने लगा है।

इन्हीं समस्याओं और अपनी विभिन्न मांगों को लेकर दिव्यांग जनों ने ताज विकलांग सेवा समिति मिर्जापुर उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में सोमवार को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करते हुए जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है। अपनी तीन सूत्री मांगों को जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए दिव्यांगजनों ने कहा कि दिव्यांगता प्रमाण पत्र प्रत्येक सोमवार को मंडलीय चिकित्सालय में बनाया जाता है, लेकिन तीन चिकित्सकों की बोर्ड में केवल हड्डी रोग एवं बाल चिकित्सा की उपस्थिति रहती हैं। तीसरा चिकित्सक अपने-अपने ओपीडी और वार्ड में दिव्यांगजनों को बुलाते हैं ऐसे में दिव्यांगजनों की परेशानियां बढ़ जाती हैं।

जबकि कायदे से देखा जाना चाहिए कि सभी संबंधित चिकित्सकों को एक साथ उपस्थित होकर दिव्यांगों की समस्याओं का समाधान समूची ढंग से और मानवता के तहत किया जाना चाहिए, लेकिन ऐसा ना कर दिव्यांगों को परेशान किया जा रहा है। दिव्यांगों ने बताया की मंडलीय चिकित्सालय में दिव्यांग मरीजों के साथ चिकित्सालय के कर्मचारी व वार्ड ब्वाय द्वारा पर्चा काउंटर से हड्डी रोग विभाग एक्स-रे विभाग नाक, कान, गला वह अन्य विभागों के वार्ड ब्वाय द्वारा दिव्यांग जनों के साथ अशोभनीय व्यवहार किया जाता है।

मजबूर हो कर दिव्यांग मरीज अपना इलाज नहीं कर पाता। अस्पताल के वार्ड ब्वाय एवं कर्मचारियों द्वारा उन्हें लाइन लगवाने के लिए मजबूर किया जाता है, जबकि अन्य साधारण मरीजों से धनउगाही कर उनका नंबर पहले लगा दिया जाता है। ऐसे में दिव्यांगों के साथ दोहरा बर्ताव किया जा रहा है जो अशोभनीय है। इस दौरान एकजुट हुए दिव्यांगों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करने के पश्चात जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंप अपनी समस्याओं का समाधान किए जाने की मांग रखी। चेताया की यदि उनकी मांगों का समाधान नहीं किया जाता है तो वह प्रदर्शन करने के लिए बाध्य हो जाएंगे।

मीरजापुर: राष्ट्रवादी मंच के नेता ने नपाध्यक्ष पर कसा तंज, कहा एक वर्ष में बढ़ा है समस्याओं का अंबार

मीरजापुर। जनता को समस्याओं के मकड़ जाल में धक्का देकर नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष प्रसन्न है। बोर्ड का गठन एक वर्ष से अधिक व्यतीत होने के बाद नगर में समस्याओं का अम्बार पहले से और बढ़ गया। एक वर्ष के रिपोर्ट कार्ड में बताने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है। केवल मुफ्त की रेवड़ी के तहत वाई फाई देने और डिजिटल वसूली की योजना शामिल है। जिससे आम आदमी का कोई भला नही होने वाला है। डिजिटल नगर पालिका परिषद गरीब, असहाय झुग्गी,झोपड़ी वालो के साथ क्रूर मजाक हैं।

विगत एक वर्ष में नगर की जनता को कोई राहत नही मिला। जर्जर गली, सड़क, गंदगी, बजबजाती नालिया, विभिन्न मार्गो पार बंद स्ट्रीट लाइट नगर पालिका परिषद की व्यवस्था को आईना दिखा रही हैं। उक्त उद्द्गर लाडिग्गी स्थित अपने आवास पर पत्रकार वार्ता के दौरान व्यक्त करते हुए कहाकि विगत अनेक वर्षो से जौनपुर तिराहा नटवा इलाके में रेलवे अंडर ब्रिज, दूधनाथ चुंगी अंडर ब्रिज रोड़ और विंध्याचल अनाथ आश्रम के पास जल जमाव से आवागमन बाधित होता है। घंटो घंटो जाम लगता है।वर्षात के दिनों में लोगों का चलना फिरना कष्ट दायक होता है।

विंध्याचल आने वाले भक्तों के राह में जल जमाव मुसीबत खड़ा कर देता है। इसके बावजूद आज तक कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया। विंध्य धाम में सफाई व्यवस्था राम भरोसे हैं। गंदे पानी से होकर भक्तों को जाना पड़ता है। वह भी तब जब विंध्य कॉरिडोर सज रहा है। नगर के तालाब, पोखरों को संरक्षित रखने के बजाय उन्हें पाटा जा रहा है। शुक्लहा में पोखरा पाट कर कार्यालय बना दिया गया। इसी प्रकार बथुआ में पोखरा को पाट कर शौचालय बना दिया गया है। वहां पर कूड़े का पहाड़ खड़ा हो गया है। जिससे जन जीवन प्रभावित होरहा है। नगर में सौंदर्यीकरण के नाम पर केवल धन की लूट की गई। नगर के चौराहे आज भी जस के तस है। नगरीय सुविधा के नाम पर नगर में अब तक रिक्सा, ई रिक्सा पार्किंग स्थल न होने से लोगों को जाम से जूझना पड़ रहा है।

नगर पालिका प्रशासन से विनम्र शब्दों में निवेदन कर रहा हूं कि ठेकेदारी और हिस्से दारी से ऊपर उठकर अपने जिम्मेदारी का ईमानदारी से पालन करके वर्षा काल खण्ड को ध्यान में रखकर नगर वाशियों की समस्या का समाधान करें। अन्यथा नगर र की जनता एक बड़ा जन आंदोलन केलिए बाध्य होगी। पत्रकार वार्ता में प्रमुख रूप से रवि पुरवार, आनंद अग्रवाल, रविशंकर साहू, राजेश सिन्हा, मनोज दमकल,अखिलेश अग्रहरी, दीपक श्रीवास्तव सहित बड़ी संख्या में स्थानीय कार्य कर्ता भी उपस्थित रहे।

*विशेष लोक अदालत का आयोजन 29 जुलाई से 3 अगस्त तक*

मिर्जापुर- उच्चतम् न्यायालय नई दिल्ली द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्राप्त दिशा-निर्देश के अनुक्रम में जनपद न्यायाधीश, अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मीरजापुर, अनमोल पाल के निर्देशानुसार अपर जनपद न्यायाधीश, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, विनय आर्या द्वारा यह जानकारी दी गयी की उच्चतम् न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा लम्बित मामलों के सोहार्दपूर्ण समाधान के लिये 29 जुलाई 2024 से 3 अगस्त 2024 तक विशेष लोक अदालत का आयोजन मुख्यालय एवं समस्त तहसीलों में किया जायेगा। विशेष लोक अदालत का आयोजन शीर्ष अदालत की स्थापना के 75वें वर्ष में किया जायेगा। मा० उच्चतम न्यायालय 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने के साथ अस्तित्व में आया था।

विशेष लोक अदालत में निम्न प्रकार के वादों का निस्तारण सुलह समझौते के माध्यम से किया जायेगा। जैसे- वैवाहिक विवाद, सम्पत्ती विवाद, मोटर दुघर्टना दावे, भूमि अधिग्रहण, मुवाअजा तथा सेवा और श्रम से जुड़े वे मामले जिनमें समझौता सम्भव है और न्यायालय में लम्बित है, को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाएगा। इसी क्रम में आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत 13 जुलाई 2024 को आयोजित हाने वाली लोक अदालत के सन्दर्भ में भी जानकारी दी गयी कि उक्त लोक अदालत में अपने-अपने वादों को सुलह समझौते के आधार पर निस्तारित कराने का कष्ट करें।

*मिर्ज़ापुर: पर्चा छीनकर चल रहा कमीशन का खेल, लगाम लगाने में सीएमओ फेल*

मिर्जापुर- सूबे की योगी सरकार के लाख कवायदों के बावजूद सरकारी अस्पतालों की दशा में सुधार नहीं हो रहा है। सरकारी अस्पतालों में भ्रष्टाचार पुरी तरह से व्याप्त है, दलाली कमीसनखोरी का खेल अपने चरम पर है। जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है जिसका जीता जागता उदाहरण मिर्जापुर जिले के चुनार तहसील अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आए दिन देखने को मिलता है। सीएचसी चुनार में एक स्थानीय माफिया का पूरी तरह से राज कायम है।

सुबह ओपीडी चालू होते ही अजय, पंकज, विश्वजीत और राजेश नाम के दलाल सीएचसी में पांच से सात की संख्या में एक साथ घुस जाते है और ईलाज कराने आने वालें मरीजों का जबरिया पर्चा छीनकर निजी मेडिकल पर ले जाकर दवा जांच आदि कराकर उनसे अवैध वसूली और कामिसन खोरी करते है। जिनका चिकित्सालय में कार्यरत चिकित्सक भी भरपूर सहयोग करते है, अस्पताल में कार्यरत एक आयुष चिकित्सक ने इन दलालों को कामिशन के लिए अपना रिश्तेदार बना लिया है। यहीं कारण है की जहां कभी सीएचसी चुनार में लगभग पांच सौ से ऊपर मरीज दिखाने आते थे अब वहा मरीजों का टोटा होता दिखाई दे रहा है, पांच सौ ओपीडी वाले सीएचसी चुनार का ये हाल है की हफ्ते में एक या दो दिन छोड़कर शेष दिनो में सौ ओपीडी भी नही हो पाती, दलालों द्वारा जबरन पर्चा पकड़ने तथा डॉक्टरों द्वारा उनको सह देने से अब तो मरीज भी वाकिफ हो चुके है जिसके कारण मरीज सीएचसी में ईलाज कराने के बजाय निजी अस्पतालों का सहारा ले रहें है।

हालांकि मामले की जानकारी के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा सीएल वर्मा से दूरभाष पर संपर्क किया गया तो उनका फोन नही रिसीव हुआ वहीं अपर निदेशक डाक्टर शोभना दिवेदी से वार्ता का प्रयास किया गया तो मीटिंग के चलते ज्वाइंट डायरेक्टर डाक्टर एके सिंह ने कॉल रिसीव किया और बताया कि इस तरह का कोई मामला संज्ञान में नहीं है, चूंकि प्रकरण गम्भीर है जिसपर सीएचसी अधिक्षक और मुख्य चिकित्सा अधिकारी स्तर से कार्यवाही की जानी चाहिए, लेकिन यदि ऐसा है तो सीएमओ को ऐसे लोगों को चिन्हित कर कठोर कार्यवाही के लिए निर्देशित किया जाएगा।