गायत्री जयंती गंगा दशहरा पर्व पर हुए विविध आयोजन
अमेठी। रविवार को गायत्री शक्ति पीठ अमेठी पर गायत्री जयंती गंगा दशहरा पर्व उत्साह पूर्वक मनाया गया । इस अवसर पर पंच कुण्डीय गायत्री महायज्ञ कई पालियों में परिव्राजक इन्द्र देव शर्मा व सविता शर्मा ने सम्पन्न कराया गया। साथ ही इस पावन अवसर पर दर्पण एवं आकांक्षा श्रीवास्तव के पुत्र का अन्नप्रासन संस्कार भी सम्पन्न हुआ।
गायत्री जयंती से पूर्व शनिवार से गायत्री मंत्र साधना का क्रम शुरू हुआ। शांतिकुंज हरिद्वार से लाए गए शक्ति कलश के सम्मुख गायत्री मंत्र जप का क्रम गुरु पूर्णिमा तक चलता रहेगा। परिव्राजक इंद्रदेव ने उपस्थित सभी परिजनों से मंत्र जप साधना से जुड़ने का आवाह्न किया।
परिजनों को सम्बोधित करते हुए गायत्री शक्ति पीठ के व्यवस्थापक डॉ० त्रिवेणी सिंह ने कहा कि गायत्री ज्ञान- विज्ञान की देवी हैं, गायत्री को वेदमाता, ज्ञान गंगोत्री,संस्कृति की जननी एवं आत्मबल की अधिष्ठात्री कहा जाता है , इसे गुरु मंत्र कहते हैं। गायत्री देवत्व, सत्प्रवृत्ति और सदाचार की जननी है। आज गंगा और गायत्री के जन्म दिन का पुनीत पर्व हम सबके कर्म में गंगा जैसी सरसता और चिन्तन में गायत्री़ जैसी ज्योति उत्पन्न करें ऐसी कृपा गुरुदेव प्रदान करें। उन्होंने गायत्री शक्ति पीठ के माध्यम से चलाए जा रहे गृहे गृहे गायत्री यज्ञ की चर्चा करते हुए कहा कि गुरुदेव ने उनके विचारों को, माँ गायत्री को घर-घर पहुंचाने का विराट संकल्प लिया और आज पूरी दुनिया गायत्री की महिमा को समझ रही है।
गायत्री परिवार के कार्यकर्ताओं का आवाहन करते हुए उन्होंने कहा कि मार्च 2025 में अमेठी में आयोजित 251 कुण्डीय राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञ हम सबके लिए सौभाग्य और एक बड़े अवसर के रूप में आया है। अमेठी के घर-घर में माँ गायत्री की स्थापना का दायित्व हम सभी का है, हमने गुरुदीक्षा के वक्त समयदान का संकल्प लिया था। हमें गांव-गांव घर-घर पहुँचना होगा तभी सच्चे अर्थों में हम गुरुदेव के सैनिक कहलाने के अधिकारी होंगे।
गुरुदेव के महाप्रयाण दिवस पर उभरे संकल्प
गायत्री जयंती के दिन ही 2 जून 1990 को वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने स्थूल शरीर का त्याग कर दिया था। आज उनके 34वें महाप्रयाण दिवस पर उनकी समाधि स्थल के प्रतीक प्रखर प्रज्ञा एवं सजल श्रद्धा पर अक्षत पुष्प चढ़ाकर लोगों ने अपने संकल्पों को पूरा करने की शक्ति माँगी। इसके पूर्व युवा समन्वयक डॉ० दीपक सिंह ने गुरुदेव के द्वारा अपने नैष्ठिक कार्यकर्ताओं को दिये गये संदेश ‘अपने अंग अवयवों से’ पढ़कर सुनाया जिसमें गुरुदेव ने लिखा है कि युग परिवर्तन दैवीय योजना है और ये पूर्ण होकर रहेगी। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से अपेक्षा की है कि अपनी पूरी क्षमता से युग निर्माण अभियान में लगे रहे।
आज के कार्यक्रम में डॉ० चंद्रावती सिंह, मगन लाल कौशल, राणा प्रताप सिंह, डॉ० विजयलक्ष्मी सिंह, राम बहादुर पांडेय, त्रिवेणी प्रसाद सिंह, गायत्री सिंह, सुभाष चंद्र द्विवेदी, डॉ० आर०पी० सिंह, महेश बरनवाल, कोमल मिश्रा, चिरौंजी लाल, प्रदीप त्रिपाठी, घनश्याम वर्मा, लाल अशोक सिंह, कुसुम सिंह, हेमंत श्रीवास्तव, चन्द्रभान मिश्रा, भारती सिंह, रमेश कुमार सिंह, अखिलेश पांडेय, अरविंद सिंह, अरुण सिंह, अशोक शर्मा, प्रेम गुप्ता, सतीश कुमार, कृष्णा देवी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
Jun 18 2024, 20:25