कोल्हान के पूर्वी सिंहभूम जिले के चाकुलिया वन क्षेत्र के विभिन्न सड़कों पर हाथियों का जामबाड़ा, राहगीरों परेशान

सरायकेला : कोल्हान के पूर्वी सिंहभूम जिले अन्तर्गत चाकुलिया वन क्षेत्र के विभिन्न सड़कों पर इन दिनों हाथियों के झुंड के आने जाने से राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

आज  सुबह चाकुलिया – केरूकोचा मुख्य सड़क पर एक बड़ी दुर्घटना होने से बाल बाल बचे , हुआ यूं की सुबह में 7-8 हाथियों का झुंड मुख्य सड़क पार कर रहा था तभी इसी बीच एक ट्रैक्टर वहां आ पहुंचा.

ट्रैक्टर चालक की हिम्मत कहे या किस्मत की वह हाथियों के झूंड के बीच से सुरक्षित ट्रैक्टर लेकर निकल गया,  ट्रैक्टर जैसे ही हाथियों के बीच पहुंचा  हाथियों के चिंघाड़ से क्षेत्र गूंज उठा , वहीं सड़क के किनारे जंगल में हाथियों के झूंड के आने से चाकुलिया – केरूकोचा मुख्य सड़क पर आने जाने वाले राहगीर काफी भयभीत देखा गया  और सावधानी पूर्वक आवागमन कर रहे हैं, वहीं जंगल में हाथियों के झूंड के आने से आस पास के गांव के ग्रामीण काफी भयभीत हैं।

पश्चिम बंगाल और झारखंड राज्य    के सरायकेला जिला दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के गज परियोजना से गजों किया पलायन  और छोटे बड़े जंगलों में हाथी की झुंड देता डाला हुआ ।भोजन और पानी की तलास में  आज सेंचुरी छोड़कर सड़क पर भटके हे यह झुंड ,राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा जंगल और वन्य जीव जंतु की संरक्षण के लिए , वन एब पर्यावरण विभाग को प्रतिवर्ष करोड़ों रुपया मुहैया करते हे।ओर हाथी की झुंड भोजन पानी के लिए गांव को टारगेट करते देखा गया ,घर में रखे अनाज को अपना निवाला बना रहा है.
आदित्यपुर नगर निगम के प्रशासक ने एक सप्ताह के भीतर लंबित योजनाओं की निविदा निकाल कर काम में तेज़ी से लाने का दिया निर्देश

सरायकेला :आदित्यपुर नगर निगम के प्रशासक आलोक कुमार ने आगामी एक सप्ताह के भीतर लंबित योजनाओं की निविदा  निकाल कर तेजी से काम शुरू कराने का निर्देश दिया है । इस योजना में  97 करोड़ से निगम क्षेत्र के विभिन्न वार्डो में 48 सडको का निर्माण होना है इसके आलावा जिस योजना का निर्माण कार्य चुनाव आचार संहिता लगने के कारण नही हो पा रहा था अब उस योजनाओं का काम एक सप्ताह के अंदर निविदा निकालकर शुरू किया जाएगा प्रशाशक बैठक में सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया है पुराने सभी मामलों का निष्पादन शीध्र करे ही आम जनता की समश्या को सुनने के बाद उनको संतुष्ट करे ।

40 डीप बोरिंग से लोगो की बुझेगी प्यास निगम द्वारा पेयजल संकट को देखते हुए  40 डीप बोरिंग कराने का निर्णय लिया गया था पर आदर्श आचार संहिता लगने के कारण यह योजना खटाई में पड़ गयी थी इसे लेकर निविदा भी कराई जाएगी योजना के तहत प्रत्येक वार्डो में दो एचआईवीडीटी लगाया जाएगा इसे लेकर निगम की टीम ने स्थल का सर्वे भी कर लिया है वासिंग सेंटरों को जारी की गई एडवाजरी कस्बे में  जल संकट को देखते हुए प्रसाशक ने क्षेत्र में  संचालित वासिंग सेंटरों के लिए एडवाजरी जारी की है  अनुमति प्राप्त वासिंग सेंटर  संचालकों को कम पानी इस्तेमाल करने की एडवाइजरी जारी की गई है इसके आलावे वैसे वासिंग सेंटर जो अवेध रूप से संचालित हो रहे है।

इधर नगर निगम प्रशाशक आलोक कुमार ने बताया है कि अगले वर्ष मार्च तक घर घर लोगो को पानी मिलना शुरू हो जाएगा वन विभाग में फंसा पेंच अब सुलझा लिया गया है जितने भी एनओसी पेंडिंग थे सभी किलयर हो चुके है अब 30 एमएलडी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य भी जल्द शुरू हो जाएगा ।
गढ़वा : जिले मे एनजीटी के रोक के बावजूद भी जिले के कई नदियों से बालू माफिया द्वारा खनन जारी

गढ़वा : जिले मे एनजीटी के रोक के बावजूद भी जिले के कई नदियों से बालू माफिया खनन विभाग के मिलीभगत से बालू का बेरोक टोक उठाव कर रहे है रात के अँधेरे मे इन बालू माफियाओ की दिन की शुरुआत होती है जो रात भर चलती है। जिले मे इसका दो प्रखंडो मे उदाहरण देखने को मिला जहाँ गढ़वा जिले के भंडरिया थाना क्षेत्र के बघवार स्थित कनहर नदी से अवैध बालू की ढुलाई में लगे दर्जनों ट्रैक्टरों को बीती रात ग्रामीणों ने रोक दिया.

रात भर ट्रैक्टरों को रोककर विभाग को इस मामले पर करवाई के लिए जानकारी देने के बाद भी रात के ढाई बजे तक करवाई की उम्मीद खत्म होता देख ग्रामीणों ने इन ट्रैक्टरों को छोड़ दिया।.वही इस दौरान अवैध बालू की ढुलाई से आक्रोशित ग्रामीणों ने ट्रैक्टर मालिकों को इस क्षेत्र से बालू नही ले जाने की कड़ी हिदायत दी. जानकारी के अनुसार पहले की तरह बीती रात भी बघवार के कनहर नदी से  बालू की अवैध ढुलाई हो रही थी.

इसी दौरान कनहर नदी से बालू के उठाव में लगे दर्जनों ट्रैक्टरों को ग्रामीणों ने पकड़ लिया.वहीं सभी ट्रैक्टरों को प्रशासन से जप्त कराने की बात कही.इसे लेकर ग्रामीणों ने  इसकी सूचना भंडरिया प्रखण्ड प्रमुख,मुखिया एवं अन्य जनप्रतिनिधियों को दी। वंही दूसरी ओर चिनियाँ प्रखंड क्षेत्र मस्त भी रात भर बालू की ढूलाई ट्रैक्टर से की जा रही है लेकिन किसी की हिम्मत रोकने के लिए नही हो रही है.
इन 12 विधाओं से जाना जा‍ सकता है भविष्य,सबसे ज्यादा लोकप्रिय है हस्तरेखा और कुंडली

सरायकेला : रिपोर्ट विजय कुमार :- भारतीय ज्योतिष शास्त्र में अलग-अलग तरीके से भाग्य या भविष्य बताया जाता है। माना जाता है कि भारत में लगभग 150 से ज्यादा ज्योतिष विद्या प्रचलित हैं। प्रत्येक विद्या आपके भविष्य को बताने का दावा करती है। माना यह ‍भी जाता है कि प्रत्येक विद्या भविष्य बताने में सक्षम है, लेकिन उक्त विद्या के जानकार कम ही मिलते हैं, जबकि भटकाने वाले ज्यादा। मन में सवाल यह उठता है कि आखिर किस विद्या से जानें हम अपना भविष्य, तो यहाँ प्रस्तुत है कुछ प्रचलित ज्योतिष विद्याओं की जानकारी।

1. कुंडली ज्योतिष :- यह कुंडली पर आधारित विद्या है। इसके तीन भाग है- सिद्धांत ज्योतिष, संहिता ज्योतिष और होरा शास्त्र। इस विद्या के अनुसार व्यक्ति के जन्म के समय में आकाश में जो ग्रह, तारा या नक्षत्र जहाँ था उस पर आधारित कुंडली बनाई जाती है। बारह राशियों पर आधारित नौ ग्रह और 27 नक्षत्रों का अध्ययन कर जातक का भविष्य बताया जाता है। उक्त विद्या को बहुत से भागों में विभक्त किया गया है, लेकिन आधुनिक दौर में मुख्यत: चार माने जाते हैं। ये चार निम्न हैं- नवजात ज्योतिष, कतार्चिक ज्योतिष, प्रतिघंटा या प्रश्न कुंडली और विश्व ज्योतिष विद्या।

2. लाल किताब की विद्या :- यह मूलत: उत्तरांचल, हिमाचल और कश्मीर क्षेत्र की विद्या है। इसे ज्योतिष के परंपरागत सिद्धांत से हटकर 'व्यावहारिक ज्ञान' माना जाता है। इसे बहुत ही कठिन विद्या माना जाता है। इसके अच्‍छे जानकार बगैर कुंडली को देखे उपाय बताकर समस्या का समाधान कर सकते हैं। उक्त विद्या के सिद्धांत को एकत्र कर सर्वप्रथम इस पर एक ‍पुस्तक प्रकाशित की थी जिसका नाम था 'लाल किताब के फरमान'। मान्यता अनुसार उक्त किताब को उर्दू में लिखा गया था इससे इसके बारे में भ्रम उत्पन्न हो गया।

3. गणितीय ज्योतिष :- इस भारतीय विद्या को अंक विद्या भी कहते हैं। इसके अंतर्गत प्रत्येक ग्रह, नक्षत्र, राशि आदि के अंक निर्धारित हैं। फिर जन्म तारीख, वर्ष आदि के जोड़ अनुसार भाग्यशाली अंक और भाग्य निकाला जाता है।

4. नंदी नाड़ी ज्योतिष :- यह मूल रूप से दक्षिण भारत में प्रचलित विद्या है जिसमें ताड़पत्र के द्वारा भविष्य जाना जाता है। इस विद्या के जन्मदाता भगवान शंकर के गण नंदी हैं इसी कारण इसे नंदी नाड़ी ज्योतिष विद्या कहा जाता है।

5. पंच पक्षी सिद्धान्त :- यह भी दक्षिण भारत में प्रचलित है। इस ज्योतिष सिद्धान्त के अंतर्गत समय को पाँच भागों में बाँटकर प्रत्येक भाग का नाम एक विशेष पक्षी पर रखा गया है। इस सिद्धांत के अनुसार जब कोई कार्य किया जाता है उस समय जिस पक्षी की स्थिति होती है उसी के अनुरूप उसका फल मिलता है। पंच पक्षी सिद्धान्त के अंतर्गत आने वाले पाँच पक्षी के नाम हैं गिद्ध, उल्लू, कौआ, मुर्गा और मोर। आपके लग्न, नक्षत्र, जन्म स्थान के आधार पर आपका पक्षी ज्ञात कर आपका भविष्य बताया जाता है।

6. हस्तरेखा ज्योतिष :- हाथों की आड़ी-तिरछी और सीधी रेखाओं के अलावा, हाथों के चक्र, द्वीप, क्रास आदि का अध्ययन कर व्यक्ति का भूत और भविष्य बताया जाता है। यह बहुत ही प्राचीन विद्या है और भारत के सभी राज्यों में प्रचलित है।

7. नक्षत्र ज्योतिष :- वैदिक काल में नक्षत्रों पर आधारित ज्योतिष विज्ञान ज्यादा प्रचलित था। जो व्यक्ति जिस नक्षत्र में जन्म लेता था उसके उस नक्षत्र अनुसार उसका भविष्य बताया जाता था। नक्षत्र 27 होते हैं।

8. अँगूठा शास्त्र :- यह विद्या भी दक्षिण भारत में प्रचलित है। इसके अनुसार अँगूठे की छाप लेकर उस पर उभरी रेखाओं का अध्ययन कर बताया जाता है कि जातक का भविष्य कैसा होगा।

9. सामुद्रिक विद्या:- यह विद्या भी भारत की सबसे प्राचीन विद्या है। इसके अंतर्गत व्यक्ति के चेहरे, नाक-नक्श और माथे की रेखा सहित संपूर्ण शरीर की बनावट का अध्ययन कर व्यक्ति के चरित्र और भविष्य को बताया जाता है।

10. चीनी ज्योतिष :- चीनी ज्योतिष में बारह वर्ष को पशुओं के नाम पर नामांकित किया गया है। इसे ‘पशु-नामांकित राशि-चक्र’ कहते हैं। यही उनकी बारह राशियाँ हैं, जिन्हें 'वर्ष' या 'सम्बन्धित पशु-वर्ष' के नाम से जानते हैं। यह वर्ष निम्न हैं- चूहा, बैल, चीता, बिल्ली, ड्रैगन, सर्प, अश्व, बकरी, वानर, मुर्ग, कुत्ता और सुअर। जो व्यक्ति जिस वर्ष में जन्मा उसकी राशि उसी वर्ष अनुसार होती है और उसके चरित्र, गुण और भाग्य का निर्णय भी उसी वर्ष की गणना अनुसार माना जाता है।

11. वैदिक ज्योतिष :-  वैदिक ज्योतिष अनुसार राशि चक्र, नवग्रह, जन्म राशि के आधा‍र पर गणना की जाती है। मूलत: नक्षत्रों की गणना और गति को आधार बनाया जाता है। मान्यता अनुसार वेदों का ज्योतिष किसी व्यक्ति के भविष्य कथक के लिए नहीं, खगोलीय गणना तथा काल को विभक्त करने के लिए था।

12. टैरो कार्ड :- टैरो कार्ड में ताश की तरह पत्ते होते हैं। जब भी कोई व्यक्ति अपना भविष्य या भाग्य जानने के लिए टैरो कार्ड के जानकार के पास जाता है तो वह जानकार एक कार्ड निकालकर उसमें लिखा उसका भविष्य बताता है।

यह उसी तरह हो सकता है जैसा की पिंजरे के तोते से कार्ड निकलवाकर भविष्य जाना जाता है। यह उस तरह भी है जैसे कि बस स्टॉप या रेलवे स्टेशन पर एक मशीन लगी होती है जिसमें एक रुपए का सिक्का डालो और जान लो भविष्य। किसी मेले या जत्रा में एक कम्प्यूटर होता है जो आपका भविष्य बताता है।

उपरोक्त विद्या जुए-सट्टे जैसी है यदि अच्छा कार्ड लग गया तो अच्छी भविष्यवाणी, बुरा लगा तो बुरी और सामान्य लगा तो सामान्य। हालाँकि टैरो एक्सपर्ट मनोविज्ञान को आधार बनाकर व्यक्ति का चरित्र और भविष्य बताते हैं। अब इसमें कितनी सच्चाई होती है यह कहना मुश्किल है।

इसके अलावा माया, हेलेनिस्टिक, सेल्टिक, पर्शियन या इस्लामिक, बेबिलोनी आदि अनेक ज्योतिष धारणाएँ हैं। हर देश की अपनी अलग ज्योतिष धारणाएँ हैं और अलग-अलग भविष्यवाणियाँ।
चांडिल अनुमंडल के वन क्षेत्र के गांवों में दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के गजराज का आतंक जारी, भटके हुए झुण्ड मचा रहा उत्पात

सरायकेला : चांडिल अनुमंडल क्षेत्र चांडिल के वन क्षेत्र अधीन ग्राम पितकी, बाना, लायाडीह,चिगड़ीडीह, वनडीह, पुशपुतुल आदि गांव में दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के गजराज भोजन की तलाश में भटकते हुए बाना जंगल में डेरा डाला हुआ है।

शाम ढलते ही जंगल से उतर कर गांव में प्रवेश कर किसान का खड़ी फसल लौकी, कादू ,खीरा, टमाटर, आदि फसल को अपना निवाला बना रहा है साथ ही पैर तले कुचल देते हैं । साथ ही किसान की घर में रखे धान, अनाज को घर तोड़कर निवाला बना रहा है ।

बीते रात्रि पितकी गांव के हरकिनठाड़ के साथ लायाडीह के ग्रामीण मशाल लेकर गजराज की झुंड को गांव में प्रवेश न कर सके इसके लिए पहरेदारी कर रहे हैं जिसे देखते हुए लोगो ने रात भर ऊंचे जगह पर डेरा डाल कर गजराज पर नजर रखे रहते हैं ।

गजराज की झुंड दूसरे गांव में पहुंच कर उत्पात मचाने लगा । एक महीना से दलमा सेंचुरी आए गजराज की झुंड अंडा ,लावा, जुगीलोंग,चतरमा, कुशापुतुल, बाना आदि जंगल में गजराज का झुंड कोई ग्रुप में इन जंगलों में डेरा डाला हुआ है।

चांडिल डैम जलाश्य में भरपूर पानी और विभिन्न गांव में पर्याप्त मात्रा में पोष्टिक भोजन मिलने के कारण इन क्षेत्र में गजराज का झुंड बारहों महीना डेरा डाला हुआ है।

दुर्भाग्य की बात है कि नीमडीह थाना क्षेत्र में विभिन्न जंगल की तराई में  अबै ध रूप से देशी दारू की भट्टी से महुआ की चुलाई से बचे अवशेष को खा कर गजराज की झुंड मस्त होकर गांव में उत्पात मचाने लगाते हैं ।

मनुष्य को देखते ही आक्रोशित होकर दौराने लगाते हैं । कोई बार गजराज की खदड़ने के दौरान ग्रामीण घायल भी हो जाते हैं ओर ईश्वर की भरोसे में जीने पर मजबूर हैं ग्रामीण ।

जिला मद उत्पाद विभाग एब स्थानीय थाना की मिली भगत से मद उत्पादन करने वाले दारू माफिया मालो माल रहते हैं ।

अबतक कोई उच्च स्तरीय पदाधिकारी द्वारा जांच नही किया हैं । इस संबंध में वन एब पर्यावरण विभाग से पूछे जाने पर मौन बना लिया है ।
बीर फूलो झानो जन कल्याण समिति की ओर से महेंद्र नाथ टुडू की अध्यक्षता में विशेष बैठक

सरायकेला :चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के चौका  ग्राम+पंचायत अंतर्गत  पंचायत भवन में फूलो झानो चौक, सिंग डाहार चौका क्रांतिकारी बीर फूलो झानो जन कल्याण समिति की ओर से महेंद्र नाथ टुडू की अध्यक्षता में  विशेष बैठक रखा गया.

इस बैठक में ये निर्णय लिया गया की 30 जून को होने वाले हूल दिवस को आदिबासी रीति रिवाज एवं पारम्परिक परिधान के साथ संथाल हूल दिवस मनाया जायेगा, मौके पर करमू मार्डी, रतन मार्डी, सत्य रंजन सोरेन, श्यामल मार्डी,कुनाराम बसके, डॉ एस एन मुर्मू, अनिमा टुडू इत्यादि शामिल हुए.
सरायकेला:जम्मू-कश्मीर में तीर्थ यात्रियों पर आतंकी हमले के खिलाफ श्रीराम सनातन समिति चांडिल के द्वारा पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया गया।

सरायकेला : जम्मू-कश्मीर में तीर्थ यात्रियों पर आतंकी हमले के खिलाफ बुधवार को श्रीराम सनातन समिति, चांडिल के द्वारा चांडिल चौक बाजार में रैली निकाल कर व पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया गया।

समिति के अध्यक्ष आकाश महतो ने विरोध प्रदर्शन की जानकारी देते हुए बताया कि देश की नई सरकार के शपथ ग्रहण के दिन जम्मू कश्मीर के रियासी में तीर्थ यात्रियों पर हुए पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी हमले के विरुद्ध श्रीराम सनातन समिति के कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया है। जिसमे प्रायोजित हमले के विरोध और आतंकी की धर्म को पहचानते हुए उनसभी पर कठोर कार्यवाही करने की मांग की गई।

उन्होंने बताया कि विरोध प्रदर्शन कर और ‘जिहादी आतंकवाद’ का पुतला दहन कर एंव मृतकों के शांति के लिए प्रार्थना किया गया। उन्होने कहा कायरतापूर्ण हमला से पूरा देश आज आक्रोशित है। निहथो पर गोली चलाना इन जैसे कट्टरपंथी धर्म का ही काम हो सकता है। 

इसी का विरोध आज पूरे देश मे हो रहा है। जिसे कुछ लोग राजनीतिक चश्मे से देखने का काम कर रहे है। लेकिन आज इस तरह के हमलों को देश बर्दाश्त नही करेगा। 

मौके पर श्रीराम सनातन समिति के महासचिव विमलेश मंडल, प्रवक्ता सूरज मिश्रा, सुब्रत चटर्जी, सजल कर्मकार, छोटू प्रामाणिक, राहूल नाग, शशि मिश्रा, उदित गुप्ता, पीयूष दत्त, भास्कर पोद्दार, बांकु राजपूत, सोबिक हालदार, मल्लिकार्जुन, नवीन दास, अशोक, महेश, मोनू, रूपेश, शुभम समेत सेंकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।

सरायकेला:भीषण गर्मी में लू से बचाव के लिए सतर्क रहें, बरतें विशेष सावधानी: जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त


सरायकेला :- मौसम विभाग द्वारा अगले 4 दिनों तक राज्य में कई जगहों पर भीषण हीट वेव चलने की संभावना जताई गई है। इसी के मद्देनजर जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त श्री रवि शंकर द्वारा जिलेवासियों से अपने स्वास्थ्य सुरक्षा का विशेष ध्यान रखने की अपील की गई है। 

उन्होने जिलावासियों से आह्वान किया कि गर्मी के मौसम में छोटी-छोटी सावधानियां अपनाकर लू से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि दिन में घर से बाहर निकलते समय सिर पर कपड़ा रखें। गर्मी के मौसम के चलते सूती कपड़ों का प्रयोग करें। 

दोपहर 12 से 3 बजे के बीच शारीरिक परिश्रम से बचें। ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं। बच्चों को धूप से बचाएं, घर पर उपचार के दौरान यदि सुधार नही होता है तो संबंधित प्रभावित व्यक्ति को तुरंत अस्पताल लेकर जाएं। वाहनों के टैंक को पूरा न भरवाएं। 

जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने कहा कि दिनचर्या के दौरान कुछ सावधानियां रखने से लू के प्रकोप से बचा जा सकता है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों में ओआरएस पाउडर और अन्य आवश्यक दवाएं उपलब्ध हैं। गर्मी के कारण स्वास्थ्य पर बुरा असर हो सकता है जैसे पानी की कमी, उल्टी, तेज बुखार, कमजोरी, सिरदर्द, चक्कर, हृदयघात, मस्तिष्क घात, और कार्डियोवैस्कुलर समस्याएं।

लिक्विड डाइट का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें और जितना ज्यादा हो सके उतना लिक्विड डायट का प्रयोग करें जैसे नींबू पानी, गन्ने का रस, शिकंजी, नारियल पानी आदि। ध्यान दें कि शरीर में पानी की कमी ना हो मसालेदार भोजन से बचें, गर्मी में लू, हीट स्ट्रोक से बचने के लिए घर का बना फ्रेश खाना खाएं।

सरायकेला :खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी अदिति सिंह के द्वारा खरसावां क्षेत्र के चौक स्थित खाद्य प्रतिष्ठानों की जांच की गई


सरायकेला : भीषण गर्मी के बीच खान पान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है बाजार,गली मुहल्ले, विद्यालयों के समीप स्थित ठेले/ खोमचे जहां चाट, गोलगप्पे, चाउमीन, समोसे एवं अन्य स्ट्रीट फूड जो काफ़ी समय पहले बनाये जाते हैं और खुले में बिना ढक्कन के रखे जाते हैं,ऐसे भोजन कम समय में विषाक्त हो जाते है एवं इसे खाने से फ़ूड पॉइज़निंग की घटनाएं हो जाती हैं।सभी लोगों से अपील है ऐसा खाना खाने से बचें।  

खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी अदिति सिंह के द्वारा खरसावां क्षेत्र के चौक स्थित खाद्य प्रतिष्ठानों,महाराजा होटल,साहू होटल,साहू चाट दुकान, लस्सी स्टॉल, एवं अन्य ठेले की जाँच की गई। साहू चाट दुकान में बनाये जा रहे छोला में synthetic रंग का प्रयोग किया जा रहा था जिसे स्थल पर ही नष्ट कराया गया।

रंगीन चमकदार खाद्य पदार्थ, चटक लाल ग्रेवी वाले भोजन खाने से परहेज करें। इनमें या तो synthetic रंगों का प्रयोग किया जाता है अथवा रंग की मात्रा अत्याधिक होती है जिससे कैंसर जैसी बीमारियाँ हो सकती है।

ज्ञात हो कि ऐसे विषाक्त खाद्य पदार्थ बेचने वाले खाद्य कारोबारियों पर 1 से 10 लाख तक का जुर्माना एवं 6 माह से आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है।

सरायकेला:झारखण्ड के आदिवासी कोटि के पदाधिकारीयों के साथ की गई अन्याय


सरायकेला :- झारखण्ड राज्य , बिहार से अलग इसलिए किया गया कि यहा के स्थानिय जनमानस को सभी क्षेत्रों में विकास हो ,परंतु सूत्रो कि जानकारी के अनुसार झारखण्ड राज्य के मछली पालन विभाग में कुछ अलग ही खेल चल रहा है- 14-15 सालो से एक ही पद (मत्स्य प्रसार पदाधिकारी पर राज्य में 15 लोगो 15-16 लोगों ने योगदान दिया था जिसमे है आदिवासी एवं अनुसूचित जाति एवं २ अन्य कुल 10 लोगों का साधारण प्रोत्रित्ती के मध्यम से जिला मत्स्य पदाधिकाटी पदाधिकारी के के पद पर प्रोन्नति होना था. 

वरीयता के सारे मापदण्डो को पूर्ण करते हुए इनको 8 मार्च 2024 के राज्य लोक सेवा आयोग (JPSC) मे बैठक बुलाई गई परंतु नाटकिय ढंग से विभागीय राजनीति के शिकार हो इस बैठक को स्थगत करने के लिए विभागीय सचिव का ही ट्रान्सफर कर दिया गया और 48 घंटे के भीतर फिर से सचिव भी बना दिया गया, ये सब इसलिए की UPSC में ब ST अधिकारीयों के प्रमोशन की बैठक टल जाये। साथ ही कुछ षड्‌यन्त्रकारी अधिकारीयों ने वंदना- डान्डल, IAS के एक आदेश जिसमें वरियता के आधार ST अधिकारीयों को प्रचोति संबोध- आदेश को रह ,करने के लिए wp(c) राज्य के झारखण्ड हाई कोर्ट में भी केस करवा दिया जिससे ST संवर्ग के अधिकारी खाली पड़े सामान्य कोटी के पदों पर प्रत्नोति न ले सो बहरहाल, JPSC व्दारा 19 मार्च को फिर से तरीख दे दी गई और प्रन्नोति समिति की बैठक में इन 4 महिला ST संर्ग (एवं । (50) संर्ग सहित 10 अधिकारियों के नाम 5 संवर्ग एवं । उए संकी सहित 10 की अनुशंसा कर दी गई, परंतू लगभग 3 माह से सचिवालय, मंत्रालय (मत्स्य) से निदेशालय (मत्स्य) से इन अधिकारीयों की पोटिग्स के लिए कोई रुची नही ली और न ही कोई अधिसूचना निकाली गई, नियमतहः 3 दिनों में इनके पदस्थापन की सूचना निकलना चाहीये था दिनांक 11/6/24 को विभागीय प्रोन्नति समिति की बैठक प्रस्तावित थी, परंतु फिर से राज्य के आदिवासी अधिकारियो की अव्हेलना करते हुए कोई बैठक नही की गई, इस सब घटनाक्रम से स्वष्ठहे कि राज्य के मूलनिवासीयों के हित की बात रखने वाला कोई नही है ऐसे क्या इसीलिए झारखण्ड अलग राज्य बनाया।

दोषियों के दृष्टान्त और भी बहुत है, ये तो एक - अदना सा विभाग है, जिसमें अगर इसमें ऐसा है, तो जरा सोचिए राज्य की प्रगति कैसी चल रही होगी।