वातावरण की गर्मी बढ़ाने में प्लास्टिक का अहम रोल
उनवल खजनी गोरखपुर।पारा इन दिनों 42° सें. तक पहुंच रहा है। तेज धूप और झुलसाती गर्मी के कारण दोपहर में सड़कों पर सन्नाटा पसरा नजर आता है। यदि कोई बेहद जरूरी काम न हो तो लोग गर्मी से बचाव के लिए छांव और ठंडी हवा की तलाश में दिन में विशेषकर दोपहर का समय घरों में कैद होकर बिता रहे हैं।
वहीं बढ़ते प्लास्टिक का प्रयोग भी तापमान बढ़ाने में मददगार साबित हो रहा है। तहसील क्षेत्र के सभी कस्बे बाजारों में प्रदेश सरकार द्वारा लगाए गए पाॅलिथिन (प्लास्टिक) बैन का कोई असर नहीं है। ठेले खोमचों से लगायत सब्ज़ी, फल, कपड़े और किराना व्यावसाई आदि सभी पाॅलिथिन की थैलियों का खुलेआम बेरोकटोक प्रयोग कर रहे हैं।
मांगलिक आयोजनों जलपान की दुकानों समेत प्रायः हर तरफ सस्ते प्लास्टिक ग्लास और दोने आदि का उपयोग हो रहा है। बेतहाशा गर्मी, स्वच्छ पेयजल की समस्याओं और सूखे की मार झेल रही क्षेत्र की जनता भी पाॅलिथिन के बढ़ते प्रयोग के दुष्प्रभावों से अनजान बनी हुई है।
खजनी तहसील क्षेत्र के खजनी, सिकरीगंज, महदेवां बाजार, बेलघाट, कुरी बाजार, उनवल, हरनहीं, बढनी, कटघर, छताईं, सतुआभार, रकौली, खजुरी, भैंसा बाजार, महदेवां आदि घनी आबादी वाले कस्बों बाजारों और गांवों में खेतों, नालियों, तालाबों में हवा के साथ उड़ते पाॅलिथिन के कचरे, डंपिंग ग्राउंड में प्लास्टिक के कूड़े कचरे का लगा अंबार प्रदेश सरकार द्वारा लगाए गए पाॅलिथिन पर प्रतिबंध का मज़ाक उड़ाते नज़र आते हैं।
क्षेत्र के शिक्षक राजेश पांण्डेय, विजय प्रकाश मिश्रा, प्रेमनारायण तिवारी, हरिकेश मिश्रा, एडवोकेट महेश प्रसाद दूबे, दीपक मिश्रा, डॉक्टर अरूण शर्मा, आदि दर्जनों लोगों ने बताया की प्लास्टिक के बढ़ता प्रयोग वातावरण को जहरीला बना रहा है।
बड़े शहरों में सख्ती की वजह से पाॅलिथिन के प्रयोग में भले ही कुछ कमी आई हो किंतु देहात में इसके रोक का कोई असर नहीं है, और धड़ल्ले से इसका इस्तेमाल हो रहा है।
May 26 2024, 17:18