दहेज हत्या के मामले में जेल में बंद पति को कोर्ट ने दिया दोषमुक्त करार, साक्ष्य के अभाव में दिया फैसला
औरंगाबाद : आज़ व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में एडिजे दस रत्नेश्वर कुमार सिंह ने कासमा थाना कांड संख्या -09/23 में निर्णय पर सुनवाई करते हुए साक्ष्य के अभाव में मृतका सिम्पी देवी के सास- कलावती देवी,देवर -सदानंद कुमार और काराधीन पति- दयानंद कुमार पडरिया कासमा को भादंवि धारा 304 (बी)34 में दोषमुक्त कर रिहा कर दिया है।
अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्राथमिकी सूचक विंदेश्वर यादव पौथू ने 10/01/23 को प्राथमिकी में कहा था कि शादी के कुछ माह बाद पचास हजार रुपए लड़की के ससुराल वालों ने मांग की। जिसे सूचक ने दे दिया तो पुनः एक लाख की मांग हुई। जिसे देने में सूचक ने असमर्थता जताई। 10/01/23 को खबर आई कि लड़की आग से जल गई है। रफीगंज अस्पताल गया तो मालूम हुआ कि बेहतर इलाज हेतु मगध मेडिकल कॉलेज गया रेफर कर दिया गया है। मगध मेडिकल कॉलेज में लड़की की मृत्यु हो गई थी। घटना के बाद से पुरे परिवार घर छोड़ कर भाग गया था।
न्यायालय से गैर-जमानती वारंट जारी होने पर परिवारवालों ने 15/07/23 को न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था। जेल में बंद पति मैकेनिकल इंजीनियर था। उपरोक्त अभियुक्तों पर संज्ञान 17/08/23 को लिया गया था और आरोप गठन 03/10/23 को हुईं थीं, मात्र 17 माह में मामले का निष्पादन किया गया है।
औरंगाबाद से धीरेन्द्र
May 08 2024, 18:03