अमेठी-रायबरेली में प्रियंका करेंगी कांग्रेस का “बेड़ा पार”, अपनी टीम के साथ आज से करेंगी कैंप
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गांधी परिवार के गढ़ माने जाने वाली रायबरेली और अमेठी लोकसभा सीट पर पांचवें चरण में चुनाव है। कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर रायबरेली से राहुल गांधी और अमेठी से केएल शर्मा चुनाव लड़ रहे हैं। ये दोनों सीट कांग्रेस की प्रतिष्ठा से जुड़ी है। ऐसे में कांग्रेस ने दोनों सीटों पर कब्जा जमाने के लिए खास रणनीति बनाई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा अब सब कुछ छोड़कर रायबरेली और अमेठी में चुनाव प्रचार का जिम्मा संभालेंगी। प्रियंका गांधी ने भले ही लोकसभा चुनाव न लड़ने का फैसला किया हो, पर वह अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करने के लिए डटी रहेंगी। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस यूपी के 80 सीटों में से मात्र एक सीट ही जीत सकी थी। मोदी लहर में भी सोनिया गांधी परिवार के पारंपरिक सीट रायबरेली को बचाने में कामयाब रही थी। हालांकि, राहुल गांधी को अमेठी में स्मृति ईरानी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। रायबरेली से राहुल गांधी और अमेठी से गांधी परिवार के वफादार किशोरी लाल शर्मा चुनाव मैदान में हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस हर हाल में अमेठी और रायबरेली में लोकसभा चुनाव जीतना चाहती है। रायबरेली में भाई राहुल और अमेठी में केएल शर्मा के जीत के लिए प्रियंका गांधी दोनों सीटों पर आज (सोमवार) से डेरा जमाने जा रही हैं। 3 मई को ही प्रियंका गांधी ने कहा था कि वह 6 मई को आएंगी और पूरे चुनाव के दौरान अमेठी और रायबरेली में ही रहेंगी। तब उन्होंने नामांकन के जुलूस के दौरान कहा था कि हम अमेठी में सच्चाई और सेवा की राजनीति वापस लाना चाहते हैं। अमेठी और रायबरेली दोनों सीटों पर चुनाव पांचवें चरण में 20 मई को होगा। ऐसे में समझा जा रहा है कि अगले दो हफ्ते प्रियंका यहीं से चुनावी दौरे कर सकती हैं। उनका ज्यादातर समय अमेठी और रायबरेली में ही बीतेगा। रायबरेली में भाई राहुल और अमेठी में केएल शर्मा के जीत के लिए प्रियंका गांधी जमीनी रणनीति से सियासी माहौल बनाने तक का काम करेंगी। संगठन और बूथ कमेटी की बैठक के साथ-साथ नुक्कड़ सभा और घर-घर दस्तक देने की प्लानिंग बनी है। वो रायबरेली के एक गेस्ट हाउस में रहकर दोनों चुनाव क्षेत्रों की कमान संभालेंगी। इस दौरान वो केंद्रीय नेताओं के इन दोनों क्षेत्रों में दौरे का समन्वय भी करेंगी। इसके पहले के चुनाव में भी प्रियंका गांधी इन दोनों सीटों पर यह जिम्मेदारी उठा चुकी हैं। बता दें कि रायबरेली और अमेठी कांग्रेस की परंपरागत सीट है। राहुल और प्रियंका गांधी के दादा फिरोज गांधी आजादी के बाद हुए पहले चुनाव में रायबरेली से ही चुनाव जीते थे। वो 1957 का चुनाव भी रायबरेली से ही जीते थे। वहीं राहुल-प्रियंका की दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी 1967 और 1971 के चुनाव में वहां से सांसद चुनी गईं, लेकिन 1977 के चुनाव में उन्हें जनता पार्टी के राजनरायाण के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। वो 1980 के चुनाव में एक बार फिर रायबरेली पर कब्जा जमाने में कामयाब रहीं। अब तक हुए लोकसभा चुनावों में केवल तीन बार ही विपक्षी दल रायबरेली से जीत हासिल कर पाए हैं। वहीं अगर अमेठी की बात करें तो वहां से गांधी परिवार के संजय गांधी पहली बार 1980 में चुनाव जीते थे। साल 1984 से लेकर 1991 तक राजीव गांधी सांसद चुने गए। उनके निधन के बाद गांधी परिवार के वफादार कैप्टन सतीश शर्मा वहां से दो बार सांसद चुने गए। इसके बाद 1999 में सोनिया गांधी अमेठी से सांसद चुनी गई थीं। उसके बाद 2004, 2009 और 2014 के चुनाव में राहुल गांधी ने वहां से जीत दर्ज की थी। लेकिन 2019 के चुनाव में राहुल गांधी को हार का सामान करना पड़ा था।
May 06 2024, 13:34