उपेंद्र कुशवाहा vs पवन सिंह... काराकाट में किसका खेल बिगाड़ेंगे भोजपुरी के 'पावर स्टार'?
औरंगाबाद: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने भोजपुरी गायक और अभिनेता पवन सिंह को पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से टिकट दिया था. पवन सिंह ने आसनसोल से चुनाव लड़ने में असमर्थता जता दी थी. अब पवन सिंह ने बिहार की काराकाट सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है.
काराकाट सीट बीजेपी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के हिस्से में आई है. इस सीट से आरएलएम प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा खुद चुनाव मैदान में हैं. अब भोजपुरी के पावर स्टार पवन सिंह की एंट्री के बाद यह चर्चा शुरू हो गई है कि वह किसका खेल बिगाड़ेंगे?
पवन बिगाड़ेंगे किसका खेल?
पवन सिंह भोजपुरी संगीत और फिल्म जगत का बड़ा नाम हैं और काराकाट सीट का जातीय, दोनों गठबंधनों के उम्मीदवारों का गणित भी उनके पक्ष में नजर आ रहा है. काराकाट लोकसभा क्षेत्र में करीब 3 लाख से अधिक स्वर्ण और लगभग 4 लाख कुशवाहा-कुर्मी मतदाता हैं.तो यादव भी लगभग 3 लाख से ऊपर हैं माने तो स्वर्णो में भी सबसे अधिक तादाद उस राजपूत जाति के मतदाताओं की है जिससे पवन सिंह आते हैं.
इस लोकसभा क्षेत्र में राजपूत मतदाताओं की तादाद करीब दो लाख है. और भूमिहार ब्राह्मण भी करीब दो लाख हैं।
काराकाट सीट से पवन सिंह की एंट्री को कोई एनडीए के लिए झटका बता रहा है तो कोई यह भी कह रहा है कि इससे चुनाव पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा. स्ट्रीट बज्ज से जनता ने कहा कि पवन सिंह जिस राजपूत जाति से आते हैं, उसका समर्थन बीजेपी को अधिक मिलता रहा है. काराकाट सीट से कुशवाहा जाति के दो उम्मीदवार मैदान में हैं और यहां से बीजेपी की सहयोगी पार्टी का उम्मीदवार है.
बीजेपी के कोर वोटर स्वर्ण अगर पवन सिंह के साथ गए तो इसका सीधा नुकसान उपेंद्र कुशवाहा को होगा. और महागठबंधन के माले से चुनाव लड़ रहे राजाराम सिंह को फैयदा होने का अनुमान है क्योंकि यादव और मुस्लिम कुछ कुशवाहा के वोट मिलने से राजाराम सिंह को फैयदा हो सकता है
Apr 21 2024, 09:42