यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि और शुभ मुहूर्त तय, अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन

मां यमुना अवतरित दिवस पर चारधाम के पहले प्रमुख तीर्थ धाम यमुनोत्री के कपाट खोलने की तिथि समय पुरोहित समाज की बैठक में घोषित की गई। इस बार यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर दस मई को 10 बजकर 29 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र पर खोले जाएंगे।

मां यमुना के पुजारी मनमोहन उनियाल और पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल ने बताया कि इससे पहले मां यमुना की डोली खरशालीगांव में सुबह छह बजकर 15 मिनट पर यमुनोत्री धाम के लिए रवाना होगी। यमुना के भाई शनिदेव महाराज भी अपनी बहन को विदा करने के यमुनोत्री धाम साथ में जाएंगे।

ईरान और इजराइल के बीच युद्ध की सुगबुगाहट, ईरानी सेना ने कब्जे में लिया भारत आ रहा जहाज, सवार हैं 17 भारतीय, सुरक्षित वापसी की कोशिश में भारत

ईरान-इजराइल में तनाव बढ़ता जा रहा है। इस्राइल और ईरान के बीच बढ़े तनाव के बाद पश्चिमी एशिया में एक और युद्ध की सुगबुगाहट तेज हो गई है। इस बीच, ईरान की नौसेना ने इस्राइल के अरबपति इयाल ओफर का मालवाहक जहाज अपने कब्जे में कर लिया है। अब इस जहाज को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि इस जहाज पर सत्रह भारतीय सवार हैं। सूत्रों ने बताया कि जहाज पर मौजूद भारतीयों की सुरक्षित रिहाई के लिए भारत राजधानी दिल्ली और तेहरान में राजनयिक चैनलों के जरिए ईरानी अधिकारियों के संपर्क में है। 

मीडिया रिपोर्ट में यह भी दावा किया जा रहा है कि यह जहाज भारत की ओर आ रहा था और इसमें कुल 25 क्रू मेंबर मौजूद हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक ईरान की नौसेना ने होर्मुज जलडमरूमध्य के पास ओमान की खाड़ी में भारत की ओर आ रहे इस्राइली अरबपति के इस जहाज को अपने कब्जे में लिया। सबसे पहले हेलीकॉप्टर से इस्राइली जहाज पर हमला किया गया और इसके बाद ईरान की नौसेना ने इस पर कब्जा कर लिया। इस जहाज का नाम एमएससी एरीज है और उसे आखिरी बार शुक्रवार को दुबई से होर्मुज की ओर जाते हुए देखा गया था। बताया गया है कि जहाज ने अपना ट्रैकिंग डेटा बंद किया हुआ था। इस्राइल के जहाजों द्वारा इस क्षेत्र से गुजरते समय अक्सर ट्रैकिंग डेटा बंद कर दिया जाता है।

ईरान की नौसेना ने ये कार्रवाई तब की है जब 12 दिन पहले सीरिया में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर इस्राइल की ओर से हमला किया गया था। 1 अप्रैल को युद्धक विमानों से सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर हमला किया गया था। हमले में ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (आईआरजीसी) के अल-कुद्स बल के एक वरिष्ठ कमांडर सहित कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई। ये सभी दमिश्क दूतावास परिसर में एक बैठक में भाग ले रहे थे। हमले का आरोप इस्राइल पर लगाया गया, जिसने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली। इस हमले के बाद से ही ईरान बौखलाया हुआ है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इसकी कड़ी आलोचना की थी और इसे ईरानी धरती पर हुए हमले के बराबर बताया था। उन्होंने यह भी कहा था कि इस्राइल को उसके ऑपरेशन के लिए दंडित किया जाना चाहिए और किया भी जाएगा। 

इसके अलावा, अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने भी ईरान द्वारा इस्राइल के भीतर हमले की चेतावनी दी है। खुफिया एजेंसियों ने यह भी कहा है कि इस्राइल के अंदर सैन्य और सरकार से जुड़े कई ठिकानों को ईरान अपना निशाना बना सकता है। अमेरिकी खुफिया आंकलन के हवाले से आई ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट कहती है कि ईरान इस्राइल के अंदर बैलिस्टिक मिसाइलों या ड्रोन का इस्तेमाल करके हमले शुरू कर सकता है। हालांकि, रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं है कि ईरान सीधे कार्रवाई करेगा या अपने प्रॉक्सी नेटवर्क का इस्तेमाल करेगा।

भाजपा का घोषणापत्र जारी, मोदी की गारंटी पर विशेष जोर, कहा- युवा, महिला, गरीब और किसान को सशक्त बनाएंगे


   

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है. बीजेपी ने वादा किया है कि वह केंद्र में सरकार बनने के बाद पूरे देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करेगी. घोषणापत्र जारी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पार्टी का ‘संकल्प पत्र’ विकसित भारत के चार मजबूत स्तंभों – युवा, महिला, गरीब और किसान को सशक्त बनाएगा. 

इस साल की शुरुआत में, उत्तराखंड में बीजेपी सरकार ने समान नागरिक संहिता लागू किया था, जिसने विवाह, तलाक, विरासत और अन्य नागरिक मुद्दों को नियंत्रित करने वाले धार्मिक व्यक्तिगत कानूनों को बदल दिया. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भी वादा करते रहे हैं कि वह राज्य में बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाएंगे और यूसीसी लागू करेंगे 

मोदी की गारंटी में क्या-क्या है शामिल

संकल्प पत्र की टैग लाइन है- मोदी की गारंटी। मोदी ने कहा कि 10 सालों में बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र के हर बिंदु को गारंटी के रूप में जमीन पर उतारा है। मैनिफेस्टो की शुचिता को फिर से स्थापित किया है। हमारा संकल्प पत्र युवा, नारी, गरीब, किसान सभी को सशक्त करता है। हमारे फोकस डिग्निटी ऑफ लाइफ, क्वॉलिटी ऑफ लाइफ पर है। मौकों की संख्या और क्वॉलिटी पर बहुत जोर दिया गया है। इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण से रोजगार बढ़ाने की बात है साथ ही हाई वैल्यू सर्विसेज पर भी ध्यान देने जा रहे हैं। बीजेपी के संकल्प पत्र में युवा भारत की युवा आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है।

सलमान खान के घर के बाहर हुई फायरिंग, मच गया हड़कंप, लॉरेंस गैंग से 2 बार मिल चुकी है धमकी


बॉलीवुड के दबंग एक्टर सलमान खान को कई बार जान से मारने की धमकी मिल चुकी है. धमकियों के बाद से सलमान खान हर समय काफी टाइट सिक्योरिटी में रहते हैं. लेकिन भारी सिक्योरिटी के बावजूद सुबह 4.50 बजे एक्टर के गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर दो अनजान शख्स ने कई राउंड फाइरिंग की, जिसके बाद फैंस के बीच अफरा-तफरी मच गई है. 

जानकारी के मुताबिक, सुबह 4.50 बजे दो अनजान लोगों ने सलमान खान के बांद्रा स्थित गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर तीन से चार राउंड हवाई फायरिंग की. दोनों शूटर बाइक से आये थे और फिर हवा में फायरिंग करके भाग गए. दोनों ने हेलमेट पहना हुआ था, जिसकी वजह से फिलहाल उनकी पहचान नहीं हो पाई है. मामले की जांच के लिए सलमान खान के गैलेक्सी अपार्टमेंट में फॉरेंसिक टीम भी पहुंच चुकी है.

क्राइम ब्रांच और स्थानीय पुलिस टीमों ने घटनास्थल का दौरा किया. सलमान खान के बंगले के बाहर गोली किसने चलाई ये अभी जांच का विषय है, लेकिन सलमान खान पर खतरे को देखते हुए उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. बॉलीवुड के सुपरस्टार एक्टर सलमान खान के घर के बाहर यूं इस तरह से गोलियां चलने की खबर सामने आते ही एक्टर के फैंस काफी टेंशन में गए हैं. सलमान की सुरक्षा को लेकर हर कोई चिंतित है, क्योंकि सलमान को बीते कई सालों से गैंगस्टर गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई की तरफ से जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं. सलमान पर पहले हमले की कोशिश भी की जा चुकी है. ऐसे में एक्टर के घर के बाहर यूं फाइरिंग करने का मामला काफी गंभीर है. 

बता दें कि तीन साल पहले गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार से धमकी भरा पत्र मिलने के बाद से सलमान खान को मुंबई पुलिस द्वारा सभी हथियार और सुरक्षाकर्मी दिए गए हैं. सलमान को एक व्यक्तिगत हथियार लाइसेंस भी दिया गया है, ताकि वह अपनी सुरक्षा के लिए एक निजी हथियार रख सकें. उनके घर के आसपास भी तीन शिफ्टों में चौबीस घंटे पुलिस की कड़ी सुरक्षा रहती है.

सलमान खान को बिश्नोई गैंग से सबसे बड़ा खतरा है. लॉरेंस बिश्नोई और भारत-कनाडा से वॉन्टेड गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने कई बार सलमान खान को मारने की धमकी दी है. बिश्नोई और गोल्डी बराड़ कई बार मुंबई सलमान पर हमला कराने के लिए अपने शूटर भी भेज चुके हैं. बता दें कि लॉरेंस का बेहद खास गैंगस्टर संपत नेहरा साल 2018 में सलमान खान के गैलेक्सी अपार्टमेंट की रेकी कर चुका है. हालांकि, हमले को अंजाम देने के पहले हरियाणा पुलिस ने नेहरा को गिरफ्तार कर लिया था. उसने पूछताछ में सलमान खान पर हमले की पूरी प्लानिंग का खुलासा भी किया था. सलमान खान को बिश्नोई गैंग से खतरा है ये बात मुंबई पुलिस, दिल्ली पुलिस समेत लगभग सभी जांच एजेंसियों को पता है.

मेरी बाइक चोरी हो गई, संसद जाऊंगा, मोदी से टकराऊंगा...बाइक चोरी होने पर भड़का बुजुर्ग, चुनाव लड़ने का लिया फैसला

मोदी चाय बनाएंगे, मैं कुल्हड़ बनाऊंगा। संसद जाऊंगा, मोदी से टकराऊंगा। मेरी बाइक चोरी हो गई, पुलिस वालों ने मेरी सुनवाई नहीं की। एक शोक सभा में सांसद मिले थे तो उन्होंने मेरी राम-राम तक नहीं ली। बहुत घमंड आ गया है, अब चुनाव लड़कर सांसद बनूंगा और सबक सिखाऊंगा।

सांसद बनकर योगी-मोदी से 2 बात करूंगा। उन्हें उनके मंत्रियों, सांसदों का हाल बताऊंगा। पुलिस वालों की करतूतें बताऊंगा। यह कहना है कि आगरा की फतेहपुर सीकरी लोसकभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला ले चुके कल्लन कुम्हार का, जिन्होंने नामांकन पत्र खरीदकर भरा और कहा कि चुनाव का नामांकन भी खरीदना पड़ रहा है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, फतेहपुर सीकरी के उंदेहरा गांव के रहने वाले कल्लन कुम्हार ने नामांकन पत्र खरीदा है। वे बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ना चाहते हैं। उन्होंने भाजपा के सासंद, मंत्रियों, विधायकों और पुलिस वालों से नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि वह सांसद बनकर भाजपा, प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी को सबक सिखाएंगे।

चुनाव जीतने के बाद वे दोनों से मिलेंगे। उनकी पुलिस और प्रशासन गरीबों की नहीं सुनती। कहीं पैसे दिए बिना काम नहीं होता, चाहे सांसद के पास चले जाओ। इस कारस्तानी के बारे में उनको बताना होगा, इसके लिए उन्हें सांसद बनना होगा, तभी उन दोनों से मुलाकात संभव होगी। हमारे जैसे गरीब और आम आदमी तो उनसे मिलने की सोच भी नहीं सकते।

कल्लन कुम्हार कहते हैं कि वे अस्पताल में अपने रिश्तेदार का हाल चाल जानने गए थे। बाहर से बाइक चोरी हो गई। शिकायत करने थाने गए तो थानेदार ने ठंडा पिलाकर भेज दिया। उसने कहा कि बहुत साल चलाई होगी बाइक, पुरानी हो गई होगी। नई खरीद लो, शौक पूरा करो। आज तक उसकी बाइक चोरी की शिकायत दर्ज नहीं हुई।

गांव मलपुरा में गया था, वहां एक शोक सभा थी। वहां फतेहपुर सीकरी के सांसद राज कुमार चाहर आए, जिन्हें देखकर उसने राम-राम की, लेकिन उन्होंने राम-राम नहीं ली। सुनकर अनसुनी कर दी। मुझे गुस्सा अया तो मैंने कह दिया कि मेरी राम-राम अच्छी नहीं लग रही क्या? तो वे तड़क कर बोले कि तुम मुझे जानते हो क्या?

ऑपरेशन मेघदूत के 40 सालः भारतीय सेना ने जारी किया वीडियो

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विश्व के सबसे ऊंचे युद्ध स्थल सियाचिन क्षेत्र पर कब्जा करने की पाकिस्तान की मंशा को विफल करने के लिए भारत ने ऑपरेशन मेघदूत की योजना बनाई थी। पाकिस्तान के सियाचिन ग्लेशियर को अपने नक्शे में दर्शाने के बाद वहां भारतीय उपस्थिति दर्ज कराने व दुश्मनों पर बरसने के लिए कुमाऊं रेजिमेंट की 19 कुमाऊं बटालियन के मेघदूतों ने चार दिन तक पैदल चढ़ाई की थी। पाकिस्तान के रडार को धोखा देने के लिए उन्होंने हेलीकाप्टर के बजाय चढ़ाई का निर्णय लिया था। 13 अप्रैल, 1984 का वो दिन, जब भारत ने सैन्य अभियानों के इतिहास में सफलता का ऐसा स्वर्णिम अध्याय लिखा। सियाचिन ग्लेशियर में ऑपरेशन मेघदूत के आज 40 साल पूरे हो गए। इस मौके पर सेना ने एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें बीते वर्षों के सफर को दिखाया गया है। 

भारतीय सेना ने लद्दाख में स्थित दुनिया के सबसे ऊँचे युद्धक्षेत्र, सियाचिन ग्लेशियर पर ऑपरेशन मेघदूत के 40 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक वीडियो जारी किया है। यह वीडियो उन वीर जवानों की शौर्यगाथा को दर्शाता है जिन्होंने विषम परिस्थितियों और दुर्गम इलाकों में अपनी जान की बाजी लगाकर इस महत्वपूर्ण क्षेत्र पर भारत का नियंत्रण सुनिश्चित किया।

क्या था सियाचिन विवाद

सियाचिन को लेकर विवाद बंटवारे के वक्त से चला आ रहा था। हालांकि, पाकिस्तान 1983 में सियाचिन पर कब्जे की कोशिश में लगा था। कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच झगड़ा बंटवारे के समय से ही चल रहा था। 1949 में दोनों देशों के बीच सीमा रेखा को लेकर सीजफायर हुआ। इस बारे में 1949 में कराची एग्रीमेंट हुआ था। भारत पाकिस्तान के सुदूर पूर्वी भाग में सीमा रेखा नहीं खींची गई थी। इस इलाके में NJ9842 आखिरी पॉइंट था। इसके आगे न आबादी थी और न यहीं पहुंचना आसान था। उस वक्त सेना के अधिकारियों को ये भरोसा नहीं था कि NJ9842 के आगे भी सैन्य विवाद हो सकता है।

शिमला समझौते में भी NJ9842 के आगे की सीमा पर चर्चा नहीं हुई। ग्लेशियर से भरे उस इलाके में जाने की कोई सोच भी नहीं सकता था।

1962 के युद्ध के बाद बदलने लगी पाकिस्तान की नीयत

1962 के युद्ध के बाद पाकिस्तान ने सीजफायर लाइन में बदलाव लाने शुरू कर दिए। 1964 से 1972 के बीच पाकिस्तान ने NJ9842 के ऊपर भी सीजफायर लाइन दिखाना शुरू कर दिया। पाकिस्तान ने बदलाव करके सियाचिन पर दावा जताना शुरू कर दिया। सियाचिन जाने वाले पर्वतारोहियों के लिए ये जरूरी कर दिया गया कि वो पाकिस्तान से इसकी परमिट लें।

पाकिस्तान ने भारतीय सेना के मूवमेंट पर जताई आपत्ति

पाकिस्तान की नापाक हरकतो को देखते हुए भारतीय सेना ने सियाचिन में अपनी मूवमेंट बढ़ा दी थी। 1982 में पाकिस्तानी सेना की तरफ से भारतीय सेना को एक विरोध नोट मिला, जिसमें पाकिस्तान ने सियाचिन में सेना की मूवमेंट पर आपत्ति जताई थी। भारतीय सेना ने इसका जवाब दिया और सियाचिन में पेट्रोलिंग जारी रखी। 1983 की गर्मियों में भारतीय सेना ने सियाचिन की पेट्रोलिंग और तेज कर दी और वहां सेना ने एक झोपड़ीनुमा पोस्ट बना दी। भारत और पाकिस्तान के बीच इसको लेकर विरोध नोट का आदान प्रदान होता रहा।

पाक के नापाक इरादों को कुचलने के लिए लॉन्च हुआ 'ऑपरेशन मेघदूत'

इस दौरान भारतीय सेना समझ गई थी कि पाकिस्तान की नीयत खराब है। यह भी पता चल गया कि पाकिस्तानी सेना सियाचिन ग्लेशियर पर धावा बोलने की तैयारी में है। खुफिया रिपोर्टों में सियाचिन की ओर पाकिस्तानी सैनिकों की आवाजाही की बात आ रही थी। भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ को पता चला कि पाकिस्तानी सेना यूरोप से बड़ी मात्रा में ऊंचाई वाले गियर खरीद रही है। पाकिस्तान की मंशा उजागर होने के बाद भारत ने पाकिस्तान को सियाचिन ग्लेशियर पर कब्जा करने से रोकने के लिए 'ऑपरेशन मेघदूत' लॉन्च किया जिसे प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने मंजूरी दी थी।

-40 तापमान में भी दिखा भारत का अदम्य साहस और उत्कृष्ट रणनीति

पाकिस्तान सेना को मात देने के लिए भारतीय सेना ने 13 अप्रैल 1984 को ग्लेशियर पर कब्जा करने का फैसला किया।खुफिया एजेंसियों को सूचना मिली थी की 17 अप्रैल 1984 को पाकिस्तान सियाचिन पर कब्जे के लिए चढ़ाई करेगा। भारतीय सेना ने उसके पहले 13 अप्रैल को ही सियाचिन पर कब्जे की जंग शुरू कर दी। इसे ऑपरेशन का कोडनेम 'ऑपरेशन मेघदूत' रखा गया। इस ऑपरेशन की अगुवाई की जिम्मेदारी लेफ्टिनेंट जनरल प्रेम नाथ हून के कंधों पर दी गई। वे उस वक्त जम्मू कश्मीर में श्रीनगर 15 कॉर्प के जनरल कमांडिंग ऑफिसर थे। भारतीय सेना के कर्नल नरिंदर कुमार उर्फ बुल कुमार की अगुवाई में चढ़ाई की शुरुआत हो गई। इस ऑपरेशन की सबसे बड़ी चुनौती थी खराब मौसम और अत्यधिक ठंड, जहां तापमान -40 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। इसके अलावा, ऑक्सीजन की कमी और बर्फीली हवाएं जानेलवा सिद्ध हो सकती थीं। फिर भी, भारतीय सैनिकों ने अदम्य साहस और उत्कृष्ट रणनीति से इन कठिनाइयों का सामना किया।

ऑस्‍ट्रेलिया के सिडनी शहर में मॉल के अंदर चाकूबाजी, चार लोगों की मौत

#attack_in_sydney_mall_australia_several_people_killed

ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में स्थित वेस्टफील्ड बॉन्डी जंक्शन मॉल में चाकूबाजी और गोलीबारी के कारण हड़कंप मच गया। घटना में चार लोगों की मौत की खबर है। वहीं, कई लोग जख्मी बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि हमलावर को भी पुलिस ने गोली मार दी है।

वेस्टफील्ड बॉन्डी जंक्शन मॉल परिसर से जुड़ी घटना पर न्यू साउथ वेल्स पुलिस ने एक पोस्ट साझा किया। जिसमें कहा गया कि बॉन्डी जंक्शन पर एक व्यक्ति द्वारा चाकू से हमला किया गया। शनिवार शाम 4 बजे से ठीक पहले कई लोगों को चाकू मारने की रिपोर्ट के बाद आपातकालीन सेवाओं को बुलाया गया और लोगों से घटनास्थल से दूर रहने का आग्रह किया जाता है। घटना के संबंध में पूछताछ जारी है और कोई और विवरण नहीं है।

ऑस्‍ट्रेलियाई मीडिया के मुताबिक इस घटना के बाद सैकड़ों की तादाद में लोगों को वहां से निकाला गया है। सरकारी प्रसारक एबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक दो लोगों ने रॉयटर्स को बताया कि मॉल में गोलीबारी की आवाजें सुनी गई।

नोएडा में होगा आज अमित शाह का बोल बाला

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रमुख प्रचारक और गृह मंत्री अमित शाह शनिवार शाम को नोएडा में एक रैली को संबोधित करने वाले हैं। रैली का उद्देश्य पार्टी के उम्मीदवार और मौजूदा सांसद डॉ. महेश शर्मा के लिए समर्थन मजबूत करना है। पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने सुचित किया कि यह कार्यक्रम सेक्टर 33-ए के शिवालिक पार्क में होने वाला है l

"पार्टी वैसे भी ऐतिहासिक जीत की ओर बढ़ रही है , अमित शाह जी हमें अपना मार्गदर्शन देने के लिए शहर आ रहे हैं।" इस विशाल रैली के लिए सुरक्षा और प्रबंधन किया गया है।''मावी ने कहा, भाजपा ने अपने समर्थकों को रैली में लाने के लिए 120 बसों की व्यवस्था की है।

गृह मंत्री के दौरे से पहले, नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने शुक्रवार को एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें सेक्टर 33 में शिल्प हाट के आसपास शाम 5 बजे से 8 बजे तक डायवर्जन की घोषणा की गई।ट्रैफिक पुलिस ने कहा, वीआईपी मूवमेंट के कारण बॉटनिकल गार्डन, सेक्टर 37, शशि चौक, सेक्टर 31/25 चौक, एनटीपीसी और इस्कॉन मंदिर के पास यातायात प्रतिबंध प्रभावी रहेगा।

बीजेपी ने सेक्टर 31, 32, 33, 34, 24, 25 और आसपास की ऊंची इमारतों जैसे आसपास के सेक्टरों के निवासियों को लुभाने के लिए शहर के मध्य में कार्यक्रम की योजना बनाई है

पुलिस उपायुक्त (यातायात) अनिल कुमार यादव ने कहा कि सेक्टर 60 से इस्कॉन मंदिर तक नोएडा एलिवेटेड रोड लेने वाले यात्रियों को सीधे सेक्टर 18 की ओर जाने के लिए निर्देशित किया जाएगा, हम रूट और कार्यक्रम स्थल पर अतिरिक्त बल तैनात करेंगे l पुलिस के अलावा, प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) की तीन कंपनियां और लगभग 200 यातायात पुलिस कर्मी भी तैनात रहेंगे।

नमो ओपी" बोलने को मजबूर हुए गेमर्स


प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गेमिंग से संबंधित कई मुद्दों पर भारत के मुख्य गेमर्स के साथ बातचीत की। प्रधान मंत्री के यूट्यूब चैनल पर साझा किए गए 32 मिनट के वीडियो में, गेमर्स तीर्थ मेहता, पायल धरे, अनिमेष अग्रवाल, अंशू बिष्ट, नमन माथुर, मिथिलेश पाटणकर, गणेश गंगाधर को खुलकर बातचीत करते देखा जा सकता है।

गेमर्स प्रधानमंत्री के साथ अपना समय और अनुभव साझा करके अत्याधिक प्रभावित और खुश थे l उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यह पहली बार है कि भारत ऐसी क्षेत्र की दिशा मे ध्यान लगा रहा है। पीएम मोदी इन क्षेत्रों को सबसे पहले प्रेरित कर रहे हैं, पहले क्रिएटर्स अवॉर्ड के जरिए और अब गेमर्स के साथ मुलाकात के जरिए। बातचीत के दौरान गेमर्स ने उन्हें अपनी भाषा में  ;(नमो ओपी) कहा l

बातचीत के दौरान गेमर अनिमेष अग्रवाल ने कहा कि सरकार को ईस्पोर्ट्स और गेमिंग को मुख्यधारा के खेल के रूप में मान्यता देनी चाहिए। “यह एक कौशल-आधारित गेमिंग है और इसमें जुआ शामिल नहीं है l एक बार जब यह वित्तीय लेनदेन में शामिल हो जाएगा, तो यह वास्तव में फायदेमंद होगा।  हमें गेमिंग को स्वतंत्र रूप से बढ़ने देना चाहिए। थोड़े से प्रयास से इस से उद्योग तैयार हो जाएगा।'' प्रधान मंत्री ने उत्तर दिया, "इसे (ईस्पोर्ट्स और गेमिंग) किसी विनियमन की आवश्यकता नहीं है। इसे मुक्त रहना चाहिए, तभी इसमें तेजी आएगी।"

बातचीत में मौजूद एकमात्र महिला गेमर पायल धारे ने कहा, "गेमिंग और ईस्पोर्ट्स दो श्रेणियां हैं। ईस्पोर्ट्स में आप एक दूसरे के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करते हैं। वीडियो निर्माण में, हम गेमिंग के इर्द-गिर्द इंटरैक्टिव वीडियो बनाते हैं जिसका लोग वास्तव में आनंद लेते हैं।'' बातचीत के अंत में, पीएम मोदी ने एक वर्चुअल हेडसेट पहना और गेमिंग में हाथ आजमाया l

आतंकवादी नियम नहीं मानते, उनको जवाब भी नियम-कानून मानकर नहीं दिया जाएगा”, विदेश मंत्री जयशंकर का बड़ा बयान*
#s_jaishankar_on_terrorism_clear_message 2014 के बाद भारत की विदेश नीति में बड़ा बदलाव आया है। फिर चाहे चीन के साथ सीमा विवाद हो या फिर पाकिस्तान में आतंकवाद की बात हो, भारत ने हमेशा से अपना रूख साफ रखा है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी स्पष्ट बात कहने के लिए जानें जाते हैं। अब एस जयशंकर ने आतंकवाद पर दो टूक बात कही है।आतंकवाद से लेकर विदेश नीति में हुए बदलाव पर जयशंकर ने युवाओं से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि आतंकवादी सोचते हैं कि वे सीमा पार है, वे किसी नियम को नहीं मानते। हमारा मानना है कि अगर वे नियम नहीं मानते तो उन्हें खत्म करने के लिए भी हमें नियम नहीं मानना चाहिए। जयशंकर ने ये टिप्पणी शुक्रवार (12 अप्रैल) को महाराष्ट्र के पुणे में अपनी किताब ‘व्हाई भारत मैटर्स’ के मराठी अनुवाद के लॉन्च के मौके पर कहीं। यहाँ वह एक बातचीत कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे।विदेश मंत्री जयशंकर से कार्यक्रम के दौरान पूछा गया कि भारत को किन देशों के साथ संबंध बनाए रखना मुश्किल लगता है? जयशंकर ने कहा कि एक, पाकिस्तान, पड़ोस में है और इसके लिए केवल हम ही जिम्मेदार हैं। 1947 में पाकिस्तान ने कश्मीर पर हमला किया था। देश के विदेश मंत्री ने बताया कि 1947 में, पाकिस्तान ने कश्मीर पर हमला किया था। भारतीय सेना ने उनका मुकाबला किया और राज्य का भारत में विलय हो गया। उन्होंने आगे कहा कि जब भारतीय सेना कार्रवाई कर रही थी, तब हम रुक गए और संयुक्त राष्ट्र (UN) में गए और हमलावरों को आतंकवादियों के बजाय कबायली घुसपैठिए बताया। अगर हम शुरू से ही यह स्पष्ट कर देते कि पाकिस्तान आतंकवाद का इस्तेमाल कर रहा है, तो हमारी नीति बहुत अलग होती। उन्होंने यह भी कहा कि, किसी भी हालत में आतंकवाद को स्वीकार नहीं किया जा सकता। भारत की विदेश नीति में निरंतरता के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि मेरा जवाब हां है। 50 प्रतिशत निरंतरता है और 50 प्रतिशत परिवर्तन है। वह एक बदलाव आतंकवाद पर है। उन्होंने कहा कि मुंबई हमले के बाद, एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं था जिसे लगा कि हमें जवाब नहीं देना चाहिए था। लेकिन उस समय यह सोचा गया था कि पाकिस्तान पर हमला करने की कीमत पाकिस्तान पर हमला नहीं करने से ज्यादा है। जयशंकर ने कहा कि अगर मुंबई (26/11) जैसा कुछ होता है और कोई प्रतिक्रिया नहीं देता है तो कोई अगले हमले को कैसे रोक सकता है। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को यह महसूस नहीं होना चाहिए कि वे सीमा पार हैं, कोई उन्हें छू नहीं सकता। आतंकवादी किसी भी नियम से नहीं खेलते हैं इसलिए आतंकवादियों को जवाब देने के लिए कोई नियम नहीं हो सकते। विदेश मंत्री जयशंकर ने इसी कार्यक्रम में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की नीतियों पर सवाल उठाए। जयशंकर ने कहा कि जब चीन ने 1950 में तिब्बत कब्जाया था, तब नेहरू को सरदार वल्लभ भाई पटेल चेताया था और कहा था कि उन्हें चीन की मंशा ठीक नहीं लगती। जयशंकर ने कहा कि नेहरू ने इन चिंताओं को दरकिनार कर दिया और कहा कि चीनी लोग भी एशियाई हैं और हमारे भाई है इसलिए वह भारत पर हमला नहीं करेंगे।जयशंकर ने कहा कि चीन को लेकर जहाँ सरकार वल्लभभाई पटेल की सोच एकदम धरातल से मेल खाती हुई और यथार्थवादी थी तो नेहरू एक वामपंथी और आदर्शवादी थे।