ऑपरेशन मेघदूत के 40 सालः भारतीय सेना ने जारी किया वीडियो

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विश्व के सबसे ऊंचे युद्ध स्थल सियाचिन क्षेत्र पर कब्जा करने की पाकिस्तान की मंशा को विफल करने के लिए भारत ने ऑपरेशन मेघदूत की योजना बनाई थी। पाकिस्तान के सियाचिन ग्लेशियर को अपने नक्शे में दर्शाने के बाद वहां भारतीय उपस्थिति दर्ज कराने व दुश्मनों पर बरसने के लिए कुमाऊं रेजिमेंट की 19 कुमाऊं बटालियन के मेघदूतों ने चार दिन तक पैदल चढ़ाई की थी। पाकिस्तान के रडार को धोखा देने के लिए उन्होंने हेलीकाप्टर के बजाय चढ़ाई का निर्णय लिया था। 13 अप्रैल, 1984 का वो दिन, जब भारत ने सैन्य अभियानों के इतिहास में सफलता का ऐसा स्वर्णिम अध्याय लिखा। सियाचिन ग्लेशियर में ऑपरेशन मेघदूत के आज 40 साल पूरे हो गए। इस मौके पर सेना ने एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें बीते वर्षों के सफर को दिखाया गया है। 

भारतीय सेना ने लद्दाख में स्थित दुनिया के सबसे ऊँचे युद्धक्षेत्र, सियाचिन ग्लेशियर पर ऑपरेशन मेघदूत के 40 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक वीडियो जारी किया है। यह वीडियो उन वीर जवानों की शौर्यगाथा को दर्शाता है जिन्होंने विषम परिस्थितियों और दुर्गम इलाकों में अपनी जान की बाजी लगाकर इस महत्वपूर्ण क्षेत्र पर भारत का नियंत्रण सुनिश्चित किया।

क्या था सियाचिन विवाद

सियाचिन को लेकर विवाद बंटवारे के वक्त से चला आ रहा था। हालांकि, पाकिस्तान 1983 में सियाचिन पर कब्जे की कोशिश में लगा था। कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच झगड़ा बंटवारे के समय से ही चल रहा था। 1949 में दोनों देशों के बीच सीमा रेखा को लेकर सीजफायर हुआ। इस बारे में 1949 में कराची एग्रीमेंट हुआ था। भारत पाकिस्तान के सुदूर पूर्वी भाग में सीमा रेखा नहीं खींची गई थी। इस इलाके में NJ9842 आखिरी पॉइंट था। इसके आगे न आबादी थी और न यहीं पहुंचना आसान था। उस वक्त सेना के अधिकारियों को ये भरोसा नहीं था कि NJ9842 के आगे भी सैन्य विवाद हो सकता है।

शिमला समझौते में भी NJ9842 के आगे की सीमा पर चर्चा नहीं हुई। ग्लेशियर से भरे उस इलाके में जाने की कोई सोच भी नहीं सकता था।

1962 के युद्ध के बाद बदलने लगी पाकिस्तान की नीयत

1962 के युद्ध के बाद पाकिस्तान ने सीजफायर लाइन में बदलाव लाने शुरू कर दिए। 1964 से 1972 के बीच पाकिस्तान ने NJ9842 के ऊपर भी सीजफायर लाइन दिखाना शुरू कर दिया। पाकिस्तान ने बदलाव करके सियाचिन पर दावा जताना शुरू कर दिया। सियाचिन जाने वाले पर्वतारोहियों के लिए ये जरूरी कर दिया गया कि वो पाकिस्तान से इसकी परमिट लें।

पाकिस्तान ने भारतीय सेना के मूवमेंट पर जताई आपत्ति

पाकिस्तान की नापाक हरकतो को देखते हुए भारतीय सेना ने सियाचिन में अपनी मूवमेंट बढ़ा दी थी। 1982 में पाकिस्तानी सेना की तरफ से भारतीय सेना को एक विरोध नोट मिला, जिसमें पाकिस्तान ने सियाचिन में सेना की मूवमेंट पर आपत्ति जताई थी। भारतीय सेना ने इसका जवाब दिया और सियाचिन में पेट्रोलिंग जारी रखी। 1983 की गर्मियों में भारतीय सेना ने सियाचिन की पेट्रोलिंग और तेज कर दी और वहां सेना ने एक झोपड़ीनुमा पोस्ट बना दी। भारत और पाकिस्तान के बीच इसको लेकर विरोध नोट का आदान प्रदान होता रहा।

पाक के नापाक इरादों को कुचलने के लिए लॉन्च हुआ 'ऑपरेशन मेघदूत'

इस दौरान भारतीय सेना समझ गई थी कि पाकिस्तान की नीयत खराब है। यह भी पता चल गया कि पाकिस्तानी सेना सियाचिन ग्लेशियर पर धावा बोलने की तैयारी में है। खुफिया रिपोर्टों में सियाचिन की ओर पाकिस्तानी सैनिकों की आवाजाही की बात आ रही थी। भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ को पता चला कि पाकिस्तानी सेना यूरोप से बड़ी मात्रा में ऊंचाई वाले गियर खरीद रही है। पाकिस्तान की मंशा उजागर होने के बाद भारत ने पाकिस्तान को सियाचिन ग्लेशियर पर कब्जा करने से रोकने के लिए 'ऑपरेशन मेघदूत' लॉन्च किया जिसे प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने मंजूरी दी थी।

-40 तापमान में भी दिखा भारत का अदम्य साहस और उत्कृष्ट रणनीति

पाकिस्तान सेना को मात देने के लिए भारतीय सेना ने 13 अप्रैल 1984 को ग्लेशियर पर कब्जा करने का फैसला किया।खुफिया एजेंसियों को सूचना मिली थी की 17 अप्रैल 1984 को पाकिस्तान सियाचिन पर कब्जे के लिए चढ़ाई करेगा। भारतीय सेना ने उसके पहले 13 अप्रैल को ही सियाचिन पर कब्जे की जंग शुरू कर दी। इसे ऑपरेशन का कोडनेम 'ऑपरेशन मेघदूत' रखा गया। इस ऑपरेशन की अगुवाई की जिम्मेदारी लेफ्टिनेंट जनरल प्रेम नाथ हून के कंधों पर दी गई। वे उस वक्त जम्मू कश्मीर में श्रीनगर 15 कॉर्प के जनरल कमांडिंग ऑफिसर थे। भारतीय सेना के कर्नल नरिंदर कुमार उर्फ बुल कुमार की अगुवाई में चढ़ाई की शुरुआत हो गई। इस ऑपरेशन की सबसे बड़ी चुनौती थी खराब मौसम और अत्यधिक ठंड, जहां तापमान -40 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। इसके अलावा, ऑक्सीजन की कमी और बर्फीली हवाएं जानेलवा सिद्ध हो सकती थीं। फिर भी, भारतीय सैनिकों ने अदम्य साहस और उत्कृष्ट रणनीति से इन कठिनाइयों का सामना किया।

ऑस्‍ट्रेलिया के सिडनी शहर में मॉल के अंदर चाकूबाजी, चार लोगों की मौत

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ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में स्थित वेस्टफील्ड बॉन्डी जंक्शन मॉल में चाकूबाजी और गोलीबारी के कारण हड़कंप मच गया। घटना में चार लोगों की मौत की खबर है। वहीं, कई लोग जख्मी बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि हमलावर को भी पुलिस ने गोली मार दी है।

वेस्टफील्ड बॉन्डी जंक्शन मॉल परिसर से जुड़ी घटना पर न्यू साउथ वेल्स पुलिस ने एक पोस्ट साझा किया। जिसमें कहा गया कि बॉन्डी जंक्शन पर एक व्यक्ति द्वारा चाकू से हमला किया गया। शनिवार शाम 4 बजे से ठीक पहले कई लोगों को चाकू मारने की रिपोर्ट के बाद आपातकालीन सेवाओं को बुलाया गया और लोगों से घटनास्थल से दूर रहने का आग्रह किया जाता है। घटना के संबंध में पूछताछ जारी है और कोई और विवरण नहीं है।

ऑस्‍ट्रेलियाई मीडिया के मुताबिक इस घटना के बाद सैकड़ों की तादाद में लोगों को वहां से निकाला गया है। सरकारी प्रसारक एबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक दो लोगों ने रॉयटर्स को बताया कि मॉल में गोलीबारी की आवाजें सुनी गई।

नोएडा में होगा आज अमित शाह का बोल बाला

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रमुख प्रचारक और गृह मंत्री अमित शाह शनिवार शाम को नोएडा में एक रैली को संबोधित करने वाले हैं। रैली का उद्देश्य पार्टी के उम्मीदवार और मौजूदा सांसद डॉ. महेश शर्मा के लिए समर्थन मजबूत करना है। पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने सुचित किया कि यह कार्यक्रम सेक्टर 33-ए के शिवालिक पार्क में होने वाला है l

"पार्टी वैसे भी ऐतिहासिक जीत की ओर बढ़ रही है , अमित शाह जी हमें अपना मार्गदर्शन देने के लिए शहर आ रहे हैं।" इस विशाल रैली के लिए सुरक्षा और प्रबंधन किया गया है।''मावी ने कहा, भाजपा ने अपने समर्थकों को रैली में लाने के लिए 120 बसों की व्यवस्था की है।

गृह मंत्री के दौरे से पहले, नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने शुक्रवार को एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें सेक्टर 33 में शिल्प हाट के आसपास शाम 5 बजे से 8 बजे तक डायवर्जन की घोषणा की गई।ट्रैफिक पुलिस ने कहा, वीआईपी मूवमेंट के कारण बॉटनिकल गार्डन, सेक्टर 37, शशि चौक, सेक्टर 31/25 चौक, एनटीपीसी और इस्कॉन मंदिर के पास यातायात प्रतिबंध प्रभावी रहेगा।

बीजेपी ने सेक्टर 31, 32, 33, 34, 24, 25 और आसपास की ऊंची इमारतों जैसे आसपास के सेक्टरों के निवासियों को लुभाने के लिए शहर के मध्य में कार्यक्रम की योजना बनाई है

पुलिस उपायुक्त (यातायात) अनिल कुमार यादव ने कहा कि सेक्टर 60 से इस्कॉन मंदिर तक नोएडा एलिवेटेड रोड लेने वाले यात्रियों को सीधे सेक्टर 18 की ओर जाने के लिए निर्देशित किया जाएगा, हम रूट और कार्यक्रम स्थल पर अतिरिक्त बल तैनात करेंगे l पुलिस के अलावा, प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) की तीन कंपनियां और लगभग 200 यातायात पुलिस कर्मी भी तैनात रहेंगे।

नमो ओपी" बोलने को मजबूर हुए गेमर्स


प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गेमिंग से संबंधित कई मुद्दों पर भारत के मुख्य गेमर्स के साथ बातचीत की। प्रधान मंत्री के यूट्यूब चैनल पर साझा किए गए 32 मिनट के वीडियो में, गेमर्स तीर्थ मेहता, पायल धरे, अनिमेष अग्रवाल, अंशू बिष्ट, नमन माथुर, मिथिलेश पाटणकर, गणेश गंगाधर को खुलकर बातचीत करते देखा जा सकता है।

गेमर्स प्रधानमंत्री के साथ अपना समय और अनुभव साझा करके अत्याधिक प्रभावित और खुश थे l उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यह पहली बार है कि भारत ऐसी क्षेत्र की दिशा मे ध्यान लगा रहा है। पीएम मोदी इन क्षेत्रों को सबसे पहले प्रेरित कर रहे हैं, पहले क्रिएटर्स अवॉर्ड के जरिए और अब गेमर्स के साथ मुलाकात के जरिए। बातचीत के दौरान गेमर्स ने उन्हें अपनी भाषा में  ;(नमो ओपी) कहा l

बातचीत के दौरान गेमर अनिमेष अग्रवाल ने कहा कि सरकार को ईस्पोर्ट्स और गेमिंग को मुख्यधारा के खेल के रूप में मान्यता देनी चाहिए। “यह एक कौशल-आधारित गेमिंग है और इसमें जुआ शामिल नहीं है l एक बार जब यह वित्तीय लेनदेन में शामिल हो जाएगा, तो यह वास्तव में फायदेमंद होगा।  हमें गेमिंग को स्वतंत्र रूप से बढ़ने देना चाहिए। थोड़े से प्रयास से इस से उद्योग तैयार हो जाएगा।'' प्रधान मंत्री ने उत्तर दिया, "इसे (ईस्पोर्ट्स और गेमिंग) किसी विनियमन की आवश्यकता नहीं है। इसे मुक्त रहना चाहिए, तभी इसमें तेजी आएगी।"

बातचीत में मौजूद एकमात्र महिला गेमर पायल धारे ने कहा, "गेमिंग और ईस्पोर्ट्स दो श्रेणियां हैं। ईस्पोर्ट्स में आप एक दूसरे के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करते हैं। वीडियो निर्माण में, हम गेमिंग के इर्द-गिर्द इंटरैक्टिव वीडियो बनाते हैं जिसका लोग वास्तव में आनंद लेते हैं।'' बातचीत के अंत में, पीएम मोदी ने एक वर्चुअल हेडसेट पहना और गेमिंग में हाथ आजमाया l

आतंकवादी नियम नहीं मानते, उनको जवाब भी नियम-कानून मानकर नहीं दिया जाएगा”, विदेश मंत्री जयशंकर का बड़ा बयान*
#s_jaishankar_on_terrorism_clear_message 2014 के बाद भारत की विदेश नीति में बड़ा बदलाव आया है। फिर चाहे चीन के साथ सीमा विवाद हो या फिर पाकिस्तान में आतंकवाद की बात हो, भारत ने हमेशा से अपना रूख साफ रखा है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी स्पष्ट बात कहने के लिए जानें जाते हैं। अब एस जयशंकर ने आतंकवाद पर दो टूक बात कही है।आतंकवाद से लेकर विदेश नीति में हुए बदलाव पर जयशंकर ने युवाओं से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि आतंकवादी सोचते हैं कि वे सीमा पार है, वे किसी नियम को नहीं मानते। हमारा मानना है कि अगर वे नियम नहीं मानते तो उन्हें खत्म करने के लिए भी हमें नियम नहीं मानना चाहिए। जयशंकर ने ये टिप्पणी शुक्रवार (12 अप्रैल) को महाराष्ट्र के पुणे में अपनी किताब ‘व्हाई भारत मैटर्स’ के मराठी अनुवाद के लॉन्च के मौके पर कहीं। यहाँ वह एक बातचीत कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे।विदेश मंत्री जयशंकर से कार्यक्रम के दौरान पूछा गया कि भारत को किन देशों के साथ संबंध बनाए रखना मुश्किल लगता है? जयशंकर ने कहा कि एक, पाकिस्तान, पड़ोस में है और इसके लिए केवल हम ही जिम्मेदार हैं। 1947 में पाकिस्तान ने कश्मीर पर हमला किया था। देश के विदेश मंत्री ने बताया कि 1947 में, पाकिस्तान ने कश्मीर पर हमला किया था। भारतीय सेना ने उनका मुकाबला किया और राज्य का भारत में विलय हो गया। उन्होंने आगे कहा कि जब भारतीय सेना कार्रवाई कर रही थी, तब हम रुक गए और संयुक्त राष्ट्र (UN) में गए और हमलावरों को आतंकवादियों के बजाय कबायली घुसपैठिए बताया। अगर हम शुरू से ही यह स्पष्ट कर देते कि पाकिस्तान आतंकवाद का इस्तेमाल कर रहा है, तो हमारी नीति बहुत अलग होती। उन्होंने यह भी कहा कि, किसी भी हालत में आतंकवाद को स्वीकार नहीं किया जा सकता। भारत की विदेश नीति में निरंतरता के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि मेरा जवाब हां है। 50 प्रतिशत निरंतरता है और 50 प्रतिशत परिवर्तन है। वह एक बदलाव आतंकवाद पर है। उन्होंने कहा कि मुंबई हमले के बाद, एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं था जिसे लगा कि हमें जवाब नहीं देना चाहिए था। लेकिन उस समय यह सोचा गया था कि पाकिस्तान पर हमला करने की कीमत पाकिस्तान पर हमला नहीं करने से ज्यादा है। जयशंकर ने कहा कि अगर मुंबई (26/11) जैसा कुछ होता है और कोई प्रतिक्रिया नहीं देता है तो कोई अगले हमले को कैसे रोक सकता है। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को यह महसूस नहीं होना चाहिए कि वे सीमा पार हैं, कोई उन्हें छू नहीं सकता। आतंकवादी किसी भी नियम से नहीं खेलते हैं इसलिए आतंकवादियों को जवाब देने के लिए कोई नियम नहीं हो सकते। विदेश मंत्री जयशंकर ने इसी कार्यक्रम में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की नीतियों पर सवाल उठाए। जयशंकर ने कहा कि जब चीन ने 1950 में तिब्बत कब्जाया था, तब नेहरू को सरदार वल्लभ भाई पटेल चेताया था और कहा था कि उन्हें चीन की मंशा ठीक नहीं लगती। जयशंकर ने कहा कि नेहरू ने इन चिंताओं को दरकिनार कर दिया और कहा कि चीनी लोग भी एशियाई हैं और हमारे भाई है इसलिए वह भारत पर हमला नहीं करेंगे।जयशंकर ने कहा कि चीन को लेकर जहाँ सरकार वल्लभभाई पटेल की सोच एकदम धरातल से मेल खाती हुई और यथार्थवादी थी तो नेहरू एक वामपंथी और आदर्शवादी थे।
चुनावी “कड़वाहट” मिटाएगी गुलाब जामुन की मिठास, प्रचार अभियान के बीच देर रात मिठाई की दुकान पर पहुंचे राहुल गांधी*
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देश में लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद से ही सभी पार्टियां चुनाव के लिए ताबड़तोड़ रैलियों में व्यस्त है। आरोप-प्रत्यारोपों की “कड़वाहट” के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी शुक्रवार रात तमिलनाडु के सिंगनल्लूर में एक मिठाई की दुकान पहुंचे। जहां मौजूद लोग उन्हें अपने बीच देख हैरान हो गए। दुकानदार और वहां काम करने वाले लोगों से बातचीत करते हुए राहुल गांधी ने एक किलो अपने पसंदीदा गुलाब जामुन खरीदे। लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए तमिलनाडु दौरे पर पहुंचे राहुल गांधी कोयंबटूर के सिंगानल्‍लूर स्थित एक मिठाई की दुकान पर राहुल गांधी अचानक उस समय पहुंच गए जब रात में वह कार्यकर्ताओं के साथ घूमने निकले। राहुल गांधी ने मिठाई की दुकान तक पहुंचने के लिए बाकायदा डिवाइडर पार किया। मिठाई की दुकान के मालिक ने बताया कि राहुल गांधी हमारी दुकान पर पहुंचे तो सभी अचंभित रह गए। राहुल गांधी तमिलनाडु के कोयंबटूर में मिठाई की दुकान पर करीब 25-30 मिनट तक रहे।वहां से उन्होंने एक किलो मिठाई खरीदी। राहुल गांधी ने दुकान पर मौजूद बाकी मिठाईयों का भी स्वाद चखा। दुकान के मालिक ने बताया कि जब राहुल गांधी आए तो हमें आश्चर्य हुआ। चूंकि उन्हें गुलाब जामुन पसंद है, तो उन्होंने एक किलो मिठाई खरीदी। उन्होंने प्रदर्शित अन्य मिठाइयों का भी स्वाद चखा। मुझे खुशी हुई कि वह हमारी दुकान में आए। हमारा स्टाफ भी उन्हें देखकर खुश हुआ। हमने उससे भुगतान न करने को कहा लेकिन वह अड़े रहे। इस दौरान उन्होंने कैश में पेमेंट किया। इससे पहले राहुल गांधी ने तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने तमिल संस्कृति, भाषा और इतिहास की सराहना करते हुए कहा कि इससे बहुत कुछ सीखा जा सकता है। यही वजह है कि कांग्रेस ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा तमिलनाडु से ही शुरू करने का फैसला किया था। उन्होंने कहा कि मोदी एक देश, एक नेता और एक भाषा की बात करते हैं। लेकिन हमारे लिए सब बराबर और जरूरी हैं। तमिल, बांग्ला और अन्य भाषाओं के बिना भारत पूरा नहीं हो सकता।अपने संबोधन में राहुल गांधी ने पीएम मोदी, भाजपा और आरएसएस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि पहले भारत को विश्व में लोकतंत्र का प्रतीक माना जाता था। लेकिन अब पूरी दुनिया ही कह रही है कि भारत में लोकतंत्र नहीं रहा।
ईरान जल्द ही इजरायल पर करेगा हमला’ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने दी चेतावनी, भारत में भी अलर्ट जारी

#us_president_joe_biden_says_he_expects_iran_will_attack_israel_sooner

रूस-युक्रेन वॉर के बाद हमास-इजराइल के बीच जंग जारी है। इस बीच एक और युद्ध छिड़ता दिख रहा है। बताया जा रहा कि ईरान इजराइल पर बड़े हमले की तैयारी कर रहा है। अमेरिका ने चेतावनी दी है कि ईरान जल्द ही इजरायल पर हमला करेगा। खुद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस युद्ध की आशंका जताते हुए अलर्ट किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा कि उन्हें आशंका है कि ईरान जल्द ही इजरायल पर हमला करेगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन से प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछा गया कि इजरायल पर ईरान का हमला कब होगा, जिसके जवाब में उन्होंने कहा, 'मैं इस जानकारी की डिटेल में नहीं जाना चाहता, लेकिन मेरी उम्मीद हमला जल्द से जल्द होने की है।' उनसे जब पूछा गया कि उनके पास ईरान के लिए क्या संदेश है, जिसके जवाब में उन्होंने कहा, 'मत करो।'

पत्रकारों ने जब पूछा कि क्या अमेरिकी सैनिक खतरे में हैं। इसे लेकर बाइडेन ने कहा कि अमेरिका इजरायल की रक्षा के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा, 'हम इजरायल की रक्षा के लिए समर्पित। हम इजरायल का समर्थन करेंगे, हम इजरायल की रक्षा में मदद करेंगे और ईरान सफल नहीं होगा।'

वहीं तनाव के बीच भारत ने शुक्रवार को अपने नागरिकों से ईरान या इजराइल की यात्रा नहीं करने को कहा. विदेश मंत्रालय ने एक परामर्श में ईरान और इजराइल में रहने वाले भारतीयों को सलाह दी है कि अपनी सुरक्षा के बारे में अत्यधिक सतर्कता बरतें और अपनी गतिविधियां कम से कम रखें. परामर्श में कहा गया है कि क्षेत्र में मौजूदा स्थिति के मद्देनजर सभी भारतीयों को सलाह दी जाती है कि अगले नोटिस तक ईरान या इजराइल की यात्रा नहीं करें।

बता दें कि एक अप्रैल को सीरिया में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हमला हुआ था। इससे दूतावास का एक खंड पूरी तरह ध्वस्त हो गया था। वहीं, ईरान के दो शीर्ष सैन्य जनरल और पांच अन्य अधिकारी भी मारे गए थे। ईरान इस हमले का आरोप इजराइल पर लगा रहा है। साथ ही उसने जवाबी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने बुधवार को चेतावनी दी थी कि इजराइल को सजा दी जानी चाहिए। उस पर इजराइली विदेश मंत्री ने कहा था कि अगर ईरान हमला करता है तो हम कड़ा जवाब देंगे।

चीन के साथ सीमा विवाद पर पीएम मोदी के टिप्पणी पर आया चीन का बयान, जानें ड्रैगन ने क्या कहा?

चीन और भारत के संबंध तनावपूर्ण है। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद है। हालांकि इस विवाद को खत्म करने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। दोनों देशों के बीच कई दौरे की बैठक भी हो चुकी है। इसी बीच चीन ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान पर टिप्पणी की है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत के लिए चीन के साथ संबंध महत्वपूर्ण है और सीमा विवाद का तत्काल समाधान किया जाना चाहिए। ड्रैगन का कहना है कि चीन और भारत ने सीमा गतिरोध को हल करने के लिए ‘बड़ी सकारात्मक प्रगति’ की है और दोनों पक्षों के बीच गहन संवाद जारी है।चीन के विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यहां यह बात कही। 

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ ने कहा कि हम यह भी मानते हैं कि चीन और भारत के संबंध दोनों देशों के हितों की रक्षा करते हैं। चीन ने उम्मीद जताई कि भारत मतभेदों को ठीक से सुलझाने और द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर ट्रैक पर आगे बढ़ाने के लिए चीन के साथ समान दिशा में काम करेगा। 

न्यूजवीक को दिए गए पीएम मोदी के इंटरव्यू पर एक सवाल का जवाब देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि ‘सीमा मुद्दे के बारे में, मैं आपको बता सकती हूं कि चीन और भारत कूटनीतिक और सैन्य चैनलों के जरिये घनिष्ठ संचार बनाए हुए हैं और बहुत सकारात्मक प्रगति हुई है।’ माओ ने कहा कि ‘हम यह भी मानते हैं कि स्वस्थ चीन और भारत संबंध दोनों देशों के हितों की पूर्ति करते हैं।

‘न्यूजवीक’ पत्रिका के साथ साक्षात्कार में, प्रधानमंत्री ने आशा जतायी थी कि राजनयिक और सैन्य स्तरों पर सकारात्मक एवं रचनात्मक द्विपक्षीय बातचीत के माध्यम से, दोनों देश अपनी सीमाओं पर शांति और स्थिरता बहाल करने और बनाए रखने में सक्षम होंगे। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ ने यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में न्यूजवीक को दिए गए मोदी के साक्षात्कार पर एक सवाल के जवाब में कहा, ‘सीमा मुद्दे के बारे में, मैं आपको बता सकती हूं कि चीन और भारत के बीच राजनयिक एवं सैन्य चैनलों के माध्यम से गहन संवाद हुये हैं और बड़ी सकारात्मक प्रगति हुई है।’

*“बाबा साहेब खुद आ जाएं तो भी संविधान खत्म नहीं कर सकते”, जानें पीएम मोदी ने ऐसा क्यों कहा?*
#pm_modi_says_baba_saheb_ambedkar_too_cannot_abolish_constitution लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के निशाने पर कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष है। पीएम मोदी खासकर कांग्रेस को लेकर पूरी तरह से हमलावर हैं। पीएम मोदी ने शुक्रवार को राजस्थान के बाड़मेर में एक चुनावी रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने संविधान को लेकर किए जा रहे कांग्रेस के दावों पर करारा जवाब दिया। पीएम मोदी ने देश के संविधान को केंद्र सरकार के लिए 'गीता, रामायण, महाभारत एवं कुरान' करार देते हुए कहा कि बाबा साहब आंबेडकर खुद आ जाएं तो भी संविधान खत्म नहीं कर सकते। राजस्थान के बाड़मेर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि एससी-एसटी, ओबीसी भाइयों और बहनों के साथ दशकों तक भेदभाव करने वाली कांग्रेस पुराने रिकॉर्ड बजा रही है। जब भी चुनाव आता है संविधान के नाम पर झूठ बोलना फैशन बन गया है। जिस कांग्रेस ने बाबा साहब के जीते जी उन्हें चुनाव हरवाया। जिसने बाबासाहब को भारत रत्न नहीं मिलने दिया। जिस कांग्रेस ने देश में आपातकाल लगाकर संविधान को खत्म करने की कोशिश की, आज वही कांग्रेस मोदी को गाली देने के लिए संविधान के नाम पर झूठ की आड़ ले रही है। पीएम ने कहा कि यह मोदी है जिसने देश में पहली बार संविधान दिवस मनाना शुरू किया है। इन कांग्रेस वालों ने संविधान दिवस मनाने का विरोध किया था। संसद में उनका भाषण है। क्या यह बाबा साहब और संविधान का अपमान है या नहीं? इतना ही नहीं यह मोदी ही है जिसने बाबा साहब से जुड़े पंच तीर्थों का विकास किया। भारत को शक्तिहीन करना चाहता है गठबंधन-पीएम मोदी पीएम मोदी ने कहा कि एक तरफ मोदी भारत को शक्तिशाली राष्ट्र बनाने में जुटा है जबकि दूसरी तरफ ‘इंडी’ गठबंधन वाले भारत को कमजोर देश बनाने का ऐलान कर रहे हैं। इंडी अलायंस में शामिल एक दल का कहना है कि हम भारत के परमाणु हथियार नष्ट कर देंगे। भारत जैसे देश जिसके दोनों तरफ पड़ोसियों के पास परमाणु हथियार हो, क्या उस देश में परमाणु हथियार समाप्त करना चाहिए। यह करना चाहता है इंडी अलायंस। मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि आपकी इंडी अलायंस के साथी किसके इशारे पर काम कर रहे हैं। कांग्रेस की सोच ही विकास विरोधी-पीएम मोदी बाड़मेर की जनसभा में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, कांग्रेस की सोच ही विकास विरोधी है। ये लोग देश के सीमावर्ती गांवों को देश के आखिरी गांव कहते हैं। ये सीमावर्ती ज़िलों को और सीमावर्ती गांवों को जानबूझकर विकास से वंचित रखते थे और कहते थे कि सीमा के पास विकास होगा तो दुश्मन मुल्क के देश के भीतर आकर कब्ज़ा करने की संभावना बढ़ जाएगी। क्या हम इतने बुज़दिल हैं कि हम बढ़िया रास्ते बनाएंगे तो दुश्मन उस पर चढ़ जाएगा। हम सीमावर्ती गांवों को आखिरी नहीं देश का प्रथम गांव मानते हैं। कांग्रेस देश विरोधी ताकतों के साथ खड़ी होती है-पीएम मोदी पीएम मोदी ने कांग्रेस पर दमकर अपनी भड़ास निकलते हुए कहा कि, कांग्रेस भारत को भाषा, प्रांत और जातपात में तोड़ना चाहती है। इसलिए इस चुनाव में आपको कांग्रेस को सबक सिखाना है। वह हर उस ताकत के साथ खड़ी हो जाती है, जो देश विरोधी होती है। हम राजस्थान में शक्ति की उपासना करते हैं, लेकिन कांग्रेस के शहजादे कहते हैं कि वह हिंदू धर्म की शक्ति का विनाश कर देंगे। देश में कांग्रेस राम मंदिन का विरोध करती है और कांग्रेस राज में रामनवमी की शोभायात्रा पर पत्थर चलते हैं।
क्या संजय सिंह के बाद मनीष सिसोदिया भी आएंगे जेल से बाहर, जमानत के लिए दायर की नई याचिका, लोकसभा चुनाव प्रचार का दिया हवाला

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दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसौदिया ने अंतरिम जमानत के लिए दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट का रुख किया है। लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए उन्होंने ईडी और सीबीआई दोनों मामलों में अदालत से अंतरिम जमानत की मांग की है। मनीष सिसोदिया की याचिका पर कोर्ट ने ईडी और सीबीआई से जवाब मांगा है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 20 अप्रैल की तारीख तय की है।

आप नेता सीएम मनीष सिसोदिया ने जमानत के लिए नई याचिका दायर की है। याचिका में इस बार उन्होंने लोकसभा चुनाव में प्रचार करने का हवाला दिया है। स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने मनीष की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी किया है।

बता दें कि इससे पहले सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज करते हुए अदालत ने 15 अप्रैल तक उनकी न्यायिक हिरासत को बढ़ा दिया था। सिसोदिया की जमानत की अर्जी पर बुधवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान ईडी ने जमानत याचिका का विरोध किया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आगे की कार्यवाही के लिए 15 अप्रैल सोमवार की तारीख तय की। 

बता दें कि मनीष शराब नीति घोटाला केस में तिहाड़ में बंद हैं। सिसोदिया को केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था। वहीं, ईडी ने 9 मार्च 2023 को सीबीआई की एफआईआर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। 28 फरवरी 2023 को सिसोदिया ने दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।