हेमा मालिनी पर टिप्पणी करना रणदीप सुरजेवाला को पड़ा भारी, चुनाव आयोग ने बेजा नोटिस
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लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के नेता रणदीप सुरजेवाला को बड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग ने उन्हें बीजेपी की नेता हेमा मालिनी के खिलाफ बयान देने के मामले में मंगलवार (नौ अप्रैल) को नोटिस जारी किया है। चुनाव आयोग ने उनसे 11 अप्रैल शाम 5 बजे तक जवाब मांगा है।निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से भी जवाब मांगा है।
चुनाव आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से इस मामले में एक्शन की मांग की है और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि उनके नेता महिलाओं के प्रति सम्मान से पेश आएं. मल्लिकार्जुन खरगे को इस मामले में 11 अप्रैल, 2024 तक जवाब देना होगा कि उन्होंने इस बाबत क्या कदम उठाए।ECI ने कांग्रेस अध्यक्ष से पार्टी नेताओं और पदाधिकारियों द्वारा महिलाओं के प्रति सम्मानजनक सार्वजनिक चर्चा सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई की मांग की। ECI ने दोहराया कि चुनाव अभियान को महिलाओं के प्रति किसी भी प्रकार के अपमान का मंच नहीं बनने दिया जा सकता।
क्या है हेमा मालिनी से जुड़ा मामला
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने एक अप्रैल को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार सुशील गुप्ता के समर्थन में जनसभा की थी। इस दौरान उन्होंने मथुरा की भाजपा सांसद और एक्ट्रेस हेमा मालिनी के खिलाफ विवादित बयान दिया था। इसके बाद उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसे लेकर भाजपा ने पटलवार किया।
महिला आयोग की चेयरपर्सन ने जताई थी आपत्ति
हेमा मालिनी उत्तर प्रदेश की मथुरा लोकसभा सीट से इस बार के चुनाव में बीजेपी की उम्मीदवार हैं। रणदीप सुरजेवाला ने उन्हें लेकर कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद महिला आयोग की चेयरपर्सन रेणु भाटिया ने कांग्रेस नेता पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था, रणदीप सुरजेवाला ने ऐसा कहकर मानसिकता दिखाई है। ऐसा कहकर उन्होंने यह बताया कि उनकी मां ने उन्हें महिलाओं के लिए किस तरह की परवरिश दी है। मुझे इस बात से हैरानी होती है कि दिखने में इतने अच्छे लोग मन के काले कैसे हो सकते हैं। ऐसे तो रणदीप सुरजेवाला महिलाओं को कभी आगे नहीं बढ़ने देंगे।
सुरजेवाला ने दी थी सफाई
हालांकि, चौतरफा घिरने के बाद रणदीप सुरजेवाला ने भाजपा पर तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हेमा मालिनी का अपमान करना मेरा इरादा नहीं था। हम महिलाओं को सम्मान करते हैं। सुरजेवाला ने एक वीडियो क्लिप शेयर की, जिसमें वह कह रहे हैं कि हेमा मालिनी ने धर्मेंद्र से शादी की, वह हमारी बहू हैं। हम उनका सम्मान करते हैं।







दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से राहत नहीं मिली है। शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की गिरफ्तारी और हिरासत को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि याचिका जमानत के लिए नहीं है। याचिका में याचिकाकर्ता ने हिरासत को गलत बताया है। फैसला सुनाते हुए जस्टिस स्वर्ण कांत शर्मा ने याचिका को खारिज कर दिया। जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने केजरीवाल की याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए केजरीवाल के खिलाफ ईडी के आरोपों को अदालत ने दोहराया। कोर्ट ने कहा की ईडी ने जो तथ्य कोर्ट के सामने रखे हैं उससे लगता है कि कथित घोटाले में सीएम की संलिप्तता भी लग रही है।ईडी ने यह भी कहा कि अरविंद केजरीवाल व्यक्तिगत और ‘आप’ संयोजक दोनों तौर पर शराब घोटाले की साजिश में शामिल थे। अदालत ने कहा कि मैंने अपने फैसले में पीएमएलए की धारा 50 के तहत दर्ज बयानों और सीआरपीसी के तहत 164 के दर्ज अप्रूवर के बयानों में अंतर बताया है। स्वर्ण कांता शर्मा ने यह भी कहा कि केजरीवाल गवाह के बयानों को खारिज नहीं कर सकते है, लेकिन उसे क्रॉस एग्जामिन जरूर कर सकते हैं। उन्होंने अपने फैसले में कहा कि ईडी ने पर्याप्त सुबूत के आधार पर केजरीवाल को गिरफ्तार किया है। बहस के दौरान आप के राष्ट्रीय संयोजक ने अपनी गिरफ्तारी की टाइमिंग पर सवाल उठाया था। केजरीवाल ने कोर्ट में दावा किया था कि बीजेपी उन्हें जेल में डालकर चुनाव को फिक्सड मैच की तरह खेलना चाहती है। जिसपर जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि कोर्ट नहीं मानता कि केजरीवाल को चुनाव प्रचार रोकने के लिए गिरफ्तार किया गया है। कानून सीएम और आम आदमी के लिए बराबर हैं।अदालत ने कहा कि कानून पर किसी सरकार का और न ही किसी जांच एजेंसी का नियंत्रण होता है।
Apr 10 2024, 10:29
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