सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग से बचें : एडीएम
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ललितपुर। मुख्य निर्वाचन अधिकारी लखनऊ के पत्र के क्रम में उप जिला निर्वाचन अधिकारी/अपर जिलाधिकारी वि./रा. अंकुर श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पुस्तकों/सामग्रियों की छपाई के लिए इन्वायरमेन्ट सस्टेनेबिलिटी (पर्यावरण स्थिरता) और व्यापक मापदंडो के प्रति भारत निर्वाचन आयोग की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाने के लिए दिशा निर्देश उपलब्ध कराये गये हैं। आयोग ने राजनीतिक दलों के साथ-साथ अधिकारियों को पर्यावरण - मुक्त चुनाव की दिशा में आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी गयी है। उन्होंने बताया कि सीईओ, डीईओ द्वारा संदर्भ, उपयोग के लिए रूपरेखा तैयार की गयी है, जिसके अंतर्गत आज के विश्व में पर्यावरण संबंधी चिंताएं अधिक महत्वपूर्ण हो गई हैं, निर्वाचन आयोग भी चुनाव में गैर-जैव निम्नीकरणीय सामग्रियों के उपयोग के कारण होने वाले पर्यावरणीय खतरों के मुद्दे पर बहुत चिंतित है। इस संबंध में आयोग राजनीतिक दलों के साथ-साथ मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को पर्यावरण अनुकूल चुनाव की दिशा में आवश्यक कदम उठाने के लिए सलाह जारी की है।
उन्होंने बताया कि हाल ही में उपरोक्त निदेर्शों और न्यायालय के निदेर्शों को संकलित किया गया है, और अनुपालन के लिए दिनांक 18 अगस्त 2023 के परिपत्र द्वारा सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य राजनीतिक दलों को प्रसारित किया गया है। ईसीआई द्वारा जारी सभी सलाह और इस मामले में प्रसारित न्यायालय के निदेर्शों का ईमानदारी से पालन करने के लिए कहा गया है। यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि पर्यावरण अनुकूल चुनाव दुनिया भर के विभिन्न देशों में लोकतंत्रों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इस नेक उद्देश्य के लिए क्या करें और क्या न करें का दायरा बढ़ाया जा रहा है, जिसमें राजनीतिक दलों के साथ-साथ चुनाव पदाधिकारियों द्वारा चुनाव सामग्री में प्लास्टिक का पहले उपयोग न करने से लेकर विभिन्न चरणों जैसे कि चुनाव पूर्व प्रचार, मतदान, मतगणना आदि शामिल है. के दौरान सामग्री की छपाई और अपशिष्ट प्रबंधन जैसे कार्य और पुस्तकों की भौतिक छपाई को कम करने और समय-समय पर ईसीआई द्वारा जारी सामग्री अनुदेशों की छपाई में पर्यावरण अनुकूल उपायों की बढ़ावा देने के लिए संदर्भ /उपयोग के लिए रूपरेखा जारी की गयी है।
बताया कि बड़े पैमाने पर चुनाव प्रक्रिया पर सामान्य सिद्धांत अपशिष्ट का पृथक्करण में सभी चुनाव प्रक्रियाओं और आयोजनों में केवल पर्यावरण अनुकूल सामग्रियों का उपयोग करें और सिंगल यूज प्लास्टिक से पूरी तरह बचें। विभिन्न प्रकार के कचरे का पृथक्करण सुनिश्चित करना। मतदान केंद्रों और अभियान कार्यक्रमों में स्पष्ट और दृश्यमान संकेतक स्थापित करना ताकि लोगों को विभिन्न प्रकार के कचरे, जैसे कि पुनर्चक्रण योग्य, जैविक अपशिष्ट और गैर-पुनर्चक्रण योग्य अपशिष्ट का निपटान कहां किया जाए, के बारे में मार्गदर्शन किया जा सके। विभिन्न प्रकार के कचरे के लिए अलग-अलग संग्रह डिब्बे प्रदान करना, जिसमें पुनर्चक्रण योग्य वस्तुओं (जैसे कागज, प्लास्टिक, कांच और धातु), जैविक अपशिष्ट (जैसे खाद्य कचरा और जैवनिम्नीकरणीय सामग्री), और गैर-पुनर्चक्रण योग्य कचरे के डिब्बे शामिल हैं । कचरे के प्रबंधन पर कहा कि यह सुनिश्चित किया जाये कि एकत्र किए गए प्रत्येक प्रकार के कचरे के लिए पर्याप्त निपटान सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिसमें पुनर्चक्रण सुविधाएं और खाद डिब्बे शामिल हैं। यह सुनिश्चित किया जाये कि इसे सही ढंग से लागू किया जा रहा है।
कचरा संग्रहण और पृथक्करण प्रक्रिया की नियमित रूप से निगरानी करें और संग्रह डिब्बे और सुविधाओं का निरंतर रखरखाव उपलब्ध करायें। बताया कि यह सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय अपशिष्ट प्रबंधन कंपनियों या पुनर्चक्रण सुविधाओं के साथ साझेदारी करें कि अलग किए गए कचरे को ठीक से एकत्र किया जाए और पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार तरीके से संसाधित और पुनर्चक्रित किया जाए या उसका निपटान किया जाए। चुनाव अवधि के दौरान अपशिष्ट पृथक्करण के महत्व को बढ़ावा देने और पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं में भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए स्थानीय समुदायों और हितधारकों के साथ जोड़ा जाये। बताया कि कागज का अल्पीकरण किया जाये जिसमें मतदान केंद्रों पर मतदाता सूचियों और चुनावी सामग्री के लिए कागज का उपयोग कम से कम करें। दस्तावेजों की अनावश्यक छपाई को कम करने के लिए मुद्रण से पहले दस्तावेज का पूर्वावलोकन, डबल साइड प्रिटिंग, लेआउट का अनुकूलन, मुद्रण का केंद्रीकरण आदि जैसी कुशल प्रथाओं को लागू किया जाय। पारंपरिक कागज-आधारित सामग्रियों की तुलना में ई-पुस्तकों और इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के उपयोग पर जोर दिया जाय। संचार और दस्तावेजीकरण के लिए इलेक्ट्रॉनिक तरीकों को अपनाने को प्रोत्साहित किया जाय।
उन्होंने यह भी बताया कि कागज के उपयोग को कम करने का प्रयास करते समय यदि कागज के उपयोग की कोई वैधानिक आवश्यकता है तो उसे समाप्त नहीं किया जाएगा। उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने ईंधन का अल्पीकरण के सम्बन्ध में बताया कि परिवहन के लिए पर्यावरण- अनुकूल वाहनों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाय, कारपूलिंग और सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित किया जाय, अभियानों के लिए नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाय। चुनाव अधिकारियों और मतदाताओं द्वारा तय की गई कुल दूरी को कम करने के लिए मतदान स्थानों को समेकित करना होगा। उन्होंने जागरुकता उपाय, सीबी, स्वीप गतिविधियों पर बताया कि कार्यान्वित की जा रही पर्यावरण- अनुकूल पहलों के बारे में मतदाताओं को जानकारी प्रसारित किया जाय। मतदाताओं को चुनाव संबंधी जानकारी प्राप्त करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना, चुनाव अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों में पर्यावरण जागरूकता मॉड्यूल को एकीकृत करना पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं का पालन करने के महत्व पर निर्वाचन कार्मियों को शिक्षित करना है। पर्यावरणीय जिम्मेदारी को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय अधिकारियों, गैर सरकारी संगठनों और सामुदायिक समूहों के साथ मिलकर काम किया जाय। सतत इवेंट प्रबंधन में विशेषज्ञता वाले संगठनों के साथ साझेदारी की तलाश किया जाय।
चुनाव अभियानों और मतदाता शिक्षा के लिए डिजिटल प्लेटफार्मों और सोशल मीडिया के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाय। वर्चुअल टाउन हॉल और आॅनलाइन चर्चा को बढ़ावा देकर भौतिक साइनेज और बैनरों पर निर्भरता को कम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाय। उम्मीदवारों को पारंपरिक डाकों के बजाय डिजिटल संवाद पत्र और ईमेल अपडेट का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाय। बताया कि भारत निर्वाचन आयोग में पुस्तकों सामग्रियों की छपाई के लिए उपरोक्त के अलावा व्यापक मापदंड निर्धारित हैं जिसमें आयोग संबंधित सीईओ को पुस्तकों सामग्री की अधिकतम केवल 2 प्रतियां जारी करेगा और सीईओ के पास आर्थिक कारकों और अधिकारियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए आवश्यकतानुसार अतिरिक्त प्रतियां मुद्रित करने की छूट होगी। प्रत्येक राज्य की आगे की आवश्यकताएं अलग-अलग होती हैं, इसलिए, यदि सीईओ को अधिक मुद्रित पुस्तकों की आवश्यकता होती है, तो वे ईसीआई द्वारा निर्धारित व्यापक मापदंडों को ध्यान में रखते हुए और इस उद्देश्य के लिए ऐसा कर सकते हैं। सीईओ इसकी छपाई / वितरण की निगरानी के लिए एक समिति का गठन कर सकते हैं। इसके अलावा ईसीआई का आईटी प्रभाग प्रत्येक पुस्तक / निर्देश के लिए ई-पुस्तकें बनाएगा ताकि उन्हें ईसीआई वेबसाइट पर सूचीबद्ध किया जा सके। ई-पुस्तकों के लिए एक समर्पित अनुभाग स्थापित किया जाएगा। संबंधित सीईओ यह सुनिश्चित करेंगे कि इसे उनकी वेबसाइट पर उचित ढंग से प्रदर्शित किया जाए। उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अपेक्षा की गयी है कि इन दिशा निदेर्शों को लागू करने में सभी संबंधित पक्षों का सक्रिय सहयोग अपेक्षित होना अति आवश्यक है।
Mar 29 2024, 19:16