आरएसएस नेता की हत्या कर 2016 में फरार मुख्य साजिशकर्ता मुंबई हवाईअड्डे से गिरफ्तार,

नई दिल्ली। एनआइए ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नेता की हत्या के मुख्य साजिशकर्ता को विदेश से लौटने पर मुंबई हवाईअड्डे से गिरफ्तार किया है। आरोपित गौस नियाजी प्रतिबंधित संगठन पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) का सदस्य है। उसने आरएसएस नेता आर. रुद्रेश की हत्या की साजिश रची थी।

वर्ष 2016 से था नियाजी फरार

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के प्रवक्ता ने शनिवार को कहा कि रुद्रेश की हत्या के बाद गौस नियाजी वर्ष 2016 में फरार हो गया था। उसे तंजानिया के दार-ए-सलाम से आने के तुरंत बाद शुक्रवार को मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर एनआइए की स्पेशल टीम ने गिरफ्तार कर लिया। कर्नाटक में पीएफआइ के चार सदस्यों ने बेंगलुरु के शिवाजीनगर इलाके के प्रमुख आरएसएस नेता रुद्रेश की 16 अक्टूबर, 2016 को हत्या कर दी थी।

हत्या की साजिश नियाजी और असीम शेरिफ ने रची थी

एनआइए प्रवक्ता ने कहा कि जांच से पता चला है कि नियाजी और असीम शेरिफ ने रुद्रेश की हत्या की साजिश रची। इप दोनों ने लोगों के बीच आतंक पैदा करने के इरादे से अन्य चार आरोपितों को रुद्रेश की हत्या करने के लिए राजी किया था। हत्यारों को बरगलाया गया कि आरएसएस के खिलाफ लड़ाई जिहाद है। नियाजी की गिरफ्तारी के साथ ही मामले के सभी आरोपितों को गिरफ्तारी हो चुकी है। अन्य आरोपितों के खिलाफ एनआइए स्पेशल कोर्ट, बेंगलुरु में मुकदमा चल रहा है।

भारत-विरोधी आतंकी साजिश का था सूत्रधार

एनआइए ने भारत-विरोधी आतंकी साजिश से जुड़े निजामाबाद पीएफआइ मामले में एक फरार आरोपित को गिरफ्तार किया है। इसकी गिरफ्तारी पर दो लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। एनआइए के एक प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि पीएफआइ के तेलंगाना उत्तर क्षेत्र का सचिव रहा अब्दुल सलीम इस मामले में गिरफ्तार होने वाला 15वां आरोपित है। यह मामला जुलाई 2022 में निजामाबाद पुलिस थाने में दर्ज किया गया था। उसी साल अगस्त में एनआइए ने इसे अपने हाथ में ले लिया था।

पीएफआइ और उसके कैडरों की साजिश 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की थी। मामला सामने आने के बाद से अब्दुल सलीम फरार था। एनआइए ने बाद में उस पर इनाम घोषित किया। अधिकारी ने बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर सलीम को आंध्र प्रदेश के कडप्पा जिले से पकड़ा गया। जांच से पता चला है कि वह कट्टरपंथ को बढ़ावा देने और मुस्लिम युवाओं को पीएफआइ में भर्ती करने में शामिल था।

लोकसभा 2024: भाजपा ने यूपी में 51 उम्मीदवारों की पहली सूची की जारी, मोदी वाराणसी, हेमा मालिनी मथुरा, स्मृति ईरानी अमेठी से लड़ेंगी चुनाव

नई दिल्ली: 2024 के लोकसभा चुनावी समर में विभिन्न राजनीतिक दल उतरने के लिए कमर कस चुकी है।यूपी में भाजपा ने 51 उमीदवारों की सूची जारी की तो सपा ने भी तीन लिस्टों में 31 उम्मीदवारों की सूची जारी की है। भाजपा के सूची से मेनका और बरुण गांधी का नाम गायब है।

पिछले दो दिनों से दिल्ली में चल रही मंथन के बाद भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पहली सूची जारी कर दी है। 

पीएम नरेंद्र मोदी एक बार फिर से वाराणसी से उम्मीदवार होंगे।

वाराणसी- पीएम मोदी

लखनऊ- राजनाथ सिंह

चंदौली - महेंद्रनाथ पांडेय

मथुरा- हेमा मालिनी

अमेठी- स्मृति इरानी

सीतापुर- राजेश वर्मा

मुजफ्फरनगर - संजीव बालियान

झांसी- अनुराग शर्मा

बांदा -आरके सिंह पटेल

आगरा- सत्यपाल बघेल

खीरी -अजय मिश्र

हरदोई- जयप्रकाश रावत

कन्नौज -सुब्रत पाठक

फैजाबाद- लल्लू सिंह

कैराना -प्रदीप कुमार

गौतमबुद्ध -नगर महेश शर्मा

इटावा -रमाशंकर कठीरिया

जौनपुर -कृपाशंकर सिंह

गोरखपुर -रवि किशन

आजमगढ़ -दिनेश लाल यादव निरहुआ

फतेहपुर -निरंजन ज्योति

फतेहपुर -सीकरी राजकुमार चाहर

कुशीनगर -विजय कुमार दूबे

आंबेडकरनगर -रितेश पाण्डेय

नगीना - ओमकुमार

रामपुर - घनश्याम लोधी

संभल - परमेश्वर सैनी

बुलंदशहर- डॉ. भोला सिंह

एटा- राजवीर सिंह

आंवला- धर्मेंद्र कश्यप

शाहजहांपुर - अरुण कुमार सागर

धौरहरा- रेखा वर्मा

उन्नाव - साक्षी महाराज

मोहनलालगंज- कौशल किशोर

सलेमपुर- रविंद्र कुशवाहा

लालगंज- नीलम सोनकर

हमीरपुर- पुष्पेंद्र चंदेल

जालौन- भानु प्रताप वर्मा

श्रावस्ती - साकेत मिश्रा

गोंडा- कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राज भैया

बस्ती- हरीश द्विवेदी

संतकबीरनगर- प्रवीण निषाद

बांसगांव- कमलेश पासवान

डुमरियागंज- जगदंबिका पाल

महाराजगंज- पंकज चौधरी

अमरोहा- कंवर सिंह तंवर

मिश्रिख- अशोक कुमार रावत

प्रतापगढ़ - संगम लाल गुप्ता

फर्रुखाबाद- मुकेश राजपूत

अकबरपुर- देवेंद्र सिंह भोले

बाराबंकी- उपेंद्र सिंह रावत

74 पर खुद लड़ेगी BJP;अपना दल-RLD और दूसरे सहयोगी दलों को 6 सीटें:

भारतीय जनता पार्टी ने सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे पर लगभग मुहर लगा दी है. बस इसकी औपचारिक घोषणा होना बाकी है. यूपी में भाजपा अपने सहयोगी दलों के लिए 6 सीट छोड़ सकती है. बाकी 74 सीटों पर भाजपा प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे।

 सूत्रों का दावा है कि भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल को दो सीट, अपना दल (एस) को दो सीट, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी व निषाद पार्टी के लिए एक-एक सीट देने पर सहमति जताई है।

सपा तीन लिस्ट में उतार चुकी है 32 उम्मीदवार:

 समाजवादी पार्टी ने भाजपा से पहले ही लोकसभा चुनाव 2024 के लिए उम्मीदवार घोषित कर चुकी है. सपा ने अब तक तीन लिस्ट में 32 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। पहली सूची में अखिलेश यादव ने 16 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए थे। इसके कुछ दिन बाद दूसरी लिस्ट में 11 और तीसरी में 5 उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर चुकी है। इसमें शिवपाल यादव बदायूं से, मैनपुरी से डिंपल यादव, गाजीपुर से अफजाल अंसारी, फिरोजाबाद से अक्षय यादव जैसे कई नाम शामिल हैं।

भाजपा ने पहली लिस्ट में 47 उम्मीदवार रिपीट किए:

 भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 51 सीटों पर जो उम्मीदवार घोषित किए हैं, उनमें से 47 वही उम्मीदवार हैं जो 2019 में भी भाजपा से दावेदारी ठोक रहे थे। भाजपा अब 23 उम्मीदवारों की घोषणा और करेगी. बाकी छह उम्मीदवार सहयोगी दलों के होंगे। बचे हुए 23 उम्मीदवारों में भाजपा बड़ा परिवर्तन करेगी।

सूची में मेनका-वरुण का नाम नहीं

पहली सूची में उत्तर प्रदेश से कई हाई प्रोफाइल सीटों के नाम गायब हैं. जिसमें प्रमुख है पीलीभीत, जहां से वर्तमान में वरुण गांधी सांसद हैं, वहीं दूसरी सीट है सुलतानपुर सीट जहां से मेनका गांधी सांसद हैं। दोनों मां बेटा की बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से बन नहीं रही है. वरुण गांधी तो लगातार केंद्र और प्रदेश की अपनी ही सरकार की नीतियों का विरोध करते रहते हैं।

बदायूं सीट पर फंसा पेंच: तीसरी सीट की बात करें तो वो है बदायूं लोकसभा सीट, यहां से अभी सांसद हैं संघमित्रा मौर्य, जो प्रदेश के बड़े बड़बोले नेताओं में शूमार स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी हैं. स्वामी प्रसाद ने हाल ही में अपनी पार्टी लॉन्च किया है. जिसके बाद से उनकी सींट पर भी पेंच फंसी है।

रीता बहुगुणा का नाम भी सूची में नहीं:

 वहीं चौथी सीट इलाहाबाद की है जहां से मौजूदा समय में डॉ.रीता बहुगुणा जोशी सांसद हैं. रीता बहुगुणा जोशी को हाल ही में लखनऊ की एक स्थानीय अदालत ने 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में छह माह कारावास की सजा सुनाई है।

एक बार फिर पश्चिमी विक्षोभ के कारण कुछ राज्यों में होगी बारिश, आइये जानते हैं मौसम का हाल

 दिल्ली एनसीआर: पिछले दिनों देश के कई राज्यो में बारिश हुई जिससे तापमान में थोड़ी गिरावट आई है। दिल्ली में इस साल फरवरी में 2014 के बाद सबसे ज्यादा बारिश देखने को मिली। एक बार और पश्चिमी विक्षोभ का असर देश के कुछ राज्यों में नजर आ सकता है जिसकी वजह से बारिश होगी।

 मौसम विभाग की मानें तो तीन मार्च तक पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में हल्की से मध्यम दर्जे की बरिश के आसार है। 

यहां हो सकती है बारिश और बर्फबारी

मौसम विभाग की ओर से जो जानकारी दी गई है उसके अनुसार, 1 और 2 मार्च को जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी बर्फबारी के आसार हैं। वहीं इस दौरान उत्तराखंड में भी अलग-अलग स्थानों पर भारी बर्फबारी हो सकती है। एक मार्च को राजस्थान में और 2 मार्च को हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश की संभावना मौसम विभाग की ओर से व्यक्त की गई है।

स्काइमेट वेदर के अनुसार मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हो सकती है बारिश

स्काइमेट वेदर के अनुसार, 2 और 3 मार्च को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों के साथ-साथ बिहार और झारखंड के कुछ हिस्सों में देखने को मिल सकती है। 4 और 5 मार्च को भी झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में छिटपुट बारिश हो सकती है। वहीं 2 मार्च को उत्तराखंड में कहीं-कहीं भारी बारिश और बर्फबारी हो सकती है. पंजाब में भी 2 मार्च को हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है।

झारखंड में फिर होगी बारिश

झारखंड के मौसम को लेकर जो जानकारी विभाग की ओर से दी गई है उसके अनुसार, 29 फरवरी को बारिश के आसार नहीं हैं जबकि दो मार्च से कई इलाकों में फिर बारिश की संभावना है। इसे लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है।

बिहार में भी होगी बारिश

बिहार का मौसम फिर एकबार करवट ले सकता है. पश्चिमी विक्षोभ की वजह से वेदर में बदलाव आने की संभावना है। मौसम विभाग की मानें तो, मार्च महीने की शुरुआत में बारिश प्रदेश के कई इलाकों में देखने को मिल सकती है। एक मार्च से तीन मार्च तक हल्की बारिश की संभावना मौसम विभाग की ओर से व्यक्त की गई है।

"जड़ी-बूटियों की रानी कहे जाने वाले तुलसी का पत्ता आप के लिए है अमृत के समान,आइए जानते हैं कैसे करें इसका उपयोग और क्या है इसके फायदे


तुलसी का पत्ता स्वास्थ्य के लिए काफी ज्यादा हेल्दी होता है। हिन्दू धर्म में तुलसी का काफी ज्यादा महत्व है। इसे "जड़ी-बूटियों की रानी" के रूप में भी जाना जाता है। हिन्दू धर्म में इसकी देवी के रूप में पूजा होती है। 

हजारों वर्षों से आयुर्वेद में इसका प्रयोग किया जा रहा है, जो कई बीमारियों को दूर करने में उपयोगी हो सकता है। तुलसी की पत्तियां तनाव को संतुलित रखती हैं। इसकी मदद से तन, मन और आत्मा को सुरक्षित रखा जा सकता है। नियमित रूप से आप तुलसी की पत्तियों का प्रयोग कई तरह से कर सकते हैं। 

आइए जानते हैं रोजाना तुलसी की पत्तियों का कैसे करें सेवन?

तुलसी और शहद

बच्चों को सर्दी खांसी, जुकाम से लेकर गले में खराश की परेशानी को दूर करने में तुलसी की पत्तियां फायदेमंद हो सकती है। इसका सेवन आप शहद के साथ कर सकते हैं। 

इसके लिए 1 चम्मच तुलसी की पत्तों का रस लें, इसमें 1 चम्मच करीब शहद को मिक्स करके इसका सेवन कर लें। इससे स्वास्थ्य को लाभ मिलेगा।

तुलसी का पत्ता चबाएं

तुलसी की पत्तियों को खाली पेट चबाने से भी स्वास्थ्य को काफी लाभ हो सकता है। इसका सेवन करने के लिए तुलसी की कोमल पत्तियों को लें और खाली पेट इसे चबाएं। पूरे दिन में कम से कम 2 से 3 बार इसका सेवन करने से शरीर को लाभ मिल सकता है।

तुलसी की चाय

तुलसी का सेवन चाय के रूप में किया जा सकता है। आप इसकी पत्तियों को दूध वाली चाय से लेकर सिंपल हर्बल टी में भी एड कर सकते हैं। इसके लिए एक कप पानी में आधा चम्मच पत्ती डालें और इसमें थो 5 से 6 तुलसी की पत्तियों को डालकर इसे उबाल लें और छानकर पिएं।

तुलसी का काढ़ा

तुलसी का काढ़ा स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियों को कम कर सकता है। इसका सेवन करने के लिए 1 कप पानी लें, इसमें 10 से 15 तुलसी की पत्तियां और 1 इंच अदरक को कद्दूकस करके डालें। अब इस पानी को करीब 5 मिनट के लिए उबाल लें। अब इस पानी को छानकर इसका सेवन करें। इससे काफी लाभ मिलेगा।

तुलसी का जूस

तुलसी का जूस गले में खराश से लेकर पेट में होने वाले दर्द की परेशानी को कम कर सकता है। इसका सेवन करने के लिए 10 से 15 तुलसी की पत्तियां लें। इसे कुचलकर इसका रस निकाल लें। इसके बाद इस रस को 1 गिलास पानी में मिक्स करके पिएं। इससे पेट की परेशानी से लेकर शरीर का वजन कम होगा।

राष्ट्रीय वयोश्री योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों के लिए 639 परियोजनाओं को मिला अनुदान, केंद्र ने कहा- यह वरदान साबित होगी

नई दिल्ली। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि उसने वरिष्ठ नागरिकों के लिए एकीकृत कार्यक्रम के तहत 639 परियोजनाओं को अनुदान प्रदान किया है। 

मंत्रालय ने कहा कि 354 शिविरों के दौरान 3,64,001 वरिष्ठ नागरिकों को सहायक उपकरण वितरित किए गए हैं और 3,180 वृद्धावस्था देखभाल करने वालों को एक कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित किया गया है।

639 परियोजनाओं को मिला अनुदान

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने वरिष्ठ नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने और उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से कई पहल लागू की हैं। मंत्रालय ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए एकीकृत कार्यक्रम के तहत उसने देश भर में 639 परियोजनाओं को अनुदान वितरित किया है।

राष्ट्रीय वयोश्री योजना ने दिया महत्वपूर्ण योगदान

इसमें कहा गया है कि ये अनुदान वरिष्ठ नागरिकों के घरों के संचालन और रखरखाव और निरंतर देखभाल सुविधाओं की सुविधा प्रदान करते हैं, गरीब वरिष्ठ नागरिकों को आश्रय, पोषण, स्वास्थ्य देखभाल और मनोरंजन जैसी आवश्यक सेवाएं प्रदान करते हैं। इसके अलावा, मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय वयोश्री योजना ने उम्र से संबंधित विकलांगता वाले वरिष्ठ नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरद पवार गुट को मिला नया चुनाव चिह्न 'तुतारी', निर्वाचन आयोग ने किया आवंटित




नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले शरद पवार गुट को चुनाव आयोग से नई पहचान मिल गई है। भारत निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार को नया चुनाव चिह्न आवंटित कर दिया। चुनाव आयोग ने पार्टी को तुतारी (तुरहा बजाते हुए एक व्यक्ति) आवंटित किया है। मालूम हो कि तुतारी एक तरह का पारंपरिक वाद्य यंत्र है।

पिछले साल विभाजित हुई थी पार्टी

मालूम हो कि शरद पवार द्वारा स्थापित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) पिछले साल दो खेमों में बंट गई थी। जुलाई, 2023 में शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने आठ अन्य विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे नीत सरकार में शामिल हो गए थे। वहीं, लंबे समय से जारी बयान बाजी और उठापठक के बीच चुनाव आयोग ने डिप्टी सीएम अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट को पार्टी का नाम और 'घड़ी' चिह्न दे दिया था।

संदेशखाली मामले में रिपोर्टिंग कर रहे एक पत्रकार की गिरफ्तारी के बचाव में उतरे अनुराग ठाकुर

 नई दिल्ली। बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले स्थित संदेशखाली मामले में रिपोर्टिंग कर रहे एक पत्रकार की गिरफ्तारी मामले में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का बयान आया है। 

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता को कुचला नहीं जाना चाहिए।बता दें कि हाल ही में संदेशखाली मामले में रिपोर्टिंग करने को लेकर एक टीवी पत्रकार की गिरफ्तारी हो गई थी, जिसके बाद अनुराग ठाकुर ने ये बयान दिया है।

फिल्मी कोना : अभिनेत्री ने विधायक की बहू बनने के लिए बदला धर्म, बिजनेसमैन से रचाई शादी

करियर को दिखा के ठेंगा बन गई करोड़ों की मालकिन

नई दिल्ली : 'टार्जन द वंडर कार', 'वॉन्टेड' , 'पाठशाला' और 'मोड़', 'ये दिल मांगे मोर' 'कैश', 'शादी से पहले', 'शादी नम्बर वन' और 'संडे' जैसी फिल्मों में शानदार एक्टिंग और अपनी खूबसूरती के जलवे बिखेर चुकी एक्ट्रेस ने हाल ही खुलासा किया कि अब वह फिल्मों में दोबार नहीं आएंगी क्योंकि वह अपनी लाइफ में काफी खुश हैं.

यहां हम बात कर रहे हैं 37 साल की हो चुकीं आयशा टाकिया की. बता दें कि आयशा भले ही फिल्मों में एक्टिव नहीं हैं लेकिन वह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं. इसके साथ ही वह अपनी पर्सनल लाइफ के कारण खूब चर्चा में रहती हैं. उनका नाम बॉलीवुड की गुमनाम एक्ट्रेस की लिस्ट में शुमार हो चुका है.

इसके साथ ही आशिया का नाम उन एक्ट्रेसेस गिना जाता है, जो स्टारडम, शोहरत और ग्लैमर के चकाचौंध में आई तो जरूर लेकिन वह ज्यादा दिनों तक टिक नहीं सकीं. इसके साथ ही उन्होंने अपना अस्तित्व बचाने के लिए अपनी लाइफ का सबसे बड़ा फैसला कर हर किसी को चौंका दिया.

जी हां! आयशा टाकिया को लेकर ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने अपने फ्लॉप करियर को देखते हुए अपने जीवन का सबसे बड़ा फैसला कर डाला और समाजवादी पार्टी (सपा) नेता और विधायक रहे अबू असीम आजमी की बहू बन गईं.

आयशा की शादी 2009 में हुई थी. इस शादी से उनको एक बेटा है. शादी के बाद आयशा ने फिल्मों में काम करना छोड़ दिया और मुंबई में गुमनाम हो गई हैं. बता दें कि आयशा के पति फरहान एक बिजनेसमैन हैं. वह होटल और रेस्टारेंट बिजनेस से भी जुड़े हुए हैं. इसके अलावा फरहान राजनीति में काफी दिलचस्पी रखते हैं.

अब आयशा के ससुर अबू असीम आजमी की बात करें तो, वह महाराष्ट्र का सबसे अमीर विधायक में गिने जाते हैं. वह मानखुर्द शिवाजीनगर विधानसभा सीट पर कार्यरत हैं. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो, उनके पास 142 करोड़ रुपये की संपत्ति है. वहीं उनके बेटे फरहान की नेटवर्थ 72 करोड़ रुपए से ज्यादा की है.

जम्मू-कश्मीर के पूर्व गवर्नर सत्यपाल मल्लिक रल के आवास पर CBI ने मारी छापा, हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट मामले में की कार्रवाई

 नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के किरु हाइड्रो प्रोजेक्ट में घोटाले के आरोपों की जांच के सिलसिले में सीबीआइ ने पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के आवास समेत कुल 30 स्थानों की तलाशी ली। हाइड्रो प्रोजेक्ट में 2200 करोड़ रुपये के सिविल व‌र्क्स के टेंडर में घोटाले का आरोप है। सत्यपाल मलिक ने आरोप लगाया था कि राज्यपाल रहते हुए खास कंपनी को टेंडर देने के लिए उन्हें 150 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी। वैसे मलिक ने रिश्वत की पेशकश करने वाला नाम अभी तक उजागर नहीं किया है।

किरु हाइड्रो प्रोजेक्ट घोटाले में छापेमारी

सीबीआइ के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार छापे की कार्रवाई जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, बिहार, राजस्थान, दिल्ली और मुंबई में एक साथ की गई और इसमें लगभग 100 अधिकारी शामिल थे। सीबीआइ की टीम सुबह-सुबह सत्यपाल मलिक के दिल्ली के आरके पुरम स्थित घर के साथ द्वारका और एशियन गेम्स विलेज के साथ-साथ गुरुग्राम और बागपत स्थित ठिकानों की भी तलाशी ली। जिन स्थानों की तलाशी ली गई, उनमें सत्यपाल मलिक के करीबी भी शामिल हैं। इसके साथ ही चेनाव वैली पावर प्रोजेक्ट्स के पूर्व चेयरमैन नवीन कुमार चौधरी और ठेका पाने वाले पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के अधिकारियों के यहां भी छापे मारे गए। वैसे छापे के दौरान खुद सत्यपाल मलिक घर पर उपस्थित नहीं थे।

150 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश का लगाया था आरोप

एक्स प्लेटफार्म पर पोस्ट कर उन्होंने बताया कि वे पिछले तीन चार दिनों से बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि उनके ड्राइवर और सहयोगी के ठिकानों की भी तलाशी ली गई है। उन्होंने छापे को सरकार की तानाशाही बताते हुए कहा कि वे किसान के बेटे हैं और छापों से नहीं डरते हैं। मलिक अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे थे और उन्हीं के कार्यकाल में अनुच्छेद 370 को निरस्त कर जम्मू-कश्मीर को दो भागों में बांटते हुए केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया गया था।

मलिक के ड्राइवर और सहायक समेत करीबियों के यहां भी छापेमारी

सत्यपाल मलिक ने किरु हाइड्रो प्रोजेक्ट के साथ ही एक अन्य प्रोजेक्ट को हरी झंडी देने के एवज में कुल 300 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का आरोप लगाया था। इसके बाद सीबीआइ ने एफआइआर दर्ज जांच शुरू की है। सीबीआइ की एफआइआर में चेनाव वैली पावर प्रोजेक्ट्स के तत्कालीन चेयरमैन नवीन कुमार चौधरी समेत कई अधिकारियों एमएस बाबु, एमके मित्तल और अरुण कुमार मिश्रा को आरोपी बनाया है। इसके साथ ही ठेका पाने वाली कंपनी पटेल इंजीनिय¨रग को भी आरोपी बनाया गया है। इस मामले में सीबीआइ पहले भी की स्थानों पर छापेमारी कर चुकी है।

कांग्रेस विधायक मामन खान की बढ़ी मुश्किल, नूंह हिंसा केस में पुलिस ने UAPA की धारा जोड़ी

नई दिल्लीएनसीआर: 31 जुलाई को नूंह में जलाभिषेक यात्रा के दौरान हुई हिंसा में शामिल आरोपितों को उकसाने के आरोपित फिरोजपुर झिरका विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक तथा अन्य आरोपितों पर कड़ा शिकंजा कसने की तैयारी हो चुकी है। घटना के आठ माह बाद पुलिस ने मामन तथा अन्य के विरुद्ध गैर कानूनी गतिविधियां निषेध कानून (यूएपीए) की धारा जोड़ी है।

जमानत के लिए फिर जाना पड़ सकता है अदालत

इसके बाद जमानत पर चल रहे मामन को एक बार फिर से जमानत के लिए अदालत जाना पड़ेगा। दो अप्रैल को अदालत में सुनवाई होगी। जिसमें दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद अदालत फैसला लेगी। एसआइटी ने ठोस सबूत दिए तो जमानत मिलने की संभावना नहीं है। अदालत पेशी के दौरान मामन को गिरफ्तार करने के आदेश देकर आगे की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को दे सकती है।

प्रदेश सरकार अधिसूचना जारी करने के बाद जांच एनआईए से कराने की सिफारिश करेगी। पहले से दर्ज चार एफआइआर में पुलिस ने गैर कानूनी गतिविधियां निषेध कानून (यूएपीए) की धारा जोड़ी है। जिससे आरोपितों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। इस धारा के जुड़ने से नूंह हिंसा का मामला एक बार फिर चर्चाओं में है। हिंसा को लेकर पुलिस ने गुरुग्राम पुलिस के दो गृहरक्षी (होमगार्ड) व एक बजरंग दल के कार्यकर्ता की हत्या सहित साइबर थाने में आगजनी को लेकर तीन एफआइआर दर्ज की थी।

पिछले साल अप्रैल में गिरफ्तार हुए थे मामन खान

एक बड़कली चौक पर हुई हिंसा को लेकर नगीना थाने में एफआइआर नंबर 149 दर्ज की गई थी। जिसमें मामन पर हिंसा करने वाले आरोपितों को उकसाने का आरोप लगा। 15 अप्रैल 2023 को एसआइटी ने गिरफ्तार किया था। एक माह तक न्यायिक हिरासत में रहने पर विधायक को जमानत मिली थी। नूंह में हुई हिंसा में छह लोगों की हत्या हुई थी सौ से अधिक वाहनों को आग लगा दी गई थी। हिंसा के बाद स्थिति सामान्य करने के लिए एक माह तक कर्फ्यू लगाना पड़ा था।

नई धारा जोड़ने को लेकर पुलिस की ओर कोई भी अधिकारी मुंह खोलने को तैयार नहीं । वहीं मामन खान के अधिवक्ता ताहिर खान ने कहा एसआइटी ने फिर से जांच कर रिपोर्ट बना यूएपीए की धारा लगाई है। हमने केस के स्टेटस रिपोर्ट से पता चला है। एसआईटी की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई। दो अप्रैल को रिपोर्ट को लेकर बहस होगी। हमें उम्मीद है कि अदालत सबूत को देख आगे फैसला लेगी। एसआइटी पहले की जांच में सबूत नहीं दे पाई थी। यूएपीए की धारा आतंकी गतिविधियों पर लगाई जाती है। जबकि इस दंगे का आतंकियों से जुड़ा कोई साक्ष्य नहीं है।

30 से अधिक आरोपितों पर लगी यूएपीए

इन तीनों ही मामलों में 30 से अधिक आरोपित हैं। ओसामा, तौकीफ, मुस्लिम सहित छह न्यायिक हिरासत में हैं। वहीं अन्य पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं। तीनों मामलों की आगामी सुनवाई आगामी 20 मार्च और 22 अप्रैल को होनी है।

यह है यूएपीए एक्ट

संसद ने 1967 में गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) को बनाया था। हालांकि, 2004, 2008, 2012 और 2019 में इस कानून में बदलाव किए गए। लेकिन 2019 के संशोधन में इसमें कठोर प्रविधान जोड़े गए थे, इसे आतंकवाद के खिलाफ, देश की एकजुटता और अखंडता को मजबूती देने वाला कानून बताया गया। 2019 के संशोधनों में एक महत्वपूर्ण बात यह है कि इस कानून के तहत सरकार किसी संगठन या संस्थाओं को ही नहीं बल्कि किसी व्यक्ति विशेष को भी आतंकी घोषित कर सकती है।

इसमें जमानत मिलना बड़ा ही कठिन होता है। ऐसे में आरोपित आसानी से कानून की गिरफ्त से छूट नहीं पाते हैं। कानून के तहत किसी भी आरोपित की संपत्ति एनआइए जब्त की जा सकती है। दोष सिद्ध होने पर दोषी को फांसी की सजा तक हो सकती है।