लोकसभा की विशेषाधिकार समिति ने बंगाल के मुख्य सचिव, पुलिस अधिकारियों को किया तलब


नई दिल्ली : लोकसभा की विशेषाधिकार समिति ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य सुकांत मजूमदार की शिकायत पर गुरुवार को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और अन्य अधिकारियों को तलब किया. मजूमदार ने दुर्व्यवहार, क्रूरता और गंभीर चोट पहुंचाने का आरोप लगाया है.

लोकसभा सचिवालय के नोटिस के अनुसार, समिति ने मुख्य सचिव भगवती प्रसाद गोपालिका, पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार, उत्तर 24 परगना के जिलाकारी शरद कुमार द्विवेदी, बशीरहाट के पुलिस अधीक्षक हुसैन मेहदी रहमान और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पार्थ घोष को 19 फरवरी को अपने समक्ष पेश होने के लिए कहा है.

पश्चिम बंगाल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और बालुरघाट से लोकसभा सदस्य मजूमदार ने विशेषाधिकार समिति को पत्र लिखकर तृणमूल कांग्रेस शासित राज्य में सुरक्षाकर्मियों द्वारा उनके साथ दुर्व्यवहार, क्रूरता और गंभीर चोट पहुंचाए जाने को लेकर विशेषाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाया.

राज्य के संदेशखाली में प्रवेश करने से रोके जाने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं की पुलिसकर्मियों के साथ झड़प में मजूमदार घायल हो गए थे. भाजपा कार्यकर्ता तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता शाहजहां शेख और उनके सहयोगियों द्वारा महिलाओं पर कथित अत्याचार किए जाने को लेकर इन दिनों आंदोलन कर रहे हैं. बुधवार को सुकांत मजूमदार को संदेशखाली जाते समय रोका गया था. दल का नेतृत्व कर रहे अधिकारियों के साथ मजूमदार की तीखी नोकझोंक हुई थी. इसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों के बीच हाथापाई शुरू हो गई और मजूमदार हाथापाई के बीच फंसकर बेहोश हो गए थे.

दिल्ली के केमिकल गोदाम में भीषण आग लगने से 3 लोगों की मौत, सर्च ऑपरेशन में निकाले गए शव


दिल्ली। अलीपुर क्षेत्र में बृहस्पतिवार शाम करीब छह बजे एक केमिकल गोदाम में अचानक आग लग गई। देखते ही देखते आग आसपास के दुकानों में भी फैल गई। हादसे के समय इस गोदाम में कुछ लोग काम कर रहे थे, जो अंदर ही फंस गए।

तीन शव निकाले गए

करीब तीन घंटे बाद आग पर काबू पाए जाने के बाद सर्च ऑपरेशन के दौरान अभी तक तीन शव निकाले जा चुके हैं। बाकी अंदर फंसे लोगों की तलाश जारी है। यहां गोदाम में आग लगते ही आस पास के रिहायशी इलाके में अफरातफरी मच गई। आस पास के लोग तुरंत वहां से भागकर अपनी जान बचाई।

आग की चपेट में आई दुकानें

कुछ ही देर में आग ने भयावह रूप ले लिया और आस पास के पांच दुकानों और गाड़ियों को अपने चपेट में ले लिया। आग की चपेट आने से आसपास की पांच दुकानें जल गई हैं, चार से पांच घरों में भी भी आग फैल गई। घरों में मौजूद लोग समय रहते बाहर निकल गए। घरों में रहने वाले करीब तीन से चार लोग झुलस गए हैं।

आग पर पाया काबू

घायलों का इलाज नरेला के राजा हरिश्चंद्र अस्पताल में चल रहा है। शवों को बाबू जगजीवन राम अस्पताल के शवगृह में भेज दिया गया है। आग के कारणों का अभी पता नहीं चल सका है। अभी भी सर्च आपरेशन जारी है। दमकल अधिकारियों ने बताया कि बृहस्पतिवार शाम 5.25 बजे पुलिस व दमकल विभाग को एच ब्लॉक दयाल मार्किट अलीपुर स्थित केमिकल गोदाम में आग लगने की जानकारी मिली

घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची दमकल की 22 गाड़ियों की मदद से दमकल कर्मियों ने तीन घंटे में आग पर काबू पा लिया। सर्च ऑपरेशन के दौरान तीन लोगों के शव यहां से निकाले गए हैं। बाकी अन्य की तलाश जारी है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तीन स्मारक सिक्के किये जारी ,ये राम मंदिर, भगवान बुद्ध और एक सींग वाले गैंडे पर है आधारित

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को एक कार्यक्रम के दौरान तीन स्मारक सिक्के जारी किए। इनमें अयोध्या के राम मंदिर की थीम पर आधारित सिक्के के साथ ही भगवान बुद्ध और एक सींग वाले गैंडे पर आधारित सिक्का शामिल है। राम मंदिर की थीम पर आधारित सिक्के की एक ओर राम लला और दूसरी ओर राम मंदिर की तस्वीर है।

एसपीएमसीआइएल से क्या बोलीं वित्त मंत्री?

उन्होंने इस दौरान सिक्यूरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कोरपोरेशन आफ इंडिया (एसपीएमसीआइएल) के कार्यक्रम में उपस्थित कर्मियों को संबोधित भी किया। उन्होंने एसपीएमसीआइएल के कर्मचारियों से कहा कि वे भारत की विकसित देश की यात्रा में प्रासंगिक बने रहने के तरीकों पर आत्मनिरीक्षण करें।

डिजिटल युग मं आत्मनिरीक्षण जरूरीः वित्त मंत्री

सीतारमण ने कहा कि आप डिजिटल युग में कार्य कर रहे हैं। इसलिए आपको आत्मनिरीक्षण करना होगा कि ऐसा आपके पास भविष्य के लिए क्या होगा। यह मैं आप पर छोड़ता हूं कि आप कैसे इसे लेकर बदलाव करेंगे। आप किस तरह एक विकसित भारत और नए डिजिटल भारत के साथ सामंजस्य बिठाएंगे जो हर क्षेत्र में तकनीक की मदद से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि एसपीएमसीआइएल की ई-पासपोर्ट ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम जीवन को आसान बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

किसानों का तीसरे दिन भी उपद्रव, पंजाब में चार घंटे रोकी ट्रेन; टोल प्लाजा कराया फ्री


नई दिल्ली। विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली कूच पर अड़े पंजाब के किसानों ने हरियाणा सीमा पर स्थित शंभू और दाता सिंहवाला में गुरुवार को तीसरे दिन भी उपद्रव किया। हरियाणा की तरफ से बनाए गए बैरिकेड को तोड़ने के लिए आगे बढ़े प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।दातासिंहवाला में पथराव कर रहे छह लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर पुलिस ने तीन को गिरफ्तार कर लिया।

चार घंटे रोकी ट्रेनें

भाकियू (एकता उगराहां) और भाकियू (एकता डकोंदा धनोरा) के कार्यकर्ताओं ने पंजाब में चार घंटे तक रेल ट्रैक जाम रखा। सात जगहों पर रेल ट्रैक पर धरने के कारण 28 ट्रेनों का आवागमन प्रभावित हुआ। चार ट्रेनें रद कर दी गईं। 12 ट्रेनों को रूट बदल कर चलाया गया।

टोल प्लाजा कराया फ्री

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने पंजाब में तीन घंटे तक टोल प्लाजा फ्री करा दिया और शुक्रवार को बंद का आह्वान किया है। इस संगठन का पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश में प्रभाव है।

केंद्रीय मंत्रियों की बैठक के बाद ही फैसला

किसान संगठनों का कहना है कि चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों की बैठक के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। हरियाणा में भी अब कुछ संगठनों ने बैठक करके पंजाब के किसानों को समर्थन देने का फैसला लिया है। इधर, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल और दिल्ली की सीमाएं सील होने की वजह से 13 हजार से अधिक इंडस्ट्री का कारोबार सीधे रूप से हो प्रभावित रहा। एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का माल अटक गया है।

दाता सिंहवाला सीमा पर लगे सफेद झंडे

दातासिंहवाला हरियाणा-पंजाब सीमा पर भी शांति रही। सुबह पहले पुलिस की ओर से सफेद झंडा लहराया गया और इसके बाद किसानों ने भी सफेद झंडा लहराकर संघर्ष विराम का संदेश दिया।

राजस्थान में दिखाई देने लगा किसान आंदोलन का असर

जयपुर संवाददाता के अनुसार, किसानों के विरोध का असर राजस्थान में भी दिखने लगा है राजस्थान से पंजाब जाने वाली दो ट्रेनों को रद करने के साथ ही एक ट्रेन का मार्ग बदला गया है पंजाब और हरियाणा सीमा से सटे श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ एवं अलवर जिलो में रोडवेज व निजी बसों का संचालन प्रदेश की सीमा से बाहर नहीं किया जा रहा है।

ऐसे में आम लोगों को तीनों जिलों से पंजाब व हरियाणा की तरफ जाने के लिए पैदल ही यात्रा करनी पड़ रही है। कांग्रेस के राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि किसानों से उनका अधिकार छीना जा रहा है। कांग्रेस अहिंसक आंदोलन का समर्थन करती है हम किसान आंदोलन के साथ रहेंगे।

*15 फरवरी 2024 से शुरू होने वाला CBSE बोर्ड की परीक्षा भी किसान आंदोलन से प्रभावित,बोर्ड ने जारी किया एडवाइजरी*

नई दिल्ली: दसवीं और बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं गुरुवार, 15 फरवरी 2024 से शुरू हो रही हैं. दिल्ली में ट्रैफिक कि स्थिति को देखते हुए केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने स्कूलों, अभिभावकों और छात्रों के लिए एक सलाह पत्र जारी किया है.

 जिसमें सभी छात्रों को सुबह 10.00 बजे या उससे पहले अपने परीक्षा केंद्र पर पहुंचने का निर्देश दिया गया है.

दिल्ली में मौजूदा स्थिति के यातायात संबंधी समस्याएं होने कि संभावना है. इसके कारण परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में देरी हो सकती है. इसलिए,सभी छात्रों को सलाह दी जाती हैं कि वे अपने घरों से जल्दी निकलें ताकि वे CBSE द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार समय पर परीक्षा केंद्र पहुंच सकें.

CBSE के सलाह पत्र में आगे लिखा है कि परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने के लिए विद्यार्थी अगर मेट्रो सेवाओं का उपयोग करेंगे तो जाम से बच सकते हैं. मेट्रो कि सभी सेवाएं सुचारू रूप से चल रही हैं. इसके अलावा CBSE ने पूरे भारत और दूसरे देशों में रह रहे सीबीएसई के सभी छात्रों से भी अनुरोध किया जाता है कि वे स्थानीय परिस्थितियों, यातायात, मौसम की स्थिति, दूरी आदि को ध्यान में रखते हुए सुबह 10.00 बजे या उससे पहले परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के लिए अपनी यात्रा की योजना बनाएं. 

केवल उन्ही छात्रों को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी जो सुबह 10.00 बजे परीक्षा केंद्र में प्रवेश कर लेंगे. इसके बाद किसी भी छात्र को परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

CBSE ने अपने सलाह पर में सभी स्कूलों से अनुरोध किया है कि वे अभिभावकों और छात्रों की मदद करें और उनका मार्गदर्शन करें. छात्रों इस सलाह का ध्यान रखें ताकि सभी परीक्षा के दिनों में समय से पहले या समय पर पहुंच कर सुगम तरीके से परीक्षा दे सकें.गौरतलब है कि इस साल भारत और विदेश के 26 देशों से 39 लाख से अधिक विधार्थी CBSE की परीक्षा देंगे. दिल्ली में 877 परीक्षा केंद्रों से 5,80,192 छात्र बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होंगे.

*स्वामीनाथन आयोग के सिफारिश को लागू करने से कांग्रेस ने 2010 में ही कर दिया था इनकार, आज किसान कर रहे हैं आंदोलन*

नई दिल्ली। आंदोलनकारी किसानों को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आश्वासन दिया है कि जब केंद्र में उनकी सरकार बनेगी तब एमएसपी की मांग पूरी की जाएगी, लेकिन सच यह भी है कि वर्ष 2010 में जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी तब स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को खारिज कर दिया गया था।

आयोग ने अपनी रिपोर्ट भी कांग्रेस के कार्यकाल में ही वर्ष 2006-7 में सौंपी थी। वर्ष 2010 में राज्यसभा में भाजपा सांसद प्रकाश जावडेकर के संबंधित एक प्रश्न पर केंद्र सरकार की तरफ से जवाब देते हुए कृषि मंत्रालय में तत्कालीन खाद्य एवं उपभोक्ता मामले के राज्यमंत्री केवी थामस ने कहा था कि इससे एमएसपी एवं उत्पादन लागत के बीच का संतुलन बिगड़ सकता है।

क्या थी स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें?

जावडेकर ने पूछा था कि क्या सरकार ने किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है? इसपर जवाब देते हुए थामस ने कहा था कि आयोग की सिफारिशों को सरकार ने स्वीकार नहीं किया है। उन्होंने तर्क दिया था कि एमएसपी की सिफारिश कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) के मानकों के साथ जरूरतों के आधार पर विचार करते हुए की जाती है। 

आयोग ने कृषि लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत की वृद्धि करने का सुझाव दिया है। इससे बाजार की व्यवस्था खराब हो सकती है।

सुप्रीम कोर्ट में कथित अमानवीय स्थितियों से संबंधित मामले में दायर आवेदन में बताया गया कि बंगाल की जेलों में चार साल में 62 बच्चों ने लिया जन्म

 नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट सौंपी गई है कि पिछले चार वर्षों में बंगाल की जेलों में 62 बच्चों का जन्म हुआ और जेल जाने से पहले ही यह महिला कैदी गर्भवती थीं। जेलों में अमानवीय स्थितियों के मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव अग्रवाल न्याय मित्र के रूप में कोर्ट की सहायता कर रहे हैं।

उन्होंने अदालत को बताया कि उन्हें पुलिस अधिकारियों द्वारा पश्चिम बंगाल में हिरासत में रहते हुए महिला कैदियों से पैदा हुए बच्चों के संबंध में जानकारी मिली थी। 

कोर्ट के निर्देश के लिए दायर एक आवेदन में कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि अधिकांश महिला कैदी उस समय पहले से ही गर्भवती थीं जब उन्हें जेलों में लाया गया था।

कुछ मामलों में महिला कैदी पैरोल पर बाहर गई थीं

कुछ मामलों में महिला कैदी पैरोल पर बाहर गई थीं और उम्मीद से वापस लौट आईं। गौरव अग्रवाल ने जेलों में प्रचलित कथित अमानवीय स्थितियों से संबंधित एक मामले में आवेदन दायर किया। उन्होंने कहा कि जेलों या महिलाओं के लिए बैरक में सुरक्षा उपायों को समझने के लिए उन्होंने राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली के जेल अधिकारियों के साथ चर्चा की।

कोर्ट ने महिला कैदियों के गर्भवती होने के आरोपों पर संज्ञान लिया था

सुप्रीम कोर्ट ने नौ फरवरी को पश्चिम बंगाल की जेलों में महिला कैदियों के गर्भवती होने के आरोपों पर संज्ञान लिया था। इसके बाद कोर्ट ने गौरव अग्रवाल को इस पर गौर करने और एक रिपोर्ट सौंपने को कहा था।

किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च के बीच संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने 16 फरवरी को किया भारत बंद का आह्वान

नई दिल्ली।किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च के बीच संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने 16 फरवरी को भारत बंद का आह्वान किया है। एसकेएम ने अन्य किसान संगठनों और किसानों से इस भारत बंद में शामिल होने का अनुरोध किया है।

बता दें कि मंगलवार से किसानों का दिल्ली चलो मार्च शुरू हुआ है और प्रदर्शनकारी किसानों व सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़प देखने को मिली। झड़प में कई जवानों के घायल होने की खबर है।

कितने बजे तक रहेगा भारत बंद?

संयुक्त किसान मोर्चा और अन्य ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद 16 फरवरी को सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक जारी रहेगा। इसके अलावा देशभर के किसान मुख्य सड़कों को दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक जाम करेंगे। इस दौरान, खासकर पंजाब में शुक्रवार को ज्यादातर राज्य और राष्ट्रीय राजमार्ग चार घंटे के लिए पूरी तरह से बंद रहेंगे।

क्या है किसानों की मांगें?

दरअसल, किसान जिन मांगों को लेकर भारत बंद का आह्वान कर रहे हैं, उनमें किसानों के लिए पेंशन, फसलों के लिए एमएसपी, पुरानी पेंशन योजना को लागू करने और श्रम कानूनों में संशोधन को वापस लेने समेत अन्य मांगें शामिल हैं। इसी वजह से भारत बंद का आह्वान किया गया है। वहीं, पीएसयू का निजीकरण नहीं करना, कार्यबल का अनुबंधीकरण नहीं करना, रोजगार की गारंटी देना आदि किसानों की मांग में शामिल हैं।

भारत बंद के दौरान किन सेवाओं पर पड़ेगा असर?

भारत बंद दौरान परिवहन, कृषि गतिविधियां, मनरेगा ग्रामीण कार्य, निजी कार्यालय, दुकानें और ग्रामीण औद्योगिक व सेवा क्षेत्र के संस्थान बंद रहेंगे। हालांकि, हड़ताल के दौरान आपातकालीन सेवाएं जैसे एम्बुलेंस का संचालन, विवाह, मेडिकल दुकानें, बोर्ड परीक्षा देने जा रहे छात्र आदि को नहीं रोका जाएगा।

हेल्थ टिप्स:आइये जानते हैं मटर और मेथी आप के स्वास्थ्य के लिए कितना महत्वपूर्ण है,जानने के लिए पढिये हेल्थ टिप्स... .


 

शरीर का सही ढंग से देखभाल करना बेहद आवश्यक है। अभी ठंड का मौसम है। ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही से सर्दी होने का खतरा बना रहता है। सर्दी से बचने के लिए लोग कई प्रकार की दवाइयों का इस्तेमाल भी करते हैं। हम आपको कुछ ऐसी प्राकृतिक चीजों के बारे में बताएंगे जो न सिर्फ आपको सर्दी से छुटकारा दिलाएगा, बल्कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को भी आपके पास फटकने नहीं देगा। 

मेथी


मेथी की तासीर गर्म होती है इसलिए इसका सेवन सर्दियों में अधिक होता है। इसका सेवन आप सब्जी, पराठे, साग के रूप में कर सकते हैं। इसमें विटामिंस, आयरन, मिनरल्स और फाइबर्स अत्यधिक मात्रा में पाए जाते हैं। 

मेथी कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने के अतिरिक्त शुगर लेवल को कम करने में मदद करती है। अगर आप प्रतिदिन 200 से 300 ग्राम मेथी खाते हैं तो आप कई बीमारियों से बच सकते हैं।

मटर बचाता है पेट के कैंसर से


मटर को किसी भी रूप में खाएं चाहे पुलाव में अथवा सब्जी में। इसका स्वाद बहुत ही अच्छा होता है। मटर बहुत फायदेमंद होता है। 100 ग्राम मटर से आप 60 कैलरीज ऊर्जा ग्रहण करते हैं। इसमें कैलरीज कम होती हैं और न्यूट्रिशंस बहुत ज्यादा। हाल ही में हुए एक अध्ययन के अनुसार मटर पेट के कैंसर को काफी हद तक कम कर देता है।

क्या अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम के मृत्युदंड प्रविधान के तहत कोई मुकदमा चलाया गया है ? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा सवाल...!

 नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणि से कहा कि हमें बताएं कि क्या अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम के मृत्युदंड प्रवधान के तहत कोई मुकदमा चलाया गया है।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने वकील ऋषि मल्होत्रा द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत मौत की सजा के प्रावधान को खत्म करने की मांग की है। सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने कहा कि कुछ डाटा होना जरूरी है कि क्या इस प्रावधान के तहत अपराध हुए हैं।सुप्रीम कोर्ट ने वकील से पूछा कि क्या इस प्रावधान के तहत दोषसिद्धि का एक भी उदाहरण है।

जवाब में वकील ने कहा कि उनके पास इससे जुड़ा डाटा नहीं है। इसके बाद पीठ ने वेंकटरमणि से जानकारी देने और इस मुद्दे पर एक संक्षिप्त नोट प्रस्तुत करने को कहा। वकील ऋषि मल्होत्रा ने कहा कि मामला 2019 से लंबित है और भारत संघ द्वारा आज तक कोई प्रतिक्रिया दायर नहीं की गई है।

पीठ ने कहा कि क्या कोई एक भी उदाहरण है, जहां दोषसिद्धि हुई है। क्या आप इस प्रविधान के तहत किसी अभियोजन का पता लगाने के लिए अपने कार्यालयों का उपयोग कर सकते हैं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धारा 3 (2) ऐसे मामले में अनिवार्य मौत की सजा का प्रावधान करती है, जहां अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के एक निर्दोष सदस्य को दोषी ठहराया जाता है और झूठे आरोप के चलते फांसी दी जाती है।