होम गार्ड के समादेष्टा संवर्ग में बड़े पैमान पर पदाधिकारियों का तबादला, बिप्रसे के 127 अधिकारियों को उच्चतर प्रभार, अधिसूचना जारी

डेस्क : गृह विभाग ने बिहार गृह रक्षा वाहिनी के समादेष्टा संवर्ग के 17 पदाधिकारियों का तबादला किया है। इनमें 10 को अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है। राज्य के कई जिलों में नए अग्निमशन पदाधिकारी सह समादेष्टा की प्रतिनियुक्ति की गई है। पटना समेत करीब आधा दर्जन प्रमंडलीय समादेष्टा भी बदल गए हैं। विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।

अनिल कुमार सिंह और जयंत प्रताप सिंह को बिहार गृह रक्षा वाहिनी मुख्यालय में उप-महासमादेष्टा बनाया गया है। पटना के वरीय जिला समादेष्टा सह अग्निशमन पदाधिकारी मनोज कुमार नट को पटना का वरीय प्रमंडलीय समादेष्टा का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।

राणा अमरेन्द्र कुमार दीपक को गया का जिला समादेष्टा सह जिला अग्निशमन पदाधिकारी बनाया गया है। इसके साथ गया के प्रमंडलीय समादेष्टा का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। अनुज कुमार को मुंगेर और जमुई, संदीप कुमार को सहरसा, सुपौल और मधेपुरा, अखिलेश कुमार ठाकुर को बेगूसराय, खगड़िया और लखीसराय, अविनाश कुमार को सिवान और गोपालगंज, तृप्ति सिंह को मोतिहारी और मनीष कुमार को बेतिया के जिला समादेष्टा सह जिला अग्निमशन पदाधिकारी की जिम्मेदारी दी गई है। रवि कुमार एवं अमन कुमार सिंह को गृह रक्षा वाहिनी के पटना मुख्यालय में जिला समादेष्टा बनाया गया है।

बक्सर के विनोद कुमार यादव को भोजपुर, ममता कुमारी को पूर्णिया और अररिया का जिला समादेष्टा एवं पूर्णिया के प्रमंडलीय समादेष्टा का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।

डा. अशोक कुमार को केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान बिहटा के समादेष्टा के साथ बिहटा के अग्निशमन प्रशिक्षण अकादमी के प्राचार्य का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। छपरा के प्रमंडलीय समादेष्टा को वैशाली के जिला समादेष्टा सह अग्निमशन पदाधिकारी का अतिरिक्त प्रभार मिला है।

वहीं बिहार प्रशासनिक सेवा (बिप्रसे) के 127 अधिकारियों को नई व्यवस्था के तहत उच्चतर पद का प्रभार सौंपा गया है। इसमें मूल कोटि के 80 अधिकारी को उप सचिव स्तर और 37 अधिकारियों को उप सचिव का उच्चतर प्रभार दिया गया है। जबकि चार अधिकारियों की प्रोन्नति संयुक्त सचिव और अपर सचिव स्तर पर की गयी है। वहीं, दो अधिकारी को विशेष सचिव स्तर में प्रोन्नति प्रदान की गई है।

शिक्षक भर्ती के तीसरे चरण में लागू होगा नया आरक्षण कानून

डेस्क : इस बार बीपीएससी की ओर से जारी तीसरे चरण की नियुक्ति परीक्षा में नए आरक्षण नियमावली से रिक्तियों को भरा जाएगा। बिहार में पहली बार शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में नया आरक्षण कानून लागू होगा। पूर्व के दो चरणों की परीक्षा में पहले से चले आ रहे आरक्षण नियम का पालन किया गया था।

आयोग के सचिव रवि भूषण ने बताया कि बिहार में पहली बार शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में नए आरक्षण नियम का पालन किया जाएगा। हालांकि सबसे पहले कृषि विभाग के अंतर्गत आई रिक्तियों में नए आरक्षण नियम के अनुसार आवेदन लिया गया है। इसका लाभ आरक्षित क्षेणी के वर्ग में आने वाले अभ्यर्थियों को मिलेगा।

आयोग की ओर से तीसरे चरण की नियुक्ति प्रक्रिया की विज्ञप्ति जारी कर दी गई है। आयोग के परीक्षा नियंत्रक सत्य प्रकाश शर्मा ने बताया कि अभी रिक्तियों की संख्या नहीं भेजी गई है। उम्मीद है इस सप्ताह रिक्तियां प्राप्त हो जाएंगी। कितने विषयों की परीक्षा होगी। इसकी जानकारी भी शिक्षा विभाग से पत्र प्राप्त होने के बाद ही चलेगा। हालांकि इस बार विषयों की संख्या कम होगी। इस बार सिर्फ दो विभाग शिक्षा विभाग और एससी-एसटी कल्याण विभाग के अंधीन वाले विद्यालयों में रिक्तियां निकाली जाएंगी।

नए आरक्षण नियमावली के हिसाब से ईबीसी के अभ्यर्थियों को 25 0, पिछड़ा वर्ग के को 18 , एससी को 20, एसटी को दो प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को दस प्रतिशत का लाभ मिलेगा। जानकारी के अनुसार इस बार 87 हजार रिक्तियों में सबसे अधिक रक्तियां उच्च माध्यमिक में आने की संभावना है। राज्य में सैकड़ों विद्यालयों को उत्क्रमित करके उच्च माध्यमिक में बदला गया है। इन में शिक्षकों की कमी है। सबसे कम रिक्तियां पहली से पांचवीं में आने की उम्मीद है। आवेदन दस से 23 फरवरी तक होगा।

सीएम नीतीश कुमार की खासियत है कि वह जो कहते हैं, उसे हर हाल में पूरा करते हैं : राजीव रंजन

डेस्क : जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खासियत है कि वह जो कहते हैं, उसे हर हाल में पूरा करते हैं।

राजीव रंजन ने कहा कि उन्होंने बिहार लघु उद्यमी योजना की घोषणा की थी और महज चंद दिनों में इसे शुरू भी कर दिया। यह बिहार से गरीबी मिटाने के प्रति उनकी प्रतिबद्धिता को दिखाता है। 

कहा कि इस योजना के तहत सरकार राज्य के 94 लाख से अधिक परिवारों को स्वरोजगार के लिए दो-दो लाख रुपये दिये जाएंगे। इस राशि से किए जाने वाले स्वरोजगार के लिए 62 उद्योग भी चिह्नित किए गए हैं। 

इनमें लकड़ी आधारित उद्योग, निर्माण उद्योग, हस्तशील्प, टेक्सटाइल, खाद्य प्रसंस्करण आदि उद्योग शामिल हैं। लोग इस योजना का अधिकाधिक लाभ उठा सकें, इसके लिए सरकार उन्हें प्रशिक्षण भी दिलाएगी। इस योजना का लाभ समाज के सभी वर्गों के गरीबों को मिलेगा। 

नीतीश सरकार के कामों का ही परिणाम है कि 2005 से लेकर अभी-तक बिहार के 44 प्रतिशत से अधिक लोग गरीबी से बाहर आ चुके हैं।

राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने निजी विश्वविद्यालयों को दिया निर्देशविद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना करे सुनिश्चित

डेस्क : बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राजभवन में निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ बैठक कर वहां की गतिविधियों, शिक्षकों और विद्यार्थियों की संख्या, पढ़ाये जाने वाले विषय एवं आधारभूत संरचना आदि की जानकारी ली। साथ ही कई निर्देश जारी किये।

राज्यपाल ने निजी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना सुनिश्चित करे। राज्यपाल ने कहा कि बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में निजी विश्वविद्यालयों का भी योगदान है और यहां की शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार के लिए सबको मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। विश्वविद्यालयों में भारतीय ज्ञान परंपरा को स्थापित करने की जरूरत है और इसके लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के प्रावधानों को लागू किया जाना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सभी बच्चों का अधिकार है। निजी विश्वविद्यालयों को प्रयास करना चाहिए कि गांवों के गरीब बच्चों को भी ऐसी शिक्षा मिले और इसके लिए सभी संभव प्रयास किये जाने चाहिए। वे गांवों में जाकर भी बच्चों को मदद करें। विश्वविद्यालय ग्रामीण लोगों की मदद के लिए इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी से भी मदद ले सकते हैं। 

राज्यपाल ने कहा कि निजी विश्वविद्यालय अपनी विभिन्न गतिविधियों के लिए नवीनतम तकनीकों का उपयोग करें। वे बच्चों को एनसीसी तथा एनएसएस से भी जोड़ें। 

बैठक में राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू भी उपस्थित थे।

बिहार बोर्ड मैट्रिक वार्षिक परीक्षार्थियों के लिए बड़ी खबर : कई जिलों के बदले परीक्षा केंद्र, नया एडमिट कार्ड जारी

डेस्क : बिहार बोर्ड के मैट्रिक वार्षिक परीक्षार्थियों के लिए बड़ी खबर है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने मैट्रिक वार्षिक परीक्षा 2024 के कई जिलों के परीक्षा केंद्र को बदल दिया है। समिति ने कहा है कि भोजपुर, सीवान, मुंगेर, बेगूसराय, मधेपुरा एवं गोपालगंज जिले के 35 परीक्षा केंद्रों को अपरिहार्य कारणों से परिवर्तित किया गया है।

इन जिलों के केंद्रों के परीक्षार्थियों का नया एडमिट कार्ड भी जारी कर दिया गया है। पहले से जारी एडमिट कार्ड को रद्द कर दिया गया। समिति ने कहा है कि ऐसे विद्यालय के सभी छात्र-छात्राएं जिनका संशोधित एडमिट कार्ड जारी हुआ है वे अपने विद्यालय जाकर नया एडमिट कार्ड ले लेंगे। एडमिट कार्ड पर हस्ताक्षर एवं मुहर के साथ प्राप्त करना होगा। 

विद्यालय के प्राचार्य संशोधित एडमिट कार्ड में अंकित परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा में शामिल होने के लिए अनिवार्य रूप से निर्देशित करें। इसका विशेष ध्यान रखना होगा ताकि परीक्षार्थियों को ससमय इसकी जानकारी हो जाये। 

समिति ने संबंधित सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को कहा है कि उनके प्रभार के क्षेत्र में परिवर्तित एवं संशोधित परीक्षा केंद्र से संबद्ध सभी परीक्षार्थियों को उनका संशोधित एडमिट कार्ड ससमय प्राप्त हो जाये तथा वे संशोधित परीक्षा केंद्र पर उपस्थित होकर परीक्षा दे सकें। 

गौरतलब है कि मैट्रिक परीक्षा 15 से 23 फरवरी आयोजित होगी।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में 19 फरवरी को बिहार दौरे पर पटना आएगी आयोग की पूरी टीम

डेस्क : भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में आयोग की पूरी टीम 19 फरवरी की शाम को बिहार दौरे पर पटना आएगी। इस टीम में चुनाव आयुक्त अनुपचंद्र पांडेय एवं अरूण गोयल सहित चुनाव आयोग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहेंगे।

आयोग ने अपने बिहार दौरे की सूचना बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय को भेजी है। आयोग की टीम तीन दिवसीय दौरे के क्रम में 20-21 फरवरी को राज्य के मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, आलाधिकारियों एवं जिलों में तैनात जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षकों के साथ चुनाव तैयारियों के संबंध में समीक्षा बैठक करेगी।

टीम लोकसभा चुनाव के पूर्व सभी राज्यों के दौरे के क्रम में बिहार में पहुंचेगी। लोस चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए सभी राज्यों के दौरे की शुरुआत आयोग स्तर पर की जा चुकी है। संभवत पहले दिन आयोग की टीम राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात एवं बिहार के पुलिस महानिदेशक एवं जिलों में तैनात जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के साथ बैठक करेगी।

शिक्षा विभाग की कड़ी हिदायत, सक्षमता परीक्षा के विरोध में धरना-प्रदर्शन करने वाले नियोजित शिक्षकों पर होगी कार्रवाई

डेस्क : सक्षमता परीक्षा के लिए शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं। 26 फरवरी से परीक्षा शुरू होगी। राज्य के साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिये जाने के लिए उनकी सक्षमता परीक्षा ली जा रही है। परीक्षा पास करने वाले राज्यकर्मी होंगे और वह विशिष्ट शिक्षक कहलाएंगे। 

इधर नियोजित शिक्षकों द्वारा इस सक्षमता परीक्षा का विरोध किया जा रहा है। वही नियोजित शिक्षकों द्वारा इसके विरोध में प्रदर्शन करने का एलान किया है। 

वहीं सक्षमता परीक्षा के विरोध में धरना-प्रदर्शन करने के नियोजित शिक्षकों द्वारा किये गये ऐलान पर शिक्षा विभाग ने कड़ी हिदायत दी है। विभाग ने ऐसे शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज करने समेत अन्य कार्रवाई का निर्देश जिलाधिकारियों को दिया है।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने इस संबंध में जिलाधिकारियों लिखे पत्र में कहा है कि प्राप्त जानकारी के अनुसार नियोजित शिक्षकों के द्वारा सक्षमता परीक्षा का बहिष्कार करने और 13 फरवरी को विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन करने का ऐलान किया गया है। 13 फरवरी को विद्यालय खुले हुए हैं। ऐसे स्थिति में शिक्षकों विद्यालय छोड़कर धरना-प्रदर्शन में शामिल होने से यह स्पष्ट होगा कि उनके द्वारा विद्यालयों में शिक्षण कार्य में बाधा उत्पन्न की जा रही है। 

यदि आपके जिले में नियोजित शिक्षकों द्वारा किसी भी प्रकार के धरना-प्रदर्शन का कार्यक्रम रखा जाता है तो उसे आईपीसी की धारा 141 के तहत गैरकानूनी सभा मानते हुए आवश्यक कार्रवाई करें। साथ ही आईपीसी की धारा 186, 187 और अन्य सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की जाये। साथ ही वैसे धरना-प्रदर्शन में शामिल होने वाले शिक्षकों को चिह्नित करते हुए उनके विरुद्ध विभागीय नियमावली के आलोक में कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई की जाये।

मौसम अलर्ट : बिहारवासियों को फिर सताएगी ठंड, पछुआ हवा के जोर पकड़ने से बढ़ेगी कनकनी

डेस्क : पिछले कुछ दिनों से ठंड से मिली राहत के बाद एकबार फिर पटना सहित राज्यभर में आज से तीन दिनों तक पछुआ हवा जोर पकड़ेगा। जिसके कारण अधिकतम और न्यूनतम तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस के क्रमिक गिरावट आने का पूर्वानुमान है। इसी कारण लोगों को एक बार फिर से ठंड का एहसास होगा। लेकिन शुक्रवार से अधिकतम और न्यूनतम तापमान में क्रमिक वृद्धि होना शुरू हो जाएगा।

मौसम विभाग के अनुसार सोमवार की शाम से ही आसमान से बदल छटने लगे। जिस कारण मौसम धीरे-धीरे साफ होने लगा। मौसम साफ होने के कारण अधिकतम व न्यूनतम तापमान में गिरावट आने की संभावना है। जिस कारण लोगों को एक बार फिर से सुबह और शाम के समय कनकनी और दिन में ठंड का एहसास होगा। 

सोमवार को पटना के अधिकतम तापमान 6.3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। जिस कारण दिन में लोगों को ठंड का एहसास हो रहा था। वहीं न्यूनतम तापमान में 2.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई। पटना का अधिकतम तापमान 20.7 और न्यूनतम तापमान 12.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। सोमवार को राजधानी सहित 24 जिलों में बारिश हुई। आसमान में बादल छाए रहने से प्रदेश के शहरों के न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी हुई।

मौसम का मिजाज : बिहार के अधिकतर भागों में आज से छाए रह सकते है आंशिक बादल, अगले दो दिनों में आंशिक बुंदाबांदी का आसार

डेस्क : बीते दिनों से बिहार के अधिकतर भागों में दिन धूप खिलने से लोगों को भीषण ठंड से बड़ी राहत मिली है। वहीं मौसम विभाग के अनुसार आज गुरुवार से प्रदेश के अधिकतर भागों में आंशिक बादल छाए रहने के आसार हैं। 

अगले तीन दिनों के दौरान न्यूनतम में गिरावट और अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है। साथ ही 2 से 3 फरवरी के बीच प्रदेश के कुछ शहरों में बूंदाबांदी होने के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी बिहार में एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। इसके प्रभाव से बादल छाए रहने और बूंदाबांदी के आसार हैं। 

वहीं 3 फरवरी को एक और पश्चिमी विक्षोभ आने की संभावना है। इसके 5 फरवरी तक जाने की संभावना है। इस कारण पश्चिमी विक्षोभ जाने के बाद एक बार फिर से ठंड बढ़ सकती है।

सात शहरों का न्यूनतम पारा गिरा और 26 का अधिकतम बढ़ा

 मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को प्रदेश के जीरादेई, बक्सर, डेहरी, औरंगाबाद, गया, नवादा, जमुई का न्यूनतम पारा गिरा। वहीं 24 शहरों के तापमान में बढ़ोतरी हुई। पटना सहित प्रदेश के 26 शहरों के अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 

वहीं कैमूर, नवादा, जमुई, फारबिसगंज, मधुबनी में गिरावट आई है। प्रदेश का सबसे ठंडा शहर 5.2 डिग्री के साथ मोतिहारी और सबसे गर्म 26 डिग्री सेल्सियस के साथ खगड़िया रहा।

पटना में धारा 144 लागू, पटना और इसके आसपास के रेलवे स्टेशनों पर प्लेटफार्म टिकट की बिक्री पर लगी रोक, जानिए क्या है कारण

डेस्क : राजधानी पटना से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां पूरे पटना में धारा 144 लागू कर दी गई है। पटना सिटी अनुमंडल क्षेत्र में अगले आदेश तक जबकि पटना सदर अनुमंडल क्षेत्र में 5 फरवरी तक निषेधाज्ञा जारी रहेगी। इस बीच, भीड़ को देखते हुए रेल प्रशासन ने पटना जंक्शन और आसपास के स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट बिक्री पर रोक लगा दी गई है।

दरअसल प्रशासन द्वारा रेलवे भर्ती परीक्षा को लेकर पिछले तीन दिनों से जारी प्रदर्शन, हिंसक घटनाएं व संपत्ति के नुकसान को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। विभिन्न सोशल मीडिया के जरिये भीड़ जुटाई जा रही है। रेल सेवा बाधित करने, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और आगजनी करने के लिए प्रचारित किया जा रहा है। सार्वजनिक स्थानों,चौक चौराहों एवं रेलवे स्टेशन पर जमावड़े और प्रदर्शन को रोकने के लिए धारा 144 लगाई गई है।

 

दानापुर मंडल के सीनियर डीसीएम सरस्वती चंद्र ने बताया कि जंक्शन, राजेंद्र नगर व पाटलिपुत्र टर्मिनल, दानापुर, पटना साहिब, फुलवारी, गुलजारबाग सहित अन्य स्टेशनों पर यात्रियों को प्लेटफॉर्म टिकट नहीं दिया जाएगा। स्थिति को देखते हुए प्लेटफॉर्म टिकट देने पर निर्णय लिया जाएगा।

स्टेशनों के पास सुरक्षा बढ़ाई 

स्टेशनों के समीप सुरक्षा बढ़ा दी गई है। उपद्रवी तत्वों से निबटने के लिए कड़ो प्रबंध किए गए हैं। इस संबंध में पटना जंक्शन पर बुधवार को समन्वय बैठक हुई। इसमें रेल एसपी पटना, आरपीएफ कमांडेंट, नगर एसपी पटना एवं पटना जिला प्रशासन तथा रेलवे के वरीय पदाधिकारी शामिल हुए। अधिकारियों ने छात्रों से अपील की कि वे किसी के बहकावे में नहीं आएं और ना ही सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाएं। ऐसा करने वालों पर प्रशासन की नजर है। वे परेशानी में पड़ सकते हैं।