पुलिस के हत्थे चढ़ा विकास उर्फ बिकटिया, पटना के टॉप 10 अपराधियो में था शामिल

पटना : बिहार में बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने के लिए बिहार पुलिस लगातार काम कर रही है।इसी संदर्भ में बीती रात पटना पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है।

पटना जिले का टॉप 10 अपराधियो में सुमार विकास उर्फ बिकटिया को पुलिस ने आलमगंज थाना क्षेत्र के मीना बाजार से पकड़ा है।

पुलिस ने इसे लूटी हुई मोटरसाइकिल के साथ पकड़ा है।वही इसके खिलाफ राजधानी पटना के कई थानों में आपराधिक मामले दर्ज है।हत्या,लूट,डकैती जैसे संगीन मामले इसपर दर्ज है।

सबसे बड़ी बात यह है कि विकास उर्फ बिकटिया पर 25000 हज़ार का इनाम भी रखा गया था।

वही एक अन्य मामले में चौक थाना क्षेत्र से भी एक अपराधी आकाश कुमार उर्फ ढपलू को गिरफ्तार किया है।

पुलिस ने इसके पास से मेड इन यू एस ए, लिखा हुआ एक ऑटोमेटिक पिस्टल भी बरामद किया है। वही एक अन्य अपराधी जो इसके साथ मौजूद था वो भागने में कामयाब रहा। 

लेकिन आकाश के निशानदेही पर भागे हुए अपराधी के द्वारा छुपा कर रखे गए एक देशी पिस्टल तथा चार कारतुस भी बरामद किया गया है।

फिलहाल इन दोनों मामलों में गिरफ्तार किए गए दोनो अपराधियो को जेल भेज दिया गया है।

सिटी डीएसपी ने इस मामले को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बावत जानकारी दी।

नीतीश कुमार संयोजक बनना चाहते थे तो बना देते लेकिन,बिहार के CM पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कसा तंज

बिहार के सीएम नीतीश कुमार एवं गृह मंत्री अमित शाह को मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने आड़े हाथों लिया। वे रविवार को इंदौर आए थे। उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं की कथनी एवं करनी में अंतर होता है। उन्होंने कहा- हमें कभी उम्मीद नहीं थी कि नीतीश कुमार ऐसा कदम उठाएंगे। वे पहले ही बोल चुके थे कि किसी हालत में मरते दम तक बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे। 

वे संयोजक बनना चाहते थे तो बना देते, इसमें किसी को कोई परेशानी नहीं थी। उन्हीं के द्वारा विपक्षी गठबंधन का प्रयास किया गया था। 

उन्होंने कहा- सभी ने मिलकर उन्हें संयोजक बनने का आफर भी दिया था जिसे उन्होंने ही मना कर दिया। फिर इस प्रकार का कदम उठाने का क्या मतलब है। वे स्वयं डेढ़ साल से भारतीय जनता पार्टी का सामूहिक विरोध करने की पहल कर रहे थे। 

यह कैसा नेता जो कहे कुछ और करे कुछ। दिग्विजय सिंह ने कहा कि अमित शाह ने कहा था कि नीतीश आना भी चाहेंगे तो नहीं लेंगे, लेकिन वे उनके साथ हो लिए। दिग्विजय ने कहा कि इन नेताओं की कथनी और करनी में अंतर है। 

वहीं दिग्विजय ने राजगढ़ जिले के खिलचीपुर में कार्यकर्ताओं से कहा कि मेरे लोकसभा चुनाव लड़ने का सवाल ही नहीं उठता क्योंकि मैं राज्यसभा सदस्य हूं तथा अभी मेरा सवा दो साल का कार्यकाल बचा है। दिग्विजय सिंह इन दिनों राजगढ़ जिले की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में जाकर पार्टीजन से बातचीत कर रहे हैं।

बिहार मे लोगों को अभी दो दिन ठंड से नही मिलेगी निजात, मौसम विभाग ने इन जिलों मे शीतलहर का जारी किया अलर्ट

डेस्क: बिहार मे लोगों को अभी ठंड से दो दिन और निजात नही मिलने वाली है। मौसम विभाग ने प्रदेश के कई जिलों मे शीतलहर का अलर्ट जारी किया है।

पटना में सोमवार को धूप निकले से दिन में लोगों को ठंड से कुछ राहत मिली लेकिन शाम होते होते पारा लुढ़ना शुरु हो गया। मौसम विभाग के अनुसार बिहार के  कई जिलो मे आगामी 15 फरवरी, 2024 तक मोतिहारी , बेतिया गोपालगंज, सीवान, सारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मुज़फ्फरपुर, वैशाली, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, सुपौल, मधेपुरा, अररिया और किशनगंज जिले में भीषण कुहासा और शीतलहर का प्रकोप जारी रह सकता है।

मौसम विभाग के अनुसार 29 से 31 जनवरी तक कई जिलों में कोल्ड डे से लेकर अति शीत दिवस की स्थिति बनी रहने की संभावना है। 

मौसम विभाग ने भी चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण अगले 31 जनवरी तक घने कोहरे के साथ शीतलहर की आशंका है। विभाग के अनुसार अगले 30 जनवरी तक राज्य के लोगों को ठंड की मार सहनी पड़ सकती है। मौसम विभाग ने चेतावनी देते हुए कहा है कि राज्य के लगभग सभी जिलों में में बर्फीली उत्तर पछुआ हवा से लोगों की परेशानी बढ़ेगी। 31 जनवरी के बाद हीं ठंड से राहत मिलने का अनुमान है। बिहार के कुछ हिस्सों में शीत दिवस से लेकर गंभीर शीत दिवस की स्थिति उत्पन्न हुई। 31 जनवरी से एक पश्चिमी विक्षोभ के पश्चिमी हिमालय क्षेत्र को प्रभावित करने की संभावना है।

पटना, गया, औरंगाबाद, भागलपुर, नालंदा, मुंगेर, खगड़िया, बांका, लखीसराय, जमुई, नवादा सहित कई जिलों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। मौसम विभाग के अनुसार 31 जनवरी तक ठंड और शीतलहर से लोगों को राहत मिलने वाली नहीं है.पश्चिमी विक्षोभ के बारंबार आने की संभावना के कारण पिछले साल के मुकाबले कोल्ड डे अधिक रहेगा।

एनडीए सरकार की पहली कैबिनेट की बैठक खत्म, इन चार एजेंडों पर लगी मुहर

डेस्क : बिहार में एनडीए की सरकार बनने का बाद आज पहली कैबिनेट की बैठक हुई। इस पहली कैबिनेट की बैठक में चार एजेंडों पर मुहर लगी। 

वहीं, कैबिनेट बैठक शुरू होने से पहले डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने सीएम नीतीश के ऑफिस पहुंचकर बात की। सचिवालय में लगे RJD-कांग्रेस के मंत्रियों के नेम प्लेट उखाड़ दी गई है। जेडीयू के पुराने मंत्रियों के नेम प्लेट को ढंक दिया गया है। तेजस्वी के बंगले के बाहर लगी डिप्टी सीएम की नेम प्लेट को भी ढंका गया है।

बिहार विधानमंडल के बजट सत्र की जो तारीख थी उसे रद्द कर दिया गया है और अब नए सिरे से इसकी तारीख तय की जाएगी।

बैठक के चार एजेंडों में संसदीय कार्य से दो और वित्त विभाग के दो एजेंडे थे। सदन की कार्यवाही बुलाए जाने के लिए सीएम नीतीश को अधिकृत किया गया है। कोई डेट तय नहीं किया गया है। बजट सत्र 5 फरवरी को आगे बढ़ाया गया है। 

बैठक खत्म होने के बाद नीतीश सीएम हाउस पहुंच गए हैं। जेडीयू सांसदों के साथ बैठक कर रहे हैं। आज मंत्रिमंडल का विस्तार और विभागों का बंटवारा हो सकता है।

बार बार पाला बदलने वाले नीतीश 9वीं बार बने सीएम, जानें कब कब मारी पलटी?

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बिहार में पिछले एक दशक की सियासत पर गौर करें तो देखेंगे कि राज्य में हर साल डेढ़ साल में सरकार बदल जाती है, लेकिन मुख्यमंत्री नहीं बदलता। सत्ता के केन्द्र में नीतीशे कुमार का ही नाम होता हैं। इसकी वजह है कि नीतीश एक दशक से कम वक्त में अबतक पांच बार पाला बदल चुके हैं। रविवार को नीतीश कुमार ने ‘महागठबंधन’ के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और दोबारा एनडीए के मुख्यमंत्री के रूप में पद की शपथ ली।अब तक पांच पर गठबंधन बदल चुके नीतीश नौवीं बार सीएम बने हैं।

1985 में पहली बार विधायक बने

नीतीश ने 1974 के छात्र आंदोलन के जरिये राजनीति में कदम रखा, 1985 में पहली बार विधायक बने। इसके बाद नीतीश कुमार ने पलटकर नहीं देखा और सियासत में आगे बढ़ते चले गए। लालू प्रसाद यादव 1990 में बिहार के मुख्यमंत्री बने, लेकिन 1994 में नीतीश ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। नीतीश और लालू एक साथ जनता दल में थे, लेकिन राजनीतिक महत्वकांक्षा में दोनों के रिश्ते एक दूसरे से अलग हो गए।साल 1994 में नीतीश ने जनता दल छोड़कर जार्ज फर्नांडीस के साथ मिलकर समता पार्टी का गठन किया। इसके बाद साल 1995 में वामदलों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़े, लेकिन नतीजे पक्ष में नहीं आए। नीतीश ने लेफ्ट से गठबंधन तोड़ लिया और 1996 में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा बन गए। नीतीश कुमार की राजनीतिक प्रसिद्धि तब बढ़ी जब उन्हें एनडीए सरकार में रेल मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया।

यहां से नीतीश का 'पलटी' फार्मूला गूंजा

इसके बाद नीतीश कुमार बिहार में बीजेपी के साथ 2013 तक साथ मिलकर चुनाव लड़ते रहे और बिहार में सरकार बनाते रहे। इस दौरान राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा था। यह बात साल 2012 की जब बीजेपी में नरेंद्र मोदी का कद बढ़ने लगा था। मोदी के बढ़ते हुए कद को देखकर नीतीश कुमार एनडीए के अंदर असहज महसूस करने लगे। यही वजह रही कि 2014 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। इस लोकसभा चुनाव का यह परिणाम हुआ कि नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। क्योंकि जेडीयू को केवल दो सीट ही हासिल हुई थी। इसके बाद नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया और 2015 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री बने। विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन को बड़ी जीत हासिल हुई।

करीब ढाई साल बाद 2017 में नीतीश कुमार ने फिर से चौंकाया। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का आईआरसीटीसी घोटाले में नाम आया। इस घटना के बाद नीतीश कुमार ने महागठबंधन समाप्त कर दिया और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। सीएम पद छोड़ने के तुरंत बाद वो भाजपा में शामिल हो गए। साथ ही गठबंधन करके सरकार बना ली। इसके बाद 2020 में बिहार में विधानसभा चुनाव हुए। नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की। इस चुनाव में नीतीश की पार्टी जेडीयू को सिर्फ 43 सीटें हासिल हुईं। भाजपा को 74 और आरजेडी को 75 सीटें हासिल हुईं, लेकिन इन सबके बावजूद मुख्यमंत्री के सिंहासन पर नीतीश कुमार ही विराजमान हुए।

एक बार फिर एनडीए के साथ

इसके दो साल बाद 2022 में नीतीश कुमार ने एक बार फिर पलटी मारी। नीतीश को अब बीजेपी से दिक्कत होने लगी थी। नीतीश कुमार ने कई कारण बताते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया साथ ही भाजपा से अपना रिश्ता खत्म कर लिया। इसके साथ नीतीश कुमार ने आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट के साथ मिलकर सरकार बना ली और राज्य का डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को बनाया। डेढ़ साल के बाद नीतीश कुमार का मन फिर से बदल गया है और अब फिर से बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली।

बिहार की नई नीतीश सरकार की पहली कैबिनेट की बैठक आज, महाधिवक्ता के मनोनयन के साथ विधानमंडल के बजट सत्र की संभावित तिथि पर होगी चर्चा

डेस्क : बिहार के लिए बीता रविवार अहम दिन रहा। जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुबह जाकर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा। फिर शाम में एनडीए के साथ गठबंधन कर नई सरकार का गठन करते हुए एकबार फिर सीएम पद की शपथ ली। 

नई सरकार गठन के बाद उसी दिन मंत्रिमंडल की पहली बैठक होती रही है पर अपरिहार्य कारणों से बीते रविवार को बैठक नहीं हो सकी। वहीं आज सोमवार को नीतीश सरकार की पहली कैबिनेट बैठक 11.30 बजे से प्रस्तावित है। 

नई एनडीए सरकार की कैबिनेट की इस पहली बैठक में महाधिवक्ता के मनोनयन के साथ विधानमंडल के बजट सत्र की संभावित तिथि व अन्य प्रस्ताव पर चर्चा होगी और निर्णय लिए जाएंगे। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे। नई सरकार बनने से 5 फरवरी से होने वाले बजट सत्र का मामला खत्म हो गया है। इसके लिए अब नयी तिथि घोषित होगी।

नीतीश कुमार के पाला बदलकर एनडीए के साथ जाने पर बोलें पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, 2024 में खत्म हो जायेगा जदयू

डेस्क : बीता रविवार बिहार के लिए बड़ा दिन रहा। पिछले कई दिनों से चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के बीच महागठबंधन की सरकार का पतन हुआ और एकबार नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही बिहार में एनडीए की सरकार भी बन गई। नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड 9 वीं बार मुख्यमंत्री पद का शपथ लिया।

इधर नीतीश कुमार के एकबार फिर पाला बदलने पर राजद नेता व पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव ने बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि हम अभी पूरे पत्ते नहीं खोलेंगे। हम जो कहते हैं, वह करके दिखाएंगे। 

तेजस्वी यादव ने कहा कि जनता दल यूनाइटेड 2024 में खत्म हो जाएगा। जनता हमारा साथ देगी। भाजपा को मेरी शुभकामनाएं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हम अलग नहीं हुए, वो यहां से गए हैं। जो गठबंधन बनाया है उसकी हत्या नहीं कर सकते। अब हम जनता के बीच जाएंगे।

उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य नौकरी, रोजगार, आर्थिक न्याय, बेहतर चिकित्सा व शिक्षा रहा है। बिहार का विकास हो, ज्यादा से ज्यादा निवेशक यहां आएं ये लक्ष्य लेकर चले। उन्होंने भाजपा से अपनी तुलना करते हुए कहा कि आप भाजपा के 17 साल और 17 महीने का हमारा काम देखिए। हमने ऐतिहासिक काम करके दिखाया है। बिहार में जाति आधारित गणना हुई, आरक्षण बढ़ाया गया, शिक्षा विभाग ने दो लाख से ज्यादा नियुक्ति पत्र बांटा, साढ़े चार लाख नियोजित शिक्षकों को राजकीय दर्जा दिलाया गया, उनका मानदेय दोगुना किया गया, आईटी नीति, पर्यटन व खेल नीति लाने काम किया। इतना काम किसी सरकार ने अबतक नहीं किया था। 

वहीं तेजस्वी ने सवाल किया कि क्रेडिट लेने की बात कही जा रही है तो इसका मतलब यही है कि वे भाजपा को चेता रहे हैं, भाजपा सरकार में आयी है, काम करेगी तो क्रेडिट नहीं लेगी क्या? पीड़ा हो रही है तो हम जिम्मेवार नहीं हैं। जनता ने बड़ी पार्टी बनायी थी। हमने ईमानदारी से काम किया। पिछले दो कैबिनेट की बैठक से पब्लिक हेल्थ कैडर की फाइल रोककर रखी गई है। 

उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि कर्पूरी जी के सिद्धांतों की बात करते हैं। आरक्षण बढ़ाये जाने पर कर्पूरी जी की सरकार जनसंघ व भाजपा ने ही गिरायी थी और आज वे उन्हीं के साथ जाकर बैठ गए हैं।

सीएम पद का शपथ लेने के बाद बोलें नीतीश कुमार : बीजेपी के साथ पहले भी थे, और आज भी हैं, हम विकास को आगे बढ़ाएंगे

डेस्क : बिहार में एकबार फिर नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बन गई है। आज नीतीश कुमार रिकॉर्ड नौंवी बार बिहार के मुख्यमंत्री पद का शपथ ग्रहण किये। जदयू, बीजेपी, हम और एक निर्दलिय विधायक ने मंत्री पद का शपथ लिए। शपथ ग्रहण समारोह मे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ भाजपा के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। 

वहीं नौवीं बार मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद राजभवन से बाहर निकलने नीतीश कुमार ने मीडिया से कहा कि बीजेपी के साथ पहले भी थे, और आज भी हैं। हम विकास को आगे बढ़ाएंगे। हम बिहार के हित में काम करते रहेंगे। बिहार में बहुत जल्द मंत्रीमंडल का विस्तार करेंगे। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम एनडीए के साथ पहले भी थे, बीच में कुछ समय के लिए दूसरे के साथ चले गए थे। अब फिर से वहीं आ गए हैं। अब इधर उधर जाने का सवाल ही नहीं है। मेरे साथ दो डिप्टी सीएम बने हैं। 

बता दें आज नई सरकार के रुप में जहां नीतीश कुमार ने सीएम पद का शपथ ग्रहण किया। वहीं भाजपा के तरफ से सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा उपमुख्यमंत्री पद का शपथ ग्रहण किया है। इसके साथ ही साथ कुल 8 मंत्री को आज शपथ ग्रहण करवाया गया है। जिनमे जदयू के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी, श्रवण कुमार, विजेन्द्र यादव शामिल है। 

वहीं बीजेपी से सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा के साथ-साथ डॉ. प्रेम कुमार और हम के संतोष कुमार सुमन, जबकि निर्दलिये विधायक , सुमीत कुमार सिंह शामिल है।

बिहार मे एनडीए सरकार बनने के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने मीडिया को किया संबोधित, कहा-अब बिहार का विकास तेजी से होगा

डेस्क : बिहार में एकबार फिर नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बन गई है। आज नीतीश कुमार रिकॉर्ड नौंवी बार बिहार के मुख्यमंत्री पद का शपथ ग्रहण किये। जदयू, बीजेपी, हम और एक निर्दलिय विधायक ने मंत्री पद का शपथ लिए। शपथ ग्रहण समारोह मे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ भाजपा के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। 

वहीं शपथग्रहण समारोह के बाद जेपी नड्डा पटना स्थित बीजेपी प्रदेश कार्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बधाई दी। साथ ही मंत्री बने बीजेपी नेताओं को भी बधाई थी। 

मीडिया को संबोधित करते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि बिहार में फिर से एनडीए की सरकार बन गयी है। एनडीए की नई सरकार में नीतीश कुमार की वापसी बिहार के लिए सुखद है। अब एनडीए की सरकार में बिहार का विकास तेजी से होगा। उन्होंने कहा कि हमारा गठबंधन बिहार के लिए बेहद जरूरी था। 

भारत की जनता पीएम मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ रही है। अब बिहार की जनता नीतीश जी के नेतृत्व में आगे बढ़ेंगी। बिहार में नई एनडीए की सरकार बन गई है। डबल इंजन की सरकार में बिहार को आगे बढ़ाने का पूरजोर प्रयास किया जाएगा। अब बिहार में सबका-साथ सबका-विकास होगा। उज्जवल बिहार को बनाने में एनडीए गठबंधन सफल होगी। जेपी नड्डा ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव में बिहार की सभी सीटे हम जीतेंगे।

बिहार में बनी एनडीए की सरकार, सीएम के रुप में नीतीश कुमार के साथ इनलोगों ने मंत्री पद का लिया शपथ

डेस्क : बिहार मे एकबार फिर एनडीए की सरकार बन गई है। नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड 9 वीं बार मुख्यमंत्री पद का शपथ लिया है। इन्हें राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने शपथ ग्रहण करवाया है। 

इसके साथ ही भाजपा के तरफ से सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा उपमुख्यमंत्री पद का शपथ ग्रहण किया है। इसके साथ ही साथ कुल 8 मंत्री को आज शपथ ग्रहण करवाया गया है। जिनमे जदयू के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी, श्रवण कुमार, विजेन्द्र यादव शामिल है। 

वहीं बीजेपी से सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा के साथ-साथ डॉ. प्रेम कुमार और हम के संतोष कुमार सुमन, जबकि निर्दलिये विधायक , सुमीत कुमार सिंह शामिल है।

बता दें आज सीएम नीतीश कुमार ने सुबह राज्यपाल भवन पहुंच अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप कर महागठबंधन से अलग होने का फैसला लिया था। वहीं एनडीए के साथ एकबार सरकार बनाने का दावा पेश किया था।