*भूख प्यास व ठंड से हर रोज गोशाला में मर रहे गोवंश*
सीतापुर- कडाके की ठंड में भूख और जाडे से हर रोज मर रहे गोवंश दफनाने की बजाए उनको फाड कर जंगल में खुले में फेकवाया जा रहा है जिन्हे चील कौवे अपना निवाला बना रहे है।
विकास खंड सकरन की ग्राम पंचायत कलिमापुर में बने गौशाला की स्थित बहुत ही दयनीय है। इस भयानक ठंड में हर रोज भूख प्यास व ठंडक से तीन चार गोवंशों की मौत हो रही है। गौवंशो की मौत के बाद उन्हे गड्ढा खोदकर दफनाया नही जाता बल्कि प्रधान द्वारा गांव के ही कुछ लोगों को पैसे देकर मृत गोवंशों को गांव के बाहर बबूल के जांगल में फेंकवा दिया जाता है। जिसको चील कौवे तथा जंगली जानवर अपना निवाला बनाते है। खुले में डलवाये गये मृत गोवंशों से भयानक दुर्गंध आती रहती है जिससे लोगों को आने जाने में भारी परेशानी होती है।
शनिवार को मृत गोवंश को ठेलिया पर लाद कर जंगल में ले जा रहे गांव के दनकू व रामकुमार ने बताया कि गौशाला में प्रतिदिन करीब तीन से चार गौवंशों की मौत हो जाती हैं जिसके बाद हम लोग मृत गौवंशो को ठेलिया पर लाद कर कलिमा पुर गाँव के पश्चिम तरफ लगे बबूल के जंगल में ले जाकर उन्हे चीड़ फाड़कर फेक देते है। जिसके बदले प्रधान गीता देवी द्वारा उन्हे प्रति मृत गोवंश के हिसाब से पैसा दिया जाता है। गौशाला में चारा, पानी व स्वास्थ्य सेवा सम्बन्धी किसी प्रकार की सुविधा नहीं है। पूरे गौशाला में मल मूत्र से फैली गंदगी की वजह से सांस लेना दूभर है।
मामले को लेकर जब पंचाय सचिव अरूण कुमार गुप्ता से बात की गयी तो उन्होने बताया मामला उनकी जानकारी में नही है जांच करवायी जायेगी।
Jan 27 2024, 18:10