*ठंड बढ़ी तो सजी गर्म कपड़ों की दुकानें*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। ठंड के दस्तक देने के साथ ही शहर में गर्म कपड़ों की अस्थाई दुकानें सजने लगी है। ठंड बढ़ते ही कपड़ों की मांग बढ़ जाती है। इसकी तैयारी दुकानदार पहले से ही करके रखते हैं।

 इन दिनों शहर के कपड़ों की दुकानों पर गर्म कपड़े ही दिख रहे हैं। हर वर्ष ठंड में बाहर से आकर अस्थाई दुकानें लगा लेते हैं। इन दिनों मेन रोड, , मर्यादपट्टी, अज़ीमुल्ला, चौराहा, चौरी रोड, स्टेशन रोड, औराई रोड, ज्ञानपुर रोड पर सड़क किनारे अस्थाई दुकानें पर रंग - बिरंगे, रजाईयां , जैकेट, स्वेटर, मफलर, व कंबल आदि से दुकानें सज गई हैं। 

इन दुकानों पर भीड़ भी खूब हो रही है।‌ प्रतापगढ़ से आए मुतंशिर ने बताया कि उनका माल लुधियाना से आता है। कीमतें कम होने होने के कारण लोग यहां खरीदारी करने आते हैं। फुटपाथ की अस्थाई दुकानों पर 300 रुपए में भी जैकेट मिल रही है जबकि स्थाई दुकानों पर 800 रुपए से कम में जैकेट नहीं है।

कालाजार का नहीं मिला कोई केस

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले में एक वर्ष के अंदर कालाजार का कोई केस नहीं मिला है। वर्ष 2022 में कौलापुर गांव में एक कालाजार का मरीज मिले थे। तब से लेकर अब तक कोई काला जार का केस संज्ञान में नहीं आया है। हालांकि चार वर्ष पूर्व भी केस मिला था जिसमें दोनों का उचित इलाज हुआ था। जिला मलेरिया अधिकारी राम आसरे पाल ने बताया कि ठंड में कालाजार के मरीज मिलते हैं। ऐसे में मौसम परिवर्तित होते ही विभागीय स्तर से सक्रियता बढ़ा दी गई है।

एक वर्ष पूर्व कौलापुर का केस मिला था। जबकि चार वर्ष पूर्व दो कालाजार बीमारी से पीड़ित मिले थे जिनका उचित इलाज हुआ था। जिन गांव व बस्ती में कालाजार का केस मिलता है। वहां तीन वर्ष साल में दो बार दवा का छिड़काव किया जाता है। चार वर्ष के अंतराल में कौलापुर,पियरोपुर व नई बाजार में कालाजार का केस मिला था।

बीमारी का लक्षण दिखते ही लोग स्वास्थ्य विभाग में संपर्क करें। बीमारी से बचाव को जो गाइडलाइन हो उसका शत - प्रतिशत पालन होना चाहिए। जिला मलेरिया अधिकारी राम आसरे पाल ने बताया कि कालाजार संक्रामक बीमारी है जो परजीवी लिस्मैनिया डोनोवानी के कारण होता है। इस बीमार का असर शरीर पर धीरे-धीरे पड़ता है। इसलिए देर से लक्षण का पता चलता है।

खूंखार हुए कुत्ते, छह माह में पांच हजार को बनाया शिकार

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। कुत्ते खूंखार हो गए हैं। उन पर नियंत्रण नहीं लग पा रहा है, जिसके चलते कुत्तों के काटने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। पिछले छह महीने में 4992 लोगों को कुत्तों ने निशाना बनाया है।

इससे 25 लाख रुपये से ज्यादा की एंटी रैबीज वैक्सीन स्वास्थ्य विभाग को खरीदनी पड़ी जबकि जिनकों कुत्ते के काटा उनके काम पर नहीं जाने से एक करोड़ रुपये से ज्यादा की श्रम शक्ति का नुकसान हुआ। इसके बावजूद गली के कुत्तों पर नियंत्रण के प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।जिले में कुत्तों की आबादी बढ़ती ही जा रही है।

भोजन की तलाश में गली के कुत्ते इधर-उधर भटकते रहते हैं। भोजन नहीं मिले पर आक्रामक होकर लोगों को निशाना बनाते हैं। मौसम के बदलाव का भी कुत्तों के व्यवहार पर असर पड़ता है। जाड़े में कुत्तों के काटने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। कुत्ते अकेले व्यक्ति को देखकर हमला कर देते हैं।जिला चिकित्सालय में हर दिन 40 से 50 लोगों को एंटी रैबिज वैक्सीन लगवाने पहुंच रहे हैं।

इसके अलावा दूसरे केंद्रों पर भी वैक्सीन लगाई जाती है। स्वस्थ्य विभाग का दावा है कि एआरबी उसके पास पर्याप्त है। पूरे जिले की बात करें तो छह माह में 4992 लोगों पर कुत्तों ने काटा है। गोपीगंज में बंदरों और डीघ के इलाकों में सियारों के भी हमले बढ़े हैं। छह महीने में 70 लोगों को सियारों ने भी निशान बनाया है। गोपीगंज, औराई और सीतामढ़ी क्षेत्र में 35 लोगों को बंदर काट चुके हैं।

कुत्ता, सियार या बंदर काटने पर लोग एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने सरकारी अस्पतालों में पहुंचे हैं क्योंकि वहां निशुल्क इंजेक्शन लगाने की व्यवस्था है। एक व्यक्ति को पांच एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने लगवाने की जरूरत पड़ती है। कुत्ता काटने के पहले दिन, तीसरे, सातवें, 14 वें, 18वें दिन एंटी रैबिज वैक्सीन लगाई जाती है। साधारण स्थितियों में तीन डोज से भी काम चलाया जाता है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक छह महीने में लगभग 25 लाख रुपये खर्च करने पड़े हैं। इस बोझ के कम होने पर दूसरी दवाएं मंगाई जा सकती थीं। अब भारत सरकार ने पांच से कम करके चार डोज कर दिया है।

जिला अस्पताल में 500 और औराई, डीघ, गोपीगंज, सुरियावां, भदोही व दुर्गागंज सीएचसी पर 200 से 250 से डोज एंटी रैबिज वैक्सीन उपलब्ध है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। अगर कहीं भी कुत्ते झुंड में दिखे या फिर आक्रामक दिखें तो बचने की कोशिश करनी चाहिए।

बच्चों की सुरक्षा को लेकर होती हैं आक्रामक

उप पशु चिकित्साधिकारी डॉ. विनोद कुमार यादव ने बताया कि कुत्तों के आक्रामक होने का प्रमुख कारण बच्चों की सुरक्षा भी है। इन दिनों बच्चे देने का समय है। ऐसे में कुतिया अपने बच्चों के पास किसी को फटकने नहीं देती है। जब कोई उसके फिर कोई उधर से गुजरता है और उसे खतरे का अंदेशा होता तो वह आक्रामक हो जाती है। मौसम का भी असर पशुओं के व्यवहार पर पड़ता है।

कुत्ते काटने के मामले

महीना शिकार हुए

मई- 670

जून- 703

जुलाई- 470

अगस्त- 519

सितंबर 668

अक्तूबर- 886

नवंबर- 1076

केस वन: 26 अक्तूबर, 2022 में भदोही में एक मासूम पर आवारा कुत्ते ने हमला कर दिया। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। उसे 35 टांके लगाने पड़े।

केस दो- 22 दिसंबर, 2022 को मिश्रीपुर गांव में एक बच्ची पर आवारा कुत्ते ने हमला कर दिया। जिससे उसका चेहरा बुरी तरह जख्मी हो गया। उसे 13 टांके लगाने पड़े।

चिकित्सालय में पर्याप्त मात्रा में एंटी रैबिज वैक्सीन उपलब्ध है। कुत्ता काटने से पीड़ित हर व्यक्ति को वैक्सीन लगाई जाती है। कोई भी मरीज बिना इंजेक्शन लगवाए वापस नहीं जाता है।- डाॅ. राजेंद्र कुमार, सीएमएस जिला चिकित्सालय

केएनपीजी की बेटियों का परचम, मिलेंगे दो स्वर्ण सहित 29 मेडल

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में आगामी 11 दिसंबर को होने वाले दीक्षांत समारोह में काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय की बेटियों ने परचम लहराया है।

महाविद्यालय की ओर से टॉप टेन लिस्ट में जगह बनाने वाली सभी छात्राएं ही शामिल हैं। खास बात है कि चित्रकला की टॉप टेन लिस्ट में सभी महाविद्यालय की छात्राएं हैं। वहीं संस्कृत की छात्रा ट्विंकल पाठक और चित्रकला विभाग की सरिता को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपने हाथों से गोल्ड मेडल पहनाएंगी।

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के दीक्षांत समारोह में इस बार महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि हैं। जिले में काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय की बेटियों ने परचम लहराया है। जहां महाविद्यालय की दो मेधावियों को राष्ट्रपति के हाथों में गोल्ड मेडल प्राप्त होगा।

वहीं 27 अन्य मेधावियों को भी दीक्षांत की टॉप टेन लिस्ट में शामिल होने का गौरव प्राप्त हुआ है। प्राचार्य डॉ. रमेश चन्द्र यादव ने बताया कि शिक्षकों के सम्मिलित प्रयास और विद्यार्थियों की मेहनत की बदौलत यह संभव हुआ है। टॉप टेन लिस्ट में जगह बनाने वाली सभी छात्राएं दूसरे को भी प्रेरित करेंगी। बताया कि महाविद्यालय में छात्राओं के लिए एक सुरक्षात्मक परिवेश तैयार करने के साथ शैक्षणिक गुणवत्ता को सुधारने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।

नाम - विषय - रैंक

ट्विकंल पाठक- संस्कृत - 1

मीनाक्षी - संस्कृत - 4

वास्तवी मिश्रा - संस्कृत - 8

सरिता - चित्रकला विभाग - 1

सृष्टि शुक्ला - चित्रकला विभाग - 2

ममता आर्य - चित्रकला विभाग - 5

रंजना - चित्रकला विभाग - 5

नैन्सी केसरवानी -चित्रकला विभाग - 6

सोनी जायसवाल- चित्रकला विभाग - 7

निधि शर्मा - चित्रकला विभाग - 8

शिवानी सिंह - चित्रकला विभाग - 9

अरशिया बानो - चित्रकला विभाग - 10

पुष्पा सरोज - चित्रकला विभाग - 10

मीरा विश्वकर्मा - दर्शन शास्त्र - 5

सोनाली - दर्शन शास्त्र - 7

नेहा - दर्शन शास्त्र - 8

दर्शन यादव - दर्शन शास्त्र - 10

श्रेया गुप्ता - मनोविज्ञान - 5

पूजा सिंह - प्राचीन इतिहास - 9

ऐश्वर्या पांडेय - मध्यकालीन व आधुनिक इतिहास- 7

आंचल मौर्या - गणित - 6

दीपक गौतम - गणित - 9

आकांक्षा मिश्रा - भौतिकी - 3

मीनू दुबे - भौतिकी - 8

आयुषी मौर्य -रसायन विज्ञान - 5

शिवानी श्रीवास्तव -रसायन विज्ञान - 6

श्वेता मौर्य - रसायन विज्ञान - 9

नीतू यादव - अर्थशास्त्र - 5

सादिया खान - जीव विज्ञान - 8

भदोही पहुंची नौ 102 की एंबुलेंस, किया गया लोकार्पण

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- जिले में आज जनप्रतिनिधियों के प्रयास से 9 एम्बुलेंस 102 निशुल्क सेवा देने के लिए पहुंची। कलेक्ट्रेट से एंबुलेंस का लोकार्पण करते हुए जिलाधिकारी गौरांग राठी एवं विधायक औराई दीनानाथ भास्कर ज्ञानपुर विधायक विपुल दुबे ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।बता दें कि जिले में सरकारी अस्पतालों में कुछ एम्बुलेंस कमियों के कारण नहीं चल पा रही थी। जिसे देखते हुए जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के प्रयास से आज 102 निशुल्क सेवा के नौ एम्बुलेंस जिले में पहुंची। जिसका कलेक्ट्रेट पर लोकार्पण करने के साथ ही जनता के सेवा के लिए जिला अधिकारी गौरांग राठी एवं विधायकगण के द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना कर दिया गया।

जिलाधिकारी ने कहा कि पूरे प्रदेश में एंबुलेंस प्रोवाइड कराया जा रहा है जनपद में भी जनप्रतिनिधियों के प्रयास से जीबी कंपनी द्वारा 9 एंबुलेंस 102 के भेजे गए। जिनका आज लोकार्पण किया गया और जनता को समर्पित कर दिया गया। डीएम ने कहा कि लोगों के जीवन बचाने में यह एंबुलेंस मददगार साबित होता है। उन्होंने कहा कि लगातार जनपद में खराब एंबुलेंस के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है, अब तक पांच एंबुलेंस को सीज कर दिया गया है और आगे भी ऐसे एंबुलेंस की जांच पड़ताल की जा रही है। जिसमें कमियां पाई जाएगी उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

जिले में आज 102 के 9 निशुल्क एंबुलेंस सेवा को विधायक एवं डीएम द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया जो आम जनता की सेवा में आज से जुड़ जाएगी। विधायक गणों ने कहा कि सरकार स्वास्थ्य सेवा को बेहतर करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा को बेहतर करने के लिए एंबुलेंस भेजा जा रहा है जिस क्रम में भदोही जनपद में भी 9 एंबुलेंस उपलब्ध कराई गई है। जिससे आपातकालीन में लोगों को इलाज करने के लिए अस्पताल तक यही एंबुलेंस पहुंचाने का काम करेंगी।

स्वीकृत हुए 10 हजार एकल शौचालय, बने 3000, नोटिस भेजेंगे सात हजार लाभार्थियों को

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले के छह ब्लॉकों की 546 ग्राम पंचायतों में करोड़ों की लागत से दो लाख 35 हजार व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण हुआ है। ओडीएफ-2 के तहत गांव में सामुदायिक शौचालय का भी निर्माण किया गया। जिस पर अच्छी खासी रकम खर्च की गई। 2021-22 से पूर्व में छूटे गरीब, दिव्यांगों को एकल शौचालय देने के लिए आवेदन मांगा गया। दो साल में आवेदनों की संख्या 50 हजार से अधिक पहुंच गई। 2021 में डेढ़ हजार, 2022 में करीब 5200 और 2023 में 10 हजार 447 एकल शौचालय स्वीकृत हुए। वित्तीय वर्ष में स्वीकृत 10 हजार 449 में 10 हजार 241 लाभार्थियों को छह-छह हजार की पहली किश्त के हिसाब से चार करोड़ 32 लाख रूपये खाते में भेज दिया गया, लेकिन अब तक मात्र तीन हजार के करीब का जियोटैग हो सका है। इससे स्पष्ट है कि अभी तक सात हजार आवास का निर्माण ही शुरू नहीं हो सका है। जिस पर विभागीय स्तर से नाराजगी जताते सचिव एवं प्रधान को निर्माण पूर्ण कराने का निर्देश दिया गया।

एकल शौचालय निर्माण की हालत ठीक नहीं है। 10 हजार से अधिक शौचालय में अब तक मात्र तीन हजार ही शुरू हो सके हैं। सात हजार आवास का निर्माण शुरू न होने से जियो टैग नहीं हो पाया। इसको लेकर एडीओ और सचिवों को निर्देश दिया गया है। जियो टैग की प्रगति ठीक न होने पर नोटिस भेजी जाएगी। - राकेश कुमार यादव, डीपीआरओ

पूर्व के बने शौचालयों में 50 फीसदी बेकार

ज्ञानपुर। स्वच्छ भारत मिशन के तहत साल 2014 से 2017 तक जिले में बने करीब दो लाख 35 हजार एकल शौचालयों में ज्यादातर की हालत ठीक नहीं है। आधा अधूरा निर्माण होने से कहीं उपली तो कहीं भूसा आदि रखा जा रहा है। मरम्मत के नाम पर भी सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। जिससे धरातल पर मिशन सफल होता नहीं दिख रहा।

एकल शौचालय की ब्लॉकवार प्रगति रिपोर्ट

ब्लॉक लक्ष्य प्रथम किश्त जियो टैग अवशेष

अभोली 1016 1001 346 670

औराई 1841 1809 811 1030

भदोही 1708 1701 585 1123

डीघ 3011 2923 473 2538

ज्ञानपुर 1684 1641 405 1279

सुरियावां 1189 1166 344 845

कुल 10449 10241 2964 7485

सामूहिक विवाह 15 को, 106 जोड़े होंगे एक

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- जिले में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 100 से अधिक जोड़ों की शादी कराई जाएगी। 15 दिसंबर को सभी छह ब्लॉकों में सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया है। मुख्य विकास अधिकारी यशवंत कुमार सिंह ने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटी की शादी इसमें होगा। इसके लिए विभागीय वेबसाइट पर आवेदन किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि अभी तक ब्लॉक एवं निकायों से कुल 106 जोड़ों ने पंजीकरण करा लिया है। 15 दिसंबर से पूर्व यह संख्या बढ़ जाएगी। योजना में प्रति जोड़े पर 51 हजार रूपये खर्च होगा। जिसमें 35 हजार वधू के खाते में भेजी जाएगी, 10 हजार का उपहार एवं छह हजार विवाह के आयोजन पर खर्च होगा।

एंटीरोमियों टीम ने महिलाओं औओर युवतियों को किया जागरूक

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- मिशन शक्ति के तहत पुलिस व एंटीरोमियों टीम द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर विशेष अभियान चलाकर महिलाओं व युवतियों को कानून की जानकारी दी गई है। महिलाएं जारी हेल्प लाइन नंबर का प्रयोग कैसे करें यह बताया।

महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय, सिद्धपीठ बाबा हरिहरनाथ मंदिर, केएनपीजी कॉलेज समेत ग्रामीण अंचलों में शनिवार को महिलाओं को कानून के प्रति प्रेरित किया गया। इस दौरान एंटी रोमियों टीम के सदस्यों ने कहा कि छात्राओं को दिक्कत हो तो हेल्प लाइन नंबर पर फोन करें। आरोपी पर सख्त कार्रवाई होना तय है।

राजकीय स्कूलों में शिक्षकों के 45 फीसदी पद खाली

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- राजकीय माध्यमिक एवं इंटर कॉलेजों में शैक्षिक व्यवस्था में सुधार की कवायद धरातल पर फेल हो गई है। शिक्षकों और प्रवक्ताओं की कमी के कारण छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा नहीं मिल पा रही है। तीन से चार शिक्षकों के भरोसे आठ से नौ विषयों की जिम्मेदारी है। जिससे साल दर साल छात्र-छात्राओं की संख्या कम होती जा रही है।

माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से संचालित स्कूलों की दिशा और दशा बदलने के लिए वर्ष 2009-10 में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की शुरुआत की गई थी। जिसमें 33 पूर्व माध्यमिक विद्यालयों को उच्चीकृत कर राजकीय हाईस्कूल का दर्जा दिया गया। स्कूल में कक्षाएं तो शुरू हो गई, लेकिन 13 साल बाद भी शिक्षकों की कमी दूर नहीं हो पाई। इससे विद्यालयों में पठन-पाठन लगातार प्रभावित हो रहा है। स्थिति यह है कि किसी स्कूल में तीन तो किसी में चार के भरोसे ही स्कूल की कक्षाएं चलाई जा रही है। जिसका असर पढ़ाई पर भी दिख रहा है। स्कूलों में प्रवेश के लिए उत्साहित होने वाले छात्र-छात्राएं अब दूसरे विद्यालयों की तरफ रूख 

कर रही हैं।

कितने शिक्षकों की होनी थी तैनाती

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान शुरू होने के बाद शिक्षकों की तैनाती के गाइडलाइन भी जारी कर दिए गए थे। गाइड लाइन के अनुसार प्रत्येक स्कूलों में प्रधानाध्यापक सहित आठ शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की तैनाती किए जाने की योजना थी, हालांकि कहीं भी इसे पूरा नहीं किया जा सका।

शिक्षकों की स्थिति

विद्यालय का नाम स्वीकृत पद तैनाती

33 राजकीय हाईस्कूल 264 142

राजकीय इंका महराजगंज 18 09

राजकीय इंका जगन्नाथपुर 17 05

राजकीय इंका ज्ञानपुर 85 28

राजकीय हाईस्कूल में वर्षवार छात्र संख्या

वर्ष  छात्र संख्या

2023  3950

2022  4122

2021  4426

राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों की कमी कई साल से चली आ रही है। पूर्व की अपेक्षा सहायक अध्यापकों की संख्या बढ़ी है। शिक्षकों की कमी के बारे में हर साल लिखकर भेजा जाता है।

स्कूलों के सत्यापन के लिए अफसरों की टीम गठित, 41 विद्यालयों के भैतिक संसाधनों की होगी जांच

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- माध्यमिक शिक्षा परिषद की प्रस्तावित परीक्षा केंद्रों पर आई आपत्तियों के निस्तारण के लिए 12 जिला स्तरीय अधिकारियों की टीम गठित की गई है। 41 विद्यालयों की तरफ से 126 आपत्ति दी गई है। जिसमें भौतिक संसाधन से लेकर अन्य बिंदुओं की जांच कर टीम को तीन दिन में रिपोर्ट देनी है। जिसके बाद परीक्षा केंद्रों की अंतिम सूची जारी की जाएगी।

12 अधिकारियों की टीम करेगी सत्यापन का काम

माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से फरवरी में होने वाली बोर्ड परीक्षा के लिए 93 केंद्रों की अनंतिम सूची जारी की है। जिसको लेकर 41 विद्यालयों की तरफ से 126 आपत्तियां माध्यमिक शिक्षा विभाग के पास आईं। जिसमें छात्र-छात्राओं के केंद्रों की दूरी एवं आवंटन का मामला, पूर्व में कई साल तक केंद्र रहे विद्यालय के न बनने जैसी शिकायतें शामिल रहीं। प्रस्तावित केन्द्रों के सापेक्ष प्राप्त आपत्तियों के निस्तारण के लिए करीब चार दिनों से चल रही गहमागहमी शुक्रवार को समाप्त हो गई। जिलाधिकारी गौरांग राठी के निर्देश पर 12 जिला स्तरीय अधिकारियों की टीम स्कूलों के सत्यापन के लिए लगाया गया। अधिकारी विद्यालयों में संसाधनों का भौतिक सत्यापन करेंगे। जिसके आधार पर ही केंद्रों में बदलाव कर अंतिम सूची जारी की जाएगी। बताते चलें कि जिले में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में कुल 56 हजार विद्यार्थी शामिल होंगे। डीआईओएस विकायल भारती ने बताया कि बोर्ड परीक्षा के प्रस्तावित केन्द्रों की आपत्तियों के निस्तारण के लिए 12 अधिकारियों की टीम गठित की गई है। तीन दिन के अंदर जांच कर आख्या मांगी गई है। उसी के आधार पर केंद्रों में बदलाव होगा।

इन-इन बिंदुओं का होगा सत्यापन

परीक्षा केंद्रों के निर्धारण के लिए आई आपत्तियों के निस्तारण के लिए टीम गठित कर दी गई है। नए केंद्र बनाने के लिए 41 स्कूलों में 14 बिंदुओं की जांच होगी। जिसमें सीसीटीवी कैमरा, इंटरनेट, बाउंड्रीवाल, अग्निशमन यंत्र, पेयजल, शौचालय, संपर्क मार्ग, विद्युत कनेक्शन, कंप्यूटर की उपलब्धता, परीक्षा केंद्र की खिड़की, दरवाजे, वायस रिकार्डर, प्रधानाचार्य, प्रबंधक कक्ष, निरीक्षक के समय विद्यालय का फोटोग्राफ आदि रहेगा।