अस्पताल का हर्बल गार्डेन तैयार, आनंद उठा रहे तीमारदार
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय में आने पर अब आपको तरह-तरह के फूलों की खूशबू मिलेगी। जी हां यहां पर अस्पताल प्रशासन की तरफ से मरीजों और तीमारदारों के लिए हर्बल गार्डेन, नौ ग्रह वाटिका स्थापित की गई है।
31 प्रजातियों के पौधों से गार्डेन हरा-भरा हो गया है। जिसकी खुशबू से अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों संग तीमारदारों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है।बदलती जीवन शैली विभिन्न बीमारियों का सबसे बड़ा कारण बनती जा रही है। चिकित्सालय में हर रोज तकरीबन दो हजार व्यक्ति पहुंचते हैं।
भीड़भाड़ और शोर शराबे के बीच कहीं भी सकून वाला स्थान नहीं दिखता, लेकन अब अस्पताल प्रशासन ने व्यवस्था की है। परिसर में करीब सात माह पूर्व से बनने वाला हर्बल गार्डेन अब तैयार हो चुका है। पूरे परिसर में गमला रखा गया। जिसका मुख्य उ्देश्य है कि जिससे मरीजों को शुद्ध वातारण मिलेगा, विभिन्न प्रजातियों के पौधों से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
चिकित्सालय को पिछले साल 2022 में मिशन कायाकल्प में जनपद में पहला स्थान मिला था। यहा भले ही संसाधनों की कमी है, चिकित्सको का लेटलतीफ आना आदत सी है। लेकिन व्यवस्थाओं में लगातार सुधार किया जा रहा है। रविवार को ओपीडी कक्ष से लेकर दवा काउंटर, लेबर रुम, सीएमएस ऑफिस, लैब,ब्लड बैंक, इमरजेंसी सहित विभिन्न स्थानों पर गमला फूल रखा गया है। शाम के वक्त चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी गार्डेन में जाकर सकुन भरा पल गुजारते हैं। दोपहर में गार्डेन मरीजों के लिए भी खोला जाता है। हर्बल गार्डेन मानसिक मरीजों के लिए बहुत ही कारगर होगा। अस्पताल प्रशासन की माने तो गार्डेन में अभी घास बिछाई जाएगी, विभिन्न प्रकार की लाइटिंग लगाई लगाई जाएगी।
हर्बल गार्डेन में लगाए गए 31 प्रजातियो के पौधे
जिला अस्पताल के हर्बल गार्डेन में आंवला, सफेद गुड़हल, अजवायन, नींबू, कंचवार, मनी प्लांट, अमरुद लाल, तुलसी, बासमीत, आम, मनोकामिनी, बेल, नीम, भांग, पपीता, हर श्रृंगार, अमरुद सफेद, ग्रीन टी, घृत कामिनी, लौंग, लाल कनेर, क्रोटन, तेज पत्ता, केला, मेंहदी, करीपत्ता, बड़ी इलायची, पीला कनेर, लाल गुडहल, गुलाब, रुद्राक्ष, अशोक, पाषाण भेद, बालम खीरा आदि पौधे लगाए है। इन पौधों की हर दिन सिंचाई देख रेख करने की जिम्मेदारी गार्डेन केयर टेकर प्रदीप यादव की है।
अस्पताल में नौ ग्रह वाटिका, हर्बल गार्डन बनाया गया है। गार्डन में हर व्यक्ति, स्वास्थ्यकर्मी, मरीज बैठ कर समय बीता सकते हैं। अभी कुछ कार्य बाकी है, जिसे एक महीने में पूर्ण कर लिया जाएगा।- डॉ. राजेंद्र कुमार, सीएमएस
Dec 05 2023, 12:52