बढ़ गई ठंड, राहगीरों के लिए नहीं जल रहा अलाव

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। कोहरा के बीच सर्द चलने से ठंड में इजाफा होता जा रहा है। सर्द भरी रात में गरीबों का परिवार कंपकंपी भरने को विवश हैं। जरुरतमंदों में न कंबल बंटा है और ना ही सार्वजनिक स्थलों पर अलाव जलाया जा रहा है।

चयनित स्थानों पर रैना बसेरा भी नहीं बन पाया है। ठंड चपेट में आते ही लोगों का का पेट व सीना दुखने लग जा रहा है। शीत से बचाव को संपन्न लोग तो पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़ा पहन रहे हैं। लेकिन झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाला गरीबों का परिवार देर रात्रि में कंपकंपी भरने को विवश हो रहा है।

जोर‌ई ,चकटोडर गांव स्थित मालिन बस्ती में मुसहर समाज के बच्चे फटे - पुराने कपड़ों में लिपटे सुबह-शाम कांप रहे हैं।

बारिश हुई तो पत्तेदार सब्जियों को होगा नुकसान

 नितेश श्रीवास्तव

भदोही। कालीन नगरी में मौसम का रुख बदल गया है। आसमान में मेघ का कब्जा बना तो धुंध पड़ना शुरू हो गया है। मौसम में आए बदलाव से गलन में वृद्धि हो गई है। ऐसे में बारिश हुई तो पत्तेदार सब्जियों को काफी नुकसान हो सकता है।

 हालांकि हल्की बारिश से सब्जी को कोई नुकसान नहीं होगा। ठंड में मौसम सब्जी फसल के लिए अच्छा होता है। बारिश के दिनों में कीट का खतरा बढ़ता है। लेकिन ठंड में इजाफा होते ही सब्जी फसल में बीमारी का खतरा खत्म हो जाता है।

 ऐसे में पत्तेदार सब्जी जैसे पत्तागोभी,पालक,मूली जैसे फसल में फंगस यानी पत्ता सड़न की बीमारी हो सकती हैं।

छह महीने से छुट्टी पर चर्म रोग विशेषज्ञ, मरीज हो रहे परेशान

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। ठंड बढ़ते ही लोग त्वचा संबंधी समस्याओं से घिर गए हैं। दाद-खाज और खुजली से परेशान सैकड़ों लोग चिकित्सालयों की ओर रुख कर रहे हैं। जिला अस्पताल में स्कीन रोग चिकित्सक छह महीने से छुट्टी पर है।

चिकित्सालय के दीवार पर नाम देखकर पीड़ित उनकों ढूढ रहे हैं। डॉक्टर के न मिलने पर निराध होकर लौट जा रहे हैं। अस्पताल के कर्मचारियों के मुताबिक बीते छह महीनों से वे पिता की बीमारी का हवाला देकर छुट्टी पर हैं।

विभाग का कहना है कि उनसे कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई , लेकिन उनका फोन नेटवर्क क्षेत्र से बाहर बता रहा है। लापरवार डॉक्टर का वेतन रोक दिया गया है। वे कब तक लौटेंगे इसकी किसी को जानकारी नहीं है।

जिला चिकित्सालय में रोजाना एक हजार के करीब ओपीडी होती है। इधर बीच ठंड बढ़ने के साथ स्कीन संंबंधी समस्याएं बढ़ गई हैं। इसके कारण हर दिन 50 से 60 मरीज स्कीन संबंधी समस्याओं से जुड़े पहुंच रहे हैं।

खास बात है कि स्कीन संबंधी समस्याओं से जुड़े मरीज को जिला चिकित्सालय में उचित उपचार नहीं मिल पा रहा है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण जिला चिकित्सालय के स्कीन रोग विशेषज्ञ का लंबी छुट्टी पर होना है। वे बीते छह महीने से पिता की बीमारी का हवाला देकर छुट्टी पर चल रहे हैं, लेकिन अब वे ड्यूटी पर कब लौटेंगे किसी को जानकारी नहीं है।

इसकी जानकारी विभाग को भी नहीं है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि उनको दो से तीन बार संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका फोन नहीं लग रहा है। ऐसे में चिकित्सालय पहुंचने वाले मरीज या तो निजी चिकित्सालयों से दवा ले रहे हैं या फिर नीम-हकीम के यहां पहुंच कर अपना इलाज करा रहे हैं।

सीएमएस डाॅ. राजेंद्र कुमार ने बताया कि स्कीन के डाॅ. आरजू मिश्र कार्यालय में पत्रक दिए हैं। जिसमें वे अनिश्चितकालीन कालीन अवकाश पर रहने का जिक्र किया है। छह महीने से अधिक समय से वे अवकाश पर हैं। उनसे एक दो बार संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन नहीं हो सका। स्कीन के जो भी मरीज चिकित्सालय आते हैं।

उन्हें एमबीबीएस, एमडी डाक्टर दवा उपलब्ध कराते हैं।

एक महीने में सोलर वॉटर कूलर का कार्य होगा पूरा

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। नगर पंचायत ज्ञानपुर में नागरिकों की सुविधा को छह वाटर पंप शुरू हो गया है। जबकि 15 वांटर पंप लगाने का काम चल रहा है जो एक माह में पूर्ण हो जाएगा। शुद्ध पेयजल आपूर्ति कराने की दिशा में नगर पालिका प्रशासन स्तर से कुल एक करोड़ एक करोड़ 75 लाख की लागत से 21 सोलर वॉटर कूलर लगाने का काम चल रहा है।

अधिशासी अधिकारी राजेंद्र कुमार दूबे ने बताया कि विभूति नारायण राजकीय इंटर कॉलेज मैदान, जिला कारागार, राजा बाजार, कोतवाली परिसर ज्ञानपुर व हनुमान मंदिर समेत छह स्थान पर सोलर वॉटर कूलर लग चुका है जिसका लाभ नागरिक उठा रहें हैं।

शेष 15 में आठ वाटर कूलर का काम एक सप्ताह के अंदर हो जाएगा। शेष सात वाटर कूलर एक महीने में लगकर तैयार हो जाएंगे। यानी एक माह के अंदर सोलर वॉटर कूलर लगाने का काम पूर्ण रुप से खत्म हो जाएगा। इससे नागरिकों को शुद्ध पेयजल का लाभ मिलेगा।

बिजली आपूर्ति बाधित होने पर भी इन स्थानों पर पेजयल किल्लत का सामना नागरिकों को नहीं करना पड़ेगा। एक वाटर कूलर लगाने में करीब साढ़े सात लाख रुपए की लागत आती है।

बंद मकान से लाखों की भीषण चोरी, मुंबई से घर पहुंचे रहवासियों के उड़े होश

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। कोइरौना थाना क्षेत्र के कलिक मवैया गांव में एक बंद मकान से करीब 15 से 20 लाख कीमत के आभूषण, बर्तन आदि की बड़ी चोरी की वारदात हुई है। जब गृहस्वामी रमाकांत तिवारी परिवार संग घर पहुंचे, तो मकान में हुई चोरी की घटना देख होश उड़ गए।

सूचना पर स्थानीय पुलिस घटना की तहकीकात में जुट गई है। फोरेंसिक टीम ने भी मौके से साक्ष्य जुटाए हैं। पीड़ित के अनुसार लाखों रुपये के सोने की चैन, तीन अंगूठी, मंगलसूत्र, 4 स्वर्ण कंगन, करधनी, सहित टीवी, बर्तन, कपड़े आदि मंहगें सामान चोरी हुई है। पुलिस की निष्क्रियता से आये दिन हो रही चोरियों से इलाके में दहशत का माहौल है।प्राप्त जानकारी के अनुसार कोइरौना क्षेत्र के कलिक मवैया गांव निवासी रमाकांत तिवारी परिवार समेत मुंबई रहते हैं।

बीच बीच में शादी-विवाद आदि मौकों पर गांव आना जाना हुआ करता है। दो माह पूर्व गांव के पक्के मकान में ताला लगाकर सभी मुम्बई चले गए थे। किसी कार्यक्रम हेतु मुंबई से परिवारजन घर पहुंचे, और ताला खोला तो मुख्य द्वार अंदर से बंद किया हुआ था।

किसी तरह जब अंदर दाखिल हुए तो नजारा देख पैरों तले जमीन खिसक गयी। कई कमरों के दरवाजे के ताले टूटे हुए थे और सामान तितर-बितर थे। अंदर रखे बक्से व अलमारी के ताले तोड़ सोने-चांदी के गहने, स्टील पीतल के कई सेट बर्तन, कपड़े आदि महंगे सामान चोर उठा ले गए थे।

स्थिति देख लोगों का कहना रहा कि चोर छत पर चढ़ सीढ़ी के दरवाजे का ताला चटकाकर नीचे उतरे होंगें। और कमरों का ताला तोड़ उसी रास्ते सामान पार कर दिए। चोरों ने अंदर से मुख्य द्वार को अंदर से बंद भी कर दिया था।

गृहस्वामी की मानें तो चोरी गए आभूषणों आदि की कीमत लगभग 20 लाख रुपये है। सूचना पर थानाध्यक्ष गीता राय ने टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर छानबीन की। चोरी की इस बड़ी वारदात की सूचना से इलाके में हड़कंप रहा।

तीन डिग्री गिरेगा पारा,दो दिसंबर को बारिश के आसार

नितेश श्रीवास्तव 

भदोही ‌ पश्चिम विक्षोभ के कारण उत्तर पश्चिम के राज्यों में मौसम बदल गया है। इन क्षेत्रों में बर्फबारी और हल्की बारिश हुई है। इसका असर भदोही में भी देखने को मिल रहा है। हवाएं सर्द हो गई है। मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि जिले में दो दिसंबर तक हल्की बारिश हो सकती है। इस दौरान दो से तीन डिग्री सेल्सियस तापमान लुढ़क सकता है।

मौसम का असर लोगों की सेहत पर भी सेहत पर भी पड़ रहा है। इसके चलते जिला अस्पताल की ओपीडी में मौसमी बीमारी ग्रस्त 816 मरीज पहुंचे। चिकित्सकों ने उन्हें दवा के साथ सतर्क रहने की हिदायत दी। वहीं मौसम विभाग ने दो दिसंबर तक बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया है। 

मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम बदल रहा है। नोएडा, गाजियाबाद,व मध्य उत्तर प्रदेश के क‌ई हिस्सों में बादल छाए हुए हैं। बारिश की संभावना है। पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र में भी बारिश हो सकती है।

 इसका असर दो से तीन दिन में जनपदों में दिखाई देगा। जिले में तापमान में गिरावट के साथ हल्की बारिश व बूंदाबांदी देखने को मिल सकता है। बताया कि कंपकंपाने वाली सर्द की शुरुआत हो चुकी है। रविवार को जनपद में रात में के समय तापमान में काफी गिरावट देखने को मिली थी।

 न्यूनतम तापमान 11.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। 

मौसम विशेषज्ञों की मानें तो पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र में भी बारिश हो सकती है। इसका सीधा असर दो से तीन में जनपद में दिखाई देगा। जिले में तापमान में गिरावट के साथ हल्की बारिश व बूंदाबांदी देखने को मिल सकती है। बताया कि कंपकंपाने वाली सर्दी की शुरुआत हो चुकी है।

 धीरे-धीरे मौसम का रुख बदल रहा है। आगामी दिनों मौसम का रुख तेजी से बदलेगा। इसका असर रविवार को जनपद में रात के समय तापमान में काफी गिरावट देखने को मिल रही थी। कार्तिक पूर्णिमा के बाद से मौसम ने तेजी से करवट बदला है। 

दो दिसंबर तक लुढ़केगा पारा और बढ़ेगी ठिठुरन मौसम विभाग ने आगामी चार दिनों में न्यूनतम और अधिकतम तापमान में दो डिग्री सेल्सियस लुढ़कने की संभावना व्यक्त की है। मौसम विभाग ने बताया कि पिछले 24 घंटे में अधिकतम तापमान में 25.8 डिग्री सेल्सियस लुढ़का है।

 चार दिनों तक पूर्वा हवाएं चलेंगी। आगामी दिनों में जिले में दिन का तापमान 23 से 26 डिग्री सेल्सियस और रात में तापमान 12 डिग्री सेल्सियस तक तापमान दर्ज किया जाएगा। सुबह शाम कोहरा छाया रहेगा।

राजकीय विद्यालय कुर्सी,मेज कम नहीं बन पाए परीक्षा केंद्र

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा के लिए केंद्रों की अंतिम सूची जारी होने पर माध्यमिक शिक्षा विभाग में गहमागहमी बढ़ गई है। 93 परीक्षा केंद्रों में शामिल सात राजकीय विद्यालयों को केंद्र की सूची से बाहर होंगे।

संसाधनों की कमी के कारण उनकी जगह छात्र- छात्राओं की सुविधा के हिसाब से अन्य विद्यालयों को केंद्र बनाया जाएगा। अबकी बार 10 राजकीय विद्यालय भी केंद्र बनाए गए हैं।

जिले में बोर्ड परीक्षा की तैयारी वैसे तो अगस्त से ही शुरू हो चुकी है। 193 माध्यमिक एवं इंटर कॉलेजों ने केंद्र बनने के लिए परिषद की वेबसाइट पर संसाधनों, शिक्षकों की प्रोफाइल को अपलोड किया था।

परिषद ने 93 स्कूलों को केंद्र बनाने पर मुहर लगाते हुए अंतिम सूची को जारी कर दिया। इसमें विभुति नारायण राजकीय इंटर कॉलेज ज्ञानपुर,दो माॅडल राजकीय इंटर कालेज समेत कुल 10 राजकीय विद्यालयों को केंद्र बनाया गया है, जबकि सात राजकीय हाईस्कूल में परीक्षा के सभी मानक पूर्ण नहीं हो रहे हैं।

जिसको लेकर विभाग ऐसे विद्यालय को चिन्हित कर पहले ही सूची से बाहर करने में जुट गया है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के मुताबिक विभूति नारायण राजकीय इंटर कॉलेज ज्ञानपुर, पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय बालिका इंटर कॉलेज महाराजगंज और माॅडल काॅलेज सागररापुर ही केंद्र बनेंगे जबकि राजकीय हाईस्कूल महुआपुर,परागासपुर,लालीपुर, हरिचंदनपुर, कसिदहां और राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय रयां को केंद्र नहीं बनाया जाएगा।

जिला विद्यालय निरीक्षक विकालय भारती ने बताया कि सात राजकीय विद्यालयों में जरूरी सुविधाएं नहीं हैं। जिससे वहां केंद्र बन सकेंगे। डीएम की ओर से गठित टीम के सत्यापन के बाद कुछ वित्तविहीन विद्यालयों को सूची से बाहर किया जाएगा।

पारा लुढ़का, न बने रैन बसेरे और न ही अलाव की व्यवस्था

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले की ज्ञानपुर नगर पंचायत को छोड़कर अन्य पालिका एवं नगर पंचायतों में अभी तक रैन बसेरा नहीं बनाया गया। जिससे ठंड में ईधर-उधर टहलने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

नवंबर के अंतिम सप्ताह में न्यूनतम तापमान 13 डिग्री तक पहुंच चुका है, लेकिन अब तक अलाव एवं रैन बसेरे की व्यवस्था न होने से लोगों में नाराजगी बढ़ रही है। दूसरी तरफ परिषदीय स्कूलों के 16 हजार बच्चों के खाते में अब तक स्वेटर का पैसा नहीं पहुंच पाया है।जिससे ठंड में नौनिहाल ठिठुरने को मजबूर होंगे।

जनपद में अचानक से तापमान गिरने के कारण ठंड बढ़ी है। जिले के निकायों में रैन बसेरा और अलाव की व्यवस्था अब तक नहीं हो सकी है। निकाय प्रशासन की उदासीनता के कारण निकायों में अब तक ठंड से निपटने के इंतजाम नहीं हो सके हैं।कालीन नगरी में सोमवार को दिनभर काले बादल छाए रहे।

जिससे लोग अलाव के पास बैठकर दिन बिताया। जिले में भदोही और गोपीगंज नगर पालिका के साथ ही ज्ञानपुर, सुरियावां, नईबाजार, घोसिया और खमरिया नगर पंचायत है। इन सातों निकायों में केवल ज्ञानपुर नगर पंचायत में अब तक रैन बसेरे का इंतजाम है, शेष किसी भी नगर पंचायत में न तो रैन बसेरा बन सका है।

और न ही अलाव की व्यवस्था की जा सकी है। जिले में अब धीरे-धीरे ठिठुरन भरी ठंड शुरू हो चुकी है। जिससे निपटने के निकायों में इंतजाम नाकाफी है। निकायों में जिम्मेदारों का कहना है कि अभी ठंड और बढ़ने पर व्यवस्थाओं को दुरूस्त कर लिया जाएगा।

ज्ञानपुर में रैन बसेरा तो है, लेकिन 50 बेड का रैन बसेरा 30 बेड का बन चुका है। गोपीगंज, भदोही, सुरियावां, नईबाजार, घोसिया और खमरियां में न तो रैन बसेरा बना है और न ही अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। ज्ञानपुर के ईओ राजेंद्र दूबे ने बताया कि नगर में शेल्टर होम है। इसी को रैन बसेरा बनाया जाता है।

वहां व्यवस्थाएं सृदृण कर दी गई है। वहीं अलाव की व्यवस्था भी एक-दो दिन में कर ली जाएगी। भदोही नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी रविशंकर शुक्ला और नई बाजार के ईओ सुजीत कुमार ने बताया कि आने वाले ठंड को देखते हुए नगर पालिका ने पूरी तैयारी कर ली है।

अलाव के लिए लकड़ी और रैन बसेरा संचालन के लिए टेंडर आदि की प्रक्रिया कर ली गई है। सुरियावां में दिसंबर माह के प्रथम सप्ताह तक ठंड तक व्यवस्थाएं दुरूस्त कर ली जाने की बात बतायी गई। वहीं गोपीगंज, घोसिया और खमरिया के ईओ के अनुसार अभी ठंड उतना नहीं पड़ रहा है।

शासन का निर्देश मिलने के बाद ही व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जाएगा।

नगर में शेल्टर होम है, जहां कुल 20 बेड़ है। इसमें से अधिकांश बेड़ बदहाल स्थित में पडे थे। इसके बाद नगर पंचायत ने तत्काल उसका मरम्मत कार्य करवा कर सारे बेड़ दुरुस्त करा दिया गया है।

शेल्टर होम में तैनात केयर टेकर मिठाई लाल बिंद ने बताया कि सारे बेड़ दूरुस्त है। अलाव की अभी व्यवस्था नहीं है, लेकिन दिसंबर के पहले सप्ताह तक हो जाएगा। कुल 20 बेड़ है, जिसमें से 16 पुरुष और चार महिलाओं के लिए संरक्षित है।

धर्मस्थलों से पुलिस ने उतारे 75 लाउडस्पीकर

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। शासन के निर्देश पर मंगलवार को पुलिस महकमे की तरफ से ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की गई। अलग-अलग थानों की पुलिस ने धार्मिक स्थलों पर लगे 75 लाउडस्पीकर और ध्वनि विस्तारक यंत्रों को हटवाया। धर्मगुरुओं से संवाद स्थापित कर नियम के तहत ही संचालन का निर्देश दिया।

पुलिस अधीक्षक डॉ. मीनाक्षी कात्यायन ने आम जनता को ध्वनि प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए निर्देश दिया था। उसी क्रम में सोमवार को अलग-अलग थानों की पुलिस टीमों ने ज्ञानपुर, गोपीगंज, घोसिया, माधोसिंह, खमरिया, भदोही, नई बाजार, सुरियावां, चौरी आदि क्षेत्रों में अभियान चलाकर कार्रवाई की।

क्षेत्राधिकारी और थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ अपने-अपने थाना क्षेत्र के सभी धार्मिक स्थलों पर धर्म गुरुओं से संवाद किया। ध्वनि प्रदूषण के तहत माननीय न्यायालय की तरफ से जारी निर्देशों को बताया। अभियान में 209 लाउडस्पीकर और ध्वनि विस्तारक यंत्र मानक के विपरीत पाए गए।

जिनमें से 134 की ध्वनि सीमा को मानक के अनुसार नियंत्रित करवाया गया और 75 लाउडस्पीकर को हटवाया गया। नियमों का पालन न करते पाए जाने पर 10 लाउडस्पीकर संचालकों के खिलाफ 290 आईपीसी के तहत कार्यवाही की गई। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक डॉ. मीनाक्षी कात्यायन ने बताया कि शासन के निर्देश के क्रम में अभियान चलाकर तेज ध्वनि वाले यंत्रों कम करवाने के साथ ही जहां भी एक से ज्यादा लाउडस्पीकर लगे थे।

उसे उतरवाया गया है। तेज ध्वनि की वजह से पढ़ने वाले बच्चों के साथ ही मरीजों को भी परेशानी होती है। ऐसे में हमें निश्चित डेसीबल पर ही साउंड बजाना चाहिए। जिससे दूसरों को परेशानी न हो। यह अभियान आगे भी चलेगा।

जिले में डेंगू के मिले छह नए मरीज

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। गलीचों के शहर में डेंगू केस में वृद्धि होता जा रहा है। बुखार होते ही लोग डेंगू की आंशका से बैचेन हो जा रहें हैं। वहीं आए दिन बढ़ रहे डेंगू केस ने स्वास्थ्य महकमा चिंतित करने लगा है। न‌ई रिपोर्ट में आई डेंगू के छह नए केस मिले जिससे कुल मरीजों की संख्या 530 हो गई।

बुखार होते ही मरीजों के परिजनों को डेंगू की चिंता सताते लगती है। ऐसे में महाराजा चेतसिंह जिला अस्पताल की पैथोलाजी हो या प्राइवेट हर तरफ मरीजों की लंबी कतार लग रही है। जिला मलेरिया अधिकारी राम आसरे पाल ने बताया कि अब तक तक कुल 530 संभावना मरीजों की जांच हो चुकी है। जिसमें कुल 265 मरीजों की संख्या हो गई है।

डेंगू बीमारी से बचाव को खास एहतियात बरतने की जरूरत है। शाम को घर में है तो भी पूरी बांही का कपड़ा पहनें। बीमारी का लक्षण दिखते ही तत्काल उचित इलाज कराएं। इलाज में किसी स्तर से लापरवाही मरीजों के लिए घातक साबित हो सकती है।