भारत-बांग्लादेश के लिए ऐतिहासिक दिन, दोनों देशों से जुड़ी तीन परियोजनाओं का उद्घाटन

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना संयुक्त रूप से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तीन विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया है।ये परियोजनाएं भारत की सहायता से लागू की जा रही हैं, जिनसे संचार और ऊर्जा के क्षेत्र में विकास होगा।

इस दौरान अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, पिछले 9 वर्षों में हमारा व्यापार तीन गुना हो गया है। आज अखौरा-अगरतला रेल लिंक का उद्घाटन एक ऐतिहासिक क्षण है। यह बांग्लादेश और भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों के बीच पहला रेल लिंक है। मुक्ति संग्राम के दिनों से ही त्रिपुरा का बांग्लादेश के साथ मजबूत रिश्ता रहा है। मुझे खुशी है कि हमने मैत्री थर्मल पावर प्रोजेक्ट की दूसरी इकाई का उद्घाटन किया है।

उन्होंने आगे कहा, ये बहुत खुशी की बात है कि हम एक बार फिर भारत-बांग्लादेश की सफलता को मनाने के लिए एक साथ जुड़े हैं। हमारे संबंध नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। नौ वर्षों में जितना काम किया गया है, उतना कई दशकों में नहीं हुआ। दोनों देशों के बीच लैंड बाउंड्री एग्रीमेंट और मैरीटाइम एग्रीमेंट किया गया। दोनों देशों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए विशेष बल दिया। तीन नए बसों की सेवा शुरू की गई। पिछले नौ साल में तीन रेल सेवाएं भी शुरू की गईं।

शेख हसीना ने जताया आभार

इस दौरान बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने कहा कि इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं का संयुक्त उद्घाटन भारत और बांग्लादेश के बीच मित्रता और सहयोग को दर्शाते हैं। इसके साथ ही शेख हसीना ने कहा कि जी 20 के दौरान जब वो भारत आई थी तो भारत में उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत हुआ था इसके वो पीएम मोदी को धन्यवाद देती हैं।

ये हैं भारत-बांग्लादेश के बीच की तीन विकास परियोजनाएं

ये तीनों परियोजनाएं भारत की सहायता से क्रियान्वित की गई हैं। इनमें अखौरा-अगरतला क्रॉस-बॉर्डर रेल लिंक, खुलना-मोंगला पोर्ट रेल लाइन और मैत्री सुपर थर्मल पावर प्लांट की यूनिट-तीन, परियोजना शामिल हैं। अखौरा-अगरतला क्रॉस-बॉर्डर रेल लिंक परियोजना को भारत सरकार की ओर से बांग्लादेश को दी गई 392.52 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता के तहत क्रियान्वित किया गया है। पीएमओ के बयान में कहा गया है कि बांग्लादेश में 6.78 किमी दोहरी गेज रेल लाइन और त्रिपुरा में 5.46 किमी के साथ रेल लिंक की लंबाई 12.24 किमी है।

खुलना-मोंगला पोर्ट रेल लाइन परियोजना को भारत सरकार की रियायती कर्ज सुविधा के तहत 38.83 करोड़ अमेरिकी डॉलर की कुल परियोजना लागत के साथ तैयार किया गया है। इस परियोजना में मोंगला बंदरगाह और खुलना में मौजूदा रेल नेटवर्क के बीच करीब 65 किमी ब्रॉड गेज रेल मार्ग का निर्माण शामिल है। इसके साथ ही बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा बंदरगाह मोंगला ब्रॉड-गेज रेलवे नेटवर्क से जुड़ गया है।

15 किमी लंबा अगरतला-अखौरा क्रॉस बॉर्डर रेल संपर्क (भारत में 5 किमी और बांग्लादेश में 10 किमी) सीमा पार व्यापार को बढ़ावा देगा और ढाका के रास्ते अगरतला से कोलकाता आने-जाने में लगने वाला समय भी घटाएगा। फिलहाल, ट्रेन को अगरतला से कोलकाता पहुंचने में 31 घंटे लगते हैं, जो इस परियोजना के शुरू होने के बाद 21 घंटे रह जाएंगे।

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण पर सभी दल सहमत, सीएम शिंदे बोले- कानून की सीमा में ही होगा प्रावधान

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महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को मराठा आरक्षण को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है। महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि बुधवार को मराठा आरक्षण पर हुए सर्वदलीय बैठक में सभी दल इस पर सहमत हुए कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह तय किया गया कि आरक्षण को कानून की सीमा में ही दिया जाएगा और इसके प्रावधान इस तरह होंगे कि किसी दूसरे समुदाय के साथ नाइंसाफी न हो।साथ ही मुख्यमंत्री ने आंदोलनकारियों से अपील की है कि सरकार को समय देने के साथ प्रयासों पर भी भरोसा रखें।

सर्वदलीय बैठक के बाद मुख्यमंत्री से पत्रकारों से बात कर मीटिंग के संबंध में जानकारी दी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, आज सर्वदलीय बैठक में मौजूद सभी दलों की राय मराठा समुदाय को आरक्षण देने पर थी। सीएम शिंदे ने कहा, मैं मनोज जारांगे पाटिल से अनुरोध करता हूं कि सरकार के प्रयासों पर भरोसा रखें। यह विरोध एक नई दिशा लेने लगा है। आम लोगों को असुरक्षित महसूस नहीं करना चाहिए। मैं सभी से शांति बनाए रखने और राज्य सरकार के साथ सहयोग करने का अनुरोध करता हूं।

शिंदे ने कहा कि मराठा समुदाय को आरक्षण देने को लेकर सभी एकमत हैं। इसके कानूनी पहलुओं को पूरा करने के बाद ही स्थायी आरक्षण दिया जा सकता है और राज्य में सभी दल इस संबंध में मिलकर काम करने को तैयार हैं। जल्द से जल्द कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, उसे आवश्यक समय देना आवश्यक है। इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए। राज्य में जो हिंसा की घटनाएं हुई हैं और हो रही हैं, वे अनुचित हैं और इससे आंदोलन की बदनामी हो रही है। हम इन घटनाओं को दृढ़ता से अस्वीकार करते हैं। अपील की जा रही है कि राज्य में कोई भी कानून को हाथ में न ले, राज्य में शांति और कानून व्यवस्था कायम रहे। मनोज जरांगे पाटिल से भी अनुरोध है कि वे सहयोग करें और अपना अनशन वापस लें।

मराठा आरक्षण आंदोलन के बीच राज्य की स्थिति पर चर्चा के लिए सीएम एकनाथ शिंदे ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। ये बैठक मुंबई में हुई, जिसमें उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस (बीजेपी के), एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, वरिष्ठ कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण (कांग्रेस), शिवसेना (यूबीटी) नेता अनिल परब समेत अन्य मौजूद रहे। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने पहले कहा था कि शिंदे विपक्षी नेताओं को स्थिति से निपटने के लिए सरकार के प्लांस के बारे में जानकारी देंगे और उनका समर्थन मांगेंगे। पिछले कुछ दिनों में राज्य के कई हिस्सों में हिंसा की घटनाएं देखी गईं।

बता दें कि मराठा आरक्षण की मांग करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे आमरण अनशन की शुरुआत कर चुके हैं। शिंदे सरकार का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में सरकार आरक्षण देने के तरीके तलाश रही है। बता दें कि देश की सबसे बड़ी अदालत ने आरक्षण को लेकर ऊपरी सीमा तय कर रखी है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट याचिकाओं को खारिज भी कर चुका है।

विश्व कप के पहले सेमीफाइनल में जीत का जश्न होगा फीका, बीसीसीआई ने लिया बड़ा फैसला

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दुनिया भर में विश्व कप 2023 की धूम देखने को मिल रही है। इस बार वनडे विश्व कप का आयोजन भारत में हो रहा है। भारत के 10 शहरों में विश्व कप के मैच खेले जा रहे हैं। वहीं दर्शकों को हर मैच में मजेदार लाइटिंग शो भी देखने को मिल रहा है। जो दर्शकों को काफी लुभा भी रहा हैं। लेकिन अब मुंबई और दिल्ली के मैदानों पर दर्शकों को ये शानदार लाइटिंग शो देखने को नहीं मिलेगा। बीसीसीआई ने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए ऐसा फैसला लिया है। बीसीसीआई ने दिल्ली और मुंबई में हवा की गुणवत्ता खराब होने के कारण दोनों बड़े शहरों में विश्व कप के बाकी मैचों के दौरान आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगा दिया है।

मुंबई और दिल्ली दोनों शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब होने के चलते बीसीसीआई ने मैच के बीच मैदान में आतिशबाजी नहीं करने का फैसला किया है। बीसीसीआई सचिव जय शाह ने कहा कि, “मुंबई और नई दिल्ली दोनों में वायु गुणवत्ता को लेकर पैदा हुए हालात को देखते हुए इन शहरों में होने वाले मुकाबलों में कोई आतिशबाजी नहीं होगी क्योंकि इससे प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है।

जय शाह ने कहा कि बीसीसीआई पर्यावरण संबंधी चिंताओं के प्रति संवेदनशील है। मैंने इस मामले को आईसीसी के सामने उठाया और मुंबई में कोई आतिशबाजी का प्रदर्शन नहीं होगा। आतिशीबाजी से प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है। बोर्ड पर्यावरणीय मुद्दों से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है। अपने फैंस और स्टेकहोल्डर्स के हितों को हमेशा सबसे आगे रखेगा

बता दें कि दिल्ली में अब इस विश्व कप का सिर्फ एक मैच होना है। छह नवंबर को यहां बांग्लादेश का सामना श्रीलंका से होगा, जबकि मुंबई में अभी तीन मैच होने हैं। पहले भारतीय टीम यहां दो नवंबर को श्रीलंका से खेलेगी। इसके बाद सात नवंबर को ऑस्ट्रेलिया का मुकाबला अफगानिस्तान से है और 15 नवंबर को पहले सेमीफाइनल की मेजबानी इसी मैदान को करनी है।

कौन है हमास कमांडर इब्राहिम बियारी, जिसे इजराइल ने गाजा के सबसे बड़ा शरणार्थी शिविर के हमले में मार गिराया

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इजराइल और हमास के बीच तीन सप्ताह से अधिक समय से युद्ध जारी है। अब तक इस संघर्ष में साढ़े नौ हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।इस बीच इजरायली सेना को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। इजरायल डिफेंस फोर्सेज ने हमास के एक और बड़े कमांडर को हवाई हमले में ढेर कर दिया है। मंगलवार को सिलसिलेवार धमाकों के बाद इजरायली सेना ने दावा किया कि शरणार्थी शिविर में हमास कमांडर की भी मौत हो गई, जिसका हाथ 7 अक्टूबर के हमले में था।

इजरायली सेना ने एक्स पर किए पोस्ट में बताया कि उसने हमास के एक और बड़े कमांडर इब्राहिम बियारी को हवाई हमले में मार गिराया है। इजरायली सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल जोनाथन कोनरिक्स ने बताया है कि गाजा के जबालिया शरणार्थी शिविर हमले में इजरायल के निशाने पर हमास का सीनियर कमांडर इब्राहिम बियारी था। जोनाथन कोनरिक्स ने दावा किया है कि इस हमले में हमास के 'कई लड़ाके' भूमिगत सुरंगों में मारे गए हैं। इन सुरंगों से ही बियारी ऑपरेशन का अंजाम देता था। इजरायली डिफेंस फोर्स के प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने भूमिगत सुरंगों की नेटवर्क को निशाना बनाया था जिसके कारण आसपास की कई इमारतें ढह गई, इस नुकसान को टाला नहीं जा सकता था।

बताया जा रहा है कि हमास का यह कमांडर 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमले के मुख्य सूत्रधारों में से एक था। यह 13 इजरायलियों की बर्बर हत्या का भी गुनहगार था। इसने वर्ष 2004 में भी इजरायल पर बड़ा आतंकी हमला किया था। इजरायल पर रॉकेट दागने समेत हमास की प्रमुख कार्रवाई को लीड करता था। यह हमास के सेंट्रल जबालिया बटालियन का कमांडर था। इससे पहले इजरायली सेना ने हमास के दर्जन भर से ज्यादा बड़े कमांडरों को मार गिराया है। अब तक 1100 से अधिक हमास आतंकी मारे जा चुके हैं।

दिल्ली में दम घोंटू हुई हवा, लगातार जहरीले हो रहे है वातावरण में सांस लेना हुआ मुश्किल, AQI पहुंचा 373

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दिल्ली की हवा लगातार खराब हो रही है।दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने के साथ ही जहरीली दवा के स्तर में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बुधवार (1 नवंबर) को लगातार पांचवें दिन ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही। क्योंकि बुधवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 373 पर पहुंच गया। इससे पहले सोमवार को दिल्ली के कई इलाकों में AQI 400 के पार पहुंच गया था।

न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी और उसके उपनगरों में मंगलवार को धुंध छाई रही और शहर का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 350 दर्ज किया गया, जो इस मौसम में अब तक का सबसे अधिक है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, सोमवार (30 अक्टूबर) को यह 347 और रविवार को 325 था। इस बीच, आर्थिक राजधानी मुंबई में हवा की गुणवत्ता 173 AQI के साथ ‘मध्यम’ श्रेणी में थी।

पराली और अन्य कारणों से स्मोक आ रहा

हवाओं की दिशा बदलने के साथ पराली और अन्य कारणों की वजह से स्मोक राजधानी में आ रहा है। अगले दो से तीन दिनों तक स्थिति स्मोक वाली ही रह सकती है। ऐसे में लोगों की परेशानियां और बढ़ सकती हैं। सुबह की तुलना में शाम को स्मोक की वजह से हालात अधिक बुरे हो गए। तीन बजे के बाद स्मोक की वजह से विजिबिलिटी भी कम होने लगी। साथ ही, लोगों को आंखों में जलन, घुटन, थकावट, सांस में तकलीफ आदि की समस्या भी होने लगी। लोगों का बाहर रहना मुश्किल हो रहा था। मौसम विभाग के अधिकारी के अनुसार, सुबह के समय भी स्मोक था, लेकिन इसका असर कम था। शाम होते-होते स्मोक बढ़ने लगा। इसकी वजह से विजिबिलिटी भी कम हो गई। हवाओं की कम गति के साथ बदली दिशाओं की वजह से भी स्मोक दिल्ली में पहुंच रहा है। अगले दो से तीन दिन हालात ऐसे ही बने रहने की संभावना है।

अक्टूबर महीने में प्रदूषण स्तर? 

दिल्ली में इस बार का अक्टूबर महीना पिछले तीन सालों में सबसे प्रदूषित रहा। सामान्य बारिश न होने की वजह से भी लोगों को ज्यादा एयर पॉल्यूशन का सामना करना पड़ रहा है। केंद्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक के मुताबिक, जनवरी से अक्टूबर तक के आंकड़े देखें तो इस बार पहले की तुलना में प्रदूषण का स्तर कम रहा। हालांकि, बारिश की कमी से 2021 और 2022 की तुलना में इस बार अक्टूबर में प्रदूषण का स्तर ज्यादा रहा। इस बार अक्टूबर का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 219 रहा। साल 2022 में यह 210 और साल 2021 में यह 173 अंक पर था।

दिल्ली में आज से ग्रैप-2 लागू

वहीं, दिल्ली सरकार ने पिछले कुछ दिनों से राजधानी में गंभीर प्रदूषण के हालात को देखते हुए ग्रैप-2 (GRAP-2) लागू करने का फैसला लिया है। यह फैसला आज बुधवार सुबह से लागू हो गया है। इसका मकसद दिल्ली में प्रदूषण पर काबू पाना है। अब दिल्ली में रहने वाले और राजधानी से अपने वाहनों से गुजरने वाले लोगों को ग्रैप-2 के नियमों का पालन करना होगा। दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते खतरे को देखते हुए दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि ग्रैप-2 के प्रावधान लागू होने के बाद 1 नवंबर से दिल्ली में अन्य राज्यों की डीजल बसें एंट्री नहीं कर पाएंगी। दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट विभाग ने एक सर्कुलर जारी कर 1 नवंबर से दिल्ली में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और पंजाब से आने वाली डीजल बसों पर रोक लगा दी है। अब दिल्ली में उन्हीं डीजल बसों को प्रवेश की इजाजत मिलेगी, जो बीएस6 कैटेगरी वाली हैं। इसके अलावा सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों की भी एंट्री बनी रहेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

लगातार खराब हो रही हवा पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। जस्टिस एसके कौल की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने मंगलवार को दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकार को वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उनके द्वारा शुरू किए गए उपायों को गिनाते हुए एक हफ्ते के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग होती जा रही हिंसक, मंत्री और एनसीपी नेता हसन मुश्रीफ की गाड़ी पर हमला

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महाराष्ट्र में जारी मराठा आरक्षण आंदोलन अब हिंसक रूप ले चुका है। मराठा आरक्षण की मांग कर रहे मराठा समुदाय के लोग हिंसक रवैया अपना रहे हैं। प्रदर्शनकारी मंत्रियों के आवासों और दफ्तरों में तोड़फोड़ कर रहे हैं। ताजा मामला ये है कि महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और अजित पवार गुट के नेता हसन मुश्रीफ की गाड़ी में तोड़फोड़ की गई है। मुंबई के कोलाबा में स्थित आकाशवाणी विधायक आवास के पास दो अज्ञात लोगों ने इस हमले को अंजाम दिया।

एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता हसन मुश्रीफ की गाड़ी पर बुधवार को अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया। घटना के सिलसिले में मुंबई पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना के वक्त मंत्री मुशरिफ गाड़ी में मौजूद नहीं थे। मंत्री के गाड़ी पर हमले के बाद उनके घर के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। एएनआई की ओर से जारी किए गए एक वीडियो में दो लोगों को मराठा आरक्षण के लिए नारे लगाते हुए देखा जा सकता है। इस दौरान दोनों लोगों को मंत्री की कार पर हमला करते हुए भी देखा जा सकता है। दोनों लोगों ने मंत्री की कार का शीशा तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि मंत्री की कार मुंबई के कोलाबा में आकाशवाणी के पास विधायक के आवास पर खड़ी थी।

पुलिस ने इस मामले में 3 आरोपियों को हिरासत में लिया है। गौरतलब है कि मराठा आरक्षण को लेकर मराठा समाज के लोग अब नेताओं को टारगेट कर रहे हैं। जिसके चलते अब मुख्यमंत्री समेत नेताओं और मंत्रियों के आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

वहीं, दूसरी तरफ मराठा आरक्षण आंदोलन का समर्थन करते हुए पुणे में छत्रपति शिवाजी महाराज मार्केट के मजदूर संघ ने एक दिन के लिए बाजार बंद का एलान किया है। एपीएमसी के अंतर्गत आने वाले सभी व्यापार और व्यवसाय ने आज कार्यकर्ता मनोज जरांगे के समर्थन में एक दिन के लिए बंद का आह्वान किया है।

आपको बता दें कि महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन लगातार तेज हो रहा है। राज्य में बढ़ रहे विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है। हालांकि सर्वदलीय बैठक को लेकर शिवसेना (उद्धव बाल ठाकरे) सांसद संजय राउत ने आरोप लगाया है कि उनकी पार्टी के सांसदों और विधायकों को इस बैठक में नहीं बुलाया गया है। संजय राउत ने कहा कि राज्य सरकार ने केवल महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे को बैठक का आमंत्रण भेजा है।

भारत-बांग्‍लादेश रिश्‍तों के लिए अहम दिन, पीएम मोदी और शेख हसीना क्रॉस-बॉर्डर रेल लाइन समेत 3 विकास परियोजनाओं का करेंगे उद्घाटन

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भारत और बांग्‍लादेश के बीच हमेशा से अच्छे संबंध रहे हैं। दोनों देशों के रिश्‍तों के लिए आज का दिन और खास होने जा रहा है। दरअसल आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना बुधवार को सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संयुक्त रूप से तीन विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के एक आधिकारिक बयान में इसकी जानकारी दी गई।

तीनों परियोजनाओं के लिए भारत ने की सहायता

ये तीनों परियोजनाएं भारत की सहायता से क्रियान्वित की गई हैं। इनमें अखौरा-अगरतला क्रॉस-बॉर्डर रेल लिंक, खुलना-मोंगला पोर्ट रेल लाइन और मैत्री सुपर थर्मल पावर प्लांट की यूनिट-तीन, परियोजना शामिल हैं। अखौरा-अगरतला क्रॉस-बॉर्डर रेल लिंक परियोजना को भारत सरकार की ओर से बांग्लादेश को दी गई 392.52 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता के तहत क्रियान्वित किया गया है। पीएमओ के बयान में कहा गया है कि बांग्लादेश में 6.78 किमी दोहरी गेज रेल लाइन और त्रिपुरा में 5.46 किमी के साथ रेल लिंक की लंबाई 12.24 किमी है।

खुलना-मोंगला पोर्ट रेल लाइन परियोजना को भारत सरकार की रियायती कर्ज सुविधा के तहत 38.83 करोड़ अमेरिकी डॉलर की कुल परियोजना लागत के साथ तैयार किया गया है। इस परियोजना में मोंगला बंदरगाह और खुलना में मौजूदा रेल नेटवर्क के बीच करीब 65 किमी ब्रॉड गेज रेल मार्ग का निर्माण शामिल है। इसके साथ ही बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा बंदरगाह मोंगला ब्रॉड-गेज रेलवे नेटवर्क से जुड़ गया है।

1.6 अरब डॉलर के भारतीय रियायती वित्तपोषण योजना ऋण के तहत मैत्री सुपर थर्मल पावर परियोजना बांग्लादेश के खुलना डिवीजन के रामपाल में स्थित 1320 मेगावाट सुपर थर्मल पावर प्लांट (एमएसटीपीपी) है। यह परियोजना बांग्लादेश-भारत मैत्री पावर कंपनी (प्राइवेट) लिमिटेड (बीआईएफपीसीएल) की ओर से कार्यान्वित की गई है। यह भारत की एनटीपीसी लिमिटेड और बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड (बीपीडीबी) के बीच 50:50 की संयुक्त उद्यम कंपनी है। मैत्री सुपर थर्मल पावर प्लांट की यूनिट -1 का सितंबर 2022 में दोनों प्रधानमंत्रियों ने संयुक्त रूप से अनावरण किया था। यूनिट 2 का उद्घाटन आज किया जाएगा। मैत्री सुपर थर्मल पावर प्लांट के परिचालन से बांग्लादेश में ऊर्जा सुरक्षा बढ़ेगी।

फोन हैकिंग विवाद पर केन्द्रीय मंत्री चंद्रशेखर का बड़ा बयान, बोले-पीयूष गोयल के फोन पर भी आया नोटिफिकेशन, एप्पल को देना होगा जवाब

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विपक्ष ने सरकार पर फोन हैकिंग का आरोप लगाया है। विपक्ष के इन आरोपों को केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने खारिज कर दिया है। केंद्रीय मंत्री ने एप्पल के फोन हैकिंग नोटिफिकेशन के बाद विपक्ष के आरोपों पर कहा कि यह चुनाव का मौसम है और लोग हर तरह की चीजें निकालेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को भी ऐसा एक मैसेज मिला है। एप्पल को सरकार के सवालों का जवाब देना होगा।

राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट कर कहा, सांसदों और भू-राजनीति से जुड़े लोगों सहित कई लोगों द्वारा इस खतरे की सूचनाएं दर्ज किए जाने के बाद, हमें उम्मीद है कि एप्पल इन बातों को स्पष्ट करेगा।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार अपने नागरिकों की गोपनीयता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध और कर्तव्यबद्ध है और हम इस जिम्मेदारी को बहुत गंभीरता से लेते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इन खतरे की सूचनाओं की जांच करेगी और ऐप्पल के सुरक्षित और गोपनीयता के अनुरूप डिवाइस होने के दावों की भी जांच करेगी।

इससे पहले अश्विन वैष्णव ने कहा कि कुछ साथियों ने एप्पल अलर्ट के बारे में संदेश दिए हैं, ऐसे में हम मामले की तह तक जाएंगे। उन्होंने विपक्ष के आरोपों पर कहा, कुछ हमारे आलोचक हैं जो झूठे आरोप हमेशा लगाते रहते हैं। ये देश की प्रगति नहीं चाहते। एपल ने 150 देशों में एडवाइजरी जारी की है। एपल ने अनुमान के आधार पर मैसेज भेजा है। एपल ने अपना स्पष्टीकरण जारी कर दिया है। वैष्णव ने कहा कि इनकी (विपक्षी दलों) आदत है कि जब भी कोई अहम मुद्दा नहीं होता तो कहते हैं कि निगरानी हुई है। इन्होंने ये आरोप कुछ साल पहले भी लगाने की कोशिश की थी। इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई, लेकिन कुछ नहीं निकला।प्रियंका गांधी ने भी दावा किया था कि उनके दो बच्चों का फोन हैक हुआ था, लेकिन कुछ नहीं हुआ।

वहीं कंपनी ने इस पूरे विवाद पर अपना बयान जारी कर दिया है।कंपनी ने अपने बयान में कहा, सरकार प्रायोजित हैकर बहुत अच्छी तरह से वित्त पोषित और परिष्कृत होते हैं। उनके हमले समय के साथ विकसित होते रहे हैं। ऐसे हमलों का पता लगाना खतरे के खुफिया संकेतों पर निर्भर करता है जो अक्सर अपूर्ण होते हैं।इसके अलावा कंपनी ने कहा, यह संभव है कि खतरे की कुछ सूचनाएं फॉल्स अलार्म हो सकती हैं, या कुछ हमलों का पता नहीं चल पाता है। हम इस बारे में जानकारी देने में असमर्थ हैं कि किस कारण से हमें खतरे की सूचनाएं जारी करनी पड़ रही हैं, क्योंकि इससे सरकार प्रायोजित हमलावरों को भविष्य में पहचान से बचने के लिए अपने व्यवहार को अनुकूलित करने में मदद मिल सकती है।

सचिन पायलट का सारा अब्दुल्ला से हो चुका है तलाक, चुनावी हलफनामे में खुलासा

#sachinpilotgetsdivorcedfromwifesara

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने मंगलवार को टोंक विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल कर दिया है।नामांकन के दौरान दिए गए हलफनामे से बड़ा खुलासा हुआ है।पायलट के चुनावी एफिडेविट से इस बात का खुलासा हुआ है कि राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य सचिन पायलट और उनकी पत्नी सारा अब्दुल्ला से तलाक ले चुके हैं।सचिन ने टोंक विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में नामांकन के दौरान जो एफिडेविट दिया है, उसमें पत्नी के नाम के आगे 'तलाकशुदा' लिखा है।

तलाक कब हुआ इसका खुलासा नहीं

हालांकि दोनों के बीच तलाक कब हुआ इसका तो कोई खुलासा नहीं हो सका है लेकिन सार्वजनिक रूप से यह पहली बार सामने आया है कि दोनों अलग हो गए हैं। सचिन पायलट और सारा करीब 19 साल पहले 15 जनवरी 2004 को वैवाहिक बंधन में बंधे थे। सारा जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कांफ्रेस के वरिष्ठ नेता फारुख अब्दुला की बेटी है। बताया जाता है कि अब्दुला इस शादी के खिलाफ थे, वहीं पायलट का परिवार भी इस रिश्ते से नाखुश था। सचिन अपने परिवार को इस रिश्ते के लिए राजी करने में सफल रहे लेकिन सारा ऐसा नहीं कर सकी। लिहाजा फारुख अब्दुला इस शादी में शरीक नहीं हुए।

पुरानी बातों को भूलकर आगे बढ़ चुका हूं- पायलट

टोंक विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल करने के बाद सचिन पायलट ने मीडिया से बात करते हुए कहा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने मुझसे कहा है कि पुरानी सभी बातों को भूल जाओ और सभी को माफ कर आगे बढ़ो। मैं अब इसी लाइन पर आगे बढ़ रहा हूं। यहां किसी का भी कोई गुट नहीं बना है। राजस्थान में सिर्फ सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे का ही गुट है।

*चीन ऑनलाइन नक्‍शों से हटाया इजराइल का नाम, हमास के साथ जारी युद्ध के बीच क्या संदेश देना चाह रहे हैं शी जिनपिंग ?*

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इजरायल और हमास जंग जारी है। इस युद्ध को लेकर दुनियाभर के देश दो खेमों में खड़े हैं। इस बीच चीन की तरफ से उठाए गए कदम की हर तरफ चर्चा हो रही है।चीन ने कथित रूप से इजरायल को अपने ऑनलाइन नक्‍शे से हटा दिया है। चीन की कंपनियों बाइडु और अलीबाब के ऑनलाइन नक्शों से इजराइल का नाम गायब है।अमेरिकी अखबार वॉल स्‍ट्रीट जनरल ने सोमवार को सबसे पहले इसकी खबर दी।

वॉल स्‍ट्रीट जनरल की रिपोर्ट के मुताबिक चीन की शीर्ष कंपनियों बाइदू और अलीबाबा इजरायल को अब उसके नाम से नहीं बुलाएंगी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि डिजिटल नक्‍शे में बाइदू ने इजरायल और फलस्‍तीन को अलग-अलग क्षेत्र के रूप में दिखाया गया है लेकिन उन्‍हें देश के रूप में पहचान नहीं बताई है।इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इसी तरह का नक्‍शा अलीबाबा समूह ने भी जारी किया है जिसमें लक्‍जमबर्ग जैसे छोटे देश का स्पष्‍ट रूप से जिक्र किया गया है लेकिन इजरायल का नाम देश के रूप में नहीं है। हालांकि, अलीबाबा और बाइदू दोनों ने ही अभी तक इस बदलाव की वजह नहीं बताई है। 

बता दें कि इजराइल-हमास के युद्ध में चीन की सरकार ने जो बयान जारी किया था, उसमें हमास के हमले की निंदा नहीं की गई थी और फलस्तीन का समर्थन किया गया था। इसे लेकर चीन को आलोचना भी झेलनी पड़ी थी। बाद में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने इस्राइली समकक्ष एली कोहेने के साथ हुई बातचीत में माना कि इस्राइल को अपनी सुरक्षा करने का पूरा अधिकार है। साथ ही चीन ने सीजफायर करने की मांग की।

आपको बता दें कि चीनी सरकार अक्सर देश के नक्शों से छेड़छाड़ को लेकर विवादों में रहती है। खुद चीनी सरकार भी नक्शे को लेकर काफी गंभीर नजर आती है। लेकिन इस बार चीन के नक्शे में एक पूरे देश को ही गायब कर दिया गया है लेकिन अभी तक चीन की सरकार ने इस पर कोई सफाई नहीं दी है।