चुनावी वादों पर सीएम बघेल ने भाजपा पर कसा तंज, बोले- कांग्रेस ने 17 घोषणाएं की, बीजेपी कम से कम एक गारंटी तो दे

रायपुर-  छत्‍तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में मतदान के लिए अब महज सात दिन का समय शेष बचा है। इससे पहले सियासी दलों में चुनावी वादों और दावों को लेकर जबरदस्‍त होड़ सी मच गई है। चुनावी वादों की घोषणा पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने भी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त की है।

सीएम बघेल ने कहा, "हमने 17 घोषणाएं की हैं, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जी ने गारंटी भी दी है। भाजपा को कम से कम एक गारंटी देनी चाहिए थी। प्रधानमंत्री को उड़ान योजना के तहत बस्तर को जोड़ने वाली उड़ानों को रद्द करने और छत्तीसगढ़ में कई ट्रेनों को रद्द करने पर संज्ञान लेना चाहिए।

बतादें कि विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने चुनावी वादों की झड़ी लगा दी है। इसी क्रम में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने छत्‍तीसगढ़ के खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के जालबांधा में चुनावी सभा में कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो 200 यूनिट तक बिजली निश्शुल्क दी जाएगी। रसोई गैस सिलिंडर पर 500 रुपये की सब्सिडी देंगे। साथ ही उन्होंने और छह घोषणाएं कीं।

प्रियंका की अन्य घोषणाएं

- महिला स्व-सहायता समूहों और सक्षम योजना का ऋण माफ।

- आगामी वर्षों में 700 नवीन ग्रामीण औद्योगिक पार्कों की स्थापना।

- सभी सरकारी स्कूल का आत्मानंद इंग्लिश व हिंदी मीडियम में उन्नयन।

- सड़क या आकस्मिक दुर्घटनाओं में मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत निश्शुल्क इलाज।

- परिवहन व्यवसाय से जुड़े 6,600 से अधिक वाहन मालिकों के वर्ष 2018 तक की 726 करोड़ राशि के बकाया मोटरयान कर, शास्ति व ब्याज के कर्ज का माफ।

- राज्य के किसानों से तिवरा को भी समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा।

राज्यसभा उपनेता प्रतिपक्ष प्रमोद तिवारी ने ली पत्रकारवार्ता, कहा –

रायपुर-  एआईसीसी के प्रदेश कांग्रेस मीडिया पर्यवेक्षक एवं वरिष्ठ नेता राज्यसभा में उपनेता प्रतिपक्ष प्रमोद तिवारी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि कल महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को गजनी कहा गजनी एक विलेन था उसकी तुलना छत्तीसगढ़ की जनता के दो तिहाई बहुमत से बनी सरकार के मुखिया से करना छत्तीसगढ़ की जनता का अपमान है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के किसानों के, युवाओं के, आदिवासियों सर्वसमाज के नायक है, वे राज्य की ओबीसी समाज का अभिमान है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को गजनी बोलकर देवेन्द्र फडणवीस राज्य के सर्वहारा वर्ग का अपमान किया है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तो जनता से किये अपने सारे वायदो को पूरा किया। हमारी सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र के 95 प्रतिशत वायदों को पूरा किया है। हम किसी भी जनप्रतिनिधि को गजनी की उपाधि देने के खिलाफ है लेकिन यदि फडणवीस वायदो को भूलने का आधार बनाते है तो उन्हें गजनी की तुलना मोदी जी से करनी चाहिये।

जो जनता से किये हर वादे को भूल चुके हैं। 15-15 लाख रुपया खाता में आएगा, अच्छे दिन आएंगे, 100 दिन में महंगाई कम होगी, 30 रु. 35 रु. में डीजल-पेट्रोल मिलेगा, हवाई चप्पल पहनने वाले गरीबो को हवाई यात्रा कराने का वादा किये थे, भारत के एक सैनिक के बदले पाक के दस सैनिको के सिर काट कर लाने का वादा किये थे। 2022 में किसानों की आय दोगुनी होगी, स्वामीनाथन कमेटी के सिफारिश के अनुसार उपज की लागत मूल्य का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य मिलेगा।

युवाओं को दो करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष मिलेगा, 100 दिन में महंगाई कम होगी। बेटी सुरक्षित होगी। बुलेट ट्रेन चलेगा सहित अनेक वादा किया गया था और सत्ता मिलते ही उन वादों को जुमला बताकर जनता का उपहास उड़ाया गया है। कांग्रेस जो कहती है उसको पूरा करती है। 2018 में किए वादों में से को पूरा की है और 2023 के चुनाव में जो वादा किया जा रहा है वह भी पूरा किया जाएगा।

जनता की खुशहाली से भाजपा के पेट में दर्द हो रहा है कि कांग्रेस प्रदेश की जनता के हित में घोषणा कर रही है और भाजपा के पास प्रदेश की जनता के लिए ना कोई विजन है, ना कोई योजना है, सिवाय जुमला के। देवेन्द्र फडणवीस चोरी की सरकार में उपमुख्यमंत्री है। मुख्यमंत्री से उपमुख्यमंत्री बनाने के बाद वे अपना मानसिक संतुलन खो बैठे है। इस लिये वे अनर्गल बयानबाजी कर रहे है। चोरी की सरकार में उपमुख्यमंत्री बने देवेंद्र फडणवीस को कांग्रेस की छत्तीसगढ़ सरकार से सीखना चाहिये कि जनता से किया गया वायदा कैसे निभाया जाता है।

कांग्रेस ने 2018 में जनता से जो वायदा किया था मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उसमें 95 प्रतिशत से अधिक वायदों को पूरा किया। यही कारण है प्रदेश में फिर से कांग्रेस की सरकार बनने वाली है। कांग्रेस ने जो कहा था भूपेश सरकार ने वह सब किया। जनता को इसीलिये कांग्रेस के वायदों पर भरोसा भी हो रहा है। इस चुनाव में भी कांग्रेस जो घोषणा कर रही जनता उसको पूरा होने की गारंटी मान रही है।

छत्तीसगढ़ भाजपा ने चुनाव के लिए लॉन्च किया अपना चुनावी एंथम और रैप सांग, युवाओं को साधने की कोशिश

रायपुर-   भाजपा का चुनावी एंथम साहित्य, मनोरंजन से भरपूर है, जिसमे उन्होंने छत्तीसगढ़ की संस्कृति और कला के जरिये बीजेपी इस चुनाव में बीजेपी सरकार को चुनने की अपील की है, वहीं युवाओं के इंटरेस्ट को देखते हुए एक रैप सांग ‘अउ नई साहिबो बदल के रहिबो’ टाइटल के साथ एक रैप सांग भी बीजेपी ने लॉन्च किया है।

जिसमे उन्होंने छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार पर घोटाले और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। आज बीजेपी के एंथम की लॉन्चिंग कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, सह प्रभारी नितिन नबीन, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के अलावा कई नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे।

छत्तीगसढ़ में अगले महीने प्रस्तावित चुनाव के लिए कुछ ही दिन शेष रह गए है, जिसके चलते सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में जोर शोर से जुटी हुई हैं, पक्ष और विपक्ष में सियासी बयानबाजियों का दौर भी शुरू हो गया है। इसी कड़ी में मंगलवार को बीजेपी ने अपना चुनावी एंथम लॉन्च किया है। यह रैप सॉन्ग युवाओं को साधने के लिए भी बनाया गया है। बीजेपी ने इसे छत्तीसगढ़ी, हल्बी, गोंडी 3 भाषाओं में बनाया है।

राजधानी के कारोबारी से ढाई करोड़ की ठगी

रायपुर-   विधानसभा थाना क्षेत्र के कारोबारी को स्टार्टअप में निवेश करने पर चार गुना कमाई होने का लालच दिखाकर ढाई करोड़ की ठगी हो गई। इसकी शिकायत पर पुलिस ने हरियाणा के ठग के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। अब तक आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

विधानसभा थाने में तेलीबांधा निवासी कारोबारी बसंत दौलतानी ने रिपोर्ट दर्ज करवाई। प्रार्थी को उसके एक दोस्त के जरिए उसकी मुलाकात विधानसभा इलाके के एक होटल में मार्च 2022 में गुड़गांव के दीप सिहाग से हुई। दीप ने बताया कि उसकी गुड़गांव में एआइटीएमसी के नाम से स्टार्टअप कंपनी है। कोविड के दौरान कई तरह की सप्लाई काम से काफी मुनाफा मिला था। इस कंपनी में निवेश करने से काफी फायदा कमा सकते हो। निवेश का चार गुना रिटर्न मिलेगा। बसंत उसकी बातों में आ गया। फिर उसके बताए अनुसार निवेश करने को तैयार हो गया। इसके बाद दीप ने एक एग्रीमेंट भी बनाया। इसमें दावा किया गया था कि पांच साल तक बसंत जितना निवेश करेगा, उसका रिटर्न मिलेगा। इसके बाद कारोबारी ने उसकी कंपनी में पांच करोड़ रुपये निवेश किया। चेक के माध्यम से दो किस्तों में पूरी राशि दिया।

इस दौरान दीप ने एक नया बिजनेस सेंटर खोलने का भी दावा किया था। रकम लेने के बाद बिजनेस सेंटर नहीं खोला और न ही कारोबारी को मुनाफा मिला। इसके बाद कारोबारी ने दीप पर रकम वापस करने का दबाव बनाया, तो दीप ने ढाई करोड़ रुपये वापस कर दिए। बाकी ढाई करोड़ रुपये अब तक नहीं दिया है। इसकी शिकायत पर विधानसभा पुलिस ने आरोपित के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध कायम कर लिया है।

राज्य स्थापना दिवस 01 नवम्बर के अवसर पर मुख्य शासकीय भवनों पर की जाएगी रोशनी

रायपुर- राज्य स्थापना दिवस 01 नवम्बर 2023 की रात्रि में सभी जिला मुख्यालयों एवं राजधानी रायपुर, नया रायपुर अटल नगर में स्थित शासकीय भवनों पर रोशनी की जाएगी। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इस सम्बंध में शासन के समस्त विभाग, अध्यक्ष राजस्व मंडल, बिलासपुर, समस्त विभागाध्यक्ष, समस्त संभागायुक्त, समस्त कलेक्टर तथा समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत को निर्देश जारी किए गए हैं।

कांग्रेस से बागी होकर अजीत कुकरेजा ने किया नामांकन, बीजेपी की बागी सावित्री जगत भी निर्दलीय लड़ेंगी

रायपुर-    रायपुर उत्तर की सीट हमेशा की तरह इस बार भी हाईप्रोफाइल दिख रही है। सोमवार को कांग्रेस और बीजेपी के 2 नेताओं ने बागी होकर नामांकन दाखिल कर दिया है। कांग्रेस नेता और पार्षद अजीत कुकरेजा बागी होकर निर्दलीय चुनावी मैदान में आ गए हैं। वहीं बीजेपी से बागी होकर सावित्री जगत ने भी गुरुवार को पूरे शक्ति प्रदर्शन के साथ नामांकन रैली निकाली।

अजीत कुकरेजा कांग्रेस से प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। लेकिन उनकी जगह मौजूदा विधायक कुलदीप जुनेजा को ही पार्टी ने टिकट दिया है। वहीं बीजेपी से सावित्री जगत ने टिकट की मांग की थी लेकिन पार्टी ने पुरंदर मिश्रा को प्रत्याशी बनाया है।

कुकरेजा के समर्थक तिरंगा लेकर निकले

वहीं कांग्रेस नेता अजीत कुकरेजा भी अपने समर्थकों के साथ नामांकन दाखिल करने के लिए रैली निकालकर कलेक्ट्रेट तक पहुंचे। उन्होंने भी निर्दलीय अपना नामांकन दाखिल किया है। सिंधी समाज से किसी को टिकट नहीं मिलने के बाद कुकरेजा को सिंधी समाज का भी पूरा समर्थन मिल सकता है।

अजीत कुकरेजा दो बार पार्षद चुनकर आ रहे हैं वर्तमान में रायपुर नगर मेयर इन काउंसिल के सदस्य भी हैं। इनके पिता आनंद कुकरेजा भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। उत्तर विधानसभा सीट से यह भी सीट के मुख्य दावेदार में से एक थे लेकिन टिकट कटने के बाद वह नाराज चल रहे थे। नामांकन जमा करने के बाद अजीत ने कहा कि, दुखी मन से मैंने निर्णय लिया है इसके अलावा हमारे पास कोई रास्ता नहीं था, बड़ा दुख हो रहा है कि 50 साल से मेरा परिवार कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़ा रहा कांग्रेस पार्टी की सेवा की, सरकार भी आई तो कभी भी हमने कोई पद नहीं मांगा।

जिस तरह से जनता का समर्थन मिल रहा है, जन सैलाब मेरी नामांकन रैली में आया था इसका मतलब जनता विकल्प ढूंढ रही है। जनता को एक प्रत्याशी का काम पसंद नहीं आया और एक प्रत्याशी को जनता जानती नहीं है, हम विकल्प बनने की कोशिश करेंगे। यह स्वाभाविक है कि नाम वापसी का समय खत्म होता है तो पार्टी अनुशासनहीनता को लेकर कार्रवाई करेगी और इसके लिए मैं तैयार हूं।

मैं वोट काटने की राजनीति नहीं कर रही- सावित्री

वहीं सावित्री जगत जो उत्कल महिला महामंच की प्रदेश अध्यक्ष हैं उन्होंने कहा कि, भारतीय जनता पार्टी के हाई कमान का निर्णय था जो इन्होंने उत्तर विधानसभा से किसी और को टिकट दिया है, पार्टी को जो उचित लगा उन्होंने किया, मैं जनता के बीच में काम कर रही हूं जनता मेरे साथ है, महिलाओं को मेरे से बहुत ज्यादा उम्मीद है। अगर महिला विधायक आती है तो उनकी समस्या हल कर सकेगी।

अभी तक मैंने भाजपा से सदस्यता नहीं छोड़ी है, लेकिन मैंने निर्दलीय नामांकन दाखिल किया है। मैं चुनाव लडूंगी, नामांकन वापस लेने को लेकर कोई प्रश्न ही नहीं उठता जनता मेरे साथ है और जनता चाहती है कि मैं चुनाव लड़ूं। मैं वोट काटने की राजनीति नहीं कर रही हूं।

वोटिंग सेंटर तक गाड़ी से पहुंचेंगे बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता, मतदान केंद्र में मिलेगी ये सुविधा

रायपुर-     छत्तीसगढ़ विधान सभा चुनाव में बुजुर्ग व दिव्यांग मतदाताओं को मतदान केंद्र तक लाने-जाने की जिम्मेदारी निर्वाचन कार्यालय की होगी। केंद्रीय चुनाव आयोग के निर्णय के बाद प्रदेशभर में निर्वाचन कार्यालय की टीम तैनात रहेगी। दिव्यांग मतदाताओं के सुगम मतदान के लिए सोमवार को राजधानी के रेडक्राम भवन में राज्य स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले ने बताया कि चुनाव में दिव्यांग व वृद्ध मतदाताओं को मतदान की सुविधा प्रदान करने के लिए व्यापक प्रबंध किए जा रहे हैं। इस वर्ग के मतदाताओं को घर बैठे ही डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान करने का विकल्प दिया गया है।

मतदान केंद्र में मिलेगी यह सुविधा

1. मतदान के दिन दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं के सहयोग के लिए एनएसएस, एनसीसी, स्काउट गाइड के स्वयंसेवकों की ड्यूटी लगाई जाएगी।

2. मतदान केंद्र पर मतदान के लिए आने वाले दिव्यांग एवं 80 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ मतदाताओं को कतार में खड़े न रहना पड़े, इस बात को ध्यान में रखते हुए उन्हें अपने मताधिकार का प्रयोग पहले करने के लिए प्राथमिकता प्रदान की जाएगी।

3. दृष्टिबाधित मतदाताओं के लिए ईवीएम मशीन पर प्रत्याशियों का नाम ब्रेल लिपि में भी मुद्रित कराया जा रहा है।

4. मतदान कक्ष में दिव्यांग मतदाताओं की विशेष जरूरतों के संबंध में मतदान कर्मियों को संवेदनशीलता से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।

5. मतदान केंद्र पर स्थापित होने वाले मतदाता सहायता बूथ (वीएबी) की स्थिति की जानकारी दिव्यांग मतदाताओं को देने के लिए संकेतक चस्पा किए जा रहे हैं।

6. दिव्यांग मतदाताओं के लिए सक्षम मोबाइल एप भी तैयार किया गया है।

स्वामी आत्मानंद स्कूलों में लैब अटेंडर के भरोसे पढ़ाई, छात्र-छात्राओं की बढ़ी चिंता

रायपुर -    छत्‍तीसगढ़ के रायपुर जिले में संचालित कई स्वामी आत्मानंद स्कूलों में भौतिकी विषय के व्याख्याता नहीं हैं। लैब अटेंडर के भरोसे भौतिकी विषय की कक्षाएं चल रही हैं। जहां पर वैकल्पिक व्यवस्था करके विषय की पढ़ाई करवाई जा रही है। ज्यादा दबाव होने के कारण शिक्षक विषय पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं, जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। चुनावी वर्ष होने के कारण स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित है।

अरुंधती देवी शासकीय अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यायलय आरंग में भौतिकी, प्रियदर्शनी शासकीय अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय नेवरा तिल्दा में भी भौतिकी विषय के शिक्षक नहीं हैं। इन दोनों स्कूलों में भौतिकी की पढ़ाई लैब अटेंडर के भरोसे चल रही है।

इसके अलावा काशीराम शर्मा शासकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालय भनपुरी, स्वामी आत्मानंद विद्यालय खरोरा में वाणिज्यिक विषय के शिक्षक नहीं हैं। विषय विशेषज्ञ न होने के कारण छात्रों का भविष्य अंधकार में है। नवंबर और आधा दिसंबर का महीना चुनाव में बीत जाएगा। छात्रों के पास बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए महज एक से डेढ़ महीने का समय बचेगा। स्कूलों में भौतिकी, गणित, वाणिज्य जैसे मुख्य विषयों के व्याख्याता नहीं हैं।

प्राचार्यों ने बताया कि विभाग को कई बार पत्र लिखा है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हो पाया है। कई स्कूलों में तो जुलाई-अगस्त से ही शिक्षक नहीं हैं। वहां पर तो बच्चों की स्थित तो बेहद चिंताजनक है। बिना शिक्षकों के निजी स्कूलों को टक्कर कैसे दे पाएंगे।

दो विषय पढ़ाने के कारण शिक्षकों पर दबाव ज्यादा

स्कूलों में जिस विषय के शिक्षक नहीं है, वह विषय दूसरे शिक्षक पढ़ा रहे हैं। अपने विषय के साथ-साथ अतिरिक्त विषय पढ़ाने के कारण शिक्षकों में दबाव ज्यादा है, जिसके कारण भी पढ़ाई की गुणवत्ता में प्रभाव पड़ रहा है। कई स्कूलों में तो अलग-अलग दिन अलग-अलग शिक्षक आकर विषय को पढ़ाते हैं, जिसके कारण भी छात्रों को विषय बहुत समझ में नहीं आता है। बहुत सारे शिक्षकों की चुनाव में ड्यूटी लग जाने के कारण भी पढ़ाई नहीं हो पा रही है।

विभाग को कई बार लिख चुके हैं पत्र

स्कूलों में विषय के शिक्षक नहीं होने के बारे पर बातचीत करने पर प्राचार्यों ने बताया कि विभाग को कई बार पत्र लिख चुके हैं। विभाग की तरफ से हर बार आश्वासन मिलता है कि जल्द ही शिक्षक देंगे। कई महीने बीत जाने के बाद भी शिक्षक नहीं होने के कारण विषय की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

नौवीं और ग्यारहवीं कक्षाओं में ज्यादा दिक्कत नहीं है, लेकिन दसवीं और बारहवीं में बहुत दिक्कत है। इन छात्रों को बोर्ड की परीक्षाएं देनी है। नियमित शिक्षक नहीं होने के कारण विषय की तैयारी करना छात्रों के सामने एक बड़ी चुनौती है। मार्च के प्रथम सप्ताह से बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी।

रायपुर जिला शिक्षा अधिकारी हिमांशु भारतीय ने कहा, बहुत सारे लोगों का रेगुलर भर्ती में चयन हो जाने के कारण वे इस्तीफा देकर चले गए, इस कारण स्कूल खाली हो गए। आचार संहिता लगी हुई है, हमने सभी रिक्त पदों के विज्ञापन निकाल रखा है। आयोग से परमिशन मिलने के बाद भर्ती प्रक्रिया पूर्ण कर लेंगे। परमिशन नहीं मिलने की स्थिति में चुनाव आचार संहिता तक स्कूलों में वैकल्पिक व्यवस्था के आधार पर पढ़ाई जारी रहेगी।

छत्तीसगढ़ विधानसभा निर्वाचन-2023‘ : द्वितीय चरण के लिए अंतिम दिन कुल 1245 नामांकन पत्र दाखिल

रायपुर-         विधानसभा आम निर्वाचन-2023 अंतर्गत द्वितीय चरण के 70 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए लिए कुल 1219 अभ्यर्थियों ने 1985  नामांकन पत्र दाखिल किए हैं। द्वितीय चरण के लिए नामांकन के अंतिम दिन कुल 1245 नामांकन पत्र दाखिल किए गए।

उल्लेखनीय है कि विधानसभा निर्वाचन 2023 अंतर्गत द्वितीय चरण में रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग तथा सरगुजा संभाग के कुल 70 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। द्वितीय चरण के लिए नामांकन पत्रों की संवीक्षा 31 अक्टूबर को होगी। अभ्यर्थी 2 नवम्बर तक अपने नाम वापस ले सकते हैं। द्वितीय चरण के लिए 17 नवंबर को कुल एक करोड़ 63 लाख 14 हजार 479 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे, जिसमें 81 लाख 41 हजार 624 पुरुष मतदाता और 81 लाख 72 हजार 171 महिला मतदाता तथा 684 तृतीय लिंग के मतदाता शामिल हैं।

प्रथम तथा द्वितीय दोनों ही चरणों की मतगणना 3 दिसंबर 2023 को

विधानसभा निर्वाचन 2023 अंतर्गत द्वितीय चरण में भरतपुर-सोनहट, मनेन्द्रगढ़, बैकुंठपुर, प्रेमनगर, भटगांव, प्रतापपुर, रामानुजगंज, सामरी, लुण्ड्रा, अम्बिकापुर, सीतापुर, जशपुर, कुनकुरी, पत्थलगांव, लैलूंगा, रायगढ़, सारंगढ़, खरसिया, धर्मजयगढ़, रामपुर, कोरबा, कटघोरा, पाली-तानाखार, मरवाही, कोटा, लोरमी, मुंगेली, तखतपुर, बिल्हा, बिलासपुर, बेलतरा, मस्तूरी, अकलतरा, जांजगीर-चांपा, सक्ती, चंद्रपुर, जैजैपुर, पामगढ़, सराईपाली, बसना, खल्लारी, महासमुंद, बिलाईगढ़, कसडोल, बलौदाबाजार, भाटापारा, धरसींवा, रायपुर ग्रामीण, रायपुर नगर पश्चिम, रायपुर नगर उत्तर, रायपुर नगर दक्षिण, आरंग, अभनपुर, राजिम, बिन्द्रानवागढ़, सिहावा, कुरूद, धमतरी, संजारी बालोद, डोंडीलोहारा, गुण्डरदेही, पाटन, दुर्ग ग्रामीण, दुर्ग शहर, भिलाई नगर, वैशाली नगर, अहिवारा, साजा, बेमेतरा और नवागढ़ विधानसभा क्षेत्रों में 17 नवंबर 2023 को मतदान होगा। प्रथम तथा द्वितीय दोनों ही चरणों की मतगणना 3 दिसंबर 2023 को होगी।

सामरी विधायक चिंतामणि महाराज भाजपा में हुए शामिल

सरगुजा- छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. सामरी के विधायक चिंतामणि महाराज ने आज प्रदेश प्रभारी ओम माथुर के नेतृत्व में भाजपा प्रवेश किया. माला पहनाकर चिंतामणि महाराज का भाजपा में घर वापसी किया गया. दरअसल, कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ की सामरी सीट से विधायक चिंतामणि महाराज को इस बार टिकट नहीं दिया है. इसके चलते वे नाराज चल रहे थे.

चिंतामणि महाराज 2004 से 2008 तक अध्यक्ष राज्य संस्कृत बोर्ड रहे थे. फिर उन्होंने 2008 में बलरामपुर जिले के सामरी विधानसभा से ही निर्दलीय चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 2013 में वे फिर से सामरी विधानसभा से ही चुनाव मैदान में कूदे पर अंतर सिर्फ इतना था कि वे इस बार निर्दलीय चुनाव न लड़कर कांग्रेस की टिकट पर खड़े हुए थे और चुनावी मैदान फतह कर पहली बार विधायक बने थे.

2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने फिर से उन पर भरोसा जताया और एक बार फिर वे सामरी विधानसभा से चुनावी मैदान में उतरे. इस बार उन्होंने भाजपा प्रत्याशी सिद्धनाथ पैकरा को हराया. चिंतामणि महाराज को कुल 180,620 वोट प्राप्त हुए तो वहीं उनके करीबी प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्याशी सिद्धनाथ पैकरा को 58697 वोट मिले.