*अमेरिकी राष्ट्रपति ने दिया बड़ा बयान, हमास को अल-कायदा से भी बताया बदतर*

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फलस्तीनी आतंकी संगठन हमास ने बीते हफ्ते इजराइल पर हमला कर दिया। जिसके बाद से हमास और इजराइल के बीच युद्ध छिड़ गया है।इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने हमास को अलकायदा से भी बदतर बताया है। फिलाडेल्फिया में एक कार्यक्रम के दौरान जो बाइडन ने कहा कि जितना हमें हमास के हमले के बारे में पता चल रहा है, यह उतना ही डरावना होता जा रहा है। हजार से ज्यादा मासूम लोगों की जान चली गई, जिनमें 27 अमेरिकी भी शामिल हैं।

राष्ट्रपति ने आगे कहा,हमास के मुकाबले तो अलकायदा भी कुछ ठीक लगता है, ये शैतान हैं, जैसा मैं शुरुआत से कहता आ रहा हूं कि अमेरिका इसे लेकर गलती नहीं कर रहा, वह इजराइल के साथ है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि इस्राइल के पास अपनी सुरक्षा और जवाबी कार्रवाई के लिए कोई कमी ना रहे। बाइडन ने कहा, विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन कल इजराइल में थे और आज रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन वहां हैं।

बाइडन ने कहा कि गाजा पट्टी में मानवीय संकट पर ध्यान देना भी उनकी प्राथमिकता में है। उनकी टीम मध्य पूर्व के हालात पर नजर रख रही है और इस्राइल, मिस्त्र, जॉर्डन और अन्य अरब देशों के साथ लगातार बातचीत कर रही है। 

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि हम इस बात की अनदेखी नहीं कर सकते कि फलस्तीन की अच्छी खासी आबादी का हमास से और उसके हमलों से कोई लेना नहीं है।आज मैंने उन सभी अमेरिकी परिवारों से जूम कॉल पर एक घंटे से ज्यादा वक्त तक बात की, जिनके परिवार के सदस्य लापता हैं। वे पीड़ा से गुजर रहे हैं, उन्हें नहीं पता कि उनके बेटे, बेटी, शौहर, बीवी और बच्चे किस हाल में हैं। आप समझ रहे हैं, यह परेशान करने वाला है. मैंने उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है।

नवरात्रि के दौरान घर लेकर आएं ये 5 चीजें, बरसेगी माता रानी की कृपा, नकारात्मक वातावरण समाप्त कर जीवन में भर देता उल्लास

साल में 4 बार नवरात्रि पड़ती है- माघ, चैत्र, आषाढ़ और आश्विन. आश्विन की नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। नवरात्रि के वातावरण से तमस का अंत होता है, नकारात्मक माहौल की समाप्ति होती है। शारदीय नवरात्रि से मन में उमंग तथा उल्लास की वृद्धि होती है। दुनिया में सारी शक्ति नारी या स्त्री स्वरूप के पास ही है इसलिए नवरात्रि में देवी की आराधना ही की जाती है तथा देवी शक्ति का एक स्वरूप कहलाती है। इसलिए इसे शक्ति नवरात्रि भी कहा जाता है। नवरात्रि के 9 दिनों में देवी के अलग अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है, जिसे नवदुर्गा का स्वरूप कहा जाता है। इस बार शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से आरंभ होने जा रही है तथा समापन 24 अक्टूबर को होगा और 10वें दिन दशहरा मनाया जाता है। ऐसे में ज्योतिषों का मानना है कि नवरात्रि के दौरान खरीदी गई कुछ चीज जीवन की तमाम समस्याओं को खत्म कर सकती है। 

जानिए, कौन-कौन सी चीजें नवरात्रि के दौरान जरूर खरीदी जानी चाहिए

मौली

मौली खरीदना शुभ माना जाता है। दरअसल मां दुर्गा को मौली अर्पित करने से जीवन की सभी दुख तकलीफ दूर हो जाती है। इतना ही नहीं आर्थिक तंगी से यदि कोई व्यक्ति जूझ रहा है तो वह भी मां दुर्गा को लाल रंग की मौली अर्पित कर सकता है। उसके जीवन की तमाम समस्याओं तथा आर्थिक तंगी चुटकियों में दूर हो जाएगी।

कलश

नवरात्रि में हमेशा अपने घर में कलश अवश्य खरीद कर लाना चाहिए। आप कलश किसी भी प्रकार का ला सकते हैं जैसे – मिट्टी, सोना, चांदी, पीतल आदि यह शुभ माना जाता है। नवरात्रि के चलते कलश घर में लाने से घर में सुख समृद्धि और बरकत बनी रहती है और खुशियों का आगमन होता है। वहीं मां दुर्गा का आशीर्वाद भी हमेशा बना रहता है।

पद चिन्ह

 माता रानी के पद चिन्ह खरीद कर हमेशा लाना चाहिए तथा उसे अपने घर के पूजा स्थान के पास लगाना चाहिए। ऐसा करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती है और आशीर्वाद अपने भक्तों पर बनाए रखती है। मगर आपको इस बात का ध्यान अवश्य रखना है कि पद चिन्ह को फर्श पर नहीं लगाना है। अक्सर लोग अपने घर के मुख्य द्वार पर माता रानी के पद चिन्ह लगा देते हैं, ऐसा नहीं करना चाहिए।

मां दुर्गा की प्रतिमा

नवरात्रि के चलते मां दुर्गा की प्रतिमा अवश्य खरीद कर अपने घर में लानी चाहिए। ऐसा करने से माता रानी का आशीर्वाद हमेशा अपने भक्तों पर बना रहता है। वहीं उसके जीवन में आई सभी तरह की समस्या समाप्त होने लगती है और जीवन खुशहाल बनने लगता है।

चांदी की खरीदारी

ज्योतिषों के अनुसार, नवरात्रि के चलते चांदी की खरीदारी बेहद शुभ मानी जाती है। ऐसा करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है तथा धन हानि भी नहीं होती है। यदि आप आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं तो आप इस नवरात्रि चांदी खरीदे आपको बेहद लाभ देखने को मिलेगा।

बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को भारत के फर्जी पासपोर्ट बनाकर देने का मामला ! बंगाल और सिक्किम के 50 ठिकानों पर CBI की रेड

 केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पश्चिम बंगाल और सिक्किम में 50 से अधिक स्थानों पर व्यापक छापेमारी की, जिसमें कोलकाता, सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग और गंगटोक जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं। ये छापे फर्जी पासपोर्ट घोटाले से संबंधित एक व्यापक ऑपरेशन का हिस्सा थे। इन ऑपरेशनों के दौरान, अपराध जांच एजेंसी ने गंगटोक पासपोर्ट सेवा केंद्र में कार्यरत एक वरिष्ठ अधीक्षक को गिरफ्तार कर लिया है, जिनकी पहचान गौतम कुमार साहा के रूप में हुई। 

इसके अतिरिक्त, एक होटल एजेंट को 1,90,000 रुपये की महत्वपूर्ण राशि के साथ पकड़ा गया। उनकी गिरफ़्तारियाँ क्षेत्र में सक्रिय बिचौलियों की मिलीभगत से जाली और नकली दस्तावेजों का उपयोग करके अवैध रूप से पासपोर्ट जारी करने से जुड़ी थीं। इसके अलावा, अधिकारियों ने 16 सरकारी अधिकारियों सहित 24 व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू की है, जो कथित तौर पर अयोग्य आवेदकों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट जारी करने में शामिल थे, जिनमें से कुछ गैर-निवासी थे। रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को ये फर्जी पासपोर्ट बनाकर दिए गए थे। ये सेवाएँ कथित तौर पर रिश्वत के बदले में दी गई थीं।

तलाशी अभियान कोलकाता, सिलीगुड़ी, गंगटोक और अन्य संबंधित क्षेत्रों सहित विभिन्न स्थानों पर चलाया गया। इन कार्रवाइयों का उद्देश्य फर्जी पासपोर्ट योजना की सीमा को उजागर करना और इसमें शामिल व्यक्तियों को न्याय के कटघरे में लाना था। इस संबंध में CBI के प्रयास पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया की अखंडता बनाए रखने और कानून के शासन को बनाए रखने की उनकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं।

'मंदिरों में मुस्लिमों को दूकान लगाने दी जाए..', नवरात्री से पहले कर्नाटक की कांग्रेस सरकार से व्यापारी कमिटी की मांग

भारत के महत्वपूर्ण पर्व 'नवरात्रि' के प्रारंभ होने से पहले, दक्षिण कन्नड़ और उडुपी जिला धार्मिक मेला व्यवसायियों की समन्वय समिति ने मांग की है कि मुस्लिम विक्रेताओं को त्योहार के दिनों में मंदिर परिसर में व्यापार करने की अनुमति दी जाए, भले ही मंदिर अधिकारियों ने उन्हें ऐसा करने से प्रतिबंधित कर दिया हो। समिति के सदस्यों ने दक्षिण कन्नड़ जिले के मंगलुरु में प्रसिद्ध मंगलादेवी मंदिर में नवरात्रि समारोह के दौरान मुस्लिम विक्रेताओं के बहिष्कार पर दक्षिण कन्नड़ के जिला आयुक्त के पास शिकायत दर्ज की थी। समिति के मानद अध्यक्ष डीके इम्तियाज और सुनील कुमार बाजल ने दावा किया है कि मंदिर परिसर में दुकानें आवंटित करने के लिए की गई नीलामी प्रक्रिया के दौरान मुस्लिम विक्रेताओं को बाहर रखा गया था।

वहीं, इम्तियाज और बजाल के दावों के विपरीत, मंदिर प्रबंधन ने कहा है कि मुस्लिम विक्रेताओं पर कोई प्रतिबंध नहीं है और मंदिर प्रांगण में 94 दुकानों की नीलामी प्रक्रिया सभी के लिए खुली थी, हालांकि, किसी भी गैर-हिंदू व्यापारी ने नीलामी में भाग नहीं लिया। मंदिर प्रबंधन ने कहा कि नीलामी प्रक्रिया जिला कलेक्टर द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार की गई थी। बता दें कि मंगलादेवी मंदिर राज्य सरकार के मुजराई (हिंदू धार्मिक बंदोबस्ती) विभाग के अंतर्गत आता है। देवी शक्ति को समर्पित इस मंदिर में हर साल नवरात्रि मेले का आयोजन किया जाता है। इस बार मेला 15 अक्टूबर से 24 अक्टूबर के बीच लगेगा। 

कमाई के हिसाब से कांग्रेस ने मंदिरों को तीन श्रेणी में बांटा 

पहले मंदिर प्रबंधन ने मुस्लिम व्यापारियों को मेले में भाग लेने की अनुमति नहीं देने का फैसला किया था और रथबीडी स्ट्रीट पर व्यापारियों को स्टॉल आवंटित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी, जिसका स्वामित्व मंगलुरु सिटी कॉर्पोरेशन के पास है। हालाँकि, मंदिर प्रशासन कई वर्षों से यहाँ अपने मेले आयोजित करता आ रहा है। यह ध्यान रखना उचित है कि राज्य में लगभग 34,563 मंदिरों को उनके राजस्व सृजन के आधार पर मुजराई (हिंदू धार्मिक बंदोबस्ती) ग्रेड ए, बी या सी के रूप में वर्गीकृत किया गया है। 

कुल मिलाकर, 25 लाख रुपये से अधिक वार्षिक राजस्व वाले कुल 207 मंदिर श्रेणी ए में आते हैं, 5 लाख रुपये से 25 लाख रुपये के बीच वार्षिक राजस्व वाले 139 मंदिर श्रेणी बी में आते हैं, और 5 लाख रुपये से कम वार्षिक राजस्व वाले 34,217 मंदिर श्रेणी सी में आते हैं। यह वर्गीकरण 2019 में कांग्रेस सरकार द्वारा पेश किया गया था। पिछले साल गैर-हिंदू विशेषकर मुस्लिम व्यापारियों को हिंदू मंदिरों के पास स्टॉल लगाने की अनुमति नहीं देने के मुद्दे पर विवाद खड़ा हो गया था। इसकी मांग बजरंग दल समेत हिंदू अधिकार संगठनों ने भी उठाई थी। 

हिंदू अधिकार संगठन के अनुसार, कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती अधिनियम, 2002 के नियम 12 का उद्देश्य गैर-हिंदू व्यापारियों को प्रतिबंधित करना है। कानून कहता है कि "परिसर के पास स्थित भूमि, भवन या स्थलों सहित कोई भी संपत्ति गैर-हिंदुओं को पट्टे पर नहीं दी जाएगी।" कुछ हिन्दू संगठनों का ये भी कहना है कि, जब मुस्लिम समुदाय के लोग हिन्दू देवी-देवताओं में आस्था ही नहीं रखते, तो वे मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के साथ कैसे न्याय कर सकेंगे, केवल कारोबार के लिए और आमदनी करने के लिए वे मंदिरों में आना चाहते हैं, जबकि वे मूर्तिपूजा के सख्त खिलाफ हैं, तो उन्हें कैसे अनुमति दी जाए। उनका एक तर्क यह भी है कि, फूल-माला, प्रसाद आदि का काम करने वाले दलित-पिछड़े यहाँ दूकान लगाते हैं, तो फिर उन्हें हटाकर कहाँ भेजा जाएगा ? क्योंकि मंदिर परिसर में दुकानें तो सीमित हैं।

धर्मान्तरण कानून रद्द कर चुकी है कांग्रेस सरकार

बता दें कि, राज्य की कांग्रेस सरकार पहले ही धर्मान्तरण कानून रद्द कर चुकी है, वो भी ऐसे समय में जब देश के विभिन्न हिस्सों से डरा-धमकाकर, लालच देकर, ब्रेनवाश करके, प्रेम जाल में फंसाकर लोगों का धर्मांतरण करने की घटनाएं लगातार सामने आ रहीं हैं। यहाँ तक कि, गेमिंग एप के जरिए छोटे-छोटे बच्चों का भी ब्रेनवाश कर उनका धर्मान्तरण किया जा रहा है, लेकिन उससे रक्षा करने का कानून अब कर्नाटक में हट चुका है। यानी एक तरह से अब कर्नाटक में धर्मान्तरण की खुली छूट है। वहीं, राज्य के पशुपालन मंत्री वेंकटेश ने गौहत्या रोकने वाले कानून की भी समीक्षा करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि, 'जब भैंस काटी जा सकती है, तो गाय क्यों नहीं।' उन्होंने कहा था कि, हम चर्चा करेंगे और इस पर फैसला लेंगे। ऐसे में लोग सवाल कर रहे हैं कि, क्या अब राज्य सरकार गौहत्या की भी छूट देने जा रही है ?

आज 41वें अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति सत्र का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी, मुंबई के जियो वर्ल्ड सेंटर में होगा आयोजन

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार (14 अक्टूबर) को मुंबई के जियो वर्ल्ड सेंटर में 141वें अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) सत्र का उद्घाटन करने वाले हैं। IOC सत्र अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के सदस्यों की एक महत्वपूर्ण बैठक है, जहां ओलंपिक खेलों के भविष्य से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाते हैं। भारत दूसरी बार IOC सत्र की मेजबानी कर रहा है, यह 1983 में नई दिल्ली में 86वें IOC सत्र के आयोजन के बाद से लगभग 40 वर्षों के बाद वापसी है।

प्रधान मंत्री कार्यालय (PMO) के एक बयान के अनुसार, भारत में होने वाला 141वां आईओसी सत्र वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने, खेल उत्कृष्टता का जश्न मनाने और दोस्ती, सम्मान और उत्कृष्टता के ओलंपिक आदर्शों को आगे बढ़ाने की देश की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह आयोजन खेल जगत के विभिन्न हितधारकों के बीच बातचीत और ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए एक मंच प्रदान करता है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थॉमस बाख, अन्य आईओसी सदस्य, प्रमुख भारतीय खेल हस्तियां और भारतीय ओलंपिक संघ सहित विभिन्न खेल महासंघों के प्रतिनिधि सत्र में भाग लेंगे।

पीएम मोदी ने 13 अक्टूबर को नई दिल्ली के यशोभूमि में 9वें G20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (P20) का भी उद्घाटन किया। P20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारत की G20 प्रेसीडेंसी के व्यापक ढांचे के तहत भारत की संसद द्वारा की गई थी। सितंबर में अफ़्रीकी संघ के G20 का सदस्य बनने के बाद पैन-अफ़्रीकी संसद ने पहली बार P20 शिखर सम्मेलन में भाग लिया था। इस P20 शिखर सम्मेलन के दौरान, विषयगत सत्र महत्वपूर्ण विषयों पर केंद्रित थे जिनमें सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से लोगों के जीवन में परिवर्तन, महिलाओं के नेतृत्व में विकास, एसडीजी में तेजी

पंजाब से लश्कर के दो आतंकी गिरफ्तार, भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद, कश्मीर से आए थे आतंक फैलाने


 पंजाब पुलिस ने शनिवार को बताया कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर के रहने वाले दो व्यक्तियों को पकड़कर लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आतंकी मॉड्यूल को नष्ट कर दिया है। एक केंद्रीय एजेंसी के साथ मिलकर चलाए गए ऑपरेशन में भारी मात्रा में गोला-बारूद मिला, जिसमें दो इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED), दो हैंड ग्रेनेड, एक पिस्तौल, दो मैगजीन, 24 कारतूस, एक टाइमर स्विच, आठ डेटोनेटर और चार बैटरियां शामिल थीं। 

राज्य पुलिस प्रमुख गौरव यादव ने ऑपरेशन की सराहना करते हुए इसे आतंकवाद से निपटने के अथक प्रयासों में एक "बड़ी सफलता" बताया है। उन्होंने बताया कि आतंकी मॉड्यूल लश्कर-ए-तैयबा के सक्रिय सदस्य फिरदौस अहमद भट के नियंत्रण में था, उन्होंने पंजाब में शांति को बाधित करने के प्रयासों को विफल करने में ऑपरेशन के महत्व पर जोर दिया।

संयुक्त अभियान पंजाब पुलिस की राज्य विशेष ऑपरेशन सेल-अमृतसर टीम द्वारा संचालित किया गया था, जिसे एक केंद्रीय एजेंसी का समर्थन प्राप्त था, जो सुरक्षा बनाए रखने और आतंकवादी खतरों से निपटने के लिए राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

इजरायल-हमास युद्ध को पुतिन ने बताया त्रासदी, लगे हाथों अमेरिका को भी लपेटा

#israel_hamas_war_russian_president_vladimir_putin_says 

इज़राइल पर हमास का हमला हुए एक सप्ताह बीत चुका है। इस बीच गाजा पर इजरायल की बमबारी जारी है और इजरायल गाजा पर जमीनी हमले की भी पूरी तैयारी में जुटा हुआ है। इज़रायल के टैंक गाज़ा बॉर्डर की बैरिकेडिंग को तोड़कर गाज़ा पट्टी में दाखिल हो गए हैं। वहीं इजरायल की तरफ से बार-बार यह संकेत दिया जा रहा है कि अभी और बहुत कुछ होना बाकी है। इजरायल-हमास युद्ध को लेकर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर बयान दिया है। पुतिन ने कहा कि हमास ने इजरायल पर क्रूर हमले किए लेकिन अब इजरायल की ओर से किए जा रहे हमले भी क्रूर हैं। साथ ही पुतिन ने कहा कि वह इजराइल और हमास के बीच जारी युद्ध में मध्यस्थता करने के लिए तैयार है।

इजराइल-हमास युद्ध पर पुतिन ने कहा कि ये त्रासदी अमेरिका की नाकाम नीति का नतीजा है। उन्होंने कहा कि इजराइल पर क्रूर हमला हुआ है। इजराइल को अपनी सुरक्षा का अधिकार है। उन्होंने कहा कि रूस स्वतंत्र फिलिस्तीन का समर्थन करता है। इजराइल को तुरंत बमबारी रोकनी चाहिए।किर्गिस्तान में आयोजित एक शिखर सम्मेलन में पुतिन ने कहा कि इस खून खराबे को अब रोकने की आवश्यकता है। बता दें कि रूसी राष्ट्रपति यूक्रेन युद्ध की शुरूआत के बाद पहली बार देश से बाहर गए हैं।

किर्गिस्तान की राजधानी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पुतिन ने कहा कि रूस को इस बात का इल्म है कि मिडिल ईस्ट में क्या हो रहा है। इजरायल ने गाजा इलाके की घेराबंदी कर दी है। इजरायल लगातार एयर स्ट्राइक कर रहा है।पुतिन ने कहा, इजरायल बड़े पैमाने पर और काफी क्रूर तरीकों से भी जवाब दे रहा है। उन्होंने कहा, अमेरिका में गाजा पर हो रहे हमलों को लेकर चर्चाएं चल रही है, वहां बात चल रही है कि गाजा की घेराबंदी द्वितीय विश्व युद्ध में लेनिनग्राद (अब सेंट पीटर्सबर्ग) की घेराबंदी जैसी है। पुतिन ने कहा, मेरे नजरिए से ये अस्वीकार्य है। वहां (गाजा) 20 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं। ये सभी लोग हमास का समर्थन नहीं करते हैं, मगर सब को भुगतना होगा, जिसमें महिला, बच्चे शामिल हैं।

रूसी राष्‍ट्रपति ने यह भी जोर देकर कहा कि एक स्‍वतंत्र फलस्‍तीन देश ही इस समस्‍या का हल है जिसकी राजधानी पूर्वी यरुशलम हो। किर्गिस्‍तान के दौरे पर पहुंचे पुतिन ने कहा कि बातचीत करके समस्‍या के समाधान के अलावा इजरायली-फलस्‍तीनी विवाद का कोई हल नहीं है। व्‍लादिमीर पुतिन ने कहा कि इस बातचीत का उद्देश्‍य संयुक्‍त राष्‍ट्र के दो देश वाले फार्मूले को लागू करना होना चाहिए। इस फार्मूले में कहा गया है कि एक स्‍वतंत्र फलस्‍तीन देश होगा और पूर्वी यरुशलम उसकी राजधानी होगी। साथ वह इजरायल के साथ शांति और सुरक्षा के साथ रहेगा।

अंगल्लू हिंसा मामले में पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू को बड़ी राहत, आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने दी अग्रिम जमानत

आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने अंगल्लू हिंसा मामले में TDP अध्यक्ष और पूर्व सीएम एन चंद्रबाबू नायडू को अग्रिम जमानत दे दी। उच्च न्यायालय ने गुरुवार को अंगल्लू हिंसा मामले में दलीलें सुननी पूरी कर अपने आदेश सुरक्षित रख ली थी और आज उन्हें जारी कर दिया। हाल ही में अंगल्लू मामले में उनकी साधारण जमानत याचिका खारिज होने के बाद नायडू ने अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। अंगल्लू मामला अगस्त में टीडीपी प्रमुख के अभियान कार्यक्रम में हुई हिंसा से जुड़ा है।

बता दें कि, अन्नामय्या जिले के अंगल्लू और चित्तूर जिले के पुंगनुरु में पथराव, आगजनी और दंगे में कई पुलिस अधिकारी और TDP और YSR कांग्रेस समर्थक घायल हो गए थे। कौशल विकास निगम से कथित तौर पर धन का दुरुपयोग करने के आरोप में नायडू को अब न्यायिक हिरासत में राजामहेंद्रवरम केंद्रीय जेल में रखा जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को लगभग 300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। दूसरी तरफ, TDP प्रमुख अभी भी दो और भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं: इनर रिंग रोड मामला और फाइबर नेट मामला।

अंगल्लू मुद्दे में यह आरोप शामिल है कि चंद्रबाबू नायडू और अन्य TDP अधिकारियों ने अगस्त में स्थानीय युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (YSRCP) के नेताओं के खिलाफ हिंसा भड़काई थी। YSRCP के नेतृत्व में आंध्र प्रदेश प्रशासन ने मामले में एक औपचारिक पुलिस रिपोर्ट दर्ज की है। आरोप के मुताबिक, नायडू और अन्य टीडीपी राजनेताओं ने अगस्त में अंगल्लू गांव में एक राजनीतिक सभा के दौरान YSRCP नेताओं पर हमला किया था। इस मामले में, नायडू पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 307 के साथ-साथ अन्य संबंधित प्रावधानों के तहत हत्या के प्रयास का आरोप लगाया गया है। बुधवार को पिछली सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने CID से कहा था कि वह अंगल्लू हिंसा मामले में आज की सुनवाई तक नायडू को गिरफ्तार न करें। सोमवार को नायडू अमरावती इनर रिंग रोड मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट में पेश होंगे।

*इजरायल-हमास के बीच जारी है जंग, खतरों के बीच से सुरक्षित दिल्ली पहुंचा 235 भारतीयों का दूसरा जत्था*

#second_batch_of_indians_airlifted_from_israel_under_operation_ajay 

इजरायल और हमास के बीच युद्ध अब आठवें दिन में प्रवेश कर चुका है। गाजा और इजरायल दोनों जगहों पर जबरदस्त कत्लेआम मचा हुआ है। युद्ध की वजह से भारत वहां मौजूद अपने नागरिकों के लिए चिंतित है। इजरायल से भारतीय नागरिकों की सकुशल वापसी के लिए भारत ने 'ऑपरेशन अजय' शुरू किया है। इस निकासी ऑपरेशन के तहत इजरायल से भारतीयों का दूसरा बेड़ा दिल्ली पहुंच गया है। आज 235 भारतीयों का एक और जत्था दिल्ली पहुंच चुका है।

इजराइल से भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए एयर इंडिया की दूसरी फ्लाइट शुक्रवार की शाम करीब 5.35 बजे तेल अवीव के उड़ान भरी थी। भारतीय अधिकारियों के मुताबिक, भारतीय यात्रियों को विमान ने तेल अवीव से शुक्रवार रात 11.02 बजे उड़ान भरी थी। 235 भारतीय नागरिकों को लेकर विशेष विमान दिल्ली पहुंचा। नागरिकों के स्वागत के लिए विदेश राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह एयरपोर्ट पर मौजूद रहे।भारतीय नागरिकों के दूसरे बैच में दो नवजात समेत 235 नागरिक शामिल रहे।

भारत ने गुरुवार को ऑपरेशन अजय का ऐलान किया। इसका मकसद इजरायल में रहने वाले भारतीयों की सकुशल वापसी है।इस ऑपरेशन के जरिए सिर्फ उन्हीं लोगों को इजरायल से लाया जा रहा है, जो वहां से आने को इच्छुक हैं। इजरायल में मौजूद भारतीय दूतावास ने बताया है कि शनिवार (14 अक्टूबर) को भी भारतीय नागरिकों की निकासी प्रक्रिया जारी रहने वाली है। दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'दूतावास ने आज विशेष उड़ान के लिए रजिस्टर्ड भारतीय नागरिकों के अगले बैच को ईमेल कर दिया है। बाद की उड़ानों के लिए अन्य रजिस्टर्ड लोगों को संदेश भेजा जाएगा। यात्रियों का चयन 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर किया जा रहा है। इसके लिए यात्रियों को दूतावास के डाटाबेस में अपनी जानकारी फीड करवानी होती है।

बता दें कि इजरायल में लगभग 18 हजार भारतीय रह रहे हैं। वहां से जो भी वतन वापस आना चाहता है उन्हें सरकार ऑपरेशन अजय के तहत वापस ला रही है। जो लोग भी इजरायल से वापस लौट रहे हैं उन्हें कोई किराया नहीं देना पड़ रहा है। सरकार उनकी वापसी का खर्च वहन कर रही है।

भारत सरकार ने बुधवार को ‘ऑपरेशन अजय’ शुरू करने की घोषणा की थी। विदेश मंत्री जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'इजरायल से लौटने के इच्छुक हमारे नागरिकों की वापसी की सुविधा के लिए ऑपरेशन अजय शुरू किया जा रहा है। विशेष चार्टर उड़ानें और अन्य व्यवस्थाएं की जा रही हैं।’ विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा, ‘हम विदेश में हमारे नागरिकों की सुरक्षा और भलाई के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।

इजरायल-हमास के बीच जारी है जंग, खतरों के बीच से सुरक्षित दिल्ली पहुंचा 235 भारतीयों का दूसरा जत्था

#second_batch_of_indians_airlifted_from_israel_under_operation_ajay 

इजरायल और हमास के बीच युद्ध अब आठवें दिन में प्रवेश कर चुका है। गाजा और इजरायल दोनों जगहों पर जबरदस्त कत्लेआम मचा हुआ है। युद्ध की वजह से भारत वहां मौजूद अपने नागरिकों के लिए चिंतित है। इजरायल से भारतीय नागरिकों की सकुशल वापसी के लिए भारत ने 'ऑपरेशन अजय' शुरू किया है। इस निकासी ऑपरेशन के तहत इजरायल से भारतीयों का दूसरा बेड़ा दिल्ली पहुंच गया है। आज 235 भारतीयों का एक और जत्था दिल्ली पहुंच चुका है।

इजराइल से भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए एयर इंडिया की दूसरी फ्लाइट शुक्रवार की शाम करीब 5.35 बजे तेल अवीव के उड़ान भरी थी। भारतीय अधिकारियों के मुताबिक, भारतीय यात्रियों को विमान ने तेल अवीव से शुक्रवार रात 11.02 बजे उड़ान भरी थी। 235 भारतीय नागरिकों को लेकर विशेष विमान दिल्ली पहुंचा। नागरिकों के स्वागत के लिए विदेश राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह एयरपोर्ट पर मौजूद रहे।भारतीय नागरिकों के दूसरे बैच में दो नवजात समेत 235 नागरिक शामिल रहे।

भारत ने गुरुवार को ऑपरेशन अजय का ऐलान किया। इसका मकसद इजरायल में रहने वाले भारतीयों की सकुशल वापसी है।इस ऑपरेशन के जरिए सिर्फ उन्हीं लोगों को इजरायल से लाया जा रहा है, जो वहां से आने को इच्छुक हैं। इजरायल में मौजूद भारतीय दूतावास ने बताया है कि शनिवार (14 अक्टूबर) को भी भारतीय नागरिकों की निकासी प्रक्रिया जारी रहने वाली है। दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'दूतावास ने आज विशेष उड़ान के लिए रजिस्टर्ड भारतीय नागरिकों के अगले बैच को ईमेल कर दिया है। बाद की उड़ानों के लिए अन्य रजिस्टर्ड लोगों को संदेश भेजा जाएगा। यात्रियों का चयन 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर किया जा रहा है। इसके लिए यात्रियों को दूतावास के डाटाबेस में अपनी जानकारी फीड करवानी होती है।

बता दें कि इजरायल में लगभग 18 हजार भारतीय रह रहे हैं। वहां से जो भी वतन वापस आना चाहता है उन्हें सरकार ऑपरेशन अजय के तहत वापस ला रही है। जो लोग भी इजरायल से वापस लौट रहे हैं उन्हें कोई किराया नहीं देना पड़ रहा है। सरकार उनकी वापसी का खर्च वहन कर रही है।

भारत सरकार ने बुधवार को ‘ऑपरेशन अजय’ शुरू करने की घोषणा की थी। विदेश मंत्री जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'इजरायल से लौटने के इच्छुक हमारे नागरिकों की वापसी की सुविधा के लिए ऑपरेशन अजय शुरू किया जा रहा है। विशेष चार्टर उड़ानें और अन्य व्यवस्थाएं की जा रही हैं।’ विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा, ‘हम विदेश में हमारे नागरिकों की सुरक्षा और भलाई के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।