बिजली के अंधाधुंध कटौती से ग्रामीण क्षेत्रों में हाहाकार राम राज्य में बिजली हुई छुईमुई
सोहावल अयोध्या। क्षेत्र अंधाधुंध बिजली कटौती से जनजीवन अस्त व्यस्त है। इमरजेंसी रोस्टिंग के नाम पर हर दो घंटे के बाद बिजली कटौती की जा रही है।
जिसके चलते लोग परेशान हैं। बिजली आने जाने का कोई समय कोई निर्धारित नहीं है। गर्मी से बेहाल लोग छतों पर सो रहे हैं। जिसके चलते क्षेत्र में चोरी की घटनाएं होने का खतरा बना हुआ है। उप केंद्र से बिजली कटौती व लो वोल्टेज से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। दो-दो घंटे रोस्टिंग रहती है बिजली कब आएगी, कब जाएगी कोई समय निश्चित नहीं है।
रात में तो कई बार बिजली कटौती से लोगो का हाल बेहाल है। बिजली कटौती से दैनिक दिनचर्या, पेयजल आपूर्ति प्रभावित है तो । बिजली उपकेंद्र फोन करने पर भी फोन को रिसीव नही किया जाता है।
चौबीस घंटे में महज सात से आठ घंटे बिजली रह रही है। यह स्थिति पिछले कई दिनों से बनी हुई है। बिजली की दगाबाजी के चलते लोगों के रात की नींद व चैन छीन गया है। विद्युत उपभोक्ता इन दिनों रोस्टिंग से काफी परेशान हैं। लोग पहले से ही विद्युत समस्याओं से आजिज हैं मगर इस समय मानकों व घोषणा के हिसाब से विद्युत सप्लाई नहीं मिल पा रही है।
तहसील क्षेत्र सोहावल की विद्युत सप्लाई स्थानीय उपकेन्द्र से की जाती है। क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याएं लम्बे समय से खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। विद्युत की उचित आपूर्ति न होने से क्षेत्र के किसान, व्यापारी, विद्यार्थी व आमजन बेहाल है, जिसका कोई पुरसाहाल नहीं हैं। विद्युत आधारित व्यापारियों का कहना है कि बिजली की आंख मिचौली हम लोगों के व्यवसाय पर भारी पड़ रहा है।
समय से बिजली न मिल पाने के कारण क्षेत्र के अधिकांश व्यापारियों का व्यवसाय ठप होने के कगार पर पहुंच गया है। पावर कारपोरेशन रूदौली डिविजन के लिए हो रहे सौतेले व्यवहार से रोष्टिंग हो रही है। जन प्रतिनिधि आंख मूंदे हुए है अधिकारी बकाया दारो की गरीबी को नजरदांज कर दिन दूनी रात चौगुनी बिल बढाकर राजस्व की वसूली कर रहे है।
मिट्टी का तेल पहले ही बंद कर दिया अब शाम होते ही रात भर रोष्टिंग के नाम पर कटौती हो रही है। ग्राम सभा से लेकर ब्लाक जिला विधान सभा लोकसभा के जन प्रतिनिधि केवल आंखमूंद तमाश बीन बने हुए है। लोग रात के अंधेरे तथा गर्मी मे जहरीले जंतुओ के बीच अपने परिवार के साथ जान जोखिम मे डालकर घर के बाहर भटकते है।
लेकिन उनका कोई भी सहरदार नही है। किसी सत्ता दल के छुटभैया से कुछ कहो भी तो कहते हैं कि इसके पहले की सरकारो ने तुम्हें क्या दिया था।जो अब रोना रो रहे हो। कोई उनसे पूछे कि, पहले की सरकार मे कम से कम घासलेट, तो मिल जाता था। जिसे जला कर घर मे रौशनी कर अंधेरे का छुटकारा पाकर जहरीले जीव जंतुओ से तो बचाव कर लेता था और घर की छत पर चैन की नींद सोता था ।
Oct 09 2023, 19:31