*अमेठी: इलाज में लापरवाही के दौरान महिला की मौत,शव को रखकर किया प्रदर्शन*
अमेठी । जिले से बड़ी खबर, इलाज के दौरान महिला की मौत का मामला, परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन व डाक्टरों पर लगाया लापरवाही का बड़ी आरोप, महिला का पथरी का होना था आपरेशन, आपरेशन थियेटर में जाने के बाद डाक्टरों ने लगाया बिहोशी का इंजेक्शन, इंजेक्शन लगने के बाद महिला की बिगड़ी तबीयत, आनन-फानन में डाक्टरों ने महिला को बेन्टीलेटर पर लिटाया, महिला को होश न आने पर डाक्टरों ने महिला को किया लखनऊ रेफर,जहां पर पहुंचने के बाद डॉक्टरो ने महिला को किया मृत घोषित,शव वापस पहुंचने पर परिजनों ने संजय गांधी अस्पताल के गेट के सामने शव को रखकर 5 सूत्रीय मांगों को लेकर कर रहे हैं प्रदर्शन।
जिले के मुंशीगंज थाना क्षेत्र के रामशाहपुर गांव के रहने वाले अनुज शुक्ल की पत्नी को पित्त की थैली में पथरी थी। शुक्रवार को परिजनों ने उसे मुंशीगंज के संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां पर शनिवार को डॉक्टर ऑपरेशन के लिए ओटी में लेकर गए। ऑपरेशन के पहले महिला को एनेस्थीसिया का डोज दिया गया, जिसके बाद वो कोमा में चली गई। देर रात करीब दो बजे अस्पताल प्रसाशन ने महिला को लखनऊ रेफर कर दिया। महिला को लेकर परिजन वेदान्ता हॉस्पिटल लखनऊ पहुंचे। जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। देर शाम पीएम के बाद शाम शव घर पहुचा।
मृतका के पति अनुज शुक्ल ने कहा कि पथरी के ऑपरेशन के लिए अस्पताल में तैनात डॉ रजा को दिखाया गया था। जहां काफी जांच के बाद ऑपरेशन करने की बात बताई गई। ऑपरेशन के पहले उसकी पत्नी को एनेस्थीसिया का ओवरडोज दिया गया, जिससे उसकी मौत हो गई। पीएम के बाद देर शाम परिवारीजनों ने दिव्या का शव लेकर रामशाहपुर गाव में पहुचे। जिसके बाद बड़ी संख्या में परिजन मुंशीगंज स्थित अस्पताल के गेट पर शव रखकर परिवारीजनों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। वही अस्पताल के ट्रस्टी व प्रसाशन के सामने परिवारीजनों ने पांच मागे रखी। परिवारीजनों ने मांग पत्र सीओ गौरीगंज मयंक द्विवेदी को दिया। देर रात्रि तक परिवारीजन अस्पताल गेट पर शव रखकर बैठे रहे। इस दौरान कई थानों की पुलिस व पीएसी बल अस्पताल गेट पर तैनात रही।
अनुज कुमार शुक्ला ने बताया हम 14 तारीख को आए थे अपने पेशेंट को एडमिट करने हम लोगों ने सबसे पहले डॉक्टर रजा को दिखाया था और सारी जांच भी करवा रखी थी डॉक्टर ने कहा अभी आप चलिए 11:00 बजे ऑपरेशन होगा एडमिट करने के 1 घंटे बाद हमें पता चला कि मरीज की हालत बहुत सीरियस है ऑपरेशन भी नहीं हो पाया था इतनी सीरियस थी कि हम लोग बात नहीं सकते कुछ देर बाद हमारा मरीज वेंटिलेटर पर आ गया डॉक्टर बोले 24 घंटे में इसे हम सरवाइव करेंगे हम लोग बोले चलो ठीक है देखते हैं 24 घंटे से 40 घंटे हो गया यह लोग कुछ नहीं किया बस आते थे जाते थे कुछ किया नहीं पैसा हम लोगों से पूरी रात चूसते रहे हर 10 मिनट पर जांच करवाते रहे 5000 से लेकर 10000 तक की दवा करते रहे लेकिन कोई रिजल्ट नहीं आया बाद में जब बॉडी डेड हो गई तो यह हमारे ऊपर दबाव बनाने लगे कि आप इनको कहीं दूसरे अस्पताल में ले जाओ वहां जांच करवानी पड़ेगी ।
हम लोगों ने कहा इसमें हमारी क्या जिम्मेदारी है आपको यह सब पहले बताना था बोले नहीं इनको आप लेकर जाइए इन्होंने हमें एक पर्चा बना कर दिया कि मरीज के इलाज का जितना खर्चा होगा अस्पताल भुगतेगा और इन्होंने एक एंबुलेंस भी हमें दी इनका एक स्टाफ साथ में गया था जैसे इन लोगों ने भेजा था वैसे ही हम लोग इन्हें मेदांता अस्पताल ले गए वहां अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया की इसकी मौत हो गई है अभी हमारी मांग है जो मृतका है उनके 10 माह का बच्चा है जिसका जीवन इन लोगों ने बिगाड़ दिया हम लोग बच्चे के भरण पोषण शिक्षा मेडिकल और एक करोड रुपए की मांग कर रहे हैं प्रशासन की तरफ से अभी कोई रिस्पांस नहीं मिला जब हम लोग लखनऊ से निकले थे जैसे ही हम लोग लखनऊ से अमेठी के बॉर्डर पहुंचे हमारे आगे पीछे पुलिस लग गई हमारे घर में हम लोगों को जबरन घुसेड़ा जा रहा था जैसे हम लोग कोई अपराधी हो ऐसा बर्ताव हमारे साथ किया गया जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती हम लोग प्रदर्शन करते रहेंगे हम पीछे हटने वाले नहीं हैं अस्पताल प्रशासन पूरा हत्यारा हैं
वही ग्रामीण अंशु पांडे ने बताया कि हमारी मांगे की गई हैं अभी सीओ साहब आए थे उनसे हमारी बात हुई हम लोग तहरीर भी तैयार कर रहे हैं लेकिन तहरीर हम लोग एसपी और डीएम के आने के बाद ही देंगे हम लोग ऐसे ही इंतजार करते रहेंगे हम लोग दिन रात यहीं बैठे रहेंगे जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती हम पूरे अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं हम चाहते हैं दोषियों पर 302 का मुकदमा लिखा जाए और हमारी मांगे पूरी हो अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है प्रशासन मदद करने की बजाय रास्ते से ही हमारे गाड़ियों के पीछे अपनी गाड़ी लग रहा है हम लोगों के साथ जैसे अपराधी हैं आतंकवादी हैं ऐसा बर्ताव किया जा रहा है
आपको बता दें कि मुंशीगंज स्थित संजय गांधी अस्पताल के मुख्य ट्रस्टी कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी है।इसके पूर्व 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान भी संजय गांधी अस्पताल चर्चा में आया था।उस समय केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाये थे।
Sep 17 2023, 10:27