अपने ही फैलाए आतंक के जाल में फंसा पाकिस्तान, कई इलाकों पर तालिबान ने किया कब्ज़ा ! कर डाली 10 सैनिकों की हत्या, कई घायल


 जिन आतंकियों को पाकिस्तान ने भारत में जहर फ़ैलाने के लिए पैदा किया था, वो ही आतंकी अब पाकिस्तान के गले की फांस बन चुके हैं। दरअसल, कट्टरपंथी संगठन, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने बुधवार (6 सितंबर) को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के चित्राल जिले में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ "बड़े पैमाने पर" सैन्य आक्रमण शुरू कर दिया है। पाकिस्तानी सेना पर इस हमले को TTP ने कथित तौर पर 'ऑपरेशन मलकंद' नाम दिया है, और इस अभियान में कई सैन्य चौकियों पर हमला किया गया है, जिसमें कई पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं या घायल हुए हैं। साथ ही TTP आतंकियों ने यह भी दावा किया है कि उन्होंने इलाके के कई गांवों पर कब्जा कर लिया है। 

एक TTP कमांडर ने द खुरासान डायरी को टेलीफोन पर बताया कि हमला दिन के शुरुआती घंटों में शुरू हुआ। उन्होंने कहा, 'TTP द्वारा चित्राल जिले में एक ऑपरेशन शुरू किया गया है और विभिन्न गांवों पर कब्जा कर लिया गया है। इसकी शुरुआत आज सुबह 4 बजे (पाकिस्तान समय) हुई। हम तस्वीरें साझा करेंगे. वर्तमान में, हम ख़राब इंटरनेट समस्याओं से जूझ रहे हैं।' खुरासान डेयरी से बात करते हुए एक वरिष्ठ पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारी ने TTP द्वारा किए गए दावों को खारिज कर दिया और कहा कि आतंकी संगठन ने किसी भी क्षेत्र पर कब्जा नहीं किया है। विशेष रूप से, खुरासान डायरी एक गैर-पक्षपातपूर्ण मंच होने का दावा करती है, जो वास्तविक समय की जानकारी और विश्लेषण प्रदान करती है। स्थानीय मीडिया को दिए एक बयान में, TTP के प्रवक्ता मुहम्मद खुरासानी ने स्थानीय नागरिकों से शांत रहने को कहा, क्योंकि उनका "युद्ध" पाकिस्तानी सेना के खिलाफ था, जिसे उन्होंने "हथियाने वाली" और "दमनकारी" सुरक्षा एजेंसियों के रूप में संदर्भित किया। गौरतलब है कि कल 6 सितंबर को पाकिस्तान अपना रक्षा दिवस मना रहा था। इस पर खुरासानी ने कहा कि, ''हम चित्राल के लोगों से कहना चाहते हैं कि आप शांत रहें। तुम्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. हमारी लड़ाई अतिक्रमणकारी और दमनकारी सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ है।''

इस बीच, एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कई अपुष्ट वीडियो ऑनलाइन सामने आए हैं, जिसमें दावा किया जा रहा है कि चित्राल क्षेत्र में 500 TTP आतंकवादियों से लड़ने के लिए पाकिस्तानी SSG कमांड को बुलाया गया है, जिन्होंने कुछ गांवों पर कब्जा कर लिया है। पाकिस्तानी मामलों में विशेषज्ञता रखने वाले प्रमुख पत्रकारों सहित कई सोशल मीडिया हैंडल ने दावा किया है कि डूरंड लाइन पर पाकिस्तानी सेना और TTP के बीच झड़पें हुईं। इसके परिणामस्वरूप तोरखम सीमा पार करना बंद कर दिया गया। जबकि पाकिस्तानी सेना ने इस बात से इनकार किया है कि उसे कोई नुकसान हुआ है, TTP आतंकवादियों ने दावा किया है कि उन्होंने 10 पाकिस्तानी सैनिकों को मार डाला है और 40 को घायल कर दिया है। दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तानी मीडिया ने रणनीतिक चुप्पी बनाए रखी है और स्पष्ट कारणों से, उसने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ TTP के बड़े हमले को कवर नहीं किया है।

 महत्वपूर्ण है कि TTP जिसे पाकिस्तान तालिबान के नाम से भी जाना जाता है, ने नवंबर 2022 में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ पूर्ण युद्ध का ऐलान कर दिया था। इसने पाकिस्तानी सेना को हराने और काबुल में अफगान तालिबान की तरह पाकिस्तान में शरिया कानून स्थापित करने की कसम खाई थी। हाल के दिनों में, पाकिस्तानी सेना और प्रतिष्ठान-प्रायोजित आतंक उद्योग फिर से उसे परेशान करने लगे हैं। यह उन आतंकी संगठनों द्वारा की गई आतंकवादी गतिविधियों की लहर से प्रभावित हुआ है, जिन्हें वे दशकों से पोषित कर रहे हैं। 

संयुक्त राष्ट्र (UN) की कई रिपोर्टों के अनुसार, TTP को अल-कायदा के साथ मिलकर काम करने के लिए कहा जाता है और इसे पूरे पाकिस्तान में कई घातक हमलों के लिए दोषी ठहराया जा रहा है। इससे पहले, 2 सितंबर को TTP के साथ मुठभेड़ में पाकिस्तानी सेना के एक मेजर और एक सैनिक की मौत हो गई थी। पाकिस्तानी सेना को अफगानिस्तान की सीमा से लगे उत्तर-पश्चिमी कबायली जिले में एक खुफिया-आधारित ऑपरेशन के दौरान ये नुकसान उठाना पड़ा। इसके अलावा, दो दिन पहले, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में TTP के आत्मघाती हमले में कथित तौर पर नौ पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे।

सनातन विवाद पर बेटे उदयनिधि के समर्थन में उतरे सीएम एमके स्टालिन, पीएम मोदी पर साधा निशाना

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तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने चेन्नई में 2 सितंबर को एक कार्यक्रम में सनातन धर्म के खिलाफ बयान दिया था। उदयनिधि के इस बयान के बाद सियासी गलियारे में बवाल मचा हुआ है। सनातन धर्म पर दिए गए उदयनिधि स्टालिन के बयान के बाद उनके पिता और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन उनके समर्थन में उतर आए हैं। इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। एमके स्टालिन ने कहा है कि उदयनिधि ने सनातन धर्म पर अपने विचार रखे हैं, जिसमें कुछ भी गलत नहीं है। लेकिन प्रधानमंत्री का इस पर सीधे जवाब देने का निर्देश देना गलत है।

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अपने बेटे का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं के साथ भेदभाव करने वाले सनातन सिद्धांतों पर अपने विचार रखे थे। उनका किसी भी धर्म या धार्मिक मान्यताओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उदयनिधि ने सनातन विचारों वाले लोगों के नरसंहार का कभी आह्वान नहीं किया था। यह भाजपा के लोग हैं, जो एक झूठी कहानी फैला रहे हैं। 

पीएम मोदी पर भी साधा निशाना

तमिलनाडु के सीएम ने पीएम मोदी पर निशाना साधा। कहा कि खबरें आ रही हैं कि प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि उदयनिधि की टिप्पणियों को उनके मंत्रिपरिषद की बैठक के दौरान उचित प्रतिक्रिया की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह सुनना बहुत निराशाजनक है। प्रधानमंत्री के पास किसी भी दावे या रिपोर्ट को सत्यापित करने के लिए कई संसाधन उपलब्ध हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या प्रधानमंत्री उदयनिधि के बारे में फैलाए गए झूठ से अनजान होकर बोल रहे हैं या वह जानबूझकर ऐसा कर रहे?

मोहन भागवत से सलाह लेने की सलाह

इतना ही नहीं एमके स्टालिन ने कहा कि आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने भी ये बयान दिया है कि हमने अपने ही लोगों को सामाजिक सिस्टम में पीछे छोड़ दिया है, हमने 2000 साल तक उनकी कोई परवाह नहीं की। जबतक हम उन्हें बराबरी पर नहीं लाते हैं, तबतक विशेष छूट देनी जरूरी है इन्हीं में से एक आरक्षण भी है। तमिलनाडु के सीएम ने लिखा कि अगर भाजपा ये समझना चाहती है कि उदयनिधि ने आखिर क्या बात की है, उन्हें मोहन भागवत से सलाह लेनी चाहिए।

क्या कहा था उदयनिधि ने?

उदयनिधि स्टालिन चेन्नई में एक सनातन उन्मूलन कार्यक्रम में शामिल हुए। वहां स्पीच के दौरान उन्होंने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से की। उदयनिधि ने कहा- जिस तरह मलेरिया और कोरोना को खत्म किया जाना जरूरी है उसी तरह सनातन भी है। उदयनिधि के इस कमेंट पर बीजेपी आईटे सेल हेड अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा - उदयनिधि की बातों से यह लगता है कि सनातन को मानने वाली 80 प्रतिशत आबादी का नरसंहार कर दो।

मध्यप्रदेश में पत्रकारों के लिए CM शिवराज ने किए ये बड़े ऐलान, मिलेगा भारी फायदा

मध्य प्रदेश के सीएम ने पत्रकारों के हित में कई अहम ऐलान किए है। पत्रकार भवन के नए स्वरूप में स्टेट मीडिया सेंटर का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ स्टेट मीडिया सेंटर में प्रेस कांफ्रेंस के लिए सभागार की व्यवस्था भी उपलब्ध कराई जाएगी। पत्रकार सुरक्षा कानून के लिए समिति का गठन जल्द किया जाएगा। पत्रकारों की श्रद्धा निधि में भी बढ़ोतरी की गई है। बीमा प्रीमियम राशि भी पिछले वर्ष के बराबर उपलब्ध कराई जाएगी। राजधानी भोपाल में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में पत्रकारिता को मजबूती देने और इसे सुदृढ़ करने के लिए पत्रकारों के हित में कई अन्य ऐलान किए है। पत्रकार सुरक्षा कानून के लिए कमेटी का निर्माण किया जाएगा। पत्रकार भवन का निर्माण कर स्टेट मीडिया सेंटर का निर्माण किया जाएगा। आवास कर्ज की सीमा को 30 लाख तक बढ़ाया जाएगा। उनके सम्मान निधि को बढ़ाकर 20000 रुपए किया गया है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा वरिष्ठ पत्रकारों के स्वास्थ्य बीमा की पॉलिसी की राशि सरकार वहन करेगी। मालवीय नगर भोपाल में पत्रकार भवन को नये स्वरूप में बनाएंगे, उसे स्टेट मीडिया सेन्टर के रूप में बनाएंगे। पत्रकार बंधुओ के बैठने एवं चर्चा करने की व्यवस्था, लाइब्रेरी, कैंटीन समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेगी। पत्रकार सुरक्षा कानून के लिए समिति का गठन शीघ्र किया जाएगा। कमेटी में वरिष्ठ पत्रकार सदस्य रहेंगे। कमेटी द्वारा प्राप्त सुझावों के आधार पर आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

बड़ी घोषणाएं

बीमा कंपनी द्वारा इस साल प्रीमियम राशि में की गई 27 प्रतिशत की वृद्धि की अतिरिक्त राशि राज्य सरकार भरेगी।

65 वर्ष से अधिक आयु वाले पत्रकारों एवं उनकी पत्नी के बीमा का पूरा प्रीमियम राज्य सरकार भरेगी।

बीमा के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 16 सितम्बर से बढ़ाकर 25 सितम्बर की गई है।

पत्रकारों और उनके आश्रितों के उपचार हेतु मिलने वाली आर्थिक राशि में बढ़ोतरी की गई है।

सामान्य बीमारियों के उपचार के लिए आर्थिक सहायता राशि 20 हजार से बढ़ाकर 40 हजार की गई है।

गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए आर्थिक सहायता राशि 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख की गई है।

प्रदेश के वरिष्ठ एवं बुजुर्ग पत्रकारों को प्रतिमाह दी जाने वाली सम्मान निधि 10 हजार से बढ़कर 20 हजार की गई है।

सम्मान निधि प्राप्त करने वाले पत्रकार के निधन पर उनकी पत्नी को एकमुश्त 8 लाख की सहायता राशि मिलेगी।

भोपाल के मालवीय नगर में पत्रकार भवन, स्टेट मीडिया सेंटर के रूप में विकसित किया जायेगा।

पत्रकारों के लिए आधुनिक सुविधाएं विकसित होंगी।

अधिमान्य पत्रकारों को आवास ऋण ब्याज अनुदान योजना में अधिकतम ऋण राशि 25 लाख से बढ़ाकर 30 लाख की जायेगी।

अधिमान्य पत्रकारों के बच्चों की शिक्षा के लिए बैंक लोन पर 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान 5 वर्षों के लिए राज्य सरकार भरेगी।

छोटे शहरों एवं कस्बों के पत्रकारों को आवश्यकतानुसार भोपाल में डिजिटल तकनीकी प्रशिक्षण माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के सहयोग से दिलाया जाएगा। इसकी संपूर्ण व्यवस्था जनसंपर्क विभाग द्वारा की जायेगी।

जिला स्तरों पर पत्रकारों की सोसायटी के लिए कॉलेनी हेतु जमीन आवंटन की व्यवस्था करने की दिशा में कार्य किया जायेगा।

पत्रकार सुरक्षा कानून बने इसके लिए हम तत्काल एक कमेटी का गठन करेंगे जिसमें सीनियर पत्रकार होंगे, यह कमेटी जो सुझाव देगी उसके आधार पर यह कानून बनाया जाएगा।

पत्रकारों के लिए मुख्यमंत्री शिवराज की महत्वपूर्ण घोषणाएं, पत्रकार सुरक्षा कानून के लिए कमेटी का गठन जल्द, श्रद्धा निधि-सम्मान राशि में वृद्धि, स्टेट मीडिया सेंटर का निर्माण

आदित्य एल1 ने भेजी धरती और चांद के साथ अपनी 'सेल्फी', इसरो ने शेयर किया वीडियो
#aditya_l1_takes_selfie_with_earth_and_moon_isro_shares_latest_video आदित्य एल1 ने भेजी धरती और चांद के साथ अपनी 'सेल्फी', इसरो ने शेयर किया वीडियो भारत का सूर्य मिशन आदित्य-एल 1 अपनी यात्रा पर है। इस अंतरिक्ष यात्रा में आदित्य एल1 की रास्ते में ग्रहों से भी मुलाकात हो रही है। भारत के “सूर्ययान” ने ऐसी ही एक मुलाकात की तस्वीरें भेजी है। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने एल1 की ओर से भेजी गई तस्वीरों को शेयर किया है। इसरो ने आदित्य एल1 को लेकर एक वीडयो शेयर किया है। 40 सेकेंड के इस वीडियो में सूर्ययान ने धरती और चांद के बीच की दूरी भी दिखाई है। यही नहीं इसरो ने बताया कि आदित्यएल1 में लगे 7 पेलोड में से दो विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC) और सोलर अल्ट्रावायलेट इमेजिंग टेलीस्‍कोप (SUIT) की तस्वीरें भी वीडियो में दिखाई हैं। इसरो ने ट्वीट करते हुए बताया कि सूर्य और पृथ्वी के बीच एल1 प्वाइंट पर जा रहे आदित्य एल1 ने फोटो ली है। इस सेल्फी में चांद और धरती भी नजर आए हैं। सैटेलाइट का अबतक दो बार कक्षा बदला गया बता दें कि भारतीय स्पेस एजेंसी ने 2 सितंबर को सूर्य की स्टडी के लिए मिशन आदित्य-L1 लॉन्च किया था, जिसे धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर कक्षा में स्थापित किया जाना है। इससे पहले सूर्य की तरफ जा रहे सैटेलाइट का अबतक दो बार कक्षा बदला गया है और इसे सूर्य की तरफ पुश किया गया है। सैटेलाइट की कक्षा में अभी दो और बार बदलाव किया जाना है। अब 10 सितंबर को बदली जाएगी कक्षा इसरो के दिए अपडेट के मुताबिक आदित्य एल1 ने बीते मंगलवार को पृथ्वी की कक्षा से संबंधित दूसरी प्रक्रिया पूरी कर चुका है। अब आदित्य एल1 10 सितंबर को पृथ्वी की तीसरी कक्षा में प्रवेश करेगा। सूर्ययान की पृथ्वी की तीसरी कक्षा में पहुंचने का समय देर रात लगभग ढाई बजे निर्धारित किया गया है। सैटेलाइट को लैंग्रेज पॉइंट-1 पर स्थापित किया जाएगा आदित्य एल1 को सूर्य-पृथ्वी के बीच सैटेलाइट को लैंग्रेज पॉइंट-1 पर स्थापित किया जाएगा, जहां से सूर्य को बिना ग्रहण 24 घंटे और 365 दिन देखा जा सकेगा। इससे सूर्य की स्टडी में आसानी होगी। लैंग्रेज पॉइंट पर गुरुत्वाकर्षण बल सेंट्रीपीटल फोर्स के बराबर हो जाता है। इस पॉइंट से सैटेलाइट आसानी से अपनी तय कक्षा में घूम सकता है। भारत का ये मिशन है खास आदित्य को सूरज के पास पहुंचने में चार महीने या 125 दिनों का वक्त लगेगा। यह मिशन अपने आप में बहुत खास है। कम कीमतों में तैयार किए गए इस सैटेलाइट की मदद से अंतरिक्ष के वातावरण पर नजर रखी जाएगी। सूर्य से निकलने वाली गर्मी और इससे छूटने वाले प्लाज्मा से अंतरिक्ष में तूफान आता रहता है और इससे अंतरिक्ष में घूम रहे ग्रहों को नुकसान पहुंचता है। कई बार पृथ्वी से भेजे गए सैटेलाइट इसकी चपेट में आ जाते हैं और बड़ा नुकसान होता है। भारत अगर लैंग्रेज पॉइंट पर खुद को स्थापित करने में कामयाब होता है तो इससे दुनिया का भी बड़ा फायदा होगा।

#aditya_l1_takes_selfie_with_earth_and_moon_isro_shares_latest_video आदित्य एल1 ने भेजी धरती और चांद के साथ अपनी 'सेल्फी', इसरो ने शेयर किया वीडियो भारत का सूर्य मिशन आदित्य-एल 1 अपनी यात्रा पर है। इ

फिर दरक गई नैनीताल की सबसे बड़ी पहाड़ी नयना पीक, लोगों में दहशत; प्रशासन की अनदेखी पर उठाए सवाल, हुआ जबरदस्त भूस्खलन

उत्तराखंड में भूस्खलन अभी भी जारी है। अब नैनीताल की सबसे बड़ी पहाड़ी दरक गई है। शहर की सबसे बड़ा नयना पीक पहाड़ी पर जबरदस्त भूस्खलन हुआ। देर रात तेज आवाज सुन पहाड़ी की तलहटी पर बसे लोग भी घरों से बाहर निकल आए। गनीमत रही कि बोल्डर व पत्थर आबादी क्षेत्र तक नहीं पहुंचे।

किसी प्रकार की हानि तो नहीं हुई, लेकिन फिर भी क्षेत्रवासियों में भूस्खलन को लेकर दहशत बनी हुई है। उन्होंने पहाड़ी से नीचे की ओर आ रहे बोल्डर व मलबे की रोकथाम के पर्याप्त इंतजाम करने की मांग की है।

अचानक हुई बारिश से दरक गई पहाड़ी

बीते करीब दो सप्ताह से शहर का मौसम साफ था। मगर मंगलवार देर शाम कुछ समय के लिए मूसलाधार वर्षा हुई। दो सप्ताह से चटक धूप और मूसलाधार वर्षा से देर रात चाइना पीक में भारी भूस्खलन हुआ। मुख्य चोटी के समीप की चोटी का ऊपरी हिस्सा टूट कर नीचे आ गिरा। जिसमें भारी मात्रा में पत्थर व बोल्डर तलहटी से आबादी क्षेत्र के करीब तक पहुंच गए। देर रात तेज आवाज सुन तलहटी पर बसे लोग भी घरों से बाहर निकल आए।

कई बार हो चुका है भूस्खलन

क्षेत्रीय सभासद दया सुयाल ने बताया कि कई बार पहाड़ी पर भूस्खलन हो चुका है। जिससे आबादी क्षेत्र तक भी मलबा व बोल्डर आने का भय बना हुआ है। पूर्व में कई बार इसकी रोकथाम की मांग के बाद भी कोई इंतजाम नहीं किये गए। उन्होंने जिला प्रशासन व वन विभाग से रोकथाम कार्य कराने की मांग की है।

'हमारा इतिहास और भूगोल भारत और आसियान को एकजुट करता है..', जकार्ता में बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी गुरुवार (7 सितंबर) को कहा कि इंडोनेशिया में आयोजित आसियान शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करना उनके लिए सम्मान की बात है। इंडोनेशिया के जकार्ता में शिखर सम्मेलन में उन्होंने कहा कि, "हमारी साझेदारी चौथे दशक में पहुंच गई है। इस शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करना मेरे लिए सम्मान की बात है। मैं इस शिखर सम्मेलन के लिए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो को बधाई देना चाहता हूं।" कहा, "पिछले साल हमने भारत-आसियान मैत्री दिवस मनाया और इसे व्यापक रणनीतिक साझेदारी का रूप दिया।"

समूह के महत्व को रेखांकित करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि, "इस वर्ष का विषय आसियान मायने रखता है: विकास का केंद्र है। आसियान मायने रखता है, क्योंकि यहां हर किसी की आवाज सुनी जाती है और आसियान विकास का केंद्र है क्योंकि आसियान वैश्विक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।" उन्होंने कहा कि, "हमारा इतिहास और भूगोल भारत और आसियान को एकजुट करता है। इसके साथ ही, हमारे साझा मूल्य, क्षेत्रीय एकीकरण और शांति, समृद्धि और बहुध्रुवीय दुनिया में हमारा साझा विश्वास भी हमें एकजुट करता है। आसियान भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का केंद्रीय स्तंभ है।'' 

बाद में उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि, "आसियान-भारत शिखर सम्मेलन बेहतर भविष्य के लिए हमारी साझा दृष्टि और सहयोग का एक प्रमाण है। हम भविष्य के क्षेत्रों में एक साथ काम करने के लिए तत्पर हैं जो मानव प्रगति को बढ़ाएंगे।" गुरुवार सुबह पीएम मोदी आसियान-भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इंडोनेशिया के जकार्ता पहुंचे। अपने प्रस्थान वक्तव्य में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और आसियान के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी ने नई दिल्ली के साथ समूह के संबंधों में नई गतिशीलता ला दी है। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, "आसियान के साथ जुड़ाव भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।" शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद पीएम मोदी तुरंत दिल्ली लौट आएंगे क्योंकि देश 9 और 10 सितंबर को 18वें जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए तैयार है।

सनातन को लेकर बिगड़े बोल, उदयनिधि के बाद अब ए राजा ने की HIV से तुलना

#a_raja_statement_on_sanatana_dharma_compares_with_hiv

सनातन धर्म के खिलाफ लगातार बयानबाजी जारी है।तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को लेकर दिए बयान पर अभी बवाल थमा नहीं है कि एक और बयान के बाद विवाद बढ़ने वाला है। दरअसल, डीएमके सांसद ए राजा ने अब सनातन धर्म की तुलना एचआईवी से कर दी है। ए राजा ने कहा- सनातन सामाजिक बीमारी है। यह कुष्ठ रोग और एचआईवी से भी ज्यादा घातक है।

ए राजा ने बुधवार को इस पूरे विवाद पर कहा कि उदयनिधि ने जो भी बोला है, वो काफी कम है। उन्होंने सिर्फ मलेरिया और डेंगू कहा है, लेकिन ये ऐसी बीमारी नहीं हैं जिन्हें समाज में घिनौना कहा जाता है। अगर आपको सनातन को परिभाषित करना है तो आप एचआईवी को देखिए, समाज के लिए सनातन ऐसा ही काम करता है।

क्या कहा था उदयनिधि ने?

दरअसल, इससे पहले उदयनिधि स्टालिन ने सनातन की तुलना डेंगू, मलेरिया से की थी। उन्होंने कहा था कि सनातन का सिर्फ विरोध नहीं किया जाना चाहिए। बल्कि, इसे समाप्त करक देना चाहिए। उदयनिधि पिछले दिनों सनातन उन्मूलन सम्मेलन शामिल होने पहुंचे थे। यहां उन्होंने कहा था, सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। उन्हें खत्म ही कर देना चाहिए. हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे मिटाना है। इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना है।

पीएम मोदी और अमित शाह को चुनौती

ए राजा ने सनातन धर्म के मसले पर सीधे पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से बहस करने की चुनौती दी है। डीएमके सांसद ने कहा, मैं प्रधानमंत्री और अमित शाह को चैलेंज करता हूं कि वो मुझसे सनातन धर्म पर बहस कर लें। दिल्ली में एक करोड़ लोगों को बुलाएं, शंकराचार्य को भी बैठाएं और अपने सभी हथियारों को छोड़ दें।

पीएम ने दी उदयनिधि के बयान का तथ्यों के साथ जवाब देने की सलाह

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मंत्रियों के साथ बैठक की। इस दौरान पीएम मोदी ने एनडीए के मंत्रियों से कहा कि सनातन धर्म पर उदयनिधि के बयान का सही से (तथ्यों के साथ) जवाब दिया जाए। इसी के साथ पीएम मोदी ने मंत्रियों से कहा कि वे इंडिया बनाम भारत के विवाद में बयानबाजी न करें।

जी20 समिट के मेहमानों के लिए शाही तैयारी, चांदी के बर्तनों में परोसा जाएगा खाना

#foodwillservedinsilverutensilsforg20guests

जी 20 को लेकर पूरी दुनिया की नजर इस वक्त भारत पर है। नई द‍िल्‍ली में हो रहे इस श‍िखर सम्‍मेलन में दुन‍िया की महाशक्‍ति कहे जाने वाले अमेर‍िका के अलावा रूस, जापान, फ्रांस, चीन, कनाडा, ब्र‍िटेन समेत समूह के अन्‍य देशों के राष्‍ट्राध्‍यक्ष, प्रमुख और प्रत‍िन‍िध‍ि श‍िरकत कर रहे हैं।ऐसे में सुरक्षा व्‍यवस्‍था से लेकर तमाम सभी छोटे-बड़े पहलुओं पर खास फोकस क‍िया जा रहा है। मेहमानों के ठहरने के इंतजाम से लेकर तरह-तरह के व्यंजनों को परोसने तक हर चीज पर खास ध्यान दिया जा रहा है। भारतीय संस्कृति में अतिथि देवो भव: यानी महेमान देवता के समान माना गया है।ऐसे में भारत जी-20 समिट में शामिल होने वाले मेहमानों के आदर और सत्कार में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहता है। तभी तो भगवान स्वरूप मेहमानों के लिए भारत की सांस्कृतिक विरासत से प्रेरित कलाकृतियों वाले चांदी के विशेष बर्तनों पर भोजन परोसा जाने की व्यवस्था की गई है।

खाना परोसने के अंदाज में भी दिखेगी भारतीय संस्कृति

तमाम खास मेहमानों को चांदी के बर्तनों में खाना परोसा जाएगा। अपने खाना परोसने के अंदाज में भी भारत अपनी संस्कृति और विरासत की झलक दिखाना चाहता है। इसलिए मेहमानों को चांदी के बने बर्तनों में खाना परोसा जाएगा। सुबह ब्रेकफास्ट के लिए हाय टी से लेकर दोपहर के खाने के लिए अलग-अलग स्टाइल की डिशेज़ और रात के खाने के लिए खूबसूरत प्लेट, रोटी के लिए बास्केट और फ्रूट की खूबसूरत बास्केट तैयार की गई। इन बर्तनों को बनाने वाली कंपनी 11 होटल में खास बर्तन भेजे हैं, जहां-जहां भी विदेशी मेहमान रहेंगे।

फ्यूजन एलिगेंस" पर आधारित बर्तन

राजस्थान की राजधानी जयपुर में धातु की वस्तुओं का निर्माण करने वाली कंपनी आइरिस ने चांदी के खास बर्तन तैयार करवाए हैं। कई कारीगरों ने रात दिन मेहनत करके भारत की "विविधता में एकता" की थीम "फ्यूजन एलिगेंस" पर आधारित विशेष बर्तन तैयार किये हैं। इसकी खास बात ये कि नमक वाले बर्तन यानी साल्ट ट्रे पर अशोक चक्र का चित्र बना हुआ है। डिनर सेट में चांदी के बर्तन के अलावा गोल्ड प्लेटेड कटोरी, नमक स्टैंड और चम्मच शामिल हैं। बता दें कटोरी, गिलास और प्लेट को रॉयल लुक दिया है. इसके साथ ही ट्रे और थालियों पर भारतीय संस्कृति की झलक दिखाई देगी। इसके अलावा खाने वाली प्लेट पर हस्तशिल्प की खूबसूरत कला की झलक भी दिखेगी।

200 कारीगरों ने लगभग 15,000 चांदी के बर्तन बनाए

कंपनी के लक्ष पाबुवाल ने कहा कि अधिकांश टेबलवेयर में स्टील या पीतल का आधार या चांदी की खूबसूरत कोटिंग के साथ दोनों का मिश्रण होता है, जबकि प्लेट जैसे कुछ बर्तनों पर सोने की कलई चढ़ी होगी। इनमें स्वागत पेय परोसने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले गिलास भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन के अवसर के लिए 200 कारीगरों ने लगभग 15,000 चांदी के बर्तन बनाए हैं।आइरिस जयपुर ने कहा कि इन्हें तैयार करने में 50,000 घंटे लगे, जिस पर जयपुर, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और देश के अन्य हिस्सों के शिल्पकारों ने काम किया है।

कल से तीन दिन के लिए थम जाएगी दिल्ली की रफ्तार, सोच-समझकर घर से निकले बाहर

#g20summitrestrictions

राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में 9 और 10 सितंबर को जी-20 सम्मेलन होने जा रहा है। जिसके लिए तमाम तरह की तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं।जी20 शिखर सम्मेलन को लेकर राजधानी नई दिल्ली सज धजकर तैयार है।यह सम्मेलन प्रगति मैदान यानी भारत मंडपम में होना है। इस समिट में जी20 देशों के प्रमुख शामिल होंगे।ऐसे में उनकी सिक्योरिटी और उनके मूवमेंट को लेकर कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। इस दौरान दिल्ली में वाहनों के आवागमन पर 3 दिन का प्रतिबंध लगाया जाएगा।

जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान दिल्ली में रहने वाले या दूसरे राज्यों से दिल्ली आने वाले लोगों के मन में कई सवाल हैं। मेट्रो, ट्रेन, फ्लाइट को लेकर क्या कोई नियम बदले हैं। दिल्ली-एनसीआर में प्रशासन की ओर से कैसी पाबंदियां लगाई गई हैं। दिल्ली पुलिस की ओर से बताया गया है कि दिल्ली खुली है। जो भी प्रतिबंध लगाए गए हैं वह एनडीएमसी एरिया के एक हिस्से में है। ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी जारी करके लोगों को आगाह किया है। कई रूट में बदलाव है।

भारत इस बार जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। 9 और 10 सितंबर को भारत मंडपम में यह सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। अब इस दौरान दिल्ली एनसीआर में कौन से रूट्स बंद रहेंगे, एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन जाने की क्या गाइडलाइंस हैं। आइए जानते हैं ट्रैफिक से जुड़े तमाम सवालों के जवाब।

इन रास्तों पर जाने से बचें

नई दिल्ली जिले के पूरे इलाके को 8 सितंबर 5 बजे से 10 सितंबर को 11 बजकर 59 मिनट तक “नियंत्रित क्षेत्र- I” माना जाएगा। हालांकि, स्थानीय निवासियों, अधिकृत वाहनों और आपातकालीन वाहनों को यात्रा की अनुमति दी जाएगी।

रिंग रोड (महात्मा गांधी मार्ग) के अंदर के पूरे इलाके को 8 सितंबर 5 बजे से 10 सितंबर को 11 बजकर 59 मिनट तक रेगुलेटेड एरिया माना जाएगा। केवल स्थानीय निवासियों, अधिकृत वाहनों, आपातकालीन वाहनों और हवाई अड्डे, पुरानी दिल्ली और नई दिल्ली रेलवे स्टेशनों की ओर जाने वाले यात्रियों के वाहनों को रिंग रोड से आगे नई दिल्ली जिले की ओर जाने की अनुमति होगी।

इसके अलावा, निम्नलिखित सड़कों और जंक्शनों को 10 सितंबर रात 12 बजे से दोपहर 2 बजे तक नियंत्रित क्षेत्र- II माना जाएगा। इसमें डब्ल्यू-प्वाइंट, ए-प्वाइंट, डीडीयू मार्ग, विकास मार्ग (नोएडा लिंक रोड-पुस्ता रोड तक), बहादुर शाह जफर मार्ग, दिल्ली गेट, जवाहरलाल नेहरू मार्ग (राजघाट से गुरु नानक चौक तक), चमन लाल मार्ग (गुरु नानक चौक से तुर्कमान गेट तक), आसफ अली रोड (तुर्कमान गेट से बीएसजेड मार्ग तक), महाराजा रणजीत सिंह मार्ग (बाराखंभा-टॉल्स्टॉय क्रॉसिंग से चमन लाल मार्ग पर गुरु नानक चौक तक), महात्मा गांधी मार्ग (दिल्ली से) -मेरठ एक्सप्रेसवे टी-प्वाइंट से कश्मीरी गेट), आईपी फ्लाईओवर, शांति वन चौक, हनुमान सेतु, आईएसबीटी कश्मीरी गेट और सलीमगढ़ बाईपास शामिल हैं।

9 और 10 तारीख को नई दिल्ली एरिया में टैक्सी की नो एंट्री

दिल्ली में 8 से 10 सितंबर के बीच होने वाले जी-20 समिट को लेकर दिल्ली जाने वाली बसों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। लेकिन कश्मीरी गेट और ज्ञानी बॉर्डर से जाने वाली बसों की संख्या कम ही रखी जाएगी। वहीं, ट्रैफिक पुलिस की तरफ से पहले ही रूट डायवर्ट किया गया है। 9 और 10 तारीख को नई दिल्ली एरिया में टैक्सी की एंट्री नहीं होगी। हालांकि होटल में ठहरने वाले या जिनके घर इस इलाके में है उनको टैक्सी लेकर जाने की इजाजत होगी।

जाने मेट्रो के लिए क्या होंगे नियम?

जी20 के सुरक्षा इंतजामों के चलते द‍िल्‍ली मेट्रो रेल न‍िगम ने सेवाओं के संचालन में कुछ बदलाव करने का न‍िर्णय ल‍िया है। मेट्रो सेवाओं पर इस दौरान क‍िसी प्रकार का प्रत‍िबंध नहीं लगाया गया है। सिर्फ सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्‍टेशन को 3 द‍िन के ल‍िए बंद रखने का न‍िर्णय डीएमआरसी प्रशासन ने ल‍िया है।द‍िल्ली मेट्रो ट्रेन सेवाएं 3 दिनों (8 से 10 सितंबर तक) के लिए सभी लाइनों के टर्मिनल स्टेशनों से सुबह 4 बजे से शुरू होंगी। इस अवधि (8 से 10 सितंबर) के दौरान सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्टेशन को छोड़कर सभी मेट्रो स्टेशन आम जनता के लिए खुले रहेंगे, जहां सुरक्षा कारणों के चलते 9 और 10 सितंबर को यात्रियों को चढ़ने/उतरने की अनुमति नहीं होगी।

कई ट्रेनें रहेंगी बंद

G20 शिखर सम्मेलन के दौरान 9 और 10 सितंबर को उत्तर रेलवे ने 40 ट्रेनों को रद्द कर दिया है। 12 ट्रेनें टर्मिनेट की गई हैं। 70 ट्रेनों को सेटेलाइट स्टेशन से जोड़ा गया है। रेल मुसाफिरों को सलाह है कि इन दिनों में अपनी यात्रा देखभाल कर करें। NTES मोबाइल ऐप और 139 टोल फ्री नंबर पर कॉल कर अपनी ट्रेन का स्टेट्स चेक कर लें। 9 सितंबर को गाड़ी संख्या 04041, 04042, 04285, 04435, 04989, 04990 रद्द रहेगी। 10 सितंबर को गाड़ी संख्या 04283, 04285, 04286, 04435, 04499, 04500, 04989, 04990 रद्द रहेगी। इसके अतिरिक्त 11 सितंबर को 04283 व 04286 रद्द रहेगी। 8 और 9 सितंबर को गाड़ी संख्या 14727, 14728 श्रीगंगानगर, 9 और 10 सितंबर को मेरठ श्रीगंगानगर गाड़ी संख्या 14030, हरियाणा एक्सप्रेस ट्रेन नंबर 14086 दिनांक 9,10,11 सितंबर को रद्द रहेगी। गाड़ी संख्या 14085 दिनांक 8, 9, 10 सितंबर को रद्द रहेगी। इसलिए 8 सितंबर से 11 सितंबर तक रद्द गाड़ियों की लिस्ट देखकर ही घर से निकलें।

द‍िल्‍ली बॉर्डर में प्रवेश करने वाले वाहनों के लिए निय़म

इसके अलावा द‍िल्‍ली बॉर्डर में प्रवेश करने वाले वाहनों को लेकर भी कुछ प्रत‍िबंध लगाए गए हैं। धौला कुआं से सराय काले खां और राजघाट तक र‍िंग रोड से वाहनों को नई द‍िल्‍ली में एंट्री नहीं दी जाएगी। वहीं, अन्‍य क्षेत्रों में वाहनों के पर‍िचालन पर क‍िसी प्रकार की रोक नहीं लगाई गई है। नई द‍िल्‍ली एर‍िया में रहने वाले लोग अपने न‍िजी वाहनों से आवाजाही कर सकते हैं। लेक‍िन इसके ल‍िए संबंध‍ित एर‍िया का आईडी प्रूफ द‍िखाना अन‍िवार्य रहेगा।

आसियान समिट में पीएम मोदी ने दुनिया को दिया “वन अर्थ, वन फैमिली” का मंत्र

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भारत में होने वाली जी-20 समिट से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडोनेशिया के दौरे पर हैं। गुरुवार को जकार्ता में आयोजित आसियान समिट को पीएम मोदी ने संबोधित किया।यहां पीएम मोदी ने कहा-आसियान में सभी देशों की आवाज सुनी जाती है और हम पूरी दुनिया में ग्लोबल साऊथ की आवाज उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।साथ ही उन्होंने कहा कि वन अर्थ, वन फैमिली हमारा मंत्र है। हमें हर क्षेत्र में मिलकर काम करने की जरूरत है।

पीएम मोदी ने विडोडो को दी आयोजन के लिए बधाई

इंडोनेशिया के जकार्ता में 20वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, हमारी साझेदारी चौथे दशक में प्रवेश कर रही है। इस समिट के शानदार आयोजन के लिए मैं राष्ट्रपति विडोडो का मैं अभिनंदन करता हूं। आसियान समिट की अध्यक्षता के लिए उन्हें बहुत-बहुत बधाई। शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, आसियान भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का केंद्रीय स्तंभ है। भारत की इंडो-पैसिफिक पहल में भी आसियान क्षेत्र का प्रमुख स्थान है। 

हर क्षेत्र में आपसी सहयोग में लगातार प्रगति हो रही-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस साल की थीम आसियान मैटर्स: एपिसेंटर ऑउ ग्रोथ. उन्होंने कहा कि आसियान मायने रखता है, क्योंकि यहां हर किसी की आवाज सुनी जाती है। वैश्विक विकास में आसियान क्षेत्र की अहम भूमिका है। वैश्विक अनिश्चितताओं के माहौल में भी हर क्षेत्र में हमारे आपसी सहयोग में लगातार प्रगति हो रही है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि आज हमारी बातचीत से भारत और आसियान क्षेत्र के भावी भविष्य को और सुदृढ़ बनाने के लिए नए संकल्प लिए जाएंगे।

'वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर' का दिया मंत्र

जी-20 का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने यहां ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की बात की। उन्होंने कहा कि वसुधैव कुटुंबकम 'वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर' यही भावना भारत की जी-20 अध्यक्षता की थीम है। 21वीं सदी एशिया की सदी है।

इससे पहले जकार्ता अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पारंपरिक इंडोनेशियाई नेताओं के साथ पीएम मोदी का औपचारिक स्वागत किया गया।गुरुवार सुबह इंडोनेशिया के जकार्ता पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारतीय प्रवासियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। पीएम ने भारतीय प्रवासियों से मुलाकात की, जिन्होंने फूल और झंडों के साथ पीएम मोदी का स्वागत किया। प्रधानमंत्री को जकार्ता में प्रवासी भारतीयों के कई लोगों के साथ संक्षिप्त बातचीत करते हुए भी देखा गया।