*निजी चिकित्सक व व्यवसायिक प्रतिष्ठान क्षय रोगियों को गोद लेने को आगे आएं : सीएमओ*
सीके सिंह(रूपम)
सीतापुर। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम(एनटीईपी) के तहत एकीकृत निक्षय दिवस का आयोजन बुधवार को जिला क्षय रोग केंद्र सहित सभी 19 सीएचसी व 454 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर आयोजित किया गया। मुख्य आयोजन जिला क्षय रोग पर किया गया। इस मौके पर 20 क्षय रोगियों को गोद लिया गया।
सीएमओ डॉ. हरपाल सिंह और एसीएमओ व जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. आरएन गिरी ने 10-10 क्षय रोगियों को गोद लिया। इन सभी मरीजों को सामुदायिक सहभागिता के तहत पोषक आहार किट भी प्रदान की गई।
सीएमओ ने कहा कि भारत सरकार की ओर से 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने की योजना है। उन्होंने निजी चिकित्सकों, व्यवसायिक घरानों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों और शैक्षणिक संस्थानों से अपील की, कि वह क्षय रोगियों को गोद लेकर टीबी के खात्मे के साझा प्रयास में अपना योगदान दें और निक्षय मित्र बनकर क्षय रोगियों को स्वस्थ बनाने में सहयोग करें।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. आरएन गिरी ने बताया कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय क्षय रोग रोगियों को गोद लेने की योजना संचालित कर रही है। इस योजना के तहत कोई भी स्वयंसेवी संस्था, औद्योगिक इकाई या संगठन, राजनीतिक दल या कोई व्यक्ति टीबी मरीज को गोद ले सकता है, जिससे उसका समुचित इलाज हो सके।
इस योजना को ‘अडॉप्ट पीपल विद टीबी’ का नाम दिया गया है। प्रदेश में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा वर्ष 2019 में टीबी मरीजों को गोद लेने की मुहिम शुरू की गई। राज्यपाल के आह्वान के बाद टीबी से मुक्ति दिलाने के लिए लोग तेजी से मरीजों का हाथ थाम रहे हैं। वो रोगियों को पोषण सामग्री उपलब्ध कराने के साथ उपचार में उनकी मदद भी कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि निक्षय पोषण योजना के तहत निक्षय पोषण पोर्टल पर पंजीकरण के बाद टीबी रोगियों को प्रतिमाह 500 रुपए पोषण भत्ता के रूप में दिए जाते हैं। यह धनराशि सीधे मरीजे के बैंक खाते में भेजी जाती है। जिससे कि मरीज पौष्टिक खानपान कर सके।
कार्यक्रम में रमेश कुमार मौर्या, आशीष टण्डन आदि मौजूद रहे।
1,937 मरीजों को लिया गया गोद ---
एनटीईपी के जिला कार्यक्रम समन्वयक आशीष दीक्षित ने बताया कि जिले में वर्तमान में उपचार प्राप्त कर रहे 1937 टीबी मरीजों को स्वयं सेवी संस्थाओं, राजनैतिक दलों, शैक्षिक संस्थाओं, जन प्रतिनिधिओं, अधिकारियों और आमजन द्वारा गोद लिया गया है।
गोद लेने वालों को निक्षय मित्र कहा जाता है और इन निक्षय मित्रों द्वारा टीबी मरीजों को पोषण के लिए हर माह गुड़, चना, मूंगफली, फल और प्रोटीन पाउडर इत्यादि उपलब्ध कराया जाता है। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा निक्षय पोषण योजना के तहत रोगियों को इलाज के दौरान 500 रुपये हर महीने खाते में दिए जाते हैं।
वर्तमान में जिले के 8,634 टीबी रोगियों को यह भत्ता प्रत्येक माह प्रदान किया जा रहा है। यह भत्ता मरीज के ठीक होने तक दिया जाता है।
Aug 17 2023, 15:53