2024 के लोकसभा चुनाव: आज विपक्ष की 26 पार्टियों मुकाबला के लिए NDA के 38 दल दिल्ली में जुट रहें हैं,बन रही रणनीति

नई दिल्ली:विपक्षी दल भाजपा के रथ का मुकाबला करने के लिए अपने मतभेदों को भुलाकर एकजुट हो रहे हैं. कांग्रेस से दूरी बनाकर रहने वाली आप (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल भी विपक्षी खेमे में शामिल हो गए. क्षेत्रीय दल जो राज्य स्तर पर प्रतिद्वंद्वी रहे हैं और राष्ट्रीय स्तर पर बिखरे हैं, अब भाजपा या विपक्ष की ओर रूख कर रहे हैं. 

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने घोषणा की कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के 38 सहयोगी आज राष्ट्रीय राजधानी में होने वाली बैठक में शामिल होंगी.

राष्ट्रीय राजधानी में एनडीए की बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होगी. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के 9 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित की जा रही है. 

नई दिल्ली में एनडीए की बैठक की पूर्व संध्या पर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद गठबंधन में शामिल हो गए. नड्डा ने ट्वीट किया, 'दिल्ली में चिराग पासवान से मुलाकात हुई. उन्होंने माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन में शामिल होने का फैसला किया है. मैं एनडीए परिवार में उनका स्वागत करता हूं.'

मीडिया से बातचीत में बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में अब 38 पार्टियां हैं. आज एनडीए राष्ट्रीय राजधानी में बैठक करेगा, वहीं आज के दिन ही विपक्षी दल बेंगलुरु में अपना मुख्य सम्मेलन आयोजित करेंगे. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अलावा, एनडीए बैठक में शामिल होने वाली पार्टियों में एआईएडीएमके, शिवसेना (एकनाथ शिंदे ग्रुप), एनपीपी (नेशनल पीपुल्स पार्टी, मेघालय), एनडीपी (नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी), एसकेएम (सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा) के शामिल होने की उम्मीद है.

साथ ही जेजेपी (जननायक जनता पार्टी), एजेएसयू (ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन), आरपीआई (रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया), एमएनएफ (मिजो नेशनल फ्रंट), टीएमसी (तमिल मनीला कांग्रेस), आईपीएफटी (इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा), बीपीपी (बोडो) पीपुल्स पार्टी), पीएमके (पट्टाली मक्कल काची), एमजीपी (महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी), अपना दल, एजीपी (असम गण परिषद), राष्ट्रीय लोक जन शक्ति पार्टी, निषाद पार्टी, यूपीपीपीएल (यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल, असम), एआईआरएनसी (अखिल भारतीय एनआर कांग्रेस, पुडुचेरी), शिरोमणि अकाली दल ( संयुक्त, दढियाल), जनसेना (पवन कल्याण), एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, अजीत पवार), लोक जन शक्ति पार्टी (रामविलास पासवान), एचएएम (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा), आरएलएसपी (राष्ट्रीय लोक समता पार्टी), वीआईपी (विकासशील इंसान) पार्टी, मुकेश सहनी) और एसबीएसएपी (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, ओम प्रकाश राजभर) के भी बैठक में शामिल होने की संभावना है। 

विपक्षी दल 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ एक साथ आने की कोशिश कर रहे हैं. विपक्षी दलों ने पिछले महीने पटना में एक बैठक की थी और एकता के अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए दो दिवसीय बैठक के लिए बेंगलुरु में एक साथ आए हैं. संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले एनडीए और विपक्षी दलों की बैठकें हो रही हैं. कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद ने कहा कि एनडीए की बैठक राष्ट्रीय आपदा गठबंधन होगी. विपक्ष की बैठक पर प्रतिक्रिया देते हुए, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराने के उद्देश्य से एकजुट होने की कोशिश कर रहे विपक्षी दलों पर तीखा हमला किया और कहा कि वे भ्रष्ट दलों का जमावड़ा हैं जिनमें दृढ़ संकल्प की कमी है.

भारत खरीदेगा 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के 'मेड-इन-इंडिया' ड्रोन, सीमा करेंगे निगरानी


नई दिल्ली : भारतीय सेना के लिए जल्द ही 97 'मेड-इन-इंडिया' ड्रोन खरीदे जाएंगे। एएनआई के मुताबिक सरकारी सूत्रों ने सोमवार को कहा कि चीन और पाकिस्तान सीमाओं पर निगरानी के लिए जल्द ही 'मेक-इन-इंडिया' प्रोजेक्ट के तहत 97 बेहद क्षमतावान ड्रोन खरीदे जाएंगे। इनकी कीमत 10,000 करोड़ रुपये से अधिक है। ये फैसला अमेरिका से 31 प्रीडेटर ड्रोन खरीदने के फैसले के बाद लिया गया है। सेनाओं द्वारा संयुक्त रुप से किये गये स्टडी के बाद फैसला किया गया कि जमीन और समुद्री सीमाओं की रक्षा के लिए सुरक्षा बलों को मध्य ऊंचाई तक की निगरानी जरुरतों के लिए इनकी आवश्यकता होगी।

वायुसेना को मिलेगी मदद

सरकारी सूत्रों के अनुसार इनकी खरीद से मुख्य रुप से भारतीय वायु सेना को मदद होगी क्योंकि ये मानव रहित ड्रोन लगातार 30 घंटे तक उड़ान भरने में सक्षम होंगे। इनमें से ज्यादा ड्रोन का इस्तेमाल भी वायु सेना द्वारा ही किया जाएगा। ये ड्रोन (UAV) उन 46 से अधिक हेरोन यूएवी के अतिरिक्त होंगे, जिन्हें तीनों सेनाओं ने कुछ वर्षों पहले हासिल किया है।

अपग्रेड होंगे ड्रोन

जो ड्रोन पहले से ही सेवा में हैं, उन्हें 'मेक-इन-इंडिया' के तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा अपग्रेड किया जा रहा है। इसमें मूल उपकरण निर्माताओं के साथ साझेदारी होगी और 60 प्रतिशत से अधिक भारतीय सामग्री का उपयोग किया जाएगा। वैसे भारत ने हाल ही में अमेरिका से 31 प्रीडेटर ड्रोन हासिल करने का फैसला किया है, जो हाई एल्टीट्यूड और लॉन्ग एंड्योरेंस श्रेणी के उन्नत ड्रोन हैं। इनका उपयोग भारत के विशाल सीमाओं की निगरानी के लिए किया जाएगा।

पीएम मोदी का विपक्ष की बैठक पर तंज- 'ना खाता ना बही, जो परिवार कहे वही सही


नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पोर्ट ब्लेयर में वीर सावरकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि अभी तक मौजूदा टर्मिनल की क्षमता हर रोज 4,000 पर्यटकों को सेवा देने की थी, नया टर्मिनल बनने के बाद इस हवाईअड्डे की क्षमता रोज करीब-करीब 11,000 पर्यटकों को सेवा देने की हो गई है. हवाईअड्डे पर अब एक साथ 10 विमान खड़े हो पाएंगे. यानी यहां के लिए नए विमानों का भी रास्ता खुल गया है.

इससे पहले पीएमओ ने कहा कि संपर्क के बुनियादी ढांचे को बढ़ाना सरकार का एक प्रमुख फोकस रहा है. उसके मुताबिक, लगभग 710 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित नए एकीकृत टर्मिनल भवन के शुरु हो जाने से इस केंद्रशासित प्रदेश में संपर्क को बढ़ावा मिलेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पोर्ट ब्लेयर के वीर सावरकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नया एकीकृत टर्मिनल भवन अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की आसान यात्रा सुनिश्चित करेगा, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. 

आपको बता दें कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पोर्ट ब्लेयर में वीर सावरकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 'खोल के आकार' के नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा. प्रधान मंत्री कार्यालय के एक आधिकारिक बयान के अनुसार उद्घाटन समारोह सुबह 10:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित किया जाएगा.

लगभग 40,800 वर्ग मीटर के कुल निर्मित क्षेत्र के साथ, नया टर्मिनल भवन सालाना लगभग 50 लाख यात्रियों के आवागमन को संभालने में सक्षम होगा. पोर्ट ब्लेयर हवाई अड्डे पर 80 करोड़ रुपये की लागत से दो बोइंग-767-400 और दो एयरबस-321 प्रकार के विमानों के लिए उपयुक्त एप्रन का भी निर्माण किया गया है, जिससे हवाई अड्डे में अब एक समय में 10 विमानों की पार्किंग की जा सकती है. प्रकृति से प्रेरित, हवाई अड्डे के टर्मिनल का वास्तुशिल्प डिजाइन समुद्र और द्वीपों को दर्शाते हुए एक शंख के आकार की संरचना जैसा दिखता है.

पीएमओ ने कहा कि नए हवाई अड्डे के भवन में गर्मी को कम करने के लिए 'डबल इंसुलेटेड रूफिंग सिस्‍टम', भवन के अंदर कृत्रिम प्रकाश के उपयोग को कम करने के लिए और दिन में प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक रूप से सूर्य के प्रकाश का अधिक से अधिक प्रवेश कराने के लिए रोशनदानों की व्‍यवस्‍था, एलईडी लाइटिंग, गर्मी कम करने वाली ग्लेजिंग जैसी स्थिरता वाली कई विशेषताएं मौजूद हैं.

इस भवन में भूमिगत जल टैंक में वर्षा जल संग्रहण, शत-प्रतिशत शोधित अपशिष्ट जल को लैंडस्‍कैपिंग (भूदृश्‍य) के लिए दोबारा उपयोग करने के साथ ऑन-साइट सीवेज शोधन संयंत्र तथा 500 किलोवाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र की मौजूदगी, इस टर्मिनल भवन की कुछ अन्य विशेषताएं हैं, जो इन द्वीपों के पर्यावरण पर कम से कम नकारात्मक प्रभाव सुनिश्चित करती हैं. पीएमओ ने कहा कि अंडमान और निकोबार के प्राचीन द्वीपों के प्रवेश द्वार के रूप में, पोर्ट ब्लेयर पर्यटकों के लिए बहुत लोकप्रिय गंतव्य स्‍थल है.उसने कहा, 'यह विशाल नया एकीकृत टर्मिनल भवन, हवाई यातायात को बढ़ावा देने के साथ-साथ इस क्षेत्र में पर्यटन में वृद्धि करने में भी सहायता प्रदान करेगा. इससे स्थानीय समुदाय के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने में भी सहायता मिलेगी.'

आज से बेंगलुरु में विपक्षी दल ने शुरु की बैठक,केजरीवाल समेत जानिए कौन कौन हो रहे हैं शामिल,क्या है इनकी एजेंडा...?

नई दिल्ली: आज बेंगलुरु में हो रही विपक्षी पार्टी की दूसरी बैठक में कांग्रेस, आरजेडी, जेडीयू, उद्धव ठाकरे की शिवसेना समेत दो दर्जन से ज्यादा पार्टी के।प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं जिसमे 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष को एक जूट करने का प्रयास किया जा रहा है। इस बैठक।में राहुल गांधी, सोनिया गांधी मल्लिकार्जुन खड़गे, नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, अखिलेश यादव और जयंत चौधरी जैसे नेता मौजूद रहेंगे। यही नहीं शिवसेना से भी उद्धव और संजय राउत रहने वाले हैं।

 इस बीच संजय राउत ने बताया है कि इस मीटिंग का एजेंडा क्या रहने वाला है। उन्होंने सोमवार को बताया कि हम इस बैठक में सीट शेयरिंग पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा ईवीएम मशीनों से चुनाव पर क्या स्टैंड लिया जाए, इसे लेकर भी बात की जाएगी। 

संजय राउत ने बताया कि मीटिंग में हम गठबंधन के नाम को लेकर भी चर्चा करेंगे। कांग्रेस सुझाव दे सकती है कि उसने नेतृत्व वाले यूपीए यानी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के तहत ही यह एकता कर दी जाए। हालांकि ममता बनर्जी, तेजस्वी यादव और अखिलेश यादव जैसे नेता इसके खिलाफ हो सकते हैं। इस मीटिंग में आम आदमी पार्टी भी शामिल होगी, जिसकी मांग पर कांग्रेस ने दिल्ली वाले अध्यादेश के खिलाफ राज्यसभा में समर्थन देने की बात कही है। अब आम आदमी पार्टी भी विपक्षी एकता को लेकर उत्साहित दिख रही है।

जेडीएस विपक्षी एकता की बैठक से दूर रहने की बात कही

इस बीच जेडीएस ने विपक्षी एकता की मीटिंग से दूर रहने की बात कही है। कर्नाटक की ही पार्टी का यूं अलग रहना थोड़ा चिंता की बात है। एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि हमें कोई भी आमंत्रण नहीं मिला है। एनडीए की मीटिंग हो या फिर विपक्षी एकता वाली, हमें कहीं से भी न्योता नहीं दिया गया है। इससे पहले पटना में विपक्ष की मीटिंग में कुल 15 दल आए थे, जबकि अब यह कुनबा बढ़ा है। उत्तर भारत में रालोद से लेकर दक्षिण की पार्टियां एमडीएमके और केडीएमके तक को न्योता भेजा गया है। 

इधर एनडीए ने भी बुलाई बैठक, जानिए इस बैठक में कौन हो रहे हैं शामिल

गौरतलब है कि 18 जुलाई को ही दिल्ली में एनडीए ने भी एक मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग में कई दल हिस्सा ले सकते हैं, जो एनडीए का हिस्सा हैं या फिर भाजपा के साथ होने की कोशिश में हैं। ओमप्रकाश राजभर की पार्टी SBSP, अपना दल, एकनाथ शिंदे की सेना समेत कई अन्य पार्टियां इसमें रहने वाली हैं। भाजपा की कोशिश है कि इस मीटिंग में विपक्ष से ज्यादा ही शक्ति प्रदर्शन रहे ताकि अच्छा संदेश जाए।

Delhi Flood: यमुना में पानी का उफान तो कमा लेकिन बढ़ा दिल्ली का सियासी तापमान, आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरु...!

दिल्ली: यमुना में आयी बाढ़ और उससे हुई क्षति से आम आदमी भले हीं परेशान हैं,लेकिन राजनेता इनकी परेशानी और राहत के लिए समन्वित प्रयास के बजाय सियासी घमासान में व्यस्त हो गए हैं।

 बाढ़ को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आरोप-प्रत्यारोप में उलझ कर एक दूसरे पर दोषारोपण करने लगे हैं।प्रदेश भाजपा ने दिल्ली में आई बाढ़ का मुख्य कारण भ्रष्टाचार बताया है ना कि हथनीकुंड का पानी। भाजपा ने कहा कि सरकार के इस भ्रष्टाचार की न्यायिक जांच होनी चाहिए। जिम्मेदारी से बचने के लिए आम आदमी पार्टी के नेता हथनीकुंड बैराज से छोड़े गये पानी को लेकर अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। 

मुख्यमंत्री बताएं कि फ्लड कंट्रोल ऑर्डर के अंतर्गत जून तक अनिवार्य रूप से की जाने वाली एपेक्स कमेटी की बैठक पिछले दो साल से क्यों नहीं हुई।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि दिल्ली सरकार कितनी लापरवाह है इसका प्रमाण है एपेक्स कमेटी की बैठक न होना। इससे साबित होता है। एपेक्स कमिटी के नोडल अधिकारी डीएम ईस्ट ने मुख्यमंत्री को जून में 3 बार मीटिंग बुलाने के लिए लिखा, बताया गया कि गंभीर स्थिति की चेतावनी है बावजूद मुख्यमंत्री ने बैठक नहीं बुलाई।

सचदेवा ने कहा है कि पानी कब और कितना छोड़ा जायेगा इसका निर्णय जल विशेषज्ञ करते हैं। पानी छोड़े जाने में इस वर्ष दिल्ली सरकार को राजनीति इसलिए दिख रही है क्योंकि इस वर्ष दिल्ली में मानसून पूर्व यमुना तटों की सफाई में, नालों एवं नालियों की सफाई में दिल्ली सरकार के बाढ़ विभाग, लोक निर्माण विभाग, जल बोर्ड एवं नगर निगम ने घोटाला किया। 

मंत्री आतिशी व सौरभ भारद्वाज ने यमुना सफाई के साथ नालों की सफाई का सारा फंड पार्टी कोष में जमा करा दिया। मुख्यमंत्री जवाब दें क्या यह सच नहीं की यदि यमुना की सफाई पर पैसा लगाया गया होता तो यमुना के पास बहने की गहराई होती, उसका डूब क्षेत्र साफ होता तो शहरी इलाकों में बाढ़ का पानी ना आता।

ऑक्सफोर्ड से पढ़ी आतिशी को बैराज और डैम में अंतर नहीं पता: बांसुरी

भाजपा नेता बांसुरी स्वराज ने दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी को कटघरे में खड़ा किया। कहा कि केजरीवाल सरकार में मंत्री आतिशी खुद को ऑक्सफोर्ड से पढ़ी हुई बताती हैं जबकि इतनी पढ़ाई के बावजूद उनके बयान से यह लगता है कि उन्हें बैराज और डैम के बीच में अंतर नहीं पता है।

 आतिशी बताने की कोशिश कर रही हैं कि हथनिकुंड दिल्ली के लिए अभिशाप है जबकि दिल्ली की 60 फीसदी पानी की अपूर्ति इसी से होती है। हथनिकुंड में लगे दो कैनाल ईस्टर्न जिससे उत्तर प्रदेश की ओर पानी जाता है और वेस्टर्न जिससे पानी हरियाणा और दिल्ली की ओर आता है। ईस्टर्न कनाल से अधिकतम पानी जाने की क्षमता 4000 से 6000 क्यूसेक है और वेस्टर्न कनाल से 15000 से 18000 क्यूसेक पानी जा सकता है।

बांसुरी ने कहा कि आतिशी को पता होना चाहिए कि सेंट्रल वाटर पॉल्यूशन गाइडलाइन्स है जिसके अनुसार अगर एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी आता है तो उस पानी को नदी में छोड़ना अनिवार्य है ना कि नहर में और यही हरियाणा सरकार द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि 2013 में 8 लाख क्यूसेक पानी और 2019 में 8.28 क्यूसेक पानी दिल्ली में छोड़ा गया था लेकिन उस वक्त कोई बाढ़ जैसी स्थिति नहीं बनी लेकिन इस बार मात्र 3.5 लाख क्यूसेक पानी ही छोड़ने से पूरी दिल्ली में जल प्रलय आ गई। इसका कारण है कि केजरीवाल सरकार ने सारा का सारा पैसा अपने भ्रष्टाचार और प्रचार में उड़ा दिए। रिवर्स फ्लो वॉल जो बैक फ्लो को रोकता है, उसकी सरकार ने कभी मरम्मत ही नहीं कराई और वह टूट जाने से सारा का सारा पानी रिवर्स बैक हो गया और शहर का प्रमुख भाग डूब गया।

Delhi Flood: दिल्ली में बाढ़ प्रभावित जिलों में दो दिन और बंद रहेंगे स्कूल,शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश

दिल्ली के बाढ़ प्रभावित जिलों में 17-18 जुलाई को और स्कूल बंद रहेंगे। शिक्षा विभाग के निदेशक की ओर से सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों को दो दोनों के लिए छात्रों के लिए बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं। आदेश में कहा गया है कि बाढ़ को देखते हुए स्कूलों में राहत शिविर चलते रहने की संभावना है। ऐसे में यमुना नदी की सीमा से लगे क्षेत्रों और प्रभावित जिलों में पूर्व, उत्तर पूर्व, उत्तर पश्चिम-ए, उत्तर, मध्य और दक्षिण-पूर्व के स्कूल बंद रहेंगे।

आदेश में कहा गया है कि जहां भी संभव हो स्कूल ऑनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था कर सकते हैं। हालांकि शेष जिले उत्तर पश्चिम-बी, पश्चिम-ए, पश्चिम-बी, दक्षिण, दक्षिण वेस्ट-ए, साउथ वेस्ट-बी और नई दिल्ली के स्कूल सोमवार को खुले रहेंगे। सब कुछ सामान्य रहा तो बुधवार से यानी 19 जुलाई 2023 से सभी स्कूल सामान्य रूप से कार्य करेंगे।

बरसात में खाए रागी की रोटी मिलेंगे कई तरह के स्वास्थ्य लाभ,एनर्जी मिलेगी ऐसी कि थकान-कमजोरी कभी ना होगी महसूस


मिलेट्स या मोटे अनाजों मे रागी को खास अहमियत दी जाती है। दरअसल रागी या नाचनी में आयरन की मात्रा बहुत अधिक होती है जिसकी वजह से यह कमजोरी और खून की कमी (Anemia) जैसी समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए एक अच्छा फूड माना जाता है। 

रागी को पोषक तत्वों का पिटारा कहा जाता है क्योंकि इसमें मिनरल, विटामिन और डाइटरी फाइबर (Finger millet nutrition) पाया जाता है। रागी को कई तरीकों से खाया जा सकता है जैसे रागी कुकीज रागी का आटा, नाचनी की रोटी और रागी के परांठे। 

रागी की रोटी खाने के हेल्दी फायदे (Health benefits of eating Ragi roti)

ग्लूटेन-फ्री आटा (Gluten Free food)

जिन लोगों को ग्लूटेन एलर्जी हो या जिनके लिए गेंहू खाने से तकलीफ बढ़ जाती है। ऐसे लोगों के लिए रागी की रोटी खाना एक अच्छा पर्याय हो सकता है। रागी या नाचनी से बनी रोटियां खाने से ना केवल आपकी हेल्थ अच्छी होगी बल्कि इससे आपको एनर्जी भी मिलेगी।

वेट लॉस

फाइबर से भरपूर होने के कारण रागी का सेवन शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है। यह एक लो-कैलोरी फूड भी है। इसे खाने से पेट जल्दी भरता है और देर तक भूख नहीं लगती। इस तरह आपको वेट लॉस मे मदद होती है।

मजबूत हड्डियां

रागी के आटे में कैल्शियम की मात्रा अन्य अनाजों की तुलना में अधिक होती है। जैसा कि हड्डियों के लिए विटामिन डी, फॉस्फोरस और कैल्शियम सबसे महत्वपूर्ण तत्व हैं और ये तीनों ही रागी में मौजूद होते हैं। और इसीलिए, रागी की रोटियां खाने से हड्डियों को मजबूती मिलती है।

एनर्जी मिलती है

पूरा दिन आराम करने और पेटभर खाना खाने के बाद भी लोगों को कई बार थकान महसूस होती है। रोजमर्रा के छोटे-छोटे काम करने में भी आपको बहुत आलस आता है और दिनभर बदन में दर्द होता है तो आपको अपने आहार में रागी शामिल करनी चाहिए। रागी की रोटी खाने से आपको एनर्जी भी मिलेगी और आप खुद को अधिक चुस्त-फूर्तिला महसूस करेंगे।

पटना में भाजपा द्वारा की गई प्रदर्शन के दौरान हुए लाठीचार्ज के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर, DGP और CS पर केस दर्ज करने की मांग


नई दिल्ली/पटना: बिहार सरकार की नई शिक्षक नियमावली के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के विरोध मार्च के दौरान जहानाबाद के एक बीजेपी नेता की मौत की सीबीआई जांच या शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की मांग को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है.

याचिका में बिहार डीजीपी और बिहार के चीफ सेकेट्री के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की गई है साथ ही सीएम और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भी याचिका में पक्षकार बनाया गया है. याचिका वरुण कुनमार सिन्हा की तरफ से दायर की गई है. इस याचिका में डिमांड की गई है कि पटना लाठीचार्ज की जांच देश की शीर्ष जांच एजेंसी सीबीआई या फिर सेवा निवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में SIT गठित कर की जाए.

पटना में हुआ था बीजेपी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज: बता दें कि 13 जुलाई को पटना के कंकड़बाग में बीजेपी के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया गया. इस मामले में बीजेपी ने पुलिस पर नीतीश के इशारे पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है. नड्डा द्वारा भेजी गई जांच टीम ने भी यहां पर नीतीश सरकार से न्यायिक जांच की मांग की है.बीजेपी का आरोप है कि बीजेपी नेताओं की हत्या की साजिश सरकार द्वारा रची गई थी. इस मामले में रघुवर दास ने आरोप लगाया कि लाठीचार्ज राज्य प्रायोजित था. 1000 से ज्यादा बीजेपी नेताओं के सिर पर लाठी मारी गई. लाठीचार्ज में पुलिस ने नियमों की अनदेखी भी की. जिन कार्यकर्ताओं को चोटें आईं हैं उनके ऊपर कमर से ऊपर मारा गया.

भारतीय रिजर्व बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ यूएई (CBUAE) ने स्थानीय मुद्राओं में सीमा पार लेनदेन और भुगतान समझौतों पर किया हस्ताक्षर

अब दोनों देशों के बीच भारतीय मुद्रा की होगी लेनदेन,इस से दोनों देशों में बढ़ेगी व्यापार

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ यूएई (CBUAE) ने स्थानीय मुद्राओं में सीमा पार लेनदेन और भुगतान की एक रूपरेखा तैयार करने के लिए दो समझौतों पर हस्ताक्षर किया है. 

एक रिपोर्ट की माने तो, इस समझौते का दोनों देशो के मैसेजिंग सिस्टम को जोड़ने में भी बड़ा योगदान रहेगा.

रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संयुक्त अरब अमीरात(UAE) के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की मौजूदगी में ही दोनों बैंकों के गवर्नरों के बीच समझौतों का आदान-प्रदान किया गया. ये समझौता ज्ञापन (Mou) स्थानीय मुद्राओं के इस्तेमाल को बढ़ावा देते हुए एक रूपरेखा स्थापित करने के लिए हैं. 

ये पहल सीमा पार लेनदेन के लिए भारतीय रुपया और संयुक्त अरब अमीरात दिरहम (AED) के भुगतान और को-ऑपरेशन को आपस में जोड़ने का भी काम करेगी. इसके साथ ही इस समझौते का बड़ा फ़ायदा भारत की अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने की ओर भी होगा.

एक रिपोर्ट में आरबीआई ने कहा कि ये दोनो एमओयूस (Mou) का उद्देश्य बिना रुकावट के सीमा पार लेनदेन और भुगतान की सुविधा आसान बनाते हुए दोनों देशों के बीच ज्यादा से ज्यादा आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है. 

इस मीटिंग में द्विपक्षीय रूप से INR और AED के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए (LCSS)(Local Currency Settlement System) स्थापित की गई है.

दोनों देश के केंद्रीय बैंकों का कहना है कि ये एमओयू सभी तरह के चालू खाता लेनदेन और अनुमत पूंजी खाता लेनदेन को कवर करता है.

 एलसीएसएस(LCSS) के निर्माण से निर्यात और आयात को अपनी संबंधित घरेलू मुद्राओं में चालान और भुगतान करने में सक्षम बनाया जाएगा. ये बदले में एक आईएनआर-एईडी INR-AED विदेशी मुद्रा के विकास को बेहतर करेगा. इसके साथ ही इन्वेस्टमेंट मार्केट में भी इस व्यवस्था से दोनों देशों के बीच निवेश और प्रेषण को भी बढ़ावा मिलेगा.

स्थानीय मुद्राओं का इस्तेमाल लेनदेन लागत और लेनदेन के निपटान समय को बेहतर करेगा. इस वजह से संयुक्त अरब अमीरात(UAE) में रहने वाले भारतीयों की रकम को भी शामिल किया गया है.’पेमेंट्स एंड मैसेजिंग सिस्टम्स’ पर आरबीआई ने कहा कि दोनों केंद्रीय बैंक अपने फास्ट पेमेंट सिस्टम्स (FPS) – भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को यूएई के इंस्टेंट पेमेंट प्लेटफॉर्म (IPP) के साथ जोड़ने पर सहयोग करने पर सहमत हुए हैं. संबंधित कार्ड स्विच (RuPay स्विच और UAE स्विच) को लिंक करने का काम शुरू कर दिया गया है. वहीं संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में मैसेजिंग सिस्टम के साथ भारत के भुगतान मैसेजिंग सिस्टम – स्ट्रक्चर्ड फाइनेंशियल मैसेजिंग सिस्टम (SFMS) को जोड़ने के तरीकों पर बहुत जल्द काम किया जाएगा .

एक रिपोर्ट में आरबीआई ने कहा कि यूपीआई-आईपीपीUPI-IPP) लिंकेज किसी भी देश में उपयोगकर्ताओं को तेज़, असान, सुरक्षित और लागत प्रभावी सीमा पार पेमेंट करने में सक्षम बनाएगा. इसके अलावा, कार्ड स्विचों को जोड़ने से घरेलू कार्डों की पारस्परिक स्वीकृति और कार्ड लेनदेन के प्रसंस्करण में सुविधा होगी. मैसेजिंग सिस्टम के लिंकेज का उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वित्तीय मैसेजिंग को आसन बनाना है.अब देखने वाली बात ये है इस पहल का दोनों देशों के आम लोगों पर क्या असर होता है? आप इस बारे में क्या सोचेते हैं ? शेयर करे समाचाप्लस से.

मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट,गुजरात हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ की याचिका दायर

नई दिल्ली : राहुल गांधी ने मोदी सरनेम मामले में गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. 

इसी सिलसिले में राहुल गांधी ने गुजरात हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दिया है।

पिछले 7 जुलाई को गुजरात हाई कोर्ट ने राहुल गांधी की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने मोदी उपनाम को लेकर मानहानि के मामले में अपनी सजा पर रोक लगाने की मांग की थी.फैसले में गुजरात हाई कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा बरकरार रखी थी. साथ ही गुजरात हाई कोर्ट ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट का दोषी ठहराने का आदेश उचित है, उक्त आदेश में हस्तक्षेप करने की कोई जरूरत नहीं है. इसलिए आवेदन खारिज किया जाता है.

गौरतलब है कि 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक रैली में राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा था, 'सभी चोरों का सामान्य उपनाम मोदी कैसे है ?' इस दौरान राहुल गांधी ने कहा, 'नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है?' राहुल गांधी के इसी बयान को आधार बनाकर भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था. 

इसी मामले में राहुल गांधी को सजा सुनाई गई थी.इस मामले में सूरत की एक कोर्ट ने 23 मार्च, 2023 को राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए 2 साल कैद की सजा सुनाई थी. इसके बाद राहुल गांधी को लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था. हालांकि उन्हें उसी दिन जमानते दे दी थी, जिससे वह 30 दिन के अंदर इसके खिलाफ अपील कर सकें.

फलस्वरूप इसके बाद राहुल गांधी सूरत सेशन कोर्ट का रुख पहुंचे थे. कोर्ट में उन्होंने अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग की थी, जिसे 20 अप्रैल को खारिज कर दिया गया था. इसके बाद गुजरात हाई कोर्ट द्वारा भी उनकी पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी गई थी.