नालंदा: कल से ध्वजारोहण के साथ राजगीर में मलमास मेला शुरू, एक माह तक राजगीर में नहीं नजर आतें कौआ, जानें अन्य महत्व
नालंदा: हर तीन साल पर राजगीर में मलमास मेला का आयोजन किया जाता है | इस साल 18 जुलाई से ध्वजारोहन के साथ मलमास शुरू हो जाएगा | ब्रह्माजी ने राजगीर में 22 कुंड और 52 जलधाराओं का निर्माण किया था।
मलमास के दौरान कई शाही स्नान होता है | जिसमें साधु संतों के अलावा दूर दूर से श्रद्धालु आकर गर्म कुंड में स्नान करते हैं | ऐसी मान्यता है कि मलमास के दौरान 33 करोड़ देवी-देवता राजगीर में ही वास करते हैं। यहां के बह्मकुंड परिसर के सप्तधारा कुंड में अहले सुबह से ही स्नान करने वालों का तांता लगा रहता है |
किवदंती के अनुसार कहा जाता है कि यहां मलमास के एक महीने तक राजगीर में कौए नजर नहीं आते हैं। इसके पीछे एक पौराणिक कथा है। ऐसी मान्यता है कि भगवान ब्रह्मा के मानस पुत्र राजा वसु ने राजगीर के ब्रह्मकुंड परिसर में एक यज्ञ का आयोजन किया था।
इस यज्ञ में राजा वसु ने सभी 33 करोड़ देवी-देवताओं को निमंत्रण दिया था और वे सभी यहां पर पधारे थे, लेकिन राजा वसु काग महाराज (कौआ) को निमंत्रण देना भूल गए। जिससे नाराज होकर काग यहाँ से चले गए थे | उसके बाद से मलमास के दौरान राजगीर के आसपास काग महाराज कहीं दिखाई नहीं देते हैं। मलमास मेला में राजगीर आने वाले श्रद्धालु के लिए स्टेट गेस्ट हाउस मैदान में आवासन के लिए टेंट सिटी का निर्माण पर्यटन विभाग द्वारा किया गया है ।
विभिन्न प्रकार के अस्थाई संरचनाओं में टेंट सिटी, प्रतिक्षालय पंडाल, यूरिनल, शौचालय, चेंजिंग रूम, मेडिकल सेंटर, नियंत्रण कक्ष, पुलिस आउटपोस्ट, वॉच टावर, गंगा जल प्याऊ की व्यवस्था की गयी है | 19 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरस्वती नदी पर आयोजित गंगा आरती में शामिल होगें | इसके पूर्व भी वो दो बार तैयारी का जायजा ले चुके हैं |
Jul 18 2023, 11:57