*पंचायत भवन न खुलने से ग्रामीण परेशान, नहीं मिल पा रही योजनाओं की जानकारी, जर्जर भवन ले रहा अंतिम सांस*
अमृतपुर/ फर्रुखाबाद ।विकासखंड राजेपुर के तहत ग्राम गाजीपुर में बना पंचायत भवन 15 दिनों से नहीं खुला है। ग्राम पंचायत सचिव कभी भी ग्राम पंचायत भवन में नहीं आते हैं। ग्रामीणों को अपने कार्य के लिए विकासखंड की दौड़ लगानी पड़ रही है l
विकासखंड राजेपुर के ग्राम गाजीपुर में बना पंचायत भवन केवल कूड़ा घर साबित हो रहा है l ग्राम प्रधान द्वारा कभी भी ग्राम पंचायत भवन का निरीक्षण तक नहीं किया जाता है। एक तरफ जहां भारत सरकार प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम पंचायत भवन बनाने पर जोर दे रही है l जिससे गांव के लोगों को ग्राम पंचायत भवन में सरकारी कार्यों की जानकारी मिल सके जैसे विधवा पेंशन, वृद्धा अवस्था पेंशन , जन्म प्रमाण पत्र तथा अन्य सरकारी कार्यों को ग्राम पंचायत में कराने पर जोर दे रही है l
ग्राम गाजीपुर में बना पंचायत भवन खुलता नहीं है।ग्राम पंचायत सचिव भी कभी पंचायत घर नहीं आते है। गांव की रहने वाली मीरा देवी ने बताया है कि 15 दिनों से पंचायत घर नहीं खुला है। 15 दिनों से पंचायत घर में ग्राम प्रधान या ग्राम पंचायत सचिव नहीं आए हैं। उन्होंने बताया है कि यदि ग्राम पंचायत में कोई कार्य करवाना होता है तो उन्हें राजेपुर जाना पड़ता है। भवन के पास में खुले नंगे तार पड़ हुए हैं। जिससे वहां पर खेलने वाले बच्चों को जान का खतरा बना हुआ है। ग्राम प्रधान को गांव से कोई लेना देना नहीं है। ना ही गांव की किसी प्रकार की कोई व्यवस्था देखी जा रही है। ग्राम प्रधान द्वारा जमकर घोटाला किया गया है।
ग्राम पंचायत भवन भी अंतिम सांस ले रहा है। ग्राम पंचायत का कायाकल्प भी नहीं कराया गया है। ग्राम पंचायत की दीवारे जर्जर हो चुकी हैं। ग्राम पंचायत भवन अंतिम सांस ले रहा है और अपने अंतिम चरण पर पहुंच चुका है। ग्राम पंचायत कब ध्वस्त हो जाए इसका कोई भरोसा नहीं है। इस संबंध में उच्च अधिकारियो को जानकारी देने के बाद भी चुप्पी साधे बैठे हैं जबकि पंचायत सहायक को 6000 रुपए वेतन भी दिया जाता है लेकिन पंचायत सहायक कभी-कभी पंचायत घर में नहीं जाते हैं, इस कारण ग्रामीणों को दिक्कतें का सामना करना पड़ रहा है l
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Jul 13 2023, 16:31