ओडिशा ट्रेन हादसे को लेकर राहुल गांधी का केन्द्र की मोदी सरकार पर तंज, बोले- वे भविष्य की बात नहीं करते, विफलताओं के लिए हमेशा अतीत को दोषी ठहरा

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का अमेरिका का दौरा इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। उन्होंने सोमवार (5 जून) को न्यूयॉर्क में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया। इस दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विदेश से निशाना साधा है। कांग्रेस नेता ने कार चलाते हुए एक्सीडेंट होने की बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार को निशाने पर लिया।उन्होंने तंज कसते हुए कहा है कि मोदी पीछे देखकर देश की गाड़ी को चला रहे हैं और यही वजह है कि वह समझ नहीं पा रहे कि यह आखिरकार लड़खड़ा क्यों रही है।

कुछ पूछो तो कहेंगे कि कांग्रेस ने पिछले 50 सालों में क्या किया-राहुल

सोमवार को न्यूयॉर्क में प्रवासी भारतीयों की एक सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस ने अपने शासन के दौरान हुई रेल दुर्घटनाओं के लिए अंग्रेजों को दोषी नहीं ठहराते थे बल्कि रेल मंत्री जिम्मेदारी लेते थे और इस्तीफा देते थे। बीजेपी और आरएसएस लोगों का भविष्य देखने में असमर्थ है।कार एक्सीडेंट की बात करते हुए उन्होंने ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों की दुर्घटना को भी जोड़ दिया। उन्होंने कहा, अगर आप उनसे (बीजेपी) किसी भी चीज के बारे में पूछेंगे तो वो पीछे देखेंगे और आरोप लगा देंगे। अगर आप उनसे (बीजेपी) पूछेंगे कि ट्रेन एक्सीडेंट (ओडिशा) कैसे हुआ तो वो कहेंगे कि कांग्रेस ने पिछले 50 सालों में क्या किया?

बीजेपी सरकार वास्तविकता को स्वीकार नहीं करती-राहुल

राहुल ने कांग्रेस सरकार में हुई एक ट्रेन दुर्घटना का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे एक ट्रेन हादसा याद है जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी तो कांग्रेस ने यह नहीं कहा कि ब्रिटिशों की गलती की वजह से हादसा हुआ। रेल मंत्री ने कहा था यह मेरी जिम्मेदारी है और मैं इस्तीफा दे रहा हूं। यह एक समस्या है कि बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार बहाने बनाती है और वास्तविकता को स्वीकार नहीं करती है।

हमेशा अतीत में किसी को दोषी ठहराते हैं-राहुल

राहुल ने कहा कि आप मंत्रियों और प्रधानमंत्री की बात सुनें, आप उन्हें कभी भविष्य के बारे में बात करते नहीं पाएंगे। वे केवल अतीत की बात करते हैं। कांग्रेस नेता ने आगे दावा किया, ‘‘भाजपा और आरएसएस दूरदर्शी नहीं हैं। वे कभी भविष्य की बात नहीं करते, वे केवल अतीत की बात करते हैं और अपनी विफलताओं के लिए हमेशा अतीत में किसी को दोषी ठहराते हैं। 

बीजेपी-आरएसएस पर हमला

राहुल के मुताबिक, इंडिया में दो विचारधाराओं के बीच लड़ाई है- एक जिस पर कांग्रेस विश्वास करती है और दूसरी जिसे भाजपा तथा आरएसएस मानती है। वह बोले, ‘‘इसे समझाने का सबसे सरल तरीका यह है कि एक तरफ आपके पास महात्मा गांधी हैं और दूसरी तरफ नाथूराम गोडसे।

पीएम नरेंद्र मोदी को चाहिए की रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से तत्काल इस्तीफा मांगे। 270 से अधिक लोगों की मौत के बाद भी कोई जवाबदेही नहीं है। सरकार घटना की जिम्मेदारी लेने से भाग नहीं सकती है।

बालेश्वर में शवों की दोबारा गिनती में मृतकों की संख्या 275 बताई गई, ओडिशा के मुख्य सचिव बोले, कुछ शवों की दुर्घटनास्थल और अस्पतालों में दो बार गिनती हुई


 ओडिशा सरकार ने रविवार को कहा कि बालासोर के बहनागा स्टेशन पर हुए ट्रिपल ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या 275 है। ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप कुमार जेना ने कहा, कुछ शवों की दुर्घटनास्थल पर और अस्पतालों में दो बार गिनती की गई है। उचित गिनती के बाद मौत का अंतिम आंकड़ा 275 है। उन्होंने कहा कि 275 शवों में से 78 शवों की पहचान कर ली गई है और पोस्टमॉर्टम के बाद उनके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया है। उन्होंने कहा कि 10 अन्य शवों को सौंपने की प्रक्रिया चल रही है।

जेना ने कहा कि शेष 187 शवों में से 170 शवों को भुवनेश्वर लाया गया है, जबकि अन्य 17 शवों को बालासोर से राजधानी लाया जा रहा है। शवों को 85 एंबुलेंस से गरिमापूर्ण तरीके से भुवनेश्वर के विभिन्न शवगृहों में लाया गया है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक एंबुलेंस में केवल दो शव लाए गए।

मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार के सामने शवों की पहचान करना सबसे बड़ी चुनौती है, हमने शवों की तस्वीरें वेबसाइटों पर अपलोड की हैं। अगर कोई अपने परिवार के सदस्य के शव की पहचान कर सकता है, तो वह हेल्पलाइन संख्या 18003450061/1929 चौबीस घंटे संपर्क कर सकता है। शवों की तस्वीरें व घायलों की सूची वेबसाइटों पर अपलोड की गई हैं।

उन्होंने बताया कि सरकार ने मृत व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों को परेशानी मुक्त तरीके से मृत्यु प्रमाण पत्र प्रदान करने के लिए भी कदम उठाए हैं। विभिन्न अस्पतालों में 1,175 मरीजों को भर्ती कराया गया, इनमें से 793 को छुट्टी दे दी गई है। घायल मरीजों में से ज्यादातर की हालत स्थिर है। 382 यात्रियों का सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है।

छत्तीसगढ़ के कोरबा में लव जिहाद का मामला आया सामने, शाहबाज ने नीलकुसुम की पेचकस से 51 बार गोदकर की हत्या, आरोपी की तलाश जारी

छत्तीसगढ़ के कोरबा में लव जिहाद का मामला सामने आया है। मामले में शाहबाज नाम के एक युवक ने एक युवती को बस इस वजह से पेचकस से गोद दिया क्योंकि वह उससे फोन पर बात नहीं कर रही थी। शाहबाज उसे मारने के लिए गुजरात से फ्लाइट लेकर छत्तीसगढ़ पहुंचा। युवती आदिवासी समाज की थी, जो मतांतरण कर ईसाई बन गई थी।राज्य में एक बार फिर एक मतांतरित आदिवासी युवती की हत्या कर दी गई है। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की पंप हाउस कालोनी में शनिवार को दिनदहाड़े 21 साल की युवती नीलकुसुम को पेचकस से 51 जगह गोदा गया। लाश के मुंह पर तकिया रखा हुआ था।

51 जगह पेचकस से गोदकर हत्या

राज्य में एक बार फिर एक मतांतरित आदिवासी युवती की हत्या कर दी गई। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की पंप हाउस कालोनी में शनिवार को दिनदहाड़े 21 साल की युवती नीलकुसुम को पेचकस से 51 जगह गोदा गया। हत्या के बाद लाश के मुंह पर तकिया रखा हुआ था।

वहीं, घटनास्थल से दो दिन पुरानी गुजरात की फ्लाइट की टिकट मिली है जो शाहबाज खान के नाम पर है। शाहबाज तीन साल पूर्व जशपुर से कोरबा के बीच चलने वाली बस का कंडक्टर था। वह युवती के पीछे पड़ा था लेकिन युवती उससे बात नहीं करना चाहती थी। शाहबाज पर संदेह जताया गया है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

चार टीम कर रही आरोपी की तलाश

बता दें कि आरोपित व्हाट्सएप कॉल के जरिए भी लड़की से बात किया करता था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट अनुसार पेचकस के वार से हुए घाव के बाद अधिक खून बहने से नीलकुसुम की मौत हो गई। उसके सीने पर पेचकस से 34 बार, पीठ पर 16 बार और बगल में एक बार वार किया गया। हृदय के पास वाला जख्म ज्यादा गहरा था। शाहबाज को ढूंढने के लिए पुलिस की अलग-अलग चार टीमों का गठन किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा ओडिशा ट्रेन हादसा, याचिका दाखिल कर की गई ये मांग

डेस्क: ओडिशा के बालासोर में हुआ ट्रेन हादसा अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी ने यह याचिका दाखिल की है। इस याचिका में उन्होंने कोर्ट से कहा है कि कोर्ट इस हादसे की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज के नेतृत्व में एक एक्सपर्ट कमिटी से कराए। इसके साथ ही याचिका में उन्होंने कहा है कि यह जांच 2 महीनों में पूरी कराई जाए और इसकी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल हो। इसके साथ याचिका में कहा गया है कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए जरुरी कदम उठाए जाएं। 

याचिका में अपील कि सभी ट्रेनों में लगाया जाए कवच 

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कोर्ट से कहा है कि वह सरकार को आदेश दे कि जल्द से जल्द सभी ट्रेनों में स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली या 'कवच' लगाया जाए, जिससे आगे से ऐसे हादसों को समय रहते हुए रोका जा सके। बता दें कि भारतीय रेलवे ने चलती ट्रेनों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए बनाई गई स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली को 'कवच' का नाम दिया है। कवच भारतीय उद्योग के सहयोग से अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) द्वारा एक स्वदेशी रूप से विकसित एटीपी (एंटी ट्रेन प्रोटेक्शन) प्रणाली है।

अगले साल तक सभी ट्रेनों में लग जाएगा कवच 

रेल मंत्रालय के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने शनिवार को सूचित किया ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली (टीसीएएस) या कवच, जिसे पिछले साल परीक्षणों के लिए शुरू किया गया था, अगले साल ट्रेनों में स्थापित होने की संभावना है। रेलवे के प्रवक्ता ने कहा कि तकनीक देश भर में शुरू की गई है और इसे कई रेलवे लाइनों में उपयोग के लिए भी मंजूरी दी गई है।

*अब नहीं मिलेंगी जल्द आराम देने वाली 14 दवाएं, विशेषज्ञ समिति की सलाह के बाद सरकार ने किया बैन*

#govtofindiabanned14fixeddosecombinationmedicines 

केंद्र सरकार ने फौरन आराम देने वाली फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (FDC) दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। इनमें पेरासिटामोल और निमेसुलाइड जैसी प्रचुर मात्रा में बिकने वाली दवाएं भी शामिल हैं।ये दवाएं तुरंत आराम देती हैं लेकिन इनसे नुकसान का खतरा होता है। केंद्र स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक्सपर्ट कमेटी की राय पर ये फैसला लिया है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस संबंध में शुक्रवार को एक अधिसूचना जारी की थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को इस आशय की अधिसूचना जारी की और बताया कि प्रतिबंधित दवाओं में सामान्य संक्रमण जैसे सर्दी खांसी, कफ, बुखार को ठीक करने वाली दवाएं शामिल हैं।

सरकार ने जारी कर दिया बयान

स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मामले में एक अधिसूचना जारी करते हुए विशेषज्ञ समिति और औषधि तकनीकी सलाहकार बोर्ड की सिफारिशों के आधार पर, इस बात से संतुष्टि जताई है कि जनहित के मद्देनजर इन दवाओं की बिक्री, डिस्ट्रिब्यूशन और मैन्युफैक्चरिंग पर बैन लगाना जरूरी है।

ये 14 कॉम्बिनेशन की दवाएं की गईं हैं प्रतिबंधित

प्रतिबंधित दवाओं में सामान्य संक्रमण, खांसी और बुखार के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं भी शामिल हैं, जिनमें निमेसुलाइड + पेरासिटामोल की गोलियां, क्लोरफेनिरामाइन मैलेट + कोडीन सिरप, फोलकोडाइन + प्रोमेथाज़िन, एमोक्सिसिलिन + ब्रोमहेक्सिन और ब्रोमहेक्सिन + डेक्सट्रोमेथॉर्फ़न + अमोनियम क्लोराइड + मेन्थॉल, पैरासिटामोल + ब्रोमहेक्सिन + जैसे संयोजन फिनाइलफ्राइन + क्लोरफेनिरामाइन + गुआइफेनेसिन और सालबुटामोल + ब्रोमहेक्सिन कॉम्बिनेशन को प्रतिबंधित कर दिया गया है।

इन दवाओं से हो सकता है खतरा

एक्सपर्ट कमेटी ने कहा कि इस एफडीसी के लिए कोई चिकित्सीय औचित्य नहीं है और इनमें इंसानों के लिए जोखिम शामिल हो सकता है। इसीलिए व्यापक जनहित में इनके निर्माण, वितरण और बिक्री पर ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक अधिनियम-1940 की धारा 26 के तहत प्रतिबंध लगाना जरूरी है।

क्या हैं एफडीसी दवाएं ?

एफडीसी दवाएं उन्हें कहा जाता है, जो दो या दो से अधिक दवाओं के मिश्रण से तैयार होती हैं। इन्हें कॉकटेल दवाएं भी कहा जाता है। 2016 में, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित एक विशेषज्ञ पैनल ने कहा था कि इन दवाओं को बिना वैज्ञानिक डेटा के रोगियों को बेचा जा रहा था। उस समय सरकार ने 344 ड्रग कॉम्बिनेशन के निर्माण, बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। अभी जिन दवाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है, वे इसी कॉम्बिनेशन का हिस्सा हैं।

*जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती को तीन साल बाद जारी हुआ पासपोर्ट, लंबे समय से लड़ रही थीं कानूनी लड़ाई*

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पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को तीन साल बाद 10 वर्ष की वैधता वाला पासपोर्ट जारी किया गया है। दिल्ली उच्च न्यायालय में लंबी कानूनी लड़ाई के बाद महबूबा को पासपोर्ट मिल गया है। उनके पासपोर्ट की वैधता 2019 में समाप्त हो गई थी और वह तभी से इसके नवीनीकरण की मांग कर रही थीं।

महबूबा मुफ्ती को दिया गया पासपोर्ट 1 जून, 2023 से 31 मई, 2033 तक वैध है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस साल मार्च में पासपोर्ट प्राधिकरण को पीडीपी प्रमुख को नया यात्रा दस्तावेज जारी करने पर तीन महीने के भीतर फैसला करने को कहा था।

अदालत का आदेश महबूबा की उस याचिका पर आया था, जिसमें पासपोर्ट अधिकारियों को नया पासपोर्ट जारी करने के संबंध में उनकी अपील पर जल्द निर्णय लेने का निर्देश देने की मांग की गई थी। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी याचिका में कहा कि रिमाइंडर के बावजूद उन्हें नया पासपोर्ट जारी करने में काफी देरी हुई। उन्होंने कहा कि उनकी अपील पर कोई फैसला नहीं लिया जा रहा है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस साल मार्च में पासपोर्ट प्राधिकरण से पीडीपी प्रमुख को नया यात्रा दस्तावेज जारी करने के लिए तीन महीने के भीतर फैसला लेने को कहा था। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने अपने आदेश में कहा था, ‘यह देखते हुए कि मामला पासपोर्ट अधिकारी को वापस भेज दिया गया है और प्रारंभिक अस्वीकृति दो साल पहले हुई थी, संबंधित पासपोर्ट अधिकारी को शीघ्रता से और किसी भी स्थिति में तीन महीने के भीतर निर्णय लेने दें।’

अदालत का यह आदेश मुफ्ती की उस याचिका पर आया था, जिसमें उन्होंने नया पासपोर्ट जारी करने के संबंध में उनकी अपील पर अधिकारियों को जल्द निर्णय लेने का निर्देश देने का अनुरोध किया था। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने याचिका में कहा था कि कई बार स्मरण-पत्र भेजे जाने के बावजूद उन्हें नया पासपोर्ट जारी करने में काफी देरी हुई।

महबूबा को ऐसे समय में पासपोर्ट जारी किया गया है, जब दो दिन बाद जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय में उनकी बेटी इल्तिजा की याचिका पर सुनवाई होनी है, जिसमें उन्होंने खुद को देश विशिष्ट पासपोर्ट देने के पासपोर्ट कार्यालय के फैसले को चुनौती दी है।

बालासोर ट्रेन दुर्घटना का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, सुरक्षा मानकों की जांच के लिए आयोग का गठन करने की मांग

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ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार की शाम करीब 7 बजे हुए ट्रेन हादसे में 288 लोगों की मौत हुई है और एक हजार से अधिक घायल हो गए हैं। इस हादसे के बाद रेलवे के सुरक्षा इंतजाम पर सवाल उठ रहे हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है।मामले की जांच को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ पैनल बनाया जाए, जो बालासोर ट्रेन दुर्घटना की जांच करे। 

विशाल तिवारी नाम के सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने मामले को लेकर याचिका दाखिल की है।पीआईएल में सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि वह सरकार को रेलवे में मौजूदा जोखिम और सुरक्षा मानकों की जांच के लिए आयोग का गठन करे। आयोग में विशेषज्ञ को शामिल किया जाए और इसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर जज करें। यह आयोग रेलवे सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश करे।विशाल यिवारी ने अपनी याचिका में मांग की है कि कवच और अन्य सुरक्षा मानकों की गहन जांच होनी चाहिए। रेल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश बनाए जाएं और आयोग दो महीने में अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपे।

आपको बता दें कि कवच सिस्टम इस रूट में एक्टिव नहीं था। अगर ये सिस्टम एक्टिव होता तो शायद ये हादसा टल जाता। अभी तक कुछ ही रूट्स पर इसको लगाया गया है। सुप्रीम कोर्ट याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को नोटिस जारी करे औऱ कहे कि वो जल्द से जल्द सभी रूटों पर इसको फिक्स करे ताकि यात्रियों की जान को कोई खतरा न हो।

बता दें कि शुक्रवार शाम करीब 7 बजे हाल के वर्षों में सबसे बड़ा रेल हादसा हुआ था। हादसे में तीन ट्रेनें (दो यात्री ट्रेन और एक मालगाड़ी) शामिल थी। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार कोरोमंडल एक्सप्रेस बहानागा बाजार स्टेशन के पास ट्रैक पर पहले से खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी। इसके चलते कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतर गए थे। ये डिब्बे दूसरे ट्रैक पर चले गए थे जिसपर बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस तेज रफ्तार से आ रही थी। इसने पटरी पर मौजूद डिब्बों को टक्कर मार दी। दोनों पैसेंजर ट्रेनों के 17 डिब्बे पटरी से उतर गए थे।

कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार के मंत्री का विवादित बयान, कहा-‘भैंस कट सकती है तो फिर गाय क्यों नहीं’

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कर्नाटक सरकार के पशुपालन मंत्री टी वेंकटेश ने गोकशी पर ऐसा बयान दिया कि सियासत गरम हो गई है।उन्होंने शनिवार को यह कह कर विवाद खड़ा कर दिया किअगर भैंस और बैल काटे जा सकते हैं तो गाय का वध क्यों नहीं किया जा सकता।दरअसल, कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार राज्य की पिछली बोम्मई सरकार की ओर से लाए गए गोहत्या और मवेशी संरक्षण (संशोधन) विधेयक 2020, कानून में संसोधन का विचार कर रही है। कर्नाटक के पशुपालन और पशु चिकित्सा विज्ञान मंत्री के वेंकटेश का एक बयान कुछ इसी ओर इशारा कर रहे हैं।कर्नाटक में नई सरकार बनने के बाद कर्नाटक सरकार के मंत्री रोजाना नये बयान दे रहे हैं। चाहे बजरंग दल पर बैन की बात हो या फिर हिजाब मामला इन सभी मुद्दों पर सकार को मंत्री खुलकर बयान दे रहे हैं।

मैसुरु में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में टी वेंकटेश ने कहा कि विचार-विमर्श के बाद कर्नाटक पशु वध रोकथाम और पशु संरक्षण अधिनियम को वापस लेने पर उचित कार्रवाई की जाएगी। मंत्री वेंकटेश ने कहा कि निर्णय लिया जाएगा अगर जो किसानों की मदद करने वाला हो और मंत्री ने एक एक्जाम्पल देते हुए कहा कि मैं अपने आवास पर तीन चार गायों का पालन पोशन करते हैं और उनमें से एक गाय मर गई जिसे अंतिम संस्कार करने में काफी मसक्कत करनी पड़ी 25 लोगों ने भी शव को उठाने में कामयाब नहीं हुआ और बाद में एक जेसीबी लाकर शव को उठाया गया।

उन्होंने 1964 के अधिनियम का हवाला देते हुए कहा कि इसमें बैलों और भैंसों को काटने की अनुमति देते है जबकि नया कानून गाय, बछड़ा और सभी उम्र के बैल और 13 साल से कम उम्र की भैंसों को काटने पर रोक लगाता है। उन्होंने कहा कि जब कानून बैलों और भैंसों को काटने की अनुमति देता तो फिर गांयों को क्यों नहीं काट सकते हैं।

बता दें कि कर्नाटक में पशुओं को लेकर कानून में संशोधन और फिर बिल वापस लेना का सिलसिला कोई नया नहीं है। बीएस येदियुरप्पा पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ने 1964 के अधिनियम में संशोधन करते हुए साल 2010 और 2012 में गो बिल पेश किए थे। हालांकि, इसके बाद राज्य में जब कांग्रेस की सरकार आई तब उसने बिल को वापस ले लिया था। इसके बाद बोम्मई सरकार आई थी उसने फिर से संशोधन कर दिया और अब कानून को फिर से पलटने की चर्चा चल रही है।

अगर विदेश यात्रा पर हूं तो मैं वहां राजनीति नहीं करूंगा’, इशारों इशारों में विदेश मंत्री जयशंकर ने राहुल गांधी को दे डाली नसीहत

#sjaishankartargetsrahulgandhi

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को कहा कि जब कोई व्यक्ति देश से बाहर जाता है, तो कुछ चीजें राजनीति से परे होती हैं। हाल में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार पर कई बार निशाना साधा था, जिसके बाद जयशंकर की यह टिप्पणी आई है।विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कांग्रेस नेता राहल गांधी के अमेरिका में दिए गए भाषण को लेकर परोक्ष रूप से निशाना साधा है।राहुल के अमेरिका में दिए गए भाषण से जुड़े सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने परोक्ष रूप से राहुल गांधी को नसीहत दे डाली।

विदेश मंत्री एस जयशंकर साउथ अफ्रीका के केपटाउन में थे। जयशंकर यहां केप टाउन में भारतीय समुदाय के लोगों के साथ बातचीत कर रहे थे। इस दौरान भारतीय मूल के एक व्यक्ति ने विदेश मंत्री से राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा और वहां पीएम मोदी और देश को लेकर की गई बातचीत से जुड़ा सवाल पूछा। इस सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने मैं सिर्फ अपने बारे में बात कर सकता हूं। उन्होंने कहा कि कुछ चीजें राजनीति से हटकर होती हैं। ये चीजें राजनीति से कहीं बड़ी होती हैं। उन्होंने कहा कि मैं इस बारे में किसी अन्य से बिल्कुल अलग राय रखता हूं या कोई मेरे से अलग राय रखता हैं तो मैं यह अपने घर में चर्चा या तर्क रखूंगा।जयशंकर ने कहा जब आप देश के बाहर कदम रखते हैं तो आपको यह बातें ध्यान में रखनी चाहिए।

राहुल की यूएस यात्रा बनी बड़ा मुद्दा

बता दें राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा भारत में एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गई है। जहां राहुल ने अपनी यात्रा में जमकर पीएम मोदी और मोदी सरकार पर निशाना साधा है।राहुल गांधी ने पीएम मोदी को नमूना बताया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के काम का असर अल्पसंख्यकों, दलित और आदिवासी समुदाय महसूस कर रहा है। कांग्रेस नेता ने कहा, मुसलमान इसे सीधा महसूस कर रहे हैं क्योंकि यह उनके साथ सबसे ज्यादा सीधे तरीके से किया जा रहा है, लेकिन यह सभी समुदायों के साथ किया जा रहा है। राहुल ने कहा था, जिस तरह से आप (मुस्लिम) महसूस कर रहे हैं, मैं गारंटी दे सकता हूं कि सिख, ईसाई, दलित और आदिवासी भी ठीक इसी तरह महसूस कर रहे हैं। आप नफरत को नफरत से नहीं काट सकते, इसे प्रेम के जरिए ही किया जा सकता है।

*दिल्ली-एनसीआर में तेज हवाओं के साथ बारिश के बाद मौसम सुहाना, आईएमडी ने 21 राज्यों के लिए सुनाई राहत भरी खबर

#rainindelhincrimdpredictsrainfallin21states_today

देश की राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के एनसीआर क्षेत्र में रविवार सुबह अचानक से मौसम ने करवट ले ली। सुबह छह बजे से ही तेज हवाओं के साथ यहां बारिश शुरू हो गई, जिससे यहां के लोगों को गर्मी से राहत मिली।यहां कई इलाकों में अचानक से तेज बारिश होने लगी। बारिश के साथ-साथ तेज हवाएं भी चल रही हैं।रविवार सुबह मौसम विभाग ने बताया कि दिल्ली के सफदरजंग, लोदी रोड, आईजीआई हवाई अड्डा, आयानगर, एनसीआर के आस-पास के क्षेत्रों में हल्की से मध्यम तीव्रता की बारिश और 30-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने भी आज गरज के साथ बारिश की संभावना जताई थी। आईएमडी की ओर से जारी किए गए पूर्वानुमान के अनुसार, आज दिल्ली-एनसीआर समेत देश के 21 राज्यों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।

इन राज्यों बारिश की संभावना

मौसम विभाग का कहना है कि आज दिल्ली- एनसीआर, उत्तर प्रदेश व राजस्थान के अधिकतर हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इस दौरान आंधी भी चलेगी। हवाओं की रफ्तार 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटा के आसपास हो सकती है। इसके अलावा मौसम विभाग ने महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि की भी संभावना जताई है।आईएमडी के मुताबिक, पश्चिम राजस्थान के कुछ हिस्सों में आज आंधी-तूफान के साथ बिजली गिरने की संभावना है। इस दौरान बारिश भी हो सकती है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि हवाओं की गति 50 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटा रहने की संभावना है। इसके अलावा ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, छत्तीसगढ़, अंडमान, केरल में थी आंधी के साथ हल्की बारिश की संभावना जताई गई है। वहीं, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, गुजरात, गंगीय पश्चिम बंगाल, विदर्भ, तेलंगाना व कर्नाटक के कुछ हिस्सों में बारिश की संभावना जताई गई है।

बताया जा रहा है कि इस बार मई और जून में भी गर्मी से थोड़ी राहत इसलिए मिल रही है क्योंकि वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से मौसम पर काफी असर पड़ा है। इसी के चलते चिलचिलाती गर्मी के मौसम में बारिश हो रही है।