*प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने राजकीय चिकित्सालयों में बेहतर व्यवस्था के लिए जारी किए निर्देश, 10 दिन का मिला समय*

लखनऊ- प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने राजकीय चिकित्सालयों में बेहतर व्यवस्था के लिए निर्देश जारी किये है। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक निदेशक/ प्रमुख/मुख्य/प्रभारी चिकित्सा अधिकारी/अधीक्षक/अधीक्षिका प्रत्येक माह न केवल अस्पताल के क्रिटिकल परफारमेंस के पैरामीटर (जो कि एचएमआईएस पोर्टल में परिलक्षित भी हो रहे हैं यथा ओपीडीआईपीडी, संस्थागत प्रसव, मेजर ऑपरेशन एवं लैब टेस्ट इत्यादि) का विश्लेषण करें बल्कि चिकित्सकवार भी इसका विश्लेषण करें कि प्रत्येक ऐसे चिकित्सक, जिनके द्वारा ओपीडी/सर्जरी की जा रही हैं, उनके द्वारा कितने मरीज देखे जा रहे हैं।

श्री शर्मा ने निर्देश दिए कि ‘‘केयर ऐप’’ में नियमित रूप से प्रत्येक सोमवार को उपकरणों की क्रियाशीलता का डाटा उपलब्ध कराया जाये। इसके बाद जहां कहीं भी कोई उपकरण लंबे समय तक क्रियाशील नहीं रहता है तो सीधे अपर निदेशक, विद्युत से संपर्क किया जाये। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही 108 अस्पतालों का अनुश्रवण एकीकृत कोविड कमाण्ड सेन्टर (आईसीसीसी) के माध्यम से किया जायेगा। इन अस्पतालों में महत्वपूर्ण जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लग चुके हैं और प्रत्येक कैमरे से क्या देखा जाना है, उसकी एसओपी का निर्धारण भी हो चुका है। उन्होंने निर्देश दिए कि समस्त प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक/अधीक्षिका न केवल यह सुनिश्चित करेंगे कि वे सीसीटीवी हर समय क्रियाशील रहें बल्कि अपने स्तर पर भी यह सुनिश्चित करेंगे कि बिन्दुवार एसओपी का अनुपालन हो।

प्रमुख सचिव ने निर्देश दिए कि मानक के अनुसार जो दवाईयां जनपद के ड्रग वेयर हाउस में उपलब्ध हैं, उनको, यदि कोई उपर्युक्त कारण न हो, तो अस्पताल में प्राप्त करना और मरीजों को उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने निर्देश दिए कि दवाईयों की उपलब्धता एक साईन बोर्ड के माध्यम से दवाईयों के काउन्टर के पास ऐसे प्रदर्शित की जाये कि आम जनता उसको आसानी से देख सके। साईन बोर्ड को नियमित रूप से अपडेट रखा जाये।

सभी चिकित्सकों को निर्देशित किया जाये और अनुपालन सुनिश्चित किया जाये कि वे दवाईयों को जेनेरिक नाम से ही अपने प्रिस्क्रिप्शन में लिखें। अस्पतालों में साफ-सफाई को सुनिश्चित किया जाये और उसका नियमित रूप से पर्यवेक्षण किया जाये।

श्री शर्मा ने निर्देश दिए कि आपातकालीन क्षेत्र में चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टॉफ की पर्याप्त ड्यूटी लगायी जाये और वहां मरीजों के लिए एंबूलेंस, व्हीलचेयर, स्ट्रेचर और आवश्यक दवाईयों/उपकरणों इत्यादि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। आईपीडी वार्ड में जो भोजन उपलब्ध कराया जाता है, उसकी गुणवत्ता की जांच नियमित रूप से की जाये और मरीजों एवं उनके तीमारदारों से टेस्टीमोनियल रिकार्ड किया जाये और संबंधित लोगों से भी साझा किया जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि रोगी कल्याण समिति में जो भी धनराशि उपलब्ध है उसका मरीजों की भलाई के लिए उपयोग किया जाये और उससे मरीजों के हित में अस्पताल की छोटी-मोटी कमियों को दूर कराया जाये। रोगी कल्याण समिति में सीएसआर अथवा स्थानीय संपन्न व्यक्तियों से डोनेशन के माध्यम से सहायता प्राप्त करने का प्रयास किया जाये।

प्रमुख सचिव ने निर्देश दिए कि किसी भी बैठक में या चिकित्सकों के संबंध में जब भी सूचना उपलब्ध करायी जाये तो उपलब्ध चिकित्सकों में नियमित चिकित्सक, संविदा पर तैनात चिकित्सक और पुर्ननियुक्ति पर तैनात चिकित्सकों को जोड़कर दिखाया जाये और पदों के विवरण इस तरह दिये जायें कि जहां चिकित्सकों की कमी है, तो वहाँ किस विशेषज्ञ चिकित्सक की आवश्यकता है एवं जहाँ आवश्यकता से अधिक चिकित्सक तैनात हैं तो वहाँ तैनात अतिरिक्त चिकित्सक की संख्या एवं विशेषज्ञता क्या है, तत्काल अपडेट सूचना उपलब्ध करायी जाये ताकि उन्हें जनहित में अन्यत्र तैनात किया जाये। अस्पताल में रख-रखाव की छोटी-मोटी मरम्मत, रंगाई-पुताई को प्राथमिकता से कराया जाये और इस हेतु आवश्यकतानुसार मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अधीन अवर अभियंता से संपर्क किया जाये। सभी चिकित्सकों को ई-संजीवनी 2.0 के हब के रूप में पंजीकृत किया जाये।

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने समस्त निदेशक, प्रमुख अधीक्षक, मुख्य चिकित्साधिकारी /अधीक्षक, अधीक्षक/प्रभारी चिकित्सा अधिकारी एवं राजकीय चिकित्सालय, उत्तर प्रदेश को निर्देशित किया है कि निर्देशों का अनुपालन कर 10 दिन के अन्दर बिन्दुवार अनुपालन आख्या महानिदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य सेवायें को उपलब्ध करायी जायें।

*जनपद मथुरा में पर्यटकों की सुविधा के लिए 17.54 करोड़ रूपये लागत की तीन परियोजनाओं का शिलान्यास कराया जायेगा*


जयवीर सिंह

लखनऊ। पर्यटकों को बुनियादी सुविधायें मुहैया कराने के लिए जनपद मथुरा में 17.54 करोड़ रूपये लागत की पर्यटन विकास की तीन परियोेजनायें शिलान्यास के लिए तैयार कराई गयी हैं। आगामी कुछ महीनों में इन परियोजनाओं का शिलान्यास कराया जायेगा।

यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने गुरुवार को दी। उन्होंने बताया कि कार्यदायी संस्था वृन्दावन विकास प्राधिकरण मथुरा द्वारा 781.48 लाख रूपये की लागत से वृन्दावन स्थित लक्ष्मण शहीद स्मारक का पुनर्निर्माण कार्य कराया जायेगा। इसके अलावा इसी कार्यदायी संस्था द्वारा जनपद मथुरा में श्रीकृष्ण जन्म स्थान पर डीग गेट की तरफ गेट का निर्माण 206.05 लाख रूपये की लागत से कराया जायेगा।

जयवीर सिंह ने बताया कि जनपद मथुरा में वृन्दावन स्थित ग्राम सुनरख खादर में सौभरि नगर वन स्थापना के फेज-2 का निर्माण कार्य वन विभाग मथुरा द्वारा 766.78 लाख रूपये की लागत से कराया जायेगा। इन परियोजनाओं के पूरा हो जाने से देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को आधारभूत सुविधायें सुलभ हो सकेगी। इसके साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार भी सुलभ होगा।

*गाजियाबाद के बाद सहारपुर में स्पा सेंटर पर छापा, तीस लड़कियां और दस लड़के पकड़े गए, दो चौकी इंचार्ज सस्पेंड*


लखनऊ । गाजियाबाद के बाद अब सहारनपुर के स्पा सेंटरों में देह व्यापार का धंधा सामने आया है। सहारनपुर पुलिस ने 24 स्पा सेंटर पर बुधवार शाम रेड की। इसमें 30 लड़कियां और 10 लड़के पकड़े गए। रेड में सामने आया कि स्पा सेंटर में केबिन बने हैं। दिखाने के लिए मसाज की बात कही जाती है। मगर, केबिन में एक्स्ट्रा सर्विस के नाम पर सेक्स रैकेट चल रहा था। पुलिस को तलाशी के दौरान आपत्तिजनक वस्तुएं भी बरामद हुईं।आरोपियों से पूछताछ में यह भी पता चला है कि वह वॉट्सऐप से भी ग्राहकों को बुलाते थे। लड़कियों की फोटो भेजते थे। लोगों को पसंद आने पर बुलाया जाता था, इसके बाद रेट तय होने पर केबिन में भेज दिया जाता था।एसपी सिटी के नेतृत्व में तीन स्पेशल टीम बनाई गई थी। जिन स्पा सेंटर में रेड की गई, उनसे संबंधित थानों और चौकी प्रभारियों को भी सूचना नहीं दी गई। सेक्स रैकेट में मिलीभगत के आरोपों में दो चौकी इंचार्ज सस्पेंड किए गए हैं।

स्पा सेंटरों की आड़ में सेक्स रैकेट की बात समाने आने पर मारा छापा

स्पा सेंटर की आड़ में सेक्स रैकेट की सूचना पुलिस अफसरों को मिली। संबंधित थाना और चौकी इंचार्ज की मिलीभगत की बात भी सामने आई। ऐसे में एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने तीन टीम एसपी सिटी अभिमन्यु मांगलिक के नेतृत्व में बनाई। एक टीम ने एसपी सिटी के साथ पार्श्वनाथ प्लाजा, दूसरी टीम ने सीओ द्वितीय जितेंद्र शर्मा के साथ जीएनजी मॉल और तीसरी टीम ने बेहट सीओ रुचि गुप्ता के साथ घंटाघर पर चल रहे स्पा सेंटर पर रेड की। मौके पर कई लड़के- लड़कियां आपत्तिजनक स्थिति में पकड़े गए।तीन जगहों पर 24 स्पा सेंटर पर हुई रेड में 30 लड़कियां और 10 लड़के पकड़े गए हैं। पुलिस को देखकर स्पा मालिक फरार हो गए। जबकि सेंटर के मैनेजर पकड़े गए हैं। पकड़े गए लड़के और लड़कियों को पुलिस लाइन में बस में बैठाकर लाया गया। पूछताछ के बाद लड़कियों को परिजनों की सुपुर्दगी में दे दिया गया है। लड़के हिरासत में हैं।

पुलिस की मिलीभगत से फल फूल रहा था देह व्यापार का धंधा

स्पा सेंटर में सेक्स रैकेट चलवाने में पुलिसकर्मियों की मिलीभगत के इनपुट पुलिस अफसरों को मिले हैं। यहीं कारण रहा कि किसी भी थाना और चौकी प्रभारियों को इस रेड में शामिल नहीं किया गया। हसनपुर चौकी इंचार्ज सुनील नागर और किशनपुरा चौकी इंचार्ज राहुल देशवाल की स्पा संचालकों से सेटिंग का खुलासा हुआ है। ऐसे में एसएसपी ने दोनों को सस्पेंड कर दिया है। वहीं कुछ नेताओं के नाम भी सामने आ रहे हैं। पुलिस जांच में जुटी है।एसपी सिटी अभिमन्यु मांगलिक का कहना है कि कई दिनों से स्पा सेंटर की आड़ में सेक्स रैकेट चलने की सूचना मिल रही थी। ऐसे में तीन टीमें बनाकर एक साथ अलग-अलग जगह रेड की गई। साक्ष्यों के आधार पर स्पा सेंटर के संचालकों, मैनेजर, मालिकों और वहां नौकरी करने वाले लड़के-लड़कियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।

*यूपी में कार्यवाहक डीजीपी की लगी हैट्रिक,ईमानदार और तेज तर्रार छबि को देखते हुए विजय कुमार को बनाया नया कार्यवाहक डीजीपी*

शिशिर पटेल

लखनऊ । देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश को एक बार फिर स्थाई डीजीपी नहीं मिल पाया। यूपी में कार्यवाहक डीजीपी के रूप में एक के बाद एक की तैनाती की जा रही है। यही वजह है कि यूपी में कार्यवाहक डीजीपी की हैट्रिक लग गई है और तीसरी बार विजय कुमार को नया कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है। विजय कुमार को बनाये जाने के पीछे बताया जा रहा है कि पुलिस महमे में एक तेज तर्रार और ईमानदार अधिकारी के रूप में जाने जाते है। जिसकी वजह से इन्हें चुना गया है। वजह जो भी हो फिलहाल लगातार कार्यवाहक डीजीपी बनाये जाने से यह एक चर्चा का विषय बन गया है। वही सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी कार्यवाहक डीजीपी के तैनात किये जाने पर सरकार और कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं शाम को कार्यवाहक नये डीजीपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट की।

इतने बड़े प्रदेश में स्थाई डीजीपी एक साल से न होने के कारण बना चर्चा का विषय

पुलिस मुख्यालय सूत्रों की माने तो योगी सरकार ने जातीय समीकरण सहित अन्य पहलुओं को ध्यान में रखते हुए विजय कुमार के नाम पर मुहर लगाई है। साथ ही उनकी वरिष्ठता नियुक्तियों में अहम पैमाना माना जा रहा है। विजय कुमार 1988 बैच के यूपी कैडर के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं। उनकी गिनती पुलिस महकमे में एक तेज तर्रार और ईमानदार अधिकारी के रूप में रही है। अपने अबतक के सेवाकाल में उन्होंने कई चुनौतीपूर्ण केस हैंडल किए हैं। उनके पास विभिन्न जिलों के पुलिस कप्तान के साथ-साथ केंद्र में काम करने का भी अनुभव है।

वर्तमान में वे सीबीसीआईडी के पुलिस महानिदेशक के पद पर तैनात हैं। उनके पास डीजी विजिलेंस का भी अतिरिक्त प्रभार है।दो अहम विभागों की जिम्मेदारी मिलना ये दशार्ता है कि योगी सरकार आईपीएस विजय कुमार पर कितना भरोसा करती है। यूपी को बीते एक साल से कार्यवाहक डीजीपी सहारे ही काम चलाना पड़ रहा है। चूंकि 11 मई 2022 को पूर्णकालिक डीजीपी मुकुल गोयल को अचानक हटा दिया गया था।इसी के बाद से लगातार कार्यवाहक डीजीपी बनाया जा रहा है। मुकुल गोयल के बाद कार्यवाहक डीजीपी के रूप में डीएस चौहान की तैनाती की गई। डीएसएस चौहान 31 मार्च 2023 को सेवानिवृत्त हो गये तो भी यूपी को स्थाई डीजीपी नहीं मिल सके।

अखिलेश यादव ने ट्ववीट कर सरकार और कानून व्यवस्था पर उठाएं सवाल

जिसके चलते डीजी पुलिस भर्ती बोर्ड के आरके विश्वकर्मा को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया। यह भी 30 मई 2023 को रिटायर्ड हो गए। अब एक बार फिर कार्यवाहक डीजपी के रूप में आईपीएस विजय कुमार की नियुक्ति की गई है। अब चर्चा है कि विजय कुमार जनवरी 2024 में रिटायर होंगे। इसके बाद कहीं स्थायी डीजीपी के नाम पर विचार किया जाएगा। विजय कुमार ने डीजीपी मुख्यालय में पहुंचकर अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया है। वहीं दूसरी तरफ यूपी में कार्यवाहक डीजीपी का कार्यकाल खत्म होने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने दो ट्ववीट कर सरकार और कानून व्यवस्था पर सवाल उठाएं है। वहीं विजय कुमार की कार्यवाहक डीजीपी बनने के बाद से यह भी चर्चा है कि श्री राम अरुण जी के बाद यह दूसरे अनुसूचित जाति के विजय कुमार कार्यवाहक डीजीपी होंगे।

विजय कुमार को मिल चुके हैं सात मेंडल

नये कार्यवाहक डीजीपी विजय कुमार का जन्म जालौन की कोंच तहसील के गाव सतोह में 27 जनवरी 1964 को हुआ है। यह बीटेक सिविल इंजीनियरिंग से है। बहुत ही सरल स्वभाव के माने जाते है। इनकी पहली तैनाती 1989 को हुई थी। इनके अच्छे कार्यो के चलते अब तक सात मेंडल पा चुके है। जिसमें एक पराक्रम पदक तथा दो गोल्ड पदक भी शामिल है। एक अगस्त 2022 डीजी विजीलेंस सीबीसीआईडी के बने। विजय कुमार के पिता राम प्रसाद भी यूपी पुलिस में सेवाएं दे चुके है। वह कानपुर में इंस्पेक्टर के पद तैनात थे। इसलिए विजय कुमार की शिक्षा दीक्षा कानपुर में ही हुई है।

पहले जैसी कानून व्यवस्था बनाएं रखना उनकी प्राथमिकता होगी : विजय कुमार

विजय कुमार ने पुलिस मुख्यालय पहुंचकर बुधवार को कार्यभाल संभाला। इसके बाद प्रेसवार्ता में कहा कि उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को पहले की तरह बनाएं रखना उनकी प्राथमिकता होगी। प्रदेश में यातायात एक बहुत बड़ी गंभीर समस्या है। जिसके लेकर वह काफी गंभीर हैं और यातायात से जुड़ी समस्याओं का तत्काल समाधान किया जाएगा। महिलाओं की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अराजकता पर जीरो टॉरेंस नीति पर काम किया जाएगा। महिला सशक्तिकरण और पुलिस महकमे के आधुनीकीकरण पर भी जोर दिया जाएगा। माफियाओं को किसी भी सूरत में बक्शा नहीं जाएगा।

कार्यवाहक व स्थाई डीजीपी में कोई खास अंतर नहीं : विक्रम सिंह

सेवानिवृत्त डीजीपी विक्रम सिंह ने बताया कि कार्यवाहक व स्थाई डीजीपी में कोई खास अंतर नहीं है। बस केवल इतना अंतर है कि स्थाई डीजीपी दो साल के लिए होता है जबकि कार्यवाहक कुछ महीने के लिए बनाया जाता है। डीजीपी पद पर कौन अधिकारी आसीन होगा। इसकी पुलिस विभाग की तरफ से एक वरिष्ठता सूची बनती है। फिर यह प्रस्ताव यूपीएससी को भेजा जाता है। तब जाकर स्थाई डीजीपी की तैनाती होती है। अगर किसी कारण से प्रस्ताव यूपीएससी को नहीं जा पाता है तो सरकार कार्यवाहक डीजीपी पद पर वरिष्ठता सूची के आधार पर तैनाती करती है। वर्तमान में विजय कुमार को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है जो बहुत ही अच्छे स्वभाव के हैं। कार्यवाहक व स्थाई डीजीपी के कार्य प्रणाली में कोई अंतर नहीं होता है। जो काम स्थाई डीजीपी करता है वह कार्यवाहक भी करता है। चूंकि चार्ज ग्रहण के दौरान उसे सारे अधिकार डीजीपी के मिल जाते है।

*यूपी में पांच आईएएस अधिकारियों का तबादला, कानपुर के कमिश्नर का स्थानांतरण*

लखनऊ । यूपी में पांच आईएएस अधिकारियों के तबादले किए गए हैं। कानपुर के कमिश्नर राजशेखर का तबादला किया गया है। इसके अलावा एसीएस वित्त प्रशांत त्रिवेदी को हटाया गया है। वह आयुष घोटाले में ईडी और सीबीआई की जांच के दायरे में थे।

इसके अलावा दीपक कुमार को एसीएस वित्त का अतिरिक्त चार्ज सौंपा गया है। कानपुर के मंडलायुक्त राजशेखर का भी तबादला कर दिया गया है। उन्हें सचिव कृषि बनाया गया है। लोकेश एम कानपुर के नए कमिश्नर नियुक्त किए गए हैं। इसके अलावा, यशोद त्रषिकेश भास्कर सहारनपुर के कमिश्नर बनाए गए हैं।

*सोशल मीडिया पर सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य को जान से मारने की धमकी*


लखनऊ । सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य को सोशल मीडिया पर धमकी दी गई है। इसे मौर्य ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर करते हुए सरकार से कार्रवाई की मांग की है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया है कि इंटरनेशनल भगवा रक्षक फोर्स जय श्रीराम नामक ट्विटर एकाउंट के जरिए 29 मई को उनके खिलाफ ट्वीट किया गया है। इसमें कहा गया है कि एक माह के अंदर तुझे निपटा देंगे।

उन्होंने लिखा है कि ट्वीट करने वाले ने उनकी तस्वीर पर गले के सामने तलवार लटकाते हुए फोटो भी शेयर की है, जो सीधे हत्या करने के लिए इंगित करती है। उन्होंने प्रदेश सरकार, मुख्य सचिव और डीजीपी को टैग करते हुए मामले को गंभीरता से लेने और कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि धमकी ट्विटर के जरिये मिली है। ऐसे में पुलिस व सरकार को पूरे मामले की जानकारी भी ट्विटर के जरिये दी गई है। दो दिन से बाहर थे। आज लखनऊ लौटे हैं। पूरे मामले में पुलिस को लिखित सूचना भी भेजी जाएगी।

*बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती ऑनलाइन की जाएगी: मुख्य सचिव*


लखनऊ । मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने कहा कि बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती ऑनलाइन की जाएगी। 50 फीसदी पदों पर भर्ती आंगनबाड़ी सहायिका की पदोन्नति से की जाएगी। जबकि शेष 50 फीसदी रिक्त पदों पर सीधी भर्ती की जाएगी। बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आयोजित विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भर्ती को लेकर दिशा निर्देश दिए।

आंगनबाड़ी सहायिकाओं से पदों को भरने के लिए 45-60 दिनों में चयन की कार्यवाही पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित

मुख्य सचिव ने कहा कि दस्तावेज सत्यापन सहित पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। आंगनवाड़ी सहायिकाओं से पदों को भरने के लिए 45-60 दिनों में चयन की कार्यवाही पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को जिला स्तरीय चयन समिति का गठन समय भर्ती की कवायद शुरू करने और आरक्षण के साथ रिक्तियों का विवरण पोर्टल पर अपडेट करने के निर्देश दिए। आवेदन भरने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर के कर्मियों को प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए।

ग्राम पंचायत स्तरीय संतृप्तीकरण अभियान चलाया जा रहा है : मुख्य सचिव

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से पात्र किसानों को लाभान्वित कराने के उद्देश्य से ग्राम पंचायत स्तरीय संतृप्तीकरण अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने जिलाधिकारियों को अभियान को सफल बनाने के लिए प्रतिदिन सघन समीक्षा करने के निर्देश दिए। इस कार्य में शिथिलता बरतने वाले कर्मियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि कुल निर्धारित 67,070 शिविरों के सापेक्ष 32,670 शिविरों का आयोजन किया जा चुका है।

*पुलिस ने रुपए लेकर भागे चालक को पकड़ा*

सरोजनीनगर लखनऊ। मालिक का रुपए लेकर भागे ड्राइवर को पुलिस ने क्राइम ब्रांच टीम की मदद से पकड़ लिया। सरोजनी नगर थाने पर पर्व भुगरा पुत्र गुलशन कुमार भुगरा निवासी 15 / 6 मदन मोहन मालवीय मार्ग थाना हजरतगंज लखनऊ ने बीती 29 मई को मुकदमा दर्ज कराया कि उनकी कंपनी में कार्यरत ड्राइवर राहुल शुक्ला को उन्होंने 49 लाख 50 हजार रुपए नगद रुपए एचडीएफसी बैंक हजरतगंज में जमा करने के लिए दिया था।

जोकि गाड़ी को मदन मोहन मालवीय मार्ग हजरतगंज पार्किंग में खड़ा करके भाग गया है एवं मोबाइल बंद कर लिया है। थाने की पुलिस ने पीड़ित की तहरीर पर मुकदमा लिख कर आरोपी की तलाश करने लगी।थाने की पुलिस के अलावा इसमें क्राइम ब्रांच की टीम भी आरोपी को पकड़ने में तत्परता दिखाई और बुधवार को आरोपी राहुल शुक्ला को न्यू गुडौरा पुल के ऊपर शहीद पथ से गिरफ्तार कर लिया और उसके कब्जे से दो झोले बरामद किए गए।

जिनकी चेन खोलकर उसमें देखा तो 100 रुपए की तीन गड्डी तीस हजार रुपए, 200 रुपए की एक गड्डी कुल 20000 तथा 500 रुपए के कुल 9800 कुल 98 गड्डी जिसमें पांच-पांच गड्डियों के 18 बंडल व 4-4 गड्डियों के दो बंडल कुल रकम 49 लाख रुपए बरामद पुलिस ने किया है।पुलिस ने बताया कि राहुल शुक्ला पुत्र अयोध्या प्रसाद शुक्ला पूछताछ करने पर बताया कि मैं पिछले 5 वर्षों से जी कुमार इलेक्ट्रो प्राइवेट लिमिटेड कंपनी मालिक के ड्राइवर के तौर पर काम कर रहा था।मालिका का करोड़ों रुपयों का टर्नओवर है।

जिनके मैं अक्सर रुपयों को लाता व ले जाता था। इनका चेक द्वारा एवं कैश द्वारा भी ट्रांजैक्शन होता रहता था। बीती 29 मई को कंपनी के मालिक ने बैंक में जमा कराने के लिए मुझे 49 लाख 50 हजार दिए थे मैंने सोचा कि यह रुपए ब्लैक मनी है। यदि मैं इन रुपयों को लेकर भाग जाऊंगा तो मालिक मेरी शिकायत पुलिस में नहीं करेंगे और मैं यह रुपए बैंक में ना जमा करके अपना मोबाइल बंद करके छोड़ दिया और कहीं बाहर भाग जाने की फिराक में था।

*हाइडिल बिजनौर मार्ग गड्ढों में तब्दील, चलना दूभर*

 सरोजनीनगर लखनऊ। प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी के चलते सरोजनीनगर की सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई। जिस पर से वाहनों का चलना काफी जोखिम भरा हो रहा है यहां पर पैदल निकलने में भी लोगों को दिक्कत होती है। लेकिन इन सबके बावजूद सभी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं जिसको लेकर स्थानीय लोगों में रोष उत्पन्न है।

हाइडिल चौराहे से बिजनौर संपर्क मार्ग वर्षों से डामरीकरण न होने के कार राहगीर व वाहन चालकों आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जर्जर हुए रास्ते पर गुजरने से वाहनों में टूट-फूट भी हो रही है।सड़क जगह-जगह से उखड़ चुकी हैं। मार्ग पर जगह-जगह गड्ढे साथ ही सड़क के किनारे भी कट चुके हैं।

सड़क पर बड़े गड्ढे होने के कारण इनसे चौपहिया वाहन निकलना तो दूर दोपहिया वाहनों को भी निकलने में काफी दिक्कत होती है आए दिन कोई कोई वाहन चालक इस बदहाल सड़क मार्ग पर दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है। क्षेत्रीय निवासियों में डॉ हरिहर सिंह चौहान, धर्मेंद्र सिंह, व्यापारी नेता ओमप्रकाश शर्मा, सुंदरलाल रावत , आदि बताते हैं कि सड़कों की हालत प्रशासन की अनदेखी के चलते बदहाल बनी हुई है।

पूर्व ब्लाक प्रधान संघ अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह उर्फ बबलू का कहना है कि कई वर्ष बीत रहे हैं लेकिन उखड़ी सड़क का डामरीकरण को दूर मरम्मत तक नहीं कराई गई है। जिम्मेदारों द्वारा इस सड़क की सुध नहीं ली गई।स्थानीय लोगों ने इस जर्जर सड़क को शीघ्र दुरुस्त कराए जाने की मांग की है ताकि आवागमन सुगम हो सके।

*प्रदेश में बिजली संकट से जूझ रहा है उपभोक्ता*


लखनऊ। राष्ट्रीय लोक दल व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बिजली संकट जारी है और लगातार अघोषित बिजली कटौती की जा रही है। बेहाल विद्युत व्यवस्था और अघोषित बिजली कटौती से कोई एक वर्ग परेशान नहीं है। इसमें व्यापारी किसान और आम जनता पूरी तरह से त्रस्त हो चुकी है। ग्रामीण क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी अघोषित बिजली कटौती की जा रही है।

श्री अग्रवाल ने कहा कि इस समय खेतों में अधिकतर मक्के की फसल खड़ी है और मक्के की फसल को अधिकतम पानी की आवश्यकता होती है। सिंचाई के जो भी साधन उपलब्ध होते हैं, उनमें विद्युत आवश्यक रूप से चाहिए होती है। ऐसे में अघोषित विद्युत कटौती और 2-3 दिन लगातार बिजली गुल रहने के चलते, किसानों की फसलें सूख रहीं हैं और किसान बेचारे बर्बाद हो रहे हैं।

इसके साथ ही अघोषित विद्युत कटौती से मध्यमवर्गीय व्यापारी भी परेशान है क्योंकि मध्यमवर्ग का व्यापारी पूरी तरह से विद्युत पर निर्भर होता है। उदाहरण के तौर पर आटा चक्की और छोटे कारखाने बिल्कुल बंद हो गए हैं, क्योंकि विद्युत के अलावा अन्य जो भी वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध है, उनसे चक्की या कारखाना चलाने पर व्यापारी को सिवाय नुकसान के कुछ भी नहीं मिलता है।

श्री अग्रवाल ने आगे कहा कि आम जनता भी पूरी तरह से इस अघोषित विद्युत कटौती से परेशान है। ग्रामीण क्षेत्रों में दिन हो या रात विद्युत कटौती जारी ही रहती हैं। उन्होंने कहा कि "मैंने कई माध्यम से तमाम अलग-अलग क्षेत्रों का उत्तर प्रदेश में सर्वे किया और वहां की खबरों को उठाकर देखा तो पता लगा कि उत्तर प्रदेश में वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र में औसतन 2 से 3 घंटे मात्र बिजली सप्लाई चालू होती है और 2 घंटे होने वाली इस बिजली सप्लाई में स्थानीय समस्याएं और जर्जर तार बाधा बनते हैं और यह बिजली पूरी तरह से गुल हो जाती है।

प्रदेश अध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में बिजली व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है, जिसके कारण हैं।जनता बेहाल है, लेकिन इस पर जिम्मेदार मौन हैं। विपक्ष के तमाम नेता और जनता लगातार मंत्री से ट्वीट कर सवाल पूछ रही है लेकिन मंत्री जी सो रहें हैं।