रजौरी में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ जारी, 5 जवान शहीद, इंटरनेट सेवा फिलहाल बंद

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जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच जारी मुठभेड़ में अब तक पांच जवान शहीद हो चुके हैं। सेना ने शुक्रवार को कहा कि राजौरी सेक्टर में चल रहे ऑपरेशन में सुबह गंभीर रूप से घायल तीन जवानों ने दुर्भाग्य से दम तोड़ दिया. इससे पहले सुबह दो जवान शहीद हो गए थे। ऑपरेशन अभी भी जारी है।

राजोरी के कंडी इलाके में शुक्रवार को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है और दोनों ओर से गोलीबारी की जा रही है। इस घटना के बारे में सेना ने बयान जारी कर बताया कि एनकाउंटर के दौरान दो जवान शहीद हो गए। जबकि, एक अधिकारी समेत चार घायल हो गए। वहीं, घायल जवानों को कमांड अस्पताल उधमपुर ले जाया गया है। इनमें से तीन जवानों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इंटरनेट सेवाओं को फिलहाल बंद कर दिया गया है।

*प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- कांग्रेस को मेरे जय बजरंगबली बोलने पर भी आपत्ति, 'द केरल स्टोरी' का जिक्र कर भी घेरा*

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव का प्रचार अभियान अपने जोरों पर है। बीजेपी की तरफ से खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कमान संभाल रखा है। पीएम लगातार कर्नाटक में रैलियां कर रहे हैं। इसी क्रम में पीएम मोदी ने शुक्रवार को कर्नाटक के बल्लारी में जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा।उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत जय बजरंग बली के नारे के साथ की।जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र में ढेर सारे झूठे वायदें है। कांग्रेस का घोषणापत्र मतलब तालाबंदी और तुष्टिकरण का बंडल है।उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस पैसों के जरिए झूठे नैरेटिव गढ़ रही है।अब तो कांग्रेस की हालत इतनी बुरी है कि उनके पैर कांप रहे हैं और इसलिए कांग्रेस को मेरे जय बजरंगबली बोलने पर भी आपत्ति होने लगी है।

कांग्रेस आतंकी प्रवृत्तियों के साथ खड़ी-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने फिल्म 'द केरल स्टोरी' का भी जिक्र करते हुए कहा कि फिल्म आतंकी साजिशों को लेकर बनाई गई है। इसके जरिए आतंकवाद के खौफनाक और असली चेहरे को बेनकाब किया गया है। अब कांग्रेस आतंकवाद के खिलाफ बनी इस फिल्म का विरोध कर रही है। वे आतंकी प्रवृत्तियों के साथ खड़े हैं। कांग्रेस ने हमेशा वोट बैंक के लिए आतंकवाद का बचाव किया है।उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा से आतंकवाद के खिलाफ कठोर रही है। जब भी आतंकवाद पर कार्रवाई होती है कांग्रेस के पेट में दर्द होने लगता है।

वोट बैंक के खातिर कांग्रेस ने आतंकवाद के सामने घुटने टेक दिए-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ये देख कर हैरान हूं कि अपनी वोट बैंक के खातिर कांग्रेस ने आतंकवाद के सामने घुटने टेक दिए । ऐसी पार्टी क्या कभी भी कर्नाटक की रक्षा कर सकती है? आतंक के माहौल में यहां के उद्योग, आईटी इंडस्ट्री, खेती, किसानी और गौरवमयी संस्कृति सब कुछ तबाह हो जाएगी। बीते कुछ वर्षों में आतंकवाद का एक और भयानक स्वरूप पैदा हो गया है। बम, बंदूक और पिस्तौल की आवाज तो सुनाई देती है, लेकिन समाज को भीतर से खोखला करने की आतंकी साजिश की कोई आवाज नहीं होती। 

कांग्रेस 85% कमीशन वाली पार्टी-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि येदियुरप्पा और बोम्मई के नेतृत्व में डबल इंजन सरकार को सिर्फ साढ़े तीन साल सेवा का मौका मिला है। जब यहां कांग्रेस की सरकार थी तब उसने कर्नाटक के विकास के बजाय भ्रष्टाचार को ही प्राथमिकता दी। पीएम मोदी ने कहा कि इसका कारण क्या था? इसे खुद उनके पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने बताया था। उन्होंने कहा था कि अगर उनकी सरकार दिल्ली से 100 पैसा भेजती है तो 15 पैसा ही गरीब तक पहुंचता है। एक तरह से उन्होंने खुद ही मान लिया था कि कांग्रेस 85% कमीशन वाली पार्टी है।

सूडान में फंसे भाई-बहनों को बचाया-पीएम मोदी

कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए पीएम ने कहा कि अभी सूडान में गृहयुद्ध की स्थिति है, कहीं से गोली चलती थी कहीं से भी बम फूटता था। घर से बाहर निकलना मुश्किल था। हमारे हजारों भारतीय भाई-बहन सूडान में फंस गए थे और उसमें हमारे कर्नाटक के भी सैकड़ों भाई-बहन थे। सूडान की स्थिति ऐसी है कि बड़े-बड़े देशों ने भी अपने नागरिकों को वहां से निकालने से मना कर दिया था। बावजूद इसके हमने अपनी पूरी वायुसेना लगा दी, नौसेना को खड़ा कर दिया।

फिल्म द केरल स्टोरी की रिलीज पर केरल हाई कोर्ट ने रोक लगाने से किया इनकार

द केरला स्टोरी देशभर में शुक्रवार यानी आज रिलीज हो गई. इस फिल्म को लेकर विवाद है. कुछ लोग फिल्म को बैन करने की मांग भी कर रहे हैं. फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग को लेकर केरल हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. कोर्ट ने द केरला स्टोरी की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.

शरद पवार ही बने रहेंगे एनसीपी अध्यक्ष, कमेटी की बैठक में इस्तीफा नामंजूर

#sharad_pawar_resignation_rejected

शरद पवार ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष बने रहेंगे क्योंकि उनके ओर से गठित 18 सदस्यीय पैनल ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया है। दरअसल, गत मंगलवार को एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले पवार ने पार्टी का भविष्य तय करने एवं नया अध्यक्ष चुनने के लिए इस पैनल का गठन किया था। पवार ने कहा कि पैनल उनके लिए जो भूमिका तय करेगा उसे वह निभाएंगे। इस पैनल ने शुक्रवार को अपनी बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर उनका इस्तीफा नामंजूर कर दिया।

एनसीपी की कोर कमेटी ने शरद पवार से पार्टी का नेतृत्व जारी रखने का अनुरोध करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है। पार्टी नेता प्रफुल्ल पटेल ने यह प्रस्ताव पेश किया था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक में हुए फैसलों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शरद पवार ने 2 मई को अचानक अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी। उनके फैसले से सभी हैरान थे। उन्होंने आगे की कार्रवाई के लिए और नए अध्यक्ष का चुनाव करने के लिए पार्टी नेताओं की एक समिति नियुक्त की। आज हमने समिति की बैठक की। इसमें हमने पवार साहेब से यह अनुरोध किया है कि वह अपना कार्यकाल पूरा करें।

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रफुल्ल पटेल ने कहा, पवार साहब ने हमें बिना बताए फैसला ले लिया। आज हमने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेता की सभी मांगों पर विचार करते हुए बैठक की और सर्वसम्मति से फैसला लिया है कि हम इस इस्तीफे को खारिज करते हैं और हम उनसे पार्टी अध्यक्ष के पद पर बने रहने का अनुरोध करते हैं।एनसीपी नेता ने कहा, आप देश के कद्दावर नेता हैं, आपने ये प्रस्ताव रखा था कि नए अध्यक्ष का चुनाव हो, लेकिन पार्टी ने उनको अपने पद पर बने रहने का लिए कहा है।

पटेल ने आगे कहा, मेरे साथ एनसीपी के कई नेताओं ने पवार साहेब से मुलाकात की और उनसे अपने फैसले पर दोबारा विचार करने के लिए कहा क्योंकि इस समय देश एवं पार्टी को उनकी जरूरत है। केवल एनसीपी के ही नहीं बल्कि दूसरे दलों के नेताओं ने भी उनसे अध्यक्ष पद बने रहने के लिए अनुरोध किया है। पैनल की इस अहम बैठक से पहले मुंबई स्थित एनसीपी दफ्तर के बाहर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता जुटे। कार्यकर्ताओं ने पवार के समर्थन में नारेबाजी की।

इससे पहले अपनी आत्मकथा के विमोचन के दौरान शरद पवार ने पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफा देने का एलान किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था, 'मेरे साथियो! मैं एनसीपी के अध्यक्ष का पद छोड़ रहा हूं, लेकिन सामाजिक जीवन से रिटायर नहीं हो रहा हूं। लगातार यात्रा मेरी जिंदगी का अटूट हिस्सा बन गया है। मैं पब्लिक मीटिंग और कार्यक्रमों में शामिल होता रहूंगा।

जम्मू-कश्मीर के रजौरी में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में दो जवान शहीद, एक अधिकारी समेत 4 जवान घायल

#jammu_kashmir_encounter_in_rajouri

जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में शुक्रवार सुबह सुरक्षाबलों की आतंकियों से मुठभेड़ हो गई, जिसमें दो जवान शहीद हो गए।वहीं, एक अधिकारी समेत 4 जवान घायल हुए हैं।जानकारी के मुताबिक यहां 2-3 आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी। जिसके बाद सुरक्षाबलों ने तलाश अभियान शुरू किया। जिसमें मुठभेड़ शुरू हो गई। इस मुठभेड़ में दो जवान शहीद हो गए हैं।

इस घटना के बारे में सेना ने बयान जारी कर बताया कि एनकाउंटर के दौरान दो जवान शहीद हो गए हैं। जबकि, एक अधिकारी समेत चार घायल हैं। आतंकियों के भी ढेर होने की संभावना है। वहीं घायल जवानों को कमांड अस्पताल उधमपुर ले जाया गया है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इंटरनेट सेवाओं को फिलहाल बंद कर दिया गया है।

एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की एक संयुक्त टीम ने क्षेत्र में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में विशेष सूचना पर तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान जैसे ही संयुक्त टीमें संदिग्ध स्थान पर पहुंचीं, छिपे हुए आतंकवादियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी, जवाबी कार्रवाई करते हुए मुठभेड़ शुरू हो गई। पीटीआई ने सेना की उत्तरी कमांड के हवाले से बताया कि ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने एक ब्लास्ट किया जिसमें दो जवान मारे गए जबकि चार घायल हो गए।

जम्मू-कश्मीर में तीन दिनों में ये तीसरी मुठभेड़ है।इससे पहले गुरुवार को बारामूला में मुठभेड़ हुई थी जिसमें दो आतंकियों को ढेर कर दिया गया था। इन आतंकियों के पास से एके 47 राइफल के अलावा भारी संख्या में गोला बारूद और हथियार बरामद किए गए थे। पुलिस ने इस बारे में जानकारी दी थी कि ये आतंकी स्थानीय थे और प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर से जुड़े हुए थे। दोनों की पहचान शोपियां के शाकिर माजिद नजर और हनन अहमद सेह के तौर पर हुई है। दोनों इस साल मार्च में ही आतंकी गतिविधियों में शामिल हुए थे।

इससे पहले बुधवार को कुपवाड़ा का माछिल सेक्टर में भी घुसपैठ की कोशिश नाकाम की गई थी और दो आतंकियों को मार गिराया गया था।

जम्मू-कश्मीर के रजौरी में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में दो जवान शहीद, एक अधिकारी समेत 4 जवान घायल

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जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में शुक्रवार सुबह सुरक्षाबलों की आतंकियों से मुठभेड़ हो गई, जिसमें दो जवान शहीद हो गए।वहीं, एक अधिकारी समेत 4 जवान घायल हुए हैं।जानकारी के मुताबिक यहां 2-3 आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी। जिसके बाद सुरक्षाबलों ने तलाश अभियान शुरू किया। जिसमें मुठभेड़ शुरू हो गई। इस मुठभेड़ में दो जवान शहीद हो गए हैं।

इस घटना के बारे में सेना ने बयान जारी कर बताया कि एनकाउंटर के दौरान दो जवान शहीद हो गए हैं। जबकि, एक अधिकारी समेत चार घायल हैं। आतंकियों के भी ढेर होने की संभावना है। वहीं घायल जवानों को कमांड अस्पताल उधमपुर ले जाया गया है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इंटरनेट सेवाओं को फिलहाल बंद कर दिया गया है।

एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की एक संयुक्त टीम ने क्षेत्र में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में विशेष सूचना पर तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान जैसे ही संयुक्त टीमें संदिग्ध स्थान पर पहुंचीं, छिपे हुए आतंकवादियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी, जवाबी कार्रवाई करते हुए मुठभेड़ शुरू हो गई। पीटीआई ने सेना की उत्तरी कमांड के हवाले से बताया कि ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने एक ब्लास्ट किया जिसमें दो जवान मारे गए जबकि चार घायल हो गए।

जम्मू-कश्मीर में तीन दिनों में ये तीसरी मुठभेड़ है।इससे पहले गुरुवार को बारामूला में मुठभेड़ हुई थी जिसमें दो आतंकियों को ढेर कर दिया गया था। इन आतंकियों के पास से एके 47 राइफल के अलावा भारी संख्या में गोला बारूद और हथियार बरामद किए गए थे। पुलिस ने इस बारे में जानकारी दी थी कि ये आतंकी स्थानीय थे और प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर से जुड़े हुए थे। दोनों की पहचान शोपियां के शाकिर माजिद नजर और हनन अहमद सेह के तौर पर हुई है। दोनों इस साल मार्च में ही आतंकी गतिविधियों में शामिल हुए थे।

इससे पहले बुधवार को कुपवाड़ा का माछिल सेक्टर में भी घुसपैठ की कोशिश नाकाम की गई थी और दो आतंकियों को मार गिराया गया था।

एससीओ समिट में बिलावल भुट्टो को जयशंकर ने दूर से किया नमस्ते, सीमापार से आतंकवाद पर सुनाई खरी-खरी

#foreign_ministers_of_india_and_pakistan_came_face_to_face_in_sco

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो का एससीओ बैठक में दूर से ही नमस्‍ते कहकर स्वागत किया। एस जयशंकर ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो से एससीओ समिट के दौरान हाथ नहीं मिलाया। इसके जवाब में बिलावल भुट्टो को भी नमस्ते ही करना पड़ा। वहीं, एस जयशंकर ने एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के सामने आतंकवाद का मुद्दा उठाया। जयशंकर ने पाकिस्तान, चीन समेत सभी सदस्य देशों के सामने साफ शब्दों में कहा कि भारत सीमा पर आतंकवाद बर्दाश्त नहीं करेगा।जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद को हराना है तो टेरर फंडिंग पर रोक लगानी जरूरी है।

आतंकवाद किसी सूरत में जायज नहीं-जयशंकर

बता दें कि इस साल भारत एससीओ की अध्यक्षता कर रहा है। बैठक से पहले भारत के विदेश मंत्री ने एससीओ के मंच से संबोधित किया, जिसमें आतंकवाद का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। जयशंकर ने कहा, आतंकवाद को किसी सूरत में जायज नहीं ठहराया जा सकता। आतंकवाद को हर स्वरूप में खत्म करना चाहिए। 

 

आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं हो सकती-जयशंकर

एस जयशंकर ने पाकिस्तान को एससीओ सम्मेलन में खरी-खरी सुनाते हुए कहा कि सीमा पार से आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं हो सकती। इस दौरान एससीओ देशों के सामने भारत ने पाकिस्तान को होने वाली टेरर फंडिंग पर भी गंभीर सवाल उठाए।

बता दें कि बिलावल भुट्टो-जरदारी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए बृहस्पतिवार को गोवा पहुंचे और इसके साथ ही वह करीब 12 साल में भारत की यात्रा करने वाले पाकिस्तान के पहले विदेश मंत्री बन गए। यह 2011 के बाद से पड़ोसी देश पाकिस्तान से भारत में पहली ऐसी उच्च स्तरीय यात्रा है। बिलावल 2011 के बाद से भारत की यात्रा करने वाले पाकिस्तान के पहले विदेश मंत्री हैं। उनसे पहले हिना रब्बानी खार ने 2011 में शांति वार्ता के लिए पाकिस्तान की विदेश मंत्री के रूप में भारत की यात्रा की थी। खार फिलहाल विदेश राज्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। वहीं, मई 2014 में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए भारत आए थे। इसके बाद दिसंबर 2015 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान का दौरा किया था। उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पड़ोसी देश की संक्षिप्त यात्रा पर गए थे।

एससीओ की बैठक में बोले चीनी विदेश मंत्री-भारत-चीन सीमा पर हालात स्थिर, इसे बनाए रखना जरूरी

#chinese_fm_qin_to_jaishankar_said_india_china_border_stable

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए चीन के विदेश मंत्री किन गैंग भारत के गोवा में आए हुए हैं। इस दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने गुरुवार को चीन के अपने समकक्ष किन गांग से मुलाकात की।इस दौरान चीनी विदेश मंत्री किन गांग ने दोहराया कि भारत-चीन सीमा पर स्थिति आम तौर पर स्थिर है और दोनों पक्षों को संबंध को मजबूत करना चाहिए और स्थायी शांति के लिए शर्तों को और ठंडा करने और आसान बनाने पर जोर देते हुए प्रासंगिक समझौतों का कड़ाई से पालन करना चाहिए।

शुक्रवार को हुई कांग-जयशंकर वार्ता पर यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि कांग ने कहा कि दोनों पक्षों को दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति को लागू करते रहना चाहिए, मौजूदा प्रयासों को मजबूत करना चाहिए, प्रासंगिक समझौतों का सख्ती से पालन करना चाहिए, सीमा की स्थिति को और सहज एवं सरल करने पर जोर देना चाहिए तथा सीमाई इलाकों में स्थायी शांति एवं स्थिरता बनाए रखनी चाहिए।

वार्ता के बाद एक ट्वीट में जयशंकर ने कहा कि शेष मुद्दों को हल करने और सीमा पर शांति सुनिश्चित करने पर हमारा ध्यान है। उन्होंने कहा कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर स्टेट काउंसलर और चीन के विदेश मंत्री किन गैंग के साथ विस्तृत चर्चा हुई है। साथ ही एससीओ, जी20 और ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा हुई।

सिडनी में एक बार फिर मंदिर पर हमला, स्वामीनारायण मंदिर में तोड़फोड़, लिखे भारत विरोधी आपत्तिजनक नारे

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ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तान समर्थकों का मंदिरों पर हमला रुक नहीं रहा है। शुक्रवार सुबह पश्चिमी सिडनी के रोजहिल उपनगर के बाप्स स्वामीनारायण मंदिर पर खालिस्तान समर्थकों ने हमला कर दिया। स्वामीनारायण मंदिर में तोड़फोड़ की। और बात यहीं नहीं रुकी खालिस्तान समर्थकों ने मंदिर के गेट पर खालिस्तान का झंडा लटका कर अपना विरोध जताया। 

ऑस्ट्रेलिया मीडिया ने बताया कि, ऑस्ट्रेलिया में पश्चिमी सिडनी के रोजहिल उपनगर के बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में खालिस्तान समर्थकों ने तोड़फोड़ की है। जब मंदिर प्रबंधन शुक्रवार को पूजा करने के लिए पहुंचा तो देखा की मंदिर की दीवार टूटी थी। और गेट पर खलिस्तान का झंडा लटका हुआ था।

मंदिर प्रशासन ने स्थानीय समय के मुताबिक सुबह 7 बजे मंदिर में हुई तोड़फोड़ की जानकारी पुलिस को दी। घटना की जानकारी मिलते ही न्यू साउथ वेल्स के पुलिस अधिकारी मंदिर पहुंचे और उन्होंने सीसीटीवी को खंगालना शुरू कर दिया। मंदिर प्रशासन ने खुद सीसीटीवी फुटेज को पुलिस को मुहैया कराया है, ताकि जांच में तेजी लाई जा सके।

इससे पहले भी कई बार ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों को निशाना बनाया जा चुका है। इससे पहले मेलबर्न में भी एक हिंदू मंदिर को खालिस्तानियों ने निशाना बनाया था। मेलबर्न में बाप्स स्वामीनारायण मंदिर में तोड़फोड़ की घटना सामने आई थी। 12 जनवरी की सुबह मेलबर्न के उत्तरी उपनगर मिल पार्क में बाप्स स्वामीनारायण मंदिर पर खालिस्तान समर्थकों ने तोड़फोड़ की थी। साथ ही मंदिर की दीवारों पर विरोधी नारे भी लिखे गए। मंदिर की दीवारों पर लिखे नारे में खालिस्तान समर्थकों ने आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरांवाले को 'शहीद' बताया और उसकी प्रशंसा भी की थी।

मणिपुर में हिंसा के बीच भाजपा विधायक पर हमला, गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती

#manipur_violence_bjp_mla_vungzagin_valte_attacked

मणिपुर में मेइती समुदाय को एससी श्रेणी में शामिल कराने की मांग के विरोध में हुई रैली के बाद हिंसा भड़क गई।इस बीच भीड़ ने बीजेपी विधायक वुंगजागिन वाल्टे पर गुरुवार को इंफाल में हमला किया। ये हमला तब हुआ, जब वह मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से मुलाकात कर प्रदेश के सचिवालय से लौट रहे थे।फिलहाल वाल्टे का अस्पताल में इलाज चल रहा है। उनकी हालत गंभीर है।

हमला राजधानी इंफाल में हुआ। फिरजावल जिले के थानलॉन से तीन बार के विधायक वाल्टे उस वक्त इंफाल में अपने सरकारी आवास जा रहे थे। इसी दौरान भीड़ ने उनपर हमला किया। भीड़ ने इस दौरान विधायक के ड्राइवर पर हमला बोल दिया। इस दौरान विधायक का पीएसओ वहां से बच निकलने में सफल रहा। बता दें कि विधायक की हालत गंभीर बताई जा रही है। वहीं विधायक का इलाज इंफाल रिम्स में चल रहा है। बता दें कि वाल्टे कुकी समुदाय से हैं। वह पिछली बीजेपी सरकार में मणिपुर के जनजातीय मामलों और पहाड़ी मंत्री थे।

कैसे शुरू हुई हिंसा?

राज्य में आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच हिंसा भड़की हुई है। शुरुआत 3 मई को हुई। इस दिन मणिपुर के छात्र संगठन ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर’ ने आदिवासी एकता मार्च निकाला। ये मार्च मेतेई समुदाय को एसटी कैटेगरी में शामिल करने की मांग के खिलाफ था। मार्च का आयोजन चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में हुआ था। इस रैली में कई हजार प्रदर्शनकारी शामिल हुए थे। मार्च के दौरान ही तोरबंग में आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसा शुरू हो गई। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। तोरबंग में कई दुकानों और घरों में तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई।जब हिंसा नहीं रुकी तो मणिपुर सरकार ने 3 मई की रात को सेना और सशस्त्र बलों की मदद मांगी।दंगों को रोकने के लिए सेना और असम राइफल्स के 55 कॉलम तैनात किए गए।