सिडनी में एक बार फिर मंदिर पर हमला, स्वामीनारायण मंदिर में तोड़फोड़, लिखे भारत विरोधी आपत्तिजनक नारे

#temple_attack_baps_swaminarayan_temple_vandalised_in_sydney

ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तान समर्थकों का मंदिरों पर हमला रुक नहीं रहा है। शुक्रवार सुबह पश्चिमी सिडनी के रोजहिल उपनगर के बाप्स स्वामीनारायण मंदिर पर खालिस्तान समर्थकों ने हमला कर दिया। स्वामीनारायण मंदिर में तोड़फोड़ की। और बात यहीं नहीं रुकी खालिस्तान समर्थकों ने मंदिर के गेट पर खालिस्तान का झंडा लटका कर अपना विरोध जताया। 

ऑस्ट्रेलिया मीडिया ने बताया कि, ऑस्ट्रेलिया में पश्चिमी सिडनी के रोजहिल उपनगर के बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में खालिस्तान समर्थकों ने तोड़फोड़ की है। जब मंदिर प्रबंधन शुक्रवार को पूजा करने के लिए पहुंचा तो देखा की मंदिर की दीवार टूटी थी। और गेट पर खलिस्तान का झंडा लटका हुआ था।

मंदिर प्रशासन ने स्थानीय समय के मुताबिक सुबह 7 बजे मंदिर में हुई तोड़फोड़ की जानकारी पुलिस को दी। घटना की जानकारी मिलते ही न्यू साउथ वेल्स के पुलिस अधिकारी मंदिर पहुंचे और उन्होंने सीसीटीवी को खंगालना शुरू कर दिया। मंदिर प्रशासन ने खुद सीसीटीवी फुटेज को पुलिस को मुहैया कराया है, ताकि जांच में तेजी लाई जा सके।

इससे पहले भी कई बार ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों को निशाना बनाया जा चुका है। इससे पहले मेलबर्न में भी एक हिंदू मंदिर को खालिस्तानियों ने निशाना बनाया था। मेलबर्न में बाप्स स्वामीनारायण मंदिर में तोड़फोड़ की घटना सामने आई थी। 12 जनवरी की सुबह मेलबर्न के उत्तरी उपनगर मिल पार्क में बाप्स स्वामीनारायण मंदिर पर खालिस्तान समर्थकों ने तोड़फोड़ की थी। साथ ही मंदिर की दीवारों पर विरोधी नारे भी लिखे गए। मंदिर की दीवारों पर लिखे नारे में खालिस्तान समर्थकों ने आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरांवाले को 'शहीद' बताया और उसकी प्रशंसा भी की थी।

मणिपुर में हिंसा के बीच भाजपा विधायक पर हमला, गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती

#manipur_violence_bjp_mla_vungzagin_valte_attacked

मणिपुर में मेइती समुदाय को एससी श्रेणी में शामिल कराने की मांग के विरोध में हुई रैली के बाद हिंसा भड़क गई।इस बीच भीड़ ने बीजेपी विधायक वुंगजागिन वाल्टे पर गुरुवार को इंफाल में हमला किया। ये हमला तब हुआ, जब वह मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से मुलाकात कर प्रदेश के सचिवालय से लौट रहे थे।फिलहाल वाल्टे का अस्पताल में इलाज चल रहा है। उनकी हालत गंभीर है।

हमला राजधानी इंफाल में हुआ। फिरजावल जिले के थानलॉन से तीन बार के विधायक वाल्टे उस वक्त इंफाल में अपने सरकारी आवास जा रहे थे। इसी दौरान भीड़ ने उनपर हमला किया। भीड़ ने इस दौरान विधायक के ड्राइवर पर हमला बोल दिया। इस दौरान विधायक का पीएसओ वहां से बच निकलने में सफल रहा। बता दें कि विधायक की हालत गंभीर बताई जा रही है। वहीं विधायक का इलाज इंफाल रिम्स में चल रहा है। बता दें कि वाल्टे कुकी समुदाय से हैं। वह पिछली बीजेपी सरकार में मणिपुर के जनजातीय मामलों और पहाड़ी मंत्री थे।

कैसे शुरू हुई हिंसा?

राज्य में आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच हिंसा भड़की हुई है। शुरुआत 3 मई को हुई। इस दिन मणिपुर के छात्र संगठन ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर’ ने आदिवासी एकता मार्च निकाला। ये मार्च मेतेई समुदाय को एसटी कैटेगरी में शामिल करने की मांग के खिलाफ था। मार्च का आयोजन चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में हुआ था। इस रैली में कई हजार प्रदर्शनकारी शामिल हुए थे। मार्च के दौरान ही तोरबंग में आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसा शुरू हो गई। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। तोरबंग में कई दुकानों और घरों में तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई।जब हिंसा नहीं रुकी तो मणिपुर सरकार ने 3 मई की रात को सेना और सशस्त्र बलों की मदद मांगी।दंगों को रोकने के लिए सेना और असम राइफल्स के 55 कॉलम तैनात किए गए।

मणिपुर में हालात तनावपूर्ण, ट्रेनों की आवाजाही पर रोक, सेना सतर्क

#manipur_violence_indian_army_alert 

मणिपुर हिंसा की आग में झुलस रहा है।मणिपुर हाईकोर्ट के आदेश के बाद फूटा आक्रोश आग बनकर सड़कों पर दहक रहा है।बुधवार को भड़की हिंसा के बाद स्थिति लगातार तनावपूर्ण बनी हुई है। सोशल मीडिया पर हिंसा की कई तस्वीरें और वीडियो शेयर किए गए हैं। इस बीच मणिपुर हिंसा से जुड़ी फर्जी खबरों को लेकर भी भारतीय सेना अलर्ट नजर आ रही है।इधर, हिंसा को देखते हुए सरकार ने बड़ा आदेश जारी किया है. उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया गया है।वहीं, अब पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने मणिपुर जाने वाली ट्रेनों को रोक दिया है। 

हालात सही नहीं होने तक ट्रेने मणिपुर में प्रवेश नहीं करेगी

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने मणिपुर सरकार की सलाह पर ट्रेनों की आवाजाही पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। एनएफ रेलवे के सीपीआरओ सब्यसाची डे के अनुसार, हालात जबतक सही नहीं हो जाते हैं, तब तक कोई ट्रेन मणिपुर में प्रवेश नहीं करेगी। वहीं, भारतीय रेलवे ने बताया कि चार ट्रेनों को रद्द किया गया है। यह फैसला फिलहाल दो दिन (5 और 6 मई) के लिए लिया गया है।

फर्जी तस्वीरों और वीडियो से हिंसा और भड़कने की आशंका

इस बीच सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे तस्वीरों और वीडियो में कई वीडियो फर्जी होने की आशंका जताई जा रही है।ऐसे में इससे मणिपुर की स्थिति पर कोई असर ना पड़े, इसके लिए इंडियन आर्मी सतर्क नजर आ रही है।वहीं सेना ने लोगों से अपील की है कि वह केवल उन्हीं जानकारी पर भरोसा करें जो आधिकारिक सूत्रों के हवाल से दी जा रही हैं।भारतीय सेना की ओर से जानकारी दी गई है कि मणिपुर हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर कई फर्जी खबरें फैलाई जा रही हैं। इनमें असम राइफल्स पोस्ट पर हमले का वीडियो भी शामिल है।

बता दें कि मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में छात्रों के संगठन ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर’ (एटीएसयूएम) ने मार्च बुलाया था। ‘आदिवासी एकता मार्च’ के नाम से हो रहे प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई। बुधवार से भड़की हिंसा में भीड़ ने कई घरों, दुकानों और धार्मिक स्थलों पर आग लगा दी थी।इधर मणिपुर के 8 जिलों में कर्फ्यू लगाया जा चुका है और 5 दिनों के लिए इंटरनेट भी ठप हो गया है।

मणिपुर में हालात तनावपूर्ण, ट्रेनों की आवाजाही पर रोक, सेना सतर्क

#manipurviolenceindianarmyalert 

मणिपुर हिंसा की आग में झुलस रहा है।मणिपुर हाईकोर्ट के आदेश के बाद फूटा आक्रोश आग बनकर सड़कों पर दहक रहा है।बुधवार को भड़की हिंसा के बाद स्थिति लगातार तनावपूर्ण बनी हुई है। सोशल मीडिया पर हिंसा की कई तस्वीरें और वीडियो शेयर किए गए हैं। इस बीच मणिपुर हिंसा से जुड़ी फर्जी खबरों को लेकर भी भारतीय सेना अलर्ट नजर आ रही है।इधर, हिंसा को देखते हुए सरकार ने बड़ा आदेश जारी किया है. उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया गया है।वहीं, अब पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने मणिपुर जाने वाली ट्रेनों को रोक दिया है। 

हालात सही नहीं होने तक ट्रेने मणिपुर में प्रवेश नहीं करेगी

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने मणिपुर सरकार की सलाह पर ट्रेनों की आवाजाही पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। एनएफ रेलवे के सीपीआरओ सब्यसाची डे के अनुसार, हालात जबतक सही नहीं हो जाते हैं, तब तक कोई ट्रेन मणिपुर में प्रवेश नहीं करेगी। वहीं, भारतीय रेलवे ने बताया कि चार ट्रेनों को रद्द किया गया है। यह फैसला फिलहाल दो दिन (5 और 6 मई) के लिए लिया गया है।

फर्जी तस्वीरों और वीडियो से हिंसा और भड़कने की आशंका

इस बीच सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे तस्वीरों और वीडियो में कई वीडियो फर्जी होने की आशंका जताई जा रही है।ऐसे में इससे मणिपुर की स्थिति पर कोई असर ना पड़े, इसके लिए इंडियन आर्मी सतर्क नजर आ रही है।वहीं सेना ने लोगों से अपील की है कि वह केवल उन्हीं जानकारी पर भरोसा करें जो आधिकारिक सूत्रों के हवाल से दी जा रही हैं।भारतीय सेना की ओर से जानकारी दी गई है कि मणिपुर हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर कई फर्जी खबरें फैलाई जा रही हैं। इनमें असम राइफल्स पोस्ट पर हमले का वीडियो भी शामिल है।

बता दें कि मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में छात्रों के संगठन ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर’ (एटीएसयूएम) ने मार्च बुलाया था। ‘आदिवासी एकता मार्च’ के नाम से हो रहे प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई। बुधवार से भड़की हिंसा में भीड़ ने कई घरों, दुकानों और धार्मिक स्थलों पर आग लगा दी थी।इधर मणिपुर के 8 जिलों में कर्फ्यू लगाया जा चुका है और 5 दिनों के लिए इंटरनेट भी ठप हो गया है।

गीता फोगाट और उनके पति को दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार, ट्वीट कर किया दावा

#wrestler_geeta_phogat_slams_delhi_police_arrest_with_husband 

बुधवार देर रात जंतर-मंतर पर पुलिस और धरने पर बैठे पहलवानों के बीच झड़प और तीखी बहस के बाद मामला गर्मा गया है।इस बीच भारत की दिग्गज पहलवान गीता फोगाट ने दावा किया है कि उन्हें और उनके पति को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।गीता फोगाट ने ट्वीट कर ये दावा किया।

पहलवान गीता फोगाट ने सोशल मीडिया पर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर कई सवाल खड़े किए हैं।गुरुवार शाम ट्वीट करते हुए दावा किया कि दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'मैं अपने पति पवन सरोहा के साथ दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे अपने भाई-बहनों से मिलने जा रही थीं। इसी दौरान करनाल बाइपास पर दिल्ली पुलिस ने रोक लिया। इसके बाद फिर हमें थाने ले गए और कहने लगे कि दो ही रास्ते हैं या तो वापस चले जाओ या फिर पुलिस के घर चलो। इसके बाद हमें गिरफ्तार कर लिया गया। ये बहुत ही दुखद है।

बता दें कि बुधवार रात को जंतर मंतर पर हुए बवाल के बाद पहलवानों में काफी गुस्सा है। पहलवानों का आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने बुधवार रात को धरना दे रहे पहलवानों के साथ मारपीट की। इस हाथापाई में कुछ पहलवानों के सिर में चोटें भी आई हैं। इस घटना के बाद विनेश फोगाट ने ऐलान किया है कि पहलवान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीते हुए सभी मेडल लौटाएंगे। विनेश फोगाट ने कहा, हमें अपमानित किया जा रहा है, जमीन पर घसीटा जा रहा है। ऐसे में हम अपने सभी मेडल लौटा देंगे। वहीं, बजरंग पूनिया ने कहा, अगर ऐसे ही सम्मान हुआ, तो हम मेडल का क्या करेंगे। हम वो मेडल लौटा देंगे भारत सरकार को।

मणिपुर में हिंसा पर सरकार सख्त, दंगाइयों को देखते ही गोली मार देने का आदेश

#manipur_violence_shoot_at_sight_governor_order 

मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है। इस बीच राज्य सरकार ने हिंसा पर काबू पाने के लिए ‘शूट एट साइट’ का ऑर्डर दिया है। हालांकि यह केवल एक्ट्रीम केस में ही इस्तेमाल किया जाएगा। दरअसल, मणिपुर में मैतेई समुदाय को एसटी कैटेगरी में शामिल करने के खिलाफ एक आदिवासी स्टूडेंट यूनियन ने मार्च बुलाया था। इसमें हिंसा भड़क गई थी। फिलहाल मणिपुर में स्थिति तनावपूर्ण है।

मणिपुर के राज्यपाल ने हिंसाग्रस्त इलाकों में दंगाइयों को देखते ही गोली मार देने के राज्य सरकार के फैसले को मंजूरी दे दी है।राज्यपाल की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि जब समझाना-बुझाना, चेतावनी और उचित बल का प्रयोग की सीमा पार हो गई हो और स्थिति को नियंत्रित नहीं किया जा सके, तो देखते ही गोली मारने का सहारा लिया जा सकता है। अधिसूचना राज्य सरकार के आयुक्त (गृह) के हस्ताक्षर हैं। अधिसूचना आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 के प्रावधानों के तहत जारी की गई है।

इस बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने वीडियो जारी कर लोगों से अपील की है कि शांति के लिए सरकार का सहयोग करें। राज्य में दो समुदायों के बीच हिंसा गलतफहमी के कारण हो रही है। उन्होंने आगे कहा कि जो भी तोड़फोड़ या हिंसा करेंगे उसके खिलाफ हम कार्रवाई करेंगे।

इधर बुधवार को भड़की हिंसा के बाद राज्य में स्थिति तनावपूर्ण है। भारतीय सेना और असम राइफल्स के जवानों ने हिंसाग्रस्त इलाकों से अब तक 7500 से अधिक नागरिकों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। बताया जा रहा है कि नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए रातभर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया।

दरअसल, ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर ने बुधवार को चुराचांदपुर के तोरबंग में मैतेई समुदाय को एसटी में शामिल करने के लिए आदिवासी एकता मार्च निकाला था। आदिवासी एकता मार्च में हजारों प्रदर्शनकारी शामिल हुए। इस दौरान ट्राइबल और नन-ट्राइबल के बीच हिंसा भड़क उठी। इसके बाद कई जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया था। इतना ही नहीं पूरे मणिपुर में 5 दिनों के लिए इंटरनेट सर्विस को सस्पेंट कर दिया गया है। कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई थी। स्थिति को काबू में करने के लिए भारतीय सेना के जवानों ने फ्लैग मार्च भी निकाला था।

शराब घोटाला मामले में ईडी की चौथी सप्लीमेंट्री चार्जशीट, मनीष सिसोदिया को बनाया आरोपी

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दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब दिल्‍ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के केस में आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को आरोपी बनाया गया है। गुरुवार को प्रवर्तन निदेशायलय (ईडी) ने राउज़ एवेन्यु कोर्ट में 2100 पन्‍नों की सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है।इसमें ईडी ने आप नेता मनीष सिसोदिया को आरोपी बनाया है। आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया 29 वें आरोपी हैं।इससे पहले आबकारी नीति में मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई भी चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।

मनी लांड्रिंग के मामले में ईडी ने राउज एवेन्यु कोर्ट में मनीष सिसोदिया के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। जहां ईडी ने चार्जशीट में मनीष सिसोदिया सिसोदिया को आरोपी बनाया है। हालांकि, राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज एमके नागपाल की कोर्ट मामले पर शनिवार को सुनवाई करेगी।बता दें कि ईडी ने सिसोदिया को आबकारी नीति मामले में 9 मार्च को गिरफ्तार किया था। इससे पहले सीबीआई ने उन्हें 26 फरवरी को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था।

ईडी की गिरफ्तारी के मामले में जमानत के लिए सिसोदिया ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस याचिका पर गुरुवार (4 मई) को सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया और मामले की अगली सुनवाई के लिए 11 मई की तारीख तय की। सिसोदिया ने अपनी पत्नी की बीमारी के आधार पर मामले में नियमित जमानत अर्जी के साथ-साथ अंतरिम जमानत याचिका भी दाखिल की है। पूर्व उप मुख्यमंत्री की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन और मोहित माथुर ने हाई कोर्ट में दलील दी कि ‘आप’ नेता की पत्नी पिछले 20 सालों से मल्टीपल स्क्लेरोसिस से जूझ रही हैं, जो तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) से जुड़ी एक गंभीर दीर्घकालिक बीमारी है और उनकी स्थिति और बिगड़ने की आशंका है।

केदारनाथ यात्रा : केदारनाथ में मौसम साफ, हेलीकॉप्टर सेवा भी शुरू, दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालु, भारी बर्फबारी और बारिश के कारण रोकी गई थी यात्र

 केदारनाथ धाम में मौसम आज साफ बना हुआ है। जिसके बाद धाम में यात्रा सुचारू हो गई है। सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए यात्री भेजे गए। वहीं, हेली सेवा भी शुरू हो गई है। वहीं, पुलिस ने यात्रियों से मौसम का पूर्वानुमान लेकर ही यात्रा पर आने की अपील की है। किसी भी विषम स्थिति में सुरक्षित स्थानों पर ठहरने की सलाह दी गई है।

बुधवार को बारिश व बर्फबारी के कारण केदारनाथ यात्रा रोकी गई थी। प्रशासन और पुलिस ने सोनप्रयाग, गौरीकुंड से किसी यात्री को आगे नहीं जाने दिया। शाम पांच बजे के बाद मौसम में सुधार को देेखते हुए प्रशासन व पुलिस ने बृहस्पतिवार को सुबह 11 बजे से सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए पैदल यात्रा शुरू करने का निर्णय लिया है।

पुलिस अधीक्षक डा. विशाखा अशोक भदाणे ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही यात्रा का संचालन किया जाएगा। सोनप्रयाग, गौरीकुंड से सीमित संख्या में यात्री भेजे जाएंगे। उन्होंने कहा कि पैदल मार्ग पर तैनात पुलिस, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ के जवानों को भी पूरी तरह से सतर्क रहने को कहा गया है।

पुलिस महानिदेशक व पुलिस अधीक्षक केदारनाथ में डेरा जमाए हुए है। बर्फबारी के बीच उन्होंने धाम में यात्रियों से संवाद कर उनकी कुशलक्षेम पूछी। साथ ही व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया। इस दौरान बाबा के दर्शन करने वाले यात्रियों को निचले इलाकों के लिए भेजा गया। अपराह्न 3 बजे तक 2090 श्रद्धालु सोनप्रयाग लौट आए थे जबकि रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड तक जगह-जगह अब भी 18,000 से अधिक श्रद्धालु रोके गए हैं।

बुधवार को तड़के से ही केदारनाथ में बर्फबारी होती रही। सुबह करीब आठ बजे पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, एसपी डाॅ. विशाखा अशोक भदाणे ने मंदिर परिसर, मार्ग सहित जीएमवीएन परिसर में यात्रियों से संवाद किया। उन्होंने यात्रियों से मौसम को देखते हुए धाम में पर्याप्त गर्म कपड़ों का उपयोग करने को कहा। पुलिस महानिदेशक ने देशवासियों से मौसम के हिसाब से चारधाम यात्रा का कार्यक्रम बनाने की अपील की। साथ ही कहा कि मौसम के अनुसार ही बृहस्पतिवार की यात्रा को लेकर निर्णय लिया जाएगा। इधर, पुलिस अधीक्षक ने बताया कि केदारनाथ में 600 से अधिक श्रद्धालु रुके हुए हैं। इसके अलावा हक-हकूकधारी, कारोबारी, तीर्थपुरोहित, यात्रा ड्यूटी पर तैनात अधिकारी-कर्मचारी व पुलिस जवान हैं।

गंगोत्री यमुनोत्री यात्रा सुचारू

वहीं, कहीं दिनों बाद मौसम साफ होने से गंगोत्री यमुनोत्री धाम में चटख धूप खिली। जिसके बाद यमुनोत्री धाम सहित जानकीचट्टी से यमुनोत्री तक श्रद्धालुओं की चहल-पहल है।

उत्तराखंड में डोली धरती, चमोली और रुद्रप्रयाग में महसूस हुए भूकंप के झटके

उत्तराखंड में गुरुवार को भूकंप से धरती डोल गई। चमोली और रुद्रप्रयाग में सुबह करीब दस बजे भूकंप के तेज झटके महसूस हुए हैं। भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग घरों व दुकानों से बाहर निकल आए।

जोन चार और पांच में है उत्तराखंड का ज्यादातर इलाका

वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के भूकंप विज्ञानियों की मानें तो उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। उत्तराखंड का ज्यादातर इलाका भूकंप के लिहाज से जोन चार और पांच में हैं। इसलिए बार-बार भूकंप की घटनाएं देखने को मिल रही हैं।

यूपी में एक और गैंगस्टर मुठभेड़ में ढेर, कुख्‍यात अपराधी अनिल दुजाना को एसटीएफ नेमेरठ में मार गिराया

#gangsteranildujanashotdeadbypoliceinencounterinmeerut 

उत्तर प्रदेश में एक और कुख्यात अपराधी मुठभेड़ मे मारा गया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खूंखार गैंगस्टर अनिल दुजाना एसटीएफ की मुठभेड़ में ढेर हो गया है। अनिल दुजाना को एसटीएफ ने मेरठ जिले में मार गिराया है। दुजाना की गिरफ्तारी के लिए नोएडा पुलिस की स्पेशल सेल टीम और एसटीएफ टीम लगी हुई थी। बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों के दौरान 7 टीमों ने 20 से भी ज्यादा स्थानों पर लगातार छापेमारी कर रही थी। आज उसका एनकाउंटर कर दिया गया।

तिहाड़ से आया था बाहर

कुख्यात दुजाना लंबे समय से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद चल रहा था, लेकिन हाल ही में उसे जमानत मिली और वह छूट गया। बताया जाता है कि जब वह जेल से बाहर आया था तो उसने सबसे पहले जयचंद प्रधान की हत्‍या के मामले में उसकी पत्नी और गवाह महिला को धमकी दी। जब ये बात पुलिस के संज्ञान में आई तो उन्‍होंने अनिल के खिलाफ 2 मुकदमे दर्ज किए।

दुजाना पर 62 से ज्यादा केस दर्ज

अनिल दुजाना ग्रेटर नोएडा के बादलपुर गांव का रहने वाला था।दुजाना पर 62 से ज्यादा केस दर्ज हैं। गैंगस्टर अनिल दुजाना पर 18 मर्डर समेत रंगदारी, लूटपाट, जमीनों पर कब्जा, और आर्म्स एक्ट जैसी गंभीर धाराओं में 62 मुकदमें दर्ज हैं। उस पर यूपी पुलिस ने रासुका और गैंगस्टर एक्ट भी लगाया था। हाल ही में पुलिस की ओर से गौतमबुद्ध नगर में जो गैंगस्टर्स की लिस्ट सामने आई थी। उसमें इसका नाम भी शामिल था। दुजाना की गिरफ्तारी पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने 75 हजार रुपए का इनाम रखा था।