मणिपुर में हिंसा के बीच भाजपा विधायक पर हमला, गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती
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मणिपुर में मेइती समुदाय को एससी श्रेणी में शामिल कराने की मांग के विरोध में हुई रैली के बाद हिंसा भड़क गई।इस बीच भीड़ ने बीजेपी विधायक वुंगजागिन वाल्टे पर गुरुवार को इंफाल में हमला किया। ये हमला तब हुआ, जब वह मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से मुलाकात कर प्रदेश के सचिवालय से लौट रहे थे।फिलहाल वाल्टे का अस्पताल में इलाज चल रहा है। उनकी हालत गंभीर है।
हमला राजधानी इंफाल में हुआ। फिरजावल जिले के थानलॉन से तीन बार के विधायक वाल्टे उस वक्त इंफाल में अपने सरकारी आवास जा रहे थे। इसी दौरान भीड़ ने उनपर हमला किया। भीड़ ने इस दौरान विधायक के ड्राइवर पर हमला बोल दिया। इस दौरान विधायक का पीएसओ वहां से बच निकलने में सफल रहा। बता दें कि विधायक की हालत गंभीर बताई जा रही है। वहीं विधायक का इलाज इंफाल रिम्स में चल रहा है। बता दें कि वाल्टे कुकी समुदाय से हैं। वह पिछली बीजेपी सरकार में मणिपुर के जनजातीय मामलों और पहाड़ी मंत्री थे।
कैसे शुरू हुई हिंसा?
राज्य में आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच हिंसा भड़की हुई है। शुरुआत 3 मई को हुई। इस दिन मणिपुर के छात्र संगठन ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर’ ने आदिवासी एकता मार्च निकाला। ये मार्च मेतेई समुदाय को एसटी कैटेगरी में शामिल करने की मांग के खिलाफ था। मार्च का आयोजन चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में हुआ था। इस रैली में कई हजार प्रदर्शनकारी शामिल हुए थे। मार्च के दौरान ही तोरबंग में आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसा शुरू हो गई। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। तोरबंग में कई दुकानों और घरों में तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई।जब हिंसा नहीं रुकी तो मणिपुर सरकार ने 3 मई की रात को सेना और सशस्त्र बलों की मदद मांगी।दंगों को रोकने के लिए सेना और असम राइफल्स के 55 कॉलम तैनात किए गए।
May 05 2023, 11:10