सीएम हेमंत सोरेन से जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन ने की मुलाकात

रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मंगलवार को कांके रोड रांची स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह लोकसभा सदस्य राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने मुलाकात की. मुख्यमंत्री से यह उनकी शिष्टाचार भेंट थी. इस दौरान वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की गयी.

सीएम हेमंत सोरेन से जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन ने की मुलाकात

रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मंगलवार को कांके रोड रांची स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह लोकसभा सदस्य राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने मुलाकात की. मुख्यमंत्री से यह उनकी शिष्टाचार भेंट थी. इस दौरान वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की गयी.

झारखंड में मौसम को लेकर किया गया येलो अलर्ट जारी, गर्जन, तेज हवा के साथ होगी बारिश,मिलेगी गर्मी से राहत।


रांची:- झारखंड में मौसम का मिजाज फिर से बदलने वाला है।आज सुबह से राजधानी रांची में बादल छाए हुए हैं। आज भी मौसम विभाग ने बारिश की संभावना जाहिर की है। पिछले 24 घंटे में राज्य के कई हिस्से में गर्जन के साथ मध्यम दर्जे की बारिश हुई है। आज भी राज्य के कई हिस्सों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।

आज भी होगी बारिश

बदलते मौसम की वजह से राज्य के कई हिस्सों के तापमान में गिरावट दर्ज की गयी है। मई के महीने में जहां प्रचंड गर्मी पड़ती है वहीं लोग इस मौसम का मजा ले रहे हैं। शाम होते ही राज्य के कई इलाकों में हल्की ठंडक मौसम का सुहाना बना रही है। मौसम विभाग ने आज भी बारिश की संभावना जाहिर करते हुए वज्रपात को लेकर भी अलर्ट जारी किया गया है। साहिबगंज में वज्रपात से हुई बच्चों की मौत के बाद मौसम विभाग भी अलर्ट है और लगातार वज्रपात को लेकर चेतावनी जारी कर रहा है।

मौसम विभाग ने जारी किया है येलो अलर्ट

आज राज्य के कई हिस्सों में सतही हवाएं भी देखी जा सकती है. इस मौसम को देखते हुए मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी कर लोगों को सतर्क किया है। झारखंड में बीते दिनों मौसम में काफी बदलाव देखा गया है। सोमवार को कई जगह गर्जन के साथ हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश हुई।

वज्रपात से रहें सावधान

राजधानी रांची सहित राज्य के कई हिस्सों में अभी मौसम ने गर्मी से बड़ी राहत दे रखी है। मौसम विज्ञान केंद्र रांची ने दो मई के लिए राजधानी के कई इलाकों में वज्रपात और ओलावृष्टि को लेकर अलर्ट जारी किया है। वज्रपता से बपचने के लिए मौसम केंद्र ने निर्देश दिया है कि वज्रपात के दौरान दौरान छत, वाहन और अन्य संपत्ति को नुकसान हो सकता है। पिछले 24 घंटे में राज्य के कई जिलों में गर्जन के साथ वर्षा हुई।

ब्रेकिंग/ रांची एनआईए की टीम कर रही है बोकारो में छापेमारी


बोकारो थर्मल-बोकारो थर्मल स्थित डीवीसी की आवासीय कॉलोनी निशन हाट सहित चार स्थानों पर रांची एनआईए की टीम छापेमारी कर रही है. 

मजदूर संगठन समिति के केंद्रीय महासचिव सहित अन्य के घर पर छापेमारी हो रही है. कारण का अभी खुलासा नही हुआ है।लेकिन छापेमारी जारी है

ब्रेकिंग/चक्रधरपुर: चालक की सूझबूझ से बाल बाल बची उत्कल एक्सप्रेस, टला बड़ा हादसा


चक्रधपुर: हावड़ा-मुंबई मुख्य मार्ग पर उत्कल एक्सप्रेस एक बड़ा दुर्घटना होने से बाल-बाल बच गया. समय रहते हुए चालक के सूझबूझ के कारण ट्रेन को रोक दिया गया. जिससे बड़ा हादसा टल गया. 

घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार हावड़ा मुंबई रेलवे मुख्य मार्ग चक्रधरपुर रेल मंडल के सोनुआ टुनीया रेलवे स्टेशन के बीच मंगलवार की सुबह लगभग 8:15 बजे उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन राउरकेला के तरफ जा रही थी. इसी बीच सोनुआ टुनीया रेलवे स्टेशन के बीच रेल पटरी फ्रेक्चर पायी गयी है. उसी समय उसी रेल पटरी से उत्कल एक्सप्रेस गुजर रही थी. 

रेल पटरी के क्षतिग्रस्त स्थिति की सुचना तत्काल उत्कल एक्सप्रेस के चालक को दी गई.

चक्रधरपुर- पुल से गिरकर 1 महिला गंभीर रूप से घायल,घटना सोनुवा मुख्य मार्ग पदमपुर की


चक्रधरपुर: बीती रात चक्रधरपुर सोनुवा मुख्य मार्ग पदमपुर पुल से गिरकर एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई. आनन-फानन में घायल महिला को चक्रधरपुर का अनुमंडल अस्पताल में भर्ती किया गया. रात अधिक होने के कारण मंगलवार की सुबह परिजनों ने एंबुलेंस से महिला को सदर अस्पताल चले गए.

 मिली जानकारी के अनुसार मेरेमेरा गांव निवासी 40 वर्षीय विसागी बोदरा नशे में धुत होकर पुल पार कर रही थी.‌ इस दौरान पुल में निकले लोहे की छड़ से टकरा गई. जिससे महिला गंभीर रूप से घायल हो गई. ‌इस घटना से महिला का शरीर पूरी तरह छिल गया है. घटना के बाद स्थानीय लोगों ने घायल महिला को चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल में भर्ती किया. 

जहां महिला की गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया. रात अधिक होने के कारण परिजनों ने मंगलवार की सुबह घायल महिला को सदर अस्पताल ले गए.

चक्रधरपुर- पुल से गिरकर 1 महिला गंभीर रूप से घायल,घटना सोनुवा मुख्य मार्ग पदमपुर की

चक्रधरपुर: बीती रात चक्रधरपुर सोनुवा मुख्य मार्ग पदमपुर पुल से गिरकर एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई. आनन-फानन में घायल महिला को चक्रधरपुर का अनुमंडल अस्पताल में भर्ती किया गया. रात अधिक होने के कारण मंगलवार की सुबह परिजनों ने एंबुलेंस से महिला को सदर अस्पताल चले गए.

 मिली जानकारी के अनुसार मेरेमेरा गांव निवासी 40 वर्षीय विसागी बोदरा नशे में धुत होकर पुल पार कर रही थी.‌ इस दौरान पुल में निकले लोहे की छड़ से टकरा गई. जिससे महिला गंभीर रूप से घायल हो गई. ‌इस घटना से महिला का शरीर पूरी तरह छिल गया है. घटना के बाद स्थानीय लोगों ने घायल महिला को चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल में भर्ती किया. 

जहां महिला की गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया. रात अधिक होने के कारण परिजनों ने मंगलवार की सुबह घायल महिला को सदर अस्पताल ले गए.

रांची यूनिवर्सिटी के 36वें दीक्षांत समारोह में आज, 2859 छात्र प्राप्त करेंगे अपना डिग्री


रांची यूनिवर्सिटी के 36वें दीक्षांत समारोह का आयोजन आज मंगलवार को मोरहाबादी में किया गया है. पहली बार समारोह का लाइव टेलीकास्ट किया जाएगा. डिग्री या गोल्ड मेडल लेनेवाले विद्यार्थियों के परिवार या अन्य लोग घर बैठे समारोह का सीधा प्रसारण सुबह 10 बजे से देख सकेंगे. 

इसके लिए विश्वविद्यालय द्वारा लिंक जारी किया गया है. 81 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल दिये जायेंगे.

राँची: जमीन घोटाला मामले में ईडी के सामने पेश हुए त्रिदीप मिश्रा

राँची : दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन खरीद-बिक्री के मामले में रांची के सब रजिस्ट्रार वैभवमणि त्रिपाठी से एक मई को ईडी कार्यालय पहुंचे जहां उनसे पूछताछ की गयी. 

अब 2 मई को कोलकाता के एडिशनल रजिस्ट्रार त्रिदीप मिश्रा से ईडी पूछताछ करेगी. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इनको पूछताछ के लिए रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में हाजिर होने का निर्देश दिया है.

मजदूर दिवस विशेष : धनबाद यहां मजदूरों के कंधों पर चलती हैं दबंगों की दुकानें

धनबाद। विश्व पटल पर अपनी पहचान रखने वाला देश की कोयला राजधानी धनबाद के लिए वही कोयला अब मानो अभिशाप बन गया हो। यह सुनने में थोड़ा अटपटा जरूर लगे पर वर्तमान समय में काले नगरी का कड़वा सच भी सम्मुख है। 1972 में कोलियरियों के राष्ट्रीयकरण होने के बाद लोगों को ऐसा लगा था की बस अब कोयलांचल का सारा दुःख दर्द खत्म हो गया लेकिन उस समय से अब तक कोयलांचलवासी आज तक अच्छे दिन के इन्तजार में पलकें बिछाए अब तक अपनी बेबसी को सिर्फ उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं।

मुद्दा कुछ भी हो छले गए सिर्फ यहां के लोग। और विशेषकर असंगठित मजदूर। चाहे कोयला राजधानी धनबाद में काले हीरे पर वर्चस्व को लेकर खूनी संघर्ष की बात हो, या फिर मजदूरों के मुंह मे जाने वाले निवाले की लेकिन इन सब के बीच पिसते है सिर्फ और सिर्फ मजदूर ही। 2005 के बाद इस काले हीरे के लिए खून से लाल होती धरती पर एक नया अध्याय जुड़ गया जो कि अब अवैध कमाई का मुख्य बाजार बन गया है।

यूं तो बीसीसीएल ने राष्ट्रीयकरण के बाद से ही अपने दम पर 100 से ज्यादा अंडरग्राउंड खदानों से कोयले का उत्पादन कर देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई लेकिन खदानों के गैर मशीनीकरण, व्यापार, संघवाद में बेतहाशा बृद्धि एंव कोयला उत्पादन प्रक्रिया के खर्च में लगातार वृद्धि सहित कई कारणों से 1990 के दशक की शुरुआत से ही बीसीसीएल को घाटे का सामना करना पड़ा और इस घाटे की खाई वर्ष दर वर्ष बढ़ती रही। बीसीसीएल के पूर्व सीएमडी एस भट्टाचार्य के कार्यकाल के दौरान बीसीसीएल के बिगड़ते हुए आर्थिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए कई ठोस कदम उठाए गए इसी क्रम में कोयले की ई नीलामी प्रक्रिया भी शुरू हुई साथ-साथ 2005 में बीसीसीएल के कोयला खदानों को ओपेनकास्ट कर निजी कंपनियों द्वारा कोयले का उत्पादन करवाने का भी निर्णय लिया गया।

 निश्चित तौर पर ये निर्णय पूरे बीसीसीएल को घाटे से उबारने के लिए मील का पत्थर साबित हुआ लेकिन इसके साइड इफेक्ट की शुरूआत यही से हो चुकी थी कोयला उत्पादन करने वाली निजी कंपनियों पर अलग-अलग गुटों के द्वारा अपना वर्चस्व कायम करने के लिए समय-समय पर खूनी संघर्ष की दास्ताँ बन गई।

इस निर्णय के बाद बीसीसीएल के स्वास्थ्य में तो पूरी तरह सुधार हो गयी कंपनी मिनीरत्न से महारत्न के दौड में पहुंच गई पर धनबाद कई रोगों से ग्रसित होकर आज के समय मे कराह रहा है।

क्यों और कैसे होती है यह वर्चस्व की जंग

बताया जाता है की जब भी कोई नई उत्खनन परियोजना की शुरुआत होती है, दबंग व राजनीतिक पहुंच रखने वाले लोग पहले छोटे छोटे कुनबे बना कर निजी कंपनी पर स्थानीय लोगों को रोजगार दिलाने के नाम पर धरना प्रदर्शन कर प्रेशर की राजनीति शुरू करते हैं। फिर वार्ता कर अपने अपने लोगों की परियोजना में बहाली करवाते हैं और यहीं से शुरू होता वर्चस्व का जंग। कोयलांचल के बड़े बड़े राजनीतिक पंडितों का आशीर्वाद प्राप्त किये लोग मजदूरों को उनके निवाले पर पहले लड़वाते हैं फिर भी बात नही बनी तो खूनी संघर्ष की जमीन तैयार। 

दूसरे हिसाब से देखा जाए तो इस खेल में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होते हैं असंगठित मजदूर। जी हां वही असंगठित मजदुर जो दिन भर जिले के विभिन्न कोयला लोडिंग पॉइंट में पूरा दिन ट्रकों पर कोयला लोड कर अपने परिवार की जीविका चलाते हैं। अगर एक दिन काम न मिले तो घर मे चूल्हा न जले। इसी का फायदा उठा कर अपने आकाओं को फायदा पहुंचाने के लिए यह छोटे छोटे गैंग पहले मजदूरों को लड़वाते हैं फिर इन्हें काम दिलाने के नाम प्रबंधन से वार्ता कर वाहवाही लूट असंगठित मजदूरों की कमाई का एक मोटा हिस्सा अपने नाम करते हैं। इन्हीं हिस्सों के कुछ भाग अपने आकाओं को भेंट कर उन्हें खुश रखते हैं। इस काम का एवज में इन छोटे छोटे गैंगों को अपने आकाओं से हर प्रकार का संरक्षण प्राप्त होता है।