क्या आपने सुना नए देश कैलासा के बारे में? जानिए- भगोड़े “नित्यानंद की नगरी” के बारे में
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इन दिनों एक नए देश ‘कैलासा’ काफी सुर्खियों में हैं। दरअसल, फरवरी 2023 में संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक में एक महिला की तस्वीर दिखी और फिर एक नए देश ‘कैलासा’ की अचानक चर्चा होने लगी। भारत में रेप के आरोपों का सामना कर रहे भगोड़े नित्यानंद ने ये नया “प्रपंच” रचा है।नित्यानंद ने 'यूनाइटेड स्टेट ऑफ कैलासा' नाम से एक नया देश बनाने का दावा किया है। ताज्जुब ये कि कैलासा को वह हिंदू राष्ट्र कहता है। यही नहीं, उसने अपने देश के प्रतिनिधिमंडल को एक महिला की अगुवाई में संयुक्त राष्ट्र की बैठक में शामिल होने का दावा किया है।
दरअसल, साध्वियों जैसी वेशभूषा में संयुक्त राष्ट्र के जिनेवा दफ्तर में अंग्रेजी में भाषण देती इस महिला का वीडियो देख पहले तो किसी को समझ नहीं आया कि ये महिला किस देश की प्रतिनिधि हैं। बाद में जब नित्यानंद के ट्वीटर अकाउंट से इसका फोटो डालकर दावा किया की ये उसके देश कैलासा के प्रतिनिधि है। 22 फरवरी को स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा में आयोजित आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों की समिति के 73वें सत्र में कैलासा की प्रतिनिधियों के भाग लेने का दावा किया गया है।
यूएन में कैलासा के प्रतिनिधिमंडल का जिस महिला ने नेतृत्व किया उसका नाम विजयप्रिया बताया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि ‘मां विजयप्रिया नित्यानंद’ यूएन में कैलासा की स्थायी प्रतिनिधि है। 22 फरवरी को स्विटजरलैंड के जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्रम में काल्पनिक देश कैलासा की ओर से मां विजयप्रिया नित्यानंद के अलावा 5 और महिलाएं शामिल हुई थीं। सम्मेलन में मां विजयप्रिया नित्यानंद ने दावा किया कि हिन्दू परंपराओं को पुनर्जीवित करने के लिए भारत में उनके सर्वोच्च गुरु का उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से यह तक पूछा कि कैलासा में नित्यानंद और बीस लाख हिंदू प्रवासी आबादी के उत्पीड़न को रोकने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्या उपाय किए जा सकते हैं।
दुनिया के नक्शे पर अचानक एक देश उभर कर आता है, तो जाहिर सी बात है कि लोगों के मन में सवाल पैदा होंगे। सवाल उठेंगे की क्या कोई भी व्यक्ति अपना देश बना सकता है? अगर बना सकता है तो कैसे? लोगों के जेहन में ये भी सवाल हैं कि आखिर नित्यानंद का कैलासा कहां है? यह कितना बड़ा देश है? इसकी आबादी कितनी है?
बता दें कि अक्टूबर 2019 में नित्यानंद देश छोड़कर फरार हो गया था। साल 2020 में नित्यानंद ने घोषणा की थी कि इक्वाडोर के पास उसने एक द्वीप खरीदा है और नए देश की स्थापना की है। उसने ‘कैलासा’ के नाम से एक वेबसाइट लॉन्च की। वेबसाइट के मुताबिक, ये विश्व का सबसे बड़ा डिजिटल हिंदू राष्ट्र है। इस काल्पनिक देश की वेबसाइट के अनुसार, "कैलासा' कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य देशों के हिंदू आदि शैव अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों द्वारा स्थापित और संचालित एक आंदोलन है और सभी के लिए एक सुरक्षित आश्रय प्रदान करता है। नस्ल, लिंग, पंथ, जाति या पंथ के बावजूद दुनिया के आकांक्षी या सताए गए हिंदू, जहां वे शांतिपूर्वक रह सकते हैं और अपनी आध्यात्मिकता, कला और संस्कृति को अपमान, हस्तक्षेप और हिंसा से मुक्त व्यक्त कर सकते हैं।
अगस्त 2020 में नित्यानंद ने रिजर्व बैंक ऑफ कैलासा लॉन्च करने की घोषणा की थी। साथ ही उसने अपने देश की आधिकारिक मुद्रा को ‘कैलाशियन डॉलर’ नाम दिया था। वेबसाइट के मुताबिक, कैलासा देश में बोली जाने वाली भाषाओं में अंग्रेजी, संस्कृत और तमिल शामिल है। इस देश का राष्ट्रीय पशु नंदी हैं जबकि राष्ट्रीय ध्वज भी है। झंडे पर नित्यानंद की तस्वीर लगी है। भारत की तरह कैलाशा का राष्ट्रीय फूल कमल और राष्ट्रीय वृक्ष बरगद बताया गया है। कैलासा की वेबसाइट पर दावा किया गया है कि 150 देशों में उनका दूतावास भी है।
भारत से भगोड़े नित्यानंद ने एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्वीकृति प्राप्त करने के लिए कैलासा के प्रतिनिधियों को संयुक्त राष्ट्र में भेजा, लेकिन यूएन ने विजयप्रिया नित्यानंद द्वारा दिए गए व्याख्यानों को अप्रासंगिक करार दिया है।संयुक्त राष्ट्र ने गुरुवार को जानकारी दी कि पिछले हफ्ते जिनेवा में कार्यक्रमों में भाग लेने वाले काल्पनिक देश यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा के प्रतिनिधि की बातों को कोई जगह नहीं दी जाएगी। साथ ही कहा कि कैलासा की बात का ड्राफ्ट में विचार नहीं किया जाएगा।
Mar 03 2023, 19:24