India

Apr 06 2024, 10:18

भारत में लोकसभा चुनावों में AI के जरिए प्रभावित कर सकता है चीन, माइक्रोसॉफ्ट ने किया सतर्क

#microsoftwarnedindiachinamisuseailoksabha_elections

भारत में लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। पहले चरण के लिए 19 अप्रैल को वोटिंग होनी है। इससे पहले सुरक्षा व्यवस्था को दुरूस्त किया जा रहा है। चुनाव में किसी तरह की अशांति और धांधली ना हो इसकी तैयारी की जा रही है। इस बीच अमेरिका की दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने दावा किया है कि चीन आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की मदद से भारत के लोकसभा चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश कर सकता है।

माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि भारत में आम चुनाव के दौरान चीन एआई टेक्नोलॉजी का मिसयूज कर के चुनाव पर असर डाल सकती है। कंपनी ने इस दौरान हैकिंग की कोशिश को लेकर भी चेतावनी दी है। टेक कंपनी की थ्रेट इंटेलीजेंस टीम का अनुमान है कि, चीन सरकार के साइबर ग्रुप इस साल होने वाले अहम चुनावों को निशाना बनाएंगे और इसमें उत्तर कोरिया की भी भूमिका हो सकती है। इस साल दुनिया भर में विशेष रूप से भारत, दक्षिण कोरिया और अमेरिका में होने वाले प्रमुख चुनावों के साथ हमारा आकलन है कि चीन एआई पर कंटेंट जनरेटे कर रहा है।

हैकर्स के लिए एआई प्रमुख हथियार बना

कंपनी का कहना है कि हैकर्स के लिए एआई एक प्रमुख हथियार बन गया है, जो आसानी से वीडियो मॉर्फ (छेड़छाड़ करना) कर सकता है। माइक्रोसॉफ्ट ने खुलासा किया है कि चीन चुनाव परिणामों को प्रभावित करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एआई की मदद से सामग्री बनाने और उसे वायरल करने की योजना बना रहा है। एआई की मदद से प्रसिद्ध हस्तियों की आवाज बदली जा सकती है और उन्हें बड़े पैमाने पर सार्वजनिक रूप से शेयर किया जा सकता है, जो इसे वायरल होने और लाखों लोगों तक पहुंचने में मदद करता है।

ताइवान के चुनाव में चीन ने किया था दुष्प्रचार

रिपोर्ट में जनवरी में ताइवान के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान एआई-की मदद से दुष्प्रचार अभियान में चीन के पिछले प्रयास की भी जानकारी दी गई है। माइक्रोसॉफ्ट ने बताया कि जनवरी 2024 में ताइवान के राष्ट्रपति चुनावों को अस्थिर करने के लिए एआई सामग्री का भी उपयोग किया गया था। यह विदेशी चुनाव को प्रभावित करने के लिए एआई की मदद से बनाए गए कंटेट का उपयोग करने वाली चीनी सरकार समर्थित साइबर एजेंसी का पहला कारनामा है। बीजिंग समर्थित एक समूह, जिसे स्टॉर्म 1376 या स्पामौफ्लैज के नाम से जाना जाता है, इस अवधि के दौरान विशेष रूप से सक्रिय था। वह यूट्यूब पर नकली सामग्री पोस्ट कर रहा था और विजेता उम्मीदवार के बारे में एआई-जनरेटेड मीम्स बना रहा था।

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Apr 06 2024, 10:18

भारत में लोकसभा चुनावों में AI के जरिए प्रभावित कर सकता है चीन, माइक्रोसॉफ्ट ने किया सतर्क

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भारत में लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। पहले चरण के लिए 19 अप्रैल को वोटिंग होनी है। इससे पहले सुरक्षा व्यवस्था को दुरूस्त किया जा रहा है। चुनाव में किसी तरह की अशांति और धांधली ना हो इसकी तैयारी की जा रही है। इस बीच अमेरिका की दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने दावा किया है कि चीन आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की मदद से भारत के लोकसभा चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश कर सकता है।

माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि भारत में आम चुनाव के दौरान चीन एआई टेक्नोलॉजी का मिसयूज कर के चुनाव पर असर डाल सकती है। कंपनी ने इस दौरान हैकिंग की कोशिश को लेकर भी चेतावनी दी है। टेक कंपनी की थ्रेट इंटेलीजेंस टीम का अनुमान है कि, चीन सरकार के साइबर ग्रुप इस साल होने वाले अहम चुनावों को निशाना बनाएंगे और इसमें उत्तर कोरिया की भी भूमिका हो सकती है। इस साल दुनिया भर में विशेष रूप से भारत, दक्षिण कोरिया और अमेरिका में होने वाले प्रमुख चुनावों के साथ हमारा आकलन है कि चीन एआई पर कंटेंट जनरेटे कर रहा है।

हैकर्स के लिए एआई प्रमुख हथियार बना

कंपनी का कहना है कि हैकर्स के लिए एआई एक प्रमुख हथियार बन गया है, जो आसानी से वीडियो मॉर्फ (छेड़छाड़ करना) कर सकता है। माइक्रोसॉफ्ट ने खुलासा किया है कि चीन चुनाव परिणामों को प्रभावित करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एआई की मदद से सामग्री बनाने और उसे वायरल करने की योजना बना रहा है। एआई की मदद से प्रसिद्ध हस्तियों की आवाज बदली जा सकती है और उन्हें बड़े पैमाने पर सार्वजनिक रूप से शेयर किया जा सकता है, जो इसे वायरल होने और लाखों लोगों तक पहुंचने में मदद करता है।

ताइवान के चुनाव में चीन ने किया था दुष्प्रचार

रिपोर्ट में जनवरी में ताइवान के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान एआई-की मदद से दुष्प्रचार अभियान में चीन के पिछले प्रयास की भी जानकारी दी गई है। माइक्रोसॉफ्ट ने बताया कि जनवरी 2024 में ताइवान के राष्ट्रपति चुनावों को अस्थिर करने के लिए एआई सामग्री का भी उपयोग किया गया था। यह विदेशी चुनाव को प्रभावित करने के लिए एआई की मदद से बनाए गए कंटेट का उपयोग करने वाली चीनी सरकार समर्थित साइबर एजेंसी का पहला कारनामा है। बीजिंग समर्थित एक समूह, जिसे स्टॉर्म 1376 या स्पामौफ्लैज के नाम से जाना जाता है, इस अवधि के दौरान विशेष रूप से सक्रिय था। वह यूट्यूब पर नकली सामग्री पोस्ट कर रहा था और विजेता उम्मीदवार के बारे में एआई-जनरेटेड मीम्स बना रहा था।