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राहुल गांधी के बचाव में उतरे ज्योतिर्लिंग मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, बोले- इन लोगों को दंड मिलना चाहिए...

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा अपने भाषण विवाद खड़ा करने के कुछ दिनों बाद, ज्योतिर्लिंग मठ के 46वें शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने रविवार को कांग्रेस नेता की टिप्पणियों का समर्थन किया है। दरअसल, संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि, जो लोग हिंसा करते हैं, वही पूरे समय हिंसा, हिंसा, नफरत, असत्य की बातें करते हैं। 

इसका जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि राहुल गांधी ने "पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक" कहा है, ये बहुत गंभीर बात है। अब विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि राहुल गांधी का भाषण हिंदू धर्म के खिलाफ नहीं था। उन्होंने कहा कि, हमने राहुल गांधी का पूरा भाषण सुना। वह साफ तौर पर कह रहे हैं कि हिंदू धर्म में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। शंकराचार्य ने कहा कि गांधीजी के बयान का केवल एक हिस्सा फैलाना सही नहीं है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाना चाहिए।

बता दें कि, राहुल की टिप्पणी से लोकसभा में हंगामा मच गया था, जिसके कारण स्पीकर ने उनके भाषण के कुछ हिस्सों को रिकॉर्ड से हटा दिया था। राहुल गांधी सत्र शुरू होने वाले दिन से ही संसद में NEET पर चर्चा की मांग कर उन्हें थे, उन्हें लोकसभा स्पीकर ने कहा भी था कि आपको मौका मिलेगा, पूरी डिटेल में बोलिएगा। पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव हो जाने दीजिए, उसी दौरान आप NEET पर भी बोल सकते हैं। हालाँकि, इसको लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया था और 2 दिनों तक धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो पाई थी / फिर जब राहुल गांधी के बोलने का अवसर आया, तो वे भगवान शिव, ईसा मसीह, श्री गुरु नानक और इस्लाम में दुआ में हाथ उठाती तस्वीर लेकर संसद में पहुँच गए। NEET पर तो उन्होंने कम बोला, लेकिन विवाद मचाने वाली सामग्री ज्यादा बोल दी। 

ऐसा नहीं है कि, केवल हिन्दू हिंसक वाले बयान पर ही कोई विवाद हुआ हो, उस पर तो हिन्दू धर्मगुरु शंकराचार्य ने राहुल गांधी को क्लीन चिट भी दे दी है। किन्तु इस्लाम और सिख धर्म में अभय मुद्रा बताने वाले बयान पर भी राहुल गांधी की निंदा हुई है। इस्लाम और सिख धर्म के धर्माचार्यों ने कहा है कि, राहुल को बिना ज्ञान के नहीं बोलना चाहिए, हमारे धर्म में कोई अभय मुद्रा नहीं है। ऑल इंडिया सूफी सज्जादा नशीन काउंसिल के चेयरमैन सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा है कि संसद में बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि इस्लाम में ऐसा कुछ नहीं है, यहाँ मूर्ति पूजा नहीं होती है और न ही किसी तरह की मुद्रा होती है। इस्लाम में मुद्रा हराम है। वहीं, शीर्ष सिख संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) ने भी कहा कि, पवित्र गुरबानी और गुरुओं की शिक्षाओं को पूर्ण ज्ञान के बिना राजनीतिक बहस का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए। गुरु साहिब ने ऐसी किसी मुद्रा या आसन को मान्यता नहीं दी है। 

इस्लाम और सिख धर्म के गुरुओं ने तो राहुल गांधी को फटकार लगा दी, लेकिन शंकराचार्य का कहना है कि, राहुल के बयान में हिन्दू विरोधी कुछ भी नहीं। ये वही शंकराचार्य हैं, जिन्होंने राम मंदिर के उद्घाटन पर भी सवाल उठाए थे। दरअसल, राहुल गांधी ने कहा था कि, ''जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, वे चौबीसों घंटे नफरत, हिंसा और असत्य में लिप्त रहते हैं।'' जिसके बाद राहुल गांधी ने फ़ौरन अपना बयान बदलते हुए कहा था कि, वे भाजपा-RSS कि बात कर रहे हैं, जो अपने आप को हिन्दू कहते हैं। हालाँकि, इससे पहले भी राहुल गांधी कई हिन्दू विरोधी बयान दे चुके हैं। जैसे एक बयान में उन्होंने कहा था कि, ''जो लोग मंदिर जाते हैं, वही बाहर आकर लड़की छेड़ते हैं।'' अब मंदिर केवल भाजपा या RSS के हिन्दू तो जाते नहीं। फिर एक बयान में उन्होंने कहा था कि, ''हमें इन हिन्दुत्ववादियों को एक बार फिर देश से बाहर निकालना है।'' अब कांग्रेस की साथी शिवसेना (उद्धव गुट) भी कहती है कि हमारा हिंदुत्व असली है, तो राहुल गांधी किन हिन्दुत्ववादियों की बात कर रहे थे ?

एक बार राहुल गांधी ने हिन्दू-हिंदुत्व को अलग अलग बता दिया था, एक बार ये भी कहा था कि, मैं किसी भी तरह के हिंदुत्व में यकीन नहीं करता। उनकी ही साथी पार्टी DMK के नेता सनातन के समूल नाश की बातें बार बार दोहरा रहे थे, कुछ कांग्रेस नेताओं ने भी उदयनिधि स्टालिन का समर्थन किया था, जिस पर राहुल मौन रहे थे। तो क्या सारे सनातन धर्म वाले भी भाजपा-RSS के लोग हैं ? आज राहुल गांधी ने इस्लाम और सिख समुदाय को लेकर एक भ्रामक बयान दिया, जिसके बाद उन्हें इन दोनों समुदायों से फटकार मिल गई, अब उम्मीद है कि वे इन दोनों समुदायों पर सोच समझकर बोलेंगे। हाँ, हिन्दुओं पर वे बोल सकते हैं, बार-बार लगातार, क्योंकि, भारत में हिन्दू नहीं रहते, यहाँ रहते हैं, यादव, जाट, दलित, ठाकुर, ब्राह्मण, कुर्मी, आदिवासी, बनिए और भी बहुत सारे लोग, लेकिन हिन्दू नहीं। और फिर बचे-कूचे अगर कुछ लोग विरोध करें भी, तो उन्हें समझाने के लिए शंकराचार्य तो हैं ही।

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Jul 05 2024, 18:37

नीट-यूजी को लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किया हलफनामा, बताई क्यों रद्द नहीं करना चाहती परीक्षा

#neet_ug_paper_leak_govt_filed_affidavit_in_supreme_court

नीट-यूजी विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने अपना हलफनामा दाखिल किया है। हलफनामा के जरिए सरकार ने बताया कि क्यों वह इस परीक्षा को रद्द नहीं करना चाहती है। सरकार ने कहा कि जब तक यह सबूत नहीं मिल जाता कि पूरे भारत में पेपर लीक हुआ है, तब तक पूरी परीक्षा को रद्द करना ठीक नहीं होगा, क्योंकि परिणाम घोषित किए जा चुके हैं. परीक्षा रद्द करना लाखों होनहार परीक्षार्थियों के साथ धोखाधड़ी होगी।

सरकार ने आगे हलफनामे में कहा कि सीबीआई मामले की जांच कर रही है, कई राज्यों में पेपर लीक की शिकायतें आई हैं। सीबीआई इन मामलों में अभी जांच कर रही है। साथ ही यह भी कहा गया कि पेपर लीक की सूचना मिलते ही कदम उठाए गए हैं। लेकिन परीक्षा रद्द करना उचित नहीं है। यह होनहार छात्रों के साथ धोखा होगा।

सरकार ने परीक्षा रद्द नहीं किए जाने पर जोर देते हुए सुप्रीम कोर्ट के 2021 के सचिन कुमार विरूद्ध डीएसएसबी में जारी फैसले का हवाला दिया। सरकार ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय की ओर से एक हाई लेवल कमेटी एनटीए को बेहतर बनाने और परीक्षाओं को सही तरीके से कराने के सुझाव देने के संबंध गठित की गई है। इस कमेटी का नेतृत्व पूर्व इसरो चेयरमैन डॉक्टर के राधाकृष्णन कर रहे हैं, जो दो माह में मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपेंगे। पेपर लीक करने के पीछे संगठित गिरोह और सरगना का पता लगाने के लिए जांच लगातार जारी है।

मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने जांच सीबीआई को सौंप दी है और सीबीआई मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच कर रही है। कई राज्यों में पेपर लीक की शिकायतें आईं है। सीबीआई ने पिछले महीने की 23 तारीख को IPC की धारा 420, 419, 409, 406, 201, 120B और पीसी एक्ट की धारा-13(2), 13(1) में FIR दर्ज की है। अपने हलफनामा में सरकार ने कहा है कि सीबीआई इस मामले की जांच में जुटी हुई है, पेपर लीक करने के पीछे संगठित गिरोह और सरगना का पता लगाने का काम भी जांच जारी है।

बता दें कि पिछली परीक्षा रद्द करने, दोबारा परीक्षा कराने और उच्चस्तरीय जांच की मांग संबंधी याचिकाओं पर आठ जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। सीबीआई ने इस मामले में छह प्राथमिकी दर्ज की है। बिहार में दर्ज प्राथमिकी पेपर लीक होने से संबंधित है, जबकि गुजरात और राजस्थान में दर्ज प्राथमिकी परीक्षार्थी के स्थान पर किसी दूसरे व्यक्ति के परीक्षा देने और धोखाधड़ी से संबंधित हैं।सीबीआई ने बीते 3 जुलाई को ही नीट यूजी पेपर लीक मामले में कथित सह-साजिशकर्ता अमन सिंह को झारखंड के धनबाद से गिरफ्तार किया है। सीबीआई को कथित तौर पर पेपर लीक में शामिल झारखंड में सक्रिय मॉड्यूल के बारे में खुफिया जानकारी मिली थी, जिसके बाद सिंह को गिरफ्तार किया गया

जानकारी दे दें कि नीट यूजी की परीक्षा 5 मई को आयोजित हुई थी। इस परीक्षा में पहली बार करीबन 25 लाख छात्र शामिल हुए थे। वहीं, 4 जून को इसका रिजल्ट जारी किया गया, रिजल्ट घोषित होते ही नीट यूजी पर सवाल उठने लगे। कारण था कि इस परीक्षा में एक साथ 67 छात्र टॉप कर गए। सभी छात्रों को 720 में से 720 नंबर मिले। इसके बाद यह मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर सरकार व एनटीए को नोटिस जारी किए थे साथ ही सुनवाई की तारीख 8 जुलाई तय की था।

Ayodhya

Jul 04 2024, 19:35

काग्रेस पार्टी ने जताया विरोध

अयोध्या।लोकसभा में सरकार की खामियों को उजागर करने के प्रतिक्रिया स्वरूप भाजपायों द्वारा प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी की फोटो को पुलिस एवं प्रशासन के संरक्षण में जलाने की घटना के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया।

जुलूस की शक्ल में जिलाधिकारी को ज्ञापन देने जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भारी पुलिस बल ने पार्टी कार्यालय पर ही रोक लिया।

कांग्रेस पार्टी के नेताओं से पार्टी कार्यालय कमला नेहरू भवन पर नायब तहसीलदार ने ज्ञापन लिया।

जिला अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा हमारे देश की संसद में विगत दिनों माननीय नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जी-सांसद द्वारा भाजपा के नकली हिन्दुत्व का पर्दाफाश किया एवं भ्रष्टाचार सहित NEET-UG 2024 के परीक्षाओं में अनियमितताओं और पेपर लीक का मामला उठाकर उनका झूठ चेहरा देश की जनता के सामने उजागर किया गया। अपने झूठ का खुलासा देखकर ये भाजपायी इतना तिलमिला गये कि इन्होंने हमारे नेता की फोटो को पुलिस एवं प्रशासन के संरक्षण में जलाने की नाकाम कोशिश की। इनके भय का आलम ये था कि इन लोगों ने वाराणसी जनपद में माननीय प्रदेश अध्यक्ष जी के पुस्तैनी घर जहां उनके परिवार के लोग रहते है के सामने पुलिस के संरक्षण में जाकर मा० राहुल जी की फोटो को जलाने की कोशिश की जोकि हमारे देश की लोकतांत्रिक परम्पराओं के खिलाफ है।

महानगर अध्यक्ष वेद सिंह कमल ने कहा पुलिस प्रशासन द्वारा सत्ता पक्ष के लोगों को अपने संरक्षण में रखकर विपक्ष के नेता की फोटो जलाने की यह घटना अत्यन्त निन्दनीय एवं स्वच्छ राजनीति के विपरीत है।

एआईसीसी सदस्य दयानंद शुक्ला तथा पीसीसी सदस्य राजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा विपक्ष की तरफ से राहुल गांधी जी ने अग्निवीर का मुद्दा उठाया तो भाजपा सरकार ने संसद में झूठ बोला। जिन परिवारों ने अपने बेटों को देश पर कुर्बान कर दिया, भाजपा झूठ बोलकर उनके बलिदान और शहादत का अपमान कर रही है। क्या यही है भाजपा का राष्ट्रवाद? प्रधानमंत्री को देश से झूठ बोलने और शहीदों का अपमान करने के लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए।

जिला प्रवक्ता सुनील कृष्ण गौतम ने कहा संसद में राहुल गांधी जी ने हिंदुओं को नहीं बल्कि भाजपाइयों को हिंसक कहा था जिसका गलत प्रचार भाजपा द्वारा पूरे देश में किया गया वहीं राहुल गांधी द्वारा सदन में उठाए जा रहे जनहित के मुद्दों पर भाजपा जवाब देने से कतराती है।

प्रदर्शन में प्रमुख रूप से महिला जिला अध्यक्ष रेनू राय, पीसीसी सदस्य उग्रसेन मिश्रा, राम अवध पासी, रामसागर रावत, मोहम्मद आरिफ, बसंत मिश्रा, जनार्दन मिश्रा, चंचल सोनकर ,फ्लावर नकवी, मनोज जायसवाल , मुगीश कुरेशी, रामनाथ शर्मा, प्रवीण श्रीवास्तव ,मूवीस कुरैशी, राजेंद्र प्रसाद रावत, उमेश उपाध्याय ,धर्मेंद्र सिंह फास्टर, भोला यादव ,द्वारिका पांडे, भीम शुक्ला आदि उपस्थित रहे।

Jharkhand

Jul 04 2024, 17:00

NEET परीक्षा पेपर लीक मामले में धनबाद में सी बी आई ने तीन युवक को लिए हिरासत में, पूछ ताछ के लिए ले गया पटना

झारखंड डेस्क
धनबाद : NEET परीक्षा पेपर लीक मामले में धनबाद में सी बी आई  ने की बड़ी कार्रवाई, सीबीआई ने धनबाद से तीन युवकों को हिरासत में लिया हैं.

धनबाद: NEET-UG पेपर लीक मामले में  सीबीआई ने सरायढेला थाना क्षेत्र से  एक युवक को गिरफ़्तार किया हैं । वह कार्मिक नगर स्थित बिंदु अपार्टमेंट निवासी हैं,पूछताछ के लिए हिरासत में लिया हैं. दुसरा युवक बैंक मोड़ थाना क्षेत्र से गिरफतार किया गया। वह एक बहुत चर्चित व्यवसायी का बेटा है जिनका धनबाद में कई जगह इलेक्ट्रॉनिक्स के दुकान मौजूद हैं.

तीसरे की पहचान अब तक नही हो पाई। तीनों की गिरफ्तारी के बाद पटना ले जाया गया।

India

Jul 04 2024, 14:01

इंटरनेट पर वायरल हुआ NEET पीजी एग्जाम डेट का Fake नोटिस, बोर्ड ने बताया कैसे करें असली की पहचान

NEET UG पेपर लीक विवाद के चलते पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम मतलब नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET PG) 2024 भी रद्द कर दिया गया था. नीट पीजी 23 जून को होना था, किन्तु परीक्षा ठीक पहले इसे रद्द कर दिया गया था. मेडिकल के विद्यार्थियों को नीट पीजी की नई दिनांक की बेसब्री से प्रतीक्षा है. सोशल मीडिया पर इस बीच एक फेक सर्कुलर वायरल हो रहा है, जिसमें बताया गया है कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा - स्नातकोत्तर (NEET PG) परीक्षा 25 अगस्त को आयोजित की जाएगी.

नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज (NBEMS) ने एक नोटिस जारी कर विद्यार्थियों को सतर्क किया है. कथित तौर पर NBEMS द्वारा जारी किए गए वायरल सर्कुलर में बताया गया है कि नीट पीजी 25 अगस्त को आयोजित की जाएगी, एडमिट कार्ड 20 अगस्त को जारी किए जाएंगे तथा नतीजे 1 सितंबर को घोषित किए जाएंगे. हालांकि NBE ने अभी तक कोई नई परीक्षा दिनांक जारी नहीं की है. फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) समेत कई मेडिकल एसोसिएशन ने वायरल अधिसूचना को फेक बताया है.

ऐसे करें NBE द्वारा जारी असली नोटिस की पहचान

NBE द्वारा जारी एक आधिकारिक नोटिस में विद्यार्थियों को सतर्क करते हुए बताया गया है कि सोशल मीडिया पर चल रहा नीट पीजी की नई दिनांक का नोटिस फेक है. NBE ने लिखा, 'NBEMS के संज्ञान में आया है कि कुछ बेईमान एजेंट/दलाल अभ्यर्थियों को फंसाने के लिए फर्जी दावे कर रहे हैं और NBEMS के नाम का उपयोग करके जाली सूचनाएं, ईमेल, एसएमएस या सोशल मीडिया पर कंटेंट बना रहे हैं. साथ ही, सोशल मीडिया पर NEET-PG 2024 की परीक्षा तिथि में परिवर्तन से संबंधित कुछ फर्जी सूचनाएं भी साझा कर रहे हैं. जुलाई 2020 से जारी NBEMS के सभी नोटिसों में एक QR कोड होता है. QR कोड को स्कैन करने पर यूजर्स को NBEMS की वेबसाइट पर उसी सूचना पर भेज दिया जाएगा.'

किसी भी जानकारी की पुष्टि के लिए इन वेबसाइट्स को देखें

NBEMS की ऑफिशियल वेबसाइटें https://natboard.edu.in एवं https://nbe.edu.in हैं. NBEMS का 'X' सहित किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कोई ऑफिशियल हैंडल/चैनल नहीं है. अभ्यर्थियों को सलाह दी जाती है कि वे NBEMS द्वारा आयोजित परीक्षाओं के बारे में किसी भी जानकारी के लिए सिर्फ इन वेबसाइट लिंक्स के जरिए ही देखें.

JyotiShukla

Jul 03 2024, 14:11

क्या होता है सदन में धन्यवाद प्रस्ताव (Motion of Thanks) का मतलब, इसका पास होना सरकार के लिए क्यों है जरूरी?

डेस्क: 18वीं लोकसभा के गठन के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार में संसद का पहला सत्र चल रहा है। राष्ट्रपति का अभिभाषण के बाद, धन्यवाद प्रस्ताव (Motion of Thanks) पर चर्चा हुई। इसमें NEET पेपर लीक और अग्निवीर योजना जैसे मुद्दों को विपक्ष जोरदार तरीके से उठाया। भाजपा की दिवंगत नेता सुषमा स्वराज की बेटी और पहली बार लोकसभा सदस्य बनीं बांसुरी स्वराज प्रस्ताव का अनुमोदन किया। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार 3 जुलाई को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देंगे। मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में 2 घंटे 15 मिनट की स्पीच दी थी। इसमें उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मुंह झूठ का खून लग गया है। प्रधानमंत्री के भाषण के बाद लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। आइए जानते हैं क्या होता है धन्यवाद प्रस्ताव और इसका पास होना सरकारी के जरूरी क्यों है?

क्या होता है धन्यवाद प्रस्ताव

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 86 (1) के अनुसार, राष्ट्रपति संसद के किसी एक सदन या फिर दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित कर सकते हैं। Article 87 के अनुसार, हर लोकसभा चुनाव के बाद संसद के पहले सत्र की शुरुआत और हर साल संसद के सत्र शुरू होने से पहले राष्ट्रपति दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करेंगे और सत्र बुलाने के कारणों के बारे में सूचित करेंगे। इस संबोधन को ‘विशेष संबोधन’ भी कहा जाता है।

राष्ट्रपति के अभिभाषण में क्या-क्या होता है शामिल?

– राष्ट्रपति के अभिभाषण में पिछले वर्ष के कार्यकाल के दौरान सरकार की सभी गतिविधियों और उपलब्धियों की समीक्षा शामिल होती है।
– राष्ट्रपति का अभिभाषण ‘ब्रिटेन राजशाही/राज-सिंहासन के भाषण’ (Speech From The Throne in Britain) से मेल खाता है, पर संसद के दोनों सदनों में ‘धन्यवाद प्रस्ताव’ (Motion of Thanks) पर चर्चा की जाती है।

– राष्ट्रपति का अभिभाषण सरकार की नीति का विवरण होता है और प्रायः इस अभिभाषण का प्रारूप सरकार की ओर से ही तैयार किया जाता है।
– इसके अलावा उन महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों से संबंधित नीतियों, परियोजनाओं और कार्यक्रमों को संसद के सामने रखा जाता है, जिन्हें सरकार आगे बढ़ाना चाहती है।


संसदीय प्रक्रिया है धन्यवाद प्रस्ताव

-राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद इस पर धन्यवाद प्रस्ताव लाया जाता है। यह एक संसदीय प्रक्रिया है।इसमें संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर आभार जताने या प्रशंसा व्यक्त करने के लिए औपचारिक रूप से एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाता है।
-अभिभाषण पर संसद के दोनों सदनों में इसी धन्यवाद प्रस्ताव के जरिए चर्चा की जाती है। विपक्ष के नेता और सभी पार्टियों के प्रमुख धन्यवाद प्रस्ताव पर अपनी-अपनी राय रखते हैं।

निपटाए जाते हैं धन्यवाद प्रस्ताव पर आए संशोधन

धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के समाप्त होने पर इस पर आए संशोधन निपटाए जाते हैं। संशोधन अभिभाषण में शामिल मामलों के साथ उन मामलों को भी शामिल किया जा सकता है, जिनका सदस्यों की राय में अभिभाषण में उल्लेख नहीं किया गया लेकिन उनका उल्लेख करना जरूरी था। अभिभाषण में किसी भी संशोधन को सदन के सामने रखा जाता है और उसे स्वीकार कर लिया जाता है तब धन्यवाद प्रस्ताव को संशोधित रूप में स्वीकार किया जाता है।

धन्यवाद प्रस्ताव चर्चा का जवाब कौन देता है ?

आमतौर पर प्रधानमंत्री या उनकी उपस्थिति या किसी अन्य वजह से अन्य किसी मंत्री की ओर से धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दिया जाता है। इस दौरान सभी नेताओं के इस जवाब पर संतुष्टि जताने के बाद इस पर चर्चा समाप्त हो जाती है।

सरकार के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पास होना क्यों है जरूरी?

सरकार के लिए इसका पास होना जरूरी होता है, क्योंकि ऐसा न होने पर सरकार की हार मानी जाती है और सरकार अविश्वास में आ सकती है। लास्ट में धन्यवाद प्रस्ताव को मतदान के लिए रखा जाता है। हालांकि, धन्यवाद प्रस्ताव में कोई भी सदस्य सीधे केंद्र सरकार से न जुड़े मुद्दों और राष्ट्रपति के नाम का उल्लेख नहीं कर सकता है। सरकार से लोकसभा में विश्वास मत हासिल करने के लिए कहा जा सकता है। यह धन्यवाद प्रस्ताव सदन में पास होना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर यानी धन्यवाद प्रस्ताव पास नहीं होने पर सदन में सरकार की हार मानी जाती है. ऐसा होने पर लोकसभा में सरकार अविश्वास में आ सकती है और उसे लोकसभा में विश्वास मत हासिल करने के लिए कहा जा सकता है।

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Jul 02 2024, 18:25

राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, नीट पर बुधवार को संसद में चर्चा की मांग
#rahul_gandhi_lok_sabha_lop_writes_to_pm_modi_over_neet_paper_leak_debate
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।  राहुल गांधी ने मंगलवार को लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से पहले पीएम मोदी को पत्र लिखकर नीट पर बहस करने की मांग की है।राहुल गांधी ने अपने पत्र में लिखा है कि मेरा मानना है कि छात्रों के हित में नीट मुद्दे पर बहस का नेतृत्व करना उचित होगा।

राहुल गांधी ने पीएम मोदी को पत्र में लिखा है- “आशा है कि यह पत्र मिलने तक आप सकुशल होंगे। मैं NEET पर संसद में बहस का अनुरोध करने के लिए लिख रहा हूं। जैसा कि आप जानते हैं, 28 जून को संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे पर बहस के विपक्ष के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया था। विपक्ष ने इस मुद्दे पर दोबारा चर्चा कराने का अनुरोध किया था। माननीय लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्ष को आश्वासन दिया था कि वह इस मुद्दे पर सरकार से चर्चा करेंगे।”

राहुल गांधी ने पत्र में आगे लिखा- हमारी एकमात्र चिंता पूरे भारत में लगभग 24 लाख नीट उम्मीदवारों का कल्याण है। लाखों परिवारों ने अपने बच्चों का भरण-पोषण करने के लिए व्यक्तिगत बलिदान दिया। कई लोगों के लिए, नीट का पेपर लीक जीवन भर के सपने के साथ विश्वासघात है। आज ये छात्र और उनके परिजन हमसे, अपने जन प्रतिनिधियों से इस मुद्दे के समाधान के लिए साहसिक और निर्णायक कदम उठाने की उम्मीद कर रहे हैं। नीट परीक्षा तत्काल ध्यान देने योग्य है क्योंकि इसने हमारी उच्च शिक्षा प्रणाली में गहरी साजिश को उजागर किया है।पिछले सात वर्षों में 70 से अधिक पेपर लीक हुए हैं, जिससे 2 करोड़ से अधिक छात्र प्रभावित हुए हैं।

विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अपने एक्स पोस्ट में चिट्ठी शेयर करते हुए कहा, मैं कल (बुधवार को) संसद में नीट पर बहस का अनुरोध करने के लिए लिख रहा हूं।मेरा मानना है कि यह उचित होगा कि आप इस बहस का नेतृत्व करें।

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Jul 02 2024, 14:14

NEET पर प्रधानमंत्री मोदी पर चुप्पी बरतने का आरोप लगाते हुए भड़कीं सोनिया गांधी, कहा, ध्यान ना भटकाएं

चुनाव के बाद संसद के पहले सत्र में डिप्टी स्पीकर के पद और NEET मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक जारी है। इस बीच कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर इन मुद्दों को लेकर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आम सहमति के मूल्य का उपदेश देते हैं, जबकि वे टकराव को बढ़ावा देते हैं। द हिंदू में एक संपादकीय में सोनिया गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अभी तक लोकसभा चुनाव के नतीजों को स्वीकार नहीं कर पाए हैं, जिसमें एनडीए मुश्किल से सरकार बना पाई है। सोनिया गांधी ने कहा, "प्रधानमंत्री ऐसे काम कर रहे हैं, जैसे कुछ बदला ही न हो। वे आम सहमति के मूल्य का उपदेश देते हैं, लेकिन टकराव को महत्व देते हैं।"

एक बार फिर कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष बनाईं गई सोनिया गांधी ने कहा कि परंपरा के अनुसार लोकसभा में उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा, "यह पूरी तरह से उचित अनुरोध था लेकिन सरकार ने इस मांग को खारिज कर दिया है। 17वीं लोकसभा में भी उपाध्यक्ष के संवैधानिक पद को नहीं भरा गया था।" एनडीए सरकार के पहले कार्यकाल में एआईएडीएमके के एम थम्बी दुरई, जो उस समय भाजपा की सहयोगी थी, उपाध्यक्ष थे, लेकिन 2019-24 के बीच यह पद खाली था। भाजपा द्वारा आपातकाल का मुद्दा उठाकर कांग्रेस पर हमला करने का जवाब देते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि संविधान पर हमले से ध्यान हटाने के लिए प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे को उठाया है। गांधी ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि स्पीकर ने भी इस मुद्दे को उठाया जबकी उनसे निष्पक्षता की उम्मीद रखी जाती है। 

नीट पेपर लीक पर नीट पेपर लीक मामले पर चुप रहने के लिए प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि इस घोटाले ने हमारे लाखों युवाओं के जीवन को अस्त व्यस्त का दिया है। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री जो अपनी 'परीक्षा पे चर्चा' करते हैं, वे लीक पर पूरी तरह से चुप हैं, जिसने देश भर में इतने सारे परिवारों को तबाह कर दिया है।"

पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने मई 2023 में राज्य में संघर्ष शुरू होने के बाद से संघर्षग्रस्त मणिपुर का दौरा न करने के लिए प्रधानमंत्री पर भी हमला किया। कुकी और मैतेई समुदायों के बीच संघर्ष के कारण सैकड़ों लोग मारे गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। सोनिया गांधी ने लिखा, "इस सबसे संवेदनशील राज्य में सामाजिक सद्भाव बिखर गया है। फिर भी, प्रधानमंत्री को न तो राज्य का दौरा करने और न ही यहां के नेताओं से मिलने का समय मिला है और न ही इच्छा।"

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Jul 01 2024, 10:20

नीट-यूजी के री-एग्जाम का रिजल्ट जारी, 813 ने दिया था दोबारा पेपर

#neet_ug_retest_result_released

नीट यूजी री-एग्जाम का रिजल्ट जारी हो गया है। पेपर लीक को लेकर हुए हंगामे के बाद 23 जून को हुए नीट-यूजी का री-एग्जाम कराया गया था। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने आज नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट, अंडरग्रेजुएट (NEET UG) 2024 रीटेस्ट का रिजल्ट घोषित कर दिया है। बता दें कि पेपर लीक और अनियमितताओं के कारण नीट-यूजी 2024 जांच के दायरे में है।

बता दें इस परीक्षा को 1563 अभ्यर्थियों के लिए 23 जून को आयोजित किया गया था। इस परीक्षा में केवल 813 कैंडिडेट्स ने ही भाग लिया था। जिनका परिणाम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने आज जारी कर दिया है। छात्रों को एनटीए नीट स्कोर कार्ड 2024 डाउनलोड करने के लिए अपने लॉगिन क्रेडेंशियल जैसे आवेदन संख्या और जन्म तिथि की आवश्यकता होगी।

छात्रों को ‘समय की हानि’ के कारण नीट-यूजी परीक्षा में ग्रेस मार्क्स दिए गए थे, जिस पर सवाल खड़े हो गए और बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां उसने ग्रेस मार्क्स के मामले को रद्द करते हुए इन छात्रों की दोबारा परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया था

बता दें कि इस वर्ष नीट यूजी परीक्षा का आयोजन 5 मई को समूचे देश में किया गया था। करीब 24 लाख कैंडिडेट्स इस परीक्षा में शामिल हुए थे। करीब 7 केंद्रों पर टाइम लॉस होने की वजह से 1563 बच्चों को ग्रेस मार्क्स दिए गए, जिससे बाद में कई समस्याएं खड़ी हो गईं और एक ही सेंटर के बहुत सारे टॉपर्स के अलावा कई स्टूडेंट्स ने टॉप किया। विवाद बढ़ने और अदालत तक पहुंचने पर यह तय किया गया कि इन 1563 बच्चों के लिए फिर से एग्जाम कराया जाएगा।

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Jun 29 2024, 19:52

कोर्ट ने NEET मामले में गिरफ्तार गोधरा के 4 आरोपियों को CBI कस्टडी में भेजा, खुलेंगे कई बड़े राज!

डेस्क: गुजरात के गोधरा में 5 मई को NEET-UG परीक्षा में अनियमितताओं में कथित रूप से शामिल रहने के मामले में कोर्ट ने शनिवार को आरोपियों को 4 दिनों की CBI हिरासत में भेज दिया। बता दें कि सीबीआई ने पंचमहल जिले के गोधरा में हुई अनियमितताओं में कथित रूप से शामिल रहने के मामले में गुजरात पुलिस द्वारा गिरफ्तार 5 लोगों में से 4 लोगों की रिमांड की अपील की थी जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। माना जा रहा है कि आरोपियों तुषार भट्ट, विभोर आनंद, आरिफ वोरा और पुरूषोत्तम शर्मा से पूछताछ में बड़े खुलासे हो सकते हैं।

CBI ने मांगी थी 5 में से 4 आरोपियों की रिमांड

इससे पहले CBI के वकील ध्रुव मलिक ने जिला अदालत को सूचित किया था कि गुजरात पुलिस ने पहले जांच की है, लेकिन एजेंसी को इन आरोपियों को हिरासत में लेने की जरूरत है क्योंकि वह नये सिरे से जांच कर रही है। गुजरात पुलिस ने 8 मई और उसके बाद वाले सप्ताह में जिन 5 लोगों को गिरफ्तार किया था, उनमें से स्कूल शिक्षक तुषार भट्ट, जय जालाराम स्कूल के प्राचार्य पुरुषोत्तम शर्मा तथा बिचौलियों विभोर आनंद और आरिफ वोहरा की रिमांड की CBI मांग कर रही थी। CBI ने शिक्षा सलाहकार परशुराम रॉय की रिमांड की मांग नहीं की। सभी पांचों लोग गोधरा उपजेल में बंद थे।

जज ने रिमांड आवेदन पर जताई थी आशंका

बता दें कि पंचमहल के प्रधान जिला न्यायाधीश सीके चौहान ने CBI की रिमांड आवेदन पर आशंका व्यक्त करते हुए कहा था कि पुलिस या जांच एजेंसियां गिरफ्तारी के बाद शुरुआती 15 दिनों से अधिक किसी आरोपी की हिरासत की मांग नहीं कर सकतीं। उन्होंने CBI बनाम अनुपम कुलकर्णी मामले में सुप्रीम कोर्ट के 1992 के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि गिरफ्तारी के 15 दिन बीत जाने के बाद नई रिमांड तभी दी जा सकती है, जब आरोपी उस अवधि के दौरान अस्पताल में भर्ती था या उसने शुरुआती रिमांड के दौरान सहयोग नहीं किया।

CBI के वकील ने दी थी जोरदार दलील

हालांकि CBI के वकील मलिक ने दलील दी थी कि यदि जज को उचित लगे तो गिरफ्तारी के पहले 15 दिन से अधिक रिमांड दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 167 के तहत दी जा सकती है। मलिक ने अदालत को सूचित किया था कि सीबीआई गुजरात, राजस्थान, बिहार, दिल्ली तथा झारखंड में बड़ी साजिश की जांच कर रही है। माना जा रहा है कि अब रिमांड मिलने के बाद सीबीआई की पूछताछ में इस मामले की कई परतें खुल सकती हैं।

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3 hours ago

राहुल गांधी के बचाव में उतरे ज्योतिर्लिंग मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, बोले- इन लोगों को दंड मिलना चाहिए...

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा अपने भाषण विवाद खड़ा करने के कुछ दिनों बाद, ज्योतिर्लिंग मठ के 46वें शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने रविवार को कांग्रेस नेता की टिप्पणियों का समर्थन किया है। दरअसल, संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि, जो लोग हिंसा करते हैं, वही पूरे समय हिंसा, हिंसा, नफरत, असत्य की बातें करते हैं। 

इसका जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि राहुल गांधी ने "पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक" कहा है, ये बहुत गंभीर बात है। अब विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि राहुल गांधी का भाषण हिंदू धर्म के खिलाफ नहीं था। उन्होंने कहा कि, हमने राहुल गांधी का पूरा भाषण सुना। वह साफ तौर पर कह रहे हैं कि हिंदू धर्म में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। शंकराचार्य ने कहा कि गांधीजी के बयान का केवल एक हिस्सा फैलाना सही नहीं है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाना चाहिए।

बता दें कि, राहुल की टिप्पणी से लोकसभा में हंगामा मच गया था, जिसके कारण स्पीकर ने उनके भाषण के कुछ हिस्सों को रिकॉर्ड से हटा दिया था। राहुल गांधी सत्र शुरू होने वाले दिन से ही संसद में NEET पर चर्चा की मांग कर उन्हें थे, उन्हें लोकसभा स्पीकर ने कहा भी था कि आपको मौका मिलेगा, पूरी डिटेल में बोलिएगा। पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव हो जाने दीजिए, उसी दौरान आप NEET पर भी बोल सकते हैं। हालाँकि, इसको लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया था और 2 दिनों तक धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो पाई थी / फिर जब राहुल गांधी के बोलने का अवसर आया, तो वे भगवान शिव, ईसा मसीह, श्री गुरु नानक और इस्लाम में दुआ में हाथ उठाती तस्वीर लेकर संसद में पहुँच गए। NEET पर तो उन्होंने कम बोला, लेकिन विवाद मचाने वाली सामग्री ज्यादा बोल दी। 

ऐसा नहीं है कि, केवल हिन्दू हिंसक वाले बयान पर ही कोई विवाद हुआ हो, उस पर तो हिन्दू धर्मगुरु शंकराचार्य ने राहुल गांधी को क्लीन चिट भी दे दी है। किन्तु इस्लाम और सिख धर्म में अभय मुद्रा बताने वाले बयान पर भी राहुल गांधी की निंदा हुई है। इस्लाम और सिख धर्म के धर्माचार्यों ने कहा है कि, राहुल को बिना ज्ञान के नहीं बोलना चाहिए, हमारे धर्म में कोई अभय मुद्रा नहीं है। ऑल इंडिया सूफी सज्जादा नशीन काउंसिल के चेयरमैन सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा है कि संसद में बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि इस्लाम में ऐसा कुछ नहीं है, यहाँ मूर्ति पूजा नहीं होती है और न ही किसी तरह की मुद्रा होती है। इस्लाम में मुद्रा हराम है। वहीं, शीर्ष सिख संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) ने भी कहा कि, पवित्र गुरबानी और गुरुओं की शिक्षाओं को पूर्ण ज्ञान के बिना राजनीतिक बहस का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए। गुरु साहिब ने ऐसी किसी मुद्रा या आसन को मान्यता नहीं दी है। 

इस्लाम और सिख धर्म के गुरुओं ने तो राहुल गांधी को फटकार लगा दी, लेकिन शंकराचार्य का कहना है कि, राहुल के बयान में हिन्दू विरोधी कुछ भी नहीं। ये वही शंकराचार्य हैं, जिन्होंने राम मंदिर के उद्घाटन पर भी सवाल उठाए थे। दरअसल, राहुल गांधी ने कहा था कि, ''जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, वे चौबीसों घंटे नफरत, हिंसा और असत्य में लिप्त रहते हैं।'' जिसके बाद राहुल गांधी ने फ़ौरन अपना बयान बदलते हुए कहा था कि, वे भाजपा-RSS कि बात कर रहे हैं, जो अपने आप को हिन्दू कहते हैं। हालाँकि, इससे पहले भी राहुल गांधी कई हिन्दू विरोधी बयान दे चुके हैं। जैसे एक बयान में उन्होंने कहा था कि, ''जो लोग मंदिर जाते हैं, वही बाहर आकर लड़की छेड़ते हैं।'' अब मंदिर केवल भाजपा या RSS के हिन्दू तो जाते नहीं। फिर एक बयान में उन्होंने कहा था कि, ''हमें इन हिन्दुत्ववादियों को एक बार फिर देश से बाहर निकालना है।'' अब कांग्रेस की साथी शिवसेना (उद्धव गुट) भी कहती है कि हमारा हिंदुत्व असली है, तो राहुल गांधी किन हिन्दुत्ववादियों की बात कर रहे थे ?

एक बार राहुल गांधी ने हिन्दू-हिंदुत्व को अलग अलग बता दिया था, एक बार ये भी कहा था कि, मैं किसी भी तरह के हिंदुत्व में यकीन नहीं करता। उनकी ही साथी पार्टी DMK के नेता सनातन के समूल नाश की बातें बार बार दोहरा रहे थे, कुछ कांग्रेस नेताओं ने भी उदयनिधि स्टालिन का समर्थन किया था, जिस पर राहुल मौन रहे थे। तो क्या सारे सनातन धर्म वाले भी भाजपा-RSS के लोग हैं ? आज राहुल गांधी ने इस्लाम और सिख समुदाय को लेकर एक भ्रामक बयान दिया, जिसके बाद उन्हें इन दोनों समुदायों से फटकार मिल गई, अब उम्मीद है कि वे इन दोनों समुदायों पर सोच समझकर बोलेंगे। हाँ, हिन्दुओं पर वे बोल सकते हैं, बार-बार लगातार, क्योंकि, भारत में हिन्दू नहीं रहते, यहाँ रहते हैं, यादव, जाट, दलित, ठाकुर, ब्राह्मण, कुर्मी, आदिवासी, बनिए और भी बहुत सारे लोग, लेकिन हिन्दू नहीं। और फिर बचे-कूचे अगर कुछ लोग विरोध करें भी, तो उन्हें समझाने के लिए शंकराचार्य तो हैं ही।

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Jul 05 2024, 18:37

नीट-यूजी को लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किया हलफनामा, बताई क्यों रद्द नहीं करना चाहती परीक्षा

#neet_ug_paper_leak_govt_filed_affidavit_in_supreme_court

नीट-यूजी विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने अपना हलफनामा दाखिल किया है। हलफनामा के जरिए सरकार ने बताया कि क्यों वह इस परीक्षा को रद्द नहीं करना चाहती है। सरकार ने कहा कि जब तक यह सबूत नहीं मिल जाता कि पूरे भारत में पेपर लीक हुआ है, तब तक पूरी परीक्षा को रद्द करना ठीक नहीं होगा, क्योंकि परिणाम घोषित किए जा चुके हैं. परीक्षा रद्द करना लाखों होनहार परीक्षार्थियों के साथ धोखाधड़ी होगी।

सरकार ने आगे हलफनामे में कहा कि सीबीआई मामले की जांच कर रही है, कई राज्यों में पेपर लीक की शिकायतें आई हैं। सीबीआई इन मामलों में अभी जांच कर रही है। साथ ही यह भी कहा गया कि पेपर लीक की सूचना मिलते ही कदम उठाए गए हैं। लेकिन परीक्षा रद्द करना उचित नहीं है। यह होनहार छात्रों के साथ धोखा होगा।

सरकार ने परीक्षा रद्द नहीं किए जाने पर जोर देते हुए सुप्रीम कोर्ट के 2021 के सचिन कुमार विरूद्ध डीएसएसबी में जारी फैसले का हवाला दिया। सरकार ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय की ओर से एक हाई लेवल कमेटी एनटीए को बेहतर बनाने और परीक्षाओं को सही तरीके से कराने के सुझाव देने के संबंध गठित की गई है। इस कमेटी का नेतृत्व पूर्व इसरो चेयरमैन डॉक्टर के राधाकृष्णन कर रहे हैं, जो दो माह में मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपेंगे। पेपर लीक करने के पीछे संगठित गिरोह और सरगना का पता लगाने के लिए जांच लगातार जारी है।

मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने जांच सीबीआई को सौंप दी है और सीबीआई मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच कर रही है। कई राज्यों में पेपर लीक की शिकायतें आईं है। सीबीआई ने पिछले महीने की 23 तारीख को IPC की धारा 420, 419, 409, 406, 201, 120B और पीसी एक्ट की धारा-13(2), 13(1) में FIR दर्ज की है। अपने हलफनामा में सरकार ने कहा है कि सीबीआई इस मामले की जांच में जुटी हुई है, पेपर लीक करने के पीछे संगठित गिरोह और सरगना का पता लगाने का काम भी जांच जारी है।

बता दें कि पिछली परीक्षा रद्द करने, दोबारा परीक्षा कराने और उच्चस्तरीय जांच की मांग संबंधी याचिकाओं पर आठ जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। सीबीआई ने इस मामले में छह प्राथमिकी दर्ज की है। बिहार में दर्ज प्राथमिकी पेपर लीक होने से संबंधित है, जबकि गुजरात और राजस्थान में दर्ज प्राथमिकी परीक्षार्थी के स्थान पर किसी दूसरे व्यक्ति के परीक्षा देने और धोखाधड़ी से संबंधित हैं।सीबीआई ने बीते 3 जुलाई को ही नीट यूजी पेपर लीक मामले में कथित सह-साजिशकर्ता अमन सिंह को झारखंड के धनबाद से गिरफ्तार किया है। सीबीआई को कथित तौर पर पेपर लीक में शामिल झारखंड में सक्रिय मॉड्यूल के बारे में खुफिया जानकारी मिली थी, जिसके बाद सिंह को गिरफ्तार किया गया

जानकारी दे दें कि नीट यूजी की परीक्षा 5 मई को आयोजित हुई थी। इस परीक्षा में पहली बार करीबन 25 लाख छात्र शामिल हुए थे। वहीं, 4 जून को इसका रिजल्ट जारी किया गया, रिजल्ट घोषित होते ही नीट यूजी पर सवाल उठने लगे। कारण था कि इस परीक्षा में एक साथ 67 छात्र टॉप कर गए। सभी छात्रों को 720 में से 720 नंबर मिले। इसके बाद यह मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर सरकार व एनटीए को नोटिस जारी किए थे साथ ही सुनवाई की तारीख 8 जुलाई तय की था।

Ayodhya

Jul 04 2024, 19:35

काग्रेस पार्टी ने जताया विरोध

अयोध्या।लोकसभा में सरकार की खामियों को उजागर करने के प्रतिक्रिया स्वरूप भाजपायों द्वारा प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी की फोटो को पुलिस एवं प्रशासन के संरक्षण में जलाने की घटना के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया।

जुलूस की शक्ल में जिलाधिकारी को ज्ञापन देने जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भारी पुलिस बल ने पार्टी कार्यालय पर ही रोक लिया।

कांग्रेस पार्टी के नेताओं से पार्टी कार्यालय कमला नेहरू भवन पर नायब तहसीलदार ने ज्ञापन लिया।

जिला अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा हमारे देश की संसद में विगत दिनों माननीय नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जी-सांसद द्वारा भाजपा के नकली हिन्दुत्व का पर्दाफाश किया एवं भ्रष्टाचार सहित NEET-UG 2024 के परीक्षाओं में अनियमितताओं और पेपर लीक का मामला उठाकर उनका झूठ चेहरा देश की जनता के सामने उजागर किया गया। अपने झूठ का खुलासा देखकर ये भाजपायी इतना तिलमिला गये कि इन्होंने हमारे नेता की फोटो को पुलिस एवं प्रशासन के संरक्षण में जलाने की नाकाम कोशिश की। इनके भय का आलम ये था कि इन लोगों ने वाराणसी जनपद में माननीय प्रदेश अध्यक्ष जी के पुस्तैनी घर जहां उनके परिवार के लोग रहते है के सामने पुलिस के संरक्षण में जाकर मा० राहुल जी की फोटो को जलाने की कोशिश की जोकि हमारे देश की लोकतांत्रिक परम्पराओं के खिलाफ है।

महानगर अध्यक्ष वेद सिंह कमल ने कहा पुलिस प्रशासन द्वारा सत्ता पक्ष के लोगों को अपने संरक्षण में रखकर विपक्ष के नेता की फोटो जलाने की यह घटना अत्यन्त निन्दनीय एवं स्वच्छ राजनीति के विपरीत है।

एआईसीसी सदस्य दयानंद शुक्ला तथा पीसीसी सदस्य राजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा विपक्ष की तरफ से राहुल गांधी जी ने अग्निवीर का मुद्दा उठाया तो भाजपा सरकार ने संसद में झूठ बोला। जिन परिवारों ने अपने बेटों को देश पर कुर्बान कर दिया, भाजपा झूठ बोलकर उनके बलिदान और शहादत का अपमान कर रही है। क्या यही है भाजपा का राष्ट्रवाद? प्रधानमंत्री को देश से झूठ बोलने और शहीदों का अपमान करने के लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए।

जिला प्रवक्ता सुनील कृष्ण गौतम ने कहा संसद में राहुल गांधी जी ने हिंदुओं को नहीं बल्कि भाजपाइयों को हिंसक कहा था जिसका गलत प्रचार भाजपा द्वारा पूरे देश में किया गया वहीं राहुल गांधी द्वारा सदन में उठाए जा रहे जनहित के मुद्दों पर भाजपा जवाब देने से कतराती है।

प्रदर्शन में प्रमुख रूप से महिला जिला अध्यक्ष रेनू राय, पीसीसी सदस्य उग्रसेन मिश्रा, राम अवध पासी, रामसागर रावत, मोहम्मद आरिफ, बसंत मिश्रा, जनार्दन मिश्रा, चंचल सोनकर ,फ्लावर नकवी, मनोज जायसवाल , मुगीश कुरेशी, रामनाथ शर्मा, प्रवीण श्रीवास्तव ,मूवीस कुरैशी, राजेंद्र प्रसाद रावत, उमेश उपाध्याय ,धर्मेंद्र सिंह फास्टर, भोला यादव ,द्वारिका पांडे, भीम शुक्ला आदि उपस्थित रहे।

Jharkhand

Jul 04 2024, 17:00

NEET परीक्षा पेपर लीक मामले में धनबाद में सी बी आई ने तीन युवक को लिए हिरासत में, पूछ ताछ के लिए ले गया पटना

झारखंड डेस्क
धनबाद : NEET परीक्षा पेपर लीक मामले में धनबाद में सी बी आई  ने की बड़ी कार्रवाई, सीबीआई ने धनबाद से तीन युवकों को हिरासत में लिया हैं.

धनबाद: NEET-UG पेपर लीक मामले में  सीबीआई ने सरायढेला थाना क्षेत्र से  एक युवक को गिरफ़्तार किया हैं । वह कार्मिक नगर स्थित बिंदु अपार्टमेंट निवासी हैं,पूछताछ के लिए हिरासत में लिया हैं. दुसरा युवक बैंक मोड़ थाना क्षेत्र से गिरफतार किया गया। वह एक बहुत चर्चित व्यवसायी का बेटा है जिनका धनबाद में कई जगह इलेक्ट्रॉनिक्स के दुकान मौजूद हैं.

तीसरे की पहचान अब तक नही हो पाई। तीनों की गिरफ्तारी के बाद पटना ले जाया गया।

India

Jul 04 2024, 14:01

इंटरनेट पर वायरल हुआ NEET पीजी एग्जाम डेट का Fake नोटिस, बोर्ड ने बताया कैसे करें असली की पहचान

NEET UG पेपर लीक विवाद के चलते पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम मतलब नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET PG) 2024 भी रद्द कर दिया गया था. नीट पीजी 23 जून को होना था, किन्तु परीक्षा ठीक पहले इसे रद्द कर दिया गया था. मेडिकल के विद्यार्थियों को नीट पीजी की नई दिनांक की बेसब्री से प्रतीक्षा है. सोशल मीडिया पर इस बीच एक फेक सर्कुलर वायरल हो रहा है, जिसमें बताया गया है कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा - स्नातकोत्तर (NEET PG) परीक्षा 25 अगस्त को आयोजित की जाएगी.

नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज (NBEMS) ने एक नोटिस जारी कर विद्यार्थियों को सतर्क किया है. कथित तौर पर NBEMS द्वारा जारी किए गए वायरल सर्कुलर में बताया गया है कि नीट पीजी 25 अगस्त को आयोजित की जाएगी, एडमिट कार्ड 20 अगस्त को जारी किए जाएंगे तथा नतीजे 1 सितंबर को घोषित किए जाएंगे. हालांकि NBE ने अभी तक कोई नई परीक्षा दिनांक जारी नहीं की है. फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) समेत कई मेडिकल एसोसिएशन ने वायरल अधिसूचना को फेक बताया है.

ऐसे करें NBE द्वारा जारी असली नोटिस की पहचान

NBE द्वारा जारी एक आधिकारिक नोटिस में विद्यार्थियों को सतर्क करते हुए बताया गया है कि सोशल मीडिया पर चल रहा नीट पीजी की नई दिनांक का नोटिस फेक है. NBE ने लिखा, 'NBEMS के संज्ञान में आया है कि कुछ बेईमान एजेंट/दलाल अभ्यर्थियों को फंसाने के लिए फर्जी दावे कर रहे हैं और NBEMS के नाम का उपयोग करके जाली सूचनाएं, ईमेल, एसएमएस या सोशल मीडिया पर कंटेंट बना रहे हैं. साथ ही, सोशल मीडिया पर NEET-PG 2024 की परीक्षा तिथि में परिवर्तन से संबंधित कुछ फर्जी सूचनाएं भी साझा कर रहे हैं. जुलाई 2020 से जारी NBEMS के सभी नोटिसों में एक QR कोड होता है. QR कोड को स्कैन करने पर यूजर्स को NBEMS की वेबसाइट पर उसी सूचना पर भेज दिया जाएगा.'

किसी भी जानकारी की पुष्टि के लिए इन वेबसाइट्स को देखें

NBEMS की ऑफिशियल वेबसाइटें https://natboard.edu.in एवं https://nbe.edu.in हैं. NBEMS का 'X' सहित किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कोई ऑफिशियल हैंडल/चैनल नहीं है. अभ्यर्थियों को सलाह दी जाती है कि वे NBEMS द्वारा आयोजित परीक्षाओं के बारे में किसी भी जानकारी के लिए सिर्फ इन वेबसाइट लिंक्स के जरिए ही देखें.

JyotiShukla

Jul 03 2024, 14:11

क्या होता है सदन में धन्यवाद प्रस्ताव (Motion of Thanks) का मतलब, इसका पास होना सरकार के लिए क्यों है जरूरी?

डेस्क: 18वीं लोकसभा के गठन के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार में संसद का पहला सत्र चल रहा है। राष्ट्रपति का अभिभाषण के बाद, धन्यवाद प्रस्ताव (Motion of Thanks) पर चर्चा हुई। इसमें NEET पेपर लीक और अग्निवीर योजना जैसे मुद्दों को विपक्ष जोरदार तरीके से उठाया। भाजपा की दिवंगत नेता सुषमा स्वराज की बेटी और पहली बार लोकसभा सदस्य बनीं बांसुरी स्वराज प्रस्ताव का अनुमोदन किया। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार 3 जुलाई को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देंगे। मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में 2 घंटे 15 मिनट की स्पीच दी थी। इसमें उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मुंह झूठ का खून लग गया है। प्रधानमंत्री के भाषण के बाद लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। आइए जानते हैं क्या होता है धन्यवाद प्रस्ताव और इसका पास होना सरकारी के जरूरी क्यों है?

क्या होता है धन्यवाद प्रस्ताव

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 86 (1) के अनुसार, राष्ट्रपति संसद के किसी एक सदन या फिर दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित कर सकते हैं। Article 87 के अनुसार, हर लोकसभा चुनाव के बाद संसद के पहले सत्र की शुरुआत और हर साल संसद के सत्र शुरू होने से पहले राष्ट्रपति दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करेंगे और सत्र बुलाने के कारणों के बारे में सूचित करेंगे। इस संबोधन को ‘विशेष संबोधन’ भी कहा जाता है।

राष्ट्रपति के अभिभाषण में क्या-क्या होता है शामिल?

– राष्ट्रपति के अभिभाषण में पिछले वर्ष के कार्यकाल के दौरान सरकार की सभी गतिविधियों और उपलब्धियों की समीक्षा शामिल होती है।
– राष्ट्रपति का अभिभाषण ‘ब्रिटेन राजशाही/राज-सिंहासन के भाषण’ (Speech From The Throne in Britain) से मेल खाता है, पर संसद के दोनों सदनों में ‘धन्यवाद प्रस्ताव’ (Motion of Thanks) पर चर्चा की जाती है।

– राष्ट्रपति का अभिभाषण सरकार की नीति का विवरण होता है और प्रायः इस अभिभाषण का प्रारूप सरकार की ओर से ही तैयार किया जाता है।
– इसके अलावा उन महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों से संबंधित नीतियों, परियोजनाओं और कार्यक्रमों को संसद के सामने रखा जाता है, जिन्हें सरकार आगे बढ़ाना चाहती है।


संसदीय प्रक्रिया है धन्यवाद प्रस्ताव

-राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद इस पर धन्यवाद प्रस्ताव लाया जाता है। यह एक संसदीय प्रक्रिया है।इसमें संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर आभार जताने या प्रशंसा व्यक्त करने के लिए औपचारिक रूप से एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाता है।
-अभिभाषण पर संसद के दोनों सदनों में इसी धन्यवाद प्रस्ताव के जरिए चर्चा की जाती है। विपक्ष के नेता और सभी पार्टियों के प्रमुख धन्यवाद प्रस्ताव पर अपनी-अपनी राय रखते हैं।

निपटाए जाते हैं धन्यवाद प्रस्ताव पर आए संशोधन

धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के समाप्त होने पर इस पर आए संशोधन निपटाए जाते हैं। संशोधन अभिभाषण में शामिल मामलों के साथ उन मामलों को भी शामिल किया जा सकता है, जिनका सदस्यों की राय में अभिभाषण में उल्लेख नहीं किया गया लेकिन उनका उल्लेख करना जरूरी था। अभिभाषण में किसी भी संशोधन को सदन के सामने रखा जाता है और उसे स्वीकार कर लिया जाता है तब धन्यवाद प्रस्ताव को संशोधित रूप में स्वीकार किया जाता है।

धन्यवाद प्रस्ताव चर्चा का जवाब कौन देता है ?

आमतौर पर प्रधानमंत्री या उनकी उपस्थिति या किसी अन्य वजह से अन्य किसी मंत्री की ओर से धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दिया जाता है। इस दौरान सभी नेताओं के इस जवाब पर संतुष्टि जताने के बाद इस पर चर्चा समाप्त हो जाती है।

सरकार के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पास होना क्यों है जरूरी?

सरकार के लिए इसका पास होना जरूरी होता है, क्योंकि ऐसा न होने पर सरकार की हार मानी जाती है और सरकार अविश्वास में आ सकती है। लास्ट में धन्यवाद प्रस्ताव को मतदान के लिए रखा जाता है। हालांकि, धन्यवाद प्रस्ताव में कोई भी सदस्य सीधे केंद्र सरकार से न जुड़े मुद्दों और राष्ट्रपति के नाम का उल्लेख नहीं कर सकता है। सरकार से लोकसभा में विश्वास मत हासिल करने के लिए कहा जा सकता है। यह धन्यवाद प्रस्ताव सदन में पास होना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर यानी धन्यवाद प्रस्ताव पास नहीं होने पर सदन में सरकार की हार मानी जाती है. ऐसा होने पर लोकसभा में सरकार अविश्वास में आ सकती है और उसे लोकसभा में विश्वास मत हासिल करने के लिए कहा जा सकता है।

India

Jul 02 2024, 18:25

राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, नीट पर बुधवार को संसद में चर्चा की मांग
#rahul_gandhi_lok_sabha_lop_writes_to_pm_modi_over_neet_paper_leak_debate
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।  राहुल गांधी ने मंगलवार को लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से पहले पीएम मोदी को पत्र लिखकर नीट पर बहस करने की मांग की है।राहुल गांधी ने अपने पत्र में लिखा है कि मेरा मानना है कि छात्रों के हित में नीट मुद्दे पर बहस का नेतृत्व करना उचित होगा।

राहुल गांधी ने पीएम मोदी को पत्र में लिखा है- “आशा है कि यह पत्र मिलने तक आप सकुशल होंगे। मैं NEET पर संसद में बहस का अनुरोध करने के लिए लिख रहा हूं। जैसा कि आप जानते हैं, 28 जून को संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे पर बहस के विपक्ष के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया था। विपक्ष ने इस मुद्दे पर दोबारा चर्चा कराने का अनुरोध किया था। माननीय लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्ष को आश्वासन दिया था कि वह इस मुद्दे पर सरकार से चर्चा करेंगे।”

राहुल गांधी ने पत्र में आगे लिखा- हमारी एकमात्र चिंता पूरे भारत में लगभग 24 लाख नीट उम्मीदवारों का कल्याण है। लाखों परिवारों ने अपने बच्चों का भरण-पोषण करने के लिए व्यक्तिगत बलिदान दिया। कई लोगों के लिए, नीट का पेपर लीक जीवन भर के सपने के साथ विश्वासघात है। आज ये छात्र और उनके परिजन हमसे, अपने जन प्रतिनिधियों से इस मुद्दे के समाधान के लिए साहसिक और निर्णायक कदम उठाने की उम्मीद कर रहे हैं। नीट परीक्षा तत्काल ध्यान देने योग्य है क्योंकि इसने हमारी उच्च शिक्षा प्रणाली में गहरी साजिश को उजागर किया है।पिछले सात वर्षों में 70 से अधिक पेपर लीक हुए हैं, जिससे 2 करोड़ से अधिक छात्र प्रभावित हुए हैं।

विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अपने एक्स पोस्ट में चिट्ठी शेयर करते हुए कहा, मैं कल (बुधवार को) संसद में नीट पर बहस का अनुरोध करने के लिए लिख रहा हूं।मेरा मानना है कि यह उचित होगा कि आप इस बहस का नेतृत्व करें।

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Jul 02 2024, 14:14

NEET पर प्रधानमंत्री मोदी पर चुप्पी बरतने का आरोप लगाते हुए भड़कीं सोनिया गांधी, कहा, ध्यान ना भटकाएं

चुनाव के बाद संसद के पहले सत्र में डिप्टी स्पीकर के पद और NEET मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक जारी है। इस बीच कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर इन मुद्दों को लेकर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आम सहमति के मूल्य का उपदेश देते हैं, जबकि वे टकराव को बढ़ावा देते हैं। द हिंदू में एक संपादकीय में सोनिया गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अभी तक लोकसभा चुनाव के नतीजों को स्वीकार नहीं कर पाए हैं, जिसमें एनडीए मुश्किल से सरकार बना पाई है। सोनिया गांधी ने कहा, "प्रधानमंत्री ऐसे काम कर रहे हैं, जैसे कुछ बदला ही न हो। वे आम सहमति के मूल्य का उपदेश देते हैं, लेकिन टकराव को महत्व देते हैं।"

एक बार फिर कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष बनाईं गई सोनिया गांधी ने कहा कि परंपरा के अनुसार लोकसभा में उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा, "यह पूरी तरह से उचित अनुरोध था लेकिन सरकार ने इस मांग को खारिज कर दिया है। 17वीं लोकसभा में भी उपाध्यक्ष के संवैधानिक पद को नहीं भरा गया था।" एनडीए सरकार के पहले कार्यकाल में एआईएडीएमके के एम थम्बी दुरई, जो उस समय भाजपा की सहयोगी थी, उपाध्यक्ष थे, लेकिन 2019-24 के बीच यह पद खाली था। भाजपा द्वारा आपातकाल का मुद्दा उठाकर कांग्रेस पर हमला करने का जवाब देते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि संविधान पर हमले से ध्यान हटाने के लिए प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे को उठाया है। गांधी ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि स्पीकर ने भी इस मुद्दे को उठाया जबकी उनसे निष्पक्षता की उम्मीद रखी जाती है। 

नीट पेपर लीक पर नीट पेपर लीक मामले पर चुप रहने के लिए प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि इस घोटाले ने हमारे लाखों युवाओं के जीवन को अस्त व्यस्त का दिया है। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री जो अपनी 'परीक्षा पे चर्चा' करते हैं, वे लीक पर पूरी तरह से चुप हैं, जिसने देश भर में इतने सारे परिवारों को तबाह कर दिया है।"

पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने मई 2023 में राज्य में संघर्ष शुरू होने के बाद से संघर्षग्रस्त मणिपुर का दौरा न करने के लिए प्रधानमंत्री पर भी हमला किया। कुकी और मैतेई समुदायों के बीच संघर्ष के कारण सैकड़ों लोग मारे गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। सोनिया गांधी ने लिखा, "इस सबसे संवेदनशील राज्य में सामाजिक सद्भाव बिखर गया है। फिर भी, प्रधानमंत्री को न तो राज्य का दौरा करने और न ही यहां के नेताओं से मिलने का समय मिला है और न ही इच्छा।"

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Jul 01 2024, 10:20

नीट-यूजी के री-एग्जाम का रिजल्ट जारी, 813 ने दिया था दोबारा पेपर

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नीट यूजी री-एग्जाम का रिजल्ट जारी हो गया है। पेपर लीक को लेकर हुए हंगामे के बाद 23 जून को हुए नीट-यूजी का री-एग्जाम कराया गया था। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने आज नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट, अंडरग्रेजुएट (NEET UG) 2024 रीटेस्ट का रिजल्ट घोषित कर दिया है। बता दें कि पेपर लीक और अनियमितताओं के कारण नीट-यूजी 2024 जांच के दायरे में है।

बता दें इस परीक्षा को 1563 अभ्यर्थियों के लिए 23 जून को आयोजित किया गया था। इस परीक्षा में केवल 813 कैंडिडेट्स ने ही भाग लिया था। जिनका परिणाम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने आज जारी कर दिया है। छात्रों को एनटीए नीट स्कोर कार्ड 2024 डाउनलोड करने के लिए अपने लॉगिन क्रेडेंशियल जैसे आवेदन संख्या और जन्म तिथि की आवश्यकता होगी।

छात्रों को ‘समय की हानि’ के कारण नीट-यूजी परीक्षा में ग्रेस मार्क्स दिए गए थे, जिस पर सवाल खड़े हो गए और बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां उसने ग्रेस मार्क्स के मामले को रद्द करते हुए इन छात्रों की दोबारा परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया था

बता दें कि इस वर्ष नीट यूजी परीक्षा का आयोजन 5 मई को समूचे देश में किया गया था। करीब 24 लाख कैंडिडेट्स इस परीक्षा में शामिल हुए थे। करीब 7 केंद्रों पर टाइम लॉस होने की वजह से 1563 बच्चों को ग्रेस मार्क्स दिए गए, जिससे बाद में कई समस्याएं खड़ी हो गईं और एक ही सेंटर के बहुत सारे टॉपर्स के अलावा कई स्टूडेंट्स ने टॉप किया। विवाद बढ़ने और अदालत तक पहुंचने पर यह तय किया गया कि इन 1563 बच्चों के लिए फिर से एग्जाम कराया जाएगा।

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Jun 29 2024, 19:52

कोर्ट ने NEET मामले में गिरफ्तार गोधरा के 4 आरोपियों को CBI कस्टडी में भेजा, खुलेंगे कई बड़े राज!

डेस्क: गुजरात के गोधरा में 5 मई को NEET-UG परीक्षा में अनियमितताओं में कथित रूप से शामिल रहने के मामले में कोर्ट ने शनिवार को आरोपियों को 4 दिनों की CBI हिरासत में भेज दिया। बता दें कि सीबीआई ने पंचमहल जिले के गोधरा में हुई अनियमितताओं में कथित रूप से शामिल रहने के मामले में गुजरात पुलिस द्वारा गिरफ्तार 5 लोगों में से 4 लोगों की रिमांड की अपील की थी जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। माना जा रहा है कि आरोपियों तुषार भट्ट, विभोर आनंद, आरिफ वोरा और पुरूषोत्तम शर्मा से पूछताछ में बड़े खुलासे हो सकते हैं।

CBI ने मांगी थी 5 में से 4 आरोपियों की रिमांड

इससे पहले CBI के वकील ध्रुव मलिक ने जिला अदालत को सूचित किया था कि गुजरात पुलिस ने पहले जांच की है, लेकिन एजेंसी को इन आरोपियों को हिरासत में लेने की जरूरत है क्योंकि वह नये सिरे से जांच कर रही है। गुजरात पुलिस ने 8 मई और उसके बाद वाले सप्ताह में जिन 5 लोगों को गिरफ्तार किया था, उनमें से स्कूल शिक्षक तुषार भट्ट, जय जालाराम स्कूल के प्राचार्य पुरुषोत्तम शर्मा तथा बिचौलियों विभोर आनंद और आरिफ वोहरा की रिमांड की CBI मांग कर रही थी। CBI ने शिक्षा सलाहकार परशुराम रॉय की रिमांड की मांग नहीं की। सभी पांचों लोग गोधरा उपजेल में बंद थे।

जज ने रिमांड आवेदन पर जताई थी आशंका

बता दें कि पंचमहल के प्रधान जिला न्यायाधीश सीके चौहान ने CBI की रिमांड आवेदन पर आशंका व्यक्त करते हुए कहा था कि पुलिस या जांच एजेंसियां गिरफ्तारी के बाद शुरुआती 15 दिनों से अधिक किसी आरोपी की हिरासत की मांग नहीं कर सकतीं। उन्होंने CBI बनाम अनुपम कुलकर्णी मामले में सुप्रीम कोर्ट के 1992 के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि गिरफ्तारी के 15 दिन बीत जाने के बाद नई रिमांड तभी दी जा सकती है, जब आरोपी उस अवधि के दौरान अस्पताल में भर्ती था या उसने शुरुआती रिमांड के दौरान सहयोग नहीं किया।

CBI के वकील ने दी थी जोरदार दलील

हालांकि CBI के वकील मलिक ने दलील दी थी कि यदि जज को उचित लगे तो गिरफ्तारी के पहले 15 दिन से अधिक रिमांड दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 167 के तहत दी जा सकती है। मलिक ने अदालत को सूचित किया था कि सीबीआई गुजरात, राजस्थान, बिहार, दिल्ली तथा झारखंड में बड़ी साजिश की जांच कर रही है। माना जा रहा है कि अब रिमांड मिलने के बाद सीबीआई की पूछताछ में इस मामले की कई परतें खुल सकती हैं।