मणिपुर में लगातार लौटाए जा रहे लूटे गए हथियार, राज्यपाल की अपील के बाद हो रहा सरेंडर

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मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद से ही हथियारों का सरेंडर जारी है। मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला की अपील के बाद लूटे गए हथियार और बड़ी मात्रा में गोला बारूद लौटाए जा रहे हैं। मणिपुर में 13 फरवरी को केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति शासन लगाया था। जिसके बाद राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने लूटे गए हथियार और गोलियां लौटाने की अपील की थी।

बुधवार को पुलिस ने बताया कि 87 तरह के हथियार, गोला-बारूद और अलग-अलग सामान लोग स्वेच्छा से सरेंडर कर रहे हैं। इंफाल ईस्ट, बिश्नुपुर, थौबल, कांगपोकपी, जिरीबाम, चुराचांदपुर और इंफाल वेस्ट जिलों में हथियार सरेंडर किए गए हैं।

कौन से जिले से कितने हथियार सरेंडर हुए

• इंफाल वेस्ट: सबसे ज्यादा हथियार इंफाल वेस्ट जिले से सरेंडर किए गए हैं। इनमें 12 सीएमजी मैगजीन के साथ, दो 303 राइफल मैगजीन के साथ, दो SLR राइफल मैगजीन के साथ, चार 12 बोर सिंगल बैरल, एक आईईडी और गोला-बारूद शामिल हैं।

• जिरीबाम: पांच 12 बोर डबल बैरल, एक 9mm कार्बाइन मैगजीन के साथ, गोला-बारूद और ग्रेनेड सरेंडर किए गए।

• कांगपोकी: एक एके 47 राइफल 2 मैगजीन के साथ, एक .303 राइफल, एक Smith & Wesson रिवॉल्वर, एक .22 पिस्टल मैगजीन के साथ, एक सिंगल बैरल राइफल, तीन इम्प्रोवाइज्ड मॉर्टर, 9 मॉर्टर बम, ग्रेनेड और अन्य चीजें सरेंडर किए गए।

• बिश्नुपुर: 6 SBBL गन , एक राइफल, 3 DBBL, एक .303 राइफल मैगजीन के साथ, एक कार्बाइन SMG वन मैगजीन के साथ और 15 लाइव राउंड, गोला-बारूद और अन्य सामग्री सरेंडर किए गए हैं।

• थौबल: एक सब मशीन गन 9एमएम कार्बाइन 1A मैगजीन के साथ, एक रॉयट गन और अन्य सामग्री सरेंडर किए गए हैं।

• इंफाल ईस्ट: 2 कार्बाइन, एक एसएलआर दो मैगजीन के साथ, एक लाइव राउंड, 2 लोकल कार्बाइन मैगजीन, 4 इन्सास राइफल मैगजीन, बड़ी संख्या में गोला-बारूद सरेंडर की गई।

राज्यपाल की अपील का असर

इससे पहले राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने लोगों से लूटे गए और अवैध रूप से रखे गए हथियारों को 7 दिन के भीतर स्वेच्छा से पुलिस के सुपुर्द करने की 20 फरवरी को अपील की थी। इसके साथ ही गवर्नर ने यह आश्वासन भी दिया था कि इस अवधि के दौरान हथियार छोड़ने वालों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। मणिपुर के मुख्य सचिव पीके सिंह ने रविवार को कहा था कि अगर कोई हथियार त्यागना चाहता है तो लूटे गए और अवैध रूप से रखे गए हथियारों को स्वेच्छा से पुलिस के सुपुर्द करने के लिए दिया गया 7 दिन का समय पर्याप्त है।

13 फरवरी को मणिपुर में लगा था राष्ट्रपति शासन

बता दें कि मणिपुर में पिछले 2 साल से मैतेई और कुकी समुदाय के बीच जातीय संघर्ष चल रहा है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और उनके कैबिनेट मंत्रियों ने 9 फरवरी को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। बीरेन सिंह पर राज्य में 21 महीने से जारी हिंसा के चलते काफी दबाव था। मणिपुर में नेतृत्व संकट के बीच कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की थी। जिसके बाद केंद्र सरकार ने 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया था।

मणिपुर में कैसे थमेगी हिंसा? तैयार की जा रही महिला ब्रिगेड, दी जा रही हथियार चलाने की ट्रेनिंग

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मणिपुर एक बार फिर हिंसा की आग में झुलस रहा है। कुछ दिनों पहले मैतेई समुदाय की महिलाओं और बच्चों के शव मिलने के बाद राज्य में हिंसा भड़क गई। हत्या और आगजनी की घटनाओं से मणिपुर उबल रहा है। इस हिंसा से पूरे राज्य में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। इस बीच एक रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है।मणिपुर में हिंसा फैलाने की साजिश रची जा रही है। मणिपुर में बकायदा हिंसा फैलाने के लिए महिला ब्रिगेड तैयार हुई है। कुकी आतंकी संगठनों ने महिला ब्रिगेड तैयार की है। उनको हथियार की ट्रेनिंग दी जा रही है।

न्यूज18 इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक मणिपुर में कांग्लीपाक नेशनल पार्टी (KNP), कुकी नेशनल फ्रंट (KNF) और यूनाइटेड पीपल पार्टी ऑफ़ कांग्लीपाक (UPPK) ने मणिपुर के कई इलाकों में हिंसा के लिए साजिश रची है। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह अपनी आतंकी गतिविधियाँ फंड करने के लिए बाहर से आने वाले कामगारों से वसूली करना चाहते हैं। यह संगठन नेपाल और बिहार से मणिपुर पहुँचने वाले व्यापारियों से ₹1-1.5 लाख/महीने का वसूलने की साजिश रच चुके हैं। इसके अलावा यह सुरक्षाबलों की गतिविधियों पर की जासूसी भी कर रहे हैं।

रिपोर्ट में ये भी खुलासा हुआ है कि मणिपुर में 15 से 20 साल की लड़कियों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। मणिपुर में चल रही लड़कियों की ट्रेनिंग पूरे 45 दिनों की है। ट्रेनिंग के हर बैच में 50-50 लड़कियां को शामिल किया गया है। ये ट्रेनिंग सेंटर रहत शिविर में मणिपुर के याइथिबी लौकोल,थाना खोंगजाम, जिला काकचिंग में खेले गए हैं। ये ट्रेनिंग सरकार द्वारा बनाए गए राहत शिविरों में आयोजित किया जा रहा है।रिपोर्ट के मुताबिक लड़कियों का प्रशिक्षण पूरा होने के बाद उन्हें सीधे संगठन में शामिल नहीं किया जाता है।

कुकी संगठनों ने यह सोच कर यह ट्रेनिंग दी थी कि यदि महिलाएँ सुरक्षाबलों पर हमला करेंगी तो वह वापस जवाब भी देने में हिचकिचाएँगे और बाद में विक्टिम कार्ड भी खेला जा सकेगा। दरअशल, इस तरह के हालात पहले बी पैदा हुए हैं। कई बार महिलाओं ने सुरक्षाबलों का रास्ता रोका है। 30 अप्रैल 2024 को भारतीय सेना अपने साथ वो हथियार और गोला बारूद लेकर जा रहे थे, जो उन्होंने बिष्णुपुर में कुछ वाहनों से जब्त किए थे। लेकिन, इस बीच रास्ते में महिलाओं का एक ग्रुप आया और काफिला रोककर 11 उपद्रवियों को रिहा कराया।

मणिपुर में शांति बहाली के लिए एक्शन में सरकार, अमित शाह की हाई लेवल मीटिंग आज, क्या सुधरेंगे हालात?

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भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर फिर से हिंसा की आग में झुलसने लगा है। शनिवार को जिरीबाम में छह शव बरामद होने की खबर फैलने के बाद, कई जिलों, खासकर इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम जिलों में भीड़ ने मंत्रियों, विधायकों और राजनीतिक नेताओं के करीब दो दर्जन घरों पर हमला किया और तोड़फोड़ की। इससे पहले सुरक्षा बलों का कुकी उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ हुआ था। जिसमें कम से कम 10 कुकी आतंकी के मारे गए थे। इसके बाद से ही हालत बिगड़ते चले जा रहे हैं।

मणिपुर के हालातों को लेकर आज गृह मंत्रालय ने एक अहम बैठक बुलाई है। इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, आईबी चीफ, एडिशनल सेक्रेटरी (नॉर्थ ईस्ट), स्पेशल सेक्रेटरी (इंटरनल सिक्योरिटी), अर्द्ध सैनिक बलों के अधिकारी के साथ साथ मणिपुर के आला अफसर शामिल रहेंगे। मणिपुर को लेकर आज होने वाली गृहमंत्री अमित शाह की बैठक में मुख्य एजेंडा तय किए जाएंगे। इसमें गृह मंत्री ने रविवार को केंद्रीय बलों की बैठक बुलाई थी, इसमें कई दिशा निर्देश दिए गए थे, उनके क्रियान्वयन की समीक्षा की जाएगी। इस बैठक में पूर्वोत्तर राज्य संबधित गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, केंद्रीय गृह सचिव, आईबी डायरेक्टर, रॉ प्रमुख और सीआरपीएफ के अधिकारी शामिल होंगे। इसमें मैतेयी और कुकी समुदाय के लोगों से एक साथ वार्ता का खांका भी तैयार किया जाएगा

गृह मंत्री की लगातार दूसरे दिन बैठक हो रही है। इससे पहले मणिपुर के ताजा हालात पर एक दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी। बैठक में मणिपुर की सुरक्षा स्थिति को लेकर समीक्षा की गई।

फ्लैग मार्च के जरिए शांति बनाने की कोशिश

वहीं, इंफाल में भारतीय सेना और असम राइफल्स के जवानों ने फ्लैग मार्च निकाला है। इस मार्च के जरिए शांति बनाने की कोशिश की जा रही है। भारतीय सेना और स्पीयर कोर की असम राइफल्स इकाइयों ने सुरक्षाबलों के साथ इंफाल के संजेनथोंग, खुरई लामलोंग ब्रिज, थोंगजू ब्रिज, कोइरेंगेई, कांगला वेस्टर्न गेट, केशमपट, चुंगथम, सलाम मयाई लीकाई, कोंथूजाम, मयांग इम्फाल, हियांगथांग, नाम्बोल, मंत्रिपुखरी, बाबूपारा, वांगजिंग, थौबल और लिलोंग के इंफाल पूर्व, इंफालल पश्चिम और थौबल जिलों में फ्लैगमार्च किया है। वहीं, तनावपूर्ण स्थिति के मद्देनजर इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व में कर्फ्यू लगा हुआ है। सड़कों पर वाहनों की आवाजाही कम देखी गई है, सुरक्षाकर्मियों जबरदस्त तैनाती। वहीं, मुख्यमंत्री आवास और राजभवन के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

सात जिलों में इंटरनेट बंद, दो जिलों में कर्फ्यू

मणिपुर में जारी हिंसा के बीच मणिपुर पुलिस ने रविवार को इंफाल के दोनों जिलों में अगले आदेश तक कर्फ्यू लगा दिया। प्रशासन ने यह फैसला छह लोगों की मौत के बाद लिया गया है। घटना के बाद मणिपुर सरकार ने सात जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया है।

मणिपुर के जिरीबाम में दो बच्चों समेत तीन लोगों के शव मिले, इंफाल में तनाव बढ़ा

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मणिपुर में हिंसा की आग और धधक सकती है। दरअसल, मणिपुर-असम बॉर्डर के पास शुक्रवार को एक शिशु समेत दो बच्चों और एक महिला के क्षत-विक्षत शव बरामद किया गया है। कुछ दिन पहले ही जिरीबाम में उग्रवादियों ने एक परिवार के छह सदस्यों का अपहरण किया था। ऐसे में चर्चा है कि ये शव उन्हीं का हो सकता है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि हिंसा की लपटें और तेज हो सकती हैं।

जिरीबाम जिले के अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि जिरीबाम जिले के बोरोबकरा से करीब 16 किलोमीटर दूर एक महिला और दो बच्चों के शव शुक्रवार रात बरामद किए गए। जिरीबाम से सोमवार को छह लोग लापता हो गए थे। हालांकि उन्होंने बताया कि अभी शवों की पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन संदेह है कि ये तीन शव उन छह लोगों में से ही हैं जो लापता हुए थे। असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसएमसीएच) में शुक्रवार रात को इन अज्ञात शवों को लाया गया है और पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल में रखा गया।

मुख्यमंत्री ने हालात पर की चर्चा

अधिकारियों ने बताया कि शवों के बरामद होने की खबर मिलने के बाद मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने शुक्रवार रात वरिष्ठ मंत्रियों के साथ स्थिति पर चर्चा की। इस बीच तीन शव बरामद होने की खबर इंफाल घाटी में फैलने पर सभी पांच जिलों में तनाव बढ़ गया। राज्य प्राधिकारियों ने शनिवार को विद्यालयों तथा कॉलेजों के लिए अवकाश घोषित कर दिया।

अलग-अलग इलाकों में विरोध प्रदर्शन

इस बीच शनिवार को इंफाल घाटी के अलग-अलग इलाकों में सैकड़ों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर महिलाएं थीं। उन्होंने इंफाल पश्चिम जिले के क्वाकेथेल इलाके और इंफाल पश्चिम जिले के सागोलबंद तेरा में मुख्य सड़कों को टायर जलाए और मार्ग अवरुद्ध कर दिया, जिससे वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई। पुलिस ने बताया कि मणिपुर के मुख्य बाजार ख्वाइरामबंद में महिला विक्रेताओं ने हत्या के खिलाफ विरोध रैली निकाली। बिष्णुपुर जिले के निंगथौखोंग और इंफाल पूर्वी जिले के लामलोंग में स्थानीय लोग भी हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतर आए।

क्या है पूरा मामला?

सोमवार को संदिग्ध कुकी उग्रवादियों द्वारा तीन महिलाओं और तीन बच्चों को बंधक बनाया गया था, जिसके बाद जिरीबाम जिले में तनाव बढ़ गया। बंधक बनाए गए तीन बच्चों में एक नवजात और ढाई साल का बच्चा शामिल था। वहीं, तीन महिलाओं में से दो छोटे बच्चों की मां थीं। सभी महिलाएं मणिपुर के मैतेई समुदाय से हैं। जिरीबाम के बोकोबेरा इलाके से संदिग्ध कुकी आतंकवादियों के एक समूह ने इन महिलाओं और बच्चों का अपहरण किया था, जबकि एक अन्य आतंकवादी समूह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के साथ मुठभेड़ में लगा हुआ था। इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ ने 10 संदिग्ध कुकी उग्रवादियों को मार गिराया था।

IMD's orange flash flood warnings for Himachal Pradesh other states

The India Meteorological Department (IMD) has issued an ‘orange’ alert for Himachal Pradesh and other states as heavy rain continued northern India through the first two weeks of August. Earlier this week, the IMD predicted that heavy to extremely heavy rainfall would continue in parts of Himachal Pradesh till August 12

The weather agency issued the orange alert owing to heavy downpour in Himachal Pradesh, Uttarakhand, East Uttar Pradesh, East Madhya Pradesh, Meghalaya, Manipur, Mizoram, Nagaland and Tripura.

In its forecast, the IMD said heavy isolated rainfall will continue to lash Himachal Pradesh, Uttarakhand, and parts of Rajasthan till August 12, while moderate rainfall is expected to lash Jammu and Kashmir, Haryana, Punjab and Chandigarh on August 10The weather agency said heavy to extremely heavy rain will continue in Himachal Pradesh till Saturday, along with lightening and thunderstorms. An orange alert will remain in place in the state till August 12, and a yellow warning has been issued till August 15

The IMD also alerted of a low to moderate risk of flash floods in isolated areas of Mandi, Bilaspur, Solan, Sirmaur, Shimla, and Kullu districts through Saturday, news agency PTI reported.

The agency further sounded a warning of potential landslides in some regions, along with possible damage to plantations, crops, vulnerable structures, and kutcha houses due to waterlogging and strong winds in low lying areas in the state.

Earlier, on August 7, the IMD reported significant rainfall across the state, with Joginder Nagar in Mandi district experiencing the highest at 110 MM in 24 hours. The incessant downpour has affected daily life, making it challenging for residents and visitors alike. The cloudburst and flash floods that occurred on August 1 have affected the districts of Kullu, Mandi and Shimla.

Meanwhile, a yellow alert has been issued in Delhi for the next two days, with a forecast of moderate to heavy rainfall in the national capital till August 11. The weather office forecasted cloudy skies and moderate rains in Delhi NCR for Saturday, reported PTI

Heavy rainfall lashed parts of Delhi and NCR on Friday, leading to heavy waterlogging and traffic congestion in the evening. The Met office issued an 'orange' warning to "be prepared" after earlier putting the city in the 'green' zone for no warning or alert.

एक साल बाद भी “सुलग” रहा मणिपुर, देशभर की यात्रा कर रहे पीएम मोदी ने क्यों इस हिंसाग्रस्त राज्य से बनाई दूरी?

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मणिपुर हिंसा के एक साल पूरे हो गए। पिछले साल 3 मई को शुरू हुई इस जातीय हिंसा में अब तक 200 से ज्यादा लोग मारे जा चुके है। वहीं, 58 हजार से अधिक बेघर लोग राहत शिविरों में तकलीफों में रह रहें है। हिंसा के एक साल बाद भी राज्य में मैतेई और कुकी-ज़ोमी जनजाति के बीच तनाव जारी है। कुकी बहुल जिलों हों या मैतेई बहुल, सड़कों पर हथियारबंद लोग नजर आ जाएंगे। पूरा राज्य दो हिस्सों में बंटा नजर आ रहा है। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर सरकार ने कहा था कि इस हिंसा से जुड़े 5,995 मामले दर्ज हुए और 6,745 लोगों को हिरासत में लिया है। मणिपुर हिंसा से जुड़े 11 गंभीर मामलों की जांच सीबीआई कर रही है। इन सबके बीच विपक्ष बार-बार मणिपुर के हालात को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर सवाल उठाता रहा है। विपक्ष प्रधानमंत्री मोदी से ये भी पूछता रहा है कि आख़िर वो मणिपुर क्यों नहीं जा रहे हैं?

मणिपुर में पिछले एक साल से छिटपुट हिंसा की घटनाए जारी है। के इतिहास में यह दुर्लभ है कि किसी राज्य में एक साल तक नागरिक संघर्ष जारी रहे और आग बुझाने के लिए केंद्र द्वारा कोई ठोस कदम ना उठाया जाए।हालांकि गृहमंत्री अमित शाह ने कई दौरे की बैठकें की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अभी हाल ही में असम ट्रिब्यून को दिए गए इंटरव्यू में कहा, राज्य की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे गृह मंत्री अमित शाह, संघर्ष के दौरान राज्य में रहे और इसे सुलझाने के लिए कई पक्षों के साथ 15 से अधिक बैठकें की। 

हालांकि, इतने बैठकों के बाद भी सरकार इस तनाव को ख़त्म करने का फॉर्मूला नहीं निकाल सकी हैं। यही नहीं, गृह मंत्री अमित शाह तो राज्य के दौरे पर पहुंते रहे, लेकिन हिंसा भड़कने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार भी राज्य का दौरा नहीं किया। ना ही इस मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखी। हालांकि, हिंसा के बीच 19 जुलाई, 2023 को जब मणिपुर की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने का एक भयावह वीडियो सामने आया था। इस घटना के लंबे समय बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के मॉनसून सत्र से पहले मीडिया से बातचीत में मणिपुर की घटना का ज़िक्र करते हुए कहा था कि उनका "हृदय पीड़ा से भरा हुआ है।" पीएम मोदी ने कहा था कि देश की बेइज़्ज़ती हो रही है और दोषियों को बख़्शा नहीं जाएगा।यह पहली बार था कि जब प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर में जारी हिंसा पर कुछ कहा।

अविश्वास प्रस्ताव के बाद पीएम ने तीन महीने की चुप्पी तोड़ी

पिछले साल अगस्त में एक संसदीय बहस के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य में शांति की अपील की थी। ये अपील तब आई जब विपक्षी नेता उन पर चुप्पी साधने का आरोप लगा रहे थे। अगस्त में विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से मजबूर किए जाने के बाद, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे पर तीन महीने की चुप्पी तोड़ी, और केवल राज्य की समस्याओं के लिए पिछली कांग्रेस सरकार को दोषी ठहराया। और कहा कि उनकी सरकार जल्द ही शांति बहाल करेगी।

देशभर में भूमे पीएम पर नहीं ली मणिपुर की सुध

बता दें कि हिंसा भड़कने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार भी राज्य का दौरा नहीं किया। वहीं, सरकारी रिकॉर्ड से पता चलता है कि मणिपुर में शुरुआती उथल-पुथल के सप्ताह में प्रधानमंत्री मोदी ने दो घरेलू यात्राएं की थीं। पहली यात्रा कर्नाटक की, और दूसरी राजस्थान की। छह मई को उन्होंने बेंगलुरु में रोड शो किया। मई, 2023 से अप्रैल, 2024 के बीच उन्होंने अलग-अलग राज्यों की लगभग 160 यात्राएँ की, जिनमें सबसे ज़्यादा 24 बार वो राजस्थान के दौरे पर रहे। औपचारिक और गैर-आधिकारिक दौरों को मिलाकर पीएम ने 22 बार मध्य प्रदेश का और 17 बार उत्तर प्रदेश का दौरा किया। इस साल फरवरी-मार्च में प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्वोत्तर के असम, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया लेकिन मणिपुर नहीं गए। उन्होंने असम के तीन दौरे, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश का एक-एक दौरा किया है। पिछले साल नवंबर में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव हुए थे। वो राज्य थे मिज़ोरम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना। प्रधानमंत्री मोदी बाकी सभी राज्यों में गए लेकिन मिज़ोरम नहीं गए जो कि मणिपुर से सटा हुआ राज्य है और वहाँ मणिपुर की हिंसा से विस्थापित लोग बड़ी तादाद में हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने विकसित भारत, विकसित उत्तर-पूर्व कार्यक्रम के लिए नौ मार्च को पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया था।

मणिपुर समेत पूर्वोतर के राज्यों की अनदेखी का आरोप

ऐसे में विपक्ष केन्द्र की मोदी सरकार पर मणिपुर समेत पूर्वोतर के राज्यों को अनदेखा करने का आरोप लगाती आ रही है। अभी 3 मई को मणिपुर हिंसा के एक साल पूरे होने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अहंकार ने मणिपुर जैसे खूबसूरत राज्य के सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाया है।

खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “मणिपुर ठीक एक साल पहले 3 मई, 2023 को जलना शुरू हुआ था। उदासीन मोदी सरकार और अयोग्य भाजपा राज्य सरकार के क्रूर संयोजन ने राज्य को वस्तुतः दो हिस्सों में विभाजित कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि "पश्चातापहीन" प्रधानमंत्री ने मणिपुर में कदम नहीं रखा है क्योंकि यह "उनकी रैंक की अक्षमता और पूर्ण उदासीनता" को उजागर करेगा। “मणिपुर के सभी समुदायों के लोग अब जानते हैं कि भाजपा ने उनके जीवन को कैसे दयनीय बना दिया है। खड़गे ने ट्वीट किया, पूर्वोत्तर के लोग अब जानते हैं कि तथाकथित विकास के बारे में मोदी सरकार के बेशर्म ढोल ने क्षेत्र में मानवता की आवाज को दबा दिया। भारत के लोग अब जानते हैं कि पीएम मोदी और उनकी सरकार को मणिपुर में नष्ट हुई अनगिनत जिंदगियों के प्रति रत्ती भर भी सहानुभूति नहीं है।

চারধাম যাত্রার জন্য অনলাইন রেজিস্ট্রেশন আজ থেকে শুরু হচ্ছে

#Travel, #Online _registration _for Chardham _Yatra starts today এসবি নিউজ ব্যুরো: চারধাম যাত্রার জন্য অনলাইন রেজিস্ট্রেশন আজ থেকে শুরু হচ্ছে। পর্যটন দফতর সূত্রে খবর, সারা দেশ ও বিশ্ব থেকে আগত ভক্তরা আজ থেকে চারধাম যাত্রার জন্য নিবন্ধন করতে পারবেন। সকাল ৭টা থেকে রেজিস্ট্রেশনের জন্য ওয়েবসাইট খুলবে। এছাড়াও মোবাইল অ্যাপ, হোয়াটসঅ্যাপ নম্বর এবং টোল ফ্রি নম্বরের রেজিস্ট্রেশন সুবিধা রয়েছে। কেদারনাথ, বদ্রীনাথ, গঙ্গোত্রী এবং যমুনোত্রী ধামে আসা ভক্তদের জন্য নিবন্ধন বাধ্যতামূলক হবে। চারধামের দরজা খোলার তারিখ ঠিক হওয়ার পর রেজিস্ট্রেশনের প্রস্তুতি সম্পন্ন করেছে পর্যটন বিভাগ। এ বার চারধাম যাত্রা শুরুর ২৫ দিন আগে তীর্থযাত্রীদের রেজিস্ট্রেশনের সুবিধা দেওয়া হচ্ছে, যাতে রাজ্যের বাইরে থেকে আগত তীর্থযাত্রীরা তাদের ভ্রমণের পরিকল্পনা করতে এবং সহজেই নিবন্ধন করতে পারেন। এছাড়াও এবারও দেশের যে কোন প্রান্ত থেকে হজযাত্রীরা ৪টি মাধ্যমে নিবন্ধন করতে পারবেন। নিবন্ধনের জন্য নাম, মোবাইল নম্বর এবং থাকার জায়গার ঠিকানা সহ ভ্রমণকারী সদস্যদের বিশদ বিবরণের জন্য আইডি প্রদান করতে হবে। এভাবে নিবন্ধন করুন পর্যটন বিভাগের ওয়েবসাইট, registrationandtouristcare.uk.gov.in-এ লগইন করে নিবন্ধন করা যেতে পারে। এছাড়াও, আপনি হোয়াটসঅ্যাপ নম্বর-8394833833-এ যাত্রা (ভ্রমণ) লিখে একটি বার্তা পাঠিয়েও নিবন্ধন করতে পারেন। যে সমস্ত ভ্রমণকারীরা ওয়েবসাইটে নিবন্ধন করতে অক্ষম, তাদের জন্য পর্যটন বিভাগ টোল ফ্রি প্রদান করেছে0135-1364 নম্বরে কল করে রেজিস্ট্রেশন সুবিধা প্রদান করা হয়েছে ।এছাড়াও, আপনি স্মার্ট ফোনে ট্যুরিস্টকারেরতারখন্ড মোবাইল অ্যাপের মাধ্যমে নিবন্ধন করতে পারেন। গত বছর ৭৪ লাখ তীর্থযাত্রী নিবন্ধন করেছিলেন।এর মধ্যে পুরো যাত্রা সময়কালে ৫৬ লাখ তীর্থযাত্রী ৪ধাম দর্শন করেছিলেন।
মালদহের দক্ষিণ কেন্দ্রের আসনের জন্য প্রচার বিজেপি প্রার্থীর

# BJP_ candidate  _campaigning _for _Malda South _Central _seat এসবি নিউজ ব্যুরো: গত বিধানসভা নির্বাচনে ইংরেজবাজার আসনে তৃণমূল কংগ্রেসের দাপুটে নেতা তথা প্রাক্তণ মন্ত্রী কৃষ্ণেন্দু নারায়ণ চৌধুরীকে পরাজিত করে চমক দিয়েছিলেন বিজেপি প্রার্থী শ্রীরুপা মিত্র চৌধুরী।তাই মোদী-শাহ জুটি  আসন্ন লোকসভা নির্বাচনে সেই  শ্রীরূপা মিত্র চৌধুরীর উপর ভরসা করেছেন। মালদা দক্ষিণ কেন্দ্রের বিজেপির প্রার্থীও করেছেন শ্রীরূপা মিত্র চৌধুরীকে।

উত্তরবঙ্গের বিজেপির  একমাত্র মহিলা প্রার্থী তিনি।প্রায় প্রতিদিনই ভোটারদের কাছে পৌঁছাতে  নির্বাচনী প্রচারেও  চমক দিচ্ছেন তিনি। সকাল থেকেই তাকে জনসংযোগে ব্যস্ত থাকতে দেখা যাচ্ছে  বিজেপি প্রার্থীকে। কখনো টোটো চালিয়ে প্রচার। আবার কখনো জেলার একমাত্র বড়  পাইকারি রথবাড়ি বাজারের ক্রেতা  বিক্রেতার কাছে গিয়ে জনসংযোগ করতে।

বিজেপির মালদা দক্ষিণ লোকসভা কেন্দ্রের প্রার্থী শ্রীরূপা মিত্র চৌধুরীর দাবি হাটে বাজারে তিনি রয়েছেন। শুধু ভোটের সময় নয় , সারা বছরই এলাকার মানুষের পাশে থাকেন তিনি। তার অভিযোগ, ১৫৩ বছরের পৌরসভায় এখনও অনেক পিছিয়ে। এলাকাবাসীও সেই অভিযোগ তুলছেন। প্রচারে ব্যপক সাড়া  পাচ্ছেন জানান তিনি।

Manipur: మణిపుర్‌లో అదనపు ఎస్పీ కిడ్నాప్‌.. ఆయుధాలు వదిలి పోలీసుల నిరసన

ఇంఫాల్‌: మణిపుర్‌ (Manipur) పోలీసు కమాండోలు వినూత్న నిరసనకు దిగారు. ñబుధవారం ఉదయం కొద్దిసేపు ఆయుధాలను విడిచిపెట్టి విధులకు హాజరయ్యారు. మంగళవారం పశ్చిమ ఇంఫాల్‌లోని అదనపు ఎస్పీ అమిత్‌సింగ్‌ ఇంటిపై సుమారు 200 మంది సాయుధులు దాడి చేసి ఆయనతోపాటు మరొకరిని అపహరించుకుపోయారు..

ఈ ఘటనతో ఆ ప్రాంతంలో ఉద్రిక్త వాతావరణం చోటుచేసుకుంది. ఏఎస్పీ అపహరణకు గురయ్యారనే సమాచారంతో అప్రమత్తమైన భద్రతా బలగాలు చుట్టుపక్కల ప్రాంతాల్లో గాలింపు చర్యలు చేపట్టి గంటల వ్యవధిలోనే ఆయన్ను విడిపించినట్లు మణిపుర్‌ పోలీసులు ఓ ప్రకటనలో పేర్కొన్నారు. దీనికి నిరసనగా బుధవారం పోలీసు కమాండోలు ఆయుధాలను విడిచిపెట్టి నిరసన తెలిపారు..

అంతకుముందు వాహనం దొంగిలించారనే ఆరోపణలతో అరంబై టెంగోల్‌ గ్రూప్‌నకు చెందిన ఆరుగురు వ్యక్తులను ఏఎస్పీ అమిత్‌ అదుపులోకి తీసుకున్నారు. దీనిపై ఆగ్రహించిన ఆ వర్గం వారిని విడిచిపెట్టాలని డిమాండ్‌ చేస్తూ దాడికి పాల్పడినట్లు పోలీసులు వెల్లడించారు. ప్రస్తుతం ఈ ప్రాంతంలో పరిస్థితులు అదుపులో ఉన్నట్లు తెలిపారు.

మరోవైపు ఎస్పీ స్థాయి అధికారి అపహరణకు గురికావడంపై రాష్ట్ర హోంశాఖ అప్రమత్తమైంది. గతవారం రాష్ట్రంలో కుకీలు-మైతేయ్‌ల మధ్య వైరానికి కారణమైన పేరాను తొలగిస్తున్నట్లు మణిపుర్‌ హైకోర్టు ప్రకటించింది. మైతేయ్‌లకు రిజర్వేషన్లు ఇవ్వాలన్న అంశాన్ని పరిశీలించాలని గతేడాది మార్చి 27న కేంద్ర గిరిజన శాఖకు హైకోర్టు ప్రతిపాదన చేసింది. అయితే, వారికి రిజర్వేషన్లు ఇవ్వొద్దని నాగా, కుకీ-జొమీ తెగలు డిమాండ్ చేశాయి. దీనిపై ఇరువర్గాల మధ్య ఘర్షణలు చోటుచేసుకున్నాయి..

मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, अज्ञात बंदूकधारियों के हमले में दो की मौत

#manipurviolenceatleastto_die 

मणिपुर में एक बार फिर हिंसा भड़कने की खबर है। ताजा हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई है।राज्य में एक ग्रामीण स्वयंसेवक की मौत के बाद हुई फायरिंग के दो और लोग मारे गए, जबकि पांच अन्य घायल हो गए। घायलों में राज्य के एक शीर्ष भाजपा युवा नेता भी शामिल हैं।ताजा हिंसा की घटना जिसमें दो समूहों के बीच हुई।

मंगलवार को करीब 12.30 बजे बेथेल के सामान्य क्षेत्र और सपेरमीना के अंतर्गत लाम्बुंग पहाड़ी में संदिग्ध मौतेई आंतकवादी, स्वयंसेवकों, वीबीआईजी, अरामबाई तेंगगोल्स और सदिग्ध कुकी आतंकवादियों सशस्त्र स्वयंसेवकों, एचबीआईजी गुटों में भारी गोलीबारी हुई। बंदूकधारियों ने लीमाखोंग के पास कदंगबन गांव में प्रवेश किया और 2 लोगों की हत्या कर दी, जबकि पांच अन्य लोग गोली लगने से घायल हो गए।

अंग्रेजी अखबार दि इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया गया कि गोलीबारी मंगलवार (30 जनवरी) दोपहर में शुरू हुई और कई घंटों तक चलती रही। फायरिंग के दौरान मारे गए दोनों लोगों की पहचान 33 साल के नोंगथोम्बम माइकल और 25 साल के मीस्नाम खाबा के तौर पर हुई। दोनों के शव 30 जनवरी की शाम रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइसेंज ले जाए गए। 

आदिवासियों के लिए अलग प्रशासन की मांग

मणिपुर में हिंसा की घटनाओं के बीच राज्य के दस आदिवासी विधायकों, जिनमें सत्तारूढ़ बीजेपी के सात विधायक भी शामिल हैं, ने पीएम नरेंद्र मोदी को भेजे एक ज्ञापन में आदिवासियों के लिए एक अलग प्रशासन (अलग राज्य के बराबर) गठित करने की अपनी मांग दोहराई। प्रधानमंत्री को दिए अपने ज्ञापन में आदिवासी विधायकों ने कहा कि मणिपुर में जारी संघर्ष की स्थिति बद से बदतर हो गई है। मणिपुर के तीन विधायक जिनमें राज्य कांग्रेस अध्यक्ष कीशम मेघचंद्र सिंह और सत्तारूढ़ भाजपा के दो विधायक शामिल हैं। इन सभी को कथित तौर पर 24 जनवरी को इंफाल के कांगला किले में अरामबाई तेंगगोल के सदस्यों द्वारा पीटा गया और मजबूर किया गया।

हिंसा शुरू हुए क़रीब नौ महीने हो गए

मणिपुर में हिंसा शुरू हुए क़रीब नौ महीने हो चले हैं, लेकिन राज्य से लगातार लोगों की मौत की ख़बरें आ रही हैं। पिछले कुछ दिनों में गोलीबारी में सुरक्षाबलों और आम लोगों की जानें गई हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़ हिंसा में अब तक 200 से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं और 3000 से अधिक घायल हो चुके हैं। हिंसा में हजारों लोग विस्थापित भी हुए, जबकि राज्य में केंद्रीय सुरक्षा बलों के कम से कम 60,000 कर्मियों की तैनाती के बाद भी आठ महीने से अधिक समय से वहां रुक-रुक कर हिंसा की घटनाएं देखने को मिली हैं

मणिपुर में लगातार लौटाए जा रहे लूटे गए हथियार, राज्यपाल की अपील के बाद हो रहा सरेंडर

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मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद से ही हथियारों का सरेंडर जारी है। मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला की अपील के बाद लूटे गए हथियार और बड़ी मात्रा में गोला बारूद लौटाए जा रहे हैं। मणिपुर में 13 फरवरी को केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति शासन लगाया था। जिसके बाद राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने लूटे गए हथियार और गोलियां लौटाने की अपील की थी।

बुधवार को पुलिस ने बताया कि 87 तरह के हथियार, गोला-बारूद और अलग-अलग सामान लोग स्वेच्छा से सरेंडर कर रहे हैं। इंफाल ईस्ट, बिश्नुपुर, थौबल, कांगपोकपी, जिरीबाम, चुराचांदपुर और इंफाल वेस्ट जिलों में हथियार सरेंडर किए गए हैं।

कौन से जिले से कितने हथियार सरेंडर हुए

• इंफाल वेस्ट: सबसे ज्यादा हथियार इंफाल वेस्ट जिले से सरेंडर किए गए हैं। इनमें 12 सीएमजी मैगजीन के साथ, दो 303 राइफल मैगजीन के साथ, दो SLR राइफल मैगजीन के साथ, चार 12 बोर सिंगल बैरल, एक आईईडी और गोला-बारूद शामिल हैं।

• जिरीबाम: पांच 12 बोर डबल बैरल, एक 9mm कार्बाइन मैगजीन के साथ, गोला-बारूद और ग्रेनेड सरेंडर किए गए।

• कांगपोकी: एक एके 47 राइफल 2 मैगजीन के साथ, एक .303 राइफल, एक Smith & Wesson रिवॉल्वर, एक .22 पिस्टल मैगजीन के साथ, एक सिंगल बैरल राइफल, तीन इम्प्रोवाइज्ड मॉर्टर, 9 मॉर्टर बम, ग्रेनेड और अन्य चीजें सरेंडर किए गए।

• बिश्नुपुर: 6 SBBL गन , एक राइफल, 3 DBBL, एक .303 राइफल मैगजीन के साथ, एक कार्बाइन SMG वन मैगजीन के साथ और 15 लाइव राउंड, गोला-बारूद और अन्य सामग्री सरेंडर किए गए हैं।

• थौबल: एक सब मशीन गन 9एमएम कार्बाइन 1A मैगजीन के साथ, एक रॉयट गन और अन्य सामग्री सरेंडर किए गए हैं।

• इंफाल ईस्ट: 2 कार्बाइन, एक एसएलआर दो मैगजीन के साथ, एक लाइव राउंड, 2 लोकल कार्बाइन मैगजीन, 4 इन्सास राइफल मैगजीन, बड़ी संख्या में गोला-बारूद सरेंडर की गई।

राज्यपाल की अपील का असर

इससे पहले राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने लोगों से लूटे गए और अवैध रूप से रखे गए हथियारों को 7 दिन के भीतर स्वेच्छा से पुलिस के सुपुर्द करने की 20 फरवरी को अपील की थी। इसके साथ ही गवर्नर ने यह आश्वासन भी दिया था कि इस अवधि के दौरान हथियार छोड़ने वालों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। मणिपुर के मुख्य सचिव पीके सिंह ने रविवार को कहा था कि अगर कोई हथियार त्यागना चाहता है तो लूटे गए और अवैध रूप से रखे गए हथियारों को स्वेच्छा से पुलिस के सुपुर्द करने के लिए दिया गया 7 दिन का समय पर्याप्त है।

13 फरवरी को मणिपुर में लगा था राष्ट्रपति शासन

बता दें कि मणिपुर में पिछले 2 साल से मैतेई और कुकी समुदाय के बीच जातीय संघर्ष चल रहा है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और उनके कैबिनेट मंत्रियों ने 9 फरवरी को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। बीरेन सिंह पर राज्य में 21 महीने से जारी हिंसा के चलते काफी दबाव था। मणिपुर में नेतृत्व संकट के बीच कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की थी। जिसके बाद केंद्र सरकार ने 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया था।

मणिपुर में कैसे थमेगी हिंसा? तैयार की जा रही महिला ब्रिगेड, दी जा रही हथियार चलाने की ट्रेनिंग

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मणिपुर एक बार फिर हिंसा की आग में झुलस रहा है। कुछ दिनों पहले मैतेई समुदाय की महिलाओं और बच्चों के शव मिलने के बाद राज्य में हिंसा भड़क गई। हत्या और आगजनी की घटनाओं से मणिपुर उबल रहा है। इस हिंसा से पूरे राज्य में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। इस बीच एक रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है।मणिपुर में हिंसा फैलाने की साजिश रची जा रही है। मणिपुर में बकायदा हिंसा फैलाने के लिए महिला ब्रिगेड तैयार हुई है। कुकी आतंकी संगठनों ने महिला ब्रिगेड तैयार की है। उनको हथियार की ट्रेनिंग दी जा रही है।

न्यूज18 इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक मणिपुर में कांग्लीपाक नेशनल पार्टी (KNP), कुकी नेशनल फ्रंट (KNF) और यूनाइटेड पीपल पार्टी ऑफ़ कांग्लीपाक (UPPK) ने मणिपुर के कई इलाकों में हिंसा के लिए साजिश रची है। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह अपनी आतंकी गतिविधियाँ फंड करने के लिए बाहर से आने वाले कामगारों से वसूली करना चाहते हैं। यह संगठन नेपाल और बिहार से मणिपुर पहुँचने वाले व्यापारियों से ₹1-1.5 लाख/महीने का वसूलने की साजिश रच चुके हैं। इसके अलावा यह सुरक्षाबलों की गतिविधियों पर की जासूसी भी कर रहे हैं।

रिपोर्ट में ये भी खुलासा हुआ है कि मणिपुर में 15 से 20 साल की लड़कियों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। मणिपुर में चल रही लड़कियों की ट्रेनिंग पूरे 45 दिनों की है। ट्रेनिंग के हर बैच में 50-50 लड़कियां को शामिल किया गया है। ये ट्रेनिंग सेंटर रहत शिविर में मणिपुर के याइथिबी लौकोल,थाना खोंगजाम, जिला काकचिंग में खेले गए हैं। ये ट्रेनिंग सरकार द्वारा बनाए गए राहत शिविरों में आयोजित किया जा रहा है।रिपोर्ट के मुताबिक लड़कियों का प्रशिक्षण पूरा होने के बाद उन्हें सीधे संगठन में शामिल नहीं किया जाता है।

कुकी संगठनों ने यह सोच कर यह ट्रेनिंग दी थी कि यदि महिलाएँ सुरक्षाबलों पर हमला करेंगी तो वह वापस जवाब भी देने में हिचकिचाएँगे और बाद में विक्टिम कार्ड भी खेला जा सकेगा। दरअशल, इस तरह के हालात पहले बी पैदा हुए हैं। कई बार महिलाओं ने सुरक्षाबलों का रास्ता रोका है। 30 अप्रैल 2024 को भारतीय सेना अपने साथ वो हथियार और गोला बारूद लेकर जा रहे थे, जो उन्होंने बिष्णुपुर में कुछ वाहनों से जब्त किए थे। लेकिन, इस बीच रास्ते में महिलाओं का एक ग्रुप आया और काफिला रोककर 11 उपद्रवियों को रिहा कराया।

मणिपुर में शांति बहाली के लिए एक्शन में सरकार, अमित शाह की हाई लेवल मीटिंग आज, क्या सुधरेंगे हालात?

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भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर फिर से हिंसा की आग में झुलसने लगा है। शनिवार को जिरीबाम में छह शव बरामद होने की खबर फैलने के बाद, कई जिलों, खासकर इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम जिलों में भीड़ ने मंत्रियों, विधायकों और राजनीतिक नेताओं के करीब दो दर्जन घरों पर हमला किया और तोड़फोड़ की। इससे पहले सुरक्षा बलों का कुकी उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ हुआ था। जिसमें कम से कम 10 कुकी आतंकी के मारे गए थे। इसके बाद से ही हालत बिगड़ते चले जा रहे हैं।

मणिपुर के हालातों को लेकर आज गृह मंत्रालय ने एक अहम बैठक बुलाई है। इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, आईबी चीफ, एडिशनल सेक्रेटरी (नॉर्थ ईस्ट), स्पेशल सेक्रेटरी (इंटरनल सिक्योरिटी), अर्द्ध सैनिक बलों के अधिकारी के साथ साथ मणिपुर के आला अफसर शामिल रहेंगे। मणिपुर को लेकर आज होने वाली गृहमंत्री अमित शाह की बैठक में मुख्य एजेंडा तय किए जाएंगे। इसमें गृह मंत्री ने रविवार को केंद्रीय बलों की बैठक बुलाई थी, इसमें कई दिशा निर्देश दिए गए थे, उनके क्रियान्वयन की समीक्षा की जाएगी। इस बैठक में पूर्वोत्तर राज्य संबधित गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, केंद्रीय गृह सचिव, आईबी डायरेक्टर, रॉ प्रमुख और सीआरपीएफ के अधिकारी शामिल होंगे। इसमें मैतेयी और कुकी समुदाय के लोगों से एक साथ वार्ता का खांका भी तैयार किया जाएगा

गृह मंत्री की लगातार दूसरे दिन बैठक हो रही है। इससे पहले मणिपुर के ताजा हालात पर एक दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी। बैठक में मणिपुर की सुरक्षा स्थिति को लेकर समीक्षा की गई।

फ्लैग मार्च के जरिए शांति बनाने की कोशिश

वहीं, इंफाल में भारतीय सेना और असम राइफल्स के जवानों ने फ्लैग मार्च निकाला है। इस मार्च के जरिए शांति बनाने की कोशिश की जा रही है। भारतीय सेना और स्पीयर कोर की असम राइफल्स इकाइयों ने सुरक्षाबलों के साथ इंफाल के संजेनथोंग, खुरई लामलोंग ब्रिज, थोंगजू ब्रिज, कोइरेंगेई, कांगला वेस्टर्न गेट, केशमपट, चुंगथम, सलाम मयाई लीकाई, कोंथूजाम, मयांग इम्फाल, हियांगथांग, नाम्बोल, मंत्रिपुखरी, बाबूपारा, वांगजिंग, थौबल और लिलोंग के इंफाल पूर्व, इंफालल पश्चिम और थौबल जिलों में फ्लैगमार्च किया है। वहीं, तनावपूर्ण स्थिति के मद्देनजर इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व में कर्फ्यू लगा हुआ है। सड़कों पर वाहनों की आवाजाही कम देखी गई है, सुरक्षाकर्मियों जबरदस्त तैनाती। वहीं, मुख्यमंत्री आवास और राजभवन के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

सात जिलों में इंटरनेट बंद, दो जिलों में कर्फ्यू

मणिपुर में जारी हिंसा के बीच मणिपुर पुलिस ने रविवार को इंफाल के दोनों जिलों में अगले आदेश तक कर्फ्यू लगा दिया। प्रशासन ने यह फैसला छह लोगों की मौत के बाद लिया गया है। घटना के बाद मणिपुर सरकार ने सात जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया है।

मणिपुर के जिरीबाम में दो बच्चों समेत तीन लोगों के शव मिले, इंफाल में तनाव बढ़ा

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मणिपुर में हिंसा की आग और धधक सकती है। दरअसल, मणिपुर-असम बॉर्डर के पास शुक्रवार को एक शिशु समेत दो बच्चों और एक महिला के क्षत-विक्षत शव बरामद किया गया है। कुछ दिन पहले ही जिरीबाम में उग्रवादियों ने एक परिवार के छह सदस्यों का अपहरण किया था। ऐसे में चर्चा है कि ये शव उन्हीं का हो सकता है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि हिंसा की लपटें और तेज हो सकती हैं।

जिरीबाम जिले के अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि जिरीबाम जिले के बोरोबकरा से करीब 16 किलोमीटर दूर एक महिला और दो बच्चों के शव शुक्रवार रात बरामद किए गए। जिरीबाम से सोमवार को छह लोग लापता हो गए थे। हालांकि उन्होंने बताया कि अभी शवों की पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन संदेह है कि ये तीन शव उन छह लोगों में से ही हैं जो लापता हुए थे। असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसएमसीएच) में शुक्रवार रात को इन अज्ञात शवों को लाया गया है और पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल में रखा गया।

मुख्यमंत्री ने हालात पर की चर्चा

अधिकारियों ने बताया कि शवों के बरामद होने की खबर मिलने के बाद मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने शुक्रवार रात वरिष्ठ मंत्रियों के साथ स्थिति पर चर्चा की। इस बीच तीन शव बरामद होने की खबर इंफाल घाटी में फैलने पर सभी पांच जिलों में तनाव बढ़ गया। राज्य प्राधिकारियों ने शनिवार को विद्यालयों तथा कॉलेजों के लिए अवकाश घोषित कर दिया।

अलग-अलग इलाकों में विरोध प्रदर्शन

इस बीच शनिवार को इंफाल घाटी के अलग-अलग इलाकों में सैकड़ों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर महिलाएं थीं। उन्होंने इंफाल पश्चिम जिले के क्वाकेथेल इलाके और इंफाल पश्चिम जिले के सागोलबंद तेरा में मुख्य सड़कों को टायर जलाए और मार्ग अवरुद्ध कर दिया, जिससे वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई। पुलिस ने बताया कि मणिपुर के मुख्य बाजार ख्वाइरामबंद में महिला विक्रेताओं ने हत्या के खिलाफ विरोध रैली निकाली। बिष्णुपुर जिले के निंगथौखोंग और इंफाल पूर्वी जिले के लामलोंग में स्थानीय लोग भी हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतर आए।

क्या है पूरा मामला?

सोमवार को संदिग्ध कुकी उग्रवादियों द्वारा तीन महिलाओं और तीन बच्चों को बंधक बनाया गया था, जिसके बाद जिरीबाम जिले में तनाव बढ़ गया। बंधक बनाए गए तीन बच्चों में एक नवजात और ढाई साल का बच्चा शामिल था। वहीं, तीन महिलाओं में से दो छोटे बच्चों की मां थीं। सभी महिलाएं मणिपुर के मैतेई समुदाय से हैं। जिरीबाम के बोकोबेरा इलाके से संदिग्ध कुकी आतंकवादियों के एक समूह ने इन महिलाओं और बच्चों का अपहरण किया था, जबकि एक अन्य आतंकवादी समूह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के साथ मुठभेड़ में लगा हुआ था। इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ ने 10 संदिग्ध कुकी उग्रवादियों को मार गिराया था।

IMD's orange flash flood warnings for Himachal Pradesh other states

The India Meteorological Department (IMD) has issued an ‘orange’ alert for Himachal Pradesh and other states as heavy rain continued northern India through the first two weeks of August. Earlier this week, the IMD predicted that heavy to extremely heavy rainfall would continue in parts of Himachal Pradesh till August 12

The weather agency issued the orange alert owing to heavy downpour in Himachal Pradesh, Uttarakhand, East Uttar Pradesh, East Madhya Pradesh, Meghalaya, Manipur, Mizoram, Nagaland and Tripura.

In its forecast, the IMD said heavy isolated rainfall will continue to lash Himachal Pradesh, Uttarakhand, and parts of Rajasthan till August 12, while moderate rainfall is expected to lash Jammu and Kashmir, Haryana, Punjab and Chandigarh on August 10The weather agency said heavy to extremely heavy rain will continue in Himachal Pradesh till Saturday, along with lightening and thunderstorms. An orange alert will remain in place in the state till August 12, and a yellow warning has been issued till August 15

The IMD also alerted of a low to moderate risk of flash floods in isolated areas of Mandi, Bilaspur, Solan, Sirmaur, Shimla, and Kullu districts through Saturday, news agency PTI reported.

The agency further sounded a warning of potential landslides in some regions, along with possible damage to plantations, crops, vulnerable structures, and kutcha houses due to waterlogging and strong winds in low lying areas in the state.

Earlier, on August 7, the IMD reported significant rainfall across the state, with Joginder Nagar in Mandi district experiencing the highest at 110 MM in 24 hours. The incessant downpour has affected daily life, making it challenging for residents and visitors alike. The cloudburst and flash floods that occurred on August 1 have affected the districts of Kullu, Mandi and Shimla.

Meanwhile, a yellow alert has been issued in Delhi for the next two days, with a forecast of moderate to heavy rainfall in the national capital till August 11. The weather office forecasted cloudy skies and moderate rains in Delhi NCR for Saturday, reported PTI

Heavy rainfall lashed parts of Delhi and NCR on Friday, leading to heavy waterlogging and traffic congestion in the evening. The Met office issued an 'orange' warning to "be prepared" after earlier putting the city in the 'green' zone for no warning or alert.

एक साल बाद भी “सुलग” रहा मणिपुर, देशभर की यात्रा कर रहे पीएम मोदी ने क्यों इस हिंसाग्रस्त राज्य से बनाई दूरी?

#oneyearofmanipurviolence 

मणिपुर हिंसा के एक साल पूरे हो गए। पिछले साल 3 मई को शुरू हुई इस जातीय हिंसा में अब तक 200 से ज्यादा लोग मारे जा चुके है। वहीं, 58 हजार से अधिक बेघर लोग राहत शिविरों में तकलीफों में रह रहें है। हिंसा के एक साल बाद भी राज्य में मैतेई और कुकी-ज़ोमी जनजाति के बीच तनाव जारी है। कुकी बहुल जिलों हों या मैतेई बहुल, सड़कों पर हथियारबंद लोग नजर आ जाएंगे। पूरा राज्य दो हिस्सों में बंटा नजर आ रहा है। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर सरकार ने कहा था कि इस हिंसा से जुड़े 5,995 मामले दर्ज हुए और 6,745 लोगों को हिरासत में लिया है। मणिपुर हिंसा से जुड़े 11 गंभीर मामलों की जांच सीबीआई कर रही है। इन सबके बीच विपक्ष बार-बार मणिपुर के हालात को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर सवाल उठाता रहा है। विपक्ष प्रधानमंत्री मोदी से ये भी पूछता रहा है कि आख़िर वो मणिपुर क्यों नहीं जा रहे हैं?

मणिपुर में पिछले एक साल से छिटपुट हिंसा की घटनाए जारी है। के इतिहास में यह दुर्लभ है कि किसी राज्य में एक साल तक नागरिक संघर्ष जारी रहे और आग बुझाने के लिए केंद्र द्वारा कोई ठोस कदम ना उठाया जाए।हालांकि गृहमंत्री अमित शाह ने कई दौरे की बैठकें की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अभी हाल ही में असम ट्रिब्यून को दिए गए इंटरव्यू में कहा, राज्य की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे गृह मंत्री अमित शाह, संघर्ष के दौरान राज्य में रहे और इसे सुलझाने के लिए कई पक्षों के साथ 15 से अधिक बैठकें की। 

हालांकि, इतने बैठकों के बाद भी सरकार इस तनाव को ख़त्म करने का फॉर्मूला नहीं निकाल सकी हैं। यही नहीं, गृह मंत्री अमित शाह तो राज्य के दौरे पर पहुंते रहे, लेकिन हिंसा भड़कने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार भी राज्य का दौरा नहीं किया। ना ही इस मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखी। हालांकि, हिंसा के बीच 19 जुलाई, 2023 को जब मणिपुर की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने का एक भयावह वीडियो सामने आया था। इस घटना के लंबे समय बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के मॉनसून सत्र से पहले मीडिया से बातचीत में मणिपुर की घटना का ज़िक्र करते हुए कहा था कि उनका "हृदय पीड़ा से भरा हुआ है।" पीएम मोदी ने कहा था कि देश की बेइज़्ज़ती हो रही है और दोषियों को बख़्शा नहीं जाएगा।यह पहली बार था कि जब प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर में जारी हिंसा पर कुछ कहा।

अविश्वास प्रस्ताव के बाद पीएम ने तीन महीने की चुप्पी तोड़ी

पिछले साल अगस्त में एक संसदीय बहस के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य में शांति की अपील की थी। ये अपील तब आई जब विपक्षी नेता उन पर चुप्पी साधने का आरोप लगा रहे थे। अगस्त में विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से मजबूर किए जाने के बाद, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे पर तीन महीने की चुप्पी तोड़ी, और केवल राज्य की समस्याओं के लिए पिछली कांग्रेस सरकार को दोषी ठहराया। और कहा कि उनकी सरकार जल्द ही शांति बहाल करेगी।

देशभर में भूमे पीएम पर नहीं ली मणिपुर की सुध

बता दें कि हिंसा भड़कने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार भी राज्य का दौरा नहीं किया। वहीं, सरकारी रिकॉर्ड से पता चलता है कि मणिपुर में शुरुआती उथल-पुथल के सप्ताह में प्रधानमंत्री मोदी ने दो घरेलू यात्राएं की थीं। पहली यात्रा कर्नाटक की, और दूसरी राजस्थान की। छह मई को उन्होंने बेंगलुरु में रोड शो किया। मई, 2023 से अप्रैल, 2024 के बीच उन्होंने अलग-अलग राज्यों की लगभग 160 यात्राएँ की, जिनमें सबसे ज़्यादा 24 बार वो राजस्थान के दौरे पर रहे। औपचारिक और गैर-आधिकारिक दौरों को मिलाकर पीएम ने 22 बार मध्य प्रदेश का और 17 बार उत्तर प्रदेश का दौरा किया। इस साल फरवरी-मार्च में प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्वोत्तर के असम, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया लेकिन मणिपुर नहीं गए। उन्होंने असम के तीन दौरे, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश का एक-एक दौरा किया है। पिछले साल नवंबर में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव हुए थे। वो राज्य थे मिज़ोरम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना। प्रधानमंत्री मोदी बाकी सभी राज्यों में गए लेकिन मिज़ोरम नहीं गए जो कि मणिपुर से सटा हुआ राज्य है और वहाँ मणिपुर की हिंसा से विस्थापित लोग बड़ी तादाद में हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने विकसित भारत, विकसित उत्तर-पूर्व कार्यक्रम के लिए नौ मार्च को पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया था।

मणिपुर समेत पूर्वोतर के राज्यों की अनदेखी का आरोप

ऐसे में विपक्ष केन्द्र की मोदी सरकार पर मणिपुर समेत पूर्वोतर के राज्यों को अनदेखा करने का आरोप लगाती आ रही है। अभी 3 मई को मणिपुर हिंसा के एक साल पूरे होने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अहंकार ने मणिपुर जैसे खूबसूरत राज्य के सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाया है।

खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “मणिपुर ठीक एक साल पहले 3 मई, 2023 को जलना शुरू हुआ था। उदासीन मोदी सरकार और अयोग्य भाजपा राज्य सरकार के क्रूर संयोजन ने राज्य को वस्तुतः दो हिस्सों में विभाजित कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि "पश्चातापहीन" प्रधानमंत्री ने मणिपुर में कदम नहीं रखा है क्योंकि यह "उनकी रैंक की अक्षमता और पूर्ण उदासीनता" को उजागर करेगा। “मणिपुर के सभी समुदायों के लोग अब जानते हैं कि भाजपा ने उनके जीवन को कैसे दयनीय बना दिया है। खड़गे ने ट्वीट किया, पूर्वोत्तर के लोग अब जानते हैं कि तथाकथित विकास के बारे में मोदी सरकार के बेशर्म ढोल ने क्षेत्र में मानवता की आवाज को दबा दिया। भारत के लोग अब जानते हैं कि पीएम मोदी और उनकी सरकार को मणिपुर में नष्ट हुई अनगिनत जिंदगियों के प्रति रत्ती भर भी सहानुभूति नहीं है।

চারধাম যাত্রার জন্য অনলাইন রেজিস্ট্রেশন আজ থেকে শুরু হচ্ছে

#Travel, #Online _registration _for Chardham _Yatra starts today এসবি নিউজ ব্যুরো: চারধাম যাত্রার জন্য অনলাইন রেজিস্ট্রেশন আজ থেকে শুরু হচ্ছে। পর্যটন দফতর সূত্রে খবর, সারা দেশ ও বিশ্ব থেকে আগত ভক্তরা আজ থেকে চারধাম যাত্রার জন্য নিবন্ধন করতে পারবেন। সকাল ৭টা থেকে রেজিস্ট্রেশনের জন্য ওয়েবসাইট খুলবে। এছাড়াও মোবাইল অ্যাপ, হোয়াটসঅ্যাপ নম্বর এবং টোল ফ্রি নম্বরের রেজিস্ট্রেশন সুবিধা রয়েছে। কেদারনাথ, বদ্রীনাথ, গঙ্গোত্রী এবং যমুনোত্রী ধামে আসা ভক্তদের জন্য নিবন্ধন বাধ্যতামূলক হবে। চারধামের দরজা খোলার তারিখ ঠিক হওয়ার পর রেজিস্ট্রেশনের প্রস্তুতি সম্পন্ন করেছে পর্যটন বিভাগ। এ বার চারধাম যাত্রা শুরুর ২৫ দিন আগে তীর্থযাত্রীদের রেজিস্ট্রেশনের সুবিধা দেওয়া হচ্ছে, যাতে রাজ্যের বাইরে থেকে আগত তীর্থযাত্রীরা তাদের ভ্রমণের পরিকল্পনা করতে এবং সহজেই নিবন্ধন করতে পারেন। এছাড়াও এবারও দেশের যে কোন প্রান্ত থেকে হজযাত্রীরা ৪টি মাধ্যমে নিবন্ধন করতে পারবেন। নিবন্ধনের জন্য নাম, মোবাইল নম্বর এবং থাকার জায়গার ঠিকানা সহ ভ্রমণকারী সদস্যদের বিশদ বিবরণের জন্য আইডি প্রদান করতে হবে। এভাবে নিবন্ধন করুন পর্যটন বিভাগের ওয়েবসাইট, registrationandtouristcare.uk.gov.in-এ লগইন করে নিবন্ধন করা যেতে পারে। এছাড়াও, আপনি হোয়াটসঅ্যাপ নম্বর-8394833833-এ যাত্রা (ভ্রমণ) লিখে একটি বার্তা পাঠিয়েও নিবন্ধন করতে পারেন। যে সমস্ত ভ্রমণকারীরা ওয়েবসাইটে নিবন্ধন করতে অক্ষম, তাদের জন্য পর্যটন বিভাগ টোল ফ্রি প্রদান করেছে0135-1364 নম্বরে কল করে রেজিস্ট্রেশন সুবিধা প্রদান করা হয়েছে ।এছাড়াও, আপনি স্মার্ট ফোনে ট্যুরিস্টকারেরতারখন্ড মোবাইল অ্যাপের মাধ্যমে নিবন্ধন করতে পারেন। গত বছর ৭৪ লাখ তীর্থযাত্রী নিবন্ধন করেছিলেন।এর মধ্যে পুরো যাত্রা সময়কালে ৫৬ লাখ তীর্থযাত্রী ৪ধাম দর্শন করেছিলেন।
মালদহের দক্ষিণ কেন্দ্রের আসনের জন্য প্রচার বিজেপি প্রার্থীর

# BJP_ candidate  _campaigning _for _Malda South _Central _seat এসবি নিউজ ব্যুরো: গত বিধানসভা নির্বাচনে ইংরেজবাজার আসনে তৃণমূল কংগ্রেসের দাপুটে নেতা তথা প্রাক্তণ মন্ত্রী কৃষ্ণেন্দু নারায়ণ চৌধুরীকে পরাজিত করে চমক দিয়েছিলেন বিজেপি প্রার্থী শ্রীরুপা মিত্র চৌধুরী।তাই মোদী-শাহ জুটি  আসন্ন লোকসভা নির্বাচনে সেই  শ্রীরূপা মিত্র চৌধুরীর উপর ভরসা করেছেন। মালদা দক্ষিণ কেন্দ্রের বিজেপির প্রার্থীও করেছেন শ্রীরূপা মিত্র চৌধুরীকে।

উত্তরবঙ্গের বিজেপির  একমাত্র মহিলা প্রার্থী তিনি।প্রায় প্রতিদিনই ভোটারদের কাছে পৌঁছাতে  নির্বাচনী প্রচারেও  চমক দিচ্ছেন তিনি। সকাল থেকেই তাকে জনসংযোগে ব্যস্ত থাকতে দেখা যাচ্ছে  বিজেপি প্রার্থীকে। কখনো টোটো চালিয়ে প্রচার। আবার কখনো জেলার একমাত্র বড়  পাইকারি রথবাড়ি বাজারের ক্রেতা  বিক্রেতার কাছে গিয়ে জনসংযোগ করতে।

বিজেপির মালদা দক্ষিণ লোকসভা কেন্দ্রের প্রার্থী শ্রীরূপা মিত্র চৌধুরীর দাবি হাটে বাজারে তিনি রয়েছেন। শুধু ভোটের সময় নয় , সারা বছরই এলাকার মানুষের পাশে থাকেন তিনি। তার অভিযোগ, ১৫৩ বছরের পৌরসভায় এখনও অনেক পিছিয়ে। এলাকাবাসীও সেই অভিযোগ তুলছেন। প্রচারে ব্যপক সাড়া  পাচ্ছেন জানান তিনি।

Manipur: మణిపుర్‌లో అదనపు ఎస్పీ కిడ్నాప్‌.. ఆయుధాలు వదిలి పోలీసుల నిరసన

ఇంఫాల్‌: మణిపుర్‌ (Manipur) పోలీసు కమాండోలు వినూత్న నిరసనకు దిగారు. ñబుధవారం ఉదయం కొద్దిసేపు ఆయుధాలను విడిచిపెట్టి విధులకు హాజరయ్యారు. మంగళవారం పశ్చిమ ఇంఫాల్‌లోని అదనపు ఎస్పీ అమిత్‌సింగ్‌ ఇంటిపై సుమారు 200 మంది సాయుధులు దాడి చేసి ఆయనతోపాటు మరొకరిని అపహరించుకుపోయారు..

ఈ ఘటనతో ఆ ప్రాంతంలో ఉద్రిక్త వాతావరణం చోటుచేసుకుంది. ఏఎస్పీ అపహరణకు గురయ్యారనే సమాచారంతో అప్రమత్తమైన భద్రతా బలగాలు చుట్టుపక్కల ప్రాంతాల్లో గాలింపు చర్యలు చేపట్టి గంటల వ్యవధిలోనే ఆయన్ను విడిపించినట్లు మణిపుర్‌ పోలీసులు ఓ ప్రకటనలో పేర్కొన్నారు. దీనికి నిరసనగా బుధవారం పోలీసు కమాండోలు ఆయుధాలను విడిచిపెట్టి నిరసన తెలిపారు..

అంతకుముందు వాహనం దొంగిలించారనే ఆరోపణలతో అరంబై టెంగోల్‌ గ్రూప్‌నకు చెందిన ఆరుగురు వ్యక్తులను ఏఎస్పీ అమిత్‌ అదుపులోకి తీసుకున్నారు. దీనిపై ఆగ్రహించిన ఆ వర్గం వారిని విడిచిపెట్టాలని డిమాండ్‌ చేస్తూ దాడికి పాల్పడినట్లు పోలీసులు వెల్లడించారు. ప్రస్తుతం ఈ ప్రాంతంలో పరిస్థితులు అదుపులో ఉన్నట్లు తెలిపారు.

మరోవైపు ఎస్పీ స్థాయి అధికారి అపహరణకు గురికావడంపై రాష్ట్ర హోంశాఖ అప్రమత్తమైంది. గతవారం రాష్ట్రంలో కుకీలు-మైతేయ్‌ల మధ్య వైరానికి కారణమైన పేరాను తొలగిస్తున్నట్లు మణిపుర్‌ హైకోర్టు ప్రకటించింది. మైతేయ్‌లకు రిజర్వేషన్లు ఇవ్వాలన్న అంశాన్ని పరిశీలించాలని గతేడాది మార్చి 27న కేంద్ర గిరిజన శాఖకు హైకోర్టు ప్రతిపాదన చేసింది. అయితే, వారికి రిజర్వేషన్లు ఇవ్వొద్దని నాగా, కుకీ-జొమీ తెగలు డిమాండ్ చేశాయి. దీనిపై ఇరువర్గాల మధ్య ఘర్షణలు చోటుచేసుకున్నాయి..

मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, अज्ञात बंदूकधारियों के हमले में दो की मौत

#manipurviolenceatleastto_die 

मणिपुर में एक बार फिर हिंसा भड़कने की खबर है। ताजा हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई है।राज्य में एक ग्रामीण स्वयंसेवक की मौत के बाद हुई फायरिंग के दो और लोग मारे गए, जबकि पांच अन्य घायल हो गए। घायलों में राज्य के एक शीर्ष भाजपा युवा नेता भी शामिल हैं।ताजा हिंसा की घटना जिसमें दो समूहों के बीच हुई।

मंगलवार को करीब 12.30 बजे बेथेल के सामान्य क्षेत्र और सपेरमीना के अंतर्गत लाम्बुंग पहाड़ी में संदिग्ध मौतेई आंतकवादी, स्वयंसेवकों, वीबीआईजी, अरामबाई तेंगगोल्स और सदिग्ध कुकी आतंकवादियों सशस्त्र स्वयंसेवकों, एचबीआईजी गुटों में भारी गोलीबारी हुई। बंदूकधारियों ने लीमाखोंग के पास कदंगबन गांव में प्रवेश किया और 2 लोगों की हत्या कर दी, जबकि पांच अन्य लोग गोली लगने से घायल हो गए।

अंग्रेजी अखबार दि इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया गया कि गोलीबारी मंगलवार (30 जनवरी) दोपहर में शुरू हुई और कई घंटों तक चलती रही। फायरिंग के दौरान मारे गए दोनों लोगों की पहचान 33 साल के नोंगथोम्बम माइकल और 25 साल के मीस्नाम खाबा के तौर पर हुई। दोनों के शव 30 जनवरी की शाम रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइसेंज ले जाए गए। 

आदिवासियों के लिए अलग प्रशासन की मांग

मणिपुर में हिंसा की घटनाओं के बीच राज्य के दस आदिवासी विधायकों, जिनमें सत्तारूढ़ बीजेपी के सात विधायक भी शामिल हैं, ने पीएम नरेंद्र मोदी को भेजे एक ज्ञापन में आदिवासियों के लिए एक अलग प्रशासन (अलग राज्य के बराबर) गठित करने की अपनी मांग दोहराई। प्रधानमंत्री को दिए अपने ज्ञापन में आदिवासी विधायकों ने कहा कि मणिपुर में जारी संघर्ष की स्थिति बद से बदतर हो गई है। मणिपुर के तीन विधायक जिनमें राज्य कांग्रेस अध्यक्ष कीशम मेघचंद्र सिंह और सत्तारूढ़ भाजपा के दो विधायक शामिल हैं। इन सभी को कथित तौर पर 24 जनवरी को इंफाल के कांगला किले में अरामबाई तेंगगोल के सदस्यों द्वारा पीटा गया और मजबूर किया गया।

हिंसा शुरू हुए क़रीब नौ महीने हो गए

मणिपुर में हिंसा शुरू हुए क़रीब नौ महीने हो चले हैं, लेकिन राज्य से लगातार लोगों की मौत की ख़बरें आ रही हैं। पिछले कुछ दिनों में गोलीबारी में सुरक्षाबलों और आम लोगों की जानें गई हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़ हिंसा में अब तक 200 से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं और 3000 से अधिक घायल हो चुके हैं। हिंसा में हजारों लोग विस्थापित भी हुए, जबकि राज्य में केंद्रीय सुरक्षा बलों के कम से कम 60,000 कर्मियों की तैनाती के बाद भी आठ महीने से अधिक समय से वहां रुक-रुक कर हिंसा की घटनाएं देखने को मिली हैं