कर्नाटक सरकार ने दंगाइयों के खिलाफ केस वापस लिया, बीजेपी बोली- कांग्रेस कर रही आतंकवादियों का समर्थन

#karnatakagovtwithdraws2022hubballiriotcase

कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार ने 2022 के हुबली दंगों से जुड़े मामले को वापस ले लिया है। इस केस में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता मोहम्मद आरिफ समेत 139 लोगों के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज था। इन पर पुलिस पर हमला करने और पुलिस स्टेशन में घुसने की धमकी देने का आरोप था। इस फैसले की वजह से भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाया है।

राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि सरकार के पास कुछ मामले वापस लेने की शक्ति है, जिसके तहत ही यह फैसला लिया गया है। गृहमंत्री के नेतृत्व में कैबिनेट उपसमिति की सिफारिश पर यह निर्णय किया गया है। बीजेपी के विरोध पर उन्होंने कहा कि उन लोगों की आदत है झूठे और गलत मुद्दों पर विरोध करने की। सरकार ने यह फैसला मुस्लिम संगठन अंजुमन-ए-इस्लाम की मांग पर लिया है। इस फैसले के तहत सरकार ने 43 ऐसे केस वापस ले लिए हैं।

बीजेपी ने क्या कहा?

कर्नाटक सरकार के इस फैसले के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाया है।बीजेपी का कहना है कि कानून और पुलिस विभाग के विरोध के बावजूद यह केस वापस लिया गया है। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा, कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने कानून और पुलिस विभाग के विरोध के बावजूद पुराने हुबली पुलिस स्टेशन दंगा मामले को वापस ले लिया है। उन्होंने आगे कहा कि उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने हाल ही में सरकार को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि मामले को वापस ले लिया जाए। दंगे और उसके बाद हुए पथराव में कई पुलिस अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। यह और कुछ नहीं बल्कि मुस्लिम तुष्टिकरण को लेकर कांग्रेस की गंदी राजनीति है।

क्या था मामला?

पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में हुबली शहर में एक शख्स ने सोशल मीडिया पर अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ कुछ आपत्तिजनक पोस्ट किया था। जिस कारण उसे पुलिस गिरफ्तार कर हुबली पुलिस स्टेशन ले आई थी। इस पोस्ट के खिलाफ अल्पसंख्यक समुदाय के लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे थे जिसमें से करीब 150 लोग उस शख्स पर हमले के लिए पुलिस स्टेशन पर इकट्ठा हो गए थे और पुलिसकर्मियों से आरोपी को सौंप देने की मांग कर रहे थे।

भीड़ ने पुलिस को चेतावनी दी थी कि यदि उसे बचाने का प्रयास किया गया तो उन्हें भी नहीं छोड़ा जाएगा। भीड़ पुलिस स्टेशन में घुसने का प्रयास कर रही थी। इसके बाद भीड़ ने डंडों और पत्थरों से पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया था जिससे कई पुलिसकर्मी घायल हो गए और कई सरकारी एवं निजी वाहनों को तोड़ फोड़ की गई थी। इस मामले में ओल्ड हुबली टाउन पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दंगा, हत्या का प्रयास, सरकारी अधिकारियों पर हमला, सरकारी और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के तहत मामला दर्ज किया था।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ एफआईआर, MUDA स्कैम मामले में बढ़ सकती हैं मुश्किलें

#firagainstkarnatakacmsiddaramaiah

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने शुक्रवार को मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) घोटाले मामले में एफआईआर दर्ज की है। कर्नाटक के एक स्पेशल कोर्ट ने लोकायुक्त टीम को जांच का जिम्मा सौंपा है। याचिकाकर्ता स्नेहमयी कृष्णा की याचिका पर फैसला सुनाते हुए जन प्रतिनिधि कोर्ट ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने अपने फैसले में कर्नाटक लोकयुक्त से इस मामले की जांच कर तीन महीने के अंदर रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद आज मैसूरु लोकयुक्त पुलिस ने मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला दर्ज किया।

लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, बेनामी संपत्ति लेनदेन अधिनियम और भूमि कब्जा निवारण अधिनियम के तहत अदालत द्वारा निर्धारित आईपीसी धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज की। सीएम सिद्धारमैया पर आरोप A 1 है, पत्नी पार्वती पर आरोप A 2 है। वहीं, मुख्यमंत्री के साले मल्लिकार्जुन स्वामी को आरोपी नम्बर 3 और देवराज को आरोपी नम्बर 4 बनाया गया है। मुख्यमंत्री पर अपने अधिकारों को दुरुपयोग करके उनकी पत्नी के नाम मैसुरु में MUDA साइट आवंटित करने का आरोप लगा है।

सिद्धरमैया ने बीजेपी पर साधा निशाना

वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को दावा किया कि मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) भूमि आवंटन मामले में उन्हें इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि विपक्ष उनसे डरता है। इसके साथ ही, सिद्धरमैया ने कहा कि यह उनके खिलाफ पहला राजनीतिक मामला है। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि मामले में अदालत द्वारा उनके खिलाफ जांच का आदेश दिये जाने के बाद भी वह इस्तीफा नहीं देंगे क्योंकि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि वह कानूनी रूप से लड़ाई लड़ेंगे।

केंद्र सरकार पर सीबीआई, ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों और देश भर में विपक्ष शासित राज्यों में राज्यपाल के कार्यालय का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि प्रशासन में राज्यपाल के ‘हस्तक्षेप’ के मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर बहस की जरूरत है।

खरगे ने क्या कहा?

इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बेंगलुरु में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा। उन्होंने कहा कि MUDA के लोग जो चाहें वे कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं। यह जरूरी नहीं है कि सरकार उसके सभी सवालों का जवाब दें, क्योंकि वह एक स्वायत्त निकाय होने के कारण कार्रवाई कर ही सकता है।

खरगे ने सीएम सिद्धारमैया का समर्थन करते हुए कहा कि उनलोगों निजी तौर पर कोई भी अपराध यदि किया हो तो इसके लिए वह खुद ही जिम्मेदार हैं, लेकिन वह ऐसा मानते हैं कि उन्होंने ऐसा कोई भी अपराध नहीं किया है। उन्हें बदनाम किया जा रहा है। पार्टी को बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने साफ कहा कि सिद्धारमैया का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता है।

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने बदला रामनगर जिले का नाम, बीजेपी बोली- श्री राम से इतनी नफरत क्यों

#karnatakagovtchangeramnagardistrictnamebjpjdscriticises

कर्नाटक सरकार ने रामनगर जिले का नाम बदलकर बेंगलुरु दक्षिण करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। सरकार के इस फैसले का भाजपा और जेडीएस ने विरोध किया है। कर्नाटक सरकार के इस फैसले को लेकर बीजेपी ने आलोचना की है, उन्होंने पार्टी पर राम विरोधी होने का भी आरोप लगाया है। वहीं, कहना है कि रामनगर में रियल एस्टेट को बढ़ाने की मंशा से नाम बदला गया है। इस तरह के कदम से विकास नहीं होगा। केंद्रीय मंत्री डीके कुमारस्वामी ने रामनगर का नाम बदलने को लेकर डीके शिवकुमार की आलोचना की और आमरण अनशन करने की चेतावनी दी है।

कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार यानी 26 जुलाई को एक बड़ा फैसला लिया, जिसमें रामनगर जिले का नाम बदलकर बेंगलुरु साउथ रखा जा रहा है। यह फैसला मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। इस बात की घोषणा कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री एच के पाटिल ने की। एच के पाटिल ने कहा, हमने रामनगर जिले का नाम बदलकर बेंगलुरु दक्षिण करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा, 'नाम बदलने का फैसला वहां के लोगों की मांग पर किया गया है। राजस्व विभाग इस प्रक्रिया को शुरू करेगा। उन्होंने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों कहा, सिर्फ जिले का नाम बदलेगा, बाकी सब वही रहेगा।

उन्हें राम के नाम से भी समस्या- प्रल्हाद जोशी

केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद प्रल्हाद जोशी ने कर्नाटक सरकार के इस फैसले पर निशाना साधा है। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, रामनगर जिले का नाम बदलने का ये फैसला राम और राम मंदिर के प्रति उनकी एलर्जी को दर्शाता है। यहां तक कि अब उन्हें राम के नाम से भी समस्या होने लगी। 

कांग्रेस ने पहले भी भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया है-पूनावाला

वहीं, बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) से जुड़े कई घोटालों में कांग्रेस सरकार के शामिल होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार अन्य मुद्दों और जनता की परेशानियों से जनता का ध्यान भटका रही है, सरकार इन सभी को दूर करने की बजाय रामनगर जिले का नाम बदलने का विकल्प चुना। उन्होंने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी को भगवान श्री राम से इतनी नफरत क्यों है? कर्नाटक में, जहां ‘मुडा घोटाला’ और ‘वाल्मीकि घोटाला’ जैसे घोटाले चल रहे हैं, वहां जनता के मुद्दों को सुलझाने के बजाय रामनगर का नाम बदल दिया गया। पूनावाला ने कांग्रेस से सवाल करते हुए कहा कि क्या कर्नाटक सरकार ने यह फैसला अपने रियल एस्टेट के फील्ड में शामिल दोस्तों के फायदे के लिए और भगवान राम के लिए दुश्मनी की वजह से लिया है। उन्होंने आगे कांग्रेस के खिलाफ बोलते हुए कहा कि कांग्रेस ने पहले भी भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया है, इतना ही नहीं उन्होंने राम मंदिर बनाने के समय भी विरोध किया था, कांग्रेस ने हिंदू आतंकवाद का भी कई बार जिक्र किया है। कांग्रेस के सहयोगियों ने रामचरितमानस के बारे में भी अपमानजनक टिप्पणी की है।

कुमारस्वामी ने अनशन पर बैठने की दी धमकी

वहीं, केंद्रीय मंत्री कुमारस्वामी ने रामनगर का नाम बदलने को लेकर डीके शिवकुमार की आलोचना की और आमरण अनशन करने की चेतावनी दी है। केंद्रीय मंत्री डीके कुमारस्वामी ने कहा, रामनगर से मेरा कोई कारोबारी रिश्ता नहीं, बल्कि भावनात्मक रिश्ता है। अगर रामनगर जिले का नाम बदला जाता है तो मैं अपनी जान जोखिम में डालने और खराब स्वास्थ्य के बावजूद आमरण अनशन पर बैठने के लिए तैयार हूँ। आखिरी क्षण तक मैं उस जिले के गौरव की रक्षा के लिए लडूँगा।

Mettur Dam’s Water Level Rises By 30ft In Seven Days

The water level in the Stanley Reservoir at Mettur dam rose by 30 feet in a span of seven days (from July 15 to July 22), following the release of water by Karnataka from the Krishnaraja Sagar and Kabini dams.

Karnataka released water at the rate of 20,000 cusecs into the river Cauvery on July 14. Later, they increased it up to 80,000 cusecs.

Mettur dam’s water level increased steadily as the inflow level was higher than the outflow level. A water resources department official said the water level at the dam was 44.62 feet against its full capacity of 120 feet.

It crossed 75 feet on Monday. The inflow was measured at a rate of 64,033 cusecs while the discharging rate for drinking water purposes is being maintained at 1,000 cusecs” he added.

An official from the Central Water Commission said officials in Karnataka reduced the water discharging level from 80,000 cusecs to 63,101 cusecs on Monday. While water was released from the KRS dam at the rate of 35,917 cusecs, the rest was released from the Kabini dam.

“The water inflow level at Biligundlu - the entry point of Tamil Nadu for the Cauvery River in Krishnagiri district, measured at the rate of 65,000 cusecs on Monday evening,” he said.

Meanwhile, the Dharmapuri district administration continued the ban on bathing, fishing, and coracle riding at Hogenakkal for the seventh day on Monday. District collector K Santhi imposed the ban on July 15 due to the increased inflow of water in the river.

Discover the recent rise in water levels at Pillur, Siruvani, and Aliyar dams in Coimbatore. Heavy rainfall has led to a substantial increase, ensuring a steady water supply for the region. Stay informed about the water management efforts for the districts.

Read about the rising water levels in the Godavari river, affecting several mandals in ASR district. Transportation disruptions between Andhra Pradesh and Odisha due to heavy rains. Stay updated on the relief efforts and NDRF team deployments in the affected areas.

Discover how recent heavy rainfall is filling up the KRS dam in Kodagu and Mysuru districts. Find out about flood warnings and the impact on the Cauvery basin in Karnataka.

कर्नाटक में नया सियासी नाटक, वोक्कालिगा संत ने कर दी शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने की मांग

#disputeinkarnatakacongressovercmpostvokkaligasaintsupportd_k 

कर्नाटक में नया सियासी ड्रामा शुरू हो गया है। सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर जारी सत्ता संघर्ष के बीच वोक्कालिगा समुदाय से ताल्लुक रखने वाले एक महंत ने सार्वजनिक रूप से कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से पद छोड़ने और राज्य के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को सत्ता सौंपने का आग्रह किया। एक वोक्कालिगा संत ने गुरुवार को कहा कि कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया को पद छोड़ देना चाहिए और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार जगह देनी चाहिए।महंत की यह अपील ऐसे समय में आई है, जब सिद्धरमैया मंत्रिमंडल में तीन और उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग बढ़ रही है।

कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष और राज्य के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय से हैं। यह समुदाय राज्य के दक्षिणी भागों में एक प्रमुख समुदाय है। चंद्रशेखरनाथ स्वामी ने कहा, "राज्य में हर कोई मुख्यमंत्री बन गया है और सत्ता का सुख सभी ने भोगा है, लेकिन हमारे डीके शिवकुमार अभी तक मुख्यमंत्री नहीं बन पाए हैं, इसलिए अनुरोध है कि सिद्धरमैया कृपया हमारे डीके शिवकुमार को सत्ता सौंप दें और उन्हें आशीर्वाद दें। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "सिद्धरमैया अगर मन बना लें तो ही यह संभव है, अन्यथा नहीं, इसलिए नमस्कार के साथ मैं सिद्धरमैया से अनुरोध करता हूं कि वह डी.के. शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाएं।"

वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं डीके

उन्होंने यह बयान कैंपा गौड़ा जयंती समारोह में उस समय दिया, जब मंच पर शिवकुमार और सिद्धारमैया दोनों मौजूद थे। इसके बाद स्वामी निर्मलानंद ने भी डीके शिवकुमार को सीएम बनाने की वकालत की। बता दें कि डीके वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं और विधानसभा चुनाव के दौरान मठ की ओर से कांग्रेस को खुले तौर पर समर्थन मिला था। ओल्ड मैसुरू इलाके में मठ की अपील का फायदा भी कांग्रेस को मिला था।

सिद्धारमैया बोले- पार्टी जो कहेगा, हम वही करेंगे

संत की इस अपील को लेकर सिद्धारमैया से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस हाईकमान पार्टी है। यह लोकतंत्र है। हम वही करेंगे जो हाईकमान हमें करने को कहेगा। वहीं शिवकुमार ने कहा कि कुछ बातें कही गईं हैं। मैं और सिद्धारमैया दोनों ही राज्य के रुके हुए प्रोजेक्ट्स के बारे में राज्य के सांसदों से बात करने के लिए नई दिल्ली जा रहे हैं।

सिद्धारमैया के समर्थक ने उठाई तीन डिप्टी सीएम की मांग

वहीं, सिद्धारमैया के समर्थक मंत्रियों केएन राजन्ना, बी जेड ज़मीर अहमद खान और सतीश जरकीहोली ने तीन डिप्टी सीएम की मांग रख दी। माना जा रहा है कि मंत्रियों ने डीके शिवकुमार को काबू में करने के लिए तीन डिप्टी सीएम का मुद्दा उछाला गया है। अभी कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने एक वर्ष का कार्यकाल पूरा किया है और डीके फॉर्मूले तहत सीएम पद के दावेदार हैं। 

शह और मात का खेल शुरू

लोकसभा चुनाव के बाद कर्नाटक कांग्रेस में सीएम पद को लेकर शह और मात का खेल शुरू हो गया है। डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार से समर्थक खुले तौर पर नेतृत्व परिवर्तन का राग छेड़ा है तो सिद्धारमैया समर्थक मंत्रियों ने तीन डिप्टी सीएम के फॉर्मूले को लागू करने का दांव चल दिया है। कई मंत्री लिंगायत, दलित और अल्पसंख्यक डिप्टी सीएम बनाने के लिए आवाज बुलंद करने लगे हैं। इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के बदलाव की मांग भी शुरू हो गई है। यह पद अभी डीके शिवकुमार के पास ही है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट मानते हैं कि विधानसभा चुनाव के बाद निकाले गए फॉर्मूले के तहत डीके शिवकुमार सीएम पद के दावेदार हैं। पार्टी में वह संकटमोचक के तौर पर उभरे हैं। उन्हें केंद्रीय नेतृत्व का विश्वास भी हासिल है, ऐसे में सिद्धारमैया समर्थकों ने प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू कर दी है। फिलहाल इस खेल के शुरू होने के बाद डीके शिवकुमार ने चुप्पी साध रखी है।

सिद्धारमैया के मंत्री ने भगवान श्री कृष्ण से की प्रज्वल रेवन्ना की तुलना, बीजेपी ने मांगा इस्तीफा

#karnatakaministercomparessexualharassmentaccusedmprevannatolordkrishna

कर्नाटक में इस समय सियासी बवाल मचा हुआ है।जनता दल (सेक्युलर) के सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर कई महिलाओं का यौन शोषण का आरोप लगा है। जिसके बाद आरोप-प्रत्यारोपों का दौरा जारी है। इस बीच कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार के एक मंत्री ने एच डी देवगौड़ा के पोते आरोपी प्रज्वल की तुलना भगवान कृष्ण से करके नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। कर्नाटक के आबकारी मंत्री रामप्पा तिम्मापुर ने हासन के सांसद प्रज्वल रेवन्ना की तुलना भगवान श्रीकृष्ण से कर दी। उन्होंने कहा कि प्रज्वल रेवन्ना भगवान कृष्ण से आगे निकलना चाहते थे। 

एक वायरल वीडियो मं सिद्धारमैया सरकार में उत्पाद शुल्क मंत्री रामप्पा तिम्मापुर रेवन्ना के बारे में कहते हैं ‘जैसा कि एमबी पाटिल ने कहा, यह पेनड्राइव मुद्दा है। देश में इससे बुरा कुछ भी नहीं हुआ है। यह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बना सकता है। भगवान कृष्ण भक्ति के साथ कई महिलाओं के साथ रहते थे। मुझे लगता है कि वह उस रिकॉर्ड को तोड़ना चाहते हैं।’ यह टिप्पणी मंत्री रामप्पा में विजयपुरा में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में किया। उनका पूरा भाषण कन्नड़ में है।

बीजेपी ने की इस्तीफे की मांग

रामप्पा थिम्मापुर द्वारा प्रज्वल रेवन्ना की तुलना भगवान श्री कृष्ण से करने की बात ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। कांग्रेसी मंत्री के इस बयान के बाद कर्नाटक में बवाल मच गया है। इस वीडियो के वायरल होते ही बीजेपी आक्रामक हो गई और हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए मंत्री से माफी मांगने को कहा है। बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री सीटी रवि ने कहा, कर्नाटक सरकार में मंत्री कांग्रेस नेता ने भगवान कृष्ण का अपमान किया है। उन्हें तुरंत मंत्रिमंडल और पार्टी से हटाया जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो हम उनके खिलाफ आंदोलन करेंगे।

रेवन्ना पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न कर रिकॉर्ड करने का आरोप

बता दें कि जेडी (एस) सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने और उन्हें अपने फोन पर रिकॉर्ड करने का आरोप लगाया गया है। 28 अप्रैल को एक 47 वर्षीय महिला ने सांसद, जो पूर्व प्रधान मंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते भी हैं, के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और उन पर उसे और उसकी बेटी को परेशान करने का आरोप लगाया। कुछ ही देर बाद और भी महिलाएं शिकायत लेकर सामने आईं। प्रज्वल को 30 अप्रैल को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। रेवन्ना पर यौन कृत्य करते समय 70 से अधिक महिलाओं की लगभग 3,000 वीडियो क्लिप फिल्माने का आरोप है।

दक्षिण भारतीय राज्यों पर बीजेपी का फोकस, प्रधानमंत्री मोदी आज कर्नाटक और महाराष्ट्र में करेंगे चुनाव प्रचार

#pmmodiwillholdapublicmeetinginkarnataka

लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग 19 अप्रैल को खत्म हो गई। अब दूसरे फेज की वोटिंग से पहले बीजेपी ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण भारत में एक के बाद कई जनसभाओं को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एक के बाद एक दो राज्यों का दौरा करेंगे। सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी महाराष्ट्र के नांदेड़ में जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद महाराष्ट्र के परभणी में उनकी जनसभा होगी। महाराष्ट्र के बाद पीएम मोदी कर्नाटक के चिक्काबल्लापुर में रैली करेंगे। चिक्काबल्लापुर के बाद बेंगलुरु उत्तर में जनसभा को संबोधित करेंगे।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई के मुताबिक, मोदी दोपहर बाद 2 बजे चिकबल्लापुर के चोक्काहल्ली गांव में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। पार्टी ने राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के सुधाकर को इस निर्वाचन क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया है। इसके बाद प्रधानमंत्री बेंगलुरु जाएंगे और शाम 4 बजे पैलेस ग्राउंड में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। इस दौरान पीएम मोदी केंद्र में तीसरी बार सरकार बनाने के लिए जनता का आशीर्वाद मांगते नजर आएंगे।

चुनाव की घोषणा के बाद पीएम मोदी का कर्नाटक का चौथा दौरा

बेंगलुरु शहर भाजपा का गढ़ है, क्योंकि यहां के तीनों सांसद भाजपा के हैं। लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद से मोदी का यह कर्नाटक का चौथा दौरा होगा। उनकी पहली जनसभा 16 मार्च को चुनाव की तारीखों की घोषणा के दिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के गृह क्षेत्र कलबुर्गी में हुई थी। उनकी अगली जनसभा शिवमोगा में हुई थी। मोदी 14 अप्रैल को मैसूरु और मंगलुरु में थे।

अमित शाह 23 और 24 अप्रैल को कर्नाटक में रहेंगे

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 23 और 24 अप्रैल को कर्नाटक में रहेंगे, जहां वह कई चुनाव अभियानों में हिस्सा लेंगे। सुलीन कुमार ने कहा कि शाह 23 अप्रैल को बेंगलुरु के विभिन्न हिस्सों में रोड़ शो करेंगे और अगले दिन वह चिक्कमगलुरु, तुमकुरु और हुबली में जनसभाओं को संबोधित करेंगे। 23 अप्रैल को यशवंतपुर में एक रोड शो होगा।

*উত্তরবঙ্গ সফর পথে দমদম বিমানবন্দরে শুভেন্দু অধিকারী জানালেন*
#Shuvendu_ Adhikari _is _the Leader of the Opposition _in the _BJP _Legislative Assembly


*এসবি নিউজ ব্যুরো:*

*চপারে আয়কর হানা প্রসঙ্গে*

যেদিন কমিশনের ফুল বেঞ্চ দিল্লিতে প্রেসমিট করেছিল সেদিনই তারা বলেছিল, রাজনৈতিক নেতারা যে চাটার্ড ফ্লাইট বা চপার ব্যবহার করবেন সেখানে তল্লাশি করা হবে। সেই দায়িত্ব আয়কর বিভাগ কে দেওয়া হয়েছিল। একবার মনে করে দেখুন। স্বাভাবিক ভাবেই দেশের আইন সবার জন্য সমান। আইন আলাদা হতে পারেনা। এখানে পিসি ও ভাইপোর জন্য আলাদা আইন হবে না। আপনারও একটা ভোট। দেশের রাষ্ট্রপতিরও একটা ভোট। তিনি ভিডিওগ্রাফি করেছেন, করতে পারেন।

*জোর করে বয়ান আদায়ের চেষ্টা : শেখ শাহাজাহান*
আমি বলতে পারব না। ওটা ওদের অভ্যন্তরীণ বক্তব্য। তদন্তকারী সংস্থার অভ্যন্তরীণ বিষয়। তবে শেখ শাহাজাহান যে অভিযুক্ত এটা সন্দেশখালির লোকেরাই বলেছে। গতকালও আমার পদযাত্রা ছিল ওখানে। মা বোনেরা বলেছেন তারা নতুন করে পয়লা বৈশাখ পালন করেছেন। স্বাভাবিকভাবেই প্রমাণিত, যা যা অভিযোগ হয়েছে তাতে শেখ শাহাজাহান যুক্ত‌

*উত্তরবঙ্গের ত্রাণ বিতর্ক*
ওরা মিথ্যাবাদী। পিসি মিথ্যাবাদী। ভাইপো মিথ্যাবাদী।৯ তারিখ অনুমতি পেয়ে গেছে। ১২ তারিখ হাওয়া গরম করছে যে অনুমতি দেওয়া হয়নি। পিসি ভাইপো দুজন মিলে বাজার গরম করছে। আমাকে নবান্ন থেকে লোক কাল এটা পাঠিয়ে দিয়েছে। আমি ট্যুইট করে দিয়েছি। সব অফিসাররা এখনও পিসি ভাইপোর পে রোলে যায়নি। এখনও মেরুদন্ড অনেকের সোজা আছে।
నోట్ల గుట్టలు.. బంగారం సంచులు.. ఎన్నికల వేళ భారీగా పట్టివేత

లోక్‌సభ ఎన్నికలు (Lok sabha Elections) సమీపిస్తున్న వేళ కర్ణాటక (Karnataka)లో భారీగా అక్రమ నగదు, బంగారం బయటపడటం తీవ్ర కలకలం రేపింది..

బళ్లారి (Bellary)లో ఓ వ్యాపారి ఇంట్లో పోలీసులు సోదాలు జరపగా.. రూ.7.6 కోట్ల నగదు, బంగారు, వెండి ఆభరణాలను గుర్తించారు.

బళ్లారిలో హవాలా కార్యకలాపాలు జరుగుతున్నట్లు విశ్వసనీయ వర్గాల నుంచి సమాచారం రావడంతో బ్రూస్‌పేట్‌ పోలీసులు రంగంలోకి దిగారు. స్థానిక ఆభరణాల వ్యాపారి నరేశ్‌ సోనీ ఇంట్లో ఆకస్మిక సోదాలు చేపట్టారు. లెక్కల్లోకి రాని భారీ నగదు, ఆభరణాలను గుర్తించారు. రూ.5.6 కోట్ల కరెన్సీ, 103 కిలోల వెండి ఆభరణాలు, 68 వెండి కడ్డీలు, 3 కిలోల బంగారు నగలను పోలీసులు స్వాధీనం చేసుకున్నారు.

హవాలా మార్గంలో వీటిని తీసుకొచ్చి ఉంటారన్న అనుమానంతో పోలీసులు దర్యాప్తు చేపట్టారు. వ్యాపారి నరేశ్‌ను అదుపులోకి తీసుకుని విచారిస్తున్నారు. ఈ వివరాలను ఆదాయపు పన్ను విభాగానికి అందజేస్తామని, అనంతరం ఐటీ అధికారులు దీనిపై తదుపరి దర్యాప్తు చేపడుతారని తెలిపారు. పోలింగ్‌ దగ్గరపడుతున్న వేళ ఈ ఘటన స్థానికంగా తీవ్ర కలకలం రేపింది. కర్ణాటకలోని మొత్తం 28 లోక్‌సభ స్థానాలకు రెండు దశల్లో ఏప్రిల్‌ 26, మే 4వ తేదీన పోలింగ్‌ జరగనుంది.

स्वदेशी स्पेस शटल “पुष्पक” विमान की सफलतापूर्वक लैंडिंग, कर्नाटक के एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज से भरी उड़ान

#isrolaunchedrlvpushpakrocketfromkarnataka

आपने रावण के पुष्पक विमान के बारे में तो सुना ही होगा। इन दिनों देश में पुष्पक विमान की चर्चा एक बार फिर शुरू हो गई है। त्रेता युग के बाद अब 21वीं सदी में फिर से पुष्पक विमान आसमान में उड़ान भरने के लिए तैयार है। दरअसल, इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन यानी इसरो ने स्वदेशी स्पेस शटल की सफलतापूर्व लैंडिंग कराई। इस स्वदेशी स्पेस शटल का नाम पुष्पक विमान रखा गया है। इसे कर्नाटक के चित्रदुर्ग के एरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में सुबह करीब 7.10 बजे हेलीकॉप्टर से 4.5 किमी की ऊंचाई तक ले जाया गया और रनवे पर ऑटोनॉमस लैंडिंग के लिए छोड़ा गया। 

लॉन्चिंग के बाद विमान ने सफल लैंडिंग भी की। इसरो ने आज सुबह 7 बजे कर्नाटक के चित्रदुर्ग स्थित एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज (एटीआर) में आयोजित इस परीक्षण को सफलतापूर्वक पूरा किया। आरएलवी लेक्स-02 लैंडिंग प्रयोग के माध्यम से लॉन्च कर, री-यूजेबल लॉन्च व्हीकल (आरएलवी) प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। री-यूजेबल लॉन्च व्हीकल यानी आरएलवी के क्षेत्र में इसरो की ये एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। 

इस परीक्षण के जरिए इसरो ने री-यूजेबल लॉन्च व्हीकल की ऑटोनोमस लैंडिक की क्षमता का प्रदर्शन किया। पंखों वाले इस व्हीकल को अधिक कठिन युद्धाभ्यास करने, क्रॉस रें और डाउनरेंज दोनों को सही करने और पूरी तरह से ऑटोनोमस मोड में रनवे पर उतरने के लिए तैयार किया गया है।

स्पेस तक पहुंच को सबसे किफायती बनाने की भारत की कोशिश- इसरो चीफ

इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) के चीफ एस सोमनाथ ने कहा, पुष्पक लॉन्च व्हीकल स्पेस तक पहुंच को सबसे किफायती बनाने का भारत की एक साहसिक कोशिश है. ये भारत का फ्यूचरिस्टिक री-यूजेबल लॉन्च व्हीकल है। इसका सबसे ऊपरी हिस्सा सबसे महंगा है, इसी में महंगे इलेक्ट्रॉनिक्स लगे हैं। इस वजह से ये स्पेस शटल उड़ान भरने के बाद सुरक्षित रूप से धरती पर वापस आ सकता है। बाद में ये इन-ऑर्बिट सैटेलाइट और रिट्राइबिंग सैटेलाइट में री-फ्यूलिंग का काम भी कर सकता है।" ISRO चीफ ने कहा कि भारत स्पेस में मलबे को कम करना चाहता है। पुष्पक विमान उसी दिशा में उठाया गया एक कदम है।"

पुष्पक विमान की खास बातें

-पुष्पक RLV एक स्वदेशी स्पेस शटल है, कुछ साल में हमारे एस्ट्रोनॉट्स इसके बड़े वर्जन में कार्गो डालकर अंतरिक्ष तक पहुंचा सकते हैं।

-इसके जरिए सैटेलाइट भी लॉन्च किए जा सकते हैं। यह सैटेलाइट को अंतरिक्ष में छोड़कर वापस आएगा, ताकि फिर से उड़ान भर सके।

-इसके जरिए किसी भी देश के ऊपर जासूसी करवा सकते हैं। यहां तक की हमले भी किए जा सकते हैं।

-ये अंतरिक्ष में ही दुश्मन की सैटेलाइट को बर्बाद कर सकता हैं।

-यह एक ऑटोमेटेड रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल है।ऐसे विमानों से डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW) चला सकते हैं।

-पुष्पक विमान की लंबाई 6.5 मीटर है और इसका वजन 1.75 टन हैइसे इंडियन एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर से उड़ाया जाएगा।

-इसके छोटे थ्रस्टर्स व्हीकल को ठीक उसी लोकेशन पर जाने में मदद करेंगे, जहां उसे लैंड करना है।

-सरकार ने इस प्रोजेक्ट में 100 करोड़ रुपये से अधिक का इंवेस्टमेंट किया है, जो एक मील का पत्थर है।क्योंकि देश 2035 तक अपना खुद का स्पेस स्टेशन बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

कर्नाटक सरकार ने दंगाइयों के खिलाफ केस वापस लिया, बीजेपी बोली- कांग्रेस कर रही आतंकवादियों का समर्थन

#karnatakagovtwithdraws2022hubballiriotcase

कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार ने 2022 के हुबली दंगों से जुड़े मामले को वापस ले लिया है। इस केस में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता मोहम्मद आरिफ समेत 139 लोगों के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज था। इन पर पुलिस पर हमला करने और पुलिस स्टेशन में घुसने की धमकी देने का आरोप था। इस फैसले की वजह से भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाया है।

राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि सरकार के पास कुछ मामले वापस लेने की शक्ति है, जिसके तहत ही यह फैसला लिया गया है। गृहमंत्री के नेतृत्व में कैबिनेट उपसमिति की सिफारिश पर यह निर्णय किया गया है। बीजेपी के विरोध पर उन्होंने कहा कि उन लोगों की आदत है झूठे और गलत मुद्दों पर विरोध करने की। सरकार ने यह फैसला मुस्लिम संगठन अंजुमन-ए-इस्लाम की मांग पर लिया है। इस फैसले के तहत सरकार ने 43 ऐसे केस वापस ले लिए हैं।

बीजेपी ने क्या कहा?

कर्नाटक सरकार के इस फैसले के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाया है।बीजेपी का कहना है कि कानून और पुलिस विभाग के विरोध के बावजूद यह केस वापस लिया गया है। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा, कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने कानून और पुलिस विभाग के विरोध के बावजूद पुराने हुबली पुलिस स्टेशन दंगा मामले को वापस ले लिया है। उन्होंने आगे कहा कि उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने हाल ही में सरकार को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि मामले को वापस ले लिया जाए। दंगे और उसके बाद हुए पथराव में कई पुलिस अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। यह और कुछ नहीं बल्कि मुस्लिम तुष्टिकरण को लेकर कांग्रेस की गंदी राजनीति है।

क्या था मामला?

पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में हुबली शहर में एक शख्स ने सोशल मीडिया पर अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ कुछ आपत्तिजनक पोस्ट किया था। जिस कारण उसे पुलिस गिरफ्तार कर हुबली पुलिस स्टेशन ले आई थी। इस पोस्ट के खिलाफ अल्पसंख्यक समुदाय के लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे थे जिसमें से करीब 150 लोग उस शख्स पर हमले के लिए पुलिस स्टेशन पर इकट्ठा हो गए थे और पुलिसकर्मियों से आरोपी को सौंप देने की मांग कर रहे थे।

भीड़ ने पुलिस को चेतावनी दी थी कि यदि उसे बचाने का प्रयास किया गया तो उन्हें भी नहीं छोड़ा जाएगा। भीड़ पुलिस स्टेशन में घुसने का प्रयास कर रही थी। इसके बाद भीड़ ने डंडों और पत्थरों से पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया था जिससे कई पुलिसकर्मी घायल हो गए और कई सरकारी एवं निजी वाहनों को तोड़ फोड़ की गई थी। इस मामले में ओल्ड हुबली टाउन पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दंगा, हत्या का प्रयास, सरकारी अधिकारियों पर हमला, सरकारी और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के तहत मामला दर्ज किया था।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ एफआईआर, MUDA स्कैम मामले में बढ़ सकती हैं मुश्किलें

#firagainstkarnatakacmsiddaramaiah

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने शुक्रवार को मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) घोटाले मामले में एफआईआर दर्ज की है। कर्नाटक के एक स्पेशल कोर्ट ने लोकायुक्त टीम को जांच का जिम्मा सौंपा है। याचिकाकर्ता स्नेहमयी कृष्णा की याचिका पर फैसला सुनाते हुए जन प्रतिनिधि कोर्ट ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने अपने फैसले में कर्नाटक लोकयुक्त से इस मामले की जांच कर तीन महीने के अंदर रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद आज मैसूरु लोकयुक्त पुलिस ने मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला दर्ज किया।

लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, बेनामी संपत्ति लेनदेन अधिनियम और भूमि कब्जा निवारण अधिनियम के तहत अदालत द्वारा निर्धारित आईपीसी धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज की। सीएम सिद्धारमैया पर आरोप A 1 है, पत्नी पार्वती पर आरोप A 2 है। वहीं, मुख्यमंत्री के साले मल्लिकार्जुन स्वामी को आरोपी नम्बर 3 और देवराज को आरोपी नम्बर 4 बनाया गया है। मुख्यमंत्री पर अपने अधिकारों को दुरुपयोग करके उनकी पत्नी के नाम मैसुरु में MUDA साइट आवंटित करने का आरोप लगा है।

सिद्धरमैया ने बीजेपी पर साधा निशाना

वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को दावा किया कि मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) भूमि आवंटन मामले में उन्हें इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि विपक्ष उनसे डरता है। इसके साथ ही, सिद्धरमैया ने कहा कि यह उनके खिलाफ पहला राजनीतिक मामला है। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि मामले में अदालत द्वारा उनके खिलाफ जांच का आदेश दिये जाने के बाद भी वह इस्तीफा नहीं देंगे क्योंकि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि वह कानूनी रूप से लड़ाई लड़ेंगे।

केंद्र सरकार पर सीबीआई, ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों और देश भर में विपक्ष शासित राज्यों में राज्यपाल के कार्यालय का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि प्रशासन में राज्यपाल के ‘हस्तक्षेप’ के मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर बहस की जरूरत है।

खरगे ने क्या कहा?

इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बेंगलुरु में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा। उन्होंने कहा कि MUDA के लोग जो चाहें वे कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं। यह जरूरी नहीं है कि सरकार उसके सभी सवालों का जवाब दें, क्योंकि वह एक स्वायत्त निकाय होने के कारण कार्रवाई कर ही सकता है।

खरगे ने सीएम सिद्धारमैया का समर्थन करते हुए कहा कि उनलोगों निजी तौर पर कोई भी अपराध यदि किया हो तो इसके लिए वह खुद ही जिम्मेदार हैं, लेकिन वह ऐसा मानते हैं कि उन्होंने ऐसा कोई भी अपराध नहीं किया है। उन्हें बदनाम किया जा रहा है। पार्टी को बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने साफ कहा कि सिद्धारमैया का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता है।

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने बदला रामनगर जिले का नाम, बीजेपी बोली- श्री राम से इतनी नफरत क्यों

#karnatakagovtchangeramnagardistrictnamebjpjdscriticises

कर्नाटक सरकार ने रामनगर जिले का नाम बदलकर बेंगलुरु दक्षिण करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। सरकार के इस फैसले का भाजपा और जेडीएस ने विरोध किया है। कर्नाटक सरकार के इस फैसले को लेकर बीजेपी ने आलोचना की है, उन्होंने पार्टी पर राम विरोधी होने का भी आरोप लगाया है। वहीं, कहना है कि रामनगर में रियल एस्टेट को बढ़ाने की मंशा से नाम बदला गया है। इस तरह के कदम से विकास नहीं होगा। केंद्रीय मंत्री डीके कुमारस्वामी ने रामनगर का नाम बदलने को लेकर डीके शिवकुमार की आलोचना की और आमरण अनशन करने की चेतावनी दी है।

कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार यानी 26 जुलाई को एक बड़ा फैसला लिया, जिसमें रामनगर जिले का नाम बदलकर बेंगलुरु साउथ रखा जा रहा है। यह फैसला मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। इस बात की घोषणा कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री एच के पाटिल ने की। एच के पाटिल ने कहा, हमने रामनगर जिले का नाम बदलकर बेंगलुरु दक्षिण करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा, 'नाम बदलने का फैसला वहां के लोगों की मांग पर किया गया है। राजस्व विभाग इस प्रक्रिया को शुरू करेगा। उन्होंने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों कहा, सिर्फ जिले का नाम बदलेगा, बाकी सब वही रहेगा।

उन्हें राम के नाम से भी समस्या- प्रल्हाद जोशी

केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद प्रल्हाद जोशी ने कर्नाटक सरकार के इस फैसले पर निशाना साधा है। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, रामनगर जिले का नाम बदलने का ये फैसला राम और राम मंदिर के प्रति उनकी एलर्जी को दर्शाता है। यहां तक कि अब उन्हें राम के नाम से भी समस्या होने लगी। 

कांग्रेस ने पहले भी भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया है-पूनावाला

वहीं, बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) से जुड़े कई घोटालों में कांग्रेस सरकार के शामिल होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार अन्य मुद्दों और जनता की परेशानियों से जनता का ध्यान भटका रही है, सरकार इन सभी को दूर करने की बजाय रामनगर जिले का नाम बदलने का विकल्प चुना। उन्होंने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी को भगवान श्री राम से इतनी नफरत क्यों है? कर्नाटक में, जहां ‘मुडा घोटाला’ और ‘वाल्मीकि घोटाला’ जैसे घोटाले चल रहे हैं, वहां जनता के मुद्दों को सुलझाने के बजाय रामनगर का नाम बदल दिया गया। पूनावाला ने कांग्रेस से सवाल करते हुए कहा कि क्या कर्नाटक सरकार ने यह फैसला अपने रियल एस्टेट के फील्ड में शामिल दोस्तों के फायदे के लिए और भगवान राम के लिए दुश्मनी की वजह से लिया है। उन्होंने आगे कांग्रेस के खिलाफ बोलते हुए कहा कि कांग्रेस ने पहले भी भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया है, इतना ही नहीं उन्होंने राम मंदिर बनाने के समय भी विरोध किया था, कांग्रेस ने हिंदू आतंकवाद का भी कई बार जिक्र किया है। कांग्रेस के सहयोगियों ने रामचरितमानस के बारे में भी अपमानजनक टिप्पणी की है।

कुमारस्वामी ने अनशन पर बैठने की दी धमकी

वहीं, केंद्रीय मंत्री कुमारस्वामी ने रामनगर का नाम बदलने को लेकर डीके शिवकुमार की आलोचना की और आमरण अनशन करने की चेतावनी दी है। केंद्रीय मंत्री डीके कुमारस्वामी ने कहा, रामनगर से मेरा कोई कारोबारी रिश्ता नहीं, बल्कि भावनात्मक रिश्ता है। अगर रामनगर जिले का नाम बदला जाता है तो मैं अपनी जान जोखिम में डालने और खराब स्वास्थ्य के बावजूद आमरण अनशन पर बैठने के लिए तैयार हूँ। आखिरी क्षण तक मैं उस जिले के गौरव की रक्षा के लिए लडूँगा।

Mettur Dam’s Water Level Rises By 30ft In Seven Days

The water level in the Stanley Reservoir at Mettur dam rose by 30 feet in a span of seven days (from July 15 to July 22), following the release of water by Karnataka from the Krishnaraja Sagar and Kabini dams.

Karnataka released water at the rate of 20,000 cusecs into the river Cauvery on July 14. Later, they increased it up to 80,000 cusecs.

Mettur dam’s water level increased steadily as the inflow level was higher than the outflow level. A water resources department official said the water level at the dam was 44.62 feet against its full capacity of 120 feet.

It crossed 75 feet on Monday. The inflow was measured at a rate of 64,033 cusecs while the discharging rate for drinking water purposes is being maintained at 1,000 cusecs” he added.

An official from the Central Water Commission said officials in Karnataka reduced the water discharging level from 80,000 cusecs to 63,101 cusecs on Monday. While water was released from the KRS dam at the rate of 35,917 cusecs, the rest was released from the Kabini dam.

“The water inflow level at Biligundlu - the entry point of Tamil Nadu for the Cauvery River in Krishnagiri district, measured at the rate of 65,000 cusecs on Monday evening,” he said.

Meanwhile, the Dharmapuri district administration continued the ban on bathing, fishing, and coracle riding at Hogenakkal for the seventh day on Monday. District collector K Santhi imposed the ban on July 15 due to the increased inflow of water in the river.

Discover the recent rise in water levels at Pillur, Siruvani, and Aliyar dams in Coimbatore. Heavy rainfall has led to a substantial increase, ensuring a steady water supply for the region. Stay informed about the water management efforts for the districts.

Read about the rising water levels in the Godavari river, affecting several mandals in ASR district. Transportation disruptions between Andhra Pradesh and Odisha due to heavy rains. Stay updated on the relief efforts and NDRF team deployments in the affected areas.

Discover how recent heavy rainfall is filling up the KRS dam in Kodagu and Mysuru districts. Find out about flood warnings and the impact on the Cauvery basin in Karnataka.

कर्नाटक में नया सियासी नाटक, वोक्कालिगा संत ने कर दी शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने की मांग

#disputeinkarnatakacongressovercmpostvokkaligasaintsupportd_k 

कर्नाटक में नया सियासी ड्रामा शुरू हो गया है। सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर जारी सत्ता संघर्ष के बीच वोक्कालिगा समुदाय से ताल्लुक रखने वाले एक महंत ने सार्वजनिक रूप से कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से पद छोड़ने और राज्य के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को सत्ता सौंपने का आग्रह किया। एक वोक्कालिगा संत ने गुरुवार को कहा कि कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया को पद छोड़ देना चाहिए और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार जगह देनी चाहिए।महंत की यह अपील ऐसे समय में आई है, जब सिद्धरमैया मंत्रिमंडल में तीन और उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग बढ़ रही है।

कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष और राज्य के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय से हैं। यह समुदाय राज्य के दक्षिणी भागों में एक प्रमुख समुदाय है। चंद्रशेखरनाथ स्वामी ने कहा, "राज्य में हर कोई मुख्यमंत्री बन गया है और सत्ता का सुख सभी ने भोगा है, लेकिन हमारे डीके शिवकुमार अभी तक मुख्यमंत्री नहीं बन पाए हैं, इसलिए अनुरोध है कि सिद्धरमैया कृपया हमारे डीके शिवकुमार को सत्ता सौंप दें और उन्हें आशीर्वाद दें। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "सिद्धरमैया अगर मन बना लें तो ही यह संभव है, अन्यथा नहीं, इसलिए नमस्कार के साथ मैं सिद्धरमैया से अनुरोध करता हूं कि वह डी.के. शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाएं।"

वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं डीके

उन्होंने यह बयान कैंपा गौड़ा जयंती समारोह में उस समय दिया, जब मंच पर शिवकुमार और सिद्धारमैया दोनों मौजूद थे। इसके बाद स्वामी निर्मलानंद ने भी डीके शिवकुमार को सीएम बनाने की वकालत की। बता दें कि डीके वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं और विधानसभा चुनाव के दौरान मठ की ओर से कांग्रेस को खुले तौर पर समर्थन मिला था। ओल्ड मैसुरू इलाके में मठ की अपील का फायदा भी कांग्रेस को मिला था।

सिद्धारमैया बोले- पार्टी जो कहेगा, हम वही करेंगे

संत की इस अपील को लेकर सिद्धारमैया से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस हाईकमान पार्टी है। यह लोकतंत्र है। हम वही करेंगे जो हाईकमान हमें करने को कहेगा। वहीं शिवकुमार ने कहा कि कुछ बातें कही गईं हैं। मैं और सिद्धारमैया दोनों ही राज्य के रुके हुए प्रोजेक्ट्स के बारे में राज्य के सांसदों से बात करने के लिए नई दिल्ली जा रहे हैं।

सिद्धारमैया के समर्थक ने उठाई तीन डिप्टी सीएम की मांग

वहीं, सिद्धारमैया के समर्थक मंत्रियों केएन राजन्ना, बी जेड ज़मीर अहमद खान और सतीश जरकीहोली ने तीन डिप्टी सीएम की मांग रख दी। माना जा रहा है कि मंत्रियों ने डीके शिवकुमार को काबू में करने के लिए तीन डिप्टी सीएम का मुद्दा उछाला गया है। अभी कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने एक वर्ष का कार्यकाल पूरा किया है और डीके फॉर्मूले तहत सीएम पद के दावेदार हैं। 

शह और मात का खेल शुरू

लोकसभा चुनाव के बाद कर्नाटक कांग्रेस में सीएम पद को लेकर शह और मात का खेल शुरू हो गया है। डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार से समर्थक खुले तौर पर नेतृत्व परिवर्तन का राग छेड़ा है तो सिद्धारमैया समर्थक मंत्रियों ने तीन डिप्टी सीएम के फॉर्मूले को लागू करने का दांव चल दिया है। कई मंत्री लिंगायत, दलित और अल्पसंख्यक डिप्टी सीएम बनाने के लिए आवाज बुलंद करने लगे हैं। इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के बदलाव की मांग भी शुरू हो गई है। यह पद अभी डीके शिवकुमार के पास ही है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट मानते हैं कि विधानसभा चुनाव के बाद निकाले गए फॉर्मूले के तहत डीके शिवकुमार सीएम पद के दावेदार हैं। पार्टी में वह संकटमोचक के तौर पर उभरे हैं। उन्हें केंद्रीय नेतृत्व का विश्वास भी हासिल है, ऐसे में सिद्धारमैया समर्थकों ने प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू कर दी है। फिलहाल इस खेल के शुरू होने के बाद डीके शिवकुमार ने चुप्पी साध रखी है।

सिद्धारमैया के मंत्री ने भगवान श्री कृष्ण से की प्रज्वल रेवन्ना की तुलना, बीजेपी ने मांगा इस्तीफा

#karnatakaministercomparessexualharassmentaccusedmprevannatolordkrishna

कर्नाटक में इस समय सियासी बवाल मचा हुआ है।जनता दल (सेक्युलर) के सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर कई महिलाओं का यौन शोषण का आरोप लगा है। जिसके बाद आरोप-प्रत्यारोपों का दौरा जारी है। इस बीच कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार के एक मंत्री ने एच डी देवगौड़ा के पोते आरोपी प्रज्वल की तुलना भगवान कृष्ण से करके नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। कर्नाटक के आबकारी मंत्री रामप्पा तिम्मापुर ने हासन के सांसद प्रज्वल रेवन्ना की तुलना भगवान श्रीकृष्ण से कर दी। उन्होंने कहा कि प्रज्वल रेवन्ना भगवान कृष्ण से आगे निकलना चाहते थे। 

एक वायरल वीडियो मं सिद्धारमैया सरकार में उत्पाद शुल्क मंत्री रामप्पा तिम्मापुर रेवन्ना के बारे में कहते हैं ‘जैसा कि एमबी पाटिल ने कहा, यह पेनड्राइव मुद्दा है। देश में इससे बुरा कुछ भी नहीं हुआ है। यह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बना सकता है। भगवान कृष्ण भक्ति के साथ कई महिलाओं के साथ रहते थे। मुझे लगता है कि वह उस रिकॉर्ड को तोड़ना चाहते हैं।’ यह टिप्पणी मंत्री रामप्पा में विजयपुरा में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में किया। उनका पूरा भाषण कन्नड़ में है।

बीजेपी ने की इस्तीफे की मांग

रामप्पा थिम्मापुर द्वारा प्रज्वल रेवन्ना की तुलना भगवान श्री कृष्ण से करने की बात ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। कांग्रेसी मंत्री के इस बयान के बाद कर्नाटक में बवाल मच गया है। इस वीडियो के वायरल होते ही बीजेपी आक्रामक हो गई और हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए मंत्री से माफी मांगने को कहा है। बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री सीटी रवि ने कहा, कर्नाटक सरकार में मंत्री कांग्रेस नेता ने भगवान कृष्ण का अपमान किया है। उन्हें तुरंत मंत्रिमंडल और पार्टी से हटाया जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो हम उनके खिलाफ आंदोलन करेंगे।

रेवन्ना पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न कर रिकॉर्ड करने का आरोप

बता दें कि जेडी (एस) सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने और उन्हें अपने फोन पर रिकॉर्ड करने का आरोप लगाया गया है। 28 अप्रैल को एक 47 वर्षीय महिला ने सांसद, जो पूर्व प्रधान मंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते भी हैं, के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और उन पर उसे और उसकी बेटी को परेशान करने का आरोप लगाया। कुछ ही देर बाद और भी महिलाएं शिकायत लेकर सामने आईं। प्रज्वल को 30 अप्रैल को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। रेवन्ना पर यौन कृत्य करते समय 70 से अधिक महिलाओं की लगभग 3,000 वीडियो क्लिप फिल्माने का आरोप है।

दक्षिण भारतीय राज्यों पर बीजेपी का फोकस, प्रधानमंत्री मोदी आज कर्नाटक और महाराष्ट्र में करेंगे चुनाव प्रचार

#pmmodiwillholdapublicmeetinginkarnataka

लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग 19 अप्रैल को खत्म हो गई। अब दूसरे फेज की वोटिंग से पहले बीजेपी ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण भारत में एक के बाद कई जनसभाओं को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एक के बाद एक दो राज्यों का दौरा करेंगे। सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी महाराष्ट्र के नांदेड़ में जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद महाराष्ट्र के परभणी में उनकी जनसभा होगी। महाराष्ट्र के बाद पीएम मोदी कर्नाटक के चिक्काबल्लापुर में रैली करेंगे। चिक्काबल्लापुर के बाद बेंगलुरु उत्तर में जनसभा को संबोधित करेंगे।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई के मुताबिक, मोदी दोपहर बाद 2 बजे चिकबल्लापुर के चोक्काहल्ली गांव में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। पार्टी ने राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के सुधाकर को इस निर्वाचन क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया है। इसके बाद प्रधानमंत्री बेंगलुरु जाएंगे और शाम 4 बजे पैलेस ग्राउंड में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। इस दौरान पीएम मोदी केंद्र में तीसरी बार सरकार बनाने के लिए जनता का आशीर्वाद मांगते नजर आएंगे।

चुनाव की घोषणा के बाद पीएम मोदी का कर्नाटक का चौथा दौरा

बेंगलुरु शहर भाजपा का गढ़ है, क्योंकि यहां के तीनों सांसद भाजपा के हैं। लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद से मोदी का यह कर्नाटक का चौथा दौरा होगा। उनकी पहली जनसभा 16 मार्च को चुनाव की तारीखों की घोषणा के दिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के गृह क्षेत्र कलबुर्गी में हुई थी। उनकी अगली जनसभा शिवमोगा में हुई थी। मोदी 14 अप्रैल को मैसूरु और मंगलुरु में थे।

अमित शाह 23 और 24 अप्रैल को कर्नाटक में रहेंगे

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 23 और 24 अप्रैल को कर्नाटक में रहेंगे, जहां वह कई चुनाव अभियानों में हिस्सा लेंगे। सुलीन कुमार ने कहा कि शाह 23 अप्रैल को बेंगलुरु के विभिन्न हिस्सों में रोड़ शो करेंगे और अगले दिन वह चिक्कमगलुरु, तुमकुरु और हुबली में जनसभाओं को संबोधित करेंगे। 23 अप्रैल को यशवंतपुर में एक रोड शो होगा।

*উত্তরবঙ্গ সফর পথে দমদম বিমানবন্দরে শুভেন্দু অধিকারী জানালেন*
#Shuvendu_ Adhikari _is _the Leader of the Opposition _in the _BJP _Legislative Assembly


*এসবি নিউজ ব্যুরো:*

*চপারে আয়কর হানা প্রসঙ্গে*

যেদিন কমিশনের ফুল বেঞ্চ দিল্লিতে প্রেসমিট করেছিল সেদিনই তারা বলেছিল, রাজনৈতিক নেতারা যে চাটার্ড ফ্লাইট বা চপার ব্যবহার করবেন সেখানে তল্লাশি করা হবে। সেই দায়িত্ব আয়কর বিভাগ কে দেওয়া হয়েছিল। একবার মনে করে দেখুন। স্বাভাবিক ভাবেই দেশের আইন সবার জন্য সমান। আইন আলাদা হতে পারেনা। এখানে পিসি ও ভাইপোর জন্য আলাদা আইন হবে না। আপনারও একটা ভোট। দেশের রাষ্ট্রপতিরও একটা ভোট। তিনি ভিডিওগ্রাফি করেছেন, করতে পারেন।

*জোর করে বয়ান আদায়ের চেষ্টা : শেখ শাহাজাহান*
আমি বলতে পারব না। ওটা ওদের অভ্যন্তরীণ বক্তব্য। তদন্তকারী সংস্থার অভ্যন্তরীণ বিষয়। তবে শেখ শাহাজাহান যে অভিযুক্ত এটা সন্দেশখালির লোকেরাই বলেছে। গতকালও আমার পদযাত্রা ছিল ওখানে। মা বোনেরা বলেছেন তারা নতুন করে পয়লা বৈশাখ পালন করেছেন। স্বাভাবিকভাবেই প্রমাণিত, যা যা অভিযোগ হয়েছে তাতে শেখ শাহাজাহান যুক্ত‌

*উত্তরবঙ্গের ত্রাণ বিতর্ক*
ওরা মিথ্যাবাদী। পিসি মিথ্যাবাদী। ভাইপো মিথ্যাবাদী।৯ তারিখ অনুমতি পেয়ে গেছে। ১২ তারিখ হাওয়া গরম করছে যে অনুমতি দেওয়া হয়নি। পিসি ভাইপো দুজন মিলে বাজার গরম করছে। আমাকে নবান্ন থেকে লোক কাল এটা পাঠিয়ে দিয়েছে। আমি ট্যুইট করে দিয়েছি। সব অফিসাররা এখনও পিসি ভাইপোর পে রোলে যায়নি। এখনও মেরুদন্ড অনেকের সোজা আছে।
నోట్ల గుట్టలు.. బంగారం సంచులు.. ఎన్నికల వేళ భారీగా పట్టివేత

లోక్‌సభ ఎన్నికలు (Lok sabha Elections) సమీపిస్తున్న వేళ కర్ణాటక (Karnataka)లో భారీగా అక్రమ నగదు, బంగారం బయటపడటం తీవ్ర కలకలం రేపింది..

బళ్లారి (Bellary)లో ఓ వ్యాపారి ఇంట్లో పోలీసులు సోదాలు జరపగా.. రూ.7.6 కోట్ల నగదు, బంగారు, వెండి ఆభరణాలను గుర్తించారు.

బళ్లారిలో హవాలా కార్యకలాపాలు జరుగుతున్నట్లు విశ్వసనీయ వర్గాల నుంచి సమాచారం రావడంతో బ్రూస్‌పేట్‌ పోలీసులు రంగంలోకి దిగారు. స్థానిక ఆభరణాల వ్యాపారి నరేశ్‌ సోనీ ఇంట్లో ఆకస్మిక సోదాలు చేపట్టారు. లెక్కల్లోకి రాని భారీ నగదు, ఆభరణాలను గుర్తించారు. రూ.5.6 కోట్ల కరెన్సీ, 103 కిలోల వెండి ఆభరణాలు, 68 వెండి కడ్డీలు, 3 కిలోల బంగారు నగలను పోలీసులు స్వాధీనం చేసుకున్నారు.

హవాలా మార్గంలో వీటిని తీసుకొచ్చి ఉంటారన్న అనుమానంతో పోలీసులు దర్యాప్తు చేపట్టారు. వ్యాపారి నరేశ్‌ను అదుపులోకి తీసుకుని విచారిస్తున్నారు. ఈ వివరాలను ఆదాయపు పన్ను విభాగానికి అందజేస్తామని, అనంతరం ఐటీ అధికారులు దీనిపై తదుపరి దర్యాప్తు చేపడుతారని తెలిపారు. పోలింగ్‌ దగ్గరపడుతున్న వేళ ఈ ఘటన స్థానికంగా తీవ్ర కలకలం రేపింది. కర్ణాటకలోని మొత్తం 28 లోక్‌సభ స్థానాలకు రెండు దశల్లో ఏప్రిల్‌ 26, మే 4వ తేదీన పోలింగ్‌ జరగనుంది.

स्वदेशी स्पेस शटल “पुष्पक” विमान की सफलतापूर्वक लैंडिंग, कर्नाटक के एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज से भरी उड़ान

#isrolaunchedrlvpushpakrocketfromkarnataka

आपने रावण के पुष्पक विमान के बारे में तो सुना ही होगा। इन दिनों देश में पुष्पक विमान की चर्चा एक बार फिर शुरू हो गई है। त्रेता युग के बाद अब 21वीं सदी में फिर से पुष्पक विमान आसमान में उड़ान भरने के लिए तैयार है। दरअसल, इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन यानी इसरो ने स्वदेशी स्पेस शटल की सफलतापूर्व लैंडिंग कराई। इस स्वदेशी स्पेस शटल का नाम पुष्पक विमान रखा गया है। इसे कर्नाटक के चित्रदुर्ग के एरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में सुबह करीब 7.10 बजे हेलीकॉप्टर से 4.5 किमी की ऊंचाई तक ले जाया गया और रनवे पर ऑटोनॉमस लैंडिंग के लिए छोड़ा गया। 

लॉन्चिंग के बाद विमान ने सफल लैंडिंग भी की। इसरो ने आज सुबह 7 बजे कर्नाटक के चित्रदुर्ग स्थित एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज (एटीआर) में आयोजित इस परीक्षण को सफलतापूर्वक पूरा किया। आरएलवी लेक्स-02 लैंडिंग प्रयोग के माध्यम से लॉन्च कर, री-यूजेबल लॉन्च व्हीकल (आरएलवी) प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। री-यूजेबल लॉन्च व्हीकल यानी आरएलवी के क्षेत्र में इसरो की ये एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। 

इस परीक्षण के जरिए इसरो ने री-यूजेबल लॉन्च व्हीकल की ऑटोनोमस लैंडिक की क्षमता का प्रदर्शन किया। पंखों वाले इस व्हीकल को अधिक कठिन युद्धाभ्यास करने, क्रॉस रें और डाउनरेंज दोनों को सही करने और पूरी तरह से ऑटोनोमस मोड में रनवे पर उतरने के लिए तैयार किया गया है।

स्पेस तक पहुंच को सबसे किफायती बनाने की भारत की कोशिश- इसरो चीफ

इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) के चीफ एस सोमनाथ ने कहा, पुष्पक लॉन्च व्हीकल स्पेस तक पहुंच को सबसे किफायती बनाने का भारत की एक साहसिक कोशिश है. ये भारत का फ्यूचरिस्टिक री-यूजेबल लॉन्च व्हीकल है। इसका सबसे ऊपरी हिस्सा सबसे महंगा है, इसी में महंगे इलेक्ट्रॉनिक्स लगे हैं। इस वजह से ये स्पेस शटल उड़ान भरने के बाद सुरक्षित रूप से धरती पर वापस आ सकता है। बाद में ये इन-ऑर्बिट सैटेलाइट और रिट्राइबिंग सैटेलाइट में री-फ्यूलिंग का काम भी कर सकता है।" ISRO चीफ ने कहा कि भारत स्पेस में मलबे को कम करना चाहता है। पुष्पक विमान उसी दिशा में उठाया गया एक कदम है।"

पुष्पक विमान की खास बातें

-पुष्पक RLV एक स्वदेशी स्पेस शटल है, कुछ साल में हमारे एस्ट्रोनॉट्स इसके बड़े वर्जन में कार्गो डालकर अंतरिक्ष तक पहुंचा सकते हैं।

-इसके जरिए सैटेलाइट भी लॉन्च किए जा सकते हैं। यह सैटेलाइट को अंतरिक्ष में छोड़कर वापस आएगा, ताकि फिर से उड़ान भर सके।

-इसके जरिए किसी भी देश के ऊपर जासूसी करवा सकते हैं। यहां तक की हमले भी किए जा सकते हैं।

-ये अंतरिक्ष में ही दुश्मन की सैटेलाइट को बर्बाद कर सकता हैं।

-यह एक ऑटोमेटेड रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल है।ऐसे विमानों से डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW) चला सकते हैं।

-पुष्पक विमान की लंबाई 6.5 मीटर है और इसका वजन 1.75 टन हैइसे इंडियन एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर से उड़ाया जाएगा।

-इसके छोटे थ्रस्टर्स व्हीकल को ठीक उसी लोकेशन पर जाने में मदद करेंगे, जहां उसे लैंड करना है।

-सरकार ने इस प्रोजेक्ट में 100 करोड़ रुपये से अधिक का इंवेस्टमेंट किया है, जो एक मील का पत्थर है।क्योंकि देश 2035 तक अपना खुद का स्पेस स्टेशन बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।