उत्तर कोरिया में फिर खुला भारतीय दूतावास, क्या इस कूटनीतिक बदलाव की वजह?

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पाकिस्तान हो, चीन या बांग्लादेश, भारत के अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंध बहुत अच्छे नहीं कहे जा सकते हैं। ऐसे में भारत उत्तर कोरिया में राजनायिक संबंध बनाने की ओर अग्रसर है। भारतीय विदेश नीति में हाल ही में एक बड़ा कदम देखा गया जब भारत ने उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में अपना दूतावास दोबारा खोला। कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतियों के चलते भारत ने उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में स्थित अपने दूतावास का संचालन अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था। महामारी के दौरान लागू किए गए कड़े यात्रा प्रतिबंधों और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण दूतावास के कर्मचारियों को वापस बुला लिया गया था। हालांकि, भारत ने उत्तर कोरिया दोबारा चालू कर लिया है।

जुलाई 2021 में भारत ने चुपचाप प्योंगयांग में अपना दूतावास बंद कर दिया और राजदूत अतुल मल्हारी गोत्सुर्वे पूरे स्टाफ के साथ मॉस्को के रास्ते नई दिल्ली लौट आए। हालांकि विदेश मंत्रालय ने कभी भी आधिकारिक तौर पर दूतावास को 'बंद' घोषित नहीं किया, लेकिन जब पत्रकारों ने पूछा कि पूरे स्टाफ को वापस क्यों बुलाया गया, तो उसने कहा कि यह कदम कोविड-19 के कारण उठाया गया था। वर्षों तक प्योंगयांग स्थित राजनयिक मिशन के बारे में कोई अद्यतन जानकारी नहीं दी गई और चौदह महीने पहले गोत्सुर्वे को मंगोलिया में राजदूत के रूप में नई नियुक्ति दी गई।

उत्तर कोरिया के साथ भारत के संबंध थोड़े ढके-छिपे ही रहे हैं। अब ऐसा लगता है कि भारत की कूटनीति में बड़ा बदलाव आया है और भारत ने प्योंगयांग के साथ अपने रिश्तों को मजबूती देने की कोशिश शुरू कर दी है।अब अचानक इस महीने की शुरुआत में भारत ने उत्तर कोरिया में अपने दूतावास का कामकाज फिर से शुरू करने का फैसला किया है। फिलहाल एक तकनीकी और राजनयिक कर्मचारियों की एक टीम को उत्तर कोरिया भेजा गया है। उत्तर कोरिया की सरकार जासूसी के लिए बदनाम भी है, ऐसे में पहले तकनीकी टीम दूतावास की जांच कर रही है। हालांकि अभी किसी राजदूत की नियुक्ति में थोड़ा समय लग सकता है।

उत्तर कोरिया का प्रभाव हाल के वर्षों में काफी बढ़ा है। इसकी वजह है उत्तर कोरिया का परमाणु शक्ति संपन्न होना और साथ ही उत्तर कोरिया ने हाइपरसोनिक मिसाइलों और लंबी दूरी की मिसाइलों का सफल परीक्षण किया है। ऐसे में सामरिक तौर पर उत्तर कोरिया की अहमियत चार वर्ष पहले की तुलना में काफी बढ़ गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत सरकार को ये भी डर है कि उत्तर कोरिया की मिसाइल तकनीक पाकिस्तान या पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के हाथ न लगने पाए, इसलिए भी भारत सरकार उत्तर कोरिया के साथ अपने रिश्तों को सुधारना चाहती है।

उत्तर कोरिया के दो बड़े साझेदार है, जिसमें रूस और चीन शामिल है। इसमें चीन उत्तर कोरिया को अमेरिका और दक्षिण कोरिया के खिलाफ कूटनीतिक और सैन्य दबाव के साधन के रूप में उपयोग करता है। वहीं हाल के कुछ सालों में यूक्रेन युद्ध के बाद, रूस और उत्तर कोरिया के बीच संबंध और प्रगाढ़ हुए। हाल ही में किम जोंग उन ने रूस का दौरा किया, और दोनों देशों ने सैन्य साझेदारी को बढ़ाने का फैसला लिया है।उत्तर कोरिया के साथ संबंध प्रगाढ़ करके भारत, चीन और रूस के साथ अपने कूटनीतिक समीकरणों को मजबूत कर सकता है। इसकी मदद से उत्तर कोरिया के प्राकृतिक संसाधन भारत के लिए निवेश और व्यापार के नए रास्ते खोल सकते हैं।

Pooja Enterprises, led by Mr. Sanjay Kaushal, revolutionizes the uniform and disposable wear industry across India and globally.

Pooja Enterprises from the city of Chandigarh has emerged as a manufacturing and supplying company of supreme quality uniforms and disposable wear. Initially it was operating since 2004 under sole proprietorship but the company has grown into a recognized organization not only in India but also in the international market offering segmented solutions in different sectors such as education, healthcare, corporate & hospitality.

Pooja Enterprises has wide popularity due to the vast assortment in its offer, including school uniform, formal wear, hospital uniform, chefs uniform, disposable shoe cover, disposable bouffant caps, blazers, corporate uniforms, laboratory coat with pocket, beard cover, and plastic disposable gloves. They come in durable material, quality texture and are effective when it comes to color fading; they are comfortable and thus serve the best satisfaction of the professionals and students. In this case the company sets itself apart from other manufacturers of pendants in that they can produce the designs in the logos of the brands in question.

Its collection of school uniforms, skirts, T-shirts, trousers, and the latest KV School Uniform makes Pooja Enterprises stand out in this niche. These uniforms are also crafted with minute attention to detail, offering both style and practicality. It takes the process further by arranging school uniform counters at school premises for easy accessibility by parents and students.

For the corporate world, Pooja Enterprises caters to high-end shirts and T-shirts, providing professional appeal along with comfort. Their hospital uniforms, comprising medical lab coats and other specialized ladies' uniforms, meet high standards for quality and hygiene, as they address the challenging needs of the healthcare industry. Even the hospitality sector benefits from its range of chef coats and designer chef uniforms, which are both functional and fashionable.

Behind the success of the company lies a robust manufacturing facility that is equipped with the latest machinery, enabling bulk production while upholding international standards. Wrinkle-free fabrics and perfect stitching ensure durability and aesthetic appeal for each product. The infrastructure also enables them to deliver orders on time, neatly ironed, and packed.

Mr. Sanjay Kaushal's leadership has greatly contributed to the success story of this company. With his innovative approach and strong connections in the industry, Pooja Enterprises has always been very responsive to the market's demands. Under his guidance, the company has exported its products to the United States, United Kingdom, Germany, Nepal, and Italy, increasing its international presence.

Client satisfaction is at the heart of Pooja Enterprises' philosophy. The company actively seeks feedback to refine its products and services, ensuring that every order meets the unique needs of its clients. With a focus on affordability and reliability, Pooja Enterprises has built strong partnerships with key customers such as Manchanda Mix Bag and New Public Departmental Stores.

As such, the quality assurance in which Pooja Enterprises is certified ensures that only quality raw materials are used to meet domestic and international standards. Their commitment to excellence has earned them a reputation for being unmatched in their quality uniforms and disposable wear. Hence, they emerge as an ideal choice for schools, corporations, hospitals, and hotels.

As the company continues growing, Pooja Enterprises strives to provide innovative, high-quality solutions that meet the demands of its clients while also solidifying its market leadership in the uniform and disposable wear industry.

भारत-श्रीलंका संबंध: वर्षों के दौरान एक संक्षिप्त अवलोकन

#alookatindiasrilanka_relations

भारत और श्रीलंका के बीच संबंध सदियों पुराने और विविध रहे हैं, जिनमें ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक आयाम शामिल हैं। दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक रूप से गहरे सांस्कृतिक और धार्मिक संबंध रहे हैं, लेकिन साथ ही समय-समय पर राजनीतिक और कूटनीतिक उतार-चढ़ाव भी देखे गए हैं।

प्रारंभिक संबंध और सांस्कृतिक समानताएँ

भारत और श्रीलंका के बीच संबंध पहले से ही प्राचीन काल में मजबूत थे, जब बौद्ध धर्म के प्रसार के साथ दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक संबंध स्थापित हुए थे। भारत ने श्रीलंका में बौद्ध धर्म को फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, विशेष रूप से अशोक महान के शासनकाल के दौरान। इस दौरान, दोनों देशों के बीच व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी हुआ।

स्वतंत्रता के बाद: 1947-1970

भारत और श्रीलंका के स्वतंत्रता के बाद, दोनों देशों ने सामरिक और व्यापारिक संबंधों को मजबूत किया। 1948 में श्रीलंका (तत्कालीन सीलोन) ने ब्रिटिश उपनिवेश से स्वतंत्रता प्राप्त की, और भारत ने इसे शीघ्र ही मान्यता दी। 1950 के दशक में, भारत ने श्रीलंका को अपनी स्वतंत्रता की यात्रा में मदद की और दोनों देशों के बीच राजनीतिक और व्यापारिक रिश्ते आगे बढ़े। इस समय, भारत और श्रीलंका के बीच विश्वासपूर्ण कूटनीतिक संबंध बने रहे।

1970s-1980s: तामिल समस्या और युद्ध

1970 और 1980 के दशकों में, दोनों देशों के संबंधों में तनाव बढ़ा, खासकर श्रीलंका में तमिल अल्पसंख्यक की स्थिति को लेकर। 1980 के दशक में श्रीलंकाई सरकार और तमिल संघर्षरत समूहों के बीच हिंसक संघर्ष शुरू हो गया, जिसे भारत ने क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के संदर्भ में देखा। 1987 में, भारत और श्रीलंका के बीच एक ऐतिहासिक समझौता हुआ, जिसे "इंडो-लंकन एग्रीमेंट" कहा जाता है, जिसके तहत भारत ने श्रीलंका में सैन्य हस्तक्षेप किया। हालांकि, यह हस्तक्षेप विवादास्पद साबित हुआ, और 1990 के दशक तक दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आ गई।

2000: कूटनीतिक पुनर्निर्माण

2000 के दशक में, भारत और श्रीलंका ने अपनी कूटनीतिक, सुरक्षा और आर्थिक सहयोग को फिर से स्थापित किया। भारत ने श्रीलंका को आतंकवाद और प्राकृतिक आपदाओं के मामलों में मदद की। इसके अतिरिक्त, व्यापार और आर्थिक संबंध भी मजबूत हुए। हालांकि, श्रीलंका के तमिल आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष के दौरान भारत ने मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर आलोचना की, जो दोनों देशों के रिश्तों में तनाव का कारण बना।

वर्तमान स्थिति: रणनीतिक साझेदारी

हाल के वर्षों में, भारत और श्रीलंका के संबंधों में निरंतर सुधार देखा गया है। श्रीलंका की वर्तमान सरकार ने भारत के साथ आर्थिक, सुरक्षा और कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने का प्रयास किया है। दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश में वृद्धि हुई है, और भारत ने श्रीलंका को कई आर्थिक सहायता प्रदान की है, खासकर कोविड-19 महामारी के दौरान। हालांकि, चीन की बढ़ती उपस्थिति श्रीलंका में, विशेष रूप से बंदरगाहों और बुनियादी ढांचे के विकास में, दोनों देशों के बीच कुछ रणनीतिक चिंताएँ भी उत्पन्न कर रही हैं। भारत ने इस संदर्भ में श्रीलंका को सतर्क किया है, लेकिन यह भी स्पष्ट है कि दोनों देशों के बीच रिश्ते अब पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण और मजबूत हैं।

भारत और श्रीलंका के बीच संबंध एक लंबी और जटिल यात्रा रही है, जिसमें दोनों देशों के बीच सहयोग, विवाद और संघर्ष का मिश्रण रहा है। अब दोनों देशों ने एक दूसरे के साथ अपने रिश्तों को सुधारने और आगे बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। भविष्य में, यदि ये देश एक-दूसरे के साथ कूटनीतिक, सुरक्षा और आर्थिक सहयोग पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो उनके रिश्ते और मजबूत हो सकते हैं, और क्षेत्रीय स्थिरता में योगदान कर सकते हैं।

World’s First Biblical 3D Movie: Jesus and Mother Mary, Title Poster Released at the Vatican, Blessed by Pope Francis

In a historic moment at the Vatican, the first-ever biblical movie in 3D, Jesus and Mother Mary, had its title poster officially unveiled and blessed by Pope Francis. This groundbreaking film, a high-budget production by Rapheal Film Productions, is set to redefine the biblical genre with its advanced 3D technology and a global creative team.

A Special Moment with Pope Francis

During the event, producer Rapheal Pozholiparambil presented Pope Francis with a stunning 3D photograph, a token of gratitude and reverence. The Pope’s blessing marked a spiritual and symbolic beginning for the project, emphasizing its significance in the cinematic and religious world alike.

A Visionary Collaboration

Directed by acclaimed filmmaker Thomas Benjamin and produced by Rapheal Thomas Pozholiparambil, the film showcases a stellar international crew. Jeemon Pullely, the project’s designer and technical director, has ensured a seamless fusion of creativity and technology.

Notably, Chuck Comisky, famed for his stereoscopic direction in Avatar, brings his expertise to the 3D execution of this ambitious project. Special makeup and prosthetics will be handled by the renowned Makinarium, a company based in the UK and Italy. Hong Kong-based Camex leads the intricate artwork, while Dubai’s XRFX spearheads the stereoscopic production. The postproduction will be managed by CG PARK, India, ensuring a flawless cinematic experience.

A Global Gathering

The title poster launch saw a gathering of over 150 industry experts and dignitaries from Hollywood, Europe, the Middle East, and Asia. The event celebrated not only the unveiling of the project but also the spirit of unity and creativity transcending borders.

Jesus and Mother Mary is poised to become a monumental milestone in both biblical storytelling and 3D filmmaking, uniting art, faith, and technology in an unprecedented way. The movie’s release is eagerly awaited by audiences worldwide.

Instagram: https://www.instagram.com/raphealfilmproductions?igsh=MWp4b215aWYzOGVpZg==

Langue Societe Unveils the Future of Language Education, Global Careers and Real-World Insights with Dialect Diaries

About Langue Societe

Langue Societe is a multilingual language institute with a name inspired by the beautiful French phrase meaning The Language Society. We are an edtech startup based in Gurgaon, dedicated to democratizing language learning and empowering individuals globally through flexible, accessible, and transformative education.

 Key Highlights of Our Services: 

1. Accessibility for All 

○ We operate beyond regular hours, ensuring that anyone—whether working professionals in odd shifts or homemakers—can access the privilege of learning a new language.

 2. 100% Online Learning 

○ Our institute offers exclusively online sessions, providing learners the convenience of joining from anywhere in the world. From start to finish, we ensure a seamless, end-to-end learning experience.

3. Empowering Independent Trainers 

○ We offer freelance opportunities for passionate language trainers to work as independent educators from the comfort of their homes, fostering growth and professional independence.

4. Affordable Courses 

○ Our courses are designed to be budget-friendly and inclusive, making language learning accessible for anyone, whether they’re pursuing it out of passion or for professional advancement. 

5. Global Career Focus 

○ Specially crafted courses support students preparing to move abroad for study or work. By promoting global careers and cultural integration, we help learners achieve transformative career milestones.

 6. Dialect Diaries: India’s First Linguistic News & Entertainment Blog 

○ We recently launched Dialect Diaries, India’s first-ever linguistic news and entertainment blog. This platform provides language learners with accurate, up-to-date insights into the world of languages while shielding them from misleading scams and idealized portrayals of different countries. It’s particularly designed for study-abroad aspirants, offering them a realistic understanding of the challenges and opportunities awaiting them.

 About the Visionary Behind Langue Societe 

Shreya Minocha, the founder and CEO, is a polyglot and an ardent lover of languages. She believes that translations often fail to capture the essence of communication, and envisions a world where language learning is seamless and natural.

 Her mission is rooted in the idea that nobody should have to disrupt their lifestyle to acquire a new skill. Language learning, according to her, should be a comfortable, enriching experience that broadens horizons and transforms individuals by exposing them to new worlds and cultures. For Shreya, learning a new language is not just about career progression—it’s about holistic personality development.

 Our Vision 

At Langue Societe, we envision a world where linguistic and cultural barriers are diminished. We believe that most conflicts arise from unexpressed thoughts and misunderstandings due to language gaps. By fostering global integration and understanding through language learning, we aim to create a future rooted in love, collaboration, and unity

https://www.languesociete.com

Empowering Dreams: The Inspiring Success Story of Karthik Raja Karnan and MADique Technologies

Salem, India – December 2024 – The extraordinary journey of Karthik Raja Karnan showcases how creativity, perseverance, and a deep commitment to social impact can transform an industry. As the founder and CEO of MADique Technologies, Karthik has redefined the food processing industry by designing affordable, sustainable, and efficient machinery for small-scale entrepreneurs. His life story is a testament to how a humble beginning can lead to a remarkable legacy. 

Early Life: The Foundation of a Visionary Leader 

Born on May 30, 1994, into a middle-class family in Salem, Tamil Nadu, Karthik grew up in Ammapet, a small town steeped in weaving traditions. His parents, Mr. Karnan and Mrs. Kaladevi were skilled weavers who nurtured Karthik’s curious and inventive nature. Since the family could not afford expensive toys, Karthik began creating his own, showcasing an innate talent for innovation from a young age. Karthik attended a government school, where his aptitude for science and experimentation became evident. Known for applying classroom lessons through practical experiments at home, he earned multiple accolades during his school years, including the Brahma Award, the District-Level Best Student Award, and the State-Level Best Student Award.

From Engineering Graduate to Entrepreneurial Trailblazer 

After excelling academically, Karthik pursued engineering at the Knowledge Institute of Technology in Salem, specializing in Electrical and Electronics. During his college years, he developed several innovative products that earned national recognition. Prestigious honors such as the Young Scientist Award, the Edison Award, and the Dr. A.P.J. Abdul Kalam Award celebrated his creativity and ingenuity. Graduating in 2016, Karthik was offered a job at Titan. However, his entrepreneurial spirit burned brighter. Despite familial pressure to accept the secure job, Karthik made the bold decision to decline the offer and follow his dreams. With little more than his vision and determination, he started a small company in a car shed, becoming its sole employee. 

Overcoming Challenges and Building MADique Technologies 

Karthik’s entrepreneurial journey was far from easy. His first project a Murukku Machine failed, but he remained undeterred. Neighbors mocked him for looking like a “mechanic boy” while his peers secured lucrative jobs. Facing mounting failures, Karthik’s mother repeatedly urged him to take a stable job, but he asked his parents for one year to prove himself. That pivotal year marked a turning point. Karthik successfully developed the Automatic Murukku Machine and the Automatic Idiyappam Machine, which quickly gained popularity. His focus on creating low-cost, high-quality food processing machines helped countless middle-class entrepreneurs launch their businesses. In 2021, Karthik unveiled the world’s smallest Automatic Idiyappam Machine at an unprecedentedly low price, earning a record in the prestigious Kalam Book of World Records. This milestone paved the way for MADique Technologies to expand internationally, reaching over 30 countries. 

Innovating to Empower Small-Scale Food Entrepreneurs Since its inception in 2013, MADique Technologies has become synonymous with innovation, efficiency, and affordability. The company’s flagship product, the Idiyappam Machine, consumes

only 60 watts of power—comparable to a ceiling fan—and produces 400 pieces per hour. Priced at just ₹41,300, the machine enables small-scale entrepreneurs, including housewives, differentlyabled individuals, and rural business owners, to enter the food processing industry without significant financial burdens. MADique’s product range now includes dough kneaders, murukku makers, and other innovative machines designed to simplify food production processes. Over 3,000 entrepreneurs globally have benefited from these technologies, which provide an affordable pathway to success.

 A Commitment to Social Responsibility and Sustainability 

MADique Technologies stands out for its focus on social impact. Karthik offers a 10% discount to differently-abled entrepreneurs, fostering inclusivity in business. In a tribute to his inspiration, Dr. A.P.J. Abdul Kalam, the company gifts a copy of Dr. Kalam’s biography to every customer, encouraging lifelong learning and self-improvement. Environmental sustainability is also a cornerstone of MADique’s mission. With every machine sold, customers receive seed balls to support reforestation efforts, aligning with the company’s commitment to a greener planet. Moreover, MADique’s energy-efficient designs help reduce the carbon footprint of small-scale food production.

Awards and Recognitions 

Karthik’s relentless dedication to innovation and entrepreneurship has earned him numerous prestigious awards, including:

 • Fast Growing 500 CEO Award – Benchmark Trust, Mumbai (2024)

 • Young Achiever of the Year Award – Global Triumph Foundation (2024) • Tamil Nadu Business Icon Award – IBTHINK Academy (2024)

 • India Top 500 Best Brand Award – INDIA 5000 MSME Business Awards (2024)

 • Innovative Company of the Year Award – GTF, World Business Summit (2024)

 • Outstanding Young Entrepreneur Award – JCI Metro (2024)

 • Best Innovative Entrepreneur Award – IMPA Association (2024)

 • Star Young Entrepreneur Award – Thozhil Valarchi Media (2023)

 • Global Excellence Award – World Peace University (2019)

 • Dr. A.P.J. Abdul Kalam Award – Institute of Engineers (2015) 

These accolades are a testament to Karthik’s tireless pursuit of excellence and his dedication to making a meaningful impact on the world. Vision for the Future Karthik’s unwavering focus on research and development drives MADique Technologies forward. The company’s ambitious goal is to empower 10,000 entrepreneurs globally by 2030, further solidifying its impact on food processing and entrepreneurship. Karthik’s journey from a car shed to global recognition has inspired countless individuals. 

For more information, visit https://madique.com/.

ममता ने जताई “इंडिया” को लीड करने की ख्वाहिश, सपा और उद्धव की शिवसेना का मिला सपोर्ट, कांग्रेस का क्या?

#mamatabanerjeetoleadindiablocwhatotherparties_says

हाल ही में हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद विपक्षी दलों के गठबंधन “इंडिया” में बिखराव के संकेत मिलने लगे हैं। कांग्रेस के सहयोगी दलों में राहुल गांधी के नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने बड़ा इशारा दिया है। ममता बनर्जी ने कहा कि वो मुख्यमंत्री रहने के साथ-साथ इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व भी कर सकती हैं। ममता बनर्जी के बयान का शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत और समाजवादी पार्टी ने समर्थन किया है।

ममता बनर्जी ने शुक्रवार को विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक के कामकाज पर असंतोष व्यक्त किया और कहा कि अगर उन्हें मौका मिला तो वह विपक्षी दल की कमान संभालेंगी। एक इंटरव्यू ममता ने कहा कि वह इंडिया ब्लॉक की संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और अगर उन्हें मौका मिला तो वह 'इसका संचालन कर सकती हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन की कमान संभालने की बात क्या कही कि सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई। समाजवादी पार्टी ने टीएमसी प्रमुख के बयान का समर्थन किया है। सपा ने कहा कि ममता इंडिया गठबंधन को लीड करती हैं तो इससे हमें कोई दिक्कत नहीं है। सपा नेता उदयवीर सिंह ने कहा कि ममता बनर्जी एक प्रमुख नेता हैं और उनकी पार्टी ने लगातार भाजपा का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बंगाल ने उत्तर प्रदेश के साथ मिलकर अहम भूमिका निभाई है, जिससे इंडिया गठबंधन को आगे बढ़ने में मदद मिली है और भाजपा पिछड़ गई इसलिए हमारा समर्थन उनके प्रति अटल है। अगर सभी घटकों में आम सहमति बनती है तो समाजवादी पार्टी को कोई आपत्ति नहीं होगी और हम इसका पूरा समर्थन करेंगे।

ममता बनर्जी के बयान का शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने शनिवार को कहा, हम भी चाहते हैं कि वे विपक्षी “इंडिया” गठबंधन की प्रमुख भागीदार बनें। चाहे वह ममता बनर्जी हों, अरविंद केजरीवाल हों या शिवसेना, हम सभी एक साथ हैं। हम जल्द ही कोलकाता में ममता बनर्जी से बात करने जाएंगे।'

कांग्रेस ने क्या कहा?

एक तरफ ममता बनर्जी को सपा और शिवसेना यूबीटी का समर्थन मिल रहा है। वहीं, कांग्रेस ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है।कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि ममता जी बड़ी नेता हैं लेकिन राहुल गांधी के अलावा देश में कोई नेतृत्व करने की स्थिति में नहीं है।

आरजेडी ने कहा- गठबंधन के असली आर्किटेक्ट लालू

ममता बनर्जी के बयान पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, 'बीजेपी के खिलाफ विपक्षी गठबंधन के असली आर्किटेक्ट लालू प्रसाद यादव हैं।उनकी पहल पर ही पटना में इंडिया गठबंधन की पहली बैठक हुई थी।इस बैठक में ममता बनर्जी भी शामिल हुई थी। सभी अपने-अपने राज्यों में बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में जुटे हुए हैं।

बिखर रहा 'इंडिया' गठबंधन

लोकसभा 2024 के चुनावों से पहले भाजपा के साथ मुकाबला करने के लिए इंडिया ब्लॉक बनाया गया था। इस गठबंधन में दो दर्जन से ज्यादा विपक्षी पार्टियां शामिल हैं। हालांकि, आंतरिक मतभेदों और समन्वय की कमी ने विभिन्न हलकों से आलोचना को आकर्षित किया है। संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्षी गुट के कामकाज को लेकर इंडिया ब्लॉक के सदस्यों के बीच बड़े मतभेद उभरकर सामने आए। गौतम अडानी रिश्वत मामले पर विपक्ष के संयुक्त विरोध प्रदर्शन में तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के सांसद भी शामिल नहीं हुए। अडानी रिश्वत मामले को उठाने में टीएमसी और समाजवादी पार्टी कथित तौर पर कांग्रेस से सहमत नहीं हैं।

दुनिया में फिर दिखा भारत का दमः विश्व ध्यान दिवस के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में सभी देशों ने लगाई मुहर

#ungaunanimouslyadoptsresolutioncosponsoredbyindiadeclaringdec21worldmeditation_day

वैश्विक स्तर पर एक बार फिर भारत का कद बढ़ा है।संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के एक सह-प्रायोजित प्रस्ताव पर एकमत से मुहर लगी है। प्रस्ताव में 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस घोषित किया गया है। सभी देशों ने प्रस्ताव को स्वीकारते हुए एकमत से वोटिंग की। अब पूरी दुनिया में 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस मनाया जाएगा।

भारत के साथ लिकटेंस्टीन, श्रीलंका, नेपाल, मैक्सिको और अंडोरा उन देशों के मुख्य समूह के सदस्य थे जिन्होंने 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘विश्व ध्यान दिवस’ शीर्षक वाले प्रस्ताव को शुक्रवार को सर्वसम्मति से पारित करने में अहम भूमिका निभाई। इन्हीं देशों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्ताव को लेकर सभी जानकारियां साथी देशों के सामने रखीं। लिक्टेन्सटाइन की तरफ से संयुक्त राष्ट्र के पटल पर रखे गए इस प्रस्ताव को बांग्लादेश, बल्गेरिया, बुरुंडी, द डॉमिनिकन रिपब्लिक, आइसलैंड, लक्जमबर्ग, मॉरीशस, मोनाको, मंगोलिया, मोरक्को, पुर्तगाल और स्लोवेनिया की तरफ से सह-प्रायोजित किया गया था।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘व्यापक कल्याण और आंतरिक परिवर्तन का दिन! मुझे खुशी है कि भारत ने कोर समूह के अन्य देशों के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र महासभा में 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के रूप में घोषित करने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से अपनाए जाने की प्रक्रिया का मार्गदर्शन किया।’’ उन्होंने कहा कि समग्र मानव कल्याण के लिए भारत का नेतृत्व ‘‘हमारे सभ्यतागत सिद्धांत-वसुधैव कुटुम्बकम’’ पर आधारित है।

21 दिसंबर शीत संक्रांति

यूएन में भारत के राजदूत ने कहा कि 21 दिसंबर शीत संक्रांति का दिन है और भारतीय परंपरा के अनुसार यह दिन 'उत्तरायण' की शुरुआत का दिन है, जो कि साल के शुभ दिनों में से है, खासकर आंतरिक विचारों और ध्यान लगाने के लिए।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से ठीक छह महीने बाद ध्यान दिवस

विश्व ध्यान दिवस के साथ एक खास बात यह जुड़ी है कि यह 21 जून को पड़ने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से ठीक छह महीने बाद मनाया जाएगा। विश्व ध्यान दिवस से उलट योग दिवस ग्रीष्म संक्रांति के दिन मनाया जाता है। इस तथ्य का जिक्र करते हुए हरीश ने कहा कि 2014 में भी भारत ने नेतृत्व करते हुए 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर घोषित करवाने में अहम भूमिका निभाई थी। अब एक दशक बाद विश्व योग दिवस पूरी दुनिया में आम लोगों के लिए योग को उनके रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बनाने का वैश्विक आंदोलन बन गया है।

सीरिया के हालात गंभीर, भारत ने जताई चिंता, देर रात जारी की एडवाइजारी, दी ये सलाह

#indiaadvisoryovergravesituationinsyria

सीरिया में इन दिनों जंग की वजह से हालात बहुत खराब हैं।यहां में बिगड़ती हालत पर भारत सरकार चिंतित है। इसे देखते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से एडवाइजरी जारी की गई है।भारत सरकार ने अपनी एडवाइजरी में कहा है कि अगली सूचना तक सीरिया की यात्रा करने से पूरी तरह बचें।विदेश मंत्रालय की तरफ से हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं।एडवाइजरी में आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर और ईमेल आईडी भी साझा की गई है।

विदेश मंत्रालय ने सीरिया में वर्तमान में सभी भारतीयों से दमिश्क में भारतीय दूतावास के संपर्क में रहने की अपील की है। इसके अलावा सलाह दी गई है कि जो लोग वहां से निकल सकते हैं, वे जल्द से जल्द उपलब्ध वाणिज्यिक उड़ानों के जरिए सीरिया छोड़ दें। जो लोग ऐसा नहीं कर सकते, वे अपनी सुरक्षा को लेकर सतर्क रहें और कम से कम अपने घरों से बाहर निकलें।

एमरजेंसी नंबर और ईमेल आईडी जारी

सोशल मीडिया एक्स पर विदेश मंत्रालय ने पोस्ट किया, "सीरिया के हालात को देखते हुए भारतीय नागरिकों को सीरिया की यात्रा तक तक न करने की सलाह दी जाती है, जब तक इस बारे में फिर से सूचना नहीं दी जाती। सीरिया में रह रहे भारतीय नागरिकों को सलाह है कि वो भारतीय दूतावास के संपर्क में रहे। दमिश्क में भारतीय दूतावास की इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर +963993385793 पर संपर्क किया जा सकता है। यही नंबर व्हाट्स एप पर भी उपलब्ध है। इस नंबर से सभी जरूरी सूचनाएं जारी की जा रही हैं। पर आप ईमेल भी कर सकते हैं। अभी जो लोग सीरिया में हैं वो जल्द से जल्द वहां से लौटने की कोशिश करें और जब तक ऐसा नहीं हो पाता अपनी सुरक्षा का ख्याल रखें।"

सीरिया में क्यों जारी है जंग?

सीरिया इन दिनों राजनीतिक उथल-पुथल के दौर से गुज़र रहा है, रूस और ईरान समर्थित बशर अल-असद शासन खुद को विद्रोही समूहों और मिलिशिया से घिरा हुआ पा रहा है। इन समूहों को तुर्की का सपोर्ट है। विद्रोही बलों ने पिछले हफ़्ते सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद को उखाड़ फेंकने के मकसद से तेज़ गति से हमला किया है।

विद्रोही समूहों का आक्रमण इतना तेज है कि सीरिया का दूसरा शहर अलेप्पो और हमा पहले ही राष्ट्रपति के नियंत्रण से बाहर हो चुका है। 2011 के गृह युद्ध के बाद पहली बार सीरिया में ऐसा हमला हुआ।

बसर अल असद की सरकार सीरिया में पिछले पांच दशक से सत्ता में है और पहली बार उनकी सरकार पतन होने की कगार पर है। अगर विद्रोहियों ने सीरिया के प्रमुख शहर होम्स पर कब्जा कर लिया तो इससे राजधानी दमिश्क में सत्ता की सीट भूमध्यसागरीय तट से कट जाएगी। दरअसल, इसे बसर अल असद का प्रमुख गढ़ माना जाता है।

ममता बनर्जी ने बताया कौन होगा उनका उत्तराधिकारी, दिया ये जवाब

ममता बनर्जी के बाद उनकी पार्टी का नेतृत्व कौन करेगा यानी उनका उत्तराधिकारी कौन होगा, इस सवाल के जवाब में ममता ने कहा कि इसका फैसला वो नहीं उनकी पार्टी करेगी. एक निजी चैनल से बातचीत में ममता ने कहा कि टीएमसी एक अनुशासित पार्टी है, जहां कोई भी व्यक्ति शर्त निर्धारित नहीं करेगा. पार्टी तय करेगी कि लोगों के लिए सबसे अच्छा क्या है.

दरअसल, तृणमूल कांग्रेस में इस बात पर बहस चल रही है कि पार्टी में सीनियर नेताओं को प्राथमिकता मिलेगी या और युवा पीढ़ी के नेताओं को. ममता ने कहा कि सभी खास हैं. आज का युवा कल का सीनियर होगा. टीएमसी ने ऑफिशियली अपना कोई उत्तराधिकारी घोषित नहीं किया है. अभिषेक बनर्जी तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और ममता बनर्जी के भतीजे हैं.

INDIA गठबंधन का नेतृत्व करने को तैयार- ममता

वहीं, जब उनसे इंडिया गठबंधन के नेतृत्व को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मौका मिला तो इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने को तैयार हूं. मैं बंगाल से बाहर नहीं जाना चाहती, लेकिन मैं इसे यहां से संचालित कर सकती हूं. मैं बस यही कहना चाहती हूं कि सभी को साथ लेकर चलने की जरूरत है. इंडिया गठबंधन में दो दर्जन से ज्यादा विपक्षी दल शामिल हैं.

कांग्रेस को अहंकार त्याग देना चाहिए- कल्याण बनर्जी

हाल ही में उनकी पार्टी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा था कि कांग्रेस को अहंकार त्याग देना चाहिए और ममता को इंडिया गठबंधन की कमान सौंप देनी चाहिए. टीएमसी सांसद का यह बयान महाराष्ट्र चुनाव और बंगाल उपचुनाव में मिली करारी हार के बाद सामने आया था. कल्याण बनर्जी ने कहा कि बीजेपी केवल ममता बनर्जी ही टक्कर दे सकती है.महाराष्ट्र में कांग्रेस का खराब प्रदर्शन रहा जबकि झारखंड में कांग्रेस को जेएमएम से कम सीटें आईं. बंगाल में छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे. टीएमसी ने सभी छह विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की है

उत्तर कोरिया में फिर खुला भारतीय दूतावास, क्या इस कूटनीतिक बदलाव की वजह?

#india_will_restart_its_embassy_in_north_korea

पाकिस्तान हो, चीन या बांग्लादेश, भारत के अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंध बहुत अच्छे नहीं कहे जा सकते हैं। ऐसे में भारत उत्तर कोरिया में राजनायिक संबंध बनाने की ओर अग्रसर है। भारतीय विदेश नीति में हाल ही में एक बड़ा कदम देखा गया जब भारत ने उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में अपना दूतावास दोबारा खोला। कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतियों के चलते भारत ने उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में स्थित अपने दूतावास का संचालन अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था। महामारी के दौरान लागू किए गए कड़े यात्रा प्रतिबंधों और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण दूतावास के कर्मचारियों को वापस बुला लिया गया था। हालांकि, भारत ने उत्तर कोरिया दोबारा चालू कर लिया है।

जुलाई 2021 में भारत ने चुपचाप प्योंगयांग में अपना दूतावास बंद कर दिया और राजदूत अतुल मल्हारी गोत्सुर्वे पूरे स्टाफ के साथ मॉस्को के रास्ते नई दिल्ली लौट आए। हालांकि विदेश मंत्रालय ने कभी भी आधिकारिक तौर पर दूतावास को 'बंद' घोषित नहीं किया, लेकिन जब पत्रकारों ने पूछा कि पूरे स्टाफ को वापस क्यों बुलाया गया, तो उसने कहा कि यह कदम कोविड-19 के कारण उठाया गया था। वर्षों तक प्योंगयांग स्थित राजनयिक मिशन के बारे में कोई अद्यतन जानकारी नहीं दी गई और चौदह महीने पहले गोत्सुर्वे को मंगोलिया में राजदूत के रूप में नई नियुक्ति दी गई।

उत्तर कोरिया के साथ भारत के संबंध थोड़े ढके-छिपे ही रहे हैं। अब ऐसा लगता है कि भारत की कूटनीति में बड़ा बदलाव आया है और भारत ने प्योंगयांग के साथ अपने रिश्तों को मजबूती देने की कोशिश शुरू कर दी है।अब अचानक इस महीने की शुरुआत में भारत ने उत्तर कोरिया में अपने दूतावास का कामकाज फिर से शुरू करने का फैसला किया है। फिलहाल एक तकनीकी और राजनयिक कर्मचारियों की एक टीम को उत्तर कोरिया भेजा गया है। उत्तर कोरिया की सरकार जासूसी के लिए बदनाम भी है, ऐसे में पहले तकनीकी टीम दूतावास की जांच कर रही है। हालांकि अभी किसी राजदूत की नियुक्ति में थोड़ा समय लग सकता है।

उत्तर कोरिया का प्रभाव हाल के वर्षों में काफी बढ़ा है। इसकी वजह है उत्तर कोरिया का परमाणु शक्ति संपन्न होना और साथ ही उत्तर कोरिया ने हाइपरसोनिक मिसाइलों और लंबी दूरी की मिसाइलों का सफल परीक्षण किया है। ऐसे में सामरिक तौर पर उत्तर कोरिया की अहमियत चार वर्ष पहले की तुलना में काफी बढ़ गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत सरकार को ये भी डर है कि उत्तर कोरिया की मिसाइल तकनीक पाकिस्तान या पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के हाथ न लगने पाए, इसलिए भी भारत सरकार उत्तर कोरिया के साथ अपने रिश्तों को सुधारना चाहती है।

उत्तर कोरिया के दो बड़े साझेदार है, जिसमें रूस और चीन शामिल है। इसमें चीन उत्तर कोरिया को अमेरिका और दक्षिण कोरिया के खिलाफ कूटनीतिक और सैन्य दबाव के साधन के रूप में उपयोग करता है। वहीं हाल के कुछ सालों में यूक्रेन युद्ध के बाद, रूस और उत्तर कोरिया के बीच संबंध और प्रगाढ़ हुए। हाल ही में किम जोंग उन ने रूस का दौरा किया, और दोनों देशों ने सैन्य साझेदारी को बढ़ाने का फैसला लिया है।उत्तर कोरिया के साथ संबंध प्रगाढ़ करके भारत, चीन और रूस के साथ अपने कूटनीतिक समीकरणों को मजबूत कर सकता है। इसकी मदद से उत्तर कोरिया के प्राकृतिक संसाधन भारत के लिए निवेश और व्यापार के नए रास्ते खोल सकते हैं।

Pooja Enterprises, led by Mr. Sanjay Kaushal, revolutionizes the uniform and disposable wear industry across India and globally.

Pooja Enterprises from the city of Chandigarh has emerged as a manufacturing and supplying company of supreme quality uniforms and disposable wear. Initially it was operating since 2004 under sole proprietorship but the company has grown into a recognized organization not only in India but also in the international market offering segmented solutions in different sectors such as education, healthcare, corporate & hospitality.

Pooja Enterprises has wide popularity due to the vast assortment in its offer, including school uniform, formal wear, hospital uniform, chefs uniform, disposable shoe cover, disposable bouffant caps, blazers, corporate uniforms, laboratory coat with pocket, beard cover, and plastic disposable gloves. They come in durable material, quality texture and are effective when it comes to color fading; they are comfortable and thus serve the best satisfaction of the professionals and students. In this case the company sets itself apart from other manufacturers of pendants in that they can produce the designs in the logos of the brands in question.

Its collection of school uniforms, skirts, T-shirts, trousers, and the latest KV School Uniform makes Pooja Enterprises stand out in this niche. These uniforms are also crafted with minute attention to detail, offering both style and practicality. It takes the process further by arranging school uniform counters at school premises for easy accessibility by parents and students.

For the corporate world, Pooja Enterprises caters to high-end shirts and T-shirts, providing professional appeal along with comfort. Their hospital uniforms, comprising medical lab coats and other specialized ladies' uniforms, meet high standards for quality and hygiene, as they address the challenging needs of the healthcare industry. Even the hospitality sector benefits from its range of chef coats and designer chef uniforms, which are both functional and fashionable.

Behind the success of the company lies a robust manufacturing facility that is equipped with the latest machinery, enabling bulk production while upholding international standards. Wrinkle-free fabrics and perfect stitching ensure durability and aesthetic appeal for each product. The infrastructure also enables them to deliver orders on time, neatly ironed, and packed.

Mr. Sanjay Kaushal's leadership has greatly contributed to the success story of this company. With his innovative approach and strong connections in the industry, Pooja Enterprises has always been very responsive to the market's demands. Under his guidance, the company has exported its products to the United States, United Kingdom, Germany, Nepal, and Italy, increasing its international presence.

Client satisfaction is at the heart of Pooja Enterprises' philosophy. The company actively seeks feedback to refine its products and services, ensuring that every order meets the unique needs of its clients. With a focus on affordability and reliability, Pooja Enterprises has built strong partnerships with key customers such as Manchanda Mix Bag and New Public Departmental Stores.

As such, the quality assurance in which Pooja Enterprises is certified ensures that only quality raw materials are used to meet domestic and international standards. Their commitment to excellence has earned them a reputation for being unmatched in their quality uniforms and disposable wear. Hence, they emerge as an ideal choice for schools, corporations, hospitals, and hotels.

As the company continues growing, Pooja Enterprises strives to provide innovative, high-quality solutions that meet the demands of its clients while also solidifying its market leadership in the uniform and disposable wear industry.

भारत-श्रीलंका संबंध: वर्षों के दौरान एक संक्षिप्त अवलोकन

#alookatindiasrilanka_relations

भारत और श्रीलंका के बीच संबंध सदियों पुराने और विविध रहे हैं, जिनमें ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक आयाम शामिल हैं। दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक रूप से गहरे सांस्कृतिक और धार्मिक संबंध रहे हैं, लेकिन साथ ही समय-समय पर राजनीतिक और कूटनीतिक उतार-चढ़ाव भी देखे गए हैं।

प्रारंभिक संबंध और सांस्कृतिक समानताएँ

भारत और श्रीलंका के बीच संबंध पहले से ही प्राचीन काल में मजबूत थे, जब बौद्ध धर्म के प्रसार के साथ दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक संबंध स्थापित हुए थे। भारत ने श्रीलंका में बौद्ध धर्म को फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, विशेष रूप से अशोक महान के शासनकाल के दौरान। इस दौरान, दोनों देशों के बीच व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी हुआ।

स्वतंत्रता के बाद: 1947-1970

भारत और श्रीलंका के स्वतंत्रता के बाद, दोनों देशों ने सामरिक और व्यापारिक संबंधों को मजबूत किया। 1948 में श्रीलंका (तत्कालीन सीलोन) ने ब्रिटिश उपनिवेश से स्वतंत्रता प्राप्त की, और भारत ने इसे शीघ्र ही मान्यता दी। 1950 के दशक में, भारत ने श्रीलंका को अपनी स्वतंत्रता की यात्रा में मदद की और दोनों देशों के बीच राजनीतिक और व्यापारिक रिश्ते आगे बढ़े। इस समय, भारत और श्रीलंका के बीच विश्वासपूर्ण कूटनीतिक संबंध बने रहे।

1970s-1980s: तामिल समस्या और युद्ध

1970 और 1980 के दशकों में, दोनों देशों के संबंधों में तनाव बढ़ा, खासकर श्रीलंका में तमिल अल्पसंख्यक की स्थिति को लेकर। 1980 के दशक में श्रीलंकाई सरकार और तमिल संघर्षरत समूहों के बीच हिंसक संघर्ष शुरू हो गया, जिसे भारत ने क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के संदर्भ में देखा। 1987 में, भारत और श्रीलंका के बीच एक ऐतिहासिक समझौता हुआ, जिसे "इंडो-लंकन एग्रीमेंट" कहा जाता है, जिसके तहत भारत ने श्रीलंका में सैन्य हस्तक्षेप किया। हालांकि, यह हस्तक्षेप विवादास्पद साबित हुआ, और 1990 के दशक तक दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आ गई।

2000: कूटनीतिक पुनर्निर्माण

2000 के दशक में, भारत और श्रीलंका ने अपनी कूटनीतिक, सुरक्षा और आर्थिक सहयोग को फिर से स्थापित किया। भारत ने श्रीलंका को आतंकवाद और प्राकृतिक आपदाओं के मामलों में मदद की। इसके अतिरिक्त, व्यापार और आर्थिक संबंध भी मजबूत हुए। हालांकि, श्रीलंका के तमिल आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष के दौरान भारत ने मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर आलोचना की, जो दोनों देशों के रिश्तों में तनाव का कारण बना।

वर्तमान स्थिति: रणनीतिक साझेदारी

हाल के वर्षों में, भारत और श्रीलंका के संबंधों में निरंतर सुधार देखा गया है। श्रीलंका की वर्तमान सरकार ने भारत के साथ आर्थिक, सुरक्षा और कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने का प्रयास किया है। दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश में वृद्धि हुई है, और भारत ने श्रीलंका को कई आर्थिक सहायता प्रदान की है, खासकर कोविड-19 महामारी के दौरान। हालांकि, चीन की बढ़ती उपस्थिति श्रीलंका में, विशेष रूप से बंदरगाहों और बुनियादी ढांचे के विकास में, दोनों देशों के बीच कुछ रणनीतिक चिंताएँ भी उत्पन्न कर रही हैं। भारत ने इस संदर्भ में श्रीलंका को सतर्क किया है, लेकिन यह भी स्पष्ट है कि दोनों देशों के बीच रिश्ते अब पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण और मजबूत हैं।

भारत और श्रीलंका के बीच संबंध एक लंबी और जटिल यात्रा रही है, जिसमें दोनों देशों के बीच सहयोग, विवाद और संघर्ष का मिश्रण रहा है। अब दोनों देशों ने एक दूसरे के साथ अपने रिश्तों को सुधारने और आगे बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। भविष्य में, यदि ये देश एक-दूसरे के साथ कूटनीतिक, सुरक्षा और आर्थिक सहयोग पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो उनके रिश्ते और मजबूत हो सकते हैं, और क्षेत्रीय स्थिरता में योगदान कर सकते हैं।

World’s First Biblical 3D Movie: Jesus and Mother Mary, Title Poster Released at the Vatican, Blessed by Pope Francis

In a historic moment at the Vatican, the first-ever biblical movie in 3D, Jesus and Mother Mary, had its title poster officially unveiled and blessed by Pope Francis. This groundbreaking film, a high-budget production by Rapheal Film Productions, is set to redefine the biblical genre with its advanced 3D technology and a global creative team.

A Special Moment with Pope Francis

During the event, producer Rapheal Pozholiparambil presented Pope Francis with a stunning 3D photograph, a token of gratitude and reverence. The Pope’s blessing marked a spiritual and symbolic beginning for the project, emphasizing its significance in the cinematic and religious world alike.

A Visionary Collaboration

Directed by acclaimed filmmaker Thomas Benjamin and produced by Rapheal Thomas Pozholiparambil, the film showcases a stellar international crew. Jeemon Pullely, the project’s designer and technical director, has ensured a seamless fusion of creativity and technology.

Notably, Chuck Comisky, famed for his stereoscopic direction in Avatar, brings his expertise to the 3D execution of this ambitious project. Special makeup and prosthetics will be handled by the renowned Makinarium, a company based in the UK and Italy. Hong Kong-based Camex leads the intricate artwork, while Dubai’s XRFX spearheads the stereoscopic production. The postproduction will be managed by CG PARK, India, ensuring a flawless cinematic experience.

A Global Gathering

The title poster launch saw a gathering of over 150 industry experts and dignitaries from Hollywood, Europe, the Middle East, and Asia. The event celebrated not only the unveiling of the project but also the spirit of unity and creativity transcending borders.

Jesus and Mother Mary is poised to become a monumental milestone in both biblical storytelling and 3D filmmaking, uniting art, faith, and technology in an unprecedented way. The movie’s release is eagerly awaited by audiences worldwide.

Instagram: https://www.instagram.com/raphealfilmproductions?igsh=MWp4b215aWYzOGVpZg==

Langue Societe Unveils the Future of Language Education, Global Careers and Real-World Insights with Dialect Diaries

About Langue Societe

Langue Societe is a multilingual language institute with a name inspired by the beautiful French phrase meaning The Language Society. We are an edtech startup based in Gurgaon, dedicated to democratizing language learning and empowering individuals globally through flexible, accessible, and transformative education.

 Key Highlights of Our Services: 

1. Accessibility for All 

○ We operate beyond regular hours, ensuring that anyone—whether working professionals in odd shifts or homemakers—can access the privilege of learning a new language.

 2. 100% Online Learning 

○ Our institute offers exclusively online sessions, providing learners the convenience of joining from anywhere in the world. From start to finish, we ensure a seamless, end-to-end learning experience.

3. Empowering Independent Trainers 

○ We offer freelance opportunities for passionate language trainers to work as independent educators from the comfort of their homes, fostering growth and professional independence.

4. Affordable Courses 

○ Our courses are designed to be budget-friendly and inclusive, making language learning accessible for anyone, whether they’re pursuing it out of passion or for professional advancement. 

5. Global Career Focus 

○ Specially crafted courses support students preparing to move abroad for study or work. By promoting global careers and cultural integration, we help learners achieve transformative career milestones.

 6. Dialect Diaries: India’s First Linguistic News & Entertainment Blog 

○ We recently launched Dialect Diaries, India’s first-ever linguistic news and entertainment blog. This platform provides language learners with accurate, up-to-date insights into the world of languages while shielding them from misleading scams and idealized portrayals of different countries. It’s particularly designed for study-abroad aspirants, offering them a realistic understanding of the challenges and opportunities awaiting them.

 About the Visionary Behind Langue Societe 

Shreya Minocha, the founder and CEO, is a polyglot and an ardent lover of languages. She believes that translations often fail to capture the essence of communication, and envisions a world where language learning is seamless and natural.

 Her mission is rooted in the idea that nobody should have to disrupt their lifestyle to acquire a new skill. Language learning, according to her, should be a comfortable, enriching experience that broadens horizons and transforms individuals by exposing them to new worlds and cultures. For Shreya, learning a new language is not just about career progression—it’s about holistic personality development.

 Our Vision 

At Langue Societe, we envision a world where linguistic and cultural barriers are diminished. We believe that most conflicts arise from unexpressed thoughts and misunderstandings due to language gaps. By fostering global integration and understanding through language learning, we aim to create a future rooted in love, collaboration, and unity

https://www.languesociete.com

Empowering Dreams: The Inspiring Success Story of Karthik Raja Karnan and MADique Technologies

Salem, India – December 2024 – The extraordinary journey of Karthik Raja Karnan showcases how creativity, perseverance, and a deep commitment to social impact can transform an industry. As the founder and CEO of MADique Technologies, Karthik has redefined the food processing industry by designing affordable, sustainable, and efficient machinery for small-scale entrepreneurs. His life story is a testament to how a humble beginning can lead to a remarkable legacy. 

Early Life: The Foundation of a Visionary Leader 

Born on May 30, 1994, into a middle-class family in Salem, Tamil Nadu, Karthik grew up in Ammapet, a small town steeped in weaving traditions. His parents, Mr. Karnan and Mrs. Kaladevi were skilled weavers who nurtured Karthik’s curious and inventive nature. Since the family could not afford expensive toys, Karthik began creating his own, showcasing an innate talent for innovation from a young age. Karthik attended a government school, where his aptitude for science and experimentation became evident. Known for applying classroom lessons through practical experiments at home, he earned multiple accolades during his school years, including the Brahma Award, the District-Level Best Student Award, and the State-Level Best Student Award.

From Engineering Graduate to Entrepreneurial Trailblazer 

After excelling academically, Karthik pursued engineering at the Knowledge Institute of Technology in Salem, specializing in Electrical and Electronics. During his college years, he developed several innovative products that earned national recognition. Prestigious honors such as the Young Scientist Award, the Edison Award, and the Dr. A.P.J. Abdul Kalam Award celebrated his creativity and ingenuity. Graduating in 2016, Karthik was offered a job at Titan. However, his entrepreneurial spirit burned brighter. Despite familial pressure to accept the secure job, Karthik made the bold decision to decline the offer and follow his dreams. With little more than his vision and determination, he started a small company in a car shed, becoming its sole employee. 

Overcoming Challenges and Building MADique Technologies 

Karthik’s entrepreneurial journey was far from easy. His first project a Murukku Machine failed, but he remained undeterred. Neighbors mocked him for looking like a “mechanic boy” while his peers secured lucrative jobs. Facing mounting failures, Karthik’s mother repeatedly urged him to take a stable job, but he asked his parents for one year to prove himself. That pivotal year marked a turning point. Karthik successfully developed the Automatic Murukku Machine and the Automatic Idiyappam Machine, which quickly gained popularity. His focus on creating low-cost, high-quality food processing machines helped countless middle-class entrepreneurs launch their businesses. In 2021, Karthik unveiled the world’s smallest Automatic Idiyappam Machine at an unprecedentedly low price, earning a record in the prestigious Kalam Book of World Records. This milestone paved the way for MADique Technologies to expand internationally, reaching over 30 countries. 

Innovating to Empower Small-Scale Food Entrepreneurs Since its inception in 2013, MADique Technologies has become synonymous with innovation, efficiency, and affordability. The company’s flagship product, the Idiyappam Machine, consumes

only 60 watts of power—comparable to a ceiling fan—and produces 400 pieces per hour. Priced at just ₹41,300, the machine enables small-scale entrepreneurs, including housewives, differentlyabled individuals, and rural business owners, to enter the food processing industry without significant financial burdens. MADique’s product range now includes dough kneaders, murukku makers, and other innovative machines designed to simplify food production processes. Over 3,000 entrepreneurs globally have benefited from these technologies, which provide an affordable pathway to success.

 A Commitment to Social Responsibility and Sustainability 

MADique Technologies stands out for its focus on social impact. Karthik offers a 10% discount to differently-abled entrepreneurs, fostering inclusivity in business. In a tribute to his inspiration, Dr. A.P.J. Abdul Kalam, the company gifts a copy of Dr. Kalam’s biography to every customer, encouraging lifelong learning and self-improvement. Environmental sustainability is also a cornerstone of MADique’s mission. With every machine sold, customers receive seed balls to support reforestation efforts, aligning with the company’s commitment to a greener planet. Moreover, MADique’s energy-efficient designs help reduce the carbon footprint of small-scale food production.

Awards and Recognitions 

Karthik’s relentless dedication to innovation and entrepreneurship has earned him numerous prestigious awards, including:

 • Fast Growing 500 CEO Award – Benchmark Trust, Mumbai (2024)

 • Young Achiever of the Year Award – Global Triumph Foundation (2024) • Tamil Nadu Business Icon Award – IBTHINK Academy (2024)

 • India Top 500 Best Brand Award – INDIA 5000 MSME Business Awards (2024)

 • Innovative Company of the Year Award – GTF, World Business Summit (2024)

 • Outstanding Young Entrepreneur Award – JCI Metro (2024)

 • Best Innovative Entrepreneur Award – IMPA Association (2024)

 • Star Young Entrepreneur Award – Thozhil Valarchi Media (2023)

 • Global Excellence Award – World Peace University (2019)

 • Dr. A.P.J. Abdul Kalam Award – Institute of Engineers (2015) 

These accolades are a testament to Karthik’s tireless pursuit of excellence and his dedication to making a meaningful impact on the world. Vision for the Future Karthik’s unwavering focus on research and development drives MADique Technologies forward. The company’s ambitious goal is to empower 10,000 entrepreneurs globally by 2030, further solidifying its impact on food processing and entrepreneurship. Karthik’s journey from a car shed to global recognition has inspired countless individuals. 

For more information, visit https://madique.com/.

ममता ने जताई “इंडिया” को लीड करने की ख्वाहिश, सपा और उद्धव की शिवसेना का मिला सपोर्ट, कांग्रेस का क्या?

#mamatabanerjeetoleadindiablocwhatotherparties_says

हाल ही में हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद विपक्षी दलों के गठबंधन “इंडिया” में बिखराव के संकेत मिलने लगे हैं। कांग्रेस के सहयोगी दलों में राहुल गांधी के नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने बड़ा इशारा दिया है। ममता बनर्जी ने कहा कि वो मुख्यमंत्री रहने के साथ-साथ इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व भी कर सकती हैं। ममता बनर्जी के बयान का शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत और समाजवादी पार्टी ने समर्थन किया है।

ममता बनर्जी ने शुक्रवार को विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक के कामकाज पर असंतोष व्यक्त किया और कहा कि अगर उन्हें मौका मिला तो वह विपक्षी दल की कमान संभालेंगी। एक इंटरव्यू ममता ने कहा कि वह इंडिया ब्लॉक की संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और अगर उन्हें मौका मिला तो वह 'इसका संचालन कर सकती हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन की कमान संभालने की बात क्या कही कि सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई। समाजवादी पार्टी ने टीएमसी प्रमुख के बयान का समर्थन किया है। सपा ने कहा कि ममता इंडिया गठबंधन को लीड करती हैं तो इससे हमें कोई दिक्कत नहीं है। सपा नेता उदयवीर सिंह ने कहा कि ममता बनर्जी एक प्रमुख नेता हैं और उनकी पार्टी ने लगातार भाजपा का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बंगाल ने उत्तर प्रदेश के साथ मिलकर अहम भूमिका निभाई है, जिससे इंडिया गठबंधन को आगे बढ़ने में मदद मिली है और भाजपा पिछड़ गई इसलिए हमारा समर्थन उनके प्रति अटल है। अगर सभी घटकों में आम सहमति बनती है तो समाजवादी पार्टी को कोई आपत्ति नहीं होगी और हम इसका पूरा समर्थन करेंगे।

ममता बनर्जी के बयान का शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने शनिवार को कहा, हम भी चाहते हैं कि वे विपक्षी “इंडिया” गठबंधन की प्रमुख भागीदार बनें। चाहे वह ममता बनर्जी हों, अरविंद केजरीवाल हों या शिवसेना, हम सभी एक साथ हैं। हम जल्द ही कोलकाता में ममता बनर्जी से बात करने जाएंगे।'

कांग्रेस ने क्या कहा?

एक तरफ ममता बनर्जी को सपा और शिवसेना यूबीटी का समर्थन मिल रहा है। वहीं, कांग्रेस ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है।कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि ममता जी बड़ी नेता हैं लेकिन राहुल गांधी के अलावा देश में कोई नेतृत्व करने की स्थिति में नहीं है।

आरजेडी ने कहा- गठबंधन के असली आर्किटेक्ट लालू

ममता बनर्जी के बयान पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, 'बीजेपी के खिलाफ विपक्षी गठबंधन के असली आर्किटेक्ट लालू प्रसाद यादव हैं।उनकी पहल पर ही पटना में इंडिया गठबंधन की पहली बैठक हुई थी।इस बैठक में ममता बनर्जी भी शामिल हुई थी। सभी अपने-अपने राज्यों में बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में जुटे हुए हैं।

बिखर रहा 'इंडिया' गठबंधन

लोकसभा 2024 के चुनावों से पहले भाजपा के साथ मुकाबला करने के लिए इंडिया ब्लॉक बनाया गया था। इस गठबंधन में दो दर्जन से ज्यादा विपक्षी पार्टियां शामिल हैं। हालांकि, आंतरिक मतभेदों और समन्वय की कमी ने विभिन्न हलकों से आलोचना को आकर्षित किया है। संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्षी गुट के कामकाज को लेकर इंडिया ब्लॉक के सदस्यों के बीच बड़े मतभेद उभरकर सामने आए। गौतम अडानी रिश्वत मामले पर विपक्ष के संयुक्त विरोध प्रदर्शन में तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के सांसद भी शामिल नहीं हुए। अडानी रिश्वत मामले को उठाने में टीएमसी और समाजवादी पार्टी कथित तौर पर कांग्रेस से सहमत नहीं हैं।

दुनिया में फिर दिखा भारत का दमः विश्व ध्यान दिवस के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में सभी देशों ने लगाई मुहर

#ungaunanimouslyadoptsresolutioncosponsoredbyindiadeclaringdec21worldmeditation_day

वैश्विक स्तर पर एक बार फिर भारत का कद बढ़ा है।संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के एक सह-प्रायोजित प्रस्ताव पर एकमत से मुहर लगी है। प्रस्ताव में 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस घोषित किया गया है। सभी देशों ने प्रस्ताव को स्वीकारते हुए एकमत से वोटिंग की। अब पूरी दुनिया में 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस मनाया जाएगा।

भारत के साथ लिकटेंस्टीन, श्रीलंका, नेपाल, मैक्सिको और अंडोरा उन देशों के मुख्य समूह के सदस्य थे जिन्होंने 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘विश्व ध्यान दिवस’ शीर्षक वाले प्रस्ताव को शुक्रवार को सर्वसम्मति से पारित करने में अहम भूमिका निभाई। इन्हीं देशों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्ताव को लेकर सभी जानकारियां साथी देशों के सामने रखीं। लिक्टेन्सटाइन की तरफ से संयुक्त राष्ट्र के पटल पर रखे गए इस प्रस्ताव को बांग्लादेश, बल्गेरिया, बुरुंडी, द डॉमिनिकन रिपब्लिक, आइसलैंड, लक्जमबर्ग, मॉरीशस, मोनाको, मंगोलिया, मोरक्को, पुर्तगाल और स्लोवेनिया की तरफ से सह-प्रायोजित किया गया था।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘व्यापक कल्याण और आंतरिक परिवर्तन का दिन! मुझे खुशी है कि भारत ने कोर समूह के अन्य देशों के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र महासभा में 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के रूप में घोषित करने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से अपनाए जाने की प्रक्रिया का मार्गदर्शन किया।’’ उन्होंने कहा कि समग्र मानव कल्याण के लिए भारत का नेतृत्व ‘‘हमारे सभ्यतागत सिद्धांत-वसुधैव कुटुम्बकम’’ पर आधारित है।

21 दिसंबर शीत संक्रांति

यूएन में भारत के राजदूत ने कहा कि 21 दिसंबर शीत संक्रांति का दिन है और भारतीय परंपरा के अनुसार यह दिन 'उत्तरायण' की शुरुआत का दिन है, जो कि साल के शुभ दिनों में से है, खासकर आंतरिक विचारों और ध्यान लगाने के लिए।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से ठीक छह महीने बाद ध्यान दिवस

विश्व ध्यान दिवस के साथ एक खास बात यह जुड़ी है कि यह 21 जून को पड़ने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से ठीक छह महीने बाद मनाया जाएगा। विश्व ध्यान दिवस से उलट योग दिवस ग्रीष्म संक्रांति के दिन मनाया जाता है। इस तथ्य का जिक्र करते हुए हरीश ने कहा कि 2014 में भी भारत ने नेतृत्व करते हुए 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर घोषित करवाने में अहम भूमिका निभाई थी। अब एक दशक बाद विश्व योग दिवस पूरी दुनिया में आम लोगों के लिए योग को उनके रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बनाने का वैश्विक आंदोलन बन गया है।

सीरिया के हालात गंभीर, भारत ने जताई चिंता, देर रात जारी की एडवाइजारी, दी ये सलाह

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सीरिया में इन दिनों जंग की वजह से हालात बहुत खराब हैं।यहां में बिगड़ती हालत पर भारत सरकार चिंतित है। इसे देखते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से एडवाइजरी जारी की गई है।भारत सरकार ने अपनी एडवाइजरी में कहा है कि अगली सूचना तक सीरिया की यात्रा करने से पूरी तरह बचें।विदेश मंत्रालय की तरफ से हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं।एडवाइजरी में आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर और ईमेल आईडी भी साझा की गई है।

विदेश मंत्रालय ने सीरिया में वर्तमान में सभी भारतीयों से दमिश्क में भारतीय दूतावास के संपर्क में रहने की अपील की है। इसके अलावा सलाह दी गई है कि जो लोग वहां से निकल सकते हैं, वे जल्द से जल्द उपलब्ध वाणिज्यिक उड़ानों के जरिए सीरिया छोड़ दें। जो लोग ऐसा नहीं कर सकते, वे अपनी सुरक्षा को लेकर सतर्क रहें और कम से कम अपने घरों से बाहर निकलें।

एमरजेंसी नंबर और ईमेल आईडी जारी

सोशल मीडिया एक्स पर विदेश मंत्रालय ने पोस्ट किया, "सीरिया के हालात को देखते हुए भारतीय नागरिकों को सीरिया की यात्रा तक तक न करने की सलाह दी जाती है, जब तक इस बारे में फिर से सूचना नहीं दी जाती। सीरिया में रह रहे भारतीय नागरिकों को सलाह है कि वो भारतीय दूतावास के संपर्क में रहे। दमिश्क में भारतीय दूतावास की इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर +963993385793 पर संपर्क किया जा सकता है। यही नंबर व्हाट्स एप पर भी उपलब्ध है। इस नंबर से सभी जरूरी सूचनाएं जारी की जा रही हैं। पर आप ईमेल भी कर सकते हैं। अभी जो लोग सीरिया में हैं वो जल्द से जल्द वहां से लौटने की कोशिश करें और जब तक ऐसा नहीं हो पाता अपनी सुरक्षा का ख्याल रखें।"

सीरिया में क्यों जारी है जंग?

सीरिया इन दिनों राजनीतिक उथल-पुथल के दौर से गुज़र रहा है, रूस और ईरान समर्थित बशर अल-असद शासन खुद को विद्रोही समूहों और मिलिशिया से घिरा हुआ पा रहा है। इन समूहों को तुर्की का सपोर्ट है। विद्रोही बलों ने पिछले हफ़्ते सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद को उखाड़ फेंकने के मकसद से तेज़ गति से हमला किया है।

विद्रोही समूहों का आक्रमण इतना तेज है कि सीरिया का दूसरा शहर अलेप्पो और हमा पहले ही राष्ट्रपति के नियंत्रण से बाहर हो चुका है। 2011 के गृह युद्ध के बाद पहली बार सीरिया में ऐसा हमला हुआ।

बसर अल असद की सरकार सीरिया में पिछले पांच दशक से सत्ता में है और पहली बार उनकी सरकार पतन होने की कगार पर है। अगर विद्रोहियों ने सीरिया के प्रमुख शहर होम्स पर कब्जा कर लिया तो इससे राजधानी दमिश्क में सत्ता की सीट भूमध्यसागरीय तट से कट जाएगी। दरअसल, इसे बसर अल असद का प्रमुख गढ़ माना जाता है।

ममता बनर्जी ने बताया कौन होगा उनका उत्तराधिकारी, दिया ये जवाब

ममता बनर्जी के बाद उनकी पार्टी का नेतृत्व कौन करेगा यानी उनका उत्तराधिकारी कौन होगा, इस सवाल के जवाब में ममता ने कहा कि इसका फैसला वो नहीं उनकी पार्टी करेगी. एक निजी चैनल से बातचीत में ममता ने कहा कि टीएमसी एक अनुशासित पार्टी है, जहां कोई भी व्यक्ति शर्त निर्धारित नहीं करेगा. पार्टी तय करेगी कि लोगों के लिए सबसे अच्छा क्या है.

दरअसल, तृणमूल कांग्रेस में इस बात पर बहस चल रही है कि पार्टी में सीनियर नेताओं को प्राथमिकता मिलेगी या और युवा पीढ़ी के नेताओं को. ममता ने कहा कि सभी खास हैं. आज का युवा कल का सीनियर होगा. टीएमसी ने ऑफिशियली अपना कोई उत्तराधिकारी घोषित नहीं किया है. अभिषेक बनर्जी तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और ममता बनर्जी के भतीजे हैं.

INDIA गठबंधन का नेतृत्व करने को तैयार- ममता

वहीं, जब उनसे इंडिया गठबंधन के नेतृत्व को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मौका मिला तो इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने को तैयार हूं. मैं बंगाल से बाहर नहीं जाना चाहती, लेकिन मैं इसे यहां से संचालित कर सकती हूं. मैं बस यही कहना चाहती हूं कि सभी को साथ लेकर चलने की जरूरत है. इंडिया गठबंधन में दो दर्जन से ज्यादा विपक्षी दल शामिल हैं.

कांग्रेस को अहंकार त्याग देना चाहिए- कल्याण बनर्जी

हाल ही में उनकी पार्टी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा था कि कांग्रेस को अहंकार त्याग देना चाहिए और ममता को इंडिया गठबंधन की कमान सौंप देनी चाहिए. टीएमसी सांसद का यह बयान महाराष्ट्र चुनाव और बंगाल उपचुनाव में मिली करारी हार के बाद सामने आया था. कल्याण बनर्जी ने कहा कि बीजेपी केवल ममता बनर्जी ही टक्कर दे सकती है.महाराष्ट्र में कांग्रेस का खराब प्रदर्शन रहा जबकि झारखंड में कांग्रेस को जेएमएम से कम सीटें आईं. बंगाल में छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे. टीएमसी ने सभी छह विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की है