हरियाणा में हार की ओर जाती कांग्रेस पहुंची चुनाव आयोग, वेबसाइट पर नतीजे देर से अपलोड होने पर उठाया सवाल

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हरियाणा मे बीजेपी हैट्रिक लगाती दिख रही है। हालांकि, शुरूआती रूझान कांग्रेस के पक्ष में थे। लेकिन कुठ ही मिनटों में बाजी पलट गई। हरियाणा में बाजी पलटने के बाद कांग्रेस चुनाव आयोग पहुंच गई है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग की बेवसाइट पर चुनावी अपलोड के जा रहे नतीजों पर सवाल उठाया है।

हरियाणा विधानसभा चुनाव के रिजल्ट को लेकर कांग्रेस चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा कर रही है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकायत की है कि सुबह नौ बजे से 11 बजे के बीच हरियाणा के नतीजों को बेवसाइट पर अपलोड करने में देरी की गई है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि नतीजों को अपडेट करने की धीमी गति के चलते नई-नई कहानियां गढ़ी जा रही हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से कहा कि हरियाणा चुनावों के सटीक आंकड़े जारी करने के निर्देश जारी किए जाएं।

प्रशासन पर दबाव बनाने की एक रणनीति-जयराम रमेश

इससे पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, लोकसभा चुनाव की तरह हरियाणा में भी चुनाव आयोग डेटा धीमी गति से अपडेट कर रहा है। क्या बीजेपी पुराना डेटा और गुमराह करने वाले ट्रेंड्स के जरिए प्रशासन पर दबाव डालना चाहती है। हमें उम्मीद है कि चुनाव आयोग हमारे सवालों का जवाब देगा। 10-11 राउंड के नतीजे जारी हो चुके हैं। लेकिन चुनाव आयोग की वेबसाइट पर केवल 4-5 राउंड ही अपडेट किए गए हैं। यह प्रशासन पर दबाव बनाने की एक रणनीति है।

पवन खेड़ा ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल

वहीं, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, ऐसा पहली बार हो रहा है कि चैनल अपने रिपोर्टर के आंकड़े नहीं बल्कि चुनाव आयोग के आंकड़े दिखा रहे हैं और चुनाव आयोग के आंकड़े 4 या 5वें राउंड के हैं जबकि हमारे कंट्रोल रूम से 11/12 राउंड के आंकड़े आ चुके हैं। 4 राउंड के बाद विनेश फोगाट को पीछे दिखाया गया लेकिन 9 राउंड के बाद वो 5200 वोटों से आगे हैं। आंकड़ों में इस अंतर को लेकर हमारे महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर चुनाव आयोग से पूछा है कि स्थानीय प्रशासन पर दबाव बनाने की ये क्या कोशिश है? हम चुनाव आयोग से इस पर तुरंत कार्रवाई करने और रुझानों को अपडेट करने की मांग कर रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर चुनाव: कांग्रेस के गुलाम अहमद मीर दक्षिण कश्मीर के डूरू क्षेत्र से आगे हैं

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PC: D chronical

कांग्रेस महासचिव और पूर्व मंत्री गुलाम अहमद मीर विधानसभा चुनाव में दक्षिण कश्मीर के डूरू निर्वाचन क्षेत्र से आगे चल रहे हैं, जिसके नतीजे मंगलवार, 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। शुरुआती रुझानों से पता चला है कि इस सीट पर 64 वर्षीय राजनेता के निकटतम प्रतिद्वंद्वी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के मीर मोहम्मद अशरफ मलिक हैं, जो सेवानिवृत्त जिला और सत्र न्यायाधीश हैं।

डूरू के बारे में अधिक जानकारी

अनंतनाग जिले का डूरू कश्मीर घाटी का पहला निर्वाचन क्षेत्र था, जहां हाई-प्रोफाइल चुनाव प्रचार हुआ, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कन्हैया कुमार जैसे प्रमुख प्रचारकों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी मीर के लिए रैली कर रहे थे। 2014 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के उम्मीदवार सैयद फारूक अहमद अंद्राबी ने केवल 161 वोटों के मामूली अंतर से सीट जीती थी।

मीर, जो पहले जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस अध्यक्ष और पर्यटन मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं, 2002 और 2008 में लगातार दो कार्यकालों में डूरू से विधायक रह चुके हैं। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग निर्वाचन क्षेत्र के लिए 2019 के लोकसभा चुनावों में, मीर और महबूबा मुफ़्ती दोनों को नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी ने हराया था। 

राहुल गांधी ने 4 सितंबर को डूरू निर्वाचन क्षेत्र से कश्मीर में कांग्रेस के चुनाव अभियान की शुरुआत की, जहाँ 18 सितंबर को दक्षिण कश्मीर और जम्मू क्षेत्र के 23 अन्य निर्वाचन क्षेत्रों के साथ पहले चरण में मतदान हुआ। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने मीर के लिए प्रचार किया, जिससे दोनों दलों के बीच गठबंधन एकता का एक शक्तिशाली संदेश गया। 1962 से 1996 तक, डूरू एनसी का गढ़ था, जिसने इस निर्वाचन क्षेत्र से अधिकांश चुनाव जीते। मीर ने 1996 में पहली बार डूरू से विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन जेकेएनसी के गुलाम हसन वानी से हार गए। 

वह 2006 में कश्मीर में फैले सेक्स रैकेट में केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक था, जिसमें नाबालिगों सहित लड़कियों को कथित तौर पर वेश्यावृत्ति में धकेला जाता था, ब्लैकमेल किया जाता था और राजनेताओं, वरिष्ठ नौकरशाहों, शीर्ष पुलिस अधिकारियों और यहां तक ​​कि आत्मसमर्पण करने वाले आतंकवादियों को आपूर्ति की जाती थी। हालांकि, एक विशेष सीबीआई अदालत - सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों की याचिका पर मामले को चंडीगढ़ स्थानांतरित करने का आदेश दिया था, जिन्होंने तर्क दिया था कि श्रीनगर में कोई भी वकील उनका बचाव करने के लिए तैयार नहीं था - सितंबर 2012 में सभी अभियोजन पक्ष के गवाहों के मुकर जाने के बाद इस घोटाले में मीर और अन्य को बरी कर दिया। मीर वरिष्ठ कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज के प्रति वफादार गुट का हिस्सा थे और उन्हें राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद का कट्टर विरोधी माना जाता था।

हरियाणा में लौट रही कांग्रेस सरकार! अब बढ़ेगा सिरदर्द, कौन बनेगा सीएम- हुड्डा, सैलजा या सुरजेवाला

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हरियाणा में लोगों ने हाथ का साथ दिया है। हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों की तस्वीर अब धीरे-धीरे साफ होती हुई दिख रही है। शुरुआती रुझानों से ही कांग्रेस पार्टी ने बढ़त बना रखी है। हरियाणा में शुरुआती रुझानों में कांग्रेस की आंधी दिखाई दे रही है। रूझानों की मानें तो कांग्रेस की प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बन रही है। कांग्रेस 10 साल के बाद हरियाणा में वापसी कर रही है। ये कांग्रेस खेमे में बहुत बड़ी जश्न की बात है, हालांकि इसके साथ भी बड़ा सिरदर्द शुरू होने वाला है। सिरदर्द होगा सीएम के सवाल पर। जी हां, सवाल है कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री कौन होगा?

हरियामा में सीएम के कई दावेदार हैं, जो पार्टी आलाकमान की सिरदर्दी बड़ा सकते हैं। इस पद के दोनों प्रमुख दावेदारों भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा ने सोमवार को स्पष्ट किया कि अंतिम फैसला आलाकमान को करना है। हुड्डा और सैलजा ने यह भी कहा कि कांग्रेस आलाकमान का फैसला उन्हें मंजूर होगा।

ये हैं प्रमुख दावेदार

भूपेंद्र सिंह हुड्डा: हरियाणा में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री की रेस में कई नेताओं का नाम चल रहा है। सबसे पहला नाम है भूपेंद्र सिंह हुड्डा का है, जो 10 साल तक हरियाणा के दो बार मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में भी पार्टी के लिए जमकर प्रचार किया था। इस दौरान 10 में से पांच सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी।

कुमारी सैलजा: दूसरा नाम इस लिस्ट में कुमारी सैलजा का है, जो एक दलित चेहरा हैं। वह वर्तमान में सिरसा लोकसभा सीट से सांसद हैं और उनका नाम भी सीएम की रेस में शामिल है। उनकी गांधी परिवार से नजदीकी भी जगजाहिर है। वह हरियाणा की प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।

रणदीप सिंह सुरेजवाला: चौथा नाम रणदीप सिंह सुरजेवाला का है। राज्यसभा सांसद और महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला का भी नाम सीएम पद की रेस में शामिल है। इसके अलावा हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष उदय भान के नाम की भी अटकलें लगाई जा रही हैं। बताया जा रहा है कि अगर पार्टी किसी दलित चेहरे के नाम पर आगे बढ़ती है, तो वह भी इस रेस में शामिल हो सकते हैं। हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर शनिवार (5 अक्टूबर) को मतदान हुआ था, जबकि नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।

कब तक कठपुतली की तरह नाचते रहेंगे मुसलमान?” हरियाणा-कश्मीर के चुनावी नतीजों से पहले रिजिजू का सवाल*
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मोदी सरकार के वरिष्ठ मंत्री और तीसरे कार्यकाल में संसदीय कार्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे किरेन रिजिजू ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर हिंदुओं को बांटने के साथ मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाया है। आईएएनएस को दिए इंटरव्यू में कांग्रेस पार्टी पर हिंदुओं को बांटने के साथ मुस्लिम तुष्टिकरण का भी आरोप लगाया। इसके साथ ही वीडियो शेयर करते हुए रिजिजू ने अंग्रेजी की दो लाइनें लिखीं। पहले में उन्होंने मुसलमानों को वॉर्निंग देते हुए कहा, 'My warning to the Muslims: Do not become vote bank of the Congress!' दूसरी लाइन में उन्होंने हिंदुओं और अन्य को वॉर्निंग दी। रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की बांटो और राज करो वाली नीतियों के पीड़ित न बनें। किरेन रिजिजू ने आगे कहा कि कांग्रेस मुसलमानों को अपना वोट बैंक मानती है। चुनावों के दौरान कांग्रेस पार्टी कहती है कि उसका 15 प्रतिशत वोट शेयर मुस्लिम वोट आरक्षित है। ये पार्टी की मानसिकता दर्शाता है। ये पार्टी की मानसिकता दर्शाता है और ये मुसलमानों के लिए भी बड़ा नुकसान है। केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि कांग्रेस का मूल प्लान ही यही है कि मुसलमानों को वोट बैंक बनाकर रखो और हिंदुओँ को बांटो। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने आगे राहुल गांधी को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि इसलिए आजकल राहुल गांधी के मुंह से एससी-एसटी, ओबीसी जैसे शब्द निकल रहे हैं। एससी, एसटी, ओबीसी के अंदर की जो तकलीफें हैं उसका एबीसीडी भी राहुल गांधी को पता नहीं है लेकिन हर वक्त उनके मुंह से एससी, एसटी, ओबीसी निकलता रहता है। उनको इसी बात का पाठ पढ़ाया गया है। उन्होंने मुसलमान को वोट बैंक बनाया और अब एसटी, एससी, ओबीसी को हिंदुओं में विभाजित करके वोट हासिल करना चाहते हैं। इससे देश को बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है। रिजिजू ने आगे कहा कि पीएम मोदी ने देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए काम शुरू कर दिया है। पीएम मोदी के इस अभियान को बाधित करने के लिए कांग्रेस ने डिवाइड एंड रूल की पॉलिसी को अपनाया है। अंग्रेजों ने भी हिंदुओं को विभाजित किया अब और कांग्रेस पार्टी फिर से हिंदुओं को विभाजित करना चाहती है। मैं समझता हूं देश को सबसे ज्यादा नुकसान ऐसी चीज से होगा। ऐसे में हमको संगठित रहना होगा। हम मुसलमानों से भी कहना चाहेंगे कि कब तक आप कांग्रेस का वोट बैंक बनकर कठपुतली की तरह नाचते रहेंगे। पीएम मोदी ने समाज के हर तबके के लिए काम किया है। सरकार की योजनाओं का सबको लाभ मिल रहा है।
विकसित भारत देखने के लिए 2047 तक जीवित रहें”, पीएम मोदी पर दिए खरगे के बयान पर अमित शाह का पलटवार

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जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के चुनावी माहौल ने देश के सियासी माहौल को भी गर्म कर दिया है। राजनेता एक दूसरे पर जुबानी हमला बोल रहे हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का जम्मू-कश्मीर के जसरोटा में दिए एक बयान पर खूब हो हल्ला हो रहा है। खरगे ने जसरोटा में चुनावी सभा के दौरान कहा कि मैं तब तक जीवित रहूंगा जब तक पीएम मोदी सत्ता से नहीं हट जाते। इस दौरान उनकी तबीयत भी खराब हो गई थी। अब उनके इस बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे ने बेवजह ही पीएम मोदी को अपने स्वास्थ्य के मामले में घसीटा है।

अमित शाह ने अपने एक्स पर शेयर करते हुए कहा कि, कल मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने भाषण के दौरान अपने पार्टी से बढ़कर अभद्र भाषा का प्रयोग किया। उन्होंने अपनी कटुता का परिचय देते हुए पीएम मोदी को अपने निजी स्वास्थ्य के मामले में अनावश्यक रूप से घसीटते हुए कहा कि पीएम मोदी को जब सत्ता से हटा देंगे तभी मरेंगे। अमित शाह ने आगे कहा कि, इससे साफ पता चलता है कि कांग्रेसियों में पीएम के खिलाफ कितनी नफरत और डर है। खरगे के स्वास्थ्य के लिए मोदी जी प्रार्थना करते हैं, मैं प्राथना करता हूं और सभी लोग प्रार्थना करते हैं कि वह काफी लंबे समय तक स्वास्थ्य रहें। वे 2047 तक विकसित भारत का निर्माण देखने के लिए जीवित रहें।

क्या कहा था करगे ने?

बीते दिन मल्लिकार्जुन खरगे ने चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए जरूर लड़ेंगे, इसके लिए चाहे जो भी हो। मैं जम्मू-कश्मीर को ऐसा छोड़ने वाला नहीं हूं। मैं 83वीं साल में चल रहा हूं और इतनी जल्दी मरने वाला नहीं हूं, जब तक मोदी को नहीं हटाएंगे, तब तक मैं जिंदा ही रहूंगा। आपकी बात सुनूंगा और आपके लिए लडूंगा।

बता दें कि खरगे की मंच में बोलते वक्त अचानक बिगड़ी तबीयत पर पीएम मोदी ने हाल जाना था। मोदी ने फोन कर खरगे के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी। खरगे कल बोलते-बोलते अचानक मंच पर खड़े लड़खड़ाने लगे थे। हालांकि उस वक्त, वहां मौजूद बाकी कांग्रेस नेताओं ने उन्हें संभाला

कुमारी शैलजा ने ठुकराया मनोहर लाल का ऑफर, बोली- मेरी रगों में कांग्रेस का खून

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हरियाणा चुनाव में प्राचार अभियान अपने चरम पर है। हालांकि, कांग्रेस में सिर फुटव्वल जारी है। शीर्ष नेता आपस में तालमेल नहीं बिठा पा रहे हैं। हरियाणा कांग्रेस की पूरी सियासत कुमारी शैलजा के इर्द-गिर्द सिमट गई है। विधानसभा चुनाव प्रचार से उनके दूरी बनाए रखने के चलते राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस की ओर से नजरअंदाज किए जाने की खबर के बीच शैलजा को बीजेपी में शामिल होने का ऑफर तक मिला। इस बीच एक निजी चैनल से बात करते हुए कुमारी शैलजा ने इन सभी अकटकलों पर विराम लगा दिया है। उन्होंने कहा कि मेरी रगों में कांग्रेस का खून है। मैं कहीं नहीं जाऊंगी।

सिरसा से सांसद कुमारी शैलजा 12 सितंबर से पूरी तरह साइलेंट मोड में हैं। वो न ही कांग्रेस के चुनाव प्रचार में एक्टिव नजर आ रही हैं और न ही सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। ऐसे में कांग्रेस की नाराजगी और बीजेपी में शामिल होने सहित के सवाल का जवाब देते हुए कुमारी सैलजा ने एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में कहा, नाराजगी की बात नहीं है, लेकिन कुछ बातें तो हो जाती हैं, ये पार्टी की अंदरुनी बात है, लेकिन मैं मरते दम तक कांग्रेस नहीं छोड़ूंगी।

हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनने का दावा

शैलजा ने आगे कहा कि बीजेपी, हरियाणा और राष्ट्रीय स्तर पर गिरावट की ओर हैं, वहां जाने का सवाल ही नहीं है। कांग्रेस पार्टी आगे बढ़ रही है, कांग्रेस के साथ हरियाणा के लोग आगे बढ़ रहे हैं। लोग हमारी तरफ देख रहे हैं। सारा देश बोल रहा है कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनेगी। मैं समझती हूं कि उसमें थोड़ा-बहुत योगदान शैलजा का भी होगा। उससे ज्यादा कांग्रेस वर्कर का योगदान ग्राउंड पर ज्यादा होगा।

वहीं, जब उनसे पूछा गया कि क्या वजह है की आज अभी तक आपने चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लिया? तो उन्होंने कहा कि टिकट बंटवारे के बाद सभी उम्मीदवार बिजी थे अब प्रोग्राम बन रहे हैं जल्दी ही आपको चुनाव प्रचार में मिलूंगी। हम हरियाणा में बड़े मार्जिन से जीत दर्ज कर रहे हैं और हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बना रहे है।

सीएम बनने की इच्छा जाहिर

हरियाणा में मुख्यमंत्री बनने की रेस में शैलजा खुद को बनाए रखना चाहती है। उन्होंने कहा कि सीएम की दावेदारी तो कोई भी रख सकता है, दावेदारी हर एक की हो सकती हैं। शैलजा कभी न हताश होती है, न निराश होती है। मैंने बहुत से मुकाम और उतार-चढ़ाव देखे हैं। एक राजनेता के तौर पर मेरी भी इच्छा है कि मैं मुख्यमंत्री बनूं। अभी हरियाणा में मुख्यमंत्री बनने का रास्ता खुला हुआ है। कांग्रेस ने किसी भी नेता को सीएम चेहरा घोषित नहीं किया है। कांग्रेस में सीएम का चेहरा चुनाव के बाद पार्टी हाईकमान तय करता है। शैलजा ने कहा कि पहली बात तो यह भी नहीं पता है कि चुनाव के बाद मुख्यमंत्री कौन बनेगा। सीएम का फैसला हमेशा हाईकमान करता है। इसके अलावा सेल्फ प्रोटेक्शन तो सभी लोग करते हैं।

हरियाणा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 3 ऑब्जर्वर किए नियुक्त, क्या गहलोत-माकन और बाजवा दिला पाएंगें फायदा?

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हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव को लेकर वोटिंग होनी हैं। इससे पहले सभी पार्टियों ने पूरा जोर लगा रखा है। एक तरफ बीजेपी तीसरी बार सत्ता में बने रहने के लिए पूरी जोर आजमाइश में लगी है, वहीं कांग्रेस 10 साल बाद सत्ता वापसी के लिए लड़ रही है। कांग्रेस इस चुनाव में बढ़त के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। यही वजह है कि पार्टी के तीन बड़े नेताओं को हरियाणा भेजकर अहम जिम्मेदारी दी जा रही है। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। कांग्रेस राजस्थान, दिल्ली और पंजाब से अपने तीन बड़े नेताओं को इसकी जिम्मेदारी दी है। कांग्रेस ने राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन और पंजाब कांग्रेस के सीनियर नेता प्रताप सिंह बाजवा को वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाया है।

10 साल बाद सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस का पूरा जोर

कांग्रेस 10 साल से सत्ता में दूर है इसलिए पार्टी चुनाव की तैयारियों में किसी तरह की कमी नहीं छोड़ना चाहती इसलिए अशोक गहलोत, मकान और बाजवा जैसे वरिष्ठ नेताओं को हरियाणा भेजा जा रहा है। राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पार्टी के कोषाध्यक्ष अजय माकन और पंजाब असेंबली में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा, तीनों ही नेता न सिर्फ बेहद सीनियर व अनुभवी हैं, बल्कि संगठन में इनकी अपनी एक साख है। तीनों नेता हरियाणा की सीमा से सटे तीन राज्यों दिल्ली, पंजाब व राजस्थान से आते हैं। ऐसे में इन तीनों के सहारे उन इलाकों में इनके प्रभाव का इस्तेमाल करने की भी योजना है।

तीनों पर्यवेक्षकों के लिए बागियों को साधना सबसे बड़ी जिम्मेदारी

सूत्रों के मुताबिक, इन पर्यवेक्षकों का फिलहाल प्रमुख काम वहां नाराज पार्टी नेताओं, बागियों, नाराज कार्यकर्ताओं से संपर्क कर उनकी नाराजगी दूर करना, नाराज घर बैठ चुके लोगों को घर से बाहर निकालना है। उल्लेखनीय है कि नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 16 सितंबर सोमवार है। इसलिए कांग्रेस पूरा जोर लगाकर अपने बागियों को मनाने की कोशिश में लगी है। फिलहाल कांग्रेस में 31 बागी निर्दलीय खड़े हुए हैं। इन्हें साधना कांग्रेस की सबसे बड़ी प्राथमिकता व चिंता है। पार्टी के भीतर फिलहाल इस बात पर मंथन हो रहा है कि किस तरह के बागी को कैसे मनाया जाए या उस पर कहां व किससे कहलवाकर जोर डलवा कर नाम वापस लेने के लिए तैयार किया जा सकता है।

5 अक्टूबर को होगा मतदान

90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा के लिए 5 अक्टूबर को मतदान होना है और मतों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी। सूबे में कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच मुकाबला है। तीनों ही पार्टियों ने चुन चुनकर अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतार दिए हैं। सूबे में 10 सालों से बीजेपी की सरकार है। ऐसे में पार्टी तीसरी बार राज्य में सरकार बनाने की कोशिश में है तो वहीं लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था जिसको लेकर पार्टी के हौसले बुलंद हैं। पार्टी किसी भी तरह से राज्य में वापसी करने की कोशिश में लगी हुई है।

ఇంకెంతమంది రైతుల ప్రాణాలు బలిపెట్టాలి?

కాంగ్రెస్ ప్రభుత్వంపై మరోసారి విరుచుకుపడ్డారు కేటీఆర్. రుణమాఫీ అందలేదని అనేక మంది రైతులు ప్రాణాలు తీసుకుంటున్న పరిస్థితి రాష్ట్రంలో ఉందన్నారు. ట్విట్టర్ వేదిక ప్రభుత్వాన్ని ఏకపారేశారు మాజీ మంత్రి. రాష్ట్రంలో రైతులు ఆత్మహత్యలు చేసుకుంటున్నా సర్కారు మొద్దు నిద్ర వీడటం లేదని విమర్శించారు.

కాంగ్రెస్ ప్రభుత్వంపై (Congress Govt) మరోసారి విరుచుకుపడ్డారు కేటీఆర్ (Former Minister KTR) . రుణమాఫీ అందలేదని అనేక మంది రైతులు ప్రాణాలు తీసుకుంటున్న పరిస్థితి రాష్ట్రంలో ఉందన్నారు. ట్విట్టర్ వేదిక ప్రభుత్వాన్ని ఏకిపారేశారు మాజీ మంత్రి. రాష్ట్రంలో రైతులు ఆత్మహత్యలు చేసుకుంటున్నా సర్కారు మొద్దు నిద్ర వీడటం లేదని విమర్శించారు. రుణమాఫీ కాలేదని కొందరు-పెట్టుబడి సాయం రైతు భరోసా లేక కొందరు ప్రాణాలు వదులుకోవడం ఆందోళనకరమన్నారు. మాజీ ముఖ్యమంత్రి కేసీఆర్ రైతును రాజును చేస్తే ఈ కాంగ్రెస్ సర్కార్ ప్రాణాలు తీస్తోందని మండిపడ్డారు. రైతు రుణమాఫీ అంత బోగస్, రైతు భరోసా కూడా బోగస్ అంటూ వ్యాఖ్యలు చేశారు.

నిన్న... రైతు సురేందర్ రెడ్డి అటు బ్యాంకులు, ఇటు ప్రభుత్వ కార్యాలయాల చుట్టూ కాళ్లరిగేలా తిరిగినా రుణమాఫీ కాకపోవడంతో మేడ్చల్‌లో వ్యవసాయ కార్యాలయం సాక్షిగా ఆత్మహత్య చేసుకున్నాడని తెలిపారు. తన తల్లికి, తనకు ఉన్న రుణం మాఫీ కాకపోవడంతో కాంగ్రెస్ ప్రభుత్వం చేసిన దగాకు బలైపోయాడన్నారు. నేడు... రైతు సాగర్ రెడ్డి భార్యాభర్తలిద్దరిలో ఒక్కరి కూడా రుణమాఫీ కాలేదన్న ఆవేదనతో జగిత్యాలలో పురుగుల మందు తాగి చావుబతుకుల మధ్య కొట్టుమిట్టాడుతున్నాడన్నారు. తన పేరిట ఉన్న లక్షన్నర రుణం, తన భార్య పేరిట ఉన్న లక్షా 60 వేల రుణంలో ఏ ఒక్కరి రుణం మాఫీ అయినా గట్టెక్కుతానని గంపెడాశలు పెట్టుకుని దారుణంగా మోసపోయాడని తెలిపారు.

ముఖ్యమంత్రి రేవంత్ రెడ్డది చేసిన తీరని ద్రోహానికి ఇంకా ఎంతమంది రైతులు ప్రాణాలను బలిపెట్టాలని ప్రశ్నించారు. ఏకకాలంలో అందరికీ 2 లక్షల రుణమాఫీ అని ఇచ్చిన మాటతప్పిన సీఎంను ఏం చేయాలన్నారు. డిసెంబర్లో పెట్టిన డెడ్ లైన్ సెప్టెంబర్ దాటినా అమలుకాకపోతే దగాపడ్డ అన్నదాతలు ఇంకా ఎవరికి చెప్పుకోవాలని నిలదీశారు. 49,500 వేల కోట్ల రుణమాఫీలో పావుశాతం కూడా చేయకుండా చేతులెత్తేసినందుకు రైతన్నలకు క్షమాపణలు చెప్పాలని డిమాండ్ చేశారు. ‘‘ ఇంకెంత మంది రైతులు ఆత్మహత్యలు చేసుకుంటే మీ కళ్ళు చల్లారుతాయి? ’’ అంటూ ఆగ్రహం వ్యక్తం చేశారు. రేవంత్ రెడ్డి ఢిల్లీ యాత్రలు చేయటం కాదు రాష్ట్రంలో ఏం జరుగుతుందో చూడాలన్నారు. రైతులు ఆత్మ హత్యలు చేసుకోవద్దని.. దైర్యంగా ఉండాలని కోరుతున్నాను అంటూ కేటీఆర్ ట్వీట్ చేశారు.

मैं आरक्षण के खिलाफ नहीं हूं” यूएस में बोले राहुल गांधी, जानें क्यों देनी पड़ी सफाई

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अमेरिकी दौरे पर गए कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने आरक्षण को लेकर दिए अपने बयान पर देश में विवाद खड़ा हो गया है। रक्षण पर अपने बयान की वजह से चढ़े सियासी पारे के बीच कांग्रेस सासंद ने सफाई पेश की है। उन्होंने कहा है कि वह आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं। राहुल ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर उनकी पार्टी को गलत समझा गया, कांग्रेस पार्टी और का लक्ष्य इसे 50 प्रतिशत तक ले जाने का है।

वाशिंगटन में मीडिया से बातचीत के दौरान राहुल ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर उनकी पार्टी को गलत समझा गया है। वो 50 प्रतिशत से आगे बढ़कर आरक्षण देना चाहते हैं। उन्‍होंने कहा कि हम जो कह रहे हैं वह केवल आरक्षण के विचार से अलग है। हम, जो चल रहा है उसकी व्यापक समझ चाहते हैं और फिर इसे ठीक करने के लिए नीतियों की एक सीरीज लागू करना चाहते हैं, आरक्षण भी उनमें से एक है। राहुल गांधी ने कहा, ‘हम आरक्षण को 50 प्रतिशत से आगे बढ़ाने जा रहे हैं। मैं बार-बार यह कहता रहा हूं और कभी भी आरक्षण के खिलाफ नहीं रहा हूं। कल किसी ने मेरे बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया कि मैं आरक्षण के खिलाफ हूं। लेकिन मैं यह स्पष्ट कर दूं कि मैं आरक्षण के खिलाफ नहीं हूं। हम चाहते हैं कि आरक्षण 50% हो।’

क्या कहा था राहुल गांधी ने?

इससे पहले राहुल गांधी ने अमेरिका के दौरे पर मंगलवार को जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में छात्रों से बात की थी। इस दौरान उनसे पूछा गया था कि भारत में आरक्षण कब तक जारी रहेगा। इस पर राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस आरक्षण खत्म करने के बारे में तब सोचेगी जब सही समय होगा, जोकि अभी नहीं है। राहुल ने कहा था, “जब आप वित्तीय आंकड़ों को देखते हैं, तो आदिवासियों को 100 रुपये में से 10 पैसे मिलते हैं, दलितों को 100 रुपये में से 5 रुपये मिलते हैं और ओबीसी को भी लगभग इतनी ही रकम मिलती है। असलियत यह है कि उन्हें भागीदारी नहीं मिल रही है। भारत के हर एक बिजनेस लीडर की सूची देखें। मुझे आदिवासी, दलित का नाम दिखाएं। मुझे ओबीसी का नाम दिखाएं। मुझे लगता है कि शीर्ष 200 में से एक ओबीसी है। वे भारत के 50 प्रतिशत हैं, लेकिन हम इस बीमारी का इलाज नहीं कर रहे हैं। हालांकि अब, आरक्षण एकमात्र साधन नहीं है। अन्य साधन भी हैं।”

बयान पर सफाई की वजह

बता दे कि की राहुल के इस बयान के बाद बहुजन समाज पार्टी ने कड़ी आपत्ति जताई है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसे लेकर कहा है कि 'केंद्र में काफी लंबे समय तक सत्ता में रहते हुए कांग्रेस पार्टी की सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लागू नहीं किया और न ही देश में जातीय जनगणना। अब इनके इनकी आड़ में कांग्रेस सत्ता में आने के सपने देख रही है। इनके इस नाटक से सचेत रहें जो आगे कभी भी जातीय जनगणना नहीं करा पाएगी। बसपा के अलावा कुछ दलित संगठनों ने इसे मुद्दा बनाया है और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है।

Breaking : బాంబు పేల్చిన బండి సంజయ్ ‼️

- ప్రజలారా తుట్ పాలిష్ పట్టిన కేసిఆర్ భారీ స్కెచ్

- అతిత్వరలో కాంగ్రెస్ పార్టీలోకి బీఆర్ఎస్ విలీనం

తెలంగాణలో ‘విలీనం’ పై గట్టిగానే రాజకీయాలు నడుస్తున్నాయ్..! అదిగో ఫలానా పార్టీ.. ఈ పార్టీలో విలీనం కాబోతోందని ఓ జాతీయ పార్టీ అంటే.. అబ్బే మీరు మీరే ఒకటి కాబోతున్నారని మరో జాతీయ పార్టీ అంటోంది..!

ఈ విషయంలో ఎవ్వరూ తగ్గట్లేదు. ఈ అన్నింటిలోనూ కామన్‌గా బీఆర్ఎస్ పార్టీ ఉంది..! బీజేపీతో బీఆర్ఎస్‌కు (BJP, BRS) సన్నిహిత సంబంధాలున్నాయన్నది కొన్నేళ్లుగా నడుస్తున్నదే..!

అయితే ఈ మధ్య బీఆర్ఎస్‌ను కాంగ్రెస్ ఓ రేంజిలో బంతాట ఆడుకుంటోంది. రుణమాఫీ చెప్పిన టైమ్‌ కంటే చేసేయడం.. రాజీనామా చేస్తానన్న మాజీ మంత్రి, సిద్దిపేట ఎమ్మెల్యే తన్నీరు హరీష్ రావును ముహూర్తం ఎప్పుడు అంటూ మాట్లాడటం ఇలా రెండు పార్టీల మధ్య మాటల తూటాలు పేలుతున్నాయి.

ఈ క్రమంలోనే త్వరలోనే బీజేపీలో బీఆర్ఎస్ విలీనం కాబోతోందని స్వయానా రాష్ట్ర ముఖ్యమంత్రి రేవంత్ రెడ్డి వ్యాఖ్యానించారు. ఈ కామెంట్స్‌తో పొలిటికల్ హీట్ పెరిగిపోయింది. దీనిపై ఇప్పటికే బీఆర్ఎస్ నుంచి స్ట్రాంగ్ రియాక్షన్ రాగా.. తాజాగా బీజేపీ నుంచి కౌంటర్ వచ్చేసింది.

బీజేపీలో బీఆర్ఎస్ కాదు.. కాంగ్రెస్‌లోనే బీఆర్ఎస్‌ (Congress, BRS) విలీనం కాబోతోందని కేంద్ర హోం సహాయ మంత్రి బండి సంజయ్ కుమార్ ఉన్నట్టుండి బాంబ్ పేల్చారు. దీంతో రాష్ట్ర రాజకీయాలు మరింత హీటెక్కాయి. బండి రిలీజ్ చేసిన ఈ ప్రకటనపై ఇటు మీడియాలో.. అటు సోషల్ మీడియాలో పెద్ద ఎత్తునే చర్చ జరుగుతోంది.

हरियाणा में हार की ओर जाती कांग्रेस पहुंची चुनाव आयोग, वेबसाइट पर नतीजे देर से अपलोड होने पर उठाया सवाल

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हरियाणा मे बीजेपी हैट्रिक लगाती दिख रही है। हालांकि, शुरूआती रूझान कांग्रेस के पक्ष में थे। लेकिन कुठ ही मिनटों में बाजी पलट गई। हरियाणा में बाजी पलटने के बाद कांग्रेस चुनाव आयोग पहुंच गई है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग की बेवसाइट पर चुनावी अपलोड के जा रहे नतीजों पर सवाल उठाया है।

हरियाणा विधानसभा चुनाव के रिजल्ट को लेकर कांग्रेस चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा कर रही है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकायत की है कि सुबह नौ बजे से 11 बजे के बीच हरियाणा के नतीजों को बेवसाइट पर अपलोड करने में देरी की गई है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि नतीजों को अपडेट करने की धीमी गति के चलते नई-नई कहानियां गढ़ी जा रही हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से कहा कि हरियाणा चुनावों के सटीक आंकड़े जारी करने के निर्देश जारी किए जाएं।

प्रशासन पर दबाव बनाने की एक रणनीति-जयराम रमेश

इससे पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, लोकसभा चुनाव की तरह हरियाणा में भी चुनाव आयोग डेटा धीमी गति से अपडेट कर रहा है। क्या बीजेपी पुराना डेटा और गुमराह करने वाले ट्रेंड्स के जरिए प्रशासन पर दबाव डालना चाहती है। हमें उम्मीद है कि चुनाव आयोग हमारे सवालों का जवाब देगा। 10-11 राउंड के नतीजे जारी हो चुके हैं। लेकिन चुनाव आयोग की वेबसाइट पर केवल 4-5 राउंड ही अपडेट किए गए हैं। यह प्रशासन पर दबाव बनाने की एक रणनीति है।

पवन खेड़ा ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल

वहीं, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, ऐसा पहली बार हो रहा है कि चैनल अपने रिपोर्टर के आंकड़े नहीं बल्कि चुनाव आयोग के आंकड़े दिखा रहे हैं और चुनाव आयोग के आंकड़े 4 या 5वें राउंड के हैं जबकि हमारे कंट्रोल रूम से 11/12 राउंड के आंकड़े आ चुके हैं। 4 राउंड के बाद विनेश फोगाट को पीछे दिखाया गया लेकिन 9 राउंड के बाद वो 5200 वोटों से आगे हैं। आंकड़ों में इस अंतर को लेकर हमारे महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर चुनाव आयोग से पूछा है कि स्थानीय प्रशासन पर दबाव बनाने की ये क्या कोशिश है? हम चुनाव आयोग से इस पर तुरंत कार्रवाई करने और रुझानों को अपडेट करने की मांग कर रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर चुनाव: कांग्रेस के गुलाम अहमद मीर दक्षिण कश्मीर के डूरू क्षेत्र से आगे हैं

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PC: D chronical

कांग्रेस महासचिव और पूर्व मंत्री गुलाम अहमद मीर विधानसभा चुनाव में दक्षिण कश्मीर के डूरू निर्वाचन क्षेत्र से आगे चल रहे हैं, जिसके नतीजे मंगलवार, 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। शुरुआती रुझानों से पता चला है कि इस सीट पर 64 वर्षीय राजनेता के निकटतम प्रतिद्वंद्वी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के मीर मोहम्मद अशरफ मलिक हैं, जो सेवानिवृत्त जिला और सत्र न्यायाधीश हैं।

डूरू के बारे में अधिक जानकारी

अनंतनाग जिले का डूरू कश्मीर घाटी का पहला निर्वाचन क्षेत्र था, जहां हाई-प्रोफाइल चुनाव प्रचार हुआ, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कन्हैया कुमार जैसे प्रमुख प्रचारकों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी मीर के लिए रैली कर रहे थे। 2014 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के उम्मीदवार सैयद फारूक अहमद अंद्राबी ने केवल 161 वोटों के मामूली अंतर से सीट जीती थी।

मीर, जो पहले जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस अध्यक्ष और पर्यटन मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं, 2002 और 2008 में लगातार दो कार्यकालों में डूरू से विधायक रह चुके हैं। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग निर्वाचन क्षेत्र के लिए 2019 के लोकसभा चुनावों में, मीर और महबूबा मुफ़्ती दोनों को नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी ने हराया था। 

राहुल गांधी ने 4 सितंबर को डूरू निर्वाचन क्षेत्र से कश्मीर में कांग्रेस के चुनाव अभियान की शुरुआत की, जहाँ 18 सितंबर को दक्षिण कश्मीर और जम्मू क्षेत्र के 23 अन्य निर्वाचन क्षेत्रों के साथ पहले चरण में मतदान हुआ। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने मीर के लिए प्रचार किया, जिससे दोनों दलों के बीच गठबंधन एकता का एक शक्तिशाली संदेश गया। 1962 से 1996 तक, डूरू एनसी का गढ़ था, जिसने इस निर्वाचन क्षेत्र से अधिकांश चुनाव जीते। मीर ने 1996 में पहली बार डूरू से विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन जेकेएनसी के गुलाम हसन वानी से हार गए। 

वह 2006 में कश्मीर में फैले सेक्स रैकेट में केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक था, जिसमें नाबालिगों सहित लड़कियों को कथित तौर पर वेश्यावृत्ति में धकेला जाता था, ब्लैकमेल किया जाता था और राजनेताओं, वरिष्ठ नौकरशाहों, शीर्ष पुलिस अधिकारियों और यहां तक ​​कि आत्मसमर्पण करने वाले आतंकवादियों को आपूर्ति की जाती थी। हालांकि, एक विशेष सीबीआई अदालत - सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों की याचिका पर मामले को चंडीगढ़ स्थानांतरित करने का आदेश दिया था, जिन्होंने तर्क दिया था कि श्रीनगर में कोई भी वकील उनका बचाव करने के लिए तैयार नहीं था - सितंबर 2012 में सभी अभियोजन पक्ष के गवाहों के मुकर जाने के बाद इस घोटाले में मीर और अन्य को बरी कर दिया। मीर वरिष्ठ कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज के प्रति वफादार गुट का हिस्सा थे और उन्हें राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद का कट्टर विरोधी माना जाता था।

हरियाणा में लौट रही कांग्रेस सरकार! अब बढ़ेगा सिरदर्द, कौन बनेगा सीएम- हुड्डा, सैलजा या सुरजेवाला

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हरियाणा में लोगों ने हाथ का साथ दिया है। हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों की तस्वीर अब धीरे-धीरे साफ होती हुई दिख रही है। शुरुआती रुझानों से ही कांग्रेस पार्टी ने बढ़त बना रखी है। हरियाणा में शुरुआती रुझानों में कांग्रेस की आंधी दिखाई दे रही है। रूझानों की मानें तो कांग्रेस की प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बन रही है। कांग्रेस 10 साल के बाद हरियाणा में वापसी कर रही है। ये कांग्रेस खेमे में बहुत बड़ी जश्न की बात है, हालांकि इसके साथ भी बड़ा सिरदर्द शुरू होने वाला है। सिरदर्द होगा सीएम के सवाल पर। जी हां, सवाल है कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री कौन होगा?

हरियामा में सीएम के कई दावेदार हैं, जो पार्टी आलाकमान की सिरदर्दी बड़ा सकते हैं। इस पद के दोनों प्रमुख दावेदारों भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा ने सोमवार को स्पष्ट किया कि अंतिम फैसला आलाकमान को करना है। हुड्डा और सैलजा ने यह भी कहा कि कांग्रेस आलाकमान का फैसला उन्हें मंजूर होगा।

ये हैं प्रमुख दावेदार

भूपेंद्र सिंह हुड्डा: हरियाणा में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री की रेस में कई नेताओं का नाम चल रहा है। सबसे पहला नाम है भूपेंद्र सिंह हुड्डा का है, जो 10 साल तक हरियाणा के दो बार मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में भी पार्टी के लिए जमकर प्रचार किया था। इस दौरान 10 में से पांच सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी।

कुमारी सैलजा: दूसरा नाम इस लिस्ट में कुमारी सैलजा का है, जो एक दलित चेहरा हैं। वह वर्तमान में सिरसा लोकसभा सीट से सांसद हैं और उनका नाम भी सीएम की रेस में शामिल है। उनकी गांधी परिवार से नजदीकी भी जगजाहिर है। वह हरियाणा की प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।

रणदीप सिंह सुरेजवाला: चौथा नाम रणदीप सिंह सुरजेवाला का है। राज्यसभा सांसद और महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला का भी नाम सीएम पद की रेस में शामिल है। इसके अलावा हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष उदय भान के नाम की भी अटकलें लगाई जा रही हैं। बताया जा रहा है कि अगर पार्टी किसी दलित चेहरे के नाम पर आगे बढ़ती है, तो वह भी इस रेस में शामिल हो सकते हैं। हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर शनिवार (5 अक्टूबर) को मतदान हुआ था, जबकि नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।

कब तक कठपुतली की तरह नाचते रहेंगे मुसलमान?” हरियाणा-कश्मीर के चुनावी नतीजों से पहले रिजिजू का सवाल*
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मोदी सरकार के वरिष्ठ मंत्री और तीसरे कार्यकाल में संसदीय कार्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे किरेन रिजिजू ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर हिंदुओं को बांटने के साथ मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाया है। आईएएनएस को दिए इंटरव्यू में कांग्रेस पार्टी पर हिंदुओं को बांटने के साथ मुस्लिम तुष्टिकरण का भी आरोप लगाया। इसके साथ ही वीडियो शेयर करते हुए रिजिजू ने अंग्रेजी की दो लाइनें लिखीं। पहले में उन्होंने मुसलमानों को वॉर्निंग देते हुए कहा, 'My warning to the Muslims: Do not become vote bank of the Congress!' दूसरी लाइन में उन्होंने हिंदुओं और अन्य को वॉर्निंग दी। रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की बांटो और राज करो वाली नीतियों के पीड़ित न बनें। किरेन रिजिजू ने आगे कहा कि कांग्रेस मुसलमानों को अपना वोट बैंक मानती है। चुनावों के दौरान कांग्रेस पार्टी कहती है कि उसका 15 प्रतिशत वोट शेयर मुस्लिम वोट आरक्षित है। ये पार्टी की मानसिकता दर्शाता है। ये पार्टी की मानसिकता दर्शाता है और ये मुसलमानों के लिए भी बड़ा नुकसान है। केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि कांग्रेस का मूल प्लान ही यही है कि मुसलमानों को वोट बैंक बनाकर रखो और हिंदुओँ को बांटो। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने आगे राहुल गांधी को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि इसलिए आजकल राहुल गांधी के मुंह से एससी-एसटी, ओबीसी जैसे शब्द निकल रहे हैं। एससी, एसटी, ओबीसी के अंदर की जो तकलीफें हैं उसका एबीसीडी भी राहुल गांधी को पता नहीं है लेकिन हर वक्त उनके मुंह से एससी, एसटी, ओबीसी निकलता रहता है। उनको इसी बात का पाठ पढ़ाया गया है। उन्होंने मुसलमान को वोट बैंक बनाया और अब एसटी, एससी, ओबीसी को हिंदुओं में विभाजित करके वोट हासिल करना चाहते हैं। इससे देश को बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है। रिजिजू ने आगे कहा कि पीएम मोदी ने देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए काम शुरू कर दिया है। पीएम मोदी के इस अभियान को बाधित करने के लिए कांग्रेस ने डिवाइड एंड रूल की पॉलिसी को अपनाया है। अंग्रेजों ने भी हिंदुओं को विभाजित किया अब और कांग्रेस पार्टी फिर से हिंदुओं को विभाजित करना चाहती है। मैं समझता हूं देश को सबसे ज्यादा नुकसान ऐसी चीज से होगा। ऐसे में हमको संगठित रहना होगा। हम मुसलमानों से भी कहना चाहेंगे कि कब तक आप कांग्रेस का वोट बैंक बनकर कठपुतली की तरह नाचते रहेंगे। पीएम मोदी ने समाज के हर तबके के लिए काम किया है। सरकार की योजनाओं का सबको लाभ मिल रहा है।
विकसित भारत देखने के लिए 2047 तक जीवित रहें”, पीएम मोदी पर दिए खरगे के बयान पर अमित शाह का पलटवार

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जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के चुनावी माहौल ने देश के सियासी माहौल को भी गर्म कर दिया है। राजनेता एक दूसरे पर जुबानी हमला बोल रहे हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का जम्मू-कश्मीर के जसरोटा में दिए एक बयान पर खूब हो हल्ला हो रहा है। खरगे ने जसरोटा में चुनावी सभा के दौरान कहा कि मैं तब तक जीवित रहूंगा जब तक पीएम मोदी सत्ता से नहीं हट जाते। इस दौरान उनकी तबीयत भी खराब हो गई थी। अब उनके इस बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे ने बेवजह ही पीएम मोदी को अपने स्वास्थ्य के मामले में घसीटा है।

अमित शाह ने अपने एक्स पर शेयर करते हुए कहा कि, कल मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने भाषण के दौरान अपने पार्टी से बढ़कर अभद्र भाषा का प्रयोग किया। उन्होंने अपनी कटुता का परिचय देते हुए पीएम मोदी को अपने निजी स्वास्थ्य के मामले में अनावश्यक रूप से घसीटते हुए कहा कि पीएम मोदी को जब सत्ता से हटा देंगे तभी मरेंगे। अमित शाह ने आगे कहा कि, इससे साफ पता चलता है कि कांग्रेसियों में पीएम के खिलाफ कितनी नफरत और डर है। खरगे के स्वास्थ्य के लिए मोदी जी प्रार्थना करते हैं, मैं प्राथना करता हूं और सभी लोग प्रार्थना करते हैं कि वह काफी लंबे समय तक स्वास्थ्य रहें। वे 2047 तक विकसित भारत का निर्माण देखने के लिए जीवित रहें।

क्या कहा था करगे ने?

बीते दिन मल्लिकार्जुन खरगे ने चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए जरूर लड़ेंगे, इसके लिए चाहे जो भी हो। मैं जम्मू-कश्मीर को ऐसा छोड़ने वाला नहीं हूं। मैं 83वीं साल में चल रहा हूं और इतनी जल्दी मरने वाला नहीं हूं, जब तक मोदी को नहीं हटाएंगे, तब तक मैं जिंदा ही रहूंगा। आपकी बात सुनूंगा और आपके लिए लडूंगा।

बता दें कि खरगे की मंच में बोलते वक्त अचानक बिगड़ी तबीयत पर पीएम मोदी ने हाल जाना था। मोदी ने फोन कर खरगे के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी। खरगे कल बोलते-बोलते अचानक मंच पर खड़े लड़खड़ाने लगे थे। हालांकि उस वक्त, वहां मौजूद बाकी कांग्रेस नेताओं ने उन्हें संभाला

कुमारी शैलजा ने ठुकराया मनोहर लाल का ऑफर, बोली- मेरी रगों में कांग्रेस का खून

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हरियाणा चुनाव में प्राचार अभियान अपने चरम पर है। हालांकि, कांग्रेस में सिर फुटव्वल जारी है। शीर्ष नेता आपस में तालमेल नहीं बिठा पा रहे हैं। हरियाणा कांग्रेस की पूरी सियासत कुमारी शैलजा के इर्द-गिर्द सिमट गई है। विधानसभा चुनाव प्रचार से उनके दूरी बनाए रखने के चलते राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस की ओर से नजरअंदाज किए जाने की खबर के बीच शैलजा को बीजेपी में शामिल होने का ऑफर तक मिला। इस बीच एक निजी चैनल से बात करते हुए कुमारी शैलजा ने इन सभी अकटकलों पर विराम लगा दिया है। उन्होंने कहा कि मेरी रगों में कांग्रेस का खून है। मैं कहीं नहीं जाऊंगी।

सिरसा से सांसद कुमारी शैलजा 12 सितंबर से पूरी तरह साइलेंट मोड में हैं। वो न ही कांग्रेस के चुनाव प्रचार में एक्टिव नजर आ रही हैं और न ही सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। ऐसे में कांग्रेस की नाराजगी और बीजेपी में शामिल होने सहित के सवाल का जवाब देते हुए कुमारी सैलजा ने एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में कहा, नाराजगी की बात नहीं है, लेकिन कुछ बातें तो हो जाती हैं, ये पार्टी की अंदरुनी बात है, लेकिन मैं मरते दम तक कांग्रेस नहीं छोड़ूंगी।

हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनने का दावा

शैलजा ने आगे कहा कि बीजेपी, हरियाणा और राष्ट्रीय स्तर पर गिरावट की ओर हैं, वहां जाने का सवाल ही नहीं है। कांग्रेस पार्टी आगे बढ़ रही है, कांग्रेस के साथ हरियाणा के लोग आगे बढ़ रहे हैं। लोग हमारी तरफ देख रहे हैं। सारा देश बोल रहा है कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनेगी। मैं समझती हूं कि उसमें थोड़ा-बहुत योगदान शैलजा का भी होगा। उससे ज्यादा कांग्रेस वर्कर का योगदान ग्राउंड पर ज्यादा होगा।

वहीं, जब उनसे पूछा गया कि क्या वजह है की आज अभी तक आपने चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लिया? तो उन्होंने कहा कि टिकट बंटवारे के बाद सभी उम्मीदवार बिजी थे अब प्रोग्राम बन रहे हैं जल्दी ही आपको चुनाव प्रचार में मिलूंगी। हम हरियाणा में बड़े मार्जिन से जीत दर्ज कर रहे हैं और हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बना रहे है।

सीएम बनने की इच्छा जाहिर

हरियाणा में मुख्यमंत्री बनने की रेस में शैलजा खुद को बनाए रखना चाहती है। उन्होंने कहा कि सीएम की दावेदारी तो कोई भी रख सकता है, दावेदारी हर एक की हो सकती हैं। शैलजा कभी न हताश होती है, न निराश होती है। मैंने बहुत से मुकाम और उतार-चढ़ाव देखे हैं। एक राजनेता के तौर पर मेरी भी इच्छा है कि मैं मुख्यमंत्री बनूं। अभी हरियाणा में मुख्यमंत्री बनने का रास्ता खुला हुआ है। कांग्रेस ने किसी भी नेता को सीएम चेहरा घोषित नहीं किया है। कांग्रेस में सीएम का चेहरा चुनाव के बाद पार्टी हाईकमान तय करता है। शैलजा ने कहा कि पहली बात तो यह भी नहीं पता है कि चुनाव के बाद मुख्यमंत्री कौन बनेगा। सीएम का फैसला हमेशा हाईकमान करता है। इसके अलावा सेल्फ प्रोटेक्शन तो सभी लोग करते हैं।

हरियाणा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 3 ऑब्जर्वर किए नियुक्त, क्या गहलोत-माकन और बाजवा दिला पाएंगें फायदा?

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हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव को लेकर वोटिंग होनी हैं। इससे पहले सभी पार्टियों ने पूरा जोर लगा रखा है। एक तरफ बीजेपी तीसरी बार सत्ता में बने रहने के लिए पूरी जोर आजमाइश में लगी है, वहीं कांग्रेस 10 साल बाद सत्ता वापसी के लिए लड़ रही है। कांग्रेस इस चुनाव में बढ़त के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। यही वजह है कि पार्टी के तीन बड़े नेताओं को हरियाणा भेजकर अहम जिम्मेदारी दी जा रही है। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। कांग्रेस राजस्थान, दिल्ली और पंजाब से अपने तीन बड़े नेताओं को इसकी जिम्मेदारी दी है। कांग्रेस ने राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन और पंजाब कांग्रेस के सीनियर नेता प्रताप सिंह बाजवा को वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाया है।

10 साल बाद सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस का पूरा जोर

कांग्रेस 10 साल से सत्ता में दूर है इसलिए पार्टी चुनाव की तैयारियों में किसी तरह की कमी नहीं छोड़ना चाहती इसलिए अशोक गहलोत, मकान और बाजवा जैसे वरिष्ठ नेताओं को हरियाणा भेजा जा रहा है। राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पार्टी के कोषाध्यक्ष अजय माकन और पंजाब असेंबली में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा, तीनों ही नेता न सिर्फ बेहद सीनियर व अनुभवी हैं, बल्कि संगठन में इनकी अपनी एक साख है। तीनों नेता हरियाणा की सीमा से सटे तीन राज्यों दिल्ली, पंजाब व राजस्थान से आते हैं। ऐसे में इन तीनों के सहारे उन इलाकों में इनके प्रभाव का इस्तेमाल करने की भी योजना है।

तीनों पर्यवेक्षकों के लिए बागियों को साधना सबसे बड़ी जिम्मेदारी

सूत्रों के मुताबिक, इन पर्यवेक्षकों का फिलहाल प्रमुख काम वहां नाराज पार्टी नेताओं, बागियों, नाराज कार्यकर्ताओं से संपर्क कर उनकी नाराजगी दूर करना, नाराज घर बैठ चुके लोगों को घर से बाहर निकालना है। उल्लेखनीय है कि नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 16 सितंबर सोमवार है। इसलिए कांग्रेस पूरा जोर लगाकर अपने बागियों को मनाने की कोशिश में लगी है। फिलहाल कांग्रेस में 31 बागी निर्दलीय खड़े हुए हैं। इन्हें साधना कांग्रेस की सबसे बड़ी प्राथमिकता व चिंता है। पार्टी के भीतर फिलहाल इस बात पर मंथन हो रहा है कि किस तरह के बागी को कैसे मनाया जाए या उस पर कहां व किससे कहलवाकर जोर डलवा कर नाम वापस लेने के लिए तैयार किया जा सकता है।

5 अक्टूबर को होगा मतदान

90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा के लिए 5 अक्टूबर को मतदान होना है और मतों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी। सूबे में कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच मुकाबला है। तीनों ही पार्टियों ने चुन चुनकर अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतार दिए हैं। सूबे में 10 सालों से बीजेपी की सरकार है। ऐसे में पार्टी तीसरी बार राज्य में सरकार बनाने की कोशिश में है तो वहीं लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था जिसको लेकर पार्टी के हौसले बुलंद हैं। पार्टी किसी भी तरह से राज्य में वापसी करने की कोशिश में लगी हुई है।

ఇంకెంతమంది రైతుల ప్రాణాలు బలిపెట్టాలి?

కాంగ్రెస్ ప్రభుత్వంపై మరోసారి విరుచుకుపడ్డారు కేటీఆర్. రుణమాఫీ అందలేదని అనేక మంది రైతులు ప్రాణాలు తీసుకుంటున్న పరిస్థితి రాష్ట్రంలో ఉందన్నారు. ట్విట్టర్ వేదిక ప్రభుత్వాన్ని ఏకపారేశారు మాజీ మంత్రి. రాష్ట్రంలో రైతులు ఆత్మహత్యలు చేసుకుంటున్నా సర్కారు మొద్దు నిద్ర వీడటం లేదని విమర్శించారు.

కాంగ్రెస్ ప్రభుత్వంపై (Congress Govt) మరోసారి విరుచుకుపడ్డారు కేటీఆర్ (Former Minister KTR) . రుణమాఫీ అందలేదని అనేక మంది రైతులు ప్రాణాలు తీసుకుంటున్న పరిస్థితి రాష్ట్రంలో ఉందన్నారు. ట్విట్టర్ వేదిక ప్రభుత్వాన్ని ఏకిపారేశారు మాజీ మంత్రి. రాష్ట్రంలో రైతులు ఆత్మహత్యలు చేసుకుంటున్నా సర్కారు మొద్దు నిద్ర వీడటం లేదని విమర్శించారు. రుణమాఫీ కాలేదని కొందరు-పెట్టుబడి సాయం రైతు భరోసా లేక కొందరు ప్రాణాలు వదులుకోవడం ఆందోళనకరమన్నారు. మాజీ ముఖ్యమంత్రి కేసీఆర్ రైతును రాజును చేస్తే ఈ కాంగ్రెస్ సర్కార్ ప్రాణాలు తీస్తోందని మండిపడ్డారు. రైతు రుణమాఫీ అంత బోగస్, రైతు భరోసా కూడా బోగస్ అంటూ వ్యాఖ్యలు చేశారు.

నిన్న... రైతు సురేందర్ రెడ్డి అటు బ్యాంకులు, ఇటు ప్రభుత్వ కార్యాలయాల చుట్టూ కాళ్లరిగేలా తిరిగినా రుణమాఫీ కాకపోవడంతో మేడ్చల్‌లో వ్యవసాయ కార్యాలయం సాక్షిగా ఆత్మహత్య చేసుకున్నాడని తెలిపారు. తన తల్లికి, తనకు ఉన్న రుణం మాఫీ కాకపోవడంతో కాంగ్రెస్ ప్రభుత్వం చేసిన దగాకు బలైపోయాడన్నారు. నేడు... రైతు సాగర్ రెడ్డి భార్యాభర్తలిద్దరిలో ఒక్కరి కూడా రుణమాఫీ కాలేదన్న ఆవేదనతో జగిత్యాలలో పురుగుల మందు తాగి చావుబతుకుల మధ్య కొట్టుమిట్టాడుతున్నాడన్నారు. తన పేరిట ఉన్న లక్షన్నర రుణం, తన భార్య పేరిట ఉన్న లక్షా 60 వేల రుణంలో ఏ ఒక్కరి రుణం మాఫీ అయినా గట్టెక్కుతానని గంపెడాశలు పెట్టుకుని దారుణంగా మోసపోయాడని తెలిపారు.

ముఖ్యమంత్రి రేవంత్ రెడ్డది చేసిన తీరని ద్రోహానికి ఇంకా ఎంతమంది రైతులు ప్రాణాలను బలిపెట్టాలని ప్రశ్నించారు. ఏకకాలంలో అందరికీ 2 లక్షల రుణమాఫీ అని ఇచ్చిన మాటతప్పిన సీఎంను ఏం చేయాలన్నారు. డిసెంబర్లో పెట్టిన డెడ్ లైన్ సెప్టెంబర్ దాటినా అమలుకాకపోతే దగాపడ్డ అన్నదాతలు ఇంకా ఎవరికి చెప్పుకోవాలని నిలదీశారు. 49,500 వేల కోట్ల రుణమాఫీలో పావుశాతం కూడా చేయకుండా చేతులెత్తేసినందుకు రైతన్నలకు క్షమాపణలు చెప్పాలని డిమాండ్ చేశారు. ‘‘ ఇంకెంత మంది రైతులు ఆత్మహత్యలు చేసుకుంటే మీ కళ్ళు చల్లారుతాయి? ’’ అంటూ ఆగ్రహం వ్యక్తం చేశారు. రేవంత్ రెడ్డి ఢిల్లీ యాత్రలు చేయటం కాదు రాష్ట్రంలో ఏం జరుగుతుందో చూడాలన్నారు. రైతులు ఆత్మ హత్యలు చేసుకోవద్దని.. దైర్యంగా ఉండాలని కోరుతున్నాను అంటూ కేటీఆర్ ట్వీట్ చేశారు.

मैं आरक्षण के खिलाफ नहीं हूं” यूएस में बोले राहुल गांधी, जानें क्यों देनी पड़ी सफाई

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अमेरिकी दौरे पर गए कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने आरक्षण को लेकर दिए अपने बयान पर देश में विवाद खड़ा हो गया है। रक्षण पर अपने बयान की वजह से चढ़े सियासी पारे के बीच कांग्रेस सासंद ने सफाई पेश की है। उन्होंने कहा है कि वह आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं। राहुल ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर उनकी पार्टी को गलत समझा गया, कांग्रेस पार्टी और का लक्ष्य इसे 50 प्रतिशत तक ले जाने का है।

वाशिंगटन में मीडिया से बातचीत के दौरान राहुल ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर उनकी पार्टी को गलत समझा गया है। वो 50 प्रतिशत से आगे बढ़कर आरक्षण देना चाहते हैं। उन्‍होंने कहा कि हम जो कह रहे हैं वह केवल आरक्षण के विचार से अलग है। हम, जो चल रहा है उसकी व्यापक समझ चाहते हैं और फिर इसे ठीक करने के लिए नीतियों की एक सीरीज लागू करना चाहते हैं, आरक्षण भी उनमें से एक है। राहुल गांधी ने कहा, ‘हम आरक्षण को 50 प्रतिशत से आगे बढ़ाने जा रहे हैं। मैं बार-बार यह कहता रहा हूं और कभी भी आरक्षण के खिलाफ नहीं रहा हूं। कल किसी ने मेरे बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया कि मैं आरक्षण के खिलाफ हूं। लेकिन मैं यह स्पष्ट कर दूं कि मैं आरक्षण के खिलाफ नहीं हूं। हम चाहते हैं कि आरक्षण 50% हो।’

क्या कहा था राहुल गांधी ने?

इससे पहले राहुल गांधी ने अमेरिका के दौरे पर मंगलवार को जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में छात्रों से बात की थी। इस दौरान उनसे पूछा गया था कि भारत में आरक्षण कब तक जारी रहेगा। इस पर राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस आरक्षण खत्म करने के बारे में तब सोचेगी जब सही समय होगा, जोकि अभी नहीं है। राहुल ने कहा था, “जब आप वित्तीय आंकड़ों को देखते हैं, तो आदिवासियों को 100 रुपये में से 10 पैसे मिलते हैं, दलितों को 100 रुपये में से 5 रुपये मिलते हैं और ओबीसी को भी लगभग इतनी ही रकम मिलती है। असलियत यह है कि उन्हें भागीदारी नहीं मिल रही है। भारत के हर एक बिजनेस लीडर की सूची देखें। मुझे आदिवासी, दलित का नाम दिखाएं। मुझे ओबीसी का नाम दिखाएं। मुझे लगता है कि शीर्ष 200 में से एक ओबीसी है। वे भारत के 50 प्रतिशत हैं, लेकिन हम इस बीमारी का इलाज नहीं कर रहे हैं। हालांकि अब, आरक्षण एकमात्र साधन नहीं है। अन्य साधन भी हैं।”

बयान पर सफाई की वजह

बता दे कि की राहुल के इस बयान के बाद बहुजन समाज पार्टी ने कड़ी आपत्ति जताई है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसे लेकर कहा है कि 'केंद्र में काफी लंबे समय तक सत्ता में रहते हुए कांग्रेस पार्टी की सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लागू नहीं किया और न ही देश में जातीय जनगणना। अब इनके इनकी आड़ में कांग्रेस सत्ता में आने के सपने देख रही है। इनके इस नाटक से सचेत रहें जो आगे कभी भी जातीय जनगणना नहीं करा पाएगी। बसपा के अलावा कुछ दलित संगठनों ने इसे मुद्दा बनाया है और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है।

Breaking : బాంబు పేల్చిన బండి సంజయ్ ‼️

- ప్రజలారా తుట్ పాలిష్ పట్టిన కేసిఆర్ భారీ స్కెచ్

- అతిత్వరలో కాంగ్రెస్ పార్టీలోకి బీఆర్ఎస్ విలీనం

తెలంగాణలో ‘విలీనం’ పై గట్టిగానే రాజకీయాలు నడుస్తున్నాయ్..! అదిగో ఫలానా పార్టీ.. ఈ పార్టీలో విలీనం కాబోతోందని ఓ జాతీయ పార్టీ అంటే.. అబ్బే మీరు మీరే ఒకటి కాబోతున్నారని మరో జాతీయ పార్టీ అంటోంది..!

ఈ విషయంలో ఎవ్వరూ తగ్గట్లేదు. ఈ అన్నింటిలోనూ కామన్‌గా బీఆర్ఎస్ పార్టీ ఉంది..! బీజేపీతో బీఆర్ఎస్‌కు (BJP, BRS) సన్నిహిత సంబంధాలున్నాయన్నది కొన్నేళ్లుగా నడుస్తున్నదే..!

అయితే ఈ మధ్య బీఆర్ఎస్‌ను కాంగ్రెస్ ఓ రేంజిలో బంతాట ఆడుకుంటోంది. రుణమాఫీ చెప్పిన టైమ్‌ కంటే చేసేయడం.. రాజీనామా చేస్తానన్న మాజీ మంత్రి, సిద్దిపేట ఎమ్మెల్యే తన్నీరు హరీష్ రావును ముహూర్తం ఎప్పుడు అంటూ మాట్లాడటం ఇలా రెండు పార్టీల మధ్య మాటల తూటాలు పేలుతున్నాయి.

ఈ క్రమంలోనే త్వరలోనే బీజేపీలో బీఆర్ఎస్ విలీనం కాబోతోందని స్వయానా రాష్ట్ర ముఖ్యమంత్రి రేవంత్ రెడ్డి వ్యాఖ్యానించారు. ఈ కామెంట్స్‌తో పొలిటికల్ హీట్ పెరిగిపోయింది. దీనిపై ఇప్పటికే బీఆర్ఎస్ నుంచి స్ట్రాంగ్ రియాక్షన్ రాగా.. తాజాగా బీజేపీ నుంచి కౌంటర్ వచ్చేసింది.

బీజేపీలో బీఆర్ఎస్ కాదు.. కాంగ్రెస్‌లోనే బీఆర్ఎస్‌ (Congress, BRS) విలీనం కాబోతోందని కేంద్ర హోం సహాయ మంత్రి బండి సంజయ్ కుమార్ ఉన్నట్టుండి బాంబ్ పేల్చారు. దీంతో రాష్ట్ర రాజకీయాలు మరింత హీటెక్కాయి. బండి రిలీజ్ చేసిన ఈ ప్రకటనపై ఇటు మీడియాలో.. అటు సోషల్ మీడియాలో పెద్ద ఎత్తునే చర్చ జరుగుతోంది.