India

Sep 26 2024, 12:11

रिकॉर्ड बदले-सबूत मिटाए..', कोलकाता रेप-मर्डर केस में बंगाल पुलिस पर CBI का बड़ा खुलासा

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक जूनियर डॉक्टर के साथ हुए वीभत्स बलात्कार और हत्या के मामले में CBI ने बड़ा खुलासा किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में ताला पुलिस थाने के रिकॉर्ड्स के साथ न केवल छेड़छाड़ की गई, बल्कि कुछ झूठे रिकॉर्ड भी तैयार किए गए। जाँच के दौरान पुलिस थाने के कुछ CCTV फुटेज सीबीआई के हाथ लगे, जिन्हें उन्होंने सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैब (CFSL) में भेज दिया है। CBI ने कहा कि अभिजीत मंडल और संदीप घोष से पूछताछ के बाद ये साफ हुआ कि उन्होंने मामले को गलत दिशा में मोड़ने के लिए झूठी जानकारी रिकॉर्ड में डाली थी। इन दोनों के मोबाइल डेटा भी CFSL को भेजे गए हैं, जिनसे और सबूत मिलने की संभावना है। CBI ने आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहाँ कोर्ट ने उन्हें फिर से 30 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस मामले में अब तक तीन गिरफ्तारियाँ हो चुकी हैं—संजय रॉय, संदीप घोष और अभिजीत मंडल। पुलिस जांच कर रही है कि कहीं ये तीनों मिलकर अपराध की साजिश में तो शामिल नहीं थे। घटना 9 अगस्त 2024 को हुई थी, जब आरजी कर मेडिकल कॉलेज की एक जूनियर डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। इस घटना की जानकारी सुबह 10 बजे ताला थाने को दी गई, लेकिन बंगाल पुलिस ने FIR रात के 11:30 बजे दर्ज की। इस घटना के बाद कई डॉक्टर सड़कों पर उतर आए थे और न्याय की मांग की थी। पीड़िता के परिवार ने भी आरोप लगाया कि उन्हें बहुत देर बाद उनकी बेटी से मिलने दिया गया। विवाद बढ़ने पर पुलिस ने संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया, जबकि थाना प्रभारी अभिजीत मंडल और संदीप घोष को बाद में CBI द्वारा पकड़ा गया। अब CBI की जांच में यह स्पष्ट हो रहा है कि सबूतों से छेड़छाड़ की गई थी। इस गंभीर मामले में यह सवाल उठता है कि आखिर ममता सरकार किसे बचाने की कोशिश कर रही है? एक मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर का बलात्कार और हत्या हो जाती है, लेकिन बंगाल सरकार पीड़िता को न्याय दिलाने के बजाय सबूत मिटाने में लगी हुई है। जब जांच CBI को सौंपी जाती है, तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद विरोध मार्च निकालती हैं, जबकि उनकी पुलिस ने सबूतों से छेड़छाड़ की थी और आरोपियों को बचाने की कोशिश की थी। इस मामले में INDIA गठबंधन के नेताओं की चुप्पी भी सवाल खड़े करती है। क्या यह चुप्पी बंगाल में हो रही आपराधिक घटनाओं का मौन समर्थन नहीं दिखाती? क्या यह देश की राजनीति का निम्नतम स्तर नहीं है, जहाँ न्याय की मांग को दबाने के लिए सत्ता का गलत इस्तेमाल हो रहा है?

Delhincr

Sep 25 2024, 17:18

पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आर एस एस मोहन भागवत को लिखी चिट्ठी,पूछे ये 5 सवाल।

नई दिल्ली: - दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आरएसएस चीफ मोहन भागवत को चिट्ठी लिखकर उनसे 5 सवाल पूछे हैं। उन्होंने अपनी चिट्ठी की शुरुआत में लिखा है, ''देश की मोदी सरकार, देश और देश की राजनीति को जिस दिशा में लेकर जा रही है, वो बहुत ही खतरनाक है, अगर ऐसे ही चलता रहा तो हमारा लोकतंत्र खत्म हो जाएगा और हमारा देश खत्म हो जाएगा".

अरविंद केजरीवाल ने मोहन भागवत से 5 सवाल पूछे हैं. उन्होंने कहा कि जिस कानून के तहत लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी को 75 साल की उम्र में रिटायर किया गया, वो वह कानून मोदी जी पर लागू नहीं होगा? क्या कानून सबके लिए समान नहीं होना चाहिए।

केजरीवाल ने अपनी चिट्ठी में ये भी लिखा है कि पीएम मोदी ने जून 2023 में एक नेता पर 70 हजार रुपए के घोटाले का आरोप लगाया और बाद में उसी नेता के साथ मिलकर सरकार बना ली. उस नेता को जिसे कल तक भ्रष्टचारी कहते थे आज उसे उपमुख्यमंत्री बना दिया. क्या आपने या किसी RSS कार्यकर्ता ने ऐसी बीजेपी की कल्पना की थी. सब देखकर आपको कष्ट नहीं होता?''

केजरीवाल ये भी लिखते हैं कि 'ED-CBI का इस्तेमाल करके सरकार गिरानी और बेईमानी से सत्ता हासिल करना क्या RSS को मंज़ूर है? आज हर भारतवासी के मन मे ये सवाल कौंध रहे.'' उन्होंने कहा कि तिरंगा आसमान में गर्व से लहराए, ये सुनिश्चित करना हम सब की जिम्मेदारी है।

मोहन भागवत को लिखे पत्र में केजरीवाल ने पूछा है जिस तरह मोदी जी लालच देकर ईडी, सीबीआई को डरा धमकाकर नेताओं को जेल भेज रहे हैं, पार्टी को तोड़ रहे हैं, सरकार गिरा रहे हैं, क्या यह देश के लिए सही है? क्या आप नहीं मानते यह भारतीय जनतंत्र के लिए हानिकारक है? देश भर में सबसे भ्रष्टाचारी नेताओं को मोदी जी ने पार्टी में शामिल कर दिया, जिन नेताओं को कुछ दिन पहले मोदी जी ने खुद भ्रष्टाचारी बोला, जिन नेताओं को अमित शाह ने खुद भ्रष्टाचारी बोला, कुछ दिन के बाद उनको बीजेपी में शामिल करा दिया, मैं पूछना चाहता हूं क्या इस प्रकार की राजनीति से आप सहमत हो? क्या आपने कभी ऐसी बीजेपी की कल्पना की थी?

'बेटा इतना बड़ा हो गया कि मां को आंख दिखाएगा'

आगे उन्होंने पत्र में लिखा है बीजेपी आरएसएस की कोख से पैदा हुई है. कहा जाता है. यह देखना आरएसएस की जिम्मेदारी है कि बीजेपी पथभ्रष्ट ना हो. मैं पूछना चाहता हूं क्या आप बीजेपी के इन कदमों से सहमत हैं? क्या आपने मोदी जी से यह सब करने के लिए बोला? क्या आपने ऐसा करने से उनको रोका कभी? 

जेपी नड्डा ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा कि बीजेपी को आरएसएस की जरूरत नहीं है. आरएसएस बीजेपी की मां समान है. क्या बेटा इतना बड़ा हो गया की मां को आंख दिखाने लगा? जिस बेटे को पाल पोस कर बड़ा किया, जिस बेटे को प्रधानमंत्री बनाया, आज वह बेटा पलट कर मां को आंख दिखाना चालू कर दिया. इस पर आपके दिल पर क्या गुजरी? क्या आपको दुख नहीं हुआ?

बीजेपी-RSS की चुप्पी की वजह क्या?

बता दें कि तीन दिन पहले दिल्ली के जंतर मंतर पर सार्वजनिक रूप से अरविंद केजरीवाल ने यही सवाल मोहन भागवत से पूछे थे. सोमवार तक उसका कोई जवाब नहीं आने पर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह में प्रेस वार्ता कर फिर दोहराया था कि आखिर क्या कारण है. न RSS न बीजेपी का कोई नेता इन सवालों का जवाब दे रहे हैं.

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Sep 23 2024, 16:21

छत्तीसगढ़ में CBI की लिमिट तय होने पर PCC चीफ बैज ने उठाए सवाल, कहा –
रायपुर-    छत्तीसगढ़ में सीबीआई की लिमिट तय होने पर सियासत गर्म हो गई है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने साय सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि सीबीआई की एंट्री पर राज्य और केंद्र सरकार के बीच तालमेल नहीं है. CBI की एंट्री केवल कांग्रेस के लिए है.

बैज ने कहा, राज्य में हो रहे लेन-देन से बचने का यह रास्ता है. कांग्रेस सरकार में सीबीआई बैन पर भाजपा सवाल उठाती रही. भाजपा सरकार में सीबीआई की सीमा क्यों तय हुआ, इसका जवाब दें. बता दें कि छत्तीसगढ़ में सीबीआई बैन था. भाजपा की सरकार आते ही इस बैन को हटा दिया गया. वहीं राज्य सरकार ने CBI की लिमिट भी तय की है।

भारतीय न्याय संहिता के प्रावधान के तहत राज्य सरकार ने 9 सितंबर को अधिसूचना जारी की है. इसके मुताबिक, अब CBI राज्य सरकार के अधीन लोक सेवकों से संबंधित मामलो में लिखित अनुमति के बिना जांच नहीं कर सकेगी.

राज्य के कर्मियों के लिए ये है प्रावधान

राज्य सरकार ने सीबीआई के लिए ये शर्त रखी है कि छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित लोकसेवकों से संबंधित मामलों में राज्य सरकार की पूर्व लिखित अनुमति के बिना ऐसा कोई अन्वेषण नहीं किया जाएगा, जैसा कि केंद्र सरकार या केंद्रीय उपक्रमों के अफसर, कर्मियों संबंधित मामलों में करने की अनुमति है। सूत्रों के अनुसार, अब राज्य सरकार जो मामले जांच के लिए सीबीआई को सौंपेगी, उन मामलों की ही जांच यह केंद्रीय संस्था कर पाएगी।

आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा गुमराह कर रही : बैज

जातिगत आरक्षण के मुद्दे पर भी सियासत जारी है. भाजपा की ओर से कांग्रेस को आरक्षण विरोधी बताए जाने पर कांग्रेस अध्यक्ष बैज ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. बैज ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा गुमराह कर रही है. भाजपा आरक्षण की हितैषी है तो राजभवन में लंबित विधेयक पर ध्यान दें. छत्तीसगढ़ में लगातार हो रही चाकूबाजी की घटना को लेकर बैज ने कहा कि राज्य में अपराधी बेलगाम हो गए हैं. सरकार का नियंत्रण नहीं दिख रहा. जनता में इस बात को लेकर आक्रोश है. सरकार अपराधियों को संरक्षण देने में लगी है.

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Sep 23 2024, 15:42

केजरीवाल राम, सिसोदिया लक्ष्मण...! जंतर-मंतर पर AAP नेता ने दिया यह बयान तो राजनीतिक हलकों में चर्चा का बाजार गर्म



दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने हाल ही में एक सभा में खुद और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तुलना भगवान राम और लक्ष्मण से की है। इस बयान के बाद राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चा और विवाद शुरू हो गया है।

सिसोदिया ने यह बयान जंतर-मंतर पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए दिया। उन्होंने जेल में अपने अनुभवों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें CBI अधिकारियों ने यह समझाने का प्रयास किया कि अरविंद केजरीवाल ने उनका नाम लिया है और अगर वह भी केजरीवाल का नाम लेते हैं, तो उन्हें (सिसोदिया को) बचाया जा सकता है। सिसोदिया ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “आप लक्ष्मण को राम से अलग करने की कोशिश कर रहे हो। दुनिया में कोई ताकत नहीं जो लक्ष्मण को राम से अलग कर सके।”

सिसोदिया ने अपनी और केजरीवाल की 26 साल पुरानी दोस्ती को अटूट बताते हुए खुद को लक्ष्मण और केजरीवाल को राम के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने इस रिश्ते को इतना मजबूत बताया कि कोई भी बाहरी या भीतरी ताकत इसे तोड़ नहीं सकती। सिसोदिया ने कहा कि सीबीआई ने उन्हें जेल में बताया कि केजरीवाल ने उनका नाम लिया है, लेकिन वह इसे एक साजिश मानते हैं, जिसका उद्देश्य उनके और केजरीवाल के बीच दरार पैदा करना है।

यह बयान राजनीतिक तौर पर कई सवाल खड़े करता है। राम और लक्ष्मण की तुलना उनके व्यक्तिगत और राजनीतिक रिश्ते को आदर्श बनाने की कोशिश मानी जा रही है। हालांकि, इसका धार्मिक पहलू भी चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि राजनीति में इस तरह की धार्मिक तुलना करना कई लोगों के लिए चर्चा का विषय बन गया है।

Veer Gupta

Sep 23 2024, 14:16

ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान की मुश्किलें बढ़ीं: न्यायिक हिरासत 7 अक्टूबर तक बढ़ी

आम आदमी पार्टी के दिल्ली के ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान की न्यायिक हिरासत को 7 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है. उन्हें दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान नियुक्तियों में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हिरासत में लिया गया था. हालांकि राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में अपना मेडिकल रिकॉर्ड ले जाने की इजाजत दे दी है. कोर्ट ने जेल के अधिकारियों से भी रिपोर्ट मांगी.

अमानतुल्लाह खान के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग में जांच दो FIR के चलते शुरू हुई है, जिनमें एक दिल्ली वक्फ बोर्ड से जुड़ी अनियमितताओं में CBI ने दर्ज की थी और दूसरी FIR दिल्ली एंटी करप्शन ब्रांच ने आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में की. ईडी ने दावा किया है कि उन्होंने दिल्ली वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती के जरिए एक बड़ी रकम हासिल की है और अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदने के लिए निवेश किया.

वक्फ बोर्ड की संपत्ति का फायदा

एजेंसी ने एक बयान में आरोप लगाया था कि वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती हुई और अमानतुल्लाह खान के अध्यक्ष पद पर रहने के दौरान वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को गलत तरीके से पट्टे पर देकर अवैध तरीके से फायदा उठाकर कमाई की. इसके साथ ही एजेंसी ने इस मामले में जनवरी में एक चार्जशीट दायर की थी और अमानतुल्लाह के तीन सहयोगियों जीशान हैदर, दाउद नासिर और जावेद इमाम सिद्दीकी सहित चार लोगों को नामजद किया था.

2 सितंबर को हिरासत में लिया गया था

अमानतुल्लाह खान को 2 सितंबर को हिरासत में लिया गया था. इससे पहले उनके घर पर छानबीन की गई थी और उनसे कुछ सवाल किए गए थे, जिसके जवाब वो सही तरह से नहीं दे पाए थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद उन्हें 23 सितंबर तक यानी आजतक के लिए हिरासत में भेजा गया था और अब उन्हें फिर से 7 अक्टूबर तक हिरासत में भेज दिया गया है.

यह आप नेता भी हो चुके हैं गिरफ्तार

अमानातुल्लाह खान भी आप के उन नेताओं में शामिल हैं, जिन्हें एजेंसी ने अलग-अलग मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में गिरफ्तार किया है. इन नेताओं में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सांसद संजय सिंह और पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन का नाम शामिल है. हालांकि केजरीवाल, सिसोदिया और संजय सिंह अब जमानत पर जेल से बाहर हैं.

Veer Gupta

Sep 22 2024, 15:03

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जंतर-मंतर पर कहा - हमने दिखा दिया की ईमानदारी से चुनाव लड़ा जा सकता है और सरकार बनाई जा सकती है

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार आज (22 सितंबर) दिल्ली के जंतर-मंतर पर जनता को संबोधित किया. जनता अदालत में केजरीवाल ने कहा, आपके बीच आकर अच्छा लग रहा है, जंतर मंतर पर पुराने दिन याद आ गए.

जनता अदालत को संबोधित करने के दौरान अरविंद केजरीवाल ने साल 2011 का जन लोकपाल बिल के आंदोलन के दिनों को याद किया. केजरीवाल ने कहा, 4 अप्रैल 2011 का दिन था और आजाद भारत का भ्रष्टाचार विरोधी सबसे बड़ा आंदोलन इसी जंतर-मंतर में शुरू हुआ था, जोकि डेढ़-दो साल तक चलता रहा. तब की सरकार भी बहुत अहंकारी थी, हमारी बात नहीं मानी, चैलेंज देते थे कि चुनाव लड़कर जीत कर दिखाओ. हम भी चुनाव लड़ लिए, पहली बार में ही दिल्ली में सरकार बन गई.

ईमानदारी से सरकार बनाई

अरविंद केजरीवाल ने कहा, हमने दिखा दिया कि ईमानदारी से चुनाव लड़ा जा सकता है और सरकार भी बनाई जा सकती हैं. केजरीवाल ने अपनी सरकार की कामयाबी गिनाते हुए कहा, सरकार बनाकर लोगों को ऐसी-ऐसी सुविधा दी जो उन्हें नहीं मिलती थी, लोगों के लिए मुफ्त, बिजली, पानी, शिक्षा और बुर्जुगों के लिए मुफ्त तीर्थ यात्रा दी. केजरीवाल ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, 10 सालों से ईमानदारी से सरकार चला रहे थे तो मोदी जी ने षड्यंत्र रचकर सारे बड़े-बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया, हमने जेल से बाहर आकर इस्तीफा दिया.

इस्तीफा देने की बताई वजह

अरविंद केजरीवाल ने 13 सितंबर को सीएम पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया था, जिसके बाद केजरीवाल ने 17 सितंबर को एलजी को अपना इस्तीफा सौंप दिया था. केजरीवाल ने अपने इस्तीफे का जिक्र करते हुए कहा, आप सोच रहे होंगे कि हमने इस्तीफा क्यों दिया? मैं भ्रष्टाचार करने नहीं देश की राजनीति बदलने आया था. मुझे कुर्सी से प्यार नहीं है, मैं अंदर से बहुत दुखी हुआ. इसलिए मैंने इस्तीफा दिया, मैंने अपनी जिंदगी में ईमानदारी से काम किया. इन 10 सालों में मैंने सिर्फ आपका प्यार कमाया है. सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल को सीएम आवास को खाली करना होगा, इसी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, आज मेरे पास रहने के लिए घर भी नहीं है.

जनता की अदालत में आया”

अरविंद केजरीवाल ने कहा, लोगों ने कहा कि मेरा घर ले लो, अभी श्राद्ध चल रहे हैं नवरात्र में मुख्यमंत्री आवास छोड़कर आपके घर आकर रह लूंगा. मैंने सोचा था कि कोर्ट से जब तक बरी नहीं हो जाता तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा. कोर्ट में सालों ट्रायल चलेगा, इसलिए मैं जनता की अदालत में आया हूं.

अगर मैं बेईमान होता तो हजारों करोड़ खा जाता, लोगों के लिए चीजें मुफ्त करता ? मैं आज आप लोगों से पूछने आया हूं कि केजरीवाल चोर है ? केजरीवाल ने जनता से कहा, जिन-जिन लोगों को लगता है कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मोदी जी ने षड्यंत्र रचा, वो हाथ खड़े करें.

RSS से पूछा सवाल

पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, आरएसएस वाले कहते हैं कि वो राष्ट्रवादी हैं, देश भक्त हैं, मैं आज मोहन भागवत जी से पूरे सम्मान के साथ पूछना चाहता हूं कि जिस तरह से मोदी जी पूरे देश में लालच देकर या ED-CBI को धमकी देकर दूसरी पार्टी के लोगों को जेल भेज रहे हैं और पार्टी तोड़ रहे हैं सरकार गिरा रहे हैं, क्या आपको नहीं लगता कि ये देश के लिए खतरा है. जिन नेताओं को मोदी जी ने खुद भ्रष्टाचारी बोला कुछ दिनों बाद पार्टी में शामिल करा लिया, क्या आप इससे सहमत हो ?

अरविंद केजरीवाल ने कहा, बीजेपी RSS की कोख से पैदा हुई है, पार्टी भ्रष्ट ना हो ये देखना आपका काम है, कभी आपने मोदी जी को ऐसा करने से रोका.

लोकसभा चुनाव से पहले कहा गया कि बीजेपी को RSS की जरूरत नहीं है, क्या आज बेटा इतना बड़ा हो गया कि मां को आंख दिखा रहा है? क्या आपको दुख नहीं हुआ? आज मैं मोहन भागवत जी और RSS के कार्यकर्ताओं से पूछना चाहता हूं आपको दुख नहीं हुआ? आप लोगों ने ही मिलकर कानून बनाया था कि 75 साल पर रिटायरमेंट होगा, आडवाणी जी जैसे नेताओं को रिटायर कर दिया, कह रहे हैं कि ये नियम मोदी जी पर लागू नहीं होता ? क्या वो अलग हैं?

मनीष सिसोदिया को 2 साल जेल में डाला”

अरविंद केजरीवाल ने कहा, 75 सालों में शिक्षा का बेड़ा ग़र्क कर दिया गया, लेकिन 75 साल बाद एक ऐसा शख्स आया मनीष सिसोदिया, जिसने ऐसे स्कूल बनाए जहां सब को अच्छी शिक्षा मिलती हैं. मनीष सिसोदिया को मोदी जी ने 2 साल जेल में डाल दिया, ये दो साल मनीष सिसोदिया के नहीं देश के खराब हुए हैं. क्या आप इस तरह की हरकतों से सहमत हैं? मुझे उम्मीद है कि आप जवाब देंगे. RSS के सभी कार्यकर्ताओं को कहना चाहता हूं कि चिंतन जरूर करना.

केजरीवाल ईमानदार लगे तो वोट देना”

पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के आगामी विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा, ये आने वाला चुनाव मामूली चुनाव नहीं है, अरविंद केजरीवाल की अग्नि परीक्षा है. उन्होंने आगे कहा, अगर आपको लगता है कि अरविंद केजरीवाल ईमानदार हैं तो वोट देना वर्ना मत देना. ये झाड़ू ईमानदारी का प्रतीक है, झाड़ू का बटन तभी दबाना जब आपको लगे कि अरविंद केजरीवाल ईमानदार है.

Uzma

Sep 13 2024, 19:57

SC ने एजेंसियों को कई बार लगाई फटकार, BJP के ऑर्डर पर CBI-ED करती है काम
दिल्ली के सीएम केजरीवाल को 13 सितंबर यानी की आज जमानत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा केजरीवाल को जमानत देने के फैसले का तेजस्वी ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल पर साजिश के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। ये भाजपा का तरीका है। विपक्ष के नेताओं को फंसाओं और उनको जेल भेजो।

तेजस्वी ने कहा कि कोर्ट का ऑब्जर्वेशन देखा जाए, तो लगातार एजेंसियों को कड़े से कड़े शब्दों में फटकार लगाई जा रही है। एक बार नहीं सुप्रीम कोर्ट ने कई बार एजेंसियों को फटकार लगाई है। इससे केंद्र सरकार की किरकिरी हुई है। कोर्ट के ऑब्जर्वेशन को देखा जाए, तो साफ पता चलता है कि जितने भी सरकारी एजेंसी ED, CBI है...BJP उन्हें जो लिस्ट मुहैया कराती है उसी के आधार पर ये एजेंसियां काम करती है।

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कार्यकर्ता संवाद यात्रा के क्रम में चौथे दिन दरभंगा में 5 विधानसभा के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। बैठक से पहले तेजस्वी ने परिसदन में पत्रकारों से बात की। इसी दौरान उन्होंने ये सारे बयान दिए हैं। कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया

तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि हम तो चाहते हैं कि जो भी बात है, साफ सुथरा जांच हो। लेकिन हमलोगों ने यह भी देखा है कि दूसरे पार्टी में रहते हैं तो उन्हें एजेंसियां शमन कर चार्जशीट करती है। फिर उन्हें गिरफ्तार कर लेती है। अगले ही दिन वह व्यक्ति अगर भाजपा में शामिल हो जाए तो चार्जशीट से उनका नाम ही गायब हो जाता है। मुख्यमंत्री केजरीवाल के जमानत के मामले में कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए फैसला सुनाया है। इसका हम स्वागत करते हैं।

हमारी सरकार आते ही मिथिलांचल डेवलपमेंट अथॉरिटी का होगा गठन

वहीं, मिथिलांचल के विकास के सवाल पर तेजस्वी यादव ने अपना रुख साफ करते हुए कहा कि 2025 में अगर हमारी सरकार बनी तो मिथिलांचल के विकास के लिए मिथिलांचल डेवलपमेंट अथॉरिटी का गठन किया जाएगा। इससे मिथिलांचल के विकास में कोई कोर कसर बाकी नहीं रह जाएगी। हमलोग जो कहते हैं,

वही करते हैं। ताकि मिथिलांचल का जो इलाका है, वह काफी आगे बढ़े। यहां मछली, मखाना और पान है। इसको लेकर यहां कई प्रकार के फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाए जा सकते हैं। इससे यहां की पलायन, बेरोजगारी के साथ-साथ गरीबी को भी दूर किया जा सकता है।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट

India

Sep 13 2024, 16:00

CBI को दिखाना चाहिए कि वह पिंजरे में बंद तोता नहीं', जानें सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा क्यों कहा?

डेस्क: दिल्ली शराब घोटाला मामले में आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। CBI केस में कोर्ट ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी है। केजरीवाल को कोर्ट ने 10 लाख रुपये के मुचलके और दो जमानत राशियों पर जमानत दी। केजरीवाल को जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस उज्जवल भुइयां ने सख्त टिप्पणी की है। उन्होंने सीबीआई को पिंजरे में बंद तोते की धारणा को दूर करने तक की सलाह दे दी है। आइए जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा है। जस्टिस भुइयां ने केजरीवाल को जमानत देते हुए सीबीआई द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय पर सवाल उठाया और कहा कि एजेंसी का उद्देश्य ईडी मामले में उन्हें जमानत दिए जाने में बाधा डालना था। जस्टिस भुइयां ने कहा कि ऐसा लगता है कि ईडी मामले में केजरीवाल को निचली अदालत से नियमित जमानत दिए जाने के बाद ही सीबीआई एक्टिव हुई और उनकी हिरासत की मांग की। 22 महीने से अधिक समय तक CBI को उन्हें गिरफ्तार करने की जरूरत महसूस नहीं हुई। इस तरह की कार्रवाई से गिरफ्तारी पर ही गंभीर सवाल उठते हैं। इस पर विचार किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल पर फैसला सुनाते हुए जस्टिस उज्जवल भुइयां ने कहा कि CBI को अपने पिंजरे में बंद तोते की छवि को बदलने के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह दिखाना चाहिए कि वह पिंजरे में बंद तोता नहीं है। जस्टिस भुइयां ने ये भी कहा कि मैं न्यायिक अनुशासन के कारण, केजरीवाल पर लगाई गई शर्तों पर टिप्पणी नहीं कर रहा हूं। जस्टिस भुइयां ने कहा कि जहां तक गिरफ्तारी के आधार का सवाल है, यह गिरफ्तारी की आवश्यकता को पूरा नहीं करती। सीबीआई गोलमोल जवाबों का हवाला देकर गिरफ्तारी को उचित नहीं ठहरा सकती और हिरासत जारी नहीं रख सकती। आरोपी को बयान देने के लिए भी मजबूर नहीं किया जा सकता। सीबीआई एक प्राथमिक जांच एजेंसी है। ऐसा कोई संकेत नहीं दिया जाना चाहिए कि जांच ठीक से नहीं की गई। सीबीआई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की पिंजरे का तोता वाली टिप्पणी पर बीजेपी नेता गौरव भाटिया ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कोयला गेट घोटाले के समय भ्रष्ट कांग्रेस ने सीबीआई को पिंजरे का तोता बना दिया था। उन्होंने कहा कि पिंजरे का तोता आज बाज बन चुका है। भ्रष्टाचारियों को नोच रहा है, काट रहा है, इसलिए भ्रष्टाचारियों को दर्द हो रहा है।

India

Sep 13 2024, 14:14

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने पर भड़की भाजपा, कहा- जेल वाला सीएम, बेल वाला सीएम हो गया है


डेस्क: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। CBI मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज सुबह अपना फैसला सुनाया। केजरीवाल को जमानत मिलने के बाद अब भाजपा की प्रतिक्रिया आई है। इसे लेकर भाजपा नेता गौरव भाटिया ने कहा कि दो केस चल रहे हैं। सीबीआई केस में आज सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर आया है। वहीं दूसरा केस ईडी का है। ईडी वाले मामले में कंडीशन बी में लिखा गया है कि ये वो कट्टर बेईमान मुख्यमंत्री हैं, जो दिल्ली के मुख्यमंत्री के दफ्तर में नहीं जाते हैं। ये कैसा मुख्यमंत्री है जो खुद मुख्यमंत्री के दफ्तर नहीं जाता। किस निम्न स्तर पर भारतीय राजनीति में ले आया है। मुख्यमंत्री का जो चरित्र होता है, उसे दागदार माना जाए तो कोई बात नहीं।

उन्होंने कहा कि शराब नीति की जो काली कमाई है, उसे अपने इस्तेमाल में लगाया जाए और कैसे और भ्रष्टाचार किया जाए। एक कंडीशन और है कि अगर कोई संवैधानिक पद पर मुख्यमंत्री है और उसपर इस तरह के भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, इसपर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि संवैधानिक पद पर जो व्यक्ति बैठा है, उसमें इतनी नैतिकता, इतनी शर्म बची होगी कि वह संविधान की दृष्टि से दिल्ली की जनता के हित के लिए इस्तीफा देगा। लेकिन जैसे कट्टर बेईमान अरविंद केजरीवाल से नैतिकता की उम्मीद नहीं की जा सकती है। इस आदेश के आने के बाद भी उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया।

उन्होंने कहा कि वह 6 महीने तक जेल में रहे, फिर भी इस्तीफा नहीं दिया। जेल वाला सीएम अब बेल वाला सीएम हो गया है। गौरव भाटिया ने आगे कहा कि हम पुन: मांग करते हैं कि कट्टर बेईमान अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दें। जब शराब घोटाले का किंगपिन निकला है और उसे बेल मिली है तो क्वीन पिन क्या कहेंगी। यही कहेंगी एक और भ्रष्टाचारी पूर्व मुख्यमंत्री बेल पर बाहर है। मैं ये जरूर कहना चाहूंगा ये सब भ्रष्टाचारी हैं और पापी हैं, जिन्होंने जनता को लूट रखा है। हमारा एक ही लक्ष्य है कि जांच एजेंसियां जनता का एक एक रुपया इनसे वसूल करे।

Veer Gupta

Sep 13 2024, 09:36

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में ही रहेंगे या उन्हें राहत मिलेगी, इसका पता आज चल जाएगा. सुप्रीम कोर्ट केजरीवाल की जमानत याचिका पर आज अपना फैसला सुनाएगा. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच फैसला सुनाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की जिरह के बाद 5 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दायर की हैं. पहली जमानत याचिका और दूसरी सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती दी गई है. ED के केस में केजरीवाल को जमानत मिल चुकी है जबकि यह मामला CBI की ओर से की गई गिरफ्तारी और रेगुलर बेल से जुड़ा है. ईडी मामले में केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से 12 जुलाई को जमानत मिली थी.

ईडी केस में अंतरिम जमानत मिलने के बाद सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था.

सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित रखा था फैसला

सुप्रीम कोर्ट पांच सितंबर को केजरीवाल की जमानत याचिका पर फैसला 5 सितंबर को सुरक्षित रखा था. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

सिंघवी ने पेश की थीं ये दलीलें

पिछली सुनवाई के दौरान अरवंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कई दलीलें पेश की थीं.

केजरीवाल को तत्काल रेगुलर जमानत मिलनी चाहिए.

केजरीवाल की गिरफ्तारी जानबूझकर की गई.

जेल में रखने के लिए केजरीवाल को अरेस्ट किया गया

केजरीवाल के खिलाफ कोई नया सबूत नहीं.

CBI की FIR में केजरीवाल का नाम तक नहीं

FIR में केजरीवाल का नाम बाद में जोड़ा गया.

CBI ने 2 साल बाद केजरीवाल को गिरफ्तार किया.

सिर्फ एक गवाही का आधार बनाकर उनकी गिरफ्तारी हुई.

PMLA केस में केजरीवाल की दो बार रिहाई हुई.

नॉन अरेस्ट को गिरफ्तारी के मामले में बदल दिया गया.

दोबारा गिरफ्तारी से पहले नोटिस नहीं दिया गया.

केजरीवाल एक राजनीतिक व्यक्ति हैं, वह कहीं भाग नहीं रहे

केजरीवाल को राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने से रोक गया.

CBI द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी उचित नहीं है.

सिंघवी ने कहा कि जमानत नियम है और जेल अपवाद है.

SC का ये फैसला ED और CBI मामले में भी लागू होगा.

केजरीवाल के मामले में भी लागू होगा.

CBI ने दी थीं ये दलीलें

ASG ने कहा कि केजरीवाल शराब घोटाले में मुख्य आरोपी हैं. उनके खिलाफ सबूत हैं.

सिसोदिया, कविता, सभी ट्रायल कोर्ट से गुजरे. केजरीवाल सांप-सीढ़ी का खेल खेल रहे

CBI सीबीआई की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका सही नहीं है.

किसी भी संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन नहीं हुआ है.

जांच के आधार पर मजिस्ट्रेट ने गिरफ्तारी की मंजूरी दी.

CBI की अर्जी को राउज एवेन्यू कोर्ट से अनुमति मिली थी.

कोर्ट की अनुमति के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई थी.

India

Sep 26 2024, 12:11

रिकॉर्ड बदले-सबूत मिटाए..', कोलकाता रेप-मर्डर केस में बंगाल पुलिस पर CBI का बड़ा खुलासा

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक जूनियर डॉक्टर के साथ हुए वीभत्स बलात्कार और हत्या के मामले में CBI ने बड़ा खुलासा किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में ताला पुलिस थाने के रिकॉर्ड्स के साथ न केवल छेड़छाड़ की गई, बल्कि कुछ झूठे रिकॉर्ड भी तैयार किए गए। जाँच के दौरान पुलिस थाने के कुछ CCTV फुटेज सीबीआई के हाथ लगे, जिन्हें उन्होंने सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैब (CFSL) में भेज दिया है। CBI ने कहा कि अभिजीत मंडल और संदीप घोष से पूछताछ के बाद ये साफ हुआ कि उन्होंने मामले को गलत दिशा में मोड़ने के लिए झूठी जानकारी रिकॉर्ड में डाली थी। इन दोनों के मोबाइल डेटा भी CFSL को भेजे गए हैं, जिनसे और सबूत मिलने की संभावना है। CBI ने आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहाँ कोर्ट ने उन्हें फिर से 30 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस मामले में अब तक तीन गिरफ्तारियाँ हो चुकी हैं—संजय रॉय, संदीप घोष और अभिजीत मंडल। पुलिस जांच कर रही है कि कहीं ये तीनों मिलकर अपराध की साजिश में तो शामिल नहीं थे। घटना 9 अगस्त 2024 को हुई थी, जब आरजी कर मेडिकल कॉलेज की एक जूनियर डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। इस घटना की जानकारी सुबह 10 बजे ताला थाने को दी गई, लेकिन बंगाल पुलिस ने FIR रात के 11:30 बजे दर्ज की। इस घटना के बाद कई डॉक्टर सड़कों पर उतर आए थे और न्याय की मांग की थी। पीड़िता के परिवार ने भी आरोप लगाया कि उन्हें बहुत देर बाद उनकी बेटी से मिलने दिया गया। विवाद बढ़ने पर पुलिस ने संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया, जबकि थाना प्रभारी अभिजीत मंडल और संदीप घोष को बाद में CBI द्वारा पकड़ा गया। अब CBI की जांच में यह स्पष्ट हो रहा है कि सबूतों से छेड़छाड़ की गई थी। इस गंभीर मामले में यह सवाल उठता है कि आखिर ममता सरकार किसे बचाने की कोशिश कर रही है? एक मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर का बलात्कार और हत्या हो जाती है, लेकिन बंगाल सरकार पीड़िता को न्याय दिलाने के बजाय सबूत मिटाने में लगी हुई है। जब जांच CBI को सौंपी जाती है, तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद विरोध मार्च निकालती हैं, जबकि उनकी पुलिस ने सबूतों से छेड़छाड़ की थी और आरोपियों को बचाने की कोशिश की थी। इस मामले में INDIA गठबंधन के नेताओं की चुप्पी भी सवाल खड़े करती है। क्या यह चुप्पी बंगाल में हो रही आपराधिक घटनाओं का मौन समर्थन नहीं दिखाती? क्या यह देश की राजनीति का निम्नतम स्तर नहीं है, जहाँ न्याय की मांग को दबाने के लिए सत्ता का गलत इस्तेमाल हो रहा है?

Delhincr

Sep 25 2024, 17:18

पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आर एस एस मोहन भागवत को लिखी चिट्ठी,पूछे ये 5 सवाल।

नई दिल्ली: - दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आरएसएस चीफ मोहन भागवत को चिट्ठी लिखकर उनसे 5 सवाल पूछे हैं। उन्होंने अपनी चिट्ठी की शुरुआत में लिखा है, ''देश की मोदी सरकार, देश और देश की राजनीति को जिस दिशा में लेकर जा रही है, वो बहुत ही खतरनाक है, अगर ऐसे ही चलता रहा तो हमारा लोकतंत्र खत्म हो जाएगा और हमारा देश खत्म हो जाएगा".

अरविंद केजरीवाल ने मोहन भागवत से 5 सवाल पूछे हैं. उन्होंने कहा कि जिस कानून के तहत लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी को 75 साल की उम्र में रिटायर किया गया, वो वह कानून मोदी जी पर लागू नहीं होगा? क्या कानून सबके लिए समान नहीं होना चाहिए।

केजरीवाल ने अपनी चिट्ठी में ये भी लिखा है कि पीएम मोदी ने जून 2023 में एक नेता पर 70 हजार रुपए के घोटाले का आरोप लगाया और बाद में उसी नेता के साथ मिलकर सरकार बना ली. उस नेता को जिसे कल तक भ्रष्टचारी कहते थे आज उसे उपमुख्यमंत्री बना दिया. क्या आपने या किसी RSS कार्यकर्ता ने ऐसी बीजेपी की कल्पना की थी. सब देखकर आपको कष्ट नहीं होता?''

केजरीवाल ये भी लिखते हैं कि 'ED-CBI का इस्तेमाल करके सरकार गिरानी और बेईमानी से सत्ता हासिल करना क्या RSS को मंज़ूर है? आज हर भारतवासी के मन मे ये सवाल कौंध रहे.'' उन्होंने कहा कि तिरंगा आसमान में गर्व से लहराए, ये सुनिश्चित करना हम सब की जिम्मेदारी है।

मोहन भागवत को लिखे पत्र में केजरीवाल ने पूछा है जिस तरह मोदी जी लालच देकर ईडी, सीबीआई को डरा धमकाकर नेताओं को जेल भेज रहे हैं, पार्टी को तोड़ रहे हैं, सरकार गिरा रहे हैं, क्या यह देश के लिए सही है? क्या आप नहीं मानते यह भारतीय जनतंत्र के लिए हानिकारक है? देश भर में सबसे भ्रष्टाचारी नेताओं को मोदी जी ने पार्टी में शामिल कर दिया, जिन नेताओं को कुछ दिन पहले मोदी जी ने खुद भ्रष्टाचारी बोला, जिन नेताओं को अमित शाह ने खुद भ्रष्टाचारी बोला, कुछ दिन के बाद उनको बीजेपी में शामिल करा दिया, मैं पूछना चाहता हूं क्या इस प्रकार की राजनीति से आप सहमत हो? क्या आपने कभी ऐसी बीजेपी की कल्पना की थी?

'बेटा इतना बड़ा हो गया कि मां को आंख दिखाएगा'

आगे उन्होंने पत्र में लिखा है बीजेपी आरएसएस की कोख से पैदा हुई है. कहा जाता है. यह देखना आरएसएस की जिम्मेदारी है कि बीजेपी पथभ्रष्ट ना हो. मैं पूछना चाहता हूं क्या आप बीजेपी के इन कदमों से सहमत हैं? क्या आपने मोदी जी से यह सब करने के लिए बोला? क्या आपने ऐसा करने से उनको रोका कभी? 

जेपी नड्डा ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा कि बीजेपी को आरएसएस की जरूरत नहीं है. आरएसएस बीजेपी की मां समान है. क्या बेटा इतना बड़ा हो गया की मां को आंख दिखाने लगा? जिस बेटे को पाल पोस कर बड़ा किया, जिस बेटे को प्रधानमंत्री बनाया, आज वह बेटा पलट कर मां को आंख दिखाना चालू कर दिया. इस पर आपके दिल पर क्या गुजरी? क्या आपको दुख नहीं हुआ?

बीजेपी-RSS की चुप्पी की वजह क्या?

बता दें कि तीन दिन पहले दिल्ली के जंतर मंतर पर सार्वजनिक रूप से अरविंद केजरीवाल ने यही सवाल मोहन भागवत से पूछे थे. सोमवार तक उसका कोई जवाब नहीं आने पर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह में प्रेस वार्ता कर फिर दोहराया था कि आखिर क्या कारण है. न RSS न बीजेपी का कोई नेता इन सवालों का जवाब दे रहे हैं.

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Sep 23 2024, 16:21

छत्तीसगढ़ में CBI की लिमिट तय होने पर PCC चीफ बैज ने उठाए सवाल, कहा –
रायपुर-    छत्तीसगढ़ में सीबीआई की लिमिट तय होने पर सियासत गर्म हो गई है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने साय सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि सीबीआई की एंट्री पर राज्य और केंद्र सरकार के बीच तालमेल नहीं है. CBI की एंट्री केवल कांग्रेस के लिए है.

बैज ने कहा, राज्य में हो रहे लेन-देन से बचने का यह रास्ता है. कांग्रेस सरकार में सीबीआई बैन पर भाजपा सवाल उठाती रही. भाजपा सरकार में सीबीआई की सीमा क्यों तय हुआ, इसका जवाब दें. बता दें कि छत्तीसगढ़ में सीबीआई बैन था. भाजपा की सरकार आते ही इस बैन को हटा दिया गया. वहीं राज्य सरकार ने CBI की लिमिट भी तय की है।

भारतीय न्याय संहिता के प्रावधान के तहत राज्य सरकार ने 9 सितंबर को अधिसूचना जारी की है. इसके मुताबिक, अब CBI राज्य सरकार के अधीन लोक सेवकों से संबंधित मामलो में लिखित अनुमति के बिना जांच नहीं कर सकेगी.

राज्य के कर्मियों के लिए ये है प्रावधान

राज्य सरकार ने सीबीआई के लिए ये शर्त रखी है कि छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित लोकसेवकों से संबंधित मामलों में राज्य सरकार की पूर्व लिखित अनुमति के बिना ऐसा कोई अन्वेषण नहीं किया जाएगा, जैसा कि केंद्र सरकार या केंद्रीय उपक्रमों के अफसर, कर्मियों संबंधित मामलों में करने की अनुमति है। सूत्रों के अनुसार, अब राज्य सरकार जो मामले जांच के लिए सीबीआई को सौंपेगी, उन मामलों की ही जांच यह केंद्रीय संस्था कर पाएगी।

आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा गुमराह कर रही : बैज

जातिगत आरक्षण के मुद्दे पर भी सियासत जारी है. भाजपा की ओर से कांग्रेस को आरक्षण विरोधी बताए जाने पर कांग्रेस अध्यक्ष बैज ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. बैज ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा गुमराह कर रही है. भाजपा आरक्षण की हितैषी है तो राजभवन में लंबित विधेयक पर ध्यान दें. छत्तीसगढ़ में लगातार हो रही चाकूबाजी की घटना को लेकर बैज ने कहा कि राज्य में अपराधी बेलगाम हो गए हैं. सरकार का नियंत्रण नहीं दिख रहा. जनता में इस बात को लेकर आक्रोश है. सरकार अपराधियों को संरक्षण देने में लगी है.

India

Sep 23 2024, 15:42

केजरीवाल राम, सिसोदिया लक्ष्मण...! जंतर-मंतर पर AAP नेता ने दिया यह बयान तो राजनीतिक हलकों में चर्चा का बाजार गर्म



दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने हाल ही में एक सभा में खुद और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तुलना भगवान राम और लक्ष्मण से की है। इस बयान के बाद राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चा और विवाद शुरू हो गया है।

सिसोदिया ने यह बयान जंतर-मंतर पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए दिया। उन्होंने जेल में अपने अनुभवों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें CBI अधिकारियों ने यह समझाने का प्रयास किया कि अरविंद केजरीवाल ने उनका नाम लिया है और अगर वह भी केजरीवाल का नाम लेते हैं, तो उन्हें (सिसोदिया को) बचाया जा सकता है। सिसोदिया ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “आप लक्ष्मण को राम से अलग करने की कोशिश कर रहे हो। दुनिया में कोई ताकत नहीं जो लक्ष्मण को राम से अलग कर सके।”

सिसोदिया ने अपनी और केजरीवाल की 26 साल पुरानी दोस्ती को अटूट बताते हुए खुद को लक्ष्मण और केजरीवाल को राम के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने इस रिश्ते को इतना मजबूत बताया कि कोई भी बाहरी या भीतरी ताकत इसे तोड़ नहीं सकती। सिसोदिया ने कहा कि सीबीआई ने उन्हें जेल में बताया कि केजरीवाल ने उनका नाम लिया है, लेकिन वह इसे एक साजिश मानते हैं, जिसका उद्देश्य उनके और केजरीवाल के बीच दरार पैदा करना है।

यह बयान राजनीतिक तौर पर कई सवाल खड़े करता है। राम और लक्ष्मण की तुलना उनके व्यक्तिगत और राजनीतिक रिश्ते को आदर्श बनाने की कोशिश मानी जा रही है। हालांकि, इसका धार्मिक पहलू भी चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि राजनीति में इस तरह की धार्मिक तुलना करना कई लोगों के लिए चर्चा का विषय बन गया है।

Veer Gupta

Sep 23 2024, 14:16

ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान की मुश्किलें बढ़ीं: न्यायिक हिरासत 7 अक्टूबर तक बढ़ी

आम आदमी पार्टी के दिल्ली के ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान की न्यायिक हिरासत को 7 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है. उन्हें दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान नियुक्तियों में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हिरासत में लिया गया था. हालांकि राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में अपना मेडिकल रिकॉर्ड ले जाने की इजाजत दे दी है. कोर्ट ने जेल के अधिकारियों से भी रिपोर्ट मांगी.

अमानतुल्लाह खान के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग में जांच दो FIR के चलते शुरू हुई है, जिनमें एक दिल्ली वक्फ बोर्ड से जुड़ी अनियमितताओं में CBI ने दर्ज की थी और दूसरी FIR दिल्ली एंटी करप्शन ब्रांच ने आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में की. ईडी ने दावा किया है कि उन्होंने दिल्ली वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती के जरिए एक बड़ी रकम हासिल की है और अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदने के लिए निवेश किया.

वक्फ बोर्ड की संपत्ति का फायदा

एजेंसी ने एक बयान में आरोप लगाया था कि वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती हुई और अमानतुल्लाह खान के अध्यक्ष पद पर रहने के दौरान वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को गलत तरीके से पट्टे पर देकर अवैध तरीके से फायदा उठाकर कमाई की. इसके साथ ही एजेंसी ने इस मामले में जनवरी में एक चार्जशीट दायर की थी और अमानतुल्लाह के तीन सहयोगियों जीशान हैदर, दाउद नासिर और जावेद इमाम सिद्दीकी सहित चार लोगों को नामजद किया था.

2 सितंबर को हिरासत में लिया गया था

अमानतुल्लाह खान को 2 सितंबर को हिरासत में लिया गया था. इससे पहले उनके घर पर छानबीन की गई थी और उनसे कुछ सवाल किए गए थे, जिसके जवाब वो सही तरह से नहीं दे पाए थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद उन्हें 23 सितंबर तक यानी आजतक के लिए हिरासत में भेजा गया था और अब उन्हें फिर से 7 अक्टूबर तक हिरासत में भेज दिया गया है.

यह आप नेता भी हो चुके हैं गिरफ्तार

अमानातुल्लाह खान भी आप के उन नेताओं में शामिल हैं, जिन्हें एजेंसी ने अलग-अलग मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में गिरफ्तार किया है. इन नेताओं में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सांसद संजय सिंह और पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन का नाम शामिल है. हालांकि केजरीवाल, सिसोदिया और संजय सिंह अब जमानत पर जेल से बाहर हैं.

Veer Gupta

Sep 22 2024, 15:03

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जंतर-मंतर पर कहा - हमने दिखा दिया की ईमानदारी से चुनाव लड़ा जा सकता है और सरकार बनाई जा सकती है

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार आज (22 सितंबर) दिल्ली के जंतर-मंतर पर जनता को संबोधित किया. जनता अदालत में केजरीवाल ने कहा, आपके बीच आकर अच्छा लग रहा है, जंतर मंतर पर पुराने दिन याद आ गए.

जनता अदालत को संबोधित करने के दौरान अरविंद केजरीवाल ने साल 2011 का जन लोकपाल बिल के आंदोलन के दिनों को याद किया. केजरीवाल ने कहा, 4 अप्रैल 2011 का दिन था और आजाद भारत का भ्रष्टाचार विरोधी सबसे बड़ा आंदोलन इसी जंतर-मंतर में शुरू हुआ था, जोकि डेढ़-दो साल तक चलता रहा. तब की सरकार भी बहुत अहंकारी थी, हमारी बात नहीं मानी, चैलेंज देते थे कि चुनाव लड़कर जीत कर दिखाओ. हम भी चुनाव लड़ लिए, पहली बार में ही दिल्ली में सरकार बन गई.

ईमानदारी से सरकार बनाई

अरविंद केजरीवाल ने कहा, हमने दिखा दिया कि ईमानदारी से चुनाव लड़ा जा सकता है और सरकार भी बनाई जा सकती हैं. केजरीवाल ने अपनी सरकार की कामयाबी गिनाते हुए कहा, सरकार बनाकर लोगों को ऐसी-ऐसी सुविधा दी जो उन्हें नहीं मिलती थी, लोगों के लिए मुफ्त, बिजली, पानी, शिक्षा और बुर्जुगों के लिए मुफ्त तीर्थ यात्रा दी. केजरीवाल ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, 10 सालों से ईमानदारी से सरकार चला रहे थे तो मोदी जी ने षड्यंत्र रचकर सारे बड़े-बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया, हमने जेल से बाहर आकर इस्तीफा दिया.

इस्तीफा देने की बताई वजह

अरविंद केजरीवाल ने 13 सितंबर को सीएम पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया था, जिसके बाद केजरीवाल ने 17 सितंबर को एलजी को अपना इस्तीफा सौंप दिया था. केजरीवाल ने अपने इस्तीफे का जिक्र करते हुए कहा, आप सोच रहे होंगे कि हमने इस्तीफा क्यों दिया? मैं भ्रष्टाचार करने नहीं देश की राजनीति बदलने आया था. मुझे कुर्सी से प्यार नहीं है, मैं अंदर से बहुत दुखी हुआ. इसलिए मैंने इस्तीफा दिया, मैंने अपनी जिंदगी में ईमानदारी से काम किया. इन 10 सालों में मैंने सिर्फ आपका प्यार कमाया है. सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल को सीएम आवास को खाली करना होगा, इसी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, आज मेरे पास रहने के लिए घर भी नहीं है.

जनता की अदालत में आया”

अरविंद केजरीवाल ने कहा, लोगों ने कहा कि मेरा घर ले लो, अभी श्राद्ध चल रहे हैं नवरात्र में मुख्यमंत्री आवास छोड़कर आपके घर आकर रह लूंगा. मैंने सोचा था कि कोर्ट से जब तक बरी नहीं हो जाता तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा. कोर्ट में सालों ट्रायल चलेगा, इसलिए मैं जनता की अदालत में आया हूं.

अगर मैं बेईमान होता तो हजारों करोड़ खा जाता, लोगों के लिए चीजें मुफ्त करता ? मैं आज आप लोगों से पूछने आया हूं कि केजरीवाल चोर है ? केजरीवाल ने जनता से कहा, जिन-जिन लोगों को लगता है कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मोदी जी ने षड्यंत्र रचा, वो हाथ खड़े करें.

RSS से पूछा सवाल

पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, आरएसएस वाले कहते हैं कि वो राष्ट्रवादी हैं, देश भक्त हैं, मैं आज मोहन भागवत जी से पूरे सम्मान के साथ पूछना चाहता हूं कि जिस तरह से मोदी जी पूरे देश में लालच देकर या ED-CBI को धमकी देकर दूसरी पार्टी के लोगों को जेल भेज रहे हैं और पार्टी तोड़ रहे हैं सरकार गिरा रहे हैं, क्या आपको नहीं लगता कि ये देश के लिए खतरा है. जिन नेताओं को मोदी जी ने खुद भ्रष्टाचारी बोला कुछ दिनों बाद पार्टी में शामिल करा लिया, क्या आप इससे सहमत हो ?

अरविंद केजरीवाल ने कहा, बीजेपी RSS की कोख से पैदा हुई है, पार्टी भ्रष्ट ना हो ये देखना आपका काम है, कभी आपने मोदी जी को ऐसा करने से रोका.

लोकसभा चुनाव से पहले कहा गया कि बीजेपी को RSS की जरूरत नहीं है, क्या आज बेटा इतना बड़ा हो गया कि मां को आंख दिखा रहा है? क्या आपको दुख नहीं हुआ? आज मैं मोहन भागवत जी और RSS के कार्यकर्ताओं से पूछना चाहता हूं आपको दुख नहीं हुआ? आप लोगों ने ही मिलकर कानून बनाया था कि 75 साल पर रिटायरमेंट होगा, आडवाणी जी जैसे नेताओं को रिटायर कर दिया, कह रहे हैं कि ये नियम मोदी जी पर लागू नहीं होता ? क्या वो अलग हैं?

मनीष सिसोदिया को 2 साल जेल में डाला”

अरविंद केजरीवाल ने कहा, 75 सालों में शिक्षा का बेड़ा ग़र्क कर दिया गया, लेकिन 75 साल बाद एक ऐसा शख्स आया मनीष सिसोदिया, जिसने ऐसे स्कूल बनाए जहां सब को अच्छी शिक्षा मिलती हैं. मनीष सिसोदिया को मोदी जी ने 2 साल जेल में डाल दिया, ये दो साल मनीष सिसोदिया के नहीं देश के खराब हुए हैं. क्या आप इस तरह की हरकतों से सहमत हैं? मुझे उम्मीद है कि आप जवाब देंगे. RSS के सभी कार्यकर्ताओं को कहना चाहता हूं कि चिंतन जरूर करना.

केजरीवाल ईमानदार लगे तो वोट देना”

पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के आगामी विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा, ये आने वाला चुनाव मामूली चुनाव नहीं है, अरविंद केजरीवाल की अग्नि परीक्षा है. उन्होंने आगे कहा, अगर आपको लगता है कि अरविंद केजरीवाल ईमानदार हैं तो वोट देना वर्ना मत देना. ये झाड़ू ईमानदारी का प्रतीक है, झाड़ू का बटन तभी दबाना जब आपको लगे कि अरविंद केजरीवाल ईमानदार है.

Uzma

Sep 13 2024, 19:57

SC ने एजेंसियों को कई बार लगाई फटकार, BJP के ऑर्डर पर CBI-ED करती है काम
दिल्ली के सीएम केजरीवाल को 13 सितंबर यानी की आज जमानत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा केजरीवाल को जमानत देने के फैसले का तेजस्वी ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल पर साजिश के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। ये भाजपा का तरीका है। विपक्ष के नेताओं को फंसाओं और उनको जेल भेजो।

तेजस्वी ने कहा कि कोर्ट का ऑब्जर्वेशन देखा जाए, तो लगातार एजेंसियों को कड़े से कड़े शब्दों में फटकार लगाई जा रही है। एक बार नहीं सुप्रीम कोर्ट ने कई बार एजेंसियों को फटकार लगाई है। इससे केंद्र सरकार की किरकिरी हुई है। कोर्ट के ऑब्जर्वेशन को देखा जाए, तो साफ पता चलता है कि जितने भी सरकारी एजेंसी ED, CBI है...BJP उन्हें जो लिस्ट मुहैया कराती है उसी के आधार पर ये एजेंसियां काम करती है।

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कार्यकर्ता संवाद यात्रा के क्रम में चौथे दिन दरभंगा में 5 विधानसभा के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। बैठक से पहले तेजस्वी ने परिसदन में पत्रकारों से बात की। इसी दौरान उन्होंने ये सारे बयान दिए हैं। कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया

तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि हम तो चाहते हैं कि जो भी बात है, साफ सुथरा जांच हो। लेकिन हमलोगों ने यह भी देखा है कि दूसरे पार्टी में रहते हैं तो उन्हें एजेंसियां शमन कर चार्जशीट करती है। फिर उन्हें गिरफ्तार कर लेती है। अगले ही दिन वह व्यक्ति अगर भाजपा में शामिल हो जाए तो चार्जशीट से उनका नाम ही गायब हो जाता है। मुख्यमंत्री केजरीवाल के जमानत के मामले में कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए फैसला सुनाया है। इसका हम स्वागत करते हैं।

हमारी सरकार आते ही मिथिलांचल डेवलपमेंट अथॉरिटी का होगा गठन

वहीं, मिथिलांचल के विकास के सवाल पर तेजस्वी यादव ने अपना रुख साफ करते हुए कहा कि 2025 में अगर हमारी सरकार बनी तो मिथिलांचल के विकास के लिए मिथिलांचल डेवलपमेंट अथॉरिटी का गठन किया जाएगा। इससे मिथिलांचल के विकास में कोई कोर कसर बाकी नहीं रह जाएगी। हमलोग जो कहते हैं,

वही करते हैं। ताकि मिथिलांचल का जो इलाका है, वह काफी आगे बढ़े। यहां मछली, मखाना और पान है। इसको लेकर यहां कई प्रकार के फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाए जा सकते हैं। इससे यहां की पलायन, बेरोजगारी के साथ-साथ गरीबी को भी दूर किया जा सकता है।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट

India

Sep 13 2024, 16:00

CBI को दिखाना चाहिए कि वह पिंजरे में बंद तोता नहीं', जानें सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा क्यों कहा?

डेस्क: दिल्ली शराब घोटाला मामले में आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। CBI केस में कोर्ट ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी है। केजरीवाल को कोर्ट ने 10 लाख रुपये के मुचलके और दो जमानत राशियों पर जमानत दी। केजरीवाल को जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस उज्जवल भुइयां ने सख्त टिप्पणी की है। उन्होंने सीबीआई को पिंजरे में बंद तोते की धारणा को दूर करने तक की सलाह दे दी है। आइए जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा है। जस्टिस भुइयां ने केजरीवाल को जमानत देते हुए सीबीआई द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय पर सवाल उठाया और कहा कि एजेंसी का उद्देश्य ईडी मामले में उन्हें जमानत दिए जाने में बाधा डालना था। जस्टिस भुइयां ने कहा कि ऐसा लगता है कि ईडी मामले में केजरीवाल को निचली अदालत से नियमित जमानत दिए जाने के बाद ही सीबीआई एक्टिव हुई और उनकी हिरासत की मांग की। 22 महीने से अधिक समय तक CBI को उन्हें गिरफ्तार करने की जरूरत महसूस नहीं हुई। इस तरह की कार्रवाई से गिरफ्तारी पर ही गंभीर सवाल उठते हैं। इस पर विचार किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल पर फैसला सुनाते हुए जस्टिस उज्जवल भुइयां ने कहा कि CBI को अपने पिंजरे में बंद तोते की छवि को बदलने के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह दिखाना चाहिए कि वह पिंजरे में बंद तोता नहीं है। जस्टिस भुइयां ने ये भी कहा कि मैं न्यायिक अनुशासन के कारण, केजरीवाल पर लगाई गई शर्तों पर टिप्पणी नहीं कर रहा हूं। जस्टिस भुइयां ने कहा कि जहां तक गिरफ्तारी के आधार का सवाल है, यह गिरफ्तारी की आवश्यकता को पूरा नहीं करती। सीबीआई गोलमोल जवाबों का हवाला देकर गिरफ्तारी को उचित नहीं ठहरा सकती और हिरासत जारी नहीं रख सकती। आरोपी को बयान देने के लिए भी मजबूर नहीं किया जा सकता। सीबीआई एक प्राथमिक जांच एजेंसी है। ऐसा कोई संकेत नहीं दिया जाना चाहिए कि जांच ठीक से नहीं की गई। सीबीआई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की पिंजरे का तोता वाली टिप्पणी पर बीजेपी नेता गौरव भाटिया ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कोयला गेट घोटाले के समय भ्रष्ट कांग्रेस ने सीबीआई को पिंजरे का तोता बना दिया था। उन्होंने कहा कि पिंजरे का तोता आज बाज बन चुका है। भ्रष्टाचारियों को नोच रहा है, काट रहा है, इसलिए भ्रष्टाचारियों को दर्द हो रहा है।

India

Sep 13 2024, 14:14

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने पर भड़की भाजपा, कहा- जेल वाला सीएम, बेल वाला सीएम हो गया है


डेस्क: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। CBI मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज सुबह अपना फैसला सुनाया। केजरीवाल को जमानत मिलने के बाद अब भाजपा की प्रतिक्रिया आई है। इसे लेकर भाजपा नेता गौरव भाटिया ने कहा कि दो केस चल रहे हैं। सीबीआई केस में आज सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर आया है। वहीं दूसरा केस ईडी का है। ईडी वाले मामले में कंडीशन बी में लिखा गया है कि ये वो कट्टर बेईमान मुख्यमंत्री हैं, जो दिल्ली के मुख्यमंत्री के दफ्तर में नहीं जाते हैं। ये कैसा मुख्यमंत्री है जो खुद मुख्यमंत्री के दफ्तर नहीं जाता। किस निम्न स्तर पर भारतीय राजनीति में ले आया है। मुख्यमंत्री का जो चरित्र होता है, उसे दागदार माना जाए तो कोई बात नहीं।

उन्होंने कहा कि शराब नीति की जो काली कमाई है, उसे अपने इस्तेमाल में लगाया जाए और कैसे और भ्रष्टाचार किया जाए। एक कंडीशन और है कि अगर कोई संवैधानिक पद पर मुख्यमंत्री है और उसपर इस तरह के भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, इसपर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि संवैधानिक पद पर जो व्यक्ति बैठा है, उसमें इतनी नैतिकता, इतनी शर्म बची होगी कि वह संविधान की दृष्टि से दिल्ली की जनता के हित के लिए इस्तीफा देगा। लेकिन जैसे कट्टर बेईमान अरविंद केजरीवाल से नैतिकता की उम्मीद नहीं की जा सकती है। इस आदेश के आने के बाद भी उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया।

उन्होंने कहा कि वह 6 महीने तक जेल में रहे, फिर भी इस्तीफा नहीं दिया। जेल वाला सीएम अब बेल वाला सीएम हो गया है। गौरव भाटिया ने आगे कहा कि हम पुन: मांग करते हैं कि कट्टर बेईमान अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दें। जब शराब घोटाले का किंगपिन निकला है और उसे बेल मिली है तो क्वीन पिन क्या कहेंगी। यही कहेंगी एक और भ्रष्टाचारी पूर्व मुख्यमंत्री बेल पर बाहर है। मैं ये जरूर कहना चाहूंगा ये सब भ्रष्टाचारी हैं और पापी हैं, जिन्होंने जनता को लूट रखा है। हमारा एक ही लक्ष्य है कि जांच एजेंसियां जनता का एक एक रुपया इनसे वसूल करे।

Veer Gupta

Sep 13 2024, 09:36

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में ही रहेंगे या उन्हें राहत मिलेगी, इसका पता आज चल जाएगा. सुप्रीम कोर्ट केजरीवाल की जमानत याचिका पर आज अपना फैसला सुनाएगा. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच फैसला सुनाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की जिरह के बाद 5 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दायर की हैं. पहली जमानत याचिका और दूसरी सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती दी गई है. ED के केस में केजरीवाल को जमानत मिल चुकी है जबकि यह मामला CBI की ओर से की गई गिरफ्तारी और रेगुलर बेल से जुड़ा है. ईडी मामले में केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से 12 जुलाई को जमानत मिली थी.

ईडी केस में अंतरिम जमानत मिलने के बाद सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था.

सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित रखा था फैसला

सुप्रीम कोर्ट पांच सितंबर को केजरीवाल की जमानत याचिका पर फैसला 5 सितंबर को सुरक्षित रखा था. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

सिंघवी ने पेश की थीं ये दलीलें

पिछली सुनवाई के दौरान अरवंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कई दलीलें पेश की थीं.

केजरीवाल को तत्काल रेगुलर जमानत मिलनी चाहिए.

केजरीवाल की गिरफ्तारी जानबूझकर की गई.

जेल में रखने के लिए केजरीवाल को अरेस्ट किया गया

केजरीवाल के खिलाफ कोई नया सबूत नहीं.

CBI की FIR में केजरीवाल का नाम तक नहीं

FIR में केजरीवाल का नाम बाद में जोड़ा गया.

CBI ने 2 साल बाद केजरीवाल को गिरफ्तार किया.

सिर्फ एक गवाही का आधार बनाकर उनकी गिरफ्तारी हुई.

PMLA केस में केजरीवाल की दो बार रिहाई हुई.

नॉन अरेस्ट को गिरफ्तारी के मामले में बदल दिया गया.

दोबारा गिरफ्तारी से पहले नोटिस नहीं दिया गया.

केजरीवाल एक राजनीतिक व्यक्ति हैं, वह कहीं भाग नहीं रहे

केजरीवाल को राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने से रोक गया.

CBI द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी उचित नहीं है.

सिंघवी ने कहा कि जमानत नियम है और जेल अपवाद है.

SC का ये फैसला ED और CBI मामले में भी लागू होगा.

केजरीवाल के मामले में भी लागू होगा.

CBI ने दी थीं ये दलीलें

ASG ने कहा कि केजरीवाल शराब घोटाले में मुख्य आरोपी हैं. उनके खिलाफ सबूत हैं.

सिसोदिया, कविता, सभी ट्रायल कोर्ट से गुजरे. केजरीवाल सांप-सीढ़ी का खेल खेल रहे

CBI सीबीआई की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका सही नहीं है.

किसी भी संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन नहीं हुआ है.

जांच के आधार पर मजिस्ट्रेट ने गिरफ्तारी की मंजूरी दी.

CBI की अर्जी को राउज एवेन्यू कोर्ट से अनुमति मिली थी.

कोर्ट की अनुमति के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई थी.