उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन को भाजपा ने जारी किया नोटिस, जानिए पूरा मामला

रायपुर- छत्तीसगढ़ के उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन को कोरबा नगर निगम सभापति पद पर भाजपा से बागी होकर चुने गए नूतन सिंह ठाकुर को बधाई देना भारी पड़ गया। भाजपा ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मंत्री देवांगन को नोटिस जारी किया है।

देखें नोटिस

मंत्री लखनलाल देवांगन ने दी थी बधाई

बता दें कि इससे पहले मंत्री लखनलाल देवांगन ने नूतन सिंह ठाकुर को कोरबा नगर निगम का सभापति चुने जाने पर बधाई दी और इसे बीजेपी की जीत बताया था। मंत्री देवांगन ने कहा था कि नूतन सिंह ठाकुर ने नगर पालिक निगम कोरबा के सभापति चुनाव में विजय हासिल की है। इस जीत पर मैं उन्हें बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा था कि हितानंद अग्रवाल पार्टी के घोषित प्रत्याशी थे, लेकिन सभी निर्वाचित पार्षदों ने एकजुट होकर सर्वसम्मति से नूतन सिंह ठाकुर की जीत सुनिश्चित की है। यह निर्णय सभी को मान्य है।

उन्होंने कहा का कि निश्चित तौर पर अब नगर निगम में महापौर और सभापति दोनों पदों पर बीजेपी का कब्जा हो गया है, जिससे कोरबा के विकास को और गति मिलेगी। मंत्री देवांगन ने नवनिर्वाचित सभापति और महापौर को शुभकामनाएं देते हुए कहा था कि वे कोरबा के समग्र विकास के लिए मिलकर कार्य करेंगे और पार्टी का सहयोग हमेशा उनके साथ रहेगा।

BJP ने नूतन सिंह ठाकुर को 6 साल के लिए किया निष्कासित

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ भाजपा ने अनुशासनहीनता के मामले में कोरबा नगर निगम के नवनिर्वाचित सभापति नूतन सिंह ठाकुर को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया है। जिसका आदेश आज ही पार्टी ने जारी किया था।

देखें आदेश

पूर्व CM भूपेश बघेल के घर ED छापा मामला: विधानसभा में विपक्ष का हंगामा, सदन की कार्यवाही बाधित, गर्भगृह में उतरा विपक्ष

रायपुर-  छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दसवें दिन की कार्यवाही विपक्ष के भारी विरोध और हंगामे के साथ शुरू हुई. कांग्रेस विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास पर ईडी की छापेमारी का मुद्दा उठाते हुए सदन में जोरदार नारेबाजी की. इस हंगामे के बाद स्पीकर ने विपक्ष के विधायकों को निलंबित कर दिया.

प्रश्नकाल से पहले ही विपक्ष ने इस मुद्दे को सदन में उठाया और सत्ता पक्ष पर ईडी के जरिए डराने-धमकाने का आरोप लगाया. कांग्रेस विधायकों ने ‘ईडी से डराना बंद करो’ जैसे नारे लगाकर विरोध जताया.

इस दौरान स्पीकर ने कहा कि प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद आप (विपक्ष) शून्यकाल के दौरान उठाए, लेकिन विपक्ष ने सदन के भीतर तेज हंगामे के साथ नारे लगाए. इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस भी देखने को मिली. व्यवस्था के बाद भी लगातार विपक्ष सदन के भीतर नारेबाजी करते रहा.

नारेबाजी के दौरान विपक्षी विधायक गर्भगृह तक पहुंच गए, जिसके बाद स्पीकर ने उन्हें निलंबित कर दिया. निलंबन के बावजूद कांग्रेस विधायक सदन के गर्भगृह में ही धरने पर बैठ गए और प्रदर्शन जारी रखा.

वहीं इस मामले में BJP के वरिष्ठ विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि विधानसभा में गैर-जिम्मेदारी से विपक्ष अपने दायित्व का निर्वहन कर रही है. विपक्ष अपनी बातों को नियमों के तहत उठा सकती है. सदन में छापे की बात कर कांग्रेस ने हंगामा शुरू कर दिया. कांग्रेस को नियम, क़ायदा, क़ानून पर विश्वास नहीं है. नियमों का पालन करना कांग्रेस के सिद्धांतों में नहीं है.

कैसे बदलता है सड़क का नाम? तुगलक लेन को विवेकानंद मार्ग करने की चर्चा, BJP नेता ने बदली नेमप्लेट

डेस्क:–दिल्ली की सड़क का नाम बदलने की चर्चा शुरू हो गई है. भाजपा राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा और सहकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के तुगलक लेन स्थित घर की नेमप्लेट पर स्वामी विवेकानंद लिखा गया है. इसके बाद से चर्चा है कि तुगलक लेन का नाम बदलकर स्वामी विवेकानंद मार्ग किया जा किया जा सकता है. जानिए, कैसे बदला जाता है सड़क का नाम, क्या है पूरी प्रक्रिया.

नजफगढ़ को नाहरगढ़ और मोहम्मदपुर को माधवपुर करने के प्रस्ताव के बाद अब दिल्ली की सड़क का नाम बदनने की चर्चा शुरू हो गई है. चर्चा है तुगलक लेन की. भाजपा राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा और सहकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के तुगलक लेन स्थित घर की नेमप्लेट पर स्वामी विवेकानंद लिखा गया है. हालांकि, इसके साथ तुगलक लेन भी लिखा है.इसके बाद से चर्चा है कि तुगलक लेन का नाम बदलकर स्वामी विवेकानंद मार्ग किया जा किया जा सकता है.

हालांकि, इसको लेकर अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. इस बीच आइए जान लेते हैं कि किसी भी सड़क का नमा कैसे बदला जाता है, क्या होती है इसकी प्रक्रिया और नियम.

*तो तुगलक लेन बनेगा स्वामी विवेकानंद मार्ग?*

सड़कों का नाम बदलने की प्रक्रिया क्या होती है, इसे दिल्ली के उदाहरण से समझते हैं. किसी भी रोड का नाम बदलने की मांग कोई भी इंसान, संगठन या सरकारी निकाय कर सकता है. इसके लिए प्रस्ताव तैयार करना होगा उसे सम्बंधित नगर पालिका या अथॉरिटी को देना होगा जिसके तहत वो सड़क आती है. दिल्ली में यह प्रस्ताव NDMC या दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग यानी पीडब्ल्यूडी के पास जमा करना होगा.

NDMC के अधिकार क्षेत्र में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCT) के केंद्रीय और महत्वपूर्ण क्षेत्र आते हैं. इसमें संसद, राष्ट्रपति भवन, मंत्रालय और अन्य केंद्रीय सरकारी संस्थानों वाली लुटियंस दिल्ली आती है.

*कैसे आगे बढ़ता है नाम बदलने का प्रस्ताव?*

अगर तुगलक लेन का नाम बदलने का प्रस्ताव NDMC तक पहुंचता है तो पहले काउंसिल में इसकी चर्चा होगी. काउंसिल में 14 सदस्य होते हैं. 13 मेम्बर और 1 चेयरपर्सन. अगर सहमति बनती है तो प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाता है. हालांकि, नाम बदलेगा या नहीं, यह इस बात पर भी निर्भर होता है कि इसका ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व कितना है. इस आधार पर काउंसिल मुहर लगाती है.

सम्बंधित नगरपालिका या प्राधिकरण से प्रस्ताव पास होने के बाद इसे दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग को भेजा जाएगा. इस विभाग की रोड नेमिंग अथॉरिटी नाम बदलने की मंजूरी पर फैसला लेगी. इसके बाद प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा. मंजूरी के बाद आदेश जारी होता है. इसे पोस्टमास्टर जनरल दिल्ली को भेजा जाएगा. इस तरह डाक सेवाओं में इस बदले हुए नाम को अपडेट किया जाएगा. फिर आधिकारिक गजट नोटिफिकेशन प्रकाशित करके हमेशा के लिए इसका नाम बदल जाएगा. इस तरह पर इस पर कानूनी रूप से मुहर लग जाती है.

*किसके पास कौन सी जिम्मेदारी?*

नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) के अधिकार क्षेत्र में नई दिल्ली के केंद्रीय क्षेत्र हैं. इसमें लुटियंस जोन भी आता है. दिल्ली नगर निगम (MCD) के पास दिल्ली के अधिकांश हिस्से हैं. वहीं, दिल्ली छावनी परिषद के पास कैंट एरिया है.

*क्या बोले BJP सांसद डॉ. दिनेश शर्मा?*

इस पूरे मामले में भाजपा राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा का कहना है, गूगल पर इस सड़क का नाम स्वामी विवेकानंद मार्ग के रूप में दर्ज है. उनका कहना है, जब कर्मचारियों ने मुझसे पूछा कि नेमप्लेट पर सड़क का नाम क्या लिखना है तो मैंने कहा आसपास जो नाम लिखा है वो लिख दो. आसपास के वरिष्ठ लोगों की नेमप्लेट में स्वामी विवेकानंद मार्ग और तुगलक लेन दोनों ही लिखा था. इसलिए नेमप्लेट में वही लिखा गया है.

न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए बयान में उन्होंने कहा, किसी भी सड़क का नाम बदलने का अधिकार सांसद के पास नहीं होता, यह मैं जानता हूं. 11 सालों तक मैं खुद महापौर रहा हूं.

हरियाणा के रेवाड़ी के युवक को ऑस्ट्रेलिया में 40 साल की सज़ा, कोरियाई महिलाओं के साथ रेप का आरोप


रेवाड़ी : हरियाणा के रेवाड़ी के रहने वाले युवक बालेश धनखड़ को कोरियन महिलाओं के साथ रेप के मामले में ऑस्ट्रेलिया में 40 साल की सज़ा सुनाई गई है.

रेवाड़ी के युवक को ऑस्ट्रेलिया में सज़ा:

ऑस्ट्रेलिया के सिडनी की एक कोर्ट ने रेवाड़ी के बालेश धनखड़ को कोरियन महिलाओं के साथ रेप करने के मामले में 40 साल की जेल की सजा सुनाई है. बालेश धनखड़ ने कोरियन मूल की 5 महिलाओं के साथ रेप किया था.

2018 में बालेश धनखड़ को गिरफ्तार किया गया था. सिडनी सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट यूनिट में पुलिस की छापेमारी में डेट-रेप ड्रग्स और एक वीडियो रिकॉर्डर बरामद किया गया था.

पढ़ाई के लिए गया था ऑस्ट्रेलिया :

बालेश धनखड़ 2006 में पढ़ाई के सिलसिले में ऑस्ट्रेलिया गया था. पढ़ाई पूरी होने के बाद वो वहीं बस गया. 43 वर्षीय बालेश पर आरोप था कि उसने अखबारों में विज्ञापन देकर कोरियन महिलाओं को ट्रांसलेटर के तौर पर नौकरी के बहाने बुलाया और उन्हें नशा देकर उनके साथ रेप किया. उस पर कुल 39 मामले ऑस्ट्रेलिया में ही दर्ज हुए, जिनमें 13 मामले दुष्कर्म के थे. 5 कोरियन महिलाओं के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आने के बाद उसे 2018 में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर की पुलिस ने गिरफ्तार किया था.

कोरियाई महिलाओं से किया था रेप : 

बालेश धनखड़ पर आरोप थे कि उसने 2017 में 5 कोरियाई महिलाओं को नौकरी का झांसा देकर इंटरव्यू लेने के बहाने मिलने को बुलाया और फिर नशीली दवा देकर उनके साथ रेप किया. पुलिस ने अक्टूबर 2018 में जब धनखड़ के अपार्टमेंट पर छापा मारा था तो उसके पास महिलाओं से संबंध बनाने के दर्जनों ऐसे वीडियो मिले थे, जिन्हें हिडन कैमरे से बनाया गया था।

कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना :

वहीं पूरे मामले पर कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (X) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि "नरेंद्र मोदी के चहेते बालेश धनखड़ को ऑस्ट्रेलिया में 40 साल की सजा मिली है. BJP का वरिष्ठ नेता बालेश धनखड़ 'Overseas Friends Of BJP', ऑस्ट्रेलिया का अध्यक्ष था. बालेश धनखड़ ने कई लड़कियों का 13 बार हिंसक बलात्कार किया. धनखड़ हैवान से भी बदतर है, उसने लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर बुलाया, फिर उन्हें ड्रग्स देकर बेहोश किया.

बेहोशी के हाल में लड़कियों का बलात्कार किया और इस दरिंदगी का वीडियो भी बनाया. वीडियो बनाने के बाद वो लगातार लड़कियों को ब्लैकमेल करता और फिर उनका बलात्कार करता. ऑस्ट्रेलिया के कोर्ट ने कहा है कि ये जघन्य अपराध है, ये हैवानी प्रवृति है. कोर्ट ने बालेश धनखड़ को 40 साल की सजा दी है और 30 साल तक पैरोल न देने का आदेश दिया है. आज महिला दिवस के दिन ये खबर आई है और यह साफ संदेश देती है कि BJP नेताओं से बेटियों को बचाना है।

सहकारी शक्कर कारखाना में ठेकेदारों और अधिकारियों की मनमानी, अनियमित भर्ती, वेतन गड़बड़ी और श्रमिक शोषण का आरोप

रायपुर- छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के एक सहकारी शक्कर कारखाना में ठेकेदारों और अधिकारीयों की मिलीभगत से नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है. यहां टेंडर प्रावधानों को दरकिनार कर मनमर्जी से पदोन्नति और वेतन बढ़ोतरी का खेल जारी है. वहीं ठेका कंपनी केस्टेक और ओम एंटरप्राइजेस पर ठेंगा दिखाककर शोषण करने का आरोप है. 

दरअसल, पण्डरिया वि.ख. के ग्राम विशेषरा स्थित लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना में कंप्यूटर ऑपरेटर पद पर नियुक्त कर्मचारियों को नियमों के खिलाफ ऊंचे पदों पर प्रमोशन दिया जा रहा है. ठेका श्रमिकों को टेंडर रेट के अनुसार भुगतान करने के बजाए एक तरफ कुछ को मनमाने तरीके से मोटी रकम दी जा रही है. वहीं कुछ को कम वेतन पर रखा जा रहा है. केस्टेक कंपनी और ओम एंटरप्राइजेस पर श्रमिकों का शोषण करने और ठेका शर्तों की अवहेलना करने के आरोप लगे हैं. 

विनीत सिंह ठाकुर – 11,400 रूपये वेतन पर कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में भर्ती, फिर नियमों को तोड़ते हुए दो साल में 40,000 रूपये सैलरी पर कंप्यूटर प्रोग्रामर बना दिया गया.

सतानंद साहू – 10,000 रूपये वेतन पर भर्ती, फिर बिना किसी प्रक्रिया के 25,000 रूपये तक प्रमोशन दिया गया. 

मोहन द्विवेदी – 11,000 रूपये पर भर्ती, फिर लेखापाल के पद पर प्रमोशन देकर 20,000 रूपये सैलरी.

संजय कुमार राठौर – 10,000 रूपये पर भर्ती, फिर 14,000, 15,000 और 18,000 रूपये तक सैलरी बढ़ाई गई. 

अधिकारियों की मिलीभगत के बगैर ठेकेदार मनमानी संभव नहीं : शिकायतकर्ता

शिकायतकर्ता संजय कुमार राठौर ने कहा कि अधिकारियों की मिली भगत के बगैर ठेकेदार की मनमानी का कार्य संभव नहीं है. इसमें अधिकारी और ठेकेदार दोनों की मिलीभगत है. ठेका नियमानुसार कर्मचारियों को भुगतान नहीं हो रहा है. चेहरा देखकर पदों का आवंटन हो रहा है. जिन लोगों के पास जिस पद के लिए योग्यता नहीं है, डिग्री नहीं हैं, अनुभव नहीं है. वहां बैठकर निर्धारित दर से कम राशि देकर काम लिया जा रहा है. कांग्रेस सरकार में इसकी शिकायत मैंने मुख्यमंत्री के जनदर्शन में किया था, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. विभागीय मंत्री का पास भी शिकायत लेकर पहुंचे थे. फिर भी किसी ने ध्यान नहीं दिया, जो भी वहां जाते हैं उनको मैनेज कर लिया जाता है. कार्रवाई नहीं होती है, इसलिए अब मैं BJP सरकार से उम्मीद है कि इस भ्रष्टाचार करप्शन को रोके और जिम्मेदारों पर कार्रवाई करे. जब मैं इन मुद्दों पर सवाल किया तो मुझे नौकरी से बाहर निकाल दिया गया है. 

शिकायत में बताया गया कि 2500 टी सी डी का प्लांट में स्टापिंग पैटर्न 2020 के अनुसार स्थाई पद 210 और सीजनल पद 153 कुल 372 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 314 पद रिक्त है. श्रम कानूनों की अनदेखी हुई है. स्थानीय कर्मचारियों का टेंडर के माध्यम से शोषण किया गया. मेसर्स ओम इंटरप्रजेस द्वारा कर्मचारियों के वेतन में 25-50% कटौती हुई. तकनीकी कर्मचारियों के टेंडर निकालकर भारी कमीशन की गड़बड़ी की गई. अपात्र कर्मचारियों को प्रमोशन और ज्यादा वेतन दिया गया, वहीं योग्य उम्मीदवारों की अनदेखी की गई. गन्ना पेराई सीजन 2023-24 में ऑन लाइन टेण्डर में 150 कर्मचारियों के लिए निकाला गया था, जिसमें मेसर्स ओम इंटरप्रजेस द्वारा सिर्फ 114 कर्मचारियों की आपूर्ति किया गया. कुछ कर्मचारियों को मनमाने ढंग से 10,000 रुपए से बढ़ाकर 40,000 रुपए वेतन दिया गया. बिना योग्यता वाले कर्मचारी चीफ इंजीनियर जैसे अहम पदों पर तैनात है. शुगर हाउस में चोरी का आरोप गरीब कर्मचारियों पर, जबकि रसूखदार बचाए गए. कारखाने में अतिरिक्त कर्मचारियों की भर्ती कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा. कर्मचारियों की मांग है कि उच्च स्तरीय जांच हो और दोषियों पर कार्रवाई की जाए। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि प्रशासन और ठेकेदारों की मिलीभगत से यह भ्रष्टाचार चल रहा है। अब बीजेपी सरकार से न्याय की उम्मीद जताई गई है.

मेरे आने से पहले का मामला : सहकारी शक्कर कारखाना के MD

उत्तर कुमार कौशिक MD सरदार लौह पुरुष वल्लभ भाई पटेल सहकारी शक्कर कारख़ाना पंडरिया ने कहा ये मामला मेरे आने से पहले का है, वर्ष 2023-24 है. अगर ऐसा कुछ मामला है, तो जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी. साथ ही अपने उच्चाधिकारियों को इसकी सूचना दी जाएगी.

जम्मू-कश्मीर में होगा से बीजेपी-एनसी गठबंधन? जानें उमर अब्दुल्ला का जवाब

#nationalconferencealliancewithbjp

जम्मू-कश्मीर में बीजेपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन के कयास लग रहे हैं। इन चर्चाओं के बीच जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बड़ा बयान दिया है। उमर अब्दुल्ला ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनकी पार्टी किसी भी प्रकार के भाजपा के साथ गठबंधन पर विचार नहीं कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन की कोई गुंजाइश नहीं है और न ही इसकी कोई आवश्यकता है।

आज यहां बजट सत्र के पहले दिन उपराज्यपाल के अभिभाषण के बाद पत्रकारों के साथ एक संक्षिप्त बातचीत में उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमने जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली के संदर्भ में जो प्रस्ताव लाया था, वह आज भी बरकरार है। उन्होंने कहा कि हमने पहले सत्र में जो करना था, वह कर दिया है।उन्होंने कहा कि पीडीपी समेत सभी दलों ने विधेयक का समर्थन किया, जिसे सदन ने पारित कर दिया। उन्होंने आगे कहा कि यह वही विधेयक है जिसके खारिज होने की उम्मीद सभी को थी, लेकिन इसे सदन ने पारित कर दिया। आज भी प्रस्ताव मौजूद है और यह बड़ी बात है।

भाजपा से गठबंधन की अटकलों को किया खारिज

सीएम से पूछा गया कि बीजेपी विधायक आर एस पठानिया ने हिंट दिया है कि एनसी और बीजेपी का गठबंधन हो सकता है। इस सवाल पर जवाब देते हुए मुसकुराते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा, उन के हिंट देने से क्या होता है, न हम कोई गठबंधन करने के लिए बात कर रहे हैं, न इसकी कोई गुंजाइश है। सीएम ने आगे कहा कि बीजेपी और एनसी के विचार अलग हैं, दोनों की सोच मेल नहीं खाती है। अगर हम जम्मू-कश्मीर के बारे में बात करते हैं तो उनकी और हमारी सोच में जमीन-आसमान का फर्क है। ऐसी कोई गुंजाइश ही नहीं है।

7 साल बाद पेश होगा बजट

जम्मू-कश्मीर में 3 मार्च को सात साल से अधिक समय के बाद विधानसभा का पहला बजट सत्र शुरू हो गया है। आखिरी बजट फरवरी 2018 में तत्कालीन पीडीपी वित्त मंत्री डॉ. हसीन द्राबू ने विधानसभा में पेश किया था। विधानसभा में 4, 5 और 6 मार्च को उपराज्यपाल के अभिभाषण पर बहस होगी। इसी के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला छह मार्च को बहस का जवाब देंगे।

इडली-सांबर की वजह से गोवा के टूरिज्म में गिरावट? बीजेपी विधायक के हैरान करने वाला दावा

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गोवा में पर्यटकों की संख्या में कमी आई है। गोवा के टूरिज्म में गिरावट के बीच बीजेपी के विधायक माइकल लोबो ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा, बीच पर इडली-सांबर बेचा जा रहा है जिसकी वजह से टूरिज्म में गिरावट दर्ज की जा रही है। विधायक माइकल लोबो ने कहा कि बीच शैक्स में इन दक्षिण भारतीय और मुंबई स्ट्रीट फूड की बढ़ती मौजूदगी, साथ ही चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण, विदेशी पर्यटक तटीय राज्य से दूर जा रहे हैं।

कैसे दक्षिण भारतीय व्यंजन पर्यटन को प्रभावित कर रहा?

उत्तरी गोवा के कलंगुट में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए लोबो ने कहा कि यदि गोवा में कम विदेशी आ रहे हैं तो इसके लिए अकेले सरकार को दोषी नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि सभी हितधारक समान रूप से जिम्मेदार हैं। लोबो ने इस बात पर अफसोस जताया कि गोवावासियों ने समुद्र तट पर स्थित अपनी झोपड़ियों को अन्य स्थानों के व्यापारियों को किराये पर दे दिया है। बीजेपी विधायक ने कहा कि बेंगलुरु के कुछ लोग झोपड़ियों में वड़ा पाव परोस रहे हैं। कुछ इडली-सांभर बेच रहे हैं। (इसलिए) पिछले दो साल से राज्य में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन में गिरावट आ रही है। हालांकि विधायक ने यह नहीं बताया कि लोकप्रिय दक्षिण भारतीय व्यंजन उनके राज्य में पर्यटन को किस प्रकार प्रभावित कर रहा है।

युद्ध भी बन रहा वजह

लोबो ने यह भी कहा कि गोवा में पर्यटन में गिरावट को लेकर हंगामा मचा हुआ है और सभी हितधारकों को इसकी जिम्मेदारी उठानी होगी। उन्होंने आगे कहा, गोवा में नॉर्थ से लेकर साउथ तक पर्यटन में गंभीर गिरावट आई है और इसके कई कारण हैं। उन्होंने कहा कि जो विदेशी पर्यटक वर्षों से गोवा आ रहे हैं, वे लगातार आ रहे हैं, लेकिन नए पर्यटक, विशेष रूप से युवा गोवा की जगह दूसरी जगह का चुनाव कर रहे हैं। बीजेपी विधायक ने रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को भी इस का कारण बताया है। उन्होंने कहा, युद्ध की वजह से भी रूसी और यूक्रेनी पर्यटकों ने गोवा आना बंद कर दिया है।

राजस्थानः नए प्रदेश अध्यक्ष के स्वागत के लिए आपस में भिड़े BJP के कार्यकर्ता, चले लात घूंसे और थप्पड़

राजस्थान में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए गुरुवार का दिन शर्मसार कर देने वाला रहा. पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारी की बैठक के दौरान नेताओं के बीच आपसी विवाद हो गया. स्थिति यह हुई कि बैठक के दौरान ही इनके बीच लात- घूंसे चलने लग गए.

जयपुर में बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के स्वागत का कार्यक्रम रखा गया था. इससे पहले अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हामिद खान मेवाती की अगुवाई में मोर्चा के पदाधिकारियों की बैठक चल रही थी. बैठक में प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य, जिला अध्यक्ष और महामंत्री भी शामिल हुए थे.

बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे मदन राठौड़

बैठक में पार्टी के नवनिर्वाचित प्रदेशाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ भी मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे थे. बैठक के बाद बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष हमीद खान मेवाती ने मोर्चा पदाधिकारियों के साथ मिलकर राठौड़ का स्वागत का कार्यक्रम रखा था.

मारपीट की यह घटना उस समय हुई, जब स्वागत के लिए आयोजित कार्यक्रम में पार्टी के नए प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ पहुंचे ही थे, कि आपस में हंगामा शुरू हो गया. बताया जा रहा है कि प्रदेशाध्यक्ष राठौड़ को कुर्सी पर बिठाने के दौरान यह झगड़ा शुरू हो गया था.

दोनों ने एक-दूसरे को मारा थप्पड़

अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व पदाधिकारी जैकी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ को एस्कॉर्ट करते हुए मंच तक लेकर आए. इस बीच जब वह मंच पर चढ़ने लगे तो उन्हें मोर्चे के प्रदेश महामंत्री जावेद कुरैशी ने रोक दिया. इससे नाराज जैकी भड़क गए और उन्होंने जावेद का कॉलर पकड़ लिया और उन्हें थप्पड़ जड़ दिया.

दोनों के बीच संघर्ष शुरू हो गया. थप्पड़ लगते ही जावेद ने भी जैकी को थप्पड़ मार दी. उसके बाद दोनों ही नेता प्रदेश अध्यक्ष के सामने ही भिड़ गए. दोनों के बीच करीब 30 से 40 सेकेंड तक संघर्ष चलता रहा. हालांकि इस दौरान बीजेपी के कुछ नेता इस संघर्ष को खत्म कराने की कोशिश करने लगे और वहां मौजूद कुछ अन्य पदाधिकारी ने दोनों का अलग कराया.

राज्यसभा से सांसद मदन राठौड़ को पिछले हफ्ते बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष चुना गया था. राठौड़ ने निर्विरोध निर्वाचित घोषित होने के बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का पद बरकरार रखा है. पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें पिछले साल जुलाई में राजस्थान में बीजेपी का प्रदेशाध्यक्ष बनाया था. लेकिन इस बार उन्हें चुनावी प्रक्रिया के तहत प्रदेश अध्यक्ष चुना गया

भारत में कोई घर और जमीन नहीं, कभी सैलरी नहीं ली, क्यों पड़ी सैम पित्रोदा को ऐसा बोलने की जरूरत?

#sampitrodadismissesbjpleader_allegations

भारतीय ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा पर 150 करोड़ की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे का आप लगा है। सैम पित्रोदा पर कर्नाटक के भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने 150 करोड़ रुपए की सरकारी जमीन पर कब्जे का आरोप लगाया है। इस पर पित्रोदा ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा- भारत में मेरे पास कोई जमीन, घर या शेयर नहीं है।

भाजपा नेता एनआर रमेश ने आरोप लगाया है कि वन विभाग के अधिकारियों समेत पांच सीनियर सरकारी अधिकारियों की मदद से सैम पित्रोदा ने बेंगलुरु के येलहंका में 150 करोड़ रुपये की 12.35 एकड़ क सरकारी जमीन अवैध रूप से हासिल की है। उन्होंने लीज की अवधि खत्म होने के बाद भी जमीन वापस नहीं की। जमीन की वैल्यू 150 करोड़ रुपए है। बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के पूर्व पार्षद रमेश ने ईडी और कर्नाटक लोकायुक्त से इस मामले में शिकायत की है।

भारतीय ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा ने भाजपा नेता एन आर रमेश के आरोप का जवाब दिया है। पित्रोदा ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर एक बयान में कहा, हाल ही में भारतीय मीडिया में टेलीविजन और प्रिंट दोनों पर आई खबरों के मद्देनजर, मैं साफ तौर पर कहना चाहता हूं कि मेरे पास भारत में कोई जमीन, घर या शेयर नहीं है।

कभी भी कोई रिश्वत नहीं दी या स्वीकारी-पित्रोदा

अमेरिका में रह रहे कांग्रेस नेता ने कहा, इसके अलावा भारत सरकार के साथ काम करने के दौरान- चाहे 1980 के दशक में प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ या 2004 से 2014 तक डॉ मनमोहन सिंह के साथ- मैंने कभी कोई सैलरी नहीं ली। पित्रोदा ने कहा, मैं साफ तौर पर यह बात रिकॉर्ड में रखना चाहता हूं कि मैंने अपने पूरे जीवन में - 83 साल में - भारत में या किसी अन्य देश में कभी भी कोई रिश्वत नहीं दी या स्वीकार नहीं की। यह पूर्ण सत्य है।

भाजपा नेता का आरोप

बीजेपी नेता रमेश ने अपनी शिकायत में कहा कि पित्रोदा ने 23 अक्टूबर 1993 को मुंबई महाराष्ट्र के को-ऑपरेटिव सोसाइटी के रजिस्ट्रार ऑफिस में फाउंडेशन फॉर रिवाइटलाइजेशन ऑफ लोकल हेल्थ ट्रेडिशन (एफआरएलएचटी) नाम से एक ऑर्गनाइजेशन रजिस्टर किया था। पित्रोदा ने कर्नाटक राज्य वन विभाग से औषधीय जड़ी-बूटियों के संरक्षण और रिसर्च के लिए एक रिजर्व वन क्षेत्र को लीज पर देने का अनुरोध किया।

पित्रोदा के अनुरोध पर विभाग ने 1996 में बेंगलुरु के येलहंका के पास जरकबांडे कवल में बी ब्लॉक में 12.35 एकड़ आरक्षित वन भूमि को पांच साल की लीज पर दे दिया। एफआरएलएचटी को दी गई शुरुआती पांच साल की लीज 2001 में खत्म हो गई थी, जिसके बाद कर्नाटक वन विभाग ने इसे अगले 10 सालों के लिए बढ़ा दिया।

पित्रोदा के मुंबई में एफआरएलएचटी को दी गई लीज 2 दिसंबर 2011 को खत्म हो गई थी और इसे आगे नहीं बढ़ाया गया। जब लीज समाप्त हो गई, तो राज्य वन विभाग को इस 12.35 एकड़ की बहुमूल्य सरकारी जमीन को वापस लेना था, जिसकी अब कीमत 150 करोड़ रुपए से ज्यादा है। रमेश ने आरोप लगाया कि वन विभाग के अधिकारियों ने पिछले 14 सालों में इस जमीन को वापस लेने का कोई प्रयास नहीं किया।

क्या बुआ ममता बनर्जी से नाराज हैं भतीजे अभिषेक बनर्जी? बीजेपी ज्वाइन करने की अटकलों पर भी दिया जवाब

#abhishekbanerjeeonrumorsofjoiningbjp

तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की अपनी बुआ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मतभेद की चर्चा है। इस बीच ऐसी अफवाहें थीं कि अभिषेक बनर्जी भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करने वाले हैं। इस बीच अभिषेक ने बड़ा बयान दिया है। अभिषेक बनर्जी ने अपनी बुआ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मतभेद की अटकलों को महज अफवाह करार दिया है। उन्होंने ममता के प्रति अपनी वफादारी का दावा किया। उन्होंने कोलकाता में पार्टी सम्मेलन में कहा, मैं टीएमसी का वफादार सिपाही हूं और मेरी नेता ममता बनर्जी हैं।

भाजपा का दिमाग ठिकाने नहीं आया- अभिषेक

अभिषेक ने कहा कि बाजार में फैलाया जा रहा है कि अभिषेक बनर्जी भाजपा में जा रहे हैं। कहा यह भी जा रहा है कि अभिषेक बनर्जी नई पार्टी ला रहे हैं। ये सब बेकार की बातें हैं। मेरा गला काट भी दिया जाए तो भी ममता बनर्जी ज़िंदाबाद की आवाज निकलेगी। भाजपा 18 से 12 पर आ गयी है पर दिमाग ठिकाने नहीं आया, अभी तक बंगाल के लोगों के पैसे नहीं दे रहे हैं।

अभिषेक का बीजेपी पर तंज

अभिषेक ने कहा कि बीजेपी के पास ईडी, सीबीआई, आईटी है, लेकिन बीजेपी के पास टीएमसी जैसा समर्थक नहीं है। हमने वोटर लिस्ट देखी है, हम लोगों को वोटर लिस्ट के बारे में चेतावनी दे रहे हैं। ममता बनर्जी ने कहा है कि हम 197 वोटों से जीतेंगे। मेरा मानना है कि हम 215 सीटों से जीतेंगे। लोगों के पास जाओ, पार्टी सुप्रीमो के आदेश का इंतजार मत करो। सोचो और मानो कि पार्टी तुम्हारी है। ममता चौथी बार सीएम बनेंगी।

अभी मैदान में उतरो, मैं मैदान में रहूंगा। हमें अपनी सीटें बढ़ानी हैं। साजिश मत करो, व्हाट्सएप की राजनीति का कोई फायदा नहीं है। हम विपक्ष को एक चुटकी भी जमीन नहीं देंगे। हम 215 से ज्यादा सीटों से जीतेंगे।

उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन को भाजपा ने जारी किया नोटिस, जानिए पूरा मामला

रायपुर- छत्तीसगढ़ के उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन को कोरबा नगर निगम सभापति पद पर भाजपा से बागी होकर चुने गए नूतन सिंह ठाकुर को बधाई देना भारी पड़ गया। भाजपा ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मंत्री देवांगन को नोटिस जारी किया है।

देखें नोटिस

मंत्री लखनलाल देवांगन ने दी थी बधाई

बता दें कि इससे पहले मंत्री लखनलाल देवांगन ने नूतन सिंह ठाकुर को कोरबा नगर निगम का सभापति चुने जाने पर बधाई दी और इसे बीजेपी की जीत बताया था। मंत्री देवांगन ने कहा था कि नूतन सिंह ठाकुर ने नगर पालिक निगम कोरबा के सभापति चुनाव में विजय हासिल की है। इस जीत पर मैं उन्हें बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा था कि हितानंद अग्रवाल पार्टी के घोषित प्रत्याशी थे, लेकिन सभी निर्वाचित पार्षदों ने एकजुट होकर सर्वसम्मति से नूतन सिंह ठाकुर की जीत सुनिश्चित की है। यह निर्णय सभी को मान्य है।

उन्होंने कहा का कि निश्चित तौर पर अब नगर निगम में महापौर और सभापति दोनों पदों पर बीजेपी का कब्जा हो गया है, जिससे कोरबा के विकास को और गति मिलेगी। मंत्री देवांगन ने नवनिर्वाचित सभापति और महापौर को शुभकामनाएं देते हुए कहा था कि वे कोरबा के समग्र विकास के लिए मिलकर कार्य करेंगे और पार्टी का सहयोग हमेशा उनके साथ रहेगा।

BJP ने नूतन सिंह ठाकुर को 6 साल के लिए किया निष्कासित

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ भाजपा ने अनुशासनहीनता के मामले में कोरबा नगर निगम के नवनिर्वाचित सभापति नूतन सिंह ठाकुर को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया है। जिसका आदेश आज ही पार्टी ने जारी किया था।

देखें आदेश

पूर्व CM भूपेश बघेल के घर ED छापा मामला: विधानसभा में विपक्ष का हंगामा, सदन की कार्यवाही बाधित, गर्भगृह में उतरा विपक्ष

रायपुर-  छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दसवें दिन की कार्यवाही विपक्ष के भारी विरोध और हंगामे के साथ शुरू हुई. कांग्रेस विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास पर ईडी की छापेमारी का मुद्दा उठाते हुए सदन में जोरदार नारेबाजी की. इस हंगामे के बाद स्पीकर ने विपक्ष के विधायकों को निलंबित कर दिया.

प्रश्नकाल से पहले ही विपक्ष ने इस मुद्दे को सदन में उठाया और सत्ता पक्ष पर ईडी के जरिए डराने-धमकाने का आरोप लगाया. कांग्रेस विधायकों ने ‘ईडी से डराना बंद करो’ जैसे नारे लगाकर विरोध जताया.

इस दौरान स्पीकर ने कहा कि प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद आप (विपक्ष) शून्यकाल के दौरान उठाए, लेकिन विपक्ष ने सदन के भीतर तेज हंगामे के साथ नारे लगाए. इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस भी देखने को मिली. व्यवस्था के बाद भी लगातार विपक्ष सदन के भीतर नारेबाजी करते रहा.

नारेबाजी के दौरान विपक्षी विधायक गर्भगृह तक पहुंच गए, जिसके बाद स्पीकर ने उन्हें निलंबित कर दिया. निलंबन के बावजूद कांग्रेस विधायक सदन के गर्भगृह में ही धरने पर बैठ गए और प्रदर्शन जारी रखा.

वहीं इस मामले में BJP के वरिष्ठ विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि विधानसभा में गैर-जिम्मेदारी से विपक्ष अपने दायित्व का निर्वहन कर रही है. विपक्ष अपनी बातों को नियमों के तहत उठा सकती है. सदन में छापे की बात कर कांग्रेस ने हंगामा शुरू कर दिया. कांग्रेस को नियम, क़ायदा, क़ानून पर विश्वास नहीं है. नियमों का पालन करना कांग्रेस के सिद्धांतों में नहीं है.

कैसे बदलता है सड़क का नाम? तुगलक लेन को विवेकानंद मार्ग करने की चर्चा, BJP नेता ने बदली नेमप्लेट

डेस्क:–दिल्ली की सड़क का नाम बदलने की चर्चा शुरू हो गई है. भाजपा राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा और सहकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के तुगलक लेन स्थित घर की नेमप्लेट पर स्वामी विवेकानंद लिखा गया है. इसके बाद से चर्चा है कि तुगलक लेन का नाम बदलकर स्वामी विवेकानंद मार्ग किया जा किया जा सकता है. जानिए, कैसे बदला जाता है सड़क का नाम, क्या है पूरी प्रक्रिया.

नजफगढ़ को नाहरगढ़ और मोहम्मदपुर को माधवपुर करने के प्रस्ताव के बाद अब दिल्ली की सड़क का नाम बदनने की चर्चा शुरू हो गई है. चर्चा है तुगलक लेन की. भाजपा राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा और सहकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के तुगलक लेन स्थित घर की नेमप्लेट पर स्वामी विवेकानंद लिखा गया है. हालांकि, इसके साथ तुगलक लेन भी लिखा है.इसके बाद से चर्चा है कि तुगलक लेन का नाम बदलकर स्वामी विवेकानंद मार्ग किया जा किया जा सकता है.

हालांकि, इसको लेकर अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. इस बीच आइए जान लेते हैं कि किसी भी सड़क का नमा कैसे बदला जाता है, क्या होती है इसकी प्रक्रिया और नियम.

*तो तुगलक लेन बनेगा स्वामी विवेकानंद मार्ग?*

सड़कों का नाम बदलने की प्रक्रिया क्या होती है, इसे दिल्ली के उदाहरण से समझते हैं. किसी भी रोड का नाम बदलने की मांग कोई भी इंसान, संगठन या सरकारी निकाय कर सकता है. इसके लिए प्रस्ताव तैयार करना होगा उसे सम्बंधित नगर पालिका या अथॉरिटी को देना होगा जिसके तहत वो सड़क आती है. दिल्ली में यह प्रस्ताव NDMC या दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग यानी पीडब्ल्यूडी के पास जमा करना होगा.

NDMC के अधिकार क्षेत्र में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCT) के केंद्रीय और महत्वपूर्ण क्षेत्र आते हैं. इसमें संसद, राष्ट्रपति भवन, मंत्रालय और अन्य केंद्रीय सरकारी संस्थानों वाली लुटियंस दिल्ली आती है.

*कैसे आगे बढ़ता है नाम बदलने का प्रस्ताव?*

अगर तुगलक लेन का नाम बदलने का प्रस्ताव NDMC तक पहुंचता है तो पहले काउंसिल में इसकी चर्चा होगी. काउंसिल में 14 सदस्य होते हैं. 13 मेम्बर और 1 चेयरपर्सन. अगर सहमति बनती है तो प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाता है. हालांकि, नाम बदलेगा या नहीं, यह इस बात पर भी निर्भर होता है कि इसका ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व कितना है. इस आधार पर काउंसिल मुहर लगाती है.

सम्बंधित नगरपालिका या प्राधिकरण से प्रस्ताव पास होने के बाद इसे दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग को भेजा जाएगा. इस विभाग की रोड नेमिंग अथॉरिटी नाम बदलने की मंजूरी पर फैसला लेगी. इसके बाद प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा. मंजूरी के बाद आदेश जारी होता है. इसे पोस्टमास्टर जनरल दिल्ली को भेजा जाएगा. इस तरह डाक सेवाओं में इस बदले हुए नाम को अपडेट किया जाएगा. फिर आधिकारिक गजट नोटिफिकेशन प्रकाशित करके हमेशा के लिए इसका नाम बदल जाएगा. इस तरह पर इस पर कानूनी रूप से मुहर लग जाती है.

*किसके पास कौन सी जिम्मेदारी?*

नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) के अधिकार क्षेत्र में नई दिल्ली के केंद्रीय क्षेत्र हैं. इसमें लुटियंस जोन भी आता है. दिल्ली नगर निगम (MCD) के पास दिल्ली के अधिकांश हिस्से हैं. वहीं, दिल्ली छावनी परिषद के पास कैंट एरिया है.

*क्या बोले BJP सांसद डॉ. दिनेश शर्मा?*

इस पूरे मामले में भाजपा राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा का कहना है, गूगल पर इस सड़क का नाम स्वामी विवेकानंद मार्ग के रूप में दर्ज है. उनका कहना है, जब कर्मचारियों ने मुझसे पूछा कि नेमप्लेट पर सड़क का नाम क्या लिखना है तो मैंने कहा आसपास जो नाम लिखा है वो लिख दो. आसपास के वरिष्ठ लोगों की नेमप्लेट में स्वामी विवेकानंद मार्ग और तुगलक लेन दोनों ही लिखा था. इसलिए नेमप्लेट में वही लिखा गया है.

न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए बयान में उन्होंने कहा, किसी भी सड़क का नाम बदलने का अधिकार सांसद के पास नहीं होता, यह मैं जानता हूं. 11 सालों तक मैं खुद महापौर रहा हूं.

हरियाणा के रेवाड़ी के युवक को ऑस्ट्रेलिया में 40 साल की सज़ा, कोरियाई महिलाओं के साथ रेप का आरोप


रेवाड़ी : हरियाणा के रेवाड़ी के रहने वाले युवक बालेश धनखड़ को कोरियन महिलाओं के साथ रेप के मामले में ऑस्ट्रेलिया में 40 साल की सज़ा सुनाई गई है.

रेवाड़ी के युवक को ऑस्ट्रेलिया में सज़ा:

ऑस्ट्रेलिया के सिडनी की एक कोर्ट ने रेवाड़ी के बालेश धनखड़ को कोरियन महिलाओं के साथ रेप करने के मामले में 40 साल की जेल की सजा सुनाई है. बालेश धनखड़ ने कोरियन मूल की 5 महिलाओं के साथ रेप किया था.

2018 में बालेश धनखड़ को गिरफ्तार किया गया था. सिडनी सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट यूनिट में पुलिस की छापेमारी में डेट-रेप ड्रग्स और एक वीडियो रिकॉर्डर बरामद किया गया था.

पढ़ाई के लिए गया था ऑस्ट्रेलिया :

बालेश धनखड़ 2006 में पढ़ाई के सिलसिले में ऑस्ट्रेलिया गया था. पढ़ाई पूरी होने के बाद वो वहीं बस गया. 43 वर्षीय बालेश पर आरोप था कि उसने अखबारों में विज्ञापन देकर कोरियन महिलाओं को ट्रांसलेटर के तौर पर नौकरी के बहाने बुलाया और उन्हें नशा देकर उनके साथ रेप किया. उस पर कुल 39 मामले ऑस्ट्रेलिया में ही दर्ज हुए, जिनमें 13 मामले दुष्कर्म के थे. 5 कोरियन महिलाओं के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आने के बाद उसे 2018 में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर की पुलिस ने गिरफ्तार किया था.

कोरियाई महिलाओं से किया था रेप : 

बालेश धनखड़ पर आरोप थे कि उसने 2017 में 5 कोरियाई महिलाओं को नौकरी का झांसा देकर इंटरव्यू लेने के बहाने मिलने को बुलाया और फिर नशीली दवा देकर उनके साथ रेप किया. पुलिस ने अक्टूबर 2018 में जब धनखड़ के अपार्टमेंट पर छापा मारा था तो उसके पास महिलाओं से संबंध बनाने के दर्जनों ऐसे वीडियो मिले थे, जिन्हें हिडन कैमरे से बनाया गया था।

कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना :

वहीं पूरे मामले पर कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (X) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि "नरेंद्र मोदी के चहेते बालेश धनखड़ को ऑस्ट्रेलिया में 40 साल की सजा मिली है. BJP का वरिष्ठ नेता बालेश धनखड़ 'Overseas Friends Of BJP', ऑस्ट्रेलिया का अध्यक्ष था. बालेश धनखड़ ने कई लड़कियों का 13 बार हिंसक बलात्कार किया. धनखड़ हैवान से भी बदतर है, उसने लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर बुलाया, फिर उन्हें ड्रग्स देकर बेहोश किया.

बेहोशी के हाल में लड़कियों का बलात्कार किया और इस दरिंदगी का वीडियो भी बनाया. वीडियो बनाने के बाद वो लगातार लड़कियों को ब्लैकमेल करता और फिर उनका बलात्कार करता. ऑस्ट्रेलिया के कोर्ट ने कहा है कि ये जघन्य अपराध है, ये हैवानी प्रवृति है. कोर्ट ने बालेश धनखड़ को 40 साल की सजा दी है और 30 साल तक पैरोल न देने का आदेश दिया है. आज महिला दिवस के दिन ये खबर आई है और यह साफ संदेश देती है कि BJP नेताओं से बेटियों को बचाना है।

सहकारी शक्कर कारखाना में ठेकेदारों और अधिकारियों की मनमानी, अनियमित भर्ती, वेतन गड़बड़ी और श्रमिक शोषण का आरोप

रायपुर- छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के एक सहकारी शक्कर कारखाना में ठेकेदारों और अधिकारीयों की मिलीभगत से नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है. यहां टेंडर प्रावधानों को दरकिनार कर मनमर्जी से पदोन्नति और वेतन बढ़ोतरी का खेल जारी है. वहीं ठेका कंपनी केस्टेक और ओम एंटरप्राइजेस पर ठेंगा दिखाककर शोषण करने का आरोप है. 

दरअसल, पण्डरिया वि.ख. के ग्राम विशेषरा स्थित लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना में कंप्यूटर ऑपरेटर पद पर नियुक्त कर्मचारियों को नियमों के खिलाफ ऊंचे पदों पर प्रमोशन दिया जा रहा है. ठेका श्रमिकों को टेंडर रेट के अनुसार भुगतान करने के बजाए एक तरफ कुछ को मनमाने तरीके से मोटी रकम दी जा रही है. वहीं कुछ को कम वेतन पर रखा जा रहा है. केस्टेक कंपनी और ओम एंटरप्राइजेस पर श्रमिकों का शोषण करने और ठेका शर्तों की अवहेलना करने के आरोप लगे हैं. 

विनीत सिंह ठाकुर – 11,400 रूपये वेतन पर कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में भर्ती, फिर नियमों को तोड़ते हुए दो साल में 40,000 रूपये सैलरी पर कंप्यूटर प्रोग्रामर बना दिया गया.

सतानंद साहू – 10,000 रूपये वेतन पर भर्ती, फिर बिना किसी प्रक्रिया के 25,000 रूपये तक प्रमोशन दिया गया. 

मोहन द्विवेदी – 11,000 रूपये पर भर्ती, फिर लेखापाल के पद पर प्रमोशन देकर 20,000 रूपये सैलरी.

संजय कुमार राठौर – 10,000 रूपये पर भर्ती, फिर 14,000, 15,000 और 18,000 रूपये तक सैलरी बढ़ाई गई. 

अधिकारियों की मिलीभगत के बगैर ठेकेदार मनमानी संभव नहीं : शिकायतकर्ता

शिकायतकर्ता संजय कुमार राठौर ने कहा कि अधिकारियों की मिली भगत के बगैर ठेकेदार की मनमानी का कार्य संभव नहीं है. इसमें अधिकारी और ठेकेदार दोनों की मिलीभगत है. ठेका नियमानुसार कर्मचारियों को भुगतान नहीं हो रहा है. चेहरा देखकर पदों का आवंटन हो रहा है. जिन लोगों के पास जिस पद के लिए योग्यता नहीं है, डिग्री नहीं हैं, अनुभव नहीं है. वहां बैठकर निर्धारित दर से कम राशि देकर काम लिया जा रहा है. कांग्रेस सरकार में इसकी शिकायत मैंने मुख्यमंत्री के जनदर्शन में किया था, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. विभागीय मंत्री का पास भी शिकायत लेकर पहुंचे थे. फिर भी किसी ने ध्यान नहीं दिया, जो भी वहां जाते हैं उनको मैनेज कर लिया जाता है. कार्रवाई नहीं होती है, इसलिए अब मैं BJP सरकार से उम्मीद है कि इस भ्रष्टाचार करप्शन को रोके और जिम्मेदारों पर कार्रवाई करे. जब मैं इन मुद्दों पर सवाल किया तो मुझे नौकरी से बाहर निकाल दिया गया है. 

शिकायत में बताया गया कि 2500 टी सी डी का प्लांट में स्टापिंग पैटर्न 2020 के अनुसार स्थाई पद 210 और सीजनल पद 153 कुल 372 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 314 पद रिक्त है. श्रम कानूनों की अनदेखी हुई है. स्थानीय कर्मचारियों का टेंडर के माध्यम से शोषण किया गया. मेसर्स ओम इंटरप्रजेस द्वारा कर्मचारियों के वेतन में 25-50% कटौती हुई. तकनीकी कर्मचारियों के टेंडर निकालकर भारी कमीशन की गड़बड़ी की गई. अपात्र कर्मचारियों को प्रमोशन और ज्यादा वेतन दिया गया, वहीं योग्य उम्मीदवारों की अनदेखी की गई. गन्ना पेराई सीजन 2023-24 में ऑन लाइन टेण्डर में 150 कर्मचारियों के लिए निकाला गया था, जिसमें मेसर्स ओम इंटरप्रजेस द्वारा सिर्फ 114 कर्मचारियों की आपूर्ति किया गया. कुछ कर्मचारियों को मनमाने ढंग से 10,000 रुपए से बढ़ाकर 40,000 रुपए वेतन दिया गया. बिना योग्यता वाले कर्मचारी चीफ इंजीनियर जैसे अहम पदों पर तैनात है. शुगर हाउस में चोरी का आरोप गरीब कर्मचारियों पर, जबकि रसूखदार बचाए गए. कारखाने में अतिरिक्त कर्मचारियों की भर्ती कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा. कर्मचारियों की मांग है कि उच्च स्तरीय जांच हो और दोषियों पर कार्रवाई की जाए। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि प्रशासन और ठेकेदारों की मिलीभगत से यह भ्रष्टाचार चल रहा है। अब बीजेपी सरकार से न्याय की उम्मीद जताई गई है.

मेरे आने से पहले का मामला : सहकारी शक्कर कारखाना के MD

उत्तर कुमार कौशिक MD सरदार लौह पुरुष वल्लभ भाई पटेल सहकारी शक्कर कारख़ाना पंडरिया ने कहा ये मामला मेरे आने से पहले का है, वर्ष 2023-24 है. अगर ऐसा कुछ मामला है, तो जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी. साथ ही अपने उच्चाधिकारियों को इसकी सूचना दी जाएगी.

जम्मू-कश्मीर में होगा से बीजेपी-एनसी गठबंधन? जानें उमर अब्दुल्ला का जवाब

#nationalconferencealliancewithbjp

जम्मू-कश्मीर में बीजेपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन के कयास लग रहे हैं। इन चर्चाओं के बीच जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बड़ा बयान दिया है। उमर अब्दुल्ला ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनकी पार्टी किसी भी प्रकार के भाजपा के साथ गठबंधन पर विचार नहीं कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन की कोई गुंजाइश नहीं है और न ही इसकी कोई आवश्यकता है।

आज यहां बजट सत्र के पहले दिन उपराज्यपाल के अभिभाषण के बाद पत्रकारों के साथ एक संक्षिप्त बातचीत में उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमने जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली के संदर्भ में जो प्रस्ताव लाया था, वह आज भी बरकरार है। उन्होंने कहा कि हमने पहले सत्र में जो करना था, वह कर दिया है।उन्होंने कहा कि पीडीपी समेत सभी दलों ने विधेयक का समर्थन किया, जिसे सदन ने पारित कर दिया। उन्होंने आगे कहा कि यह वही विधेयक है जिसके खारिज होने की उम्मीद सभी को थी, लेकिन इसे सदन ने पारित कर दिया। आज भी प्रस्ताव मौजूद है और यह बड़ी बात है।

भाजपा से गठबंधन की अटकलों को किया खारिज

सीएम से पूछा गया कि बीजेपी विधायक आर एस पठानिया ने हिंट दिया है कि एनसी और बीजेपी का गठबंधन हो सकता है। इस सवाल पर जवाब देते हुए मुसकुराते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा, उन के हिंट देने से क्या होता है, न हम कोई गठबंधन करने के लिए बात कर रहे हैं, न इसकी कोई गुंजाइश है। सीएम ने आगे कहा कि बीजेपी और एनसी के विचार अलग हैं, दोनों की सोच मेल नहीं खाती है। अगर हम जम्मू-कश्मीर के बारे में बात करते हैं तो उनकी और हमारी सोच में जमीन-आसमान का फर्क है। ऐसी कोई गुंजाइश ही नहीं है।

7 साल बाद पेश होगा बजट

जम्मू-कश्मीर में 3 मार्च को सात साल से अधिक समय के बाद विधानसभा का पहला बजट सत्र शुरू हो गया है। आखिरी बजट फरवरी 2018 में तत्कालीन पीडीपी वित्त मंत्री डॉ. हसीन द्राबू ने विधानसभा में पेश किया था। विधानसभा में 4, 5 और 6 मार्च को उपराज्यपाल के अभिभाषण पर बहस होगी। इसी के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला छह मार्च को बहस का जवाब देंगे।

इडली-सांबर की वजह से गोवा के टूरिज्म में गिरावट? बीजेपी विधायक के हैरान करने वाला दावा

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गोवा में पर्यटकों की संख्या में कमी आई है। गोवा के टूरिज्म में गिरावट के बीच बीजेपी के विधायक माइकल लोबो ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा, बीच पर इडली-सांबर बेचा जा रहा है जिसकी वजह से टूरिज्म में गिरावट दर्ज की जा रही है। विधायक माइकल लोबो ने कहा कि बीच शैक्स में इन दक्षिण भारतीय और मुंबई स्ट्रीट फूड की बढ़ती मौजूदगी, साथ ही चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण, विदेशी पर्यटक तटीय राज्य से दूर जा रहे हैं।

कैसे दक्षिण भारतीय व्यंजन पर्यटन को प्रभावित कर रहा?

उत्तरी गोवा के कलंगुट में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए लोबो ने कहा कि यदि गोवा में कम विदेशी आ रहे हैं तो इसके लिए अकेले सरकार को दोषी नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि सभी हितधारक समान रूप से जिम्मेदार हैं। लोबो ने इस बात पर अफसोस जताया कि गोवावासियों ने समुद्र तट पर स्थित अपनी झोपड़ियों को अन्य स्थानों के व्यापारियों को किराये पर दे दिया है। बीजेपी विधायक ने कहा कि बेंगलुरु के कुछ लोग झोपड़ियों में वड़ा पाव परोस रहे हैं। कुछ इडली-सांभर बेच रहे हैं। (इसलिए) पिछले दो साल से राज्य में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन में गिरावट आ रही है। हालांकि विधायक ने यह नहीं बताया कि लोकप्रिय दक्षिण भारतीय व्यंजन उनके राज्य में पर्यटन को किस प्रकार प्रभावित कर रहा है।

युद्ध भी बन रहा वजह

लोबो ने यह भी कहा कि गोवा में पर्यटन में गिरावट को लेकर हंगामा मचा हुआ है और सभी हितधारकों को इसकी जिम्मेदारी उठानी होगी। उन्होंने आगे कहा, गोवा में नॉर्थ से लेकर साउथ तक पर्यटन में गंभीर गिरावट आई है और इसके कई कारण हैं। उन्होंने कहा कि जो विदेशी पर्यटक वर्षों से गोवा आ रहे हैं, वे लगातार आ रहे हैं, लेकिन नए पर्यटक, विशेष रूप से युवा गोवा की जगह दूसरी जगह का चुनाव कर रहे हैं। बीजेपी विधायक ने रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को भी इस का कारण बताया है। उन्होंने कहा, युद्ध की वजह से भी रूसी और यूक्रेनी पर्यटकों ने गोवा आना बंद कर दिया है।

राजस्थानः नए प्रदेश अध्यक्ष के स्वागत के लिए आपस में भिड़े BJP के कार्यकर्ता, चले लात घूंसे और थप्पड़

राजस्थान में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए गुरुवार का दिन शर्मसार कर देने वाला रहा. पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारी की बैठक के दौरान नेताओं के बीच आपसी विवाद हो गया. स्थिति यह हुई कि बैठक के दौरान ही इनके बीच लात- घूंसे चलने लग गए.

जयपुर में बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के स्वागत का कार्यक्रम रखा गया था. इससे पहले अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हामिद खान मेवाती की अगुवाई में मोर्चा के पदाधिकारियों की बैठक चल रही थी. बैठक में प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य, जिला अध्यक्ष और महामंत्री भी शामिल हुए थे.

बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे मदन राठौड़

बैठक में पार्टी के नवनिर्वाचित प्रदेशाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ भी मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे थे. बैठक के बाद बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष हमीद खान मेवाती ने मोर्चा पदाधिकारियों के साथ मिलकर राठौड़ का स्वागत का कार्यक्रम रखा था.

मारपीट की यह घटना उस समय हुई, जब स्वागत के लिए आयोजित कार्यक्रम में पार्टी के नए प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ पहुंचे ही थे, कि आपस में हंगामा शुरू हो गया. बताया जा रहा है कि प्रदेशाध्यक्ष राठौड़ को कुर्सी पर बिठाने के दौरान यह झगड़ा शुरू हो गया था.

दोनों ने एक-दूसरे को मारा थप्पड़

अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व पदाधिकारी जैकी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ को एस्कॉर्ट करते हुए मंच तक लेकर आए. इस बीच जब वह मंच पर चढ़ने लगे तो उन्हें मोर्चे के प्रदेश महामंत्री जावेद कुरैशी ने रोक दिया. इससे नाराज जैकी भड़क गए और उन्होंने जावेद का कॉलर पकड़ लिया और उन्हें थप्पड़ जड़ दिया.

दोनों के बीच संघर्ष शुरू हो गया. थप्पड़ लगते ही जावेद ने भी जैकी को थप्पड़ मार दी. उसके बाद दोनों ही नेता प्रदेश अध्यक्ष के सामने ही भिड़ गए. दोनों के बीच करीब 30 से 40 सेकेंड तक संघर्ष चलता रहा. हालांकि इस दौरान बीजेपी के कुछ नेता इस संघर्ष को खत्म कराने की कोशिश करने लगे और वहां मौजूद कुछ अन्य पदाधिकारी ने दोनों का अलग कराया.

राज्यसभा से सांसद मदन राठौड़ को पिछले हफ्ते बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष चुना गया था. राठौड़ ने निर्विरोध निर्वाचित घोषित होने के बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का पद बरकरार रखा है. पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें पिछले साल जुलाई में राजस्थान में बीजेपी का प्रदेशाध्यक्ष बनाया था. लेकिन इस बार उन्हें चुनावी प्रक्रिया के तहत प्रदेश अध्यक्ष चुना गया

भारत में कोई घर और जमीन नहीं, कभी सैलरी नहीं ली, क्यों पड़ी सैम पित्रोदा को ऐसा बोलने की जरूरत?

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भारतीय ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा पर 150 करोड़ की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे का आप लगा है। सैम पित्रोदा पर कर्नाटक के भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने 150 करोड़ रुपए की सरकारी जमीन पर कब्जे का आरोप लगाया है। इस पर पित्रोदा ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा- भारत में मेरे पास कोई जमीन, घर या शेयर नहीं है।

भाजपा नेता एनआर रमेश ने आरोप लगाया है कि वन विभाग के अधिकारियों समेत पांच सीनियर सरकारी अधिकारियों की मदद से सैम पित्रोदा ने बेंगलुरु के येलहंका में 150 करोड़ रुपये की 12.35 एकड़ क सरकारी जमीन अवैध रूप से हासिल की है। उन्होंने लीज की अवधि खत्म होने के बाद भी जमीन वापस नहीं की। जमीन की वैल्यू 150 करोड़ रुपए है। बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के पूर्व पार्षद रमेश ने ईडी और कर्नाटक लोकायुक्त से इस मामले में शिकायत की है।

भारतीय ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा ने भाजपा नेता एन आर रमेश के आरोप का जवाब दिया है। पित्रोदा ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर एक बयान में कहा, हाल ही में भारतीय मीडिया में टेलीविजन और प्रिंट दोनों पर आई खबरों के मद्देनजर, मैं साफ तौर पर कहना चाहता हूं कि मेरे पास भारत में कोई जमीन, घर या शेयर नहीं है।

कभी भी कोई रिश्वत नहीं दी या स्वीकारी-पित्रोदा

अमेरिका में रह रहे कांग्रेस नेता ने कहा, इसके अलावा भारत सरकार के साथ काम करने के दौरान- चाहे 1980 के दशक में प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ या 2004 से 2014 तक डॉ मनमोहन सिंह के साथ- मैंने कभी कोई सैलरी नहीं ली। पित्रोदा ने कहा, मैं साफ तौर पर यह बात रिकॉर्ड में रखना चाहता हूं कि मैंने अपने पूरे जीवन में - 83 साल में - भारत में या किसी अन्य देश में कभी भी कोई रिश्वत नहीं दी या स्वीकार नहीं की। यह पूर्ण सत्य है।

भाजपा नेता का आरोप

बीजेपी नेता रमेश ने अपनी शिकायत में कहा कि पित्रोदा ने 23 अक्टूबर 1993 को मुंबई महाराष्ट्र के को-ऑपरेटिव सोसाइटी के रजिस्ट्रार ऑफिस में फाउंडेशन फॉर रिवाइटलाइजेशन ऑफ लोकल हेल्थ ट्रेडिशन (एफआरएलएचटी) नाम से एक ऑर्गनाइजेशन रजिस्टर किया था। पित्रोदा ने कर्नाटक राज्य वन विभाग से औषधीय जड़ी-बूटियों के संरक्षण और रिसर्च के लिए एक रिजर्व वन क्षेत्र को लीज पर देने का अनुरोध किया।

पित्रोदा के अनुरोध पर विभाग ने 1996 में बेंगलुरु के येलहंका के पास जरकबांडे कवल में बी ब्लॉक में 12.35 एकड़ आरक्षित वन भूमि को पांच साल की लीज पर दे दिया। एफआरएलएचटी को दी गई शुरुआती पांच साल की लीज 2001 में खत्म हो गई थी, जिसके बाद कर्नाटक वन विभाग ने इसे अगले 10 सालों के लिए बढ़ा दिया।

पित्रोदा के मुंबई में एफआरएलएचटी को दी गई लीज 2 दिसंबर 2011 को खत्म हो गई थी और इसे आगे नहीं बढ़ाया गया। जब लीज समाप्त हो गई, तो राज्य वन विभाग को इस 12.35 एकड़ की बहुमूल्य सरकारी जमीन को वापस लेना था, जिसकी अब कीमत 150 करोड़ रुपए से ज्यादा है। रमेश ने आरोप लगाया कि वन विभाग के अधिकारियों ने पिछले 14 सालों में इस जमीन को वापस लेने का कोई प्रयास नहीं किया।

क्या बुआ ममता बनर्जी से नाराज हैं भतीजे अभिषेक बनर्जी? बीजेपी ज्वाइन करने की अटकलों पर भी दिया जवाब

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तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की अपनी बुआ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मतभेद की चर्चा है। इस बीच ऐसी अफवाहें थीं कि अभिषेक बनर्जी भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करने वाले हैं। इस बीच अभिषेक ने बड़ा बयान दिया है। अभिषेक बनर्जी ने अपनी बुआ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मतभेद की अटकलों को महज अफवाह करार दिया है। उन्होंने ममता के प्रति अपनी वफादारी का दावा किया। उन्होंने कोलकाता में पार्टी सम्मेलन में कहा, मैं टीएमसी का वफादार सिपाही हूं और मेरी नेता ममता बनर्जी हैं।

भाजपा का दिमाग ठिकाने नहीं आया- अभिषेक

अभिषेक ने कहा कि बाजार में फैलाया जा रहा है कि अभिषेक बनर्जी भाजपा में जा रहे हैं। कहा यह भी जा रहा है कि अभिषेक बनर्जी नई पार्टी ला रहे हैं। ये सब बेकार की बातें हैं। मेरा गला काट भी दिया जाए तो भी ममता बनर्जी ज़िंदाबाद की आवाज निकलेगी। भाजपा 18 से 12 पर आ गयी है पर दिमाग ठिकाने नहीं आया, अभी तक बंगाल के लोगों के पैसे नहीं दे रहे हैं।

अभिषेक का बीजेपी पर तंज

अभिषेक ने कहा कि बीजेपी के पास ईडी, सीबीआई, आईटी है, लेकिन बीजेपी के पास टीएमसी जैसा समर्थक नहीं है। हमने वोटर लिस्ट देखी है, हम लोगों को वोटर लिस्ट के बारे में चेतावनी दे रहे हैं। ममता बनर्जी ने कहा है कि हम 197 वोटों से जीतेंगे। मेरा मानना है कि हम 215 सीटों से जीतेंगे। लोगों के पास जाओ, पार्टी सुप्रीमो के आदेश का इंतजार मत करो। सोचो और मानो कि पार्टी तुम्हारी है। ममता चौथी बार सीएम बनेंगी।

अभी मैदान में उतरो, मैं मैदान में रहूंगा। हमें अपनी सीटें बढ़ानी हैं। साजिश मत करो, व्हाट्सएप की राजनीति का कोई फायदा नहीं है। हम विपक्ष को एक चुटकी भी जमीन नहीं देंगे। हम 215 से ज्यादा सीटों से जीतेंगे।