क्या अब आतिशी को भी जेल जाना होगा, तिहाड़ से निकलते ही सत्येंद्र जैन ने क्यों कही ये बात?

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आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में कोर्ट से जमानत मिलने के कुछ घंटे बाद शुक्रवार रात को तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह समेत पार्टी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जैन का तिहाड़ के बाहर स्वागत किया।इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए सतेन्द्र जैन बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि अब आतिशी को भी जेल जाना पड़ सकता है।

द‍िल्‍ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन 18 महीने बाद तिहाड़ जेल से बाहर आ गए हैं। राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें जमानत दी थी। उन्हें 50 हजार रुपये के मुचलके पर सशर्त जमानत दी गई है। हालांकि कोर्ट ने उनके देश से बाहर जाने पर रोक लगा दी गई है। इससे पहले उन्हें पिछले साल मई में स्वास्थ्य कारणों के चलते जमानत दी गई थी। तब वह 10 महीने तक बेल पर रहे थे।

जेल से बाहर आते ही जैन ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया और जमकर हमला बोला। उन्होंने बीजेपी पर एक बाद एक कई तंज कसे। इसी क्रम में उन्होंने दिल्ली की सीएम आतिशी से कहा कि आतिशी जी आपको भी जेल जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जो भी काम करता है ये सरकार उसे जेल में डाल देती है।

सत्येंद्र जैन ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और संजय सिंह हम सभी को जेल में डाला गया। अब दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी की बारी है। अब आतिशी को जेल जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने पहले ही कहा था कि ये राजनीति आग का दरिया और तैर के जाना है। मतलब जेल तो जाना ही पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल के कामों को रोकने के लिए मुझे गिरफ्तार किया गया था। मैं मोहल्ला क्लीनिक बना रहा था और मरीजों की सुविधाओं के लिए काम कर रहा था, उसे रोकने के लिए ही मुझे गिरफ्तार किया गया। मैं यमुना को भी साफ कराने का काम कर रहा था, लेकिन उस काम में भी अड़ंगा लगाया गया लेकिन अब एक बार फिर से हम सब मिलकर ये काम करेंगे।

सत्येंद्र जैन को 30 मई 2022 को गिरफ्तार किया गया था।सत्येंद्र जैन पर आरोप है कि उन्होंने 2009-10 और 2010-11 में फर्जी कंपनियां बनाईं। इन कंपनियों में अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।

ईडी ने इस मामले में सत्येंद्र जैन के अलावा जिन्हें आरोपी बनाया है, उनमें उनकी पत्नी पूनम जैन, अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन, मेसर्स अकिंचन डेवलपर्स प्राईवेट लिमिटेड, मेसर्स प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड शामिल है।

दिल्ली की सीएम आतिशी और अरविंद केजरीवाल को मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत

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Delhi's CM and Ex CM

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल और दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ चल रहे मानहानि मामले में आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी। 2 सितंबर को अपने आदेश में, हाईकोर्ट ने 2018 की टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ दर्ज मानहानि मामले में केजरीवाल और आतिशी के खिलाफ कार्यवाही पर रोक। आप नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा दिल्ली की मतदाता सूची से नाम हटाने का आरोप लगाया था। 

केजरीवाल और आतिशी द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया और इस बात पर विचार करने पर सहमति जताई कि क्या मानहानि कानून राजनीतिक विमर्श के दौरान दिए गए भाषणों पर अंकुश लगा सकता है, जबकि संविधान अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है।

इसके अलावा, कोर्ट ने केजरीवाल और आतिशी द्वारा दायर याचिका पर दिल्ली सरकार और भाजपा नेता राजीव बब्बर को नोटिस जारी किया, जिसमें उनके खिलाफ मामला रद्द करने से इनकार करने वाले हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी। न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने सोमवार को निचली अदालत में कार्यवाही पर रोक लगा दी।

आतिशी और केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि मानहानि का मामला बब्बर ने भाजपा दिल्ली के अधिकृत प्रतिनिधि के रूप में दायर किया है। उन्होंने कहा, "भाजपा ने न तो केंद्र और न ही दिल्ली ने कोई शिकायत दर्ज कराई है। बब्बर वह व्यक्ति नहीं है, जिसकी मैंने कथित तौर पर मानहानि की है।" 

आतिशी और केजरीवाल ने 2 सितंबर के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें मतदाता सूची से नाम हटाने के कथित मामले पर टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ मामला रद्द करने से इनकार करते हुए कहा गया था कि आरोपों से प्रथम दृष्टया भाजपा की प्रतिष्ठा कम हुई है।उच्च न्यायालय ने कहा था कि आरोप प्रथम दृष्टया भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बदनाम करने और अनुचित राजनीतिक लाभ हासिल करने के इरादे से लगाए गए थे।

आतिशी और केजरीवाल के अलावा मामले में नामित अन्य आप नेता पूर्व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार गुप्ता और पार्टी नेता मनोज कुमार हैं। आप नेताओं के खिलाफ मामला बब्बर ने दायर किया था, जिन्होंने आरोप लगाया था कि पार्टी ने 2018 में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी, जहां उन्होंने आरोप लगाया था कि भाजपा के आदेश पर भारत के चुनाव आयोग ने दिल्ली की मतदाता सूची से बनिया, पूर्वांचली और मुस्लिम समुदाय के लगभग 30 लाख मतदाताओं के नाम हटा दिए।

आतिशी आज लेगी सीएम पद की शपथ, कैबिनेट में शामिल होंगे ये 5 चेहरे*
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देश की राजधानी दिल्ली में राजनीति में आज एक अहम बदलाव होने जा रहा है।आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी आज दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने जा रहीं हैं। आतिशी का शपथ ग्रहण आज शाम साढे चार बजे होगा। आतिशी के साथ पांच कैबिनेट मंत्री भी शपथ लेंगे। राजनिवास में शपथ ग्रहण समारोह होगा। कार्यक्रम को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। जानकारी के मुताबिक शाम 4:30-5:00 बजे के बीच आतिशी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी। सीएम पद से अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी को आम आदमी पार्टी के विधायक दल का नेता चुना गया। विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद आतिशी ने नई सरकार बनाने का दावा पेश किया और उपराज्यपाल से शपथ ग्रहण की तारीख तय करने की मांग की। आतिशी का शपथ ग्रहण समारोह शनिवार, 21 सितंबर को शाम 4:30 बजे आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर उनके साथ पांच कैबिनेट मंत्री भी शपथ लेंगे, जो नई सरकार की दिशा और नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। *आतिशी के साथ ये लेंगे शपथ* दिल्ली में गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज और इमरान हुसैन कैबिनेट मंत्री की शपथ लेंगे। मुकेश अहलावत भी कैबिनेट मंत्री की शपथ लेंगे। दिल्ली को एक नया कैबिनेट मंत्री मिलेगा।मुकेश अहलावत सुल्तानपुरी से विधायक हैं। यह अनुसूचित जाति वर्ग से आते हैं। यह राजकुमार आनंद की जगह लेंगे। बता दें कि दिल्ली सरकार में मुख्यमंत्री सहित कुल छह मंत्री होते हैं। अभी पांच मंत्री शपथ लेंगे मुख्यमंत्री के साथ। एक मंत्री की जगह अभी खाली है जो आतिशी की जगह पर बनेंगे। *केजरीवाल की सबसे विश्वासपात्र आतिशी* बता दें कि दिल्ली शराब घोटाला मामले में जेल से रिहा होने के बाद अरविंद केजरीवाल ने 17 सितंबर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। केजरीवाल की ओर से इस्तीफा देने के ऐलान के बाद विधायक दल की बैठक हुई जिसमें आतिशी के नाम पर मुहर लगी। आतिशी को केजरीवाल का सहयोगी और विश्वासपात्र माना जाता है। अन्ना आंदोलन के समय से ही वो केजरीवाल के साथ हैं। सरकार में सबसे ज्यादा मंत्रालय भी उन्हीं के पास थे और केजरीवाल के जेल जाने के बाद से वो पार्टी और सरकार से जुड़े अधिकतर मुद्दों पर मुखर भी रही हैं। मंत्री बनने से पहले आतिशी शिक्षा के लिए पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के सलाहकार के रूप में भी काम कर चुकी हैं। *तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी आतिशी* आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी। इससे पहले बीजेपी की दिवंगत और दिग्गज नेता सुषमा स्वराज, कांग्रेस की शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। सुषमा स्वराज का कार्यकाल बहुत छोटा था जबकि शीला दीक्षित 15 साल दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। अब दिल्ली की कमान आतिशी को मिलने जा रही है।
क्या आतिशी को सिर्फ पद मिलेगा मुख्यमंत्री की जिम्मेदारियां नहीं, क्यों कहा जा रहा कठपुतली मुख्यमंत्री?

#atishi_will_become_the_cm_of_delhi_bjp_targeted_said_the_dummy_cm

दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री आतिशी बनने जा रही है। अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को सीएम पद से इस्तीफा दिया और आतिशी ने नई सरकार बनाने का दावा पेश किया। जल्द ही आतिशी दिल्ली के सीएम पद की शपथ लेंगी। केजरीवाल की जगह आतिशी के सीएम चुने जाने पर सवाल उठ रहे हैं। आतिशी को डमी सीएम या कठपुतली सीएम कहा जा रहा है।

आतिशी आज दिल्ली सरकार में सबसे ज्यादा विभाग देख रही हैं। बावजूद इस तरह के सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं, क्योंकि विधायक दल की बैठक में पार्टी का नेता और दिल्ली का अगला सीएम चुने जाने के बाद आतिशी ने अपने पहले ही बयान में कहा कि दिल्ली का सीएम सीएम एक ही है, उसका नाम अरविंद केजरीवाल है।

दिल्ली की नई सीएम के इस बयान पर बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज ने भी तंज कसा। बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज ने आतिशी को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि आतिशी को बधाई देती हूं। उनकी पार्टी ने उन्हें अगला मुख्यमंत्री चुना है। मगर, उनके बयानों से निराश हूं। उन्होंने कहा है कि दिल्ली में सिर्फ एक ही मुख्यमंत्री है, अरविंद केजरीवाल। क्या इसका मतलब ये है कि आतिशी को सिर्फ पद मिलेगा, मुख्यमंत्री की जिम्मेदारियां नहीं? क्या केजरीवाल बिना किसी जिम्मेदारी के सत्ता का आनंद लेंगे?

बांसुरी स्वराज के साथ ही आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने भी आतिशी पर तंज कसा है। उन्होंने कहा किदिल्ली की नई मुख्यमंत्री चुनी गईं आतिशी कठपुतली होंगी। दिल्ली के लिए बहुत दुखद दिन है। जिनके परिवार ने आतंकी अफजल गुरु को फांसी की सजा से बचाने के लिए लड़ाई लड़ी थी, वो मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं।स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाया कि आतिशी के माता-पिता ने देश के राष्ट्रपति को कई बार दया याचिका भेजी थी। इसमें कहा था कि अफजल गुरु को फांसी न दी जाए। वह निर्दोष है। वो राजनीतिक साजिश का शिकार हुआ है। आतिशी मुख्यमंत्री बनेंगी लेकिन सभी जानते हैं कि वह कठपुतली मुख्यमंत्री होंगी।

इससे पहले भाजपा नेता प्रदीप भंडारी ने इसे लेकर कहा कि आम आदमी पार्टी यह दिखाना चाहती है कि वह महिलाओं को कठपुतली समझती है क्योंकि सौरभ भारद्वाज कह रहे थे कि नया मुख्यमंत्री कठपुतली होगा। दिल्ली की जनता इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल एक कठपुतली/अस्थायी व्यक्ति को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। उन्हें अपनी पार्टी पर भरोसा नहीं है। इसलिए वह किसी ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं जो पार्टी में उनसे कमजोर हो।

वहीं दूसरी ओर अरविंद केजरीवाल के अपनी कुर्सी आतिशी को सौंपने पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने तंज कसा। उन्होंने अपने एक्स (पहले ट्विटर) अकाउंट पर लिखा, 'दिल्ली को राबड़ी देवी मुबारक हो'। जीतन राम मांझी का ये पोस्ट कई मायने में काफी कुछ कहता है। जीतन राम मांझी की ओर से ये बात इसलिए कही गई क्योंकि जब लालू प्रसाद यादव को कोर्ट ने जेल भेजा तो उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को बिहार की सत्ता सौंप कर उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया। कहा जाता है पर्दे के पीछे से लालू प्रसाद यादव ने अपनी पत्नी राबड़ी देवी के जरिए बिहार की सत्ता चलाई। सियासी गलियारे में ऑफ द रिकॉर्ड राबड़ी देवी की चर्चा एक डमी मुख्यमंत्री के रूप में होती है। यानी केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहीं ना कहीं आतिशी को एक डमी मुख्यमंत्री बताने की कोशिश कर रहे थे।

क्या आतिशी को सिर्फ पद मिलेगा मुख्यमंत्री की जिम्मेदारियां नहीं, क्यों कहा जा रहा कठपुतली मुख्यमंत्री?*
#atishi_will_become_the_cm_of_delhi_bjp_targeted_said_the_dummy_cm *
दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री आतिशी बनने जा रही है। अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को सीएम पद से इस्तीफा दिया और आतिशी ने नई सरकार बनाने का दावा पेश किया। जल्द ही आतिशी दिल्ली के सीएम पद की शपथ लेंगी। केजरीवाल की जगह आतिशी के सीएम चुने जाने पर सवाल उठ रहे हैं। आतिशी को डमी सीएम या कठपुतली सीएम कहा जा रहा है। आतिशी आज दिल्ली सरकार में सबसे ज्यादा विभाग देख रही हैं। बावजूद इस तरह के सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं, क्योंकि विधायक दल की बैठक में पार्टी का नेता और दिल्ली का अगला सीएम चुने जाने के बाद आतिशी ने अपने पहले ही बयान में कहा कि दिल्ली का सीएम सीएम एक ही है, उसका नाम अरविंद केजरीवाल है। दिल्ली की नई सीएम के इस बयान पर बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज ने भी तंज कसा। बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज ने आतिशी को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि आतिशी को बधाई देती हूं। उनकी पार्टी ने उन्हें अगला मुख्यमंत्री चुना है। मगर, उनके बयानों से निराश हूं। उन्होंने कहा है कि दिल्ली में सिर्फ एक ही मुख्यमंत्री है, अरविंद केजरीवाल। क्या इसका मतलब ये है कि आतिशी को सिर्फ पद मिलेगा, मुख्यमंत्री की जिम्मेदारियां नहीं? क्या केजरीवाल बिना किसी जिम्मेदारी के सत्ता का आनंद लेंगे? बांसुरी स्वराज के साथ ही आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने भी आतिशी पर तंज कसा है। उन्होंने कहा किदिल्ली की नई मुख्यमंत्री चुनी गईं आतिशी कठपुतली होंगी। दिल्ली के लिए बहुत दुखद दिन है। जिनके परिवार ने आतंकी अफजल गुरु को फांसी की सजा से बचाने के लिए लड़ाई लड़ी थी, वो मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं।स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाया कि आतिशी के माता-पिता ने देश के राष्ट्रपति को कई बार दया याचिका भेजी थी। इसमें कहा था कि अफजल गुरु को फांसी न दी जाए। वह निर्दोष है। वो राजनीतिक साजिश का शिकार हुआ है। आतिशी मुख्यमंत्री बनेंगी लेकिन सभी जानते हैं कि वह कठपुतली मुख्यमंत्री होंगी। इससे पहले भाजपा नेता प्रदीप भंडारी ने इसे लेकर कहा कि आम आदमी पार्टी यह दिखाना चाहती है कि वह महिलाओं को कठपुतली समझती है क्योंकि सौरभ भारद्वाज कह रहे थे कि नया मुख्यमंत्री कठपुतली होगा। दिल्ली की जनता इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल एक कठपुतली/अस्थायी व्यक्ति को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। उन्हें अपनी पार्टी पर भरोसा नहीं है। इसलिए वह किसी ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं जो पार्टी में उनसे कमजोर हो। वहीं दूसरी ओर अरविंद केजरीवाल के अपनी कुर्सी आतिशी को सौंपने पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने तंज कसा। उन्होंने अपने एक्स (पहले ट्विटर) अकाउंट पर लिखा, 'दिल्ली को राबड़ी देवी मुबारक हो'। जीतन राम मांझी का ये पोस्ट कई मायने में काफी कुछ कहता है। जीतन राम मांझी की ओर से ये बात इसलिए कही गई क्योंकि जब लालू प्रसाद यादव को कोर्ट ने जेल भेजा तो उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को बिहार की सत्ता सौंप कर उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया। कहा जाता है पर्दे के पीछे से लालू प्रसाद यादव ने अपनी पत्नी राबड़ी देवी के जरिए बिहार की सत्ता चलाई। सियासी गलियारे में ऑफ द रिकॉर्ड राबड़ी देवी की चर्चा एक डमी मुख्यमंत्री के रूप में होती है। यानी केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहीं ना कहीं आतिशी को एक डमी मुख्यमंत्री बताने की कोशिश कर रहे थे।
आतिशी को ही क्यों चुना गया दिल्ली का सीएम? रेस के अन्य चेहरों को पछाड़ बनीं केजरीवाल की उत्तराधिकारी?

#why_was_atishi_chosen_for_the_post_of_chief_minister_of_delhi 

दिल्ली की सियासत में बड़ा बदलाव हुआ है। आम आदमी पार्टी विधायक दल की बैठक में आतिशी के नाम पर मुहर लग गई है। अब दिल्ली की नई सीएम आतिशी होंगी।अरविंद केजरीवाल के इस्तीफा देने की घोषणा के बाद आम आदमी पार्टी में सीएम पद के कई दावेदार थे, लेकिन आतिशी ने सबको पीछे छोड़ सीएम की कुर्सी पा ली है।आतिशी के मुख्यमंत्री नामित होने के बाद यह सवाल उठ रहा है कि आखिर उन्हें ही क्यों सीएम नियुक्त किया गया?

आतिशी मारलेना अरविंद केजरीवाल की बहुत विश्वसनीय सहयोगी मानी जाती हैं। वे दिल्ली सरकार में इस समय भी वित्त मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय सहित छह प्रमुख मंत्रालय संभाल रही हैं। आतिशी का प्रशासनिक अनुभव, मजबूत शैक्षणिक पृष्ठभूमि, दिल्ली सरकार की योजनाओं को आकार देने में अहम भूमिका और एक महिला होने के कारण उनका नाम अन्य सभी दावेदारों पर भारी पड़ा। 

जब से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा देने का एलान किया था, तभी से इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि आतिशी को अरविंद केजरीवाल अपना राजनैतिक उत्तराधिकारी बना सकते हैं। इसके पीछे एक बड़ा कारण यह भी है कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद आतिशी ने ही सरकार की प्रमुख जिम्मेदारियों की कमान संभाली थी। 

आतिशी को केजरीवाल का सबसे करीबी और ईमानदार होने का इनाम मिला। वे केजरीवाल कैबिनेट में सिसोदिया के बाद सबसे भरोसेमंद मंत्रियों में से एक हैं। इसके अलावा उनकी तेज तर्रार छवि और मीडिया को अच्छे से हैंडल करने की खूबी के कारण वे अन्य दावेदारों को पछाड़ते हुए सीएम की कुर्सी तक पहुंचीं।

आतिशी की गिनती आम आदमी पार्टी के सबसे पढ़े-लिखे नेताओं में होती है। वह राजनीति में आने से पहले टीचर थीं और उन्होंने ऑक्सफोर्ड से पढ़ाई की है। अरविंद केजरीवाल जब जेल में थे, तब आतिशी काफी मुखर होकर सामने आई थीं और मीडिया के सामने भी पार्टी का स्टैंड वह बड़ी मजबूती के साथ रखती थीं। भाजपा के राजनीतिक हमलों का जवाब देने में भी उनकी भूमिका सबसे आगे रहती है। 

सबसे बड़ी और अहम बात, बिहार में जीतन राम मांझी और झारखंड में चंपई सोरेन के अनुभव को देखते हुए आम आदमी पार्टी किसी ऐसे चेहरे को ही कमान सौंपना चाहती होगी जो बाद में बगावत न करे और अरविंद केजरीवाल की सत्ता को चुनौती ना दे। जिस तरह से अतिशी मारलेना की अरविंद केजरीवाल से वैचारिक साम्यता रही है, उस देखते हुए पार्टी नेता मानते हैं कि वे केजरीवाल की एक मजबूत साथी साबित हो सकती हैं। उनके नेतृत्व में कभी पार्टी खंडित नहीं होगी, पार्टी को इस बात का भी भरोसा है।

मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी मिलने के बाद आतिशी का पहला बयान, बोलीं- दिल्ली का एक ही सीएम है, अरविंद केजरीवाल
#delhi_new_chief_minister_atishi

देश की राजधानी नई दिल्ली को एक नया मुख्यमंत्री मिल गया है। आम आदमी पार्टी की सरकार में शिक्षामंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहीं आतिशी दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री होंगी। मंगलवार को केजरीवाल के आवास पर विधायक दल की बैठक हुई। इस बैठक में आतिशी के नाम का प्रस्ताव केजरीवाल ने सभी विधायकों के सामने रखा। जिसका सभी विधायकों ने समर्थन किया। आप नेता आतिशी ने दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद अपनी पहली पीसी में कहा कि अरविंद केजरीवाल ने मुझ पर भरोसा किया। जिम्मेदारी देने के लिए मेरे नेता और गुरु केजरीवाल का धन्यवाद। आज जितना सुख उतना ही ज्यादा मुझे दुख भी हो रहा है।

*आतिशी ने कहा- मुझे कोई बधाई न दे*
मैं अगले कुछ महीने तक चुनाव तक सीएम होने के नाते हमारी जिम्मेदारी है कि हम केजरीवाल की वापसी के लिए प्रयास करें। जबतक इस जिम्मेदारी को निभाऊंगी मैं दिल्ली के लोगों की रक्षा करने की कोशिश करूंगी। मेरा सभी कार्यकर्ताओं से, विधायक साथियों से आग्रह करूंगी कि आप में से कोई बधाई नहीं दीजिए। मेरे लिए यह बहुत दुख की घड़ी है कि दिल्ली के चहेते सीएम को इस्तीफा देना पड़ेगा।

*केजरीवाल को झूठे मुकदमे में 6 महीने जेल भेजा- आतिशी*
प्रेस कॉन्फ्रेंन में आतिशी ने बीजेपी पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, 2 साल तक अरविंद केजरीवाल को परेशान किया है। केजरीवाल की गिरफ्तारी गलत थी। आतिशी ने कहा कि केजरीवाल को झूठे मुकदमे में जेल भेजा गया।

*दिल्ली का एक ही सीएम है, उसका नाम अरविंद केजरीवाल-आतिशी*
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा, दिल्ली का एक ही मुख्यमंत्री है और वो केजरीवाल हैं। केजरीवाल के इस्तीफे से पूरी दिल्ली को लोगों को दुख है। दिल्ली वाले बीजेपी के षड्यंत्र से नाराज हैं।
आतिशी होंगी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री, विधायक दल की बैठक में हुआ फैसले

#atishi_will_be_next_chief_minister_of_delhi 

दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री आतिशी होंगी। आम आदमी पार्टी के विधायक दल की बैठक में आतिशी के नाम पर मुहर लग गई है। बैठक में सीएम केजरीवाल ने आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा। केजरीवाल के प्रस्ताव को सर्व सहमति से स्वीकार कर लिया गया। वहीं आज शाम को अरविंद केजरीवाल एलजी से मिलकर पद से इस्तीफा देंगे।

आपको बता दें कि वर्तमान सीएम अरविंद केजरीवाल लंबे समय बाद जमानत पर तिहाड़ जेल से बाहर आए थे। इसके बाद केजरीवाल ने इस्तीा देने का ऐलान किया था। आज मंगलवार को हुई विधायक दल की बैठक में आतिशी का नए सीएम के रूप में चुनाव गया है। बैठक में अरविंद केजरीवाल ने आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा। सभी विधायकों ने खड़े होकर प्रस्ताव को स्वीकार किया।

आतिशी इसी हफ्ते मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकती हैं। आतिशी आम आदमी पार्टी की सीनियर नेताओं में शामिल हैं। उन्हें अरविंद केजरीवाल का करीबी माना जाता है। मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद आतिशी को शिक्षा मंत्रालय समेत कई बड़ी जिम्मेदारी दी गईं थी। वो दिल्ली के कालकाजी से विधायक हैं।

आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री हैं। इससे पहले सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित इस पद पर काबिज हो चुकी हैं।

अनशन पर बैठीं आतिशी की तबीयत बिगड़ी, देर रात एलएनजेपी में कराया गया भर्ती*
#atishi_blood_sugar_level_down_mid_night_shifted_to_lnjp_hospotal
दिल्ली में जल संकट को लेकर अनशन कर रहीं जल मंत्री आतिशी की तबीयत बीगड़ गई है। देर रात उनका ब्लड शुगर लेवल 36 तक गिर गया था। इसके बाद उन्हें देर रात लोक नायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल (एलएनजेपी) में भर्ती कराया गया। बता दें कि आतिशी चार दिनों से अनशन पर बैठीं हैं।कल यानी सोमवार को उनके अनशन का चौथा दिन था। दिल्ली में पानी की किल्लत को लेकर अनिश्चितकालिन अनशन पर बैठीं जल मंत्री आतिशी की देर रात लगभग 3 बजे अचानक से तबीयत बिगड़ गई।जिसके बाद आम आदमी पार्टी (आप) नेता संजय सिंह और अन्य पार्टी नेता-कार्यकर्ता आतिशी को देर रात एलएनजेपी लेकर पहुंचे। दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, 'रात से ही उनका(अतिशी) ब्लड शुगर लेवल गिर रहा था। जब हमने उनका ब्लड सैंपल दिया तो शुगर लेवल 46 निकला था। जब हमने पोर्टेबल मशीन से उनका शुगर लेवल चेक किया तो लेवल 36 निकला। डॉक्टर जांच कर रहे हैं और उसके बाद ही वे कोई सुझाव देंगे।' वहीं, आप सांसद संजय सिंह ने कहा, 'उनका ब्लड शुगर काफी गिर गया है। उनकी तबीयत बिगड़ गई है। डॉक्टरों ने कहा कि अगर उन्हें अस्तपाल में भर्ती नहीं कराया गया तो हालत और बिगड़ सकती है। आतिशी ने पिछले पांच दिनों से कुछ भी नहीं खाया है। उनका शुगर लेवल गिर गया है, कीटोन बढ़ रहा है और ब्लड प्रेशर कम हो रहा है। वह अपने लिए नहीं लड़ रही हैं, वह दिल्ली के लोगों के लिए, पानी के लिए लड़ रही हैं। जल मंत्री आतिशी पिछले चार दिनों से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं और उनका दावा है कि हरियाणा, दिल्ली के हिस्से का पानी नहीं दे रहा है।आतिशी ने सोमवार को कहा था कि अनिश्चितकालीन अनशन का चौथा दिन है। दिल्ली में पानी की भारी कमी है। हरियाणा ने पानी की सप्लाई कम कर दी है। मेरा बीपी और शुगर लो हो रहा है। मेरा वजन भी कम हो रहा है। आतिशी का कहना है कि दिल्ली को पानी मिलने कर उनका अनशन जारी रहेगा।
अनशन पर बैठी केजरीवाल की मंत्री आतिशी की बिगड़ी तबीयत, डॉक्टरों ने दी हॉस्पिटल में एडमिट होने की सलाह, जानें पूरा मामला
#doctors_advised_atishi_to_be_admitted_to_hospital
दिल्ली में जल संकट पर सियासी पारा बढ़ा हुआ है। जल मंत्री आतिशी अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठी हैं। अनशन का आज चौथा दिन है।पानी सत्याग्रह पर बैठी मंत्री आतिशी को मेडिकल टीम ने आज जांच करने के बाद अस्पताल में एडमिट होने की सलाह दी है।हालांकि, आतिशी ने अस्पताल जाने से इनकार कर दिया।21 जून से दिल्ली की जलमंत्री आतिशी 28 लाख दिल्लीवालों को हरियाणा से उनके हक का पानी दिलाने के लिए अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठी हैं।


देश की राजधानी दिल्ली में इन दिनों जल संकट गहराया हुआ है। जल संकट को लेकर अनशन पर बैठीं जल मंत्री आतिशी का स्वास्थ्य गिरता जा रहा है। अनशन के चौथे दिन सोमवार को लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल के चिकित्सकों की एक टीम ने उनके स्वास्थ्य की जांच की।  उनके स्वास्थ्य में भारी गिरावट को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी है।

चिकित्सकों के मुताबिक 21 जून को अनशन पर बैठने के पूर्व उनका वजन 65.8 किलो था, जो अनशन के चौथे दिन घटकर 63.6 किलो पर पहुंच गया। मात्र 4 दिन में ही वजन 2.2 किलो घट गया। अनशन के पहले दिन की तुलना में चौथे दिन जल मंत्री आतिशी के ब्लड शुगर लेवल में 28 यूनिट की गिरावट आई है। उनका ब्लड प्रेशर लेवल भी कम हुआ है। जिस तेजी से उनका शुगर लेवल, ब्लड प्रेशर और वजन घटा है, चिकित्सकों ने उसे खतरनाक बताया है। जल मंत्री आतिशी का कीटोन स्तर भी बढ़ता जा रहा है। उनके शरीर में कीटोन की मात्रा का इस प्रकार बढ़ना उनकी सेहत के लिए खतरनाक होगा

वहीं, आतिशी का कहना है, मेरी जान से ज्यादा दिल्ली की जनता को पानी दिलाना जरूरी है। जब तक दिल्लीवालों को उनके हक का पानी नहीं मिल जाता, उनका अनशन जारी रहेगा।आतिशी ने वीडियो मैसेज जारी किया है। डॉक्टर बता रहे हैं मेरा कीटोन लेवल खतरनाक है। डॉक्टर ने कहा कि मुझे अनशन से उठ जाना चाहिए। दिल्ली में पानी लाने के लिए हर कीमत चुकाने को तैयार हूं। मैं अपना अनशन जारी रखूंगी।
क्या अब आतिशी को भी जेल जाना होगा, तिहाड़ से निकलते ही सत्येंद्र जैन ने क्यों कही ये बात?

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आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में कोर्ट से जमानत मिलने के कुछ घंटे बाद शुक्रवार रात को तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह समेत पार्टी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जैन का तिहाड़ के बाहर स्वागत किया।इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए सतेन्द्र जैन बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि अब आतिशी को भी जेल जाना पड़ सकता है।

द‍िल्‍ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन 18 महीने बाद तिहाड़ जेल से बाहर आ गए हैं। राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें जमानत दी थी। उन्हें 50 हजार रुपये के मुचलके पर सशर्त जमानत दी गई है। हालांकि कोर्ट ने उनके देश से बाहर जाने पर रोक लगा दी गई है। इससे पहले उन्हें पिछले साल मई में स्वास्थ्य कारणों के चलते जमानत दी गई थी। तब वह 10 महीने तक बेल पर रहे थे।

जेल से बाहर आते ही जैन ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया और जमकर हमला बोला। उन्होंने बीजेपी पर एक बाद एक कई तंज कसे। इसी क्रम में उन्होंने दिल्ली की सीएम आतिशी से कहा कि आतिशी जी आपको भी जेल जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जो भी काम करता है ये सरकार उसे जेल में डाल देती है।

सत्येंद्र जैन ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और संजय सिंह हम सभी को जेल में डाला गया। अब दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी की बारी है। अब आतिशी को जेल जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने पहले ही कहा था कि ये राजनीति आग का दरिया और तैर के जाना है। मतलब जेल तो जाना ही पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल के कामों को रोकने के लिए मुझे गिरफ्तार किया गया था। मैं मोहल्ला क्लीनिक बना रहा था और मरीजों की सुविधाओं के लिए काम कर रहा था, उसे रोकने के लिए ही मुझे गिरफ्तार किया गया। मैं यमुना को भी साफ कराने का काम कर रहा था, लेकिन उस काम में भी अड़ंगा लगाया गया लेकिन अब एक बार फिर से हम सब मिलकर ये काम करेंगे।

सत्येंद्र जैन को 30 मई 2022 को गिरफ्तार किया गया था।सत्येंद्र जैन पर आरोप है कि उन्होंने 2009-10 और 2010-11 में फर्जी कंपनियां बनाईं। इन कंपनियों में अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।

ईडी ने इस मामले में सत्येंद्र जैन के अलावा जिन्हें आरोपी बनाया है, उनमें उनकी पत्नी पूनम जैन, अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन, मेसर्स अकिंचन डेवलपर्स प्राईवेट लिमिटेड, मेसर्स प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड शामिल है।

दिल्ली की सीएम आतिशी और अरविंद केजरीवाल को मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत

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Delhi's CM and Ex CM

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल और दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ चल रहे मानहानि मामले में आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी। 2 सितंबर को अपने आदेश में, हाईकोर्ट ने 2018 की टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ दर्ज मानहानि मामले में केजरीवाल और आतिशी के खिलाफ कार्यवाही पर रोक। आप नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा दिल्ली की मतदाता सूची से नाम हटाने का आरोप लगाया था। 

केजरीवाल और आतिशी द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया और इस बात पर विचार करने पर सहमति जताई कि क्या मानहानि कानून राजनीतिक विमर्श के दौरान दिए गए भाषणों पर अंकुश लगा सकता है, जबकि संविधान अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है।

इसके अलावा, कोर्ट ने केजरीवाल और आतिशी द्वारा दायर याचिका पर दिल्ली सरकार और भाजपा नेता राजीव बब्बर को नोटिस जारी किया, जिसमें उनके खिलाफ मामला रद्द करने से इनकार करने वाले हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी। न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने सोमवार को निचली अदालत में कार्यवाही पर रोक लगा दी।

आतिशी और केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि मानहानि का मामला बब्बर ने भाजपा दिल्ली के अधिकृत प्रतिनिधि के रूप में दायर किया है। उन्होंने कहा, "भाजपा ने न तो केंद्र और न ही दिल्ली ने कोई शिकायत दर्ज कराई है। बब्बर वह व्यक्ति नहीं है, जिसकी मैंने कथित तौर पर मानहानि की है।" 

आतिशी और केजरीवाल ने 2 सितंबर के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें मतदाता सूची से नाम हटाने के कथित मामले पर टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ मामला रद्द करने से इनकार करते हुए कहा गया था कि आरोपों से प्रथम दृष्टया भाजपा की प्रतिष्ठा कम हुई है।उच्च न्यायालय ने कहा था कि आरोप प्रथम दृष्टया भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बदनाम करने और अनुचित राजनीतिक लाभ हासिल करने के इरादे से लगाए गए थे।

आतिशी और केजरीवाल के अलावा मामले में नामित अन्य आप नेता पूर्व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार गुप्ता और पार्टी नेता मनोज कुमार हैं। आप नेताओं के खिलाफ मामला बब्बर ने दायर किया था, जिन्होंने आरोप लगाया था कि पार्टी ने 2018 में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी, जहां उन्होंने आरोप लगाया था कि भाजपा के आदेश पर भारत के चुनाव आयोग ने दिल्ली की मतदाता सूची से बनिया, पूर्वांचली और मुस्लिम समुदाय के लगभग 30 लाख मतदाताओं के नाम हटा दिए।

आतिशी आज लेगी सीएम पद की शपथ, कैबिनेट में शामिल होंगे ये 5 चेहरे*
#atishi_delhi_cm_swearing_in_lg_office_today_evening
देश की राजधानी दिल्ली में राजनीति में आज एक अहम बदलाव होने जा रहा है।आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी आज दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने जा रहीं हैं। आतिशी का शपथ ग्रहण आज शाम साढे चार बजे होगा। आतिशी के साथ पांच कैबिनेट मंत्री भी शपथ लेंगे। राजनिवास में शपथ ग्रहण समारोह होगा। कार्यक्रम को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। जानकारी के मुताबिक शाम 4:30-5:00 बजे के बीच आतिशी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी। सीएम पद से अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी को आम आदमी पार्टी के विधायक दल का नेता चुना गया। विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद आतिशी ने नई सरकार बनाने का दावा पेश किया और उपराज्यपाल से शपथ ग्रहण की तारीख तय करने की मांग की। आतिशी का शपथ ग्रहण समारोह शनिवार, 21 सितंबर को शाम 4:30 बजे आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर उनके साथ पांच कैबिनेट मंत्री भी शपथ लेंगे, जो नई सरकार की दिशा और नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। *आतिशी के साथ ये लेंगे शपथ* दिल्ली में गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज और इमरान हुसैन कैबिनेट मंत्री की शपथ लेंगे। मुकेश अहलावत भी कैबिनेट मंत्री की शपथ लेंगे। दिल्ली को एक नया कैबिनेट मंत्री मिलेगा।मुकेश अहलावत सुल्तानपुरी से विधायक हैं। यह अनुसूचित जाति वर्ग से आते हैं। यह राजकुमार आनंद की जगह लेंगे। बता दें कि दिल्ली सरकार में मुख्यमंत्री सहित कुल छह मंत्री होते हैं। अभी पांच मंत्री शपथ लेंगे मुख्यमंत्री के साथ। एक मंत्री की जगह अभी खाली है जो आतिशी की जगह पर बनेंगे। *केजरीवाल की सबसे विश्वासपात्र आतिशी* बता दें कि दिल्ली शराब घोटाला मामले में जेल से रिहा होने के बाद अरविंद केजरीवाल ने 17 सितंबर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। केजरीवाल की ओर से इस्तीफा देने के ऐलान के बाद विधायक दल की बैठक हुई जिसमें आतिशी के नाम पर मुहर लगी। आतिशी को केजरीवाल का सहयोगी और विश्वासपात्र माना जाता है। अन्ना आंदोलन के समय से ही वो केजरीवाल के साथ हैं। सरकार में सबसे ज्यादा मंत्रालय भी उन्हीं के पास थे और केजरीवाल के जेल जाने के बाद से वो पार्टी और सरकार से जुड़े अधिकतर मुद्दों पर मुखर भी रही हैं। मंत्री बनने से पहले आतिशी शिक्षा के लिए पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के सलाहकार के रूप में भी काम कर चुकी हैं। *तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी आतिशी* आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी। इससे पहले बीजेपी की दिवंगत और दिग्गज नेता सुषमा स्वराज, कांग्रेस की शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। सुषमा स्वराज का कार्यकाल बहुत छोटा था जबकि शीला दीक्षित 15 साल दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। अब दिल्ली की कमान आतिशी को मिलने जा रही है।
क्या आतिशी को सिर्फ पद मिलेगा मुख्यमंत्री की जिम्मेदारियां नहीं, क्यों कहा जा रहा कठपुतली मुख्यमंत्री?

#atishi_will_become_the_cm_of_delhi_bjp_targeted_said_the_dummy_cm

दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री आतिशी बनने जा रही है। अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को सीएम पद से इस्तीफा दिया और आतिशी ने नई सरकार बनाने का दावा पेश किया। जल्द ही आतिशी दिल्ली के सीएम पद की शपथ लेंगी। केजरीवाल की जगह आतिशी के सीएम चुने जाने पर सवाल उठ रहे हैं। आतिशी को डमी सीएम या कठपुतली सीएम कहा जा रहा है।

आतिशी आज दिल्ली सरकार में सबसे ज्यादा विभाग देख रही हैं। बावजूद इस तरह के सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं, क्योंकि विधायक दल की बैठक में पार्टी का नेता और दिल्ली का अगला सीएम चुने जाने के बाद आतिशी ने अपने पहले ही बयान में कहा कि दिल्ली का सीएम सीएम एक ही है, उसका नाम अरविंद केजरीवाल है।

दिल्ली की नई सीएम के इस बयान पर बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज ने भी तंज कसा। बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज ने आतिशी को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि आतिशी को बधाई देती हूं। उनकी पार्टी ने उन्हें अगला मुख्यमंत्री चुना है। मगर, उनके बयानों से निराश हूं। उन्होंने कहा है कि दिल्ली में सिर्फ एक ही मुख्यमंत्री है, अरविंद केजरीवाल। क्या इसका मतलब ये है कि आतिशी को सिर्फ पद मिलेगा, मुख्यमंत्री की जिम्मेदारियां नहीं? क्या केजरीवाल बिना किसी जिम्मेदारी के सत्ता का आनंद लेंगे?

बांसुरी स्वराज के साथ ही आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने भी आतिशी पर तंज कसा है। उन्होंने कहा किदिल्ली की नई मुख्यमंत्री चुनी गईं आतिशी कठपुतली होंगी। दिल्ली के लिए बहुत दुखद दिन है। जिनके परिवार ने आतंकी अफजल गुरु को फांसी की सजा से बचाने के लिए लड़ाई लड़ी थी, वो मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं।स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाया कि आतिशी के माता-पिता ने देश के राष्ट्रपति को कई बार दया याचिका भेजी थी। इसमें कहा था कि अफजल गुरु को फांसी न दी जाए। वह निर्दोष है। वो राजनीतिक साजिश का शिकार हुआ है। आतिशी मुख्यमंत्री बनेंगी लेकिन सभी जानते हैं कि वह कठपुतली मुख्यमंत्री होंगी।

इससे पहले भाजपा नेता प्रदीप भंडारी ने इसे लेकर कहा कि आम आदमी पार्टी यह दिखाना चाहती है कि वह महिलाओं को कठपुतली समझती है क्योंकि सौरभ भारद्वाज कह रहे थे कि नया मुख्यमंत्री कठपुतली होगा। दिल्ली की जनता इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल एक कठपुतली/अस्थायी व्यक्ति को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। उन्हें अपनी पार्टी पर भरोसा नहीं है। इसलिए वह किसी ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं जो पार्टी में उनसे कमजोर हो।

वहीं दूसरी ओर अरविंद केजरीवाल के अपनी कुर्सी आतिशी को सौंपने पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने तंज कसा। उन्होंने अपने एक्स (पहले ट्विटर) अकाउंट पर लिखा, 'दिल्ली को राबड़ी देवी मुबारक हो'। जीतन राम मांझी का ये पोस्ट कई मायने में काफी कुछ कहता है। जीतन राम मांझी की ओर से ये बात इसलिए कही गई क्योंकि जब लालू प्रसाद यादव को कोर्ट ने जेल भेजा तो उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को बिहार की सत्ता सौंप कर उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया। कहा जाता है पर्दे के पीछे से लालू प्रसाद यादव ने अपनी पत्नी राबड़ी देवी के जरिए बिहार की सत्ता चलाई। सियासी गलियारे में ऑफ द रिकॉर्ड राबड़ी देवी की चर्चा एक डमी मुख्यमंत्री के रूप में होती है। यानी केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहीं ना कहीं आतिशी को एक डमी मुख्यमंत्री बताने की कोशिश कर रहे थे।

क्या आतिशी को सिर्फ पद मिलेगा मुख्यमंत्री की जिम्मेदारियां नहीं, क्यों कहा जा रहा कठपुतली मुख्यमंत्री?*
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दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री आतिशी बनने जा रही है। अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को सीएम पद से इस्तीफा दिया और आतिशी ने नई सरकार बनाने का दावा पेश किया। जल्द ही आतिशी दिल्ली के सीएम पद की शपथ लेंगी। केजरीवाल की जगह आतिशी के सीएम चुने जाने पर सवाल उठ रहे हैं। आतिशी को डमी सीएम या कठपुतली सीएम कहा जा रहा है। आतिशी आज दिल्ली सरकार में सबसे ज्यादा विभाग देख रही हैं। बावजूद इस तरह के सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं, क्योंकि विधायक दल की बैठक में पार्टी का नेता और दिल्ली का अगला सीएम चुने जाने के बाद आतिशी ने अपने पहले ही बयान में कहा कि दिल्ली का सीएम सीएम एक ही है, उसका नाम अरविंद केजरीवाल है। दिल्ली की नई सीएम के इस बयान पर बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज ने भी तंज कसा। बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज ने आतिशी को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि आतिशी को बधाई देती हूं। उनकी पार्टी ने उन्हें अगला मुख्यमंत्री चुना है। मगर, उनके बयानों से निराश हूं। उन्होंने कहा है कि दिल्ली में सिर्फ एक ही मुख्यमंत्री है, अरविंद केजरीवाल। क्या इसका मतलब ये है कि आतिशी को सिर्फ पद मिलेगा, मुख्यमंत्री की जिम्मेदारियां नहीं? क्या केजरीवाल बिना किसी जिम्मेदारी के सत्ता का आनंद लेंगे? बांसुरी स्वराज के साथ ही आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने भी आतिशी पर तंज कसा है। उन्होंने कहा किदिल्ली की नई मुख्यमंत्री चुनी गईं आतिशी कठपुतली होंगी। दिल्ली के लिए बहुत दुखद दिन है। जिनके परिवार ने आतंकी अफजल गुरु को फांसी की सजा से बचाने के लिए लड़ाई लड़ी थी, वो मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं।स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाया कि आतिशी के माता-पिता ने देश के राष्ट्रपति को कई बार दया याचिका भेजी थी। इसमें कहा था कि अफजल गुरु को फांसी न दी जाए। वह निर्दोष है। वो राजनीतिक साजिश का शिकार हुआ है। आतिशी मुख्यमंत्री बनेंगी लेकिन सभी जानते हैं कि वह कठपुतली मुख्यमंत्री होंगी। इससे पहले भाजपा नेता प्रदीप भंडारी ने इसे लेकर कहा कि आम आदमी पार्टी यह दिखाना चाहती है कि वह महिलाओं को कठपुतली समझती है क्योंकि सौरभ भारद्वाज कह रहे थे कि नया मुख्यमंत्री कठपुतली होगा। दिल्ली की जनता इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल एक कठपुतली/अस्थायी व्यक्ति को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। उन्हें अपनी पार्टी पर भरोसा नहीं है। इसलिए वह किसी ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं जो पार्टी में उनसे कमजोर हो। वहीं दूसरी ओर अरविंद केजरीवाल के अपनी कुर्सी आतिशी को सौंपने पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने तंज कसा। उन्होंने अपने एक्स (पहले ट्विटर) अकाउंट पर लिखा, 'दिल्ली को राबड़ी देवी मुबारक हो'। जीतन राम मांझी का ये पोस्ट कई मायने में काफी कुछ कहता है। जीतन राम मांझी की ओर से ये बात इसलिए कही गई क्योंकि जब लालू प्रसाद यादव को कोर्ट ने जेल भेजा तो उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को बिहार की सत्ता सौंप कर उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया। कहा जाता है पर्दे के पीछे से लालू प्रसाद यादव ने अपनी पत्नी राबड़ी देवी के जरिए बिहार की सत्ता चलाई। सियासी गलियारे में ऑफ द रिकॉर्ड राबड़ी देवी की चर्चा एक डमी मुख्यमंत्री के रूप में होती है। यानी केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहीं ना कहीं आतिशी को एक डमी मुख्यमंत्री बताने की कोशिश कर रहे थे।
आतिशी को ही क्यों चुना गया दिल्ली का सीएम? रेस के अन्य चेहरों को पछाड़ बनीं केजरीवाल की उत्तराधिकारी?

#why_was_atishi_chosen_for_the_post_of_chief_minister_of_delhi 

दिल्ली की सियासत में बड़ा बदलाव हुआ है। आम आदमी पार्टी विधायक दल की बैठक में आतिशी के नाम पर मुहर लग गई है। अब दिल्ली की नई सीएम आतिशी होंगी।अरविंद केजरीवाल के इस्तीफा देने की घोषणा के बाद आम आदमी पार्टी में सीएम पद के कई दावेदार थे, लेकिन आतिशी ने सबको पीछे छोड़ सीएम की कुर्सी पा ली है।आतिशी के मुख्यमंत्री नामित होने के बाद यह सवाल उठ रहा है कि आखिर उन्हें ही क्यों सीएम नियुक्त किया गया?

आतिशी मारलेना अरविंद केजरीवाल की बहुत विश्वसनीय सहयोगी मानी जाती हैं। वे दिल्ली सरकार में इस समय भी वित्त मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय सहित छह प्रमुख मंत्रालय संभाल रही हैं। आतिशी का प्रशासनिक अनुभव, मजबूत शैक्षणिक पृष्ठभूमि, दिल्ली सरकार की योजनाओं को आकार देने में अहम भूमिका और एक महिला होने के कारण उनका नाम अन्य सभी दावेदारों पर भारी पड़ा। 

जब से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा देने का एलान किया था, तभी से इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि आतिशी को अरविंद केजरीवाल अपना राजनैतिक उत्तराधिकारी बना सकते हैं। इसके पीछे एक बड़ा कारण यह भी है कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद आतिशी ने ही सरकार की प्रमुख जिम्मेदारियों की कमान संभाली थी। 

आतिशी को केजरीवाल का सबसे करीबी और ईमानदार होने का इनाम मिला। वे केजरीवाल कैबिनेट में सिसोदिया के बाद सबसे भरोसेमंद मंत्रियों में से एक हैं। इसके अलावा उनकी तेज तर्रार छवि और मीडिया को अच्छे से हैंडल करने की खूबी के कारण वे अन्य दावेदारों को पछाड़ते हुए सीएम की कुर्सी तक पहुंचीं।

आतिशी की गिनती आम आदमी पार्टी के सबसे पढ़े-लिखे नेताओं में होती है। वह राजनीति में आने से पहले टीचर थीं और उन्होंने ऑक्सफोर्ड से पढ़ाई की है। अरविंद केजरीवाल जब जेल में थे, तब आतिशी काफी मुखर होकर सामने आई थीं और मीडिया के सामने भी पार्टी का स्टैंड वह बड़ी मजबूती के साथ रखती थीं। भाजपा के राजनीतिक हमलों का जवाब देने में भी उनकी भूमिका सबसे आगे रहती है। 

सबसे बड़ी और अहम बात, बिहार में जीतन राम मांझी और झारखंड में चंपई सोरेन के अनुभव को देखते हुए आम आदमी पार्टी किसी ऐसे चेहरे को ही कमान सौंपना चाहती होगी जो बाद में बगावत न करे और अरविंद केजरीवाल की सत्ता को चुनौती ना दे। जिस तरह से अतिशी मारलेना की अरविंद केजरीवाल से वैचारिक साम्यता रही है, उस देखते हुए पार्टी नेता मानते हैं कि वे केजरीवाल की एक मजबूत साथी साबित हो सकती हैं। उनके नेतृत्व में कभी पार्टी खंडित नहीं होगी, पार्टी को इस बात का भी भरोसा है।

मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी मिलने के बाद आतिशी का पहला बयान, बोलीं- दिल्ली का एक ही सीएम है, अरविंद केजरीवाल
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देश की राजधानी नई दिल्ली को एक नया मुख्यमंत्री मिल गया है। आम आदमी पार्टी की सरकार में शिक्षामंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहीं आतिशी दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री होंगी। मंगलवार को केजरीवाल के आवास पर विधायक दल की बैठक हुई। इस बैठक में आतिशी के नाम का प्रस्ताव केजरीवाल ने सभी विधायकों के सामने रखा। जिसका सभी विधायकों ने समर्थन किया। आप नेता आतिशी ने दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद अपनी पहली पीसी में कहा कि अरविंद केजरीवाल ने मुझ पर भरोसा किया। जिम्मेदारी देने के लिए मेरे नेता और गुरु केजरीवाल का धन्यवाद। आज जितना सुख उतना ही ज्यादा मुझे दुख भी हो रहा है।

*आतिशी ने कहा- मुझे कोई बधाई न दे*
मैं अगले कुछ महीने तक चुनाव तक सीएम होने के नाते हमारी जिम्मेदारी है कि हम केजरीवाल की वापसी के लिए प्रयास करें। जबतक इस जिम्मेदारी को निभाऊंगी मैं दिल्ली के लोगों की रक्षा करने की कोशिश करूंगी। मेरा सभी कार्यकर्ताओं से, विधायक साथियों से आग्रह करूंगी कि आप में से कोई बधाई नहीं दीजिए। मेरे लिए यह बहुत दुख की घड़ी है कि दिल्ली के चहेते सीएम को इस्तीफा देना पड़ेगा।

*केजरीवाल को झूठे मुकदमे में 6 महीने जेल भेजा- आतिशी*
प्रेस कॉन्फ्रेंन में आतिशी ने बीजेपी पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, 2 साल तक अरविंद केजरीवाल को परेशान किया है। केजरीवाल की गिरफ्तारी गलत थी। आतिशी ने कहा कि केजरीवाल को झूठे मुकदमे में जेल भेजा गया।

*दिल्ली का एक ही सीएम है, उसका नाम अरविंद केजरीवाल-आतिशी*
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा, दिल्ली का एक ही मुख्यमंत्री है और वो केजरीवाल हैं। केजरीवाल के इस्तीफे से पूरी दिल्ली को लोगों को दुख है। दिल्ली वाले बीजेपी के षड्यंत्र से नाराज हैं।
आतिशी होंगी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री, विधायक दल की बैठक में हुआ फैसले

#atishi_will_be_next_chief_minister_of_delhi 

दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री आतिशी होंगी। आम आदमी पार्टी के विधायक दल की बैठक में आतिशी के नाम पर मुहर लग गई है। बैठक में सीएम केजरीवाल ने आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा। केजरीवाल के प्रस्ताव को सर्व सहमति से स्वीकार कर लिया गया। वहीं आज शाम को अरविंद केजरीवाल एलजी से मिलकर पद से इस्तीफा देंगे।

आपको बता दें कि वर्तमान सीएम अरविंद केजरीवाल लंबे समय बाद जमानत पर तिहाड़ जेल से बाहर आए थे। इसके बाद केजरीवाल ने इस्तीा देने का ऐलान किया था। आज मंगलवार को हुई विधायक दल की बैठक में आतिशी का नए सीएम के रूप में चुनाव गया है। बैठक में अरविंद केजरीवाल ने आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा। सभी विधायकों ने खड़े होकर प्रस्ताव को स्वीकार किया।

आतिशी इसी हफ्ते मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकती हैं। आतिशी आम आदमी पार्टी की सीनियर नेताओं में शामिल हैं। उन्हें अरविंद केजरीवाल का करीबी माना जाता है। मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद आतिशी को शिक्षा मंत्रालय समेत कई बड़ी जिम्मेदारी दी गईं थी। वो दिल्ली के कालकाजी से विधायक हैं।

आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री हैं। इससे पहले सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित इस पद पर काबिज हो चुकी हैं।

अनशन पर बैठीं आतिशी की तबीयत बिगड़ी, देर रात एलएनजेपी में कराया गया भर्ती*
#atishi_blood_sugar_level_down_mid_night_shifted_to_lnjp_hospotal
दिल्ली में जल संकट को लेकर अनशन कर रहीं जल मंत्री आतिशी की तबीयत बीगड़ गई है। देर रात उनका ब्लड शुगर लेवल 36 तक गिर गया था। इसके बाद उन्हें देर रात लोक नायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल (एलएनजेपी) में भर्ती कराया गया। बता दें कि आतिशी चार दिनों से अनशन पर बैठीं हैं।कल यानी सोमवार को उनके अनशन का चौथा दिन था। दिल्ली में पानी की किल्लत को लेकर अनिश्चितकालिन अनशन पर बैठीं जल मंत्री आतिशी की देर रात लगभग 3 बजे अचानक से तबीयत बिगड़ गई।जिसके बाद आम आदमी पार्टी (आप) नेता संजय सिंह और अन्य पार्टी नेता-कार्यकर्ता आतिशी को देर रात एलएनजेपी लेकर पहुंचे। दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, 'रात से ही उनका(अतिशी) ब्लड शुगर लेवल गिर रहा था। जब हमने उनका ब्लड सैंपल दिया तो शुगर लेवल 46 निकला था। जब हमने पोर्टेबल मशीन से उनका शुगर लेवल चेक किया तो लेवल 36 निकला। डॉक्टर जांच कर रहे हैं और उसके बाद ही वे कोई सुझाव देंगे।' वहीं, आप सांसद संजय सिंह ने कहा, 'उनका ब्लड शुगर काफी गिर गया है। उनकी तबीयत बिगड़ गई है। डॉक्टरों ने कहा कि अगर उन्हें अस्तपाल में भर्ती नहीं कराया गया तो हालत और बिगड़ सकती है। आतिशी ने पिछले पांच दिनों से कुछ भी नहीं खाया है। उनका शुगर लेवल गिर गया है, कीटोन बढ़ रहा है और ब्लड प्रेशर कम हो रहा है। वह अपने लिए नहीं लड़ रही हैं, वह दिल्ली के लोगों के लिए, पानी के लिए लड़ रही हैं। जल मंत्री आतिशी पिछले चार दिनों से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं और उनका दावा है कि हरियाणा, दिल्ली के हिस्से का पानी नहीं दे रहा है।आतिशी ने सोमवार को कहा था कि अनिश्चितकालीन अनशन का चौथा दिन है। दिल्ली में पानी की भारी कमी है। हरियाणा ने पानी की सप्लाई कम कर दी है। मेरा बीपी और शुगर लो हो रहा है। मेरा वजन भी कम हो रहा है। आतिशी का कहना है कि दिल्ली को पानी मिलने कर उनका अनशन जारी रहेगा।
अनशन पर बैठी केजरीवाल की मंत्री आतिशी की बिगड़ी तबीयत, डॉक्टरों ने दी हॉस्पिटल में एडमिट होने की सलाह, जानें पूरा मामला
#doctors_advised_atishi_to_be_admitted_to_hospital
दिल्ली में जल संकट पर सियासी पारा बढ़ा हुआ है। जल मंत्री आतिशी अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठी हैं। अनशन का आज चौथा दिन है।पानी सत्याग्रह पर बैठी मंत्री आतिशी को मेडिकल टीम ने आज जांच करने के बाद अस्पताल में एडमिट होने की सलाह दी है।हालांकि, आतिशी ने अस्पताल जाने से इनकार कर दिया।21 जून से दिल्ली की जलमंत्री आतिशी 28 लाख दिल्लीवालों को हरियाणा से उनके हक का पानी दिलाने के लिए अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठी हैं।


देश की राजधानी दिल्ली में इन दिनों जल संकट गहराया हुआ है। जल संकट को लेकर अनशन पर बैठीं जल मंत्री आतिशी का स्वास्थ्य गिरता जा रहा है। अनशन के चौथे दिन सोमवार को लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल के चिकित्सकों की एक टीम ने उनके स्वास्थ्य की जांच की।  उनके स्वास्थ्य में भारी गिरावट को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी है।

चिकित्सकों के मुताबिक 21 जून को अनशन पर बैठने के पूर्व उनका वजन 65.8 किलो था, जो अनशन के चौथे दिन घटकर 63.6 किलो पर पहुंच गया। मात्र 4 दिन में ही वजन 2.2 किलो घट गया। अनशन के पहले दिन की तुलना में चौथे दिन जल मंत्री आतिशी के ब्लड शुगर लेवल में 28 यूनिट की गिरावट आई है। उनका ब्लड प्रेशर लेवल भी कम हुआ है। जिस तेजी से उनका शुगर लेवल, ब्लड प्रेशर और वजन घटा है, चिकित्सकों ने उसे खतरनाक बताया है। जल मंत्री आतिशी का कीटोन स्तर भी बढ़ता जा रहा है। उनके शरीर में कीटोन की मात्रा का इस प्रकार बढ़ना उनकी सेहत के लिए खतरनाक होगा

वहीं, आतिशी का कहना है, मेरी जान से ज्यादा दिल्ली की जनता को पानी दिलाना जरूरी है। जब तक दिल्लीवालों को उनके हक का पानी नहीं मिल जाता, उनका अनशन जारी रहेगा।आतिशी ने वीडियो मैसेज जारी किया है। डॉक्टर बता रहे हैं मेरा कीटोन लेवल खतरनाक है। डॉक्टर ने कहा कि मुझे अनशन से उठ जाना चाहिए। दिल्ली में पानी लाने के लिए हर कीमत चुकाने को तैयार हूं। मैं अपना अनशन जारी रखूंगी।